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बिहार में शराबबंदी कानून में फिर बदलाव ! फायदा उन गाड़ियों के मालिकों को मिलेगा जिसमें शराब लदी हुई मिलेगी, यहां पढ़ लीजिए, पूरी खबर

पूर्ण शराबबंदी वाले बिहार मद्य निषेध के निममों में बड़ा बदलाव किया गया है इसका फायदा उन गाड़ियों के मालिकों को मिलेगा जिसमें शराब लदी हुई मिलेगी। अब शराब के साथ धरे गए वाहन के मालिक को जल्दीबाजी में अभियुक्त नहीं बनाया जाएगा। जांच और सत्यापन के बगैर वाहन मालिकों को आरोपी बनाने से विभाग को बचना है। मद्य निषेद विभाग को भी असहजता का सामना करना पड़ता है। ऐसे में मद्य निषेध विभाग ने निर्देश जारी किया है। इसमें शराब के साथ धरे गए वाहन के मालिक को अब जांच के बाद ही अभियुक्त बनाया जाएगा।

पहले जांच कर लें

इसको लेकर मद्य निषेध उत्पाद एवं निबंधन विभाग के संयुक्त आयुक्त श्रीकृष्ण पासवान ने सभी सहायक आयुक्त मद्य निषेध और सभी अधीक्षक मद्य निषेध को पत्र भेजा है। इसमें संयुक्त आयुक्त ने कई बिंदुओं पर निर्देश जारी किया है। निर्देश में सभी जिलों के उत्पाद अधीक्षकों को कहा गया है कि शराब के साथ पकड़ी गाड़ियों की जांच कर लें। उनके मालिकों तक पहुंचने और उनकी संलिप्तता सिद्ध करने की कोशिश करें। ऐसा नहीं करने से कई बार असहज स्थिति का सामना करना पड़ता है।

संयुक्त आयुक्त ने बताया कि अक्सर ऐसा देखा जाता है कि अवैध शराब के परिवहन में पकड़े गए वाहनों के बगैर जांच एवं सत्यापन के ही उनके मालिक को अभियुक्त बना दिया जाता है। अभियोग दर्ज करने के बाद कार्रवाई शुरू की जाती है। छानबीन के बाद जानकारी मिलती है कि संबंधित वाहन मालिक द्वारा किसी अन्य को बेच दिया गया है। इसके अलावा कई केसों में ऐसे वाहनों के चोरी हो जाने की एफआईआर भी कराई रहती है।

60 से 70 फीसदी ऐसे मामले सामने आ रहे

वैसी स्थिति में विभाग असहज स्थिति का सामना करता है। 60 से 70 फीसदी ऐसे मामले सामने आ रहे हैं। इसलिए निर्देश दिया गया है कि अवैध शराब के परिवहन में पकड़े गए वाहनों की गहनता से छानबीन की जाए। उसके बाद ही वाहन मालिक के विरुद्ध नियमानुसार कार्रवाई की जाए। अधीक्षक मद्य निषेध संजय कुमार राय ने बताया कि विभाग की ओर से नया निर्देश जारी किया गया है। शराब के साथ धरे गए वाहन के मालिक अब जांच के बाद ही अभियुक्त बनाए जाएंगे। विभाग के निर्देश पर कार्रवाई शुरू कर दी गई है।

तेजप्रताप के बाद अब आरजेडी प्रदेशाध्यक्ष जगदानंद सिंह ने भी कथावाचक धीरेंद्र शास्त्री पर बोला हमला, कहा, ऐसे लोगों को जेल में होना चाहिए, गरमाई


बागेश्वर धाम के पंडित धीरेंद्र शास्त्री के बिहार दौरे पर सियासत गर्मा गई है। वन एवं पर्यावरण मंत्री तेजप्रताप के बाद अब आरजेडी प्रदेशाध्यक्ष जगदानंद सिंह ने भी कथावाचक धीरेंद्र शास्त्री पर हमला बोला है। जगदानंद ने कहा कि धीरेंद्र शास्त्री जैसे लोगों को जेल में रहना चाहिए। अफसोस है कि वे बाहर हैं। ये लोग संत परंपरा को खराब कर रहे हैं। इससे पहले मंत्री तेजप्रताप ने धीरेंद्र शास्त्री को चेतावनी देते हुए कहा था कि अगर बागेश्वर बाबा हिंदू-मुस्लिम करेंगे तो उन्हें बिहार से वापस लौटना पड़ेगा।

आरजेडी प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने शुक्रवार को कहा कि बाबा बागेश्वर धाम के धीरेंद्र शास्त्री जैसे लोगों को जेल में रहना चाहिए। अफसोस की बात है कि वो बाहर हैं। जिसको मन करता है वही बाबा बन जाता है। संत परंपरा को खराब किया जा रहा है। जगदानंद ने बीजेपी पर भी उन्माद बढ़ाने और समाज में तनाव पैदा करने का आरोप लगाया।

इससे पहले वन एवं पर्यावरण मंत्री तेजप्रताप यादव ने भी बागेश्वर बाबा को चेतावनी दी। उन्होंने कहा कि धीरेंद्र शास्त्री को बिहार आने है तो स्वागत है, लेकिन अगर हिंदू-मुस्लिम को लड़वाने का काम करेंगे तो वापस लौटना पड़ेगा। तेजप्रताप ने यह भी कहा कि वे धीरेंद्र शास्त्री का पटना एयरपोर्ट पर घेराव करेंगे।

 पटना के पास नौबतपुर के तेरत गांव में 13 से 17 मई के बीच धीरेंद्र शास्त्री का दरबार लगेगा। पहले यह कार्यक्रम पटना के गांधी मैदान में आयोजित होना था, मगर प्रशासन की ओर से वहां अनुमति नहीं मिली। बाबा बागेश्वर धाम के दरबार में लाखों लोगों के आने का अनुमान जताया जा रहा है। पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने भोजपुरी में संदेश देते हुए लोगों से दरबार में आने की अपील की है

गैंगस्टर एक्ट के तहत अफजाल अंसारी को चार साल की सजा, सांसदी पर लटकी तलवार

#mp_afzal_ansari_sentenced_to_4_years_fined_1_lakh

गाजीपुर की एमपी-एमएलए कोर्ट ने बीएसपी सांसद अफजाल अंसारी को गैंगस्टर एक्ट में दोषी करार दिया है। अफजाल अंसारी को 4 साल की सजा सुनाई गई है और 1 लाख का जुर्माना लगा है।इस फैसले के बाद उनके सांसद बने रहने पर खतरा मंडराने लगा है। अफजाल अंसारी बीएसपी से सांसद हैं और गाजीपुर लोकसभा का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। हाल ही में मोदी सरनेम मामले में राहुल गांधी को दो साल की सजा सुनायी गई थी जिसके बाद लोकसभा सचिवालय ने उन्हें सांसदी के लिए अयोग्य माना था।

बसपा सांसद अफजाल अंसारी पर गैंगस्टर एक्ट के तहत चल रहे केस में कोर्ट ने फैसला सुनाया है। बीते 1 अप्रैल को कोर्ट ने बहस पूरी होने के बाद फैसला सुरक्षित रखा था। साल 2007 में दर्ज हुए इस मामले में बांदा जेल में बंद मुख्तार अंसारी और उनके सांसद भाई अफजाल अंसारी आरोपी थे। इससे पहले कोर्ट ने मुख्तार अंसारी को दस साल की सजा सुनाई है और उसके उपर 5 लाख का जुर्माना भी लगाया है।इसके साथ ही उन्हें कस्टडी में ले लिया गया है।

2007 में इन दोनों भाइयों के खिलाफ कृष्णानंद राय और नंद किशोर रुंगटा केस को आधार बना कर गैंगस्टर एक्ट के तहत केस दर्ज किया गया था। इस केस में 15 अप्रैल को ही फैसला आने वाला था। लेकिन जज साहब के एकाएक छुट्टी पर जाने की वजह से फैसले की तारीख 29 अप्रैल मुकर्रर की गई।

बता दें कि उत्तर प्रदेश की योगी सरकार माफियाओं और गुंडों पर खास नजर रख रही है। माफिया अतीक अहमद और अशरफ अहमद के बाद अब मुख्तार अंसारी और अफजाल अंसारी पर कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। हालांकि, कोर्ट से अतीक को उम्रकैद की सजा सुनाए जाने के कुछ ही दिनों बाद तीन हमलावरों ने उसकी और भाई अशरफ की हत्या कर दी थी।

संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में भी लाइव सुना जाएगा मन की बात का 100वां एपिसोड, बिल गेट्स ने दी बधाई

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मासिक रेडियो कार्यक्रम मन की बात के 100वें एपिसोड का प्रसारण रविवार को होगा। नरेंद्र मोदी के मासिक कार्यक्रम 'मन की बात' के 100वें एपिसोड का प्रसारण यूएन में भी किया जाएगा। मन की बात के 100वां एपिसोड का लाइव प्रसारण भारतीय समयानुसार 30 अप्रैल को सुबह के 11 बजे होगा। इस वक्त न्यू यॉर्क में डेढ़ बज रहा होगा। 

संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी मिशन ने इसकी पुष्टि की है। यूएन में भारत के स्थायी मिशन ने ट्वीट किया, "ऐतिहासिक क्षण के लिए तैयार हो जाइए। पीएम मोदी के मन की बात कार्यक्रम का 100वां एपिसोड का लाइव प्रसारण मुख्यालय में ट्रस्टीशिप काउंसिल चैंबर में भी दिखाया जाएगा।"

स्थाई मिशन ने कहा- "मन की बात एक मासिक राष्ट्रीय परंपरा बन गई है। ये लाखों लोगों को भारत की विकास यात्रा में भाग लेने के लिए प्रेरित करती है।" उन्होंने कहा- "रविवार 30 अप्रैल डेढ़ बजे मन की बात देखना भूलना मत। इस कार्यक्रम के 100वें एपिसोड के लिए मिलकर जश्न मनाएंगे। पीएम मोदी भारतीय और प्रवासियों और दुनिया के श्रोताओं से जुड़ेंगे।"

इस मौके पर माइक्रोसॉफ्ट के सह संस्थापक बिल गेट्स ने पीएम मोदी को बधाई दी है। उन्होंने ट्वीट कर कहा- "मन की बात ने महिलाओं के आर्थिक, सशक्तिकरण, स्वास्थ्य, स्वच्छता और अन्य मुद्दों पर विकास के क्षेत्र में जागरूक किया है।" दरअसल उनका ये ट्वीट मन की बात को लेकर जारी की गई उस रिपोर्ट पर आया है जिसमें बताया गया है कि कैसे भारत देश के विकास के लिए की जा रही कोशिशों को बढ़ावा दिया है।

‘मन की बात’ कार्यक्रम को लेकर भारतीय जन संचार संस्थान (आईआईएमसी) ने एक सर्वे किया है, जिसके अनुसार 76 फीसदी भारतीय मीडियाकर्मियों की राय में प्रधानमंत्री मोदी के रेडियो कार्यक्रम ने देशवासियों का ‘असल भारत से परिचय’ कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई । यह रिपोर्ट 2014 से 2023 तक प्रकाशित मन की बात के 99-एपिसोड के ट्रांसक्रिप्ट की स्टडी करने के बाद बनाई गई है। जानकारी के मुताबिक इस रिपोर्ट को बनाने में नेचुरल लैंग्वेज प्रोसेसिंग टूल्स का इस्तेमाल किया गया है। इस रिपोर्ट में बताया गया है कि कैसे पीएम मोदी की मन की बात कार्यक्रम ने सामाजिक परिवर्तन लाने के लिए लोगों को प्रेरित किया और उनके संकल्प को मजबूत किया।

आईआईएमसी के मुताबिक, इस सर्वे में शामिल 75 प्रतिशत लोगों का कहना है कि ‘मन की बात’ एक ऐसे मंच के रूप में सामने आया है, जहां लोगों का ऐसे व्यक्तियों से परिचय कराया जाता है, जो जनसामान्य के जीवन में सार्थक बदलाव लाने के लिए निस्वार्थ भाव से काम कर रहे हैं।’आईआईएमसी के महानिदेशक प्रो. (डॉ.) संजय द्विवेदी ने बताया कि संस्थान के आउटरीच विभाग द्वारा यह सर्वेक्षण 12 से 25 अप्रैल के बीच किया गया। 

इस सर्वे में देशभर के 116 अकादमिक संस्थानों, विश्वविद्यालयों एवं मीडिया समूहों के कुल 890 पत्रकारों, मीडिया फैकल्टी, मीडिया शोधार्थियों और जनसंचार के विद्यार्थियों ने हिस्सा लिया। इनमें 326 महिलाएं एवं 564 पुरुष शामिल थे. सर्वे में शामिल 66 प्रतिशत लोग 18 से 25 वर्ष की उम्र के रहे. सर्वेक्षण में शामिल लोगों के अनुसार, ‘देश के बारे में जानकारी’ और ‘देश के प्रति प्रधानमंत्री का दृष्टिकोण’, दर्शकों को इस कार्यक्रम को सुनने के लिए प्रेरित करने वाले 2 प्रमुख कारण रहे।

प्रो. द्विवेदी के अनुसार सर्वे में यह भी समझने की कोशिश की गई कि प्रधानमंत्री द्वारा 'मन की बात' में चर्चा किए गए किस मुद्दे ने लोगों के जीवन को सबसे ज्यादा प्रभावित किया। इसके जवाब में 40% लोगों ने कहा की 'शिक्षा' सबसे प्रभावशाली विषय है, जिसने उन्हें सोचने पर मजबूर किया, वहीं 26% लोगों के अनुसार 'जमीनी स्तर पर काम करने वाले गुमनाम समाज-शिल्पियों' से संबंधित जानकारी उनके लिए काफी रोचक रही।

माफिया मुख्तार अंसारी को 10 साल की सजा, 5 लाख का जुर्माना भी

#mukhtar_ansari_gangster_act_case_handed_10_year_jail

माफिया मुख्तार अंसारी पर गैंगस्टर मामले में गाजीपुर की एमपी-एमएलए कोर्ट का फैसला आ गया। कोर्ट ने मुख्तार अंसारी को दोषी करार देते हुए दस साल की सजा सुनाई है। साथ ही पांच लाख का जुर्माना भी लगाया गया है। 

अपर सत्र न्यायाधीश दुर्गेश कुमार की अदालत में एक अप्रैल को बहस पूरी हो गई थी। इसके बाद कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था। पहले इस मामले में 15 अप्रैल को फैसला आना था, लेकिन बाद में इसके लिए आज की तारीख निर्धारित की गई थी। 

जिस मामले में मुख्तार अंसारी को सजा सुनाई है वो 2005 में हुए तत्कालीन भाजपा विधायक कृष्णानंद राय की हत्या से जुड़ा है। इस घटना को गाजीपुर के मोम्मदाबाद थाना क्षेत्र के बसनिया चट्टी पर अंजाम दिया गया था। कहा गया कि अंसारी ने इस वारदात में पहली बार एके-47 का इस्तेमाल किया था।

29 नवंबर 2005 को गाजीपुर के भांवरकोल थाना अंतर्गत सियाड़ी गांव में भाजपा विधायक कृष्णानंद राय सहित सात लोगों पर एके-47 जैसे अत्याधुनिक असलहों से लगभग 400 राउंड से ज्यादा फायरिंग कर उनकी हत्या कर दी गई थी। सातों लोगों का शव पोस्टमार्टम के लिए बीएचयू लाया जाने लगा तो भाजपा विधायक के समर्थक उग्र हो गए थे और जगह-जगह तोड़फोड़ व हिंसा की गई थी।

*कर्नाटक की रैली में पीएम मोदी का कांग्रेस पर जोरदार हमला, बोले- मुझे 91 बार गाली दी है, इतना समय सुशासन में लगाते तो...*

#pmmodiin_karnataka 

कर्नाटक विधानसभा चुनाव में अब केवल कुछ दिन बाकी रह गए हैं। ऐसे में सत्ता वापसी की कोशिशों में जुटी भारतीय जनता पार्टी की ताबड़तोड़ रैलियों का दौर जारी है। इसी कड़ी में प्रधानमंत्री नरेन्द्र ने आज शनिवार को कर्नाटक में अपनी पहली चुनावी रैली को संबोधित किया। बीदर के हुमनाबाद में एक जनसभा को संबोधितकरते हुए पीएम ने डबल इंजन सरकार का मतलब डबल बेनिफिट बताया और कांग्रेस पर जमकर हमला किया।

कहा कि कर्नाटक विधानसभा चुनाव प्रचार के शुरू होते ही कांग्रेस नेताओं ने मुझे गालियां देना शुरू कर दिया है। पीएम ने कहा कि अब तक कांग्रेस ने मुझे 91 बार गालियां दी है।पीएम मोदी ने कहा कि अगर इतना ध्यान कांग्रेस के नेताओं ने गुड गवर्नेंस में लगाया होता तो कांग्रेस कार्यकर्ताओं का उत्साह बढ़ाने के लिए किया होता तो आज कांग्रेस की इतनी दुर्दशा नहीं होती। उन्होंने कहा कि कांग्रेस का इतिहास रहा है कि जिसने भी देश के विकास के लिए काम किया, इन्होंने उन्हें गालियां दी।

कांग्रेस की गाली का जवाब जनता वोट से देगी-पीएम मोदी

पीएम मोदी ने कहा, कांग्रेस मुझे गालियां देती है लेकिन इससे मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता है। पीएम ने कहा, कांग्रेस ने तो बाबा साहब अंबेडकर को भी गाली दी थी।पीएम मोदी ने बताया कि कांग्रेस की गाली का जवाब जनता वोट से देगी, कांग्रेस की गालियों की लिस्ट बहुत लंबी है। कांग्रेस के बड़े नेता गाली देते रहते हैं। कई महापुरुष भी कांग्रेस की गालियों के शिकार हुए हैं। गालियां देने वाले मिट्टी में मिल जाएंगे।

छत्तीसगढ़-राजस्थान में कांग्रेस ने वादा पूरा नहीं किया-पीएम मोदी

पीएम ने कहा, कांग्रेस को कभी गरीब की तकलीफ समझ ही नहीं आई, इन्होने कभी गरीबी देखी ही नहीं। कांग्रेस वो दल है जो विकास में भी राजनीति करती है, रोड़े अटकाती है। इन्होंने छत्तीसगढ़ और राजस्थान के किसानों से जो वादे किए वो अभी तक धरती पर उतरे नहीं हैं। कांग्रेस ने इस क्षेत्र के गन्ना किसानों को अपने हाल पर छोड़ दिया था जबकि हम उनकी समस्याओं को प्राथमिकता पर दूर कर रहे हैं।जब हमने पीएम किसान सम्मान निधि शुरू की थी तब कर्नाटक में कांग्रेस-जेडीएस की सरकार थी। इनको किसानों से कितनी नफरत है देखिए कि ये लाभार्थी किसानों की सूची केंद्र सरकार को भेजने में रुकावटें पैदा करते थे। उनको तकलीफ यह थी इसमें बीच में कोई कटकी नहीं थी, पैसा सीधे किसानों के खाते में जा रहा था।

कर्नाटक को डबल इंजन सरकार की जरूरत

कर्नाटक को देश का नंबर-1 राज्य बनाने के लिए यहां डबल इंजन सरकार का होना बेहद जरूरी है। कांग्रेस की सरकार में हर साल 30 हजार करोड़ रुपये के आसपास विदेशी निवेश कर्नाटक में आता था जबकि बीजेपी की सरकार में अब हर साल करीब 90 हजार करोड़ रुपये का विदेशी निवेश कर्नाटक में आ रहा है। डबल इंजन सरकार का मतलब होता है- डबल बेनिफिट, डबल स्पीड।

कोलकाता हाई कोर्ट के जज ने दिया आदेश, रात 12 बजे तक कोर्ट खोलकर करें काम, सुप्रीम कोर्ट ने सवा आठ बजे सुनवाई करते हुए आदेश पर लगाई रोक, पढ़िए, पूरी रिपोर्ट

सुप्रीम कोर्ट में शुक्रावार देर रात नाटकीय घटनाक्रम देखने को मिला। रात सवा 8 बजे सुनवाई करते हुए शीर्ष अदालत ने कोलकाता हाई कोर्ट के जज जस्टिस अभिजीत गंगोपाध्याय के आदेश पर रोक लगा दी। दरअसल जस्टिस गंगोपाध्याय ने सुप्रीम कोर्ट के सेक्रेटरी जनरल को आदेश दिया था कि वह शुक्रवार रात 12 बजे तक कोर्ट में रखे गए उनके इंटरव्यू का आधिकारिक अनुवाद उपलब्ध करवाएं। जस्टिस गंगोपाध्याय ने यह भी कहा था कि वह अपने चैंबर में रात के 12:15 बजे तक बैठकर इंतजार करेंगे।

इसी मामले पर देर रात सुनवाई हुई। सुनवाई के लिए बैठी सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस ए एस बोपन्ना और हिमा कोहली की स्पेशल बेंच ने कलकत्ता हाई कोर्ट के जज जस्टिस अभिजीत गंगोपाध्याय के आदेश पर रोक लगा दी।

क्या है मामला?

बता दें कि जस्टिस गंगोपाध्याय बंगाल के शिक्षक भर्ती घोटाले की सुनवाई कर रहे थे। लेकिन इससे पहले दिन में, सुप्रीम कोर्ट ने कलकत्ता उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश को पश्चिम बंगाल शिक्षक भर्ती मामले को किसी अन्य न्यायाधीश को सौंपने का निर्देश दिया था। 

लंबित मामले को लेकर दिया था इंटरव्यू

कुछ दिन पहले ही उच्चतम न्यायालय ने एक टेलीविजन चैनल को दिए गए न्यायमूर्ति अभिजीत गंगोपाध्याय के साक्षात्कार को लेकर निराशा प्रकट की थी। इंटरव्यू में जस्टिस गंगोपाध्याय ने इस (भर्ती घोटाला) विवाद पर अपनी बात रखी थी। शीर्ष अदालत ने केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की ओर से सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता की चिंताओं पर संज्ञान लिया कि इस तरह का चलन देखने को मिला है कि लोग अपने खिलाफ कोई फैसला या आदेश आते ही न्यायाधीशों को धमकाने की कोशिश करते हैं।

प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति पी एस नरसिम्हा की पीठ तृणमूल कांग्रेस के नेता अभिषेक बनर्जी की याचिका पर सुनवाई कर रही थी जिन्होंने आरोप लगाया था कि एबीपी आनंदा चैनल को साक्षात्कार देने वाले न्यायाधीश इस मामले में सुनवाई के लिए सक्षम नहीं हैं। पीठ ने अपने आदेश में कहा, ‘‘हम कलकत्ता उच्च न्यायालय के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश से कलकत्ता उच्च न्यायालय के किसी अन्य न्यायाधीश को लंबित कार्यवाही सौंपने का निर्देश देते हैं। जिस न्यायाधीश को कार्यवाही सौंपी जाएगी, उन्हें इस संबंध में दायर की गई सभी याचिकाओं पर गौर करने की आजादी होगी।’’

क्या था जस्टिस गंगोपाध्याय का इंटरव्यू?

जस्टिस गंगोपाध्याय ने टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में पश्चिम बंगाल के टीचर भर्ती घोटाले में राज्य सरकार के भ्रष्टाचार को लेकर कई बातें कही थीं। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश से पहले तक गंगोपाध्याय ही इस मामले से जुड़ी याचिकाओं की सुनवाई कर रहे थे। उनके इंटरव्यू के आधार पर सुप्रीम कोर्ट ने यह मामला उनके पास से हटाने का आदेश दिया। इस आदेश के बाद जस्टिस गंगोपाध्याय ने भी आदेश जारी कर दिया कि उनके इंटरव्यू का वह अनुवाद उन्हें दिया जाए जो सुप्रीम कोर्ट के समक्ष रखा गया है। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के समक्ष रखी उनके इंटरव्यू की पूरी ट्रांसक्रिप्ट मांगी थी।

रात में हुई सुनवाई के दौरान सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता भी मौजूद थे। उन्होंने कहा कि हाई कोर्ट के जज को इस तरह का आदेश नहीं पारित करना चाहिए था। इसके बाद, जस्टिस बोपन्ना और हिमा कोहली की बेंच ने भी सहमति जताई और हाई कोर्ट के सिंगल जज के आदेश पर रोक लगा दी। जजों ने सुप्रीम कोर्ट के सेक्रेटरी जनरल से कहा कि वह इस आदेश की जानकारी हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल को दे दें और रजिस्ट्रार जनरल उसे संबंधित जज (जस्टिस गंगोपाध्याय) को बता दें।

आरोपों में घिरे बृजभूषण सिंह ने पहलवानों पर ही उठाया सवाल, कहा- ये मेरे खिलाफ साजिश, अपराधी बनकर नहीं दूंगा इस्तीफा

#brij_bhushan_singh_said_congress_has_created_wrestlers_protest 

दिल्ली के जंतर-मंतर पर देश के शीर्ष पहलवानों का “दंगल” जारी है। भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ देश के दिग्गज पहलवान धरने पर बैठे हैं। इस बीच शुक्रवार को दिल्ली पुलिस ने भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर लिया है। बृजभूषण शरण सिंह ने अपने खिलाफ एफआईआर दर्ज होने के बाद कहा कि इस्तीफा कोई इतनी बड़ी चीज़ नहीं है। उनका दावा है कि वह पूरी तरह से निर्दोष हैं।बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ शुक्रवार को दिल्ली के कनॉट प्लेस पुलिस स्टेशन में दो एफआईआर दर्ज की गई हैं। विनेश फोगाट सहित कई पहलवान दिल्ली के कनॉट प्लेस पुलिस स्टेशन पहुंचे।

बृजभूषण शरण सिंह ने अपने खिलाफ एफआईआर दर्ज होने के बाद अपना मुंह खोला है। उन्होंने न्यायपालिका और दिल्ली पुलिस पर पूरा भरोसा जताया है। साथ ही धरने के पीछे कांग्रेस का हाथ होने के आरोप लगाए हैं। बृजभूषण ने कहा एफआईआर करने की बात आई है। अभी एफआईआर की कॉपी मेरे पास नहीं है। लेकिन एफआईआर तो हो ही गई होगी। दिल्ली पुलिस पर मुझे पूरा भरोसा है। मुझे कोई शिकायत नहीं है। मैं पूरी तरह निर्दोष हूं। मैं इन आरोपों का सामना करने के लिए तैयार हूं। जांच एजेंसी जहां भी उचित समझेगी, मैं जांच में सहयोग के लिए तैयार हूं। मुझे पहले भी भरोसा था, आज भी भरोसा है। सुप्रीम कोर्ट से ऊपर कोई नहीं है। मुझे इस पर पूरा भरोसा है। उन्होंने आगे कहा “मुझे देश की न्याय प्रक्रिया पर भरोसा है। अगर इनके पुराने बयान सुनेंगे तो आपको पता चलेगा कि इन्होंने पद से इस्तीफा देने की मांग की थी। मेरा कार्यकाल पूरा हो चुका है। सरकार ने तीन लोगों की कमेटी गठित की है। 40-45 दिन में ही चुनाव होना है। मेरा कार्यकाल वैसे भी समाप्त हो जाएगा। लेकिन इस्तीफे की बात नहीं। मेरा इस्तीफा वैसे ही हो जाएगा, लेकिन अपराधी की तरह नहीं। इन्हीं के कहने पर जांच कमेटी बनी।

नाबालिग को जांच कमेटी के सामने क्यों नहीं पेश किया जा रहा-बृजभूषण

बृजभूषण शरण सिंह ने मीडिया के सामने अपनी बात रखते हुए कहा, इन आरोपों में एक मामला नाबालिग से भी जुड़ा हुआ है। मैं पूछता हूं उस नाबालिग को जांच कमेटी के सामने क्यों नहीं पेश किया जा रहा? उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा, मैंने एक आरडीओ दिया है... धरने पर बैठा खिलाड़ी एक लड़की से कहता है कि किसी भी एक लड़की का इंतजाम करा दो। किसी भी तरह से कर दो... मतलब ये कि ये लोग 4-4 महीने मेरे खिलाफ सबूत इकठ्ठा करेंगे और उनको पेश कर देंगे।

इनकी मांग भी लगातार बढ़ती जा रही-बृजभूषण

बृजभूषण ने पहलवानों पर आरोप लगाते हुए कहा इनकी मांग भी लगातार बढ़ती जा रही है। पहले एफआईआर की मांग की। फिर इस्तीफे की मांग की। जेल में डालने की मांग की है। तो ये लोकसभा सांसदी मुझे विनेश फोगाट की तरफ से नहीं मिला है। मुझे उनकी कृपा से कुश्ती संघ का अध्यक्ष पद नहीं मिला है। मुझे यह पद चुनाव लड़कर मिला है। 12 साल तक सिर्फ इनके साथ यौन उत्पीड़न होता है, बाकी खिलाड़ियों के साथ क्यों नहीं। हरियाणा का एक ही परिवार क्यों। एक अखाड़ा, एक फैमिली। हरियाणा, हिमाचल बाकी राज्यों के खिलाड़ी क्यों नहीं। क्यों- क्योंकि मैंने काम किया है।

बृजभूषण ने कहा- कांग्रेस का हाथ

कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष ने कहा- मैं शुरू से ही कह रहा हूं कि इसमें देश के कुछ उद्योगपतियों जिनको मुझसे कष्ट है और कांग्रेस का हाथ है। आज दिख गया कि इसमें किसका हाथ है। मैंने उद्योगपति का नाम नहीं बोला है। कुछ उद्योगपतियों का हाथ है, जिन्हें मुझसे कष्ट है। आज दिखाई भी पड़ गया कि किसका हाथ है। जब इनकी मांग मान ली गई कि एफआईआर दर्ज करना है, तब यह इसको क्यों उठा रहे हैं। केजरीवाल को, सत्यपाल मलिक को, प्रियंका गांधी को बुलाने की जरूरत क्यों पड़ी? अरे कम से कम कांग्रेस वाले जांच रिपोर्ट का इंतजार कर लेते, तब जंतर-मंतर पहुंचते। ये खिलाड़ियों का धरना नहीं है, कुछ षड़ंयत्रकारी लोग हैं, जो मेरी पार्टी और मुझे नुकसान पहुंचाना चाहते हैं। दरअसल, आज पहलवानों के धरने को समर्थन देने के लिए कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी जंतर मंतर पहुंची थीं।

दिल्ली एयरपोर्ट पर खो गया बिल्ली का बच्चा, यात्री ने आरोप लगाया कि एयर इंडिया के कर्मचारियों की "लापरवाही" के कारण हुई घटना, ढूंढ लाने की मांग क


एक यात्री ने कथित तौर पर एयर इंडिया की "लापरवाही" के कारण अपने बिल्ली के बच्चे को खो दिया। मामला दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डे के टर्मिनल 3 का बताया जा रहा है। यात्री ने आरोप लगाया कि एयर इंडिया के कर्मचारियों की "लापरवाही" के कारण उसकी बिल्ली का एक बच्चा टर्मिनल 3 पर खो गया। सोनी एस सोमर नाम के शख्स ने ट्विटर पर अपने दोस्त की आपबीती लिखी है।  

25 अप्रैल को, सोमर ने ट्वीट करते हुए लिखा, "मेरे दोस्त का पालतू जानवर के कर्मचारियों की लापरवाही के कारण गायब है। यह एक दिल दहला देने वाली त्रासदी है और आपकी लापरवाही अक्षम्य है। आपको अपने कार्यों की जिम्मेदारी लेनी चाहिए और चीजों को तुरंत ठीक करना चाहिए। उन्होंने एयरलाइन को अपने दोस्त जांग्नेइचोंग कारोंग द्वारा भेजे गए ईमेल के कुछ स्क्रीनशॉट भी साझा किए।

रिपोर्ट के मुताबिक, करोंग 24 अप्रैल को दो पालतू बिल्लियों के साथ दिल्ली से इंफाल की यात्रा कर रही थीं। उनके ईमेल के मुताबिक, वह सुबह 9.55 बजे की फ्लाइट के लिए सुबह 6.30 बजे एयरपोर्ट पहुंचीं। हालाँकि, चेक-इन काउंटर पर, कर्मचारियों ने उन्हें सूचित किया कि यदि वह बिल्ली के बच्चे को केबिन में लाना चाहती है, तो उन्हें अपनी फ्लाइट को रीशेड्यूल करना होगा या बिजनेस क्लास में अपग्रेड करना होगा।

उन्होंने लिखा, "दुर्भाग्य से फ्लाइट रीशेड्यूल विकल्प उपलब्ध नहीं था, मैं बिजनेस क्लास में जाने के लिए सहमत हो गई क्योंकि मैं अपनी बिल्ली के बच्चे को कार्गो के माध्यम से यात्रा करने के लिए सहज नहीं थी, लेकिन उन्होंने कहा कि मुझे किसी भी प्रक्रिया के लिए सुबह के कर्मचारियों के आने तक इंतजार करना होगा। मेरे लिए कर्मचारियों के आने के लिए सुबह 7.30 बजे तक इंतजार करना व्यर्थ था क्योंकि उन्होंने मुझे बताया कि बिजनेस क्लास संभव नहीं है और एकमात्र विकल्प कार्गो है।" इस बात का एहसास होने पर कि दोनों विकल्प ही लागू नहीं थे, वह कर्मचारियों को कार्गो द्वारा बिल्ली के बच्चे ले जाने के लिए तैयार हो गई।

महिला ने लिखा कि उन्होंने एयरलाइन कर्मियों की उपस्थिति में पिंजरे को सही ढंग से बंद कर दिया था, लेकिन उनके आश्चर्य की बात यह थी कि उनमें से एक बिल्ली का बच्चा भाग निकला और गायब हो गया। उन्होंने कहा कि बोर्डिंग के लिए केवल सात मिनट बचे थे, इसलिए उन्हें केवल एक ही बिल्ली के साथ उड़ान भरनी पड़ी।

महिला ने एयरलाइन को ईमेल में लिखा, "यह दिल दहला देने वाला था और मैं अभी भी पूरी तरह से मानसिक सदमे में हूं कि मेरी एक बिल्ली का बच्चा गायब हो गया। मुझे यकीन है कि आपके स्टाफ के सदस्य उनके साथ सावधान नहीं थे, क्योंकि आगमन पर कुंडी ढीली महसूस हुई। वास्तव में यकीन नहीं है कि मुझे अपना पालतू जानवर खोना पड़ा।" उसने यह भी कहा कि स्टाफ सदस्यों की अक्षमताओं के कारण उसे "शारीरिक और मानसिक परेशानी" का सामना करना पड़ा। 

एयर इंडिया ने ट्वीट का जवाब दिया और कहा, "प्रिय महोदय, हम आपके साथ सहानुभूति रखते हैं और इस घटना पर ध्यान देने के लिए वास्तव में खेद है। हमारी टीम प्राथमिकता पर इसे संबोधित करने के लिए आपके मित्र के संपर्क में रहेगी।" उन्होंने यूजर्स को आगे की कार्रवाई के लिए टिकट विवरण साझा करने के लिए भी कहा।

WFI के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ दिल्ली पुलिस ने कनॉट प्लेस थाने में दर्ज की दो FIR, डीसीपी प्रणव तयाल ने की पुष्टि

भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह और कुछ कोच खिलाफ पहलवानों का प्रदर्शन पार्ट-2 छठे दिन भी जारी है। विनेश फोगाट, बजरंग पुनिया और साक्षी मलिक सहित कई खिलाड़ी रविवार (23 अप्रैल) को दिल्ली के जंतर-मंतर पर पहुंच गए थे। उसके बाद से वह धरने पर बैठे हैं। पहलवानों ने जनवरी में भी कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ प्रदर्शन किया था।

 बृजभूषण के खिलाफ FIR दर्ज

WFI के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ दिल्ली पुलिस ने कनॉट प्लेस थाने में दो FIR दर्ज की है। पुलिस ने नाबालिग रेसलर से यौन शोषण के मामले में बृजभूषण पर पॉक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज किया है। वहीं, अन्य छह महिला पहलवानों के आरोपों पर दूसरी FIR दर्ज की गई है। दिल्ली पुलिस आरोपों के की जांच करेगी। डीसीपी प्रणव तयाल ने इसकी पुष्टि की है।

शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में मामले की सुनवाई के दौरान पुलिस ने WFI अध्यक्ष के खिलाफ केस दर्ज करने पर सहमति जताई थी। 21 अप्रैल को एक नाबालिग समेत सात महिला रेसलर्स ने बृजभूषण के खिलाफ यौन शोषण की शिकायत की थी। केस ना दर्ज होने पर रेसलर्स ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। 23 अप्रैल से बजरंग पूनिया, विनेश फोगाट और साक्षी मलिक समेत कई दिग्गज रेसलर्स जंतर-मंतर पर अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे हैं।

 बृजभूषण का बयान

पहलवानों के प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद बृजभूषण शरण सिंह ने कहा- मैं कानून का पालन करूंगा, मैं पहले भी यह करता रहा हूं। मामला सुप्रीम कोर्ट के सामने है, मैं बच नहीं पाया हूं। मैं अपने आवास पर हूं। मामला सुप्रीम कोर्ट के सामने है। कोर्ट ने आज जो भी फैसला किया है, मैं उसका स्वागत करता हूं। मुझे सुप्रीम कोर्ट के फैसले और पुलिस की जांच प्रक्रिया पर भरोसा है। जांच में जहां भी मेरे सहयोग की जरूरत होगी, मैं सहयोग करूंगा।

 पहलवानों की प्रेस कॉन्फ्रेंस

प्रदर्शन कर रहे पहलवानों की प्रेस कॉन्फ्रेंस जारी है। इस दौरान विनेश फोगाट ने कहा कि बृजभूषण सिंह को सभी पदों से हटाया जाना चाहिए। उन्हें सुप्रीम कोर्ट पर पूरा भरोसा है और वह अब तक हुई जांच से संतुष्ट हैं। देश का भविष्य अगर स्पोर्ट्स में बचाना है तो हमें एक साथ आना होगा। अगर वह कुश्ती संघ के अध्यक्ष बने रहे तो पद का दुरुपयोग कर सकते हैं। वहीं, बजरंग पूनिया ने कहा मुझे लगता है कि बृजभूषण पर तुरंत कार्रवाई करना चाहिए और तुरंत जेल भेजना चाहिए।

पहलवानों ने कहा कि आप स्पोर्ट्स को बचाने के लिए हमारे समर्थन में आइए। ये लड़ाई सिर्फ FIR की नहीं है। FIR पहले दिन ही हो जानी चाहिए थी। खेलों को ऐसे लोगों के चंगुल से बचाना होगा। साथ ही पहलवानों ने साफ कर दिया कि किसी कमेटी को वह कोई जवाब नहीं देंगे। पहलवानों ने साफ किया है कि जब तक बृजभूषण सिंह जेल में नहीं जाते हैं, तब तक धरना जारी रहेगा।

विनेश ने कहा कमेटी जो बनाई गई थी, उसके एक आर्टिकल में हमने पढ़ा था कि एक लड़की ने यौन शोषण की शिकायत की थी। अगर एक लड़की ने भी शिकायत की है तो उसके आधार पर एफआईआर दर्ज होनी चाहिए थी। हमें किसी कमेटी और किसी सदस्य पर भरोसा नहीं है। वहीं, साक्षी मलिक ने कहा कि उन्हें दिल्ली पुलिस पर भी भरोसा नहीं है। पहलवानों ने खेल मंत्री पर आरोप लगाते हुए कहा कि अनुराग ठाकुर ने उनका फोन नहीं उठाया।