कथा वाचक आचार्य गुप्तेश्ववर पाण्डेय जी महाराजा के प्रवचन में सातवें दिन भी उमडी भारी भीड़
जहानाबाद : शहर के रामायण मंदिर के समीप गांधी मैदान, जहानाबाद में आयोजित रामकथा महोत्सव के सातवें दिन रामकथा के कुशल कथक आचार्य गुप्तेश्वर जी महाराज ने जनकपुर में सीता स्वयंवर हेतु धनुर्यज्ञ, परशुराम प्रदत्त शिव धनुष को उठाने के लिए अनेक राजाओं का आना,सभी राजाओं का धनुष उठाने में विफल होना,राजा जनक जी का चिंतित होना, महर्षि विश्वामित्र के इशारे पर धनुष को उठाने के लिए भगवान श्री राम का जाना और अनुपल में श्री राम द्वारा धनुष को उठाकर खंडित कर देना आदि का सारगर्भित वर्णन किया।
धनुष खंडित होने पर सीता का स्वयंवर,भगवान परशुराम का आना, परशुराम जी और भगवान् श्री राम संवाद, परशुराम के राम अवतरण का विश्वास होना,राम-जानकी विवाह समारोह तथा समारोह में आए विविध विषयों का आचार्य श्री ने भक्ति-भाव से भरकर ऐसा वर्णन किया कि कथा स्थल वर पक्ष और वधू पक्ष के परिजनों,पुरजनों से भरा जनकपुर प्रतीत होने लगा।विवाह की विधियां,विवाह के मांगलिक गीत और हास-परिहास से भरे गीतों को प्रस्तुत कर आचार्य श्री गुप्तेश्वर जी महाराज ने वातावरण को सजीव और भक्तिमय बना दिया।
कथा कहन के क्रम में आचार्य श्री गुप्तेश्वर जी महाराज ने श्रद्धालुओं को कहा कि अपने अन्दर के पराक्रम को जगाएं। पराक्रमी बनें।अपने अन्दर के शत्रुओं-काम, क्रोध,मद,लोभ,मात्सर्य आदि पर विजय हासिल करना ही पराक्रम है। आपके अन्दर बैठा यह शत्रु आपके स्वभाव को कुत्सित करता है।यह शत्रु आपके चित् को म्लान कर रखा है। मनुष्य योनी में आप हैं।अपने शौर्य के सहारे कुत्सित स्वभाव पर विजय हासिल कर चित् शोधन करें और परमात्मा की कृपा प्राप्त करें। रामचरितमानस में अन्त:करण चातुष्ट्य के परिष्कार का विज्ञान प्रकाशित है।
इसे और स्पष्ट करते हुए आचार्य श्री ने कहा कि मन, चित्, बुद्धि और अहंकार के परिष्कार का विज्ञान है -रामचरितमानस। श्रद्धा, विश्वास और भक्ति से आप रामचरितमानस को पढ़ें, गाएं। रामकथा सुनें, सत्संग करें। निश्चित तौर पर ऐसा करने से आपकी चेतना उर्ध्वगामी होगी और आपके चित् में सतोगुण का उत्कर्ष होगा।यह उत्कर्ष ही सगुण साकार ब्रह्म के प्रति भक्ति पैदा करेगा और आप त्रिविध तापों से मुक्त हो परमात्मा की कृपा के अधिकारी बनेंगे।
आज आचार्य श्री की वाणी के माध्यम से प्रकट हो रहे रामकथा का रसपान श्रद्धालु श्रोता मंत्रमुग्ध हो करते दिखे। सातवें दिन भी मंच पूजन तथा आरती आयोजक स्वामी राकेश जी महाराज ने किया । इस अवसर पर संतोष श्रीवास्तव अजीत शर्मा ,डा एस के सुनील , डा वीरेन्द्र कुमार सिंह, राज किशोर शर्मा मारकण्डे कुमार आजाद उर्फ ललन, विश्वजीत अलबेला सुबोध कुमार तथा रवि शंकर शर्मा उपस्थित थे।
जहानाबाद से बरुण कुमार
Apr 07 2023, 15:53