अरविंद केजरीवाल ने फिर पीएम मोदी की डिग्री पर पूछा सवाल, बोले- हाई कोर्ट के ऑर्डर ने संशय और बढ़ाया
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गुजरात हाईकोर्ट ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की डिग्री की मांग करने पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर 25 हजार रुपये का जुर्माना लगाया। वहीं इस मामले की सुनवाई कर रहे गुजरात हाईकोर्ट की सिंगल जज बेंच के जस्टिस बीरेन वैष्णव ने मुख्य सूचना आयोग के आदेश को भी रद्द कर दिया है, जिसमें पीएम मोदी की डिग्री दिखाने का निर्देश दिया गया था। अब इस मामले पर एक बार फिर सीएम केजरीवाल ने सवाल उठाए हैं।
लोकतंत्र में सूचना मांगने और सवाल पूछने की आजादी होनी चाहिए-केजरीवाल
केजरीवाल ने शनिवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर फिर से पीएम से सवाल पूछे हैं। अरविंद केजरीवाल ने कहा, क्या देश के प्रधानमंत्री पढ़े-लिखे नहीं होने चाहिए? केजरीवाल ने कहा कि पूरा देश उच्च न्यायालय के फैसले से हैरान है क्योंकि लोकतंत्र में सूचना मांगने और सवाल पूछने की आजादी होनी चाहिए। केजरीवाल ने कहा हाई कोर्ट के ऑर्डर ने प्रधानमंत्री के शिक्षा को लेकर और संशय बढ़ा दिया है।अगर डिग्री है और सही है तो दिखाई क्यों नहीं जा रही है।कुछ समय पहले अमित शाह ने एक डिग्री दिखाई थी। यह हो सकता हैं कि अहंकार में नहीं दिखा रहे हों। जनता के मन में दूसरा यह सवाल है कि हो सकता है डिग्री फर्ज हो।
सूचना न देने की दो वजहें हो सकती हैं - अहंकार या फर्जी डिग्री-केजरीवाल
दिल्ली के मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर प्रधानमंत्री ने गुजरात विश्वविद्यालय या दिल्ली विश्वविद्यालय से पढ़ाई की होती तो वे इस जानकारी को छिपाने के बजाय इसका जश्न मना रहे होते।उन्होंने पूछा कि अगर मोदी की कोई वैध डिग्री है तो गुजरात विश्वविद्यालय इसे दिखा क्यों नहीं रहा है। केजरीवाल ने कहा कि गुजरात विश्वविद्यालय के प्रधानमंत्री की अकादमिक योग्यता पर सूचना न देने की दो वजहें हो सकती हैं - यह मोदी का अहंकार हो सकता है या उनकी डिग्री फर्जी है।
अगर पीएम शिक्षित नहीं तो अधिकारी कहीं भी उनसे हस्ताक्षर करा लेंगे-केजरीवाल
केजरीवाल ने मोदी की शिक्षा पर सवाल पूछते हुए कहा कि यह सवाल अनिवार्य है क्योंकि देश का शीर्ष प्रबंधक होने के कारण मोदी को विज्ञान और अर्थव्यवस्था समेत कई विषयों पर हर दिन कई महत्वपूर्ण फैसले लेने होते हैं।मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि अगर प्रधानमंत्री शिक्षित नहीं हैं तो अधिकारी और विभिन्न प्रकार के लोग आएंगे और कहीं भी उनसे हस्ताक्षर करवा लेंगे उनसे कुछ भी पारित करा लेंगे, जैसे कि नोटबंदी का फैसला जिसके कारण देश को काफी कुछ झेलना पड़ा। अगर प्रधानमंत्री शिक्षित होते तो वह नोटबंदी लागू नहीं करते।
Apr 01 2023, 17:26