*भदोहीः नगर पंचायत ज्ञानपुर का पूरा नहीं हुआ नगर पालिका बनने का सपना*
भदोही- नगर पंचायत ज्ञानपुर का नगर पालिका परिषद बनने का सपना डेढ़ दशक बाद भी पूर्ण नहीं हो सका। 2008 और 2019 में तत्कालीन जिलाधिकारी ने नगरीय विकास विभाग को प्रस्ताव भेजा था, लेकिन उस पर आज तक अमल नहीं हो सका। 2022 में ज्ञानपुर के आसपास के 20 गांवों को भी शामिल करने की सहमति बनी, लेकिन अब तक कोई निर्णय नहीं हो सका। जिले की दो पालिका और सात नगर पंचायतों में ज्ञानपुर जिला मुख्यालय से सटा है। प्रमुख सचिव, प्रभारी मंत्री से लेकर आला अधिकारी यहीं पर समय-समय पर निरीक्षण करते हैं। नगर से आसपास जिलाधिकारी, दीवानी न्यायालय, संभागीय परिवहन अधिकारी, वन अधिकारी, नवोदय विद्यालय और बीएसए दफ्तर सहित कई विभाग हैं, लेकिन वह नगर से बाहर है। सरकारी दफ्तर भी नगरीय क्षेत्र से बाहर होने पर दिक्कत उठानी पड़ती है।
पहली बार 10 सितंबर 2008 को स्थानीय निकाय निदेशालय को पालिका परिषद बनाए जाने का प्रस्ताव भेजा गया था। लेकिन इसे ठंडे बस्ते में डाल दिया गया। 2019 में तत्कालीन डीएम राजेंद्र प्रसाद ने एक बार फिर पत्र लिखकर नगर पंचायत के क्षेत्रफल को बढ़ाने और पालिका परिषद बनाने के लिए प्रस्ताव भेजा, लेकिन वह फाइल भी अटक गई। नवंबर 2022 में निकाय की बैठक में 20 गांवों को ज्ञानपुर में शामिल करने की सहमति बनी, लेकिन अब तक अमली जामा नहीं पहनाया जा सका।
नगर पालिका परिषद बनते नहीं देखना चाहते जनप्रतिनिधि
जोरई, लखनो, जोतरातदत्त, रघुपुर, काशीरामपुर, मिल्की, गोपीपुर देहाती, चकटोडर देहाती, चकदल्लू, जद्दूपुर, गिरधरपुर, ज्ञानपुर देहाती, पूरेरजा, बालीपुर देहाती, ददरहां, केशवपुर सरपतहां, भुड़की, भिदिउरा और कंसापुर। नगर क्षेत्र में कई ऐसे अध्यक्ष पद के दावेदार हैं, जो नगर पंचायत को नगर पालिका परिषद बनते नहीं देखना चाहते। वह इसलिए कि नगर पालिका परिषद होने पर क्षेत्रफल बढ़ जाएगा और मतदाताओं की संख्या भी तीन गुनी हो जाएगी। मतदाताओं की संख्या बढ़ने से जातीय समीकरण बदल जाएंगे। क्षेत्रफल बढ़ा तो उनके चुनाव जीतने में मुश्किलें होंगी। इसलिए वे प्रयास नहीं करते हैं। जरूरत पड़ने पर फाइल को ठंडे बस्ते में डलवाने के लिए लखनऊ तक पहुंच जाते हैं।
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Apr 15 2023, 12:44