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उत्तरप्रदेश के एक डॉन को रोपड़ जेल में रखने पर कानूनी खर्च की भरपाई पंजाब सरकार उन मंत्रियों से करेगी, जिन्होंने उसे रखने की सलाह दी थी, पंजाब के सीएम का फैसला

पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने गुरुवार को कहा कि यूपी के एक डॉन को रोपड़ जेल में रखने पर हुए कानूनी खर्च की भरपाई पंजाब सरकार उन मंत्रियों से करने पर विचार कर रही है जिन्होंने यह आदेश दिया था।

आम आदमी पार्टी सरकार द्वारा पुलिस जांच के आदेश से खुलासा हुआ था कि गैंगस्टर से नेता बने मुख्तार अंसारी जनवरी 2019 से अप्रैल 2021 तक दो साल और तीन महीने के लिए रोपड़ की जेल में बंद थे। उस समय कैप्टन अमरिंदर सिंह पंजाब के मुख्यमंत्री थे।

एडीजीपी रैंक के एक अधिकारी द्वारा की गई जांच में कुछ जेल अधिकारियों के खिलाफ कथित रूप से रिश्वत लेने और उन्हें रोपड़ में जेल में रखने के लिए भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत कार्यवाही की सिफारिश की गई है। आप सरकार ने पिछले साल जांच के आदेश दिए थे।

सीएम मान ने गुरुवार को कहा कि उनके खिलाफ 48 बार वारंट जारी किया गया, ताकि उन्हें उत्तर प्रदेश भेजा जा सके, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। उन्हें यहां जेल में रखने का कानूनी खर्च 55 लाख रुपये था। हम यह खर्च उन मंत्रियों से वसूलने पर विचार कर रहे हैं जिन्होंने उन्हें रोपड़ जेल में रखने का फैसला किया।

अजब गजब, उत्तराखंड के पौड़ी में बंदरों को पकड़ने के लिए लगाया पिंजरा, कैद हो गया गुलदार, देखकर छूटे लोगों के पसीने

 उत्तराखंड के पौड़ी में नागदेंव रेंज के अणेथ गांव में वन विभाग ने बंदरों को पकड़ने के लिए पिंजरा लगाया था लेकिन पिंजरे में बंदर की जगह गुलदार फंस गया। जबकि एक अन्य गुलदार मौके से भाग गया। ग्रामीणों की सूचना पर वन विभाग की टीम पहुंची और गुलदार का मेडिकल परीक्षण कराया गया। मेडिकल जांच में गुलदार स्वस्थ मिला। वन विभाग की टीम जल्द ही गुलदार को जंगल में छोड़ देगी।

गढ़वाल वन प्रभाग के नागदेव रेंज स्थित अणेथ गांव व आसपास के गांवों में बंदरों का उत्पात बना हुआ है। एक ग्रामीण ने बताया कि बंदर अब तक कई लोगों को काटकर घायल कर चुके हैं। बंदर घरों में घुसकर खाद्य पदार्थों को नुकसान पहुंचा रहे हैं।

 ग्रामीणों की मांग पर कुछ माह पहले वन विभाग ने बंदरों को पकड़ने के लिए पिंजरा लगाया था। पिंजरे में अभी तक कोई बंदर नहीं फंसा। अणेथ गांव में एक ग्रामीण ने बताया कि वह सुबह पांच बजे उठे तो देखा कि घर के पास बंदर पकड़ने के लिए लगाए पिंजरे में गुलदार फंसा है।

एक अन्य गुलदार पिंजरे के पास घूम रहा है। शोर मचाने के बाद दूसरा गुलदार भाग गया। इसके बाद उन्होंने सूचना ग्रामीणों और वन विभाग को दी। ग्रामीणों ने कहा कि बंदर से परेशान थे अब गुलदार भी आ धमका है।

उन्होंने वन विभाग से प्रभावित क्षेत्र में पिंजरा लगाने की मांग की। वहीं नागदेव रेंज के वन क्षेत्राधिकारी ललित मोहन नेगी ने बताया कि गुलदार करीब एक साल की मादा है। उसे रेस्क्यू कर मॉडल क्रू स्टेशन बुआखाल लाया गया। मेडिकल परीक्षण में वह स्वस्थ है। उन्होंने बताया कि प्रभावित ग्रामीण क्षेत्र में गश्त बढ़ा दी गई है।

माफिया अतीक अहमद की पत्नी शाइस्ता परवीन और मुख्तार अंसारी की पत्नी अफ्शां अंसारी को पकड़ने में यूपी की पुलिस नाकाम, दोनों पर 50-50 हजार रुपये का इनाम भी है घोषित



उत्तर प्रदेश में माफिया की पत्नियों को पड़कने में पुलिस नाकाम साबित हो रही है। माफिया अतीक अहमद की पत्नी शाइस्ता परवीन और मुख्तार अंसारी की पत्नी अफ्शां अंसारी पुलिस की गिरफ्त से दूर हैं। दोनों पर पुलिस ने 50-50 हजार रुपये का इनाम रखा हुआ है। पुलिस की टीमें दोनों को पकड़ने के लिए लगातार छापेमारी कर रही हैं, लेकिन सफलता नहीं मिल रही है।

प्रयागराज में 24 फरवरी को उमेश पाल की हत्या हुई थी। 25 फरवरी को उमेश की पत्नी ने अतीक, अशरफ, शाइस्ता, अतीक के बेटे, गुड्डू मुस्लिम, उस्मान समेत अतीक के कई अज्ञात गुर्गों और सहयोगियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी। पुलिस ने आरोपियों पर इनाम भी घोषित किया था। शाइस्ता पर 50 हजार का इनाम घोषित किया गया है।

अतीक और अशरफ की हत्या के बाद पुलिस फरार शाइस्ता की तलाश में जुटी है। शाइस्ता पुलिस के लिए बड़ी चुनौती बनी है। शाइस्ता किसी सुरक्षित ठिकाने पर छिपी है। शाइस्ता बेटे के एनकाउंटर के बाद और अपने शौहर और देवर की हत्या के बाद चेहरा तक देखने के लिए नहीं आईं। 

वहीं, अशरफ की पत्नी जैनब भी फरार है। जैनब भी अपने शौहर के जनाजे में शामिल नहीं हुई थी। जैनब भी अपने शौहर का आखिरी बार चेहरा देखने नहीं पहुंची थी। दरअसल, उमेश पाल की हत्या के दौरान जैनब अपने घर पर थी। पुलिस जैनब को पकड़कर लाई और पूछताछ के बाद शांति भंग में चालान कर दिया था। हालांकि बाद में पुलिस ने जैनब को भी वांछित कर दिया।

सेना की गाड़ी में लगी भीषण आग, चार जवान शहीद, कई जवान घायल

 

 इस वक्त की बड़ी खबर जम्मू-कश्मीर से आ रही है, जहां सेना की गाड़ी में भीषण आग लग गई है। इस हादसे में चार जवानों के शहीद होने की खबर है जबकि कई जवानों के गाड़ी में फंसे होने की बात कही जा रही है। हादसा पुंछ-जम्मू नेशनल हाइवे पर भाटादूडियां क्षेत्र की है।

हादसे की जानकारी मिलते ही सेना के बड़े अधिकारी मौके पर पहुंचे हैं। बड़ी संख्या में आसपास के लोग मौके पर पहुंचे है। घटनास्थल पर अफरा-तफरी का माहौल हो गया है। आग की चपेट में आने से कुछ जवानों के घायल होने की भी खबर है। 

मौके पर दमकल की गाड़ियां पहुंच गईं हैं, राहत और बचाव कार्य शुरू कर दिया गया है। स्थानीय लोगों की मदद से आग पर काबू पाने की कोशिश की जा रही है। पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और सेना ने भी अपने स्तर पर मामले की जांच शुरू कर दी है।

पीएम मोदी ने वैश्विक बौद्ध शिखर सम्मेलन को किया संबोधित, कहा-भगवान बुद्ध के उपदेशों का अनुसरण कर भारत तेजी से आगे बढ़ा

#globalbuddhistsummitpmmodi_speech 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज दिल्ली में पहले वैश्विक बौद्ध शिखर सम्मेलन का उद्घाटन किया।आज के कार्यक्रम के लिए चीन को भी न्योता गया था लेकिन उसकी सीट खाली रही। हां, ताइवान से जरूर प्रतिभागी शामिल हुए हैं। सबसे बड़ा बौद्ध दल वियतनाम से आया है। इस कार्यक्रम में दलाई लामा को भी आना था लेकिन स्वास्थ्य ठीक न होने के कारण वह शामिल नहीं हो सके।

बुद्ध के उपदेशों का अनुसरण कर भारत तेजी से आगे बढ़ा-पीएम मोदी

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि इस कार्यक्रम में दुनिया के विभिन्न हिस्सों से बौद्ध भिक्षुओं की उपस्थिति हमें भगवान बुद्ध की उपस्थिति का एहसास कराती है।पीएम ने कहा कि भारत ने सिद्धांत, व्यवहार एवं अनुभव के रास्ते पर चलते हुए भगवान बुद्ध के उपदेशों का अनुसरण किया है। इन सभी में भारत तेजी से आगे बढ़ा है। भारत ने इतने सारे क्षेत्रों में अपना पहला स्थान हासिल किया है और उसने भगवान बुद्ध से उसी के लिए महान प्रेरणा प्राप्त की है। पीएम ने कहा कि बुद्ध का मार्ग सिद्धांत, अभ्यास और अहसास है। पिछले 9 वर्षों में भारत इन तीनों ही बिन्दुओं पर तेजी से आगे बढ़ रहा है। भूकंप की चपेट में आने के बाद तुर्किये सहित अन्य लोगों की मदद करने वाले देश का हवाला देते हुए पीएम ने कहा कि भारत ने हर इंसान के दर्द को अपना माना है

चीन को बड़ा संदेश

पीएम ने युद्ध और शांति की बात करते हुए चीन को बड़ा संदेश दिया। बॉर्डर पर बार-बार दुस्साहस करने वाले चीन को इशारों में मैसेज देते हुए पीएम ने कहा कि कुछ साल पहले संयुक्त राष्ट्र में मैंने गर्व के साथ कहा था कि भारत ने दुनिया को युद्ध नहीं, बुद्ध दिए हैं। उन्होंने कहा कि जहां बुद्ध की करुणा हो, वहां संघर्ष नहीं समन्वय होता है, अशांति नहीं शांति होती है।आज दुनिया जिस युद्ध और अशांति से पीड़ित है, उसका समाधान बुद्ध के उपदेशों में है।’उन्होंने कहा, ‘हमें विश्व को सुखी बनाना है तो स्व से निकलकर संसार, संकुचित सोच को त्यागकर, समग्रता का यह बुद्ध मंत्र ही एकमात्र रास्ता है।

हर राष्ट्र की प्राथमिकता अपने देश के साथ विश्व हित भी हो-पीएम मोदी

वैश्विक बौद्ध शिखर सम्मेलन के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि सभी को अपने आस-पास गरीबी से जूझ रहे लोगों के बारे में और साथ ही संसाधनों के अभाव में फंसे देशों के बारे में सोचना ही होगा। उन्होंने कहा, ‘एक बेहतर और स्थिर विश्व की स्थापना के लिए यही एक मार्ग है। आज यह समय की मांग है कि हर व्यक्ति की, हर राष्ट्र की प्राथमिकता अपने देश के हित के साथ ही विश्व हित भी हो।

विश्व की ऐसी कोई समस्या नहीं, जिसका समाधान बुद्ध के उपदेशों में नहीं-पीएम मोदी

आज एक ओर महीनों से दो देशों में युद्ध चल रहा है तो वहीं दुनिया आर्थिक अस्थिरता से भी गुजर रही है। आतंकवाद और मज़हबी उन्माद जैसे खतरे मानवता की आत्मा पर प्रहार कर रहे हैं। जलवायु परिवर्तन जैसी चुनौती पूरी मानवता के अस्तित्व पर आफत बनकर मंडरा रही है। ग्लेशियर्स पिघल रहे हैं। पारिस्थितकीय तंत्र नष्ट हो रहे है। प्रजातियां विलुप्त हो रही हैं। लेकिन इन सबके बीच हमारे आप जैसे करोड़ों लोग भी हैं जिन्हें बुद्ध में आस्था है और जीव मात्र के कल्याण में विश्वास है। प्रधानमंत्री ने इस उम्मीद को धरती की सबसे बड़ी ताकत करार दिया और कहा कि जब यह ताकत एकजुट होगी तो बुद्ध का धम्म विश्व की धारणा बन जाएगा और बुद्ध का बोध मानवता का विश्वास बन जाएगा। उन्होंने कहा कि आधुनिक विश्व की ऐसी कोई समस्या नहीं है जिसका समाधान सैंकड़ों वर्ष पहले दिए गए बुद्ध के उपदेशों में न हो।

पीएम मोदी और कश्मीर को लेकर अक्सर “जहर” उगलने वाले बिलावल भुट्टो भारत आएंगे, नवाज शरीफ के बाद किसी पाकिस्तानी नेता की पहली यात्रा

#pak_foreign_minister_bilawal_bhutto_to_visit_india_attend_sco_meet 

भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कश्‍मीर को लेकर जहर उगलने वाले पाकिस्‍तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी भारत दौरे पर आ रहे हैं। पाकिस्‍तान के विदेश विभाग की तरफ से गुरुवार को इस बात की जानकारी दी गई है कि बिलावल, गोवा में होने वाले शंघाई को-ऑपरेशन ऑर्गनाइजेशन (एससीओ) देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक में शिरकत करेंगे। बता दें कि, वर्ष 2014 में तत्कालीन प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के बाद यह किसी सत्तारूढ़ पाकिस्तानी नेता की पहली भारत यात्रा होगी।

बिलावल की यह यात्रा अगले महीने के शुरूआत में 4 मई को होगी। आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, आगामी 4-5 मई को भारत में चीन की अगुवाई वाले शंघाई को-ऑपरेशन आर्गनाइजेशन (एससीओ) की बैठक होगी। बिलावल यहां गोवा में शंघाई कोऑपरेशन ऑर्गनाइजेशन (एससीओ) के सदस्य देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक में हिस्सा लेंगे।

मार्च में पाकिस्‍तान की तरफ से बयान दिया गया था कि अभी तक भुट्टो के भारत जाने के मसले पर कोई फैसला नहीं लिया गया है। भुट्टो एससीओ की मीटिंग में आएंगे या नहीं इस बात को लेकर कई दिनों से अटकलें तेज थीं। गुरुवार को पाकिस्‍तान विदेश विभाग की प्रवक्‍ता मुमताज जाहरा बलोच ने बिलावल के भारत दौरे पर आधिकारिक जानकारी दी।

बिलावल दूसरी बार भारत आएंगे

साल 2014 के बाद से पहला मौका होगा जब पाकिस्‍तान का कोई हाई-प्रोफाइल नेता भारत आएगा। उस साल जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहली बार केंद्र की सत्‍ता में आए थे तो तत्‍कालीन पाक पीएम नवाज शरीफ को भी शपथ ग्रहण के लिए बुलाया गया था। बिलावल दूसरी बार भारत आएंगे। साल 2012 में वह अपने पिता और पाकिस्‍तान के तत्‍कालीन राष्‍ट्रपति आसिफ अली जरदारी के साथ भारत आए थे। दोनों ने अजमेर जाकर मजार-ए-शरीफ पर चादर भी चढ़ाई थी। बिलावल ने उस समय बयान दिया था कि पाकिस्‍तान, भारत के साथ शांति चाहता है।

पीएम मोदी पर विवादित टिप्‍पणी

बिलावल भुट्टो पाकिस्तानी राजनीति में अपनी 'भारत विरोधी' बयानबाजी के चलते सुर्खियों में रहे हैं।दिसंबर 2022 में यूनाइटेड नेशंस के एक कार्यक्रम में बिलावल ने पीएम मोदी पर विवादित टिप्‍पणी की थी। बिलावल ने सारी हदों को पार करते हुए अल कायदा के मोस्‍ट वॉन्‍टेड आतंकी ओसामा बिन लादेन से पीएम मोदी की तुलना कर डाली थी। उन्‍होंने कहा था कि कोई भी शब्‍द या आलोचना भारत में भगवा आतंकवाद के अपराधों को छिपा नहीं सकता है। भुट्टो का यह विवादित बयान भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर की ओर से आतंकवाद को समर्थन देने को लेकर पाकिस्तान पर तीखा हमला करने के बाद आया था।

लंदन भागने की फिराक में थी भगोड़े अमृतपाल की पत्नी, पुलिस ने अमृतसर एयरपोर्ट से हिरासत में लिया

#amritpal_singh_wife_kirandeep_kaur_detained_from_amritsar_airport 

खालिस्तान समर्थक नेता और ‘वारिस पंजाब दे’ संगठन के प्रमुख अमृतपाल सिंह की पत्नी किरणदीप कौर को गुरुवार को ब्रिटेन जाने से रोक दिया गया। किरणदीप कौर गुरुवार को लंदन की फ्लाइट पकड़ने के लिए अमृतसर एयरपोर्ट पहुंची जहां से उसे हिरासत में ले लिया।

सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक किरणदीप कौर अमृतसर एयरपोर्ट से बर्मिंघम भागने की फिराक में थी, इसी सिलसिले में वह अमृतसर एयरपोर्ट पहुंची थी। सूत्रों के अनुसार, किरणदीप कौर सुबह 11.40 बजे एयरपोर्ट पहुंची थी। ढाई बजे की फ्लाइट से वह यूके जा रही थी। इस दौरानगुप्त सूचना के आधार पर एयरपोर्ट पर पहले से ही मौजूद पुलिस ने उसे हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी।बता दें कि किरणदीप कौर पर खालिस्तानी समर्थकों को फंडिंग करने का आरोप है। 

बतताया जा रहा है कि लिस्ट में नाम देख इमीग्रेशन ने उन्हें रोका और उनसे पूछताछ की।उन्होंने इमिग्रेशन काउंटर को सूचना दी तो लुक आउट सर्कुलर होने के कारण इमिग्रेशन ने उन्हें यात्रा करने की अनुमति नहीं दी और उन्हें हिरासत में ले लिया गया। 

किरणदीप कौर से अमृतपाल की फरारी के बाद पहले भी पूछताछ कर चुकी है। चूंकि किरणदीप कौर यूके की नागरिक है, इसलिए यहां यह भी उल्लेखनीय है कि उसके पासपोर्ट की भारत में कितनी मियाद थी। सूत्रों का कहना है कि पुलिस इस बारे में जानने की कोशिश कर रही है कि वह कितने समय के लिए पासपोर्ट पर भारत में रह सकती थी। किरणदीप कौर ने पहले दिए एक इंटरव्यू में यह भी कहा था कि दो माह बाद उन्हें भारत छोड़ना पड़ेगा।

अमृतपाल की पत्नी किरणदीप कौर की आतंकवादी संगठन बब्बर खालसा के साथ निकटता है। शादी से पहले किरणदीप एक ऑनलाइन कंपनी में काम करती थी। अब कोई काम नहीं कर रही है। वह सोशल मीडिया के माध्यम से ही एक वर्ष पहले अमृतपाल के संपर्क में आई थी। अमृतपाल सिंह ने इसी साल 10 फरवरी को यूके में रहने वाली इस एनआरआई किरणदीप कौर से शादी की थी। दोनों की शादी को बड़े गुपचुप तरीके से अमृतपाल सिंह के पैतृक गांव जल्लूपुर खेड़ा में किया गया था।

कर्नाटक विधानसभा चुनावःबीजेपी के स्टार प्रचारकों की लिस्ट से तेजस्वी सूर्या गायब, कांग्रेस ने बताया- ‘नफरती चिंटू’

#karnataka_assembly_election_bjp_keeps_tejasvi_surya_away_from_star_campaigner 

भाजपा ने कर्नाटक विधानसभा चुनाव के लिए बुधवार को अपने 40 स्टार प्रचारकों की सूची जारी की। इस सूची में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह सहित आठ कैबिनेट मंत्रियों, योगी आदित्यनाथ सहित भाजपा राज्यों के तीन मुख्यमंत्रियों के साथ-साथ राज्य के कई वरिष्ठ नेताओं का नाम है।

अब इस लिस्ट को लेकर भी कर्नाटक की सियासत शुरू हो गई है। दरअसल इस लिस्ट से दक्षिण बेंगलुरु से बीजेपी सांसद तेजस्वी सूर्या, प्रताप सिम्हा और पूर्व सीएम बी.एस. येदियुरप्पा के बेटे बी.वाई. विजयेंद्र का नाम गायब है। सूर्या आरएसएस के स्वयंसेवक और बीजेपी के युवा मोर्चा अध्यक्ष हैं, जो अपनी मजबूत हिंदुत्व राजनीति के लिए जाने जाते हैं।

कांग्रेस का तंज

इधर कांग्रेस ने तेजस्वी को 'नफरती चिंटू' करार देते हुए कहा कि उनके राज्य में भी किसी को उनकी परवाह नहीं है और उनके लिए ऊंचे घोड़ों से नीचे उतरने का समय आ गया है। कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने ट्वीट कर लिखा कि कांग्रेस को ज्ञान बांटने वाले महानुभावों, एक नजर बीजेपी की कर्नाटक स्टार प्रचारक की सूची पर भी तो डालिए।उन्होंने आगे लिखा कि सिर्फ स्वघोषित टाइगर श्रीमंत सिंधिया ही नहीं, बेंगलुरु के सांसद और भारतीय जनता युवा मोर्चा के अध्यक्ष श्रीमान तेजस्वी 'इमरजेंसी exit' सूर्या भी लिस्ट से नदारद हैं। नफरती चिंटू का अपने ही राज्य में कोई पुच्छत्तर नहीं है। चने की झाड़ पर से उतर आओ अब।

फ्लाइट के इमरजेंसी एग्जिट को खोलने पर हो चुका है विवाद

दरअसल, तेजस्वी सूर्या एक इंडिगो फ्लाइट के इमरजेंसी एग्जिट को 'गलती से खोलने' के बाद भी एक विवाद में बुरे फंस गए थे। जिसकी वजह से विमान के यात्रियों को देरी का सामना करना पड़ा था। वह इंडिगो की फ्लाइट में यात्रा कर रहे थे। इस मामले का घटना के हफ्तों बाद खुलासा हुआ था।

बता दें कि पिछले साल दिसंबर में तेजस्वी सूर्या का नाम एक बड़े विवाद से जुड़ गया था। वो इंडिगो की फ्लाइट से चेन्नई जा रहे थे। तभी उन्होंने विमान का आपातकालीन दरवाजा खोल दिया। बाद में उन्होंने इसको लेकर माफी भी मांगी, लेकिन फ्लाइट इस घटना की वजह से लेट हो गई। उसी को लेकर अब कांग्रेस ने उन पर तंज कसा है।

एलन मस्क का बड़ा ऐलान, आज से हटा दिए जाएंगे ब्लू टिक

#elon_musk_big_announcement_over_blue_tick 

एलन मस्क ने जब से ट्विटर को खरीदा है, तब से ये लगातार किसी न किसी वजह से चर्चा में है। ट्विटर को लेकर मस्क ने शुरुआत से ही कई बड़े बदलाव कर चुके हैं।जिसमें से सबसे प्रमुख इसका ब्लू टिक सब्सक्रिप्शन है।एलन मस्क ने हाल ही में एक ट्वीट के माध्यम से जानकारी दी थी कि कब से आपका ट्विटर ब्लू टिक हट जाएगा।ट्विटर आज से यानी 20 अप्रैल से पुराने वेरिफिकेशन सिस्टम से मिले ब्लू टिक को हटाने की प्रोसेस शुरू कर रहा है।

इससे पहले कंपनी ने 1 अप्रैल से लीगेसी ब्लू टिक हटाने का ऐलान किया था। हालांकि, माइक्रोब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म ने चुनिंदा अकाउंट से ही वेरिफाइड चेकमार्क हटाया। लेकिन ट्विटर के मालिक एलन मस्क अपने फैसले पर कायम नजर आते हैं, क्योंकि कंपनी ने ट्वीट करते हुए 20 अप्रैल से नीला निशान हटाने की जानकारी दी है।

एलॉन मस्क ने ब्लू टिक को लेकर 12 अप्रैल को ट्वीट किया था। मस्क ने बताया था कि 20 अप्रैल से ट्विटर से लेगेसी ब्लू टिक मार्क यानी वेरिफाई अकाउंट से हट जाएगा। उन्होंने अपने ट्विट में कहा कि "लेगेसी ब्लू चेकमार्क 20 अप्रैल से हटा दिए जाएंगे।" साथ ही अगर ब्लू टिक चाहिए तो मंथली चार्ज देना पड़ेगा, जिसके बाद ही अकाउंट पर ब्लू टिक मार्क एक्टिव किया जाएगा।

बता दें कि ट्विटर पर ब्लू टिक देने का सिलसिला 2009 में शुरू किया गया। हालांकि ये टिक मार्क सभी यूजर्स को नहीं दिया जाता था। इससे पहले कंपनी सेलिब्रिटीज, जर्नलिस्ट, राजनेताओं आदि का वेरिफिकेशन फ्री में करती थी। वेरिफिकेशन कंप्लीट होने के बात ब्लू टिक मिलता था। ये बैज बताता है कि यूजर ट्विटर द्वारा वेरिफाइड है और फेक अकाउंट नहीं है। अक्सर देखा जाता है कि मशहूर हस्तियों के नकली अकाउंट्स बने होते हैं। ऐसे में ब्लू चेकमार्क से असली अकाउंट की पहचान होती है।हालांकि एलन मस्क के आने के बाद कई बदलाव किए गए हैं। इसमें ब्लू टिक के लिए चार्ज लेना भी शामिल है।

आज सुलझेगा असम-अरुणाचल सीमा विवाद, अमित शाह की मौजूदगी में होगा एमओयू पर हस्ताक्षर

#assam_and_arunachal_pradesh_to_sign_mou_on_border_dispute 

असम और अरुणाचल प्रदेश के बीच दशकों से चला आ रहा सीमा विवाद आज खत्म हो जाएगा। दरअसल केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की उपस्थिति में असम और अरुणाचल प्रदेश सरकार के बीच नई दिल्ली में दोनों राज्यों के बीच लंबे समय से लंबित सीमा विवाद को हल करने के लिए एक समझौता ज्ञापन पर गुरुवार को हस्ताक्षर किए जाएंगे।

असम सरकार की गठित 12 क्षेत्रीय समितियों द्वारा दी गई सिफारिशों को बुधवार को मंजूरी दी गई है। कैबिनेट के फैसलों की घोषणा करते हुए असम के मंत्री अशोक सिंघल ने कहा कि असम और अरुणाचल प्रदेश के बीच लंबे समय से लंबित सीमा विवाद का मुद्दा सुलझने जा रहा है। इससे पहले मार्च 2022 में, असम और मेघालय सरकारों ने अपने 50 साल पुराने लंबित सीमा विवाद को हल करने के लिए एक ऐतिहासिक समझौते पर हस्ताक्षर किए थे।

क्या है असम अरुणाचल प्रदेश सीमा विवाद?

अरुणाचल प्रदेश की सरकार का दावा है कि असम से अलग होने के बाद असम को पारंपरिक रूप से अरुणाचल प्रदेश के निवासियों की कुछ भूमि असम को दे दी गई थी। दोनों राज्यों के बीच 804 किलोमीटर लंबी साझा सीमा है। दोनों ही यह दावा करते हैं कि एक राज्य के नागरिक दूसरे के क्षेत्र में अतिक्रमण कर रहे थे जिसके चलते यहां हिंसा भी हुई थी और 1989 में यह मामला सुप्रीम कोर्ट में जा पहुंचा था।