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गोधरा कांडः उम्रकैद की सजा काट रहे आठ दोषियों को राहत, सुप्रीम कोर्ट ने दी जमानत

#godhra_riots_supreme_court_grants_bail_to_8_convicts

गुजरात के गोधरा केस में सजायाफ्ता कैदियों को सुप्रीम कोर्ट ने बड़ी राहत दे दी है। गोधरा मामले में सुप्रीम कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा काट रहे कैदियों को जमानत पर रिहा करने के आदेश दिए हैं। सजा-ए-मौत पाए चार कैदियों को कोर्ट से कोई राहत नहीं मिली है।

सुप्रीम कोर्ट में चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड और जस्टिस पी एस नरसिम्हा की बेंच ने गोधरा मामले में दोषियों की जमानत मामले पर फैसला किया। जमानत पाने वाले 8 दोषी आजीवन कारावास की सजा काट रहे हैं। कोर्ट ने कहा कि बेल की शर्तें पूरी कर बाकी लोगों को जमानत पर रिहा किया जाए।ये सभी दोषी 17 से 20 साल की सजा काट चुके हैं। वहीं सुप्रीम कोर्ट ने चार दोषियों को फिलहाल जमानत देने से इनकार कर दिया। इनको निचली अदालत ने फांसी की सजा दी थी, लेकिन बाद में हाईकोर्ट ने उम्रकैद में तब्दील कर दिया था। दोषियों के वकील संजय हेगड़े ने ईद के मद्देनजर इनको जमानत पर रिहा करने की अपील की।

बता दें कि, निचली अदालत ने 11 दोषियों को मौत की सजा, जबकि 20 अन्य को उम्रकैद की सजा सुनाई थी। गुजरात हाईकोर्ट ने इस मामले में मौत की सजा को कम करते हुए 31 की दोषसिद्धि को बरकरार रखा था। इनमें से कुछ ने अपनी दोषसिद्धि और सजा के खिलाफ अपनी अपीलों के निस्तारण तक जमानत के लिए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था। शुक्रवार को इन दोषियों की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस की कोर्ट ने कहा कि मौत की सजा पाए चार दोषियों को छोड़कर बाकी को जमानत दी जा सकती है।चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस पीएस नरसिम्हा की पीठ की ने अपना फैसला सुनाते हुए कहा कि जमानत की शर्ते निचली अदालत तय करेगी।

बता दें कि 27 फरवरी 2002 को गुजरात के गोधरा में साबरमती एक्सप्रेस के एस-6 कोच में आगजनी के चलते 59 लोगों की मौत हो गई थी। मरने वालों में ज्यादातर कारसेवक थे जो कि अयोध्या से लौट रहे थे। इसके बाद राज्य में सांप्रदायिक हिंसा भड़क गई थी।इस घटने के ठीक अगले दिन यानी 28 फरवरी को राज्य में बंद बुलाया गया था। इसी बंद के दौरान अहमदाबाद शहर के नरोडा गाम इलाके में हिंसा हुई थी और घटना में कुल 11 लोगों की जान गई थी। इस घटना के बाद पूरे गुजरात में तनाव जैसी स्थिति पैदा हो गई थी।

घटना के करीब नौ साल बाद कोर्ट ने 31 लोगों को दोषी ठहराया था। इसके बाद साल 2011 में एसआईटी कोर्ट ने 11 दोषियों को फांसी की सजा सुनाई जबकि 20 दोषियों को आजीवन कारावास की सजा दी। मामला जब हाई कोर्ट में पहुंचा तो अदालत ने फांसी की सजा पाए दोषियों की सजा को भी उम्रकैद में बदल दिया था।

एयर इंडिया के पायलट ने उड़ान के दौरान नियमों को ताक पर रखा, महिला मित्र को कॉकपिट में बिठाया

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एअर इंडिया के एक पायलट ने नियमों को ताक पर रख अपनी महिला मित्र को कॉकपिट में बैठने की अनुमति दी। इतना ही नहीं अपनी मित्र को बिजनेस क्लास का खाना भी खिलाया। घटना 27 फरवरी को दुबई से दिल्ली के लिए उड़ान भरने वाली एयर इंडिया के फ्लाइट की है। मामले की जानकारी के बाद डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ सिविलि एविएशन (डीजीसीए) केबिन क्रू को पूछताछ के लिए समन भेजा है।

मामला तब सामने आया तब पायलट के खिलाफ डीजीसीए में शिकायत की गई। केबिन क्रू के एक सदस्य की शिकायत के अनुसार, 27 फरवरी को दुबई से दिल्ली के लिए उड़ान भरने वाली एयर इंडिया फ्लाइट के पायलट ने अपनी महिला मित्र को कॉकपिट में एंट्री दी। कहा जा रहा है कि मामले का संज्ञान लेने के बाद डीजीसीए ने केबिन क्रू को पूछताछ के लिए समन भेजा है।

हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, पायलट पर आरोप है कि उसने कॉकपिट को लिविंग रूम जैसा बनाकर रख दिया। वह अपनी महिला मित्र के स्वागत के लिए केबिन क्रू को पहले से निर्देश दे चुका था। पायलट पर ये भी आरोप है कि उसने अपनी मित्र को बिजनेस क्लास में खाना खिलवाया था। क्रू मेंबर की शिकायत के अनुसार, पायलट ने केबिन क्रू से पूछा था कि क्या बिजनेस क्लास में खाली सीटें हैं? क्योंकि उसकी दोस्त इकोनॉमी क्लास में यात्रा कर रही थी। क्रू मेंबर ने उन्हें सूचित किया कि कोई सीट खाली नहीं है, तब पायलट ने कॉकपिट में ही उसे बैठने की अनुमति दे डाली। इसके अलावा उन्होंने वहां स्नैक्स और शराब का भी इंतजाम करने को कहा।

कहा जा रहा है कि एयर इंडिया के पायलट ने क्रू मेंबर्स को खास निर्देश दिए थे। पायलट ने कहा था कि एंट्री होते ही उनकी महिला मित्र का गर्मजोशी से स्वागत होना चाहिए।बताया जा रहा है कि वह करीब तीन घंटे तक कॉकपिट में रही।

भारत के विमानन नियामक ने इस घटना की विस्तृत जांच का आदेश दिया है। डीजीसीए ने शुक्रवार को कहा कि वह मामले की जांच कर रहा है और तथ्यों की जांच करेगा। डीजीसीए के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम न छापने का अनुरोध करते हुए एएनआई को बताया कि यह विमानन नियामक डीजीसीए सुरक्षा मानदंडों का उल्लंघन करता है। अधिकारी ने कहा कि पायलट की हरकतें न केवल सुरक्षा का उल्लंघन थीं, बल्कि ऐसी गलती भी थी जो उड़ान और यात्रियों की सुरक्षा में चूक पैदा कर सकती थी। अधिकारी ने कहा कि जांच के परिणाम के आधार पर पायलट को अनुशासनात्मक कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है, जिसमें उसका लाइसेंस निलंबित करना या रद्द करना शामिल है।

सिविल सेवा दिवस पर पीएम मोदी ने कहा- विकसित भारत के लिए जरूरी है सरकारी सिस्टम हर देशवासी की आकांक्षा को सपोर्ट करे

#pmnarendramodiattendscivilservicesday_programme 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज यानी शुक्रवार को 16वें 'सिविल सेवा दिवस' कार्यक्रम के समापन सत्र और पुरस्कार समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में भाग लिया। पीएम मोदी ने विज्ञान भवन में आयोजित कार्यक्रम में सिविल सेवा के 15 अधिकारियों को लोक प्रशासन में सर्वोच्च मानदंड स्थापित करने के लिए ‘प्रधानमंत्री उत्कृष्टता मेडल’ से सम्मानित किया।पीएम मोदी ने इस दौरान केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण को लोक प्रशासन में उत्कृष्टता के लिए ‘प्रधानमंत्री पुरस्कार 2022’ दिया।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि इस साल का ‘सिविल सर्विस डे’ बहुत ज्यादा महत्वपूर्ण है। यह ऐसा समय है जब देश ने अपनी आजादी के 75 वर्ष पूर्ण किए हैं, ये ऐसा समय है जब देश ने अगले 25 वर्षों के विराट-विशाल लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए तेजी से कदम बढ़ाना शुरू किया है।पीएम ने कहा कि मैं आज भारत के हर सिविल सेवा अधिकारी से यही कहूंगा कि आप बहुत भाग्यशाली हैं। आपको इस कालखंड में देश की सेवा का अवसर मिला है। हमारे पास समय कम है लेकिन सामर्थ्य भरपूर है, हमारे लक्ष्य कठिन हैं लेकिन हौसला कम नहीं है, हमें पहाड़ जैसी ऊंचाई भले ही चढ़नी है लेकिन इरादे आसमान से भी ज्यादा ऊंचे हैं।

देश को आजादी के अमृतकाल तक लाने के लिए उन अधिकरियों की बड़ी भूमिका रही जो 15-25 साल पहले इस सेवा में आए हैं और अब आजादी के इस अमृतकाल में उन युवा अधिकारियों की भूमिका सबसे बड़ी है जो अगले 15-25 साल इस सेवा में रहने वाले हैं।

पिछले 9 वर्षों में भारत के विकास को नई गति मिली है-पीएम मोदी

पीएम मोदी ने कहा कि आज देश की ग्रामीण अर्थव्यवस्था बहुत बड़े परिवर्तन के दौर से गुजर रही है। 2014 के मुकाबले आज देश में 10 गुना ज्यादा तेजी से रेल लाइनों का विद्युतीकरण हो रहा है।उन्होंने कहा कि पिछले 9 वर्षों में अगर देश के गरीब से गरीब को भी सुशासन का विश्वास मिला है तो इसमें आपकी मेहनत भी रही है। पिछले 9 वर्षों में अगर भारत के विकास को नई गति मिली है तो ये भी आपकी भागीदारी के बिना संभव नहीं था। कोरोना संकट के बावजूद आज भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है।

सरकार का लक्ष्य ‘राष्ट्र-प्रथम’ और ‘नागरिक-प्रथम’-पीएम मोदी

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, विकसित भारत सिर्फ आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर या आधुनिक निर्माण तक सीमित नहीं है। विकसित भारत के लिए आवश्यक है कि भारत का सरकारी सिस्टम हर देशवासी की आकांक्षा को सपोर्ट करे, विकसित भारत के लिए आवश्यक है भारत का हर सरकारी कर्मचारी देशवासियों की सपनों को सच करने में उनकी मदद करे, विकसित भारत के लिए आवश्यक है भारत में सिस्टम के साथ नेगेटिविटी जो पिछले दशकों में जुड़ी थी, वह पॉजिटिविटी में बदले। हमारी योजनाएं कितनी भी बेहतर क्यों ना हों अगर लास्ट माइल डिलीवरी ठीक नहीं होंगी तो अपेक्षित परिणाम नहीं मिलेंगे। आज सरकार समय और संसाधनों का बेहतरीन उपयोग कर रही है। आज सरकार का लक्ष्य ‘राष्ट्र-प्रथम’ और ‘नागरिक-प्रथम’ है। आज सरकार का फोकस वंचितों को सशक्त बनाना है, देश को सशक्त बनाना है।

पीएम ने पंच प्रणों का जिक्र किया

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि बीते वर्ष 15 अगस्त को मैंने लाल किले से देश के सामने 'पंच प्रणों' का आह्वान किया था। विकसित भारत के निर्माण का विराट लक्ष्य हो, गुलामी की हर सोच से मुक्ति हो, भारत की विरासत पर गर्व की भावना हो, देश की एकता और एकजुटता को निरंतर सशक्त करना हो और अपने कर्तव्यों को सर्वोपरि रखना हो... इन पंच प्राणों की प्रेरणा से जो ऊर्जा निकलेगी, वो हमारे देश को वो ऊंचाई देगी, जिसका वो हमेशा से हकदार रहा है।

थम नहीं रही कोरोना संक्रमण की रफ्तार, 24 घंटे में 11692 केस मिले, 28 की गई जान

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देश में कोरोना वायरस फिर तेजी से फैल रहा है। भारत में लगातार दो दिन नए मामलों में बढ़ोतरी देखी गई थी। हालांकि कल की तुलना में 7 फीसदी केस कम सामने आए हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार, पिछले 24 घंटे में 11,683 नए केस आए हैं। 28 लोगों की इस वायरस के चलते मौत हुई है।नए आंकड़े जारी होने के बाद देश में सक्रिय मामलो की संख्या 66 हजार के पार पहुंच गई है। 

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से बताया गया है कि पिछले 24 घंटों में कोविड-19 11,692 नए मामले सामने आए हैं। वहीं, 28 संक्रमित मरीजों की मौत हो गई है, जिसके बाद कुल मौत का आंकड़ा 5,31,258 के पार पहुंच गया है। सबसे ज्यादा कोरोना केरल को प्रभावित कर रहा है। केरल में नौ मौतें हुई हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार, देश में सात महीने में सबसे ज्यादा मौतें (40) गुरुवार को हुई थीं। इस समय देश में एक्टिव केस की संख्या बढ़कर 66,170 हो गई है।

इससे पहले, गुरुवार को देश में कुल 12,591 मामले सामने आए थे और 29 लोगों की मौत हुई है, जिसमें 11 पुरानी मौतें जोड़ी गई थीं। इसी तरह बुधवार को बीते 24 घंटों में में देशभर में 10542 नए मामले सामने आए थे। इस दौरान देश में 38 मौतें हुई थीं। इसमें केरल ने 11 मौतों को शामिल किया गया था।

स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, फिलहाल एक्टिव केस कुल संक्रमण का 0.15 फीसदी हैं और कोविड-19 रिकवरी रेट 98.67 फीसदी है। वहीं, वायरस से उबरने वालों की संख्या बढ़कर 4,42,72,256 हो गई, जबकि मृत्यु दर 1.18 फीसदी दर्ज की गई। कोरोना पर काबू पाने के लिए बड़े पैमाने पर वैक्सीनेशन अभियान चलाया गया, जिसके तहत अभी तक देश में कोविड वैक्सीन के 220.66 करोड़ डोज लगाए गए हैं।

*नरोदा गाम दंगा में आरोपियों के बरी होने पर ओवैसी का तंज, कहा-जिसे भी चाहो हराम कह दो-जिसे भी चाहो हलाल कर दो*

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2002 के नरोदा गाम दंगों के मामले में गुजरात की पूर्व मंत्री माया कोडनानी और बजरंग दल के पूर्व नेता बाबू बजरंगी सहित सभी 68 आरोपियों को गुजरात की एक अदालतत ने बरी कर दिया। अदालत के इस फैसले पर सियासी दलों की प्रतिक्रिया सामने आ रही है। एक तरफ बीजेपी ने इसे सत्य की जीत बताया है। तो वहीं, ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन( एआईएमआईएम) प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने तीखी प्रतिक्रिया दी है।ओवैसी ने मशहूर शायर राहत इंदौरी की शेर के जरिए मौजूदा गुजरात और केंद्र सरकार पर निशाना साधा है।

ओवैसी का शायराना अंदाज

असदुद्दीन ओवैसी ने ट्वीट कर शायराना अंदाज में लिखा, ''जिधर से गुज़रो धुआं बिच्छा दो, जहां भी पहुंचो धमाल कर द।तुम्हें सियासत ने हक दिया है, हरि जमीन को लाल कर दो। अपील भी तुम, दलील भी तुम, गवाह भी तुम, वकील भी तुम। जिसे भी चाहो हराम कह दो, जिसे भी चाहो हलाल कर दो।''

क्या है मामला

साल 2002 में गुजरात दंगे के दौरान नरोदा गाव में हुए नरसंहार मामले में अदालत ने सभी आरोपियों को बरी कर दिया है। अहमदाबाद की विशेष अदालत में इस मामले पर सुनवाई चल रही थी।इस मामले के आरोपियों में बीजेपी की पूर्व विधायक माया कोडनानी और बजरंग दल के नेता बाबू बजरंगी भी शामिल थे।मामले में कुल 86 आरोपी थे, लेकिन उनमें से 18 लोगों की सुनवाई के दौरान मौत हो चुकी है।गोधरा में ट्रेन आगजनी की घटना में अयोध्या से लौट रहे 58 यात्रियों की मौत के एक दिन बाद 28 फरवरी 2002 को अहमदाबाद शहर के नरोदा गाम इलाके में दंगों के दौरान कम से कम 11 लोग मारे गए थे। साथ ही कई अन्य घायल हो गए थे।

सामने आया पुंछ में सैन्य वाहन पर हमले का भयावह मंजर, सड़क पर जिंदा जलते जवान, किसी के हाथ तो किसी के पैर वाहन में लटके थे


कश्मीर के पुंछ जिले के भाटादूड़ियां इलाके में सैन्य वाहन पर आतंकी हमले में पांच जवान शहीद हो गए। आतंकियों ने पहले गोलियां चलाईं फिर ग्रेनेड दागे, जिससे वाहन में आग लग गई। जवान आग में झुलस गए। एक जवान गंभीर रूप से घायल है, जिसे एयरलिफ्ट कर इलाज के लिए सैन्य अस्पताल भेजा गया है।

शहीद होने वालों में चार जवान पंजाब तथा एक ओडिशा के हैं। हमलावरों की संख्या चार से पांच बताई जा रही है। सैन्य प्रवक्ता ने घटना की पुष्टि करते हुए बताया कि पूरे इलाके की घेराबंदी कर तलाशी अभियान चलाया जा रहा है। 

आतंकी संगठन पीपुल्स एंटी फासिस्ट फ्रंट (पीएएफएफ) ने हमले की जिम्मेदारी ली है। श्रीनगर में अगले महीने 22 से 24 मई के बीच जी-20 की बैठक को देखते हुए सेना को सतर्क रहने की एडवाइजरी जारी की गई है।

वहीं, पुंछ जिले के भाटादूड़ियां में आतंकी हमले के बाद सैन्य वाहन के भीतर और सड़क पर जिंदा जलते जवानों को देखने वाले चश्मदीदों ने घटना स्थला के मंजर के बारे में बताया। चश्मदीद आतंकी हमले के कुछ समय बाद घटनास्थल पर पहुंच गए थे। किसी के हाथ तो किसी के पैर वाहन में फंसे हुए थे।

बंगाल में अब बुरे फंसे मुकुल रॉय बीजेपी या टीएमसी कोई नहीं मान रहा अपना, त्रिशंकु जैसी हो गई है हालत, पढ़िए पूरी रिपोर्ट


 पश्चिम बंगाल के नेता मुकुल रॉय का हाल त्रिशंकु वाला हो गया है। आज वो बीजेपी और टीएमसी के बीच लटके हुए हैं और कोई पार्टी उन्हें अपना नहीं मान रहा है। टीएमसी में ममता के बाद दूसरे सबसे ताकतवर नेता माने जाते थे मुकुल रॉय दरअसल मुकुल रॉय को एक जमाने में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बाद टीएमसी में दूसरा सबसे ताकतवर नेता माना जाता था।

फिर एक दौर ऐसा भी आया जब उनके सहारे बीजेपी ने पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी को सत्ता से बाहर करने की रणनीति पर काम किया। लेकिन अब उन्ही मुकुल रॉय के लिए राजनीतिक हालात इतने बदल गए हैं कि कोई भी उनको अपना मानने को तैयार नहीं है। ममता बनर्जी कह रही हैं कि मुकुल रॉय बीजेपी के विधायक है तो वहीं पश्चिम बंगाल बीजेपी के दिग्गज नेता सुवेंदु अधिकारी उन पर धोखा देना का आरोप लगाते हुए कह रहे हैं कि मई 2021 के बाद पश्विम बंगाल में जब बीजेपी कार्यकतार्ओं पर अत्याचार हो रहा था उस समय जिन्होंने बीजेपी का साथ छोड़ा वह बीजेपी का आदमी नहीं हो सकता है।

अमित शाह और जेपी नड्डा से मिलूंगा

तृणमूल कांग्रेस के नेता मुकुल रॉय ने फिर से भाजपा में जाने की घोषणा की है। उन्होंने दिल्ली में मीडिया से कहा कि वह यहां गृहमंत्री अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात करेंगे। उन्होंने अपने बेटे के उस बयान को भी गलत बताया कि उनका पता नहीं चल रहा। रॉय ने कहा, मैं अपनी मर्जी से दिल्ली आया हूं। भाजपा ने यहां मेरे लिए सारी व्यवस्था की है। मुकुल रॉय ने कहा, मैं अब भी भाजपा विधायक हूं और पार्टी के साथ ही रहना चाहता हूं। मुकुल रॉय का फिर से भाजपा में शामिल होने का फैसला तृणमूल कांग्रेस और ममता बनर्जी के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। दरअसल पिछले विधानसभा चुनाव से पहले रॉय बंगाल में भाजपा के बड़े नेताओं में थे और विधायक भी बने थे। लेकिन पार्टी के सत्ता में न आ पाने के बाद वह तृणमूल में शामिल हो गए थे ।

दिल्ली के साकेत कोर्ट परिसर में फायरिंग, वकील के वेश में आए थे हमलावर

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राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के साकेत कोर्ट परिसर में शुक्रवार को 4 राउंड फायरिंग हुई है। जिसमें एक महिला घायल हो गई है। साकेत कोर्ट में गवाही के लिए आई महिला को एक के बाद एक चार गोलियां मारी गई हैं। घायल महिला को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है।घटना के बाद दिल्ली पुलिस में हड़कंप मच गया है। सूचना के बाद सारे वरिष्ठ अधिकारी मौके पर पहुंच रहे हैं।

जानकारी मिल रही है कि हमलावर वकील के वेश में आए थे। उन्होंने महिला को चार गोल मारी हैं। महिला के पेट में गोली लगी है। महिला की हालत खराब बताई जा रही है। उसको इलाज के लिए एम्स ले जाया गया है।

फायरिंग की घटना के बाद कोर्ट परिसर में अफरातफरी का माहौल रहा। लोग इधर-उधर भागते दिखाई दिए। वहीं, घटना की सूचना पर पुलिस की एक टीम मौके पर पहुंची है। बताया जा रहा है कि महिला की स्थिति नाजुक है।

कर्नाटक विधानसभा चुनाव में बड़े नेताओं की बगावत से जूझ रही भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर परिवारवाद का लगा आरोप, कांग्रेस ने घेरा


कर्नाटक विधानसभा चुनाव में बड़े नेताओं की बगावत से जूझ रही भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर परिवारवाद को लेकर भी सवाल उठ रहे। पार्टी ने पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा के बेटे विजयेंद्र समेत लगभग आधा दर्जन नेताओं के परिजनों को टिकट दिया, लेकिन वरिष्ठ नेता ईश्वरप्पा के बेटे को टिकट नहीं दिया गया। कांग्रेस ने भाजपा को इस मुद्दे पर घेरा, लेकिन पार्टी इसे ज्यादा तूल नहीं दे रही।

कर्नाटक में टिकटों को लेकर भाजपा के लगभग आधा दर्जन बड़े नेताओं ने पार्टी छोड़ दी। इनमें विधायक व विधान परिषद सदस्य भी शामिल हैं। इसमें एक मुद्दा परिवारवाद का भी रहा। पार्टी ने कुछ नेताओं के परिजनों को तो टिकट दिया, लेकिन कई नेताओं को मायूसी का भी सामना करना पड़ा। बड़े नेताओं में चुनाव न लड़ने की घोषणा कर चुके पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा के बेटे विजयेंद्र को उनकी ही सीट से टिकट दिया, लेकिन पूर्व मंत्री ईश्वरप्पा के बेटे के दावे को नकार दिया। हालांकि पार्टी ने विधायक आनंद सिंह के बेटे सिद्धार्थ सिंह को भी विजयनगर और पूर्व विधायक उमेश कट्टी के बेटे निखिल कट्टी को हुक्केरी सीट से टिकट दिया।

पूर्व विधायक के बेटे अश्विनी संपांगी, पूर्व मंत्री के बेटे सोमनगौड़ा पाटिल, गुब्बी से पूर्व विधायक चिक्के गौड़ा के पोते एसडी दिलीप कुमार, मौजूदा विधायक ईश्वर खंडरे के चचेरे भाई प्रकाश खंडरे, विधायक जीटी देवेगौड़ा के दामाद रामचंद्र गौड़ा को भी उम्मीदवार बनाया गया। कोप्पल से लोकसभा सांसद कराडी संगन्ना की बहू मंजुला अमरेश, पूर्व मंत्री अरविंद लिंबावली की पत्नी मंजुला, वरिष्ठ नेता कट्टा सुब्रमण्यम नायडू के बेटे कट्टा जगदीश भी टिकट पाने में सफल रहे।

कर्नाटक में चुनाव के पहले कई झटके लगने के बाद भाजपा अब चुनाव प्रचार अभियान में सामाजिक समीकरणों को साधने में जुट गई है। जगदीश शेट्टार व लक्ष्मण सावदी के पार्टी छोड़ने के बाद लिंगायत समुदाय का समर्थन बरकरार रखने के लिए पार्टी पूर्व मुख्यमत्री बीएस येदियुरप्पा और मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई पर काफी निर्भर है। बोम्मई को अब काफी अहमियत भी दी जा रही क्योंकि येदियुरप्पा चुनावी राजनीति से दूर हैं। ऐसे में पार्टी भले ही अभी तक बोम्मई को आगे भी मुख्यमंत्री बनाने की बात खुलकर कहने से बचती रही, लेकिन प्रचार अभियान में उनको काफी प्रमुखता से उभारा जाएगा।

पुंछ आतंकी हमलाः बॉर्डर पार पाकिस्तान में रची गई हमले की साजिश, जाने चीन ने कैसे दिया साथ

#jammu_poonch_terror_attack 

जम्मू-कश्मीर के पुंछ में दहशतगर्दों ने सेना के ट्रक को निशाना बनाया और उस पर ग्रेनेड फेंक दिया। अटैक में 5 जवान शहीद हो गए। इस आतंकी हमले को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है। दरअसल, इसकी साजिश बॉर्डर पार पाकिस्तान से रची गई है। इधर पूरे इलाके की घेराबंदी कर तलाशी अभियान चलाया जा रहा है। 

पाकिस्तान में रची गई आतंकी हमले की साजिश

सू्त्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, 15 दिन पहले पाकिस्तान के आर्मी चीफ जनरल सैयद आसिम मुनीर ने एलओसी का दौरा किया था। तभी इस साजिश का खाका तैयार किया गया था। बताया गया है कि इस दौरे के दौरान ही पाकिस्तानी आर्मी के बड़े अधिकारियों के साथ उन्होंने बैठक की। बैठक में कर्नल सुल्तान को जम्मू कश्मीर में बड़े आतंकी हमले की जिम्मेदारी सौंपी गई और साथ में जम्मू कश्मीर में कैसे आतंकवाद को रिवाइव करना है उसकी भी जिम्मेदारी दी गई।

भारत के खिलाफ षड्यंत्र में चीन भी शामिल

यहीं नहीं पाक की इस नापाक साजिश में चीन भी शामिल है। आतंकवादियों ने जवानों पर फायरिंग करने के लिए चीन की बनी बुलेट्स का इस्तेमाल किया है। ये चाइनीज बुलेट आतंकियों की तरफ से डांगरी में हुए टारगेटिंग किलिंग में भी इस्तेमाल की गई थीं। इससे साफ जाहिर हुआ है कि चीन आतंकवादियों को गोला-बारूद सप्लाई कर रहा है। दोनों देश मिलकर भारत के खिलाफ षड्यंत्र रच रहे हैं।

सेना ने हमले में शहीद जवानों के नाम व तस्वीरें जारी की

इधऱ, भारतीय सेना ने बृहस्पतिवार को जम्मू-कश्मीर के पुंछ में हुए आतंकी हमले में शहीद होने वाले पांच जवानों के नाम व उनकी तस्वीरें जारी की हैं। शहीद जवानों में पांच जवान पंजाब तो एक जवान ओडिशा से हैं। शहीद सैनिकों में हवलदार मनदीप सिंह, लांस नायक देबाशीष बसवाल, लांस नायक कुलवंत सिंह, सिपाही हरकृष्न सिंह और सिपाही सेवक सिंह हैं।

बीते दो सालों में हुए 4 बड़े आतंकी हमले

जम्मू-कश्मीर में आर्टिकल 370 हटाए जाने के बाद से आतंकी हमलों में कमी दर्ज की गई है। इसके बावजूद आतंकियों पर पूरी तरह से रोक नहीं लगाई जा सकी है। बीते दो सालों में जम्मू-कश्मीर में 4 बड़े आतंकी हमले हुए हैं। 11 अक्टूबर, 2021 को पुंछ जिले के सुरंग कोट तहसील में हुए एक आतंकी हमले में पांच भारतीय सेना के जवानों की शहादत हुई थी। 16 अक्टूबर, 2021 को पुंछ जिले में हुए आतंकी हमले में 4 जवान शहीद हुए थे। 11 अगस्त, 2022 को राजौरी के परगल इलाके में आर्मी कैंप में हुए एक आतंकी हमले में 5 जवान शहीद हुए थे, जबकि इस हमले को अंजाम देने वाले दोनों हमलावर फिदायीन को सुरक्षा बलों ने मार गिराया था। वहीं, 1 जनवरी, 2023 को राजौरी के डांगरी में हुए एक आतंकी हमले में हिंदू समुदाय के 7 लोगों को आतंकियों ने मौत के घाट उतार दिया था।