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ज्ञानपुर: 1952 में हुआ नगर पंचायत का गठन, दो नगर पंचायतों में यह सबसे पुरानी


नितेश श्रीवास्तव

भदोही।जिले की दो नगर पालिकाओं और पांच नगर पंचायतों में सबसे पुरानी नगर पंचायत ज्ञानपुर का इतिहास रोचक है। 1952 में इस नगर पंचायत का गठन हुआ। नरोत्तम लाल पहले चेयरमैन बने। उसके बाद करीब 11 बार उपचुनाव और चुनाव हुए। एक दंपती का ही नगर पंचायत पर करीब दो दशक तक कब्जा रहा।

ज्ञानपुर नगर पंचायत का इलाका आजादी के पहले महाराजा काशी नरेश के अधीन ही रहा

जिले में निकाय चुनाव की उल्टी गिनती शुरू हो गई है। आज से नामांकन भी शुरू हो जाएगा। ऐसे में टिकट की जोर आजमाइश तेजी से जारी है। जिले की सबसे पुरानी नगर पंचायतों में से एक ज्ञानपुर नगर पंचायत का इलाका आजादी के पहले महाराजा काशी नरेश के अधीन ही रहा। 1952 में नगर पंचायत का गठन हुआ। पहले चुनाव में नरोत्तम लाल यहां के चेयरमैन चुने गए। 1957 में बटुक लाल दूसरे और 1962 में राधेश्याम श्रीवास्तव को तीसरे चेयरमैन बनने की उपलब्धि हासिल हुई। राधेश्याम दो बार चुनाव जीते और करीब एक दशक तक चेयरमैन रहे।

घनश्यामदास गुप्ता तीन बार जीत दर्ज कर 2000 तक ज्ञानपुर नगर के चेयरमैन रहे

1971 में यूसुफ खां चेयरमैन बने, लेकिन दो साल में ही उनका निधन हो गया, जिससे उपचुनाव कराना पड़ा। इसमें डॉ. खिलाड़ी श्रीवास्तव चेयरमैन निर्वाचित हुए। 1975 से लेकर 1977 तक कार्यवाहक अध्यक्ष यज्ञ नारायण मालवीय रहे। उसके बाद घनश्यामदास गुप्ता तीन बार जीत दर्ज कर 2000 तक ज्ञानपुर नगर के चेयरमैन रहे। 2006 में उनकी पत्नी विद्या देवी को चेयरमैन बनने का अवसर मिला। 2012 और 2017 के चुनाव में हीरालाल मौर्य ने बाजी मारी। अब 2023 में होने वाले चुनाव में बाजी किसके हाथ लगेगी, यह आने वाला समय बताएगा।

पांच लाख की आर‌ओ मशीन बेकार, गर्मी में नहीं पीने को मिलेगा ठंडा पानी


नितेश श्रीवास्तव

भदोही। नगर की जनता के साथ ही राहगीरों, विद्याथिर्यों को शीलत पेयजल उपलब्ध कराने की योजना ठंडे बस्ते में चली गई है। पांच लाख रुपए से स्थापित आरो मशीन सफेद हाथी साबित हो रही है। वहां जाने परे पर पानी न पाकर लोग मायूस होकर लौट रहें। संबंधित विभाग द्वारा इस तरफ तनिक भी ध्यान नहीं दिया जा है। जबकि गर्मी शुरू हो गई है। इसके बाद यह हाल है।

बता दें कि नगर की जनता की मांग पर नगर पंचायत प्रशासन की ओर से पांच लाख रुपए की लागत से आरो मशीन शीतल पाल तिराहे के पास लगायी गई थी, उक्त तिराहा बाबा हरिहरनाथ मंदिर, ज्ञानपुर तहसील मुख्यालय,काशी नरेश राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय तथा डाक व क‌ई बैंकों को जोड़ने का काम करता है। लोग आरो मशीन से ठंडा पानी लेकर उसका सेवन करते थे। इधर क‌ई महीनों से यह मशीन खराब पड़ी है।

मरम्मत के लिए संबंधित विभाग के अधिकारियों से कहा गया, लेकिन संज्ञान नहीं लिया जा रहा है। संबंधित अधिकारियों से क‌ई बार अवगत कराया गया, लेकिन वे संज्ञान नहीं ले रहे हैं। नगर पंचायत के ईओ ने कहा कि मामला संज्ञान में है। जल्द ही मरम्मत कराने का काम किया जाएगा। इससे लोगों को राहत मिलेगी।

*परीक्षा में तीन हजार विद्यार्थी करेंगे प्रतिभाग*


रिपोर्ट - नितेश श्रीवास्तव

भदोही। काशी नरेश राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय में कल से होने वाली दो दिवसीय स्किल डेवलपमेंट परीक्षा को लेकर शिक्षकों संग बैठक प्राचार्य डॉ पीएन डोंगरे ने ली। परीक्षा को कड़ाई से कराने का निर्देश दिया। चेताया कि इस परीक्षा में किसी स्तर से लापरवाही नहीं हो नहीं चाहिए।

इस दौरान प्राचार्य ने बताया कि केएनपीजी काॅलेज में 17 व 18 अप्रैल को अप्रुवमेंट की परीक्षा होगी। इसमें करीब तीन हजार विद्यार्थी प्रतिभाग करेंगे। परीक्षा की तैयारी करीब पूरी कर ली गई है। परीक्षा दो पालियों में कराया जाएगा। 12 दिशाओं की परीक्षा में शामिल होने वाले हर विद्यार्थीयों पर सीसीटीवी कैमरे की नजर होगी। गेट पर सघन चेकिंग के बाद छात्र - छात्राओं को अंदर जाने की अनुमति मिलेगी।

*सातों निकाय में बनेंगे एक-एक पिंक बूथ*


रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव

भदोही। नारी सशक्तीकरण का नारा हर सरकार बुलंद करती आई है, लेकिन इस बार निकाय चुनाव में आयोग की पहल पर गुलाबी बूथ पर नारी शक्ति की झलक दिखेगी। सातों निकायों में एक-एक पिंक बूथ बनाए जाएंगे। जिसके चयन की कवायद शुरू हो गई है। यहां पर मतदान कर्मी से लेकर सुरक्षाकर्मी तक महिला ही रहेगी।

देश की महिलाओं ने विश्व पटल पर अपना परचम लहरा दिया है, लेकिन इस बार के निकाय चुनाव में उन्हें एक नई उपलब्धि हासिल होगी और उनका आत्मविश्वास भी दिखेगी। चुनाव आयोग ने इसी मकसद से महिलाओं को मतदान की कमान सौंपी है। इसके लिए सभी निकाय क्षेत्रों में पिक बूथ बनाए जाएंगे। इन बूथों पर पीठासीन अधिकारी से लेकर मतदान अधिकारी प्रथम, द्वितीय के साथ ही साथ अन्य सभी कर्मचारी भी महिलाएं ही होंगी। यही नहीं सुरक्षाकर्मी भी महिलाएं होगी।

सातों निकाय ज्ञानपुर, गोपीगंज, नई बाजार, सुरियावां, घोसिया, खमरिया और भदोही में एक-एक बूथ का चयन होगा। यहां पर बच्चों के खेलने की सुविधा, आंचल केंद्र और सेल्फी प्वाइंट भी होंगे। सहायक निर्वाचन अधिकारी पंचस्थानीय डीएस शुक्ला ने बताया कि पिंक बूथ बनाने का कार्य चल रहा है। सभी निकायों से एक-एक बूथ शामिल होंगे। 261 बूथों में सात बूथ पिंक होंगे। जहां सिर्फ महिलाएं ही मतदान अधिकारी, मतदान कर्मचारी और सुरक्षाकर्मी होंगी।

पिक बूथ पर लोगों को आकर्षित करने के लिए सजावट भी की जाएगी। सजावट में जो भी सामान प्रयोग किया जाएगा, वह गुलाबी रंग का ही होगा। जिससे यह बूथ अलग ही दिखेंगे। इन मतदान केंद्रों को दुल्हन की तरह सजाया जाएगा। मतदाताओं के लिए भी अलग से व्यवस्था की जाएगी। इसकी तैयारी भी शुरू कर दी गई है। बुजुर्गों के बैठने की सुविधा, बच्चों को स्तनपान कराने की भी व्यवस्था होगी।

छह में से पांच चुनावों में एक ही परिवार की जीत


नितेश श्रीवास्तव

भदोही। जिले के खमरिया नगर पंचायत में कालीन बेल्ट होने के कारण दूर-दूर से लोग आते हैं। इसका नाम विदेशों में भी जाना जाता है। 5 अप्रैल 1972 को कांग्रेस की सरकार में इसे नगर पंचायत का दर्जा दिया गया। यहां 1988 में पहला चुनाव हुआ। उसके तीस सालों तक नगर पंचायत की सीट पर एक ही परिवार दबदबा रहा। बीते चुनाव में नंद कुमार मौर्य ने जीत हासिल की, लेकिन उनका पूरा कार्यकाल विवादों से भरा रहा।

इस बार खमरिया की सीट पिछड़ी जाति के लिए आरक्षित है। 1972 में जब खमरिया को नगर पंचायत बनाया गया तो कांग्रेस के कद्दावर नेता अच्छूं खा को शासन की ओर से चेयरमैन मनोनीत किया गया। 1988 तक वहीं यहां चेयरमैन रहे। इसके बाद 1988 में जब पहला चुनाव हुआ तो रामधनी मौर्य ने जीत हासिल की। इसके बाद वे लगातार 2007 तक नगर पंचायत अध्यक्ष पद पर जीत हासिल करते आए। 2012 में महिला सीट होने पर उनकी पत्नी उषा देवी को जनता ने जीत दिलाई। इस तरह लगातार 30 सालों से तक खमरिया चेयरमैन पद पर एक ही परिवार का दबदबा रहा।

15 वार्डों वाले इस नगर पंचायत में 2017 के चुनाव में जनता ने बदलाव के नियत से वोटिंग की। इस चुनाव में सपा के टिकट पर नंद कुमार मौर्य ने जीत हासिल की, लेकिन उनका पूरा कार्यकाल विवादों से भरा रहा। जैम पोर्टल से डस्टबिन खरीद मामले में शासन स्तर से दो बार सस्पेंड हुए। इस अवधि में एसडीएम रहे चन्द्र शेखर और लाल बाबू दूबे ने प्रशासक के रुप में जिम्मेदारी संभाली। हालांकि अब एक बार फिर से चुनावी बिगुल बज चुका है। नगर पंचायत खमरिया में चुनावी सुगबुगाहट भी शुरू हो गई है। इस बार चुनाव में ऊंट किस करवट बैठेगी समय बतायेगा। फिलहाल नगर पंचायत में खूब चुनावी शोर है।

*जनपद में नहीं है कोरोना वैक्सीन*


रिपोर्ट - नितेश श्रीवास्तव

भदोही- कोविड-19 का खतरा एक बार फिर से बढ़ा है। शासन स्तर से मिले आदेश के बाद स्वास्थ्य विभाग भी अलर्ट हो गया है। चिकित्सालयों में माॅस्क के साथ कोविड नियमों का पालन भी अनिवार्य कर दिया गया है। जिले में 10 फरवरी के बाद से अब तक किसी भी वैक्सीन नहीं लग सकी है। समाप्त हो जाने के बाद शासन स्तर से अब तक वैक्सीन नहीं मिल पाई है। ऐसे में सतर्कता ही बचाव का उपाय है।

वैश्विक महामारी कोविड -19 का खतरा तेजी से बढ़ रहा है। इसको देखते हुए जिले में भी स्वास्थ्य विभाग तैयारियों में जुट गया है। आक्सीजन प्लांट सहित चिकित्सालयों में संसाधनों को परखा जा रहा है। इन सबके बीच सबसे बीच सबसे गंभीर समस्या यह है कि यहां 10 फरवरी के बाद अब तक किसी को वैक्सीन नहीं लग सकी है, क्योंकि उसके बाद से वैक्सीन की खेप अब तक नहीं आ सकी है। जबकि अभी भी जिले में 57 फीसदी लोग बूस्टर डोज से वंचित हैं।

हालांकि स्वास्थ्य विभाग का मानना है कि जिले में प्रथम व द्वितीय डोज लगाने के बाद अधिकतर लोग बाहर चले गए। जिसके कारण बूस्टर डोज कम ही लोगों को लग सका है। बीते फरवरी में शासन की ओर से जिले में 9100 वैक्सीन भेजी थी। एसी‌एम‌ओ डॉ सुरेश सिंह ने बताया कि वैक्सीन खत्म है। शासन से जरुरत के अनुसार वैक्सीन भेजी जाएगी।

*अवैध शराब के निर्माण और बिक्री पर भदोही पुलिस की बड़ी कार्यवाही*


रिपोर्ट- नितेश श्रीवास्तव

भदोह- नगर निकाय चुनाव को सकुशल, निष्पक्ष व पारदर्शी संपन्न कराए जाने को लेकर जनपद में अवैध शराब के निर्माण और बिक्री के विरूद्ध कार्यवाही को लेकर विशेष अभियान चलाया जा रहा है। विशेष अभियान के तहत शुक्रवार रात्रि में प्रभारी निरीक्षक भदोही के नेतृत्व में गठित पुलिस टीम द्वारा राजपुरा चौराहा पर चेकिंग के दौरान अंग्रेजी शराब में अपमिश्रण कर अन्य राज्यों में बिक्री और तस्करी करने वाले गिरोह के सरगना सहित दो शातिर अंतर्राज्यीय शराब तस्करों को गिरफ्तार करने में सफलता प्राप्त हुई है।  

गिरफ्तार शराब तस्करों के कब्जे से चार पहिया वाहन में 05 जरीकेन में 50 लीटर अपमिश्रित शराब, 1017 पाउच अंग्रेजी शराब 8PM 180ml (कुल 183 ली0), मिश्रण केमिकल यूरिया, गंधक व सुहागा बरामद किया गया है। गिरफ्तारी और बरामदगी के आधार पर शराब तस्करों के विरुद्ध मामला दर्ज कर लिया गया है।

बताया जा रहा है कि पुलिस के हत्थे चढ़े अंतर्राज्यीय शराब तस्करों के विरुद्ध हरियाणा, बिहार व राजस्थान में चोरी,आबकारी व आयुध अधिनियम के अन्तर्गत आधा दर्जन अभियोग पंजीकृत हैं। गिरोह के अन्य आपराधिक घटनाओं में संलिप्तता की जांच सहित आपराधिक इतिहास की जानकारी की जा रही है। वहीं, अब तक हुई पूछताछ में शराब तस्करों ने बताया कि हम लोगों का अपने आर्थिक, भौतिक व दुनियाबी लाभ व ज्यादा पैसा कमाने के लिए अंग्रेजी शराब में अपमिश्रण कर बिहार राज्य में महंगे दामों पर बेचने का सक्रिय गिरोह है, जिसका लीडर प्रकाश यादव है। शराब बिक्री के पश्चात जो पैसा कमाते है उसे आपस में बांट लेते है।

*स्वच्छ छवि का होना चाहिए हमारा प्रतिनिधि*


रिपोर्ट - नितेश श्रीवास्तव

भदोही। मतदाता लोकतंत्र के इस महोत्सव में प्रतिनिधियों को चुनने के लिए कसौटियों पर कसने है। युवा मतदाताओं ने शिक्षा, सुरक्षा और स्वास्थ्य के मुद्दों पर वोट करने की ठानी है। ज्यादातर युवा बाजार की सफाई को लेकर सजग है। जिले में दूसरे चरण में चुनाव होने हैं। ऐसे में मतदाता भावी उम्मीदवारों का आंकलन उनके कार्यों और सामाजिक प्रतिष्ठा के आधार पर कर रहे हैं। पांच साल के कार्यकाल में उन्होंने क्या कार्य कराए,इस पर मतदाता मंथन कर रहे हैं, ज्ञानपुर नगर पंचायत के चुनाव में इस बार 30 से 35 फीसदी युवा मतदाता हिस्सा लेंगे। उनके मन में क्या चल रहा है और ये किन उम्मीदों के साथ जनप्रतिनिधि चुनेंगे, स्ट्रीट बज ने युवाओं के मन को टटोलने का प्रयास किया है।

मुख्यालय होने के कारण ज्ञानपुर नगर पंचायत की अपेक्षाएं अधिक होती है, लेकिन अब तक उम्मीद के मुताबिक कार्य नहीं हुए हैं। सफाई व्यवस्था को सुदृढ़ करने वाला जनप्रतिनिधि ही चुनेंगे

ब्रह्मा मोदनवाल वार्ड 4

नगर पंचायत अक्सर कूड़ा उठान की समस्या बनी रहती है जबकि शासन से लेकर जिला प्रशासन तक इसको लेकर गंभीर है। हमारा जनप्रतिनिधि शिक्षित और जागरूक होना चाहिए।

अविनाश कुमार वार्ड 7

*हादसे को दावत दे रहे जर्जर बिजली के खंभे, विभाग बेखबर*


रिपोर्ट - नितेश श्रीवास्तव

भदोही- नगर पंचायत ज्ञानपुर में क‌ई स्थानों पर लगा लोहे का बिजली पोल जंग लगकर गल गया है। हाईटेंशन तार वाला लोहे का पोल तेज हवा से गिरा तो बड़ा हादसा हो सकता है। बिजली विभाग जर्जर पोल को लेकर पूरी तरह लापरवाह बना हुआ है। विभागीय लापरवाही का खामियाजा आम आदमी को भुगतना पड़ सकता है।

बिजली विभाग द्वारा क‌ई स्थानों पर पुराना लोहे का पोल लगा है। जंग लगने से खंभा 80 फीसदी तक गल गया है। तेज हवा से पोल गिरा तो हाईटेंशन की चपेट में आने से अप्रिय घटना हो सकता है। जर्जर पोल बदलने की मांग नागरिक बार - बार कर रहे हैं लेकिन संज्ञान नहीं लिया जा रहा है।

*भदोहीः नगर पंचायत ज्ञानपुर का पूरा नहीं हुआ नगर पालिका बनने का सपना*


रिपोर्ट - नितेश श्रीवास्तव

भदोही- नगर पंचायत ज्ञानपुर का नगर पालिका परिषद बनने का सपना डेढ़ दशक बाद भी पूर्ण नहीं हो सका। 2008 और 2019 में तत्कालीन जिलाधिकारी ने नगरीय विकास विभाग को प्रस्ताव भेजा था, लेकिन उस पर आज तक अमल नहीं हो सका। 2022 में ज्ञानपुर के आसपास के 20 गांवों को भी शामिल करने की सहमति बनी, लेकिन अब तक कोई निर्णय नहीं हो सका। जिले की दो पालिका और सात नगर पंचायतों में ज्ञानपुर जिला मुख्यालय से सटा है। प्रमुख सचिव, प्रभारी मंत्री से लेकर आला अधिकारी यहीं पर समय-समय पर निरीक्षण करते हैं। नगर से आसपास जिलाधिकारी, दीवानी न्यायालय, संभागीय परिवहन अधिकारी, वन अधिकारी, नवोदय विद्यालय और बीएसए दफ्तर सहित कई विभाग हैं, लेकिन वह नगर से बाहर है। सरकारी दफ्तर भी नगरीय क्षेत्र से बाहर होने पर दिक्कत उठानी पड़ती है।

पहली बार 10 सितंबर 2008 को स्थानीय निकाय निदेशालय को पालिका परिषद बनाए जाने का प्रस्ताव भेजा गया था। लेकिन इसे ठंडे बस्ते में डाल दिया गया। 2019 में तत्कालीन डीएम राजेंद्र प्रसाद ने एक बार फिर पत्र लिखकर नगर पंचायत के क्षेत्रफल को बढ़ाने और पालिका परिषद बनाने के लिए प्रस्ताव भेजा, लेकिन वह फाइल भी अटक गई। नवंबर 2022 में निकाय की बैठक में 20 गांवों को ज्ञानपुर में शामिल करने की सहमति बनी, लेकिन अब तक अमली जामा नहीं पहनाया जा सका।

नगर पालिका परिषद बनते नहीं देखना चाहते जनप्रतिनिधि

जोरई, लखनो, जोतरातदत्त, रघुपुर, काशीरामपुर, मिल्की, गोपीपुर देहाती, चकटोडर देहाती, चकदल्लू, जद्दूपुर, गिरधरपुर, ज्ञानपुर देहाती, पूरेरजा, बालीपुर देहाती, ददरहां, केशवपुर सरपतहां, भुड़की, भिदिउरा और कंसापुर। नगर क्षेत्र में कई ऐसे अध्यक्ष पद के दावेदार हैं, जो नगर पंचायत को नगर पालिका परिषद बनते नहीं देखना चाहते। वह इसलिए कि नगर पालिका परिषद होने पर क्षेत्रफल बढ़ जाएगा और मतदाताओं की संख्या भी तीन गुनी हो जाएगी। मतदाताओं की संख्या बढ़ने से जातीय समीकरण बदल जाएंगे। क्षेत्रफल बढ़ा तो उनके चुनाव जीतने में मुश्किलें होंगी। इसलिए वे प्रयास नहीं करते हैं। जरूरत पड़ने पर फाइल को ठंडे बस्ते में डलवाने के लिए लखनऊ तक पहुंच जाते हैं।