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निकाय चुनाव की अधिसूचना जारी: यूपी में छह महापौर पद पर होंगी महिलाएं

लखनऊ । इस बार नगर निकाय चुनाव में यूपी में छह महिलाएं महापौर होंगी। नगर विकास मंत्री एके शर्मा की ओर से गुरुवार को नगर निकायों में महापौर समेत अन्य पदों के लिए होने वाले चुनाव को लेकर आरक्षण सूची जारी कर दी गई हैं। जिसमें 17 नगर निगमों में से कुल नौ नगर निगम के महापौर पद आरक्षित रखे गए हैं। 

छह अप्रैल शाम छह बजे तक दर्ज कराई जा सकती हैं आपत्तियां 

जिसमें महिलाओं के लिए कुल छह सीटें आरक्षित रखी गई हैं। जिसमें अनुसूचित जाति महिला की एक, पिछड़ा वर्ग महिला के लिए दो और तीन सामान्य महिला के लिए सीट आरक्षित कर दी गई हैं। हालांकि शासन की अधिसूचना के मुताबिक, छह अप्रैल शाम छह बजे तक आपत्तियां दर्ज कराई जा सकती हैं। इसके बाद यह तस्वीर और भी स्पष्ट हो सकेगी। 

नगर निगम (आगरा) में अनुसूचित जाति महिला, नगर निगम (शाहजहांपुर) में पिछड़ा वर्ग महिला, नगर निगम (फिरोजाबाद) में पिछड़ा वर्ग महिला, नगर निगम (लखनऊ) सामान्य महिला, नगर निगम (कानपुर) सामान्य महिला, नगर निगम (गाजियाबाद) सामान्य महिला के लिए सीट को आरक्षित रखा गया है। नगर निगम (झांसी) अनुसूचित जाति , नगर निगम (सहारनपुर) पिछड़ा वर्ग, नगर निगम (मेरठ) पिछड़ा वर्ग के लिए सीट को आरक्षित रखा गया है।  

नगर निगम (वाराणसी), नगर निगम (प्रयागराज), नगर निगम (अलीगढ़), नगर निगम (बरेली), नगर निगम (मुरादाबाद), नगर निगम (गोरखपुर), नगर निगम (अयोध्या), नगर निगम (मथुरा), नगर निगम (वृंदावन) की सीट को अनारक्षित रखा गया है। आरक्षण सूची में महिलाओं के लिए कुल 288, ओबीसी को कुल 205, एससी की कुल 110, एसटी को कुल 02 सीटें आरक्षित की गई है। 

प्रदेश के 760 निकायों में होगा चुनाव

प्रदेश में 762 नगर निकाय हैं, 760 निकायों में चुनाव होगा। इनमें नगर निगम की 17, नगर पालिका परिषद की 200 बाकी शेष नगर पंचायत की सीटें हैं। यूपी नगर निकाय चुनाव को लेकर नगर निगम की सीटों में छह सीटों में परिवर्तन हुए हैं। इसके साथ ही ओबीसी के लिए 205 सीटें पहले भी थी और अभी भी हैं।

भंडारे के साथ संपन्न हुई श्रीमद् भागवत कथा विश्राम दिवस पर पहुंचे बीकेटी विधायक योगेश शुक्ला

लखनऊ। बीते 23 मार्च को दयाल रेजिडेंसी अयोध्या राष्ट्रीय राजमार्ग स्थित पानी टंकी के पास शुरू हुई श्रीमद् भागवत कथा के विश्राम दिवस और भंडारे के आयोजन में बीकेटी विधायक योगेश शुक्ला ने शिरकत की। पंडित अरविंद शास्त्री जी महाराज के मुखारविंद चल रही कथा का श्रोताओं ने मंत्रमुग्ध होकर लुत्फ उठाया। इस दौरान बीकेटी विधायक योगेश शुक्ला ने प्रसाद ग्रहण किया।

 इस मौके चिनहट मंडल अध्यक्ष कमल पांडे समाजसेवी भाजपा नेत्री मनू सिंह, पूर्व पार्षद रूद्र प्रताप सिंह, नरेंद्र अवस्थी, लाल जी पांडे एसपी पाठक, के के तिवारी, शिवमोहन शुक्ला, अरविंद सिंह समेत दयाल रेजीडेंसी अयोध्या रोड निवासी के सैकड़ों भक्त मौजूद रहे।

साइबर ठगों ने तीन के खाते से निकाल 2.04 लाख, प्राथमिकी


लखनऊ । राजधानी में साइबर ठगी की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं। लगातार ऐसे मामले सामने आ रहें हैं जिनमें साइबर ठग लोगों के खातों से रकम पार कर रहें हैं। गुरुवार को साइबर अपराधियों ने तीन लोगों के खाते से 2.04 लाख रुपये निकाल लिए। 

पीड़ितों ने आशियाना और पीजीआई थाने में प्राथमिकी दर्ज करवाई है। आशियाना प्रभारी निरीक्षक अजय प्रकाश मिश्र ने बताया कि सेक्टर-जी एलडीए कॉलोनी, कानपुर रोड निवासी मुकेश साहू ने साइबर अपराधियों के खिलाफ लिखित शिकायत देते हुए आईटीएक्ट के तहत प्राथमिकी दर्ज करवाई है। 

बीते 24 मार्च को उन्होंने बैंगलूर में सैनिक आराम गृह में कमरा बुक कराने लिए गूगल सर्च इंजन से एक नंबर ढूंढा था। 

संपर्क करने पर उनकी बातचीत राहुल नाम के शख्स से हुई। रूम बुक करने के लिए जालसाज ने उसके खाते की गोपनीय जानकारी हासिल कर खाते से 1.49 लाख की रकम निकाल ली। वहीं रूचिखंड शारदानगर निवासी रामकुमार ने बताया कि बीते 19 मार्च को वह गूगल सर्च पर एक मकान की लोकेशन तलाश कर रहे थे। इसी बीच एक जालसाज ने उन्होने कॉल कर खुद को नगरनिगम कर्मी बताया। 

इसके बाद उनके मोबाइल पर एनीडेस्क एप्लीकेशन डाउनलोड करवा खाते से 49,249 की रकम पार कर दी। उधर पीजीआई थाने में सैनिकनगर, तेलीबाग निवासी मंयक कुलश्रेष्ठ ने साइबर अपराधियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करवाई है। उन्होंने बताया कि 22 मार्च को जालसाज ने इंट्राग्राम पर उनके दोस्त की फर्जी आईडी तैयार कर उसने पांच हजार रुपये मांगे थे। आईडी पर भरोसा कर जालसाज के भेजे गए अकांउट में उन्होंने रुपये ट्रांसफर कर दिए थे।

नयी खाद्य प्रसंस्करण उद्योग नीति से कृषि उपज के प्रसंस्करण को बढ़ावा मिलेगा


लखनऊ। उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि उत्तर प्रदेश खाद्य प्रसंस्करण उद्योग नीति-2023 मे प्राविधानित विभिन्न सुविधाओ से खाद्य प्रसंस्करण उद्योगो को तो बढ़ावा मिलेगा ही, इसके साथ ही बड़ी संख्या में रोजगार सृजन भी होगा। 

कहा कि खासतौर से कृषि उपज के प्रसंस्करण को बढ़ाना एवं अन्य राज्यों और देशों में प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों के निर्यात को प्रोत्साहित करना हमारा उद्देश्य है। इससे किसानों की आमदनी में भी बढ़ोतरी होगी।

कहा कि प्रदेश में फलों एवं सब्जियों का खाद्य प्रसंस्करण स्तर को बढ़ाने की नितान्त आवश्यकता है, जिससे प्रदेश से अधिकाधिक निर्यात स्तर के उत्पाद तैयार कराकर निर्यात कराया जा सके। उप्र सब्जी उत्पादन में देश के लगभग 15 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ पहले स्थान पर है, लेकिन प्रसंस्कृत सब्जियों के निर्यात में भागीदारी केवल 5 प्रतिशत है, इसी प्रकार फल उत्पादन में उत्तर प्रदेश 11 प्रतिशत के हिस्सेदारी के साथ उत्पादन में तीसरे स्थान पर है, लेकिन प्रसंस्कृत फलों के निर्यात में हिस्सेदारी मात्र 0.4 प्रतिशत है

नयी खाद्य प्रसंस्करण उद्योग नीति और इस क्षेत्र में आये निवेश प्रस्तावो से खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में नयी क्रान्ति आयेगी।

नयी नीति में राज्य में नई खाद्य प्रसंस्करण इकाईयों की स्थापना से सम्बंधित संयंत्र, मशीनीकरण, एवं तकनीकी सिंविल कार्यों पर किये गये व्यय का 35 प्रतिशत पूँजीगत सब्सिडी (अधिकतम 05 करोड़ तक )प्रदान की जायेगी। खाद्य प्रसंस्करण इकाईयों के विस्तार, आधुनिकीकरण / उन्नयन के लिए यह धनराशि 01 करोड़ तक प्रदान की जायेगी।

प्रसंस्करण इकाइयों को सीधे भेजे जाने वाले कृषि उत्पाद के लिए मंडी शुल्क और उपकर में छूट प्रदान की जायेगी।  

राज्य के बाहर से लाये गये कृषि उत्पादों पर मण्डी शुल्क एवं सेस से छूट रहेगी। रीफर वाहनों और मोबाइल प्री-कूलिग वैन की खरीद के लिए बैंक से लिये गये ऋण पर अर्जित ब्याज के लिए ब्याज उपादान प्रतिपूर्ति अधिकतम रु 50लाख, 5वर्षो की अवधि के लिए प्रदान की जायेगी। स्टार्ट अप को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से कृषि मूल्य श्रृंखला विकास, आच्छादन / उत्पादन / उत्पादकता के आंकलन और साक्ष्य आधारित निर्णय के लिए आधुनिक तकनीक का उपयोग किया जायेगा।

जंगल में मिला युवक का शव, दोस्त पर हत्या की आशंका


लखनऊ। सुशांत गोल्फ सिटी थानाक्षेत्र अन्तर्गत अवधविहार में बीती रात मामूली विवाद को लेकर एक युवक पर अपने दोस्त की हत्या करने का आरोप लगा है। मृतक के परिजनों ने तीन लोगों के खिलाफ लिखित शिकायत देते हुए प्राथमिकी दर्ज करवाई है। जिसके बाद पुलिस ने एक युवक को हिरासत में लिया है। उससे पूछताछ की जा रही है।  

अवध शिल्प ग्राम के नजदीक बीती रात जंगल में मामलूी बात पर दोस्तों में विवाद हो गया।

 इस विवाद में एक युवक के सिर पर वार कर हत्या कर दी गई। सूचना पाकर घटनास्थल पर पहुंची पुलिस ने शव बरामद कर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। इस वारदात के बाद मृतक के पिता ने लिखित शिकायत देते हुए तीन लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करवाई है। इसके आधार पर पुलिस ने एक युवक को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरु कर दी है।  

सुशांत गोल्फ सिटी प्रभारी निरीक्षक शैंलेंद्र गिरी ने बताया कि पीजीआई थानाक्षेत्र के तेलीबाग खरिका ब्राह्मण टोला निवासी अजय अवस्थी पत्नी राजकुमारी, दो बेटी और दो बेटों के साथ रहते हैं।

 उनका आरोप है कि जयन्त, आनन्द शर्मा उर्फ ननकऊ, राम करन और कुछ अन्य लोगों ने मिलकर बेटे शुभम अवस्थी (25 वर्ष) की हत्या कर दी है। बुधवार दोपहर करीब बजे शुभम अपने दोस्तों के साथ घर से बाहर गया था। देर शाम तक वह वापस नहीं लौटा तो परिजन उसकी खोजबीन करने लगे। लेकिन कहीं पर शुभम का सुराग नहीं मिला। इसके बाद उनके छोटे बेटे सत्यम ने पड़ोसी जयंत से संपर्क किया तो उसने बताया कि अवध शिल्प ग्राम के जंगल में शुभम है, वहां पहुंचने पर देखा कि शुभम मृत पड़ा था। डीसीपी साउथ विपिन जायसवाल के मुताबिक, मृतक शुभम के पिता अजय कुमार अवस्थी की लिखित शिकायत पर पुलिस ने जयंत, आनन्द शर्मा उर्फ ननकऊ, राम करन सहित कुछ अज्ञात लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है। एक युवक को हिरासत में लेकर उससे कड़ाई से पूछताछ की जा रही है।

बिजली उपभोक्ताओं के बिल में जीएसटी वसूलने के प्रस्ताव का उपभोक्ता परिषद ने किया विरोध


लखनऊ। केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय द्वारा गुपचुप तरीके से पूरे देश में इलेक्ट्रिसिटी ड्यूटी के साथ ही देश के विद्युत उपभोक्ताओं से जीएसटी की वसूली कानून बनाने के प्रस्ताव पर उपभोक्ता परिषद ने नाराजगी जताई है साथ ही इसे गए कानूनी बताया है परिषद ने ने पब्लिक कड़ी आपत्ति जताई है। आपत्ति जताते हुए देश के प्रधानमंत्री को संबोधित एक पत्र लिखा है जिसमें देश के उपभोक्ताओं को तबाह करने से बचाने की बात कही है।

उपभोक्ता परिषद ने कहा स्टेट कॉन्करेस के तहत प्रदेश का विद्युत उपभोक्ता 5 से 7.5 प्रतिशत प्रत्येक वर्ष बिजली पर देता है। इलेक्ट्रिसिटी ड्यूटी जो लगभग 3032 करोड के करीब है। ऐसे में अब उसे जीएसटी के दायरे में लाने का प्रस्ताव प्रदेश के उपभोक्ताओं के साथ बडा धोखा है।केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग में उत्तर प्रदेश के ऊर्जा विभाग ने इस प्रस्ताव पर असहमति जताई है। 

गुपचुप तरीके से पूरे देश में इलेक्ट्रिसिटी ड्यूटी के साथ ही विद्युत उपभोक्ताओं से जीएसटी की वसूली प्रस्ताव के संबंध में कल 29 मार्च को देश के ऊर्जा मंत्री आरके सिंह ने सभी राज्यों के ऊर्जा विभाग के उच्चाधिकारियों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग करके सबका मत जाना और कई विकल्पों पर चर्चा की। पहले चरण में केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय चाहता है कि कमर्शियल और इंडस्ट्री के विद्युत उपभोक्ताओं पर जीएसटी की वसूली का कानून बनाया जाय। जिस पर सभी राज्यों की राय ली जा रही है। कल की वीडियो कांफ्रेंसिंग में जो तथ्य निकल कर सामने आ रहे हैं। उसमें उत्तर प्रदेश ऊर्जा मंत्रालय की तरफ से केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय के प्रस्ताव पर अभी कोई भी हरी झंडी नहीं दी गई। बल्कि असहमति व्यक्त की गई है।

 इसके लिए उपभोक्ता परिषद ऊर्जा विभाग उत्तर प्रदेश का आभार व्यक्त करता है।जिसकी भनक लगते ही उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष व राज्य सलाहकार समिति के सदस्य अवधेश कुमार वर्मा ने देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक विरोध पत्र भेजा है। उसमें कहा है कि इससे देश का ऊर्जा सेक्टर तो तबाही होगा ही वहीं दूसरी ओर पूरे देश के विद्युत उपभोक्ता बडे संकट में आ जाएंगे और उन पर भारी आर्थिक बोझ पड जाएगा, इसलिए इस प्रकार के गैरकानूनी प्रस्ताव को अबिलंब खारिज किया जाए। जब देश के विद्युत उपभोक्ता स्टेट कॉन्करेंस कानून के तहत इलेक्ट्रिसिटी ड्यूटी बिजली बिल पर देते हैं। ऐसे में उन्हें जीएसटी के दायरे में लाना गैरकानूनी है।

समाज कल्याण ने समस्त 21.66 लाख विद्यार्थियों के खातों में भेजी रुपए 1316 करोड़ छात्रवृत्ति


लखनऊ ।समाज कल्याण मंत्री स्वतंत्र प्रभार असीम अरुण ने कहा कि सभी पात्र छात्र छात्राओं के खातों में छात्रवृत्ति की धनराशि भेजी जा रही है, जिन विद्यार्थियों के आवेदन शिक्षण संस्थान द्वारा अग्रसारित न किए जाने या अन्य तकनीकी कारणों से व्यवधान है। उनके लिए फिर से 15 अप्रैल से 15 जून के मध्य पोर्टल खोला जाएगा।

उन्होंने कहा कि समाज कल्याण विभाग द्वारा पूर्व दशम एवं दशमोत्तर छात्रवृत्ति योजनांतर्गत वित्तीय वर्ष 2022-23 में अनुसूचित जाति एवं सामान्य वर्ग के 21,66,298 विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति की धनराशि रुपए 1316 करोड़ अंतरित करने की कार्यवाही कर दी गई है। सभी लाभार्थियों को उनके आधार बेस्ड खातों में यह धनराशि भेजी जा रही है। 

भारत सरकार की गाइड लाइन के अनुसार अनुसूचित जाति के विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति की 40% धनराशि का राज्य अंश एवं 60% केंद्रांश विद्यार्थियों के खातों में डीबीटी के माध्यम से भेजा गया है।

साथ ही अनुसूचित जाति एवं जनजाति के समाज कल्याण विभाग में छात्रवृत्ति के लिए आवेदन करने वाले जिन विद्यार्थियों के आवेदन शिक्षण संस्थान द्वारा अग्रसारित न होने या अन्य किसी तकनीकी कारण से छात्रवृत्ति भेजे जाने में व्यवधान है उनके लिए विभाग द्वारा 15 अप्रैल से 15 जून के मध्य पुनः पोर्टल खोला जा रहा है, जिससे पात्र छात्र छात्राओं को छात्रवृत्ति भेजी जा सके।

छोटे किसानों का संबल बनेंगे श्रीअन्न,सिर्फ आर्थिक ही नहीं, सेहत के लिहाज से भी होगें उपयोगी


लखनऊ। श्रीअन्न (मिलेट्स या मोटे अनाज) छोटे किसानों का संबल बनेंगे। सिर्फ आर्थिक रूप से ही नहीं, सेहत के भी लिहाज से भी। छोटे किसानों में लघु एवं सीमांत किसान आते हैं। इनकी संख्या ही सर्वाधिक है। इनके पास ही अपेक्षाकृत संसाधन कम है। इसके नाते इनमें से कई को बोआई के सीजन में कृषि निवेश के संकट से जूझना पड़ता है। फसल के अनुरूप निवेश न लगने से उपज एवं आय पर असर पड़ता है।

मौसम की मार अलग से। इनकी सभी समस्याओं का हल बहुत हद कम समय एवं लागत में, हर तरह की भूमि में, रोगों के प्रति प्रतिरोधी मोटे अनाजों (बाजरा, ज्वार, सावा, कोदो, मडुआ आदि) की खेती है। यही वजह है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अगुवाई वाली प्रदेश सरकार अंतरराष्ट्रीय मिलेट वर्ष-2023 के मद्देनजर एवं प्रदेश के अधिसंख्यक किसानों के हित में मोटे अनाजों की खेती पर खासा जोर दे रही है।

करीब हफ्ते भर पहले दिल्ली में आयोजित वैश्विक श्रीअन्न सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा था कि श्रीअन्न की खेती से देश के 2.5 करोड़ लघु-सीमांत किसान लाभान्वित होंगे। स्वाभाविक है कि कॄषि बहुल उत्तर प्रदेश को इस पहल का सर्वाधिक लाभ मिलेगा। इसकी बहुत बड़ी वजह है मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की खेतीबाड़ी एवं किसानों के संभव हित के प्रति निजी दिलचस्पी। रही उत्तर प्रदेश में खेतीबाड़ी की बात तो 2021 की जनगणना के मुताबिक यहां की आबादी करीब 20 करोड़ थी। इसमें से 15.53 करोड़ (75 फीसद) लोग प्रदेश के करीब 11 लाख गावों में रहते हैं। स्वाभाविक रूप से बढ़ती आबादी के अनुरूप यह संख्या भी बढ़ी होगी।

प्रदेश के 90 फीसद से अधिक किसान लघु-सीमांत श्रेणी में आते हैं। ऐसे में श्रीअन्न की खेती अपने नाम के ही अनुरूप इन किसानों के 'श्री' में कुछ हद तक वृद्धि कर सकती है। योगी सरकार की यही मंशा भी है। इसके लिए वह पूरे शिद्दत से प्रयास भी कर रही है। ऐसे किसानों को बेहतर उपज एवं रोग प्रतिरोधी बीजों के मिनीकिट का निशुल्क वितरण। सामान्य किसानों को इसी तरह के बीज पर 50 फीसद अनुदान। लोग इन अनाजों की खूबियों से परिचित हों इसके लिए मीडिया के हर प्लेटफार्म पर आक्रामक प्रचार अभियान।

मोटे अनाजों को केंद्र में रखकर 'ईट मिलेट' जैसे कार्यक्रम इसी की कड़ी हैं। उत्पादन होने पर किसानों को इनका वाजिब दाम दिलाने के लिए सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य पर इनके खरीद की घोषणा पहले ही कर चुकी है। जिन जिलों में इनका रकबा एक तय सीमा तक होगा वहां इनकी खरीद के लिए क्रय केंद बनेंगे।

रही सेहत की बात तो स्टेट ऑफ फंड एंड न्यूट्रिशन इन द वर्ल्ड रिपोर्ट-2022 के अनुसार विश्व में करीब 77 करोड़ लोग कुपोषण की चुनौती का सामना कर रहे हैं। भारत में ऐसे लोगों की संख्या लगभग 22.4 करोड़ है।

नवी मुंबई स्थित अपोलो हॉस्पिटल की वरिष्ठ स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉक्टर तृप्ति दुबे के मुताबिक, 'कुपोषण अकाल मौतों की सबसे बड़ी वजह है। उत्पादक उम्र में होने वाली ऐसी मौतों का संबंधित व्यक्ति के घर, समाज एवं देश की उत्पादकता एवं अर्थव्यवस्था पर पड़ता है। महिलाएं एवं बच्चों के स्वास्थ्य, प्रसव के दौरान शिशु एवं मातृ की मौत दर में भी कुपोषण की अहम भूमिका है। ऐसे में कुपोषण दूर करने वाली हर पहल का स्वागत किया जाना चाहिए।

सतर्क रहें सभी फ्रंटलाइन वर्कर्स और सरकारी व निजी अस्पताल


लखनऊ। प्रदेश के कुछ जिलों में कोविड-19 के मामलों में आंशिक वृद्धि को देखते हुए योगी सरकार सतर्क हो गई है। सरकार की ओर से ऐसे जनपदों में तत्काल आवश्यक कार्यवाही के निर्देश दिए गए हैं। सभी फ्रंटलाइन वर्कर्स एवं अस्पतालों (सरकारी एवं निजी) को सतर्क रहने को कहा गया है। साथ ही सभी जनपदों में रेस्परेटरी ट्रैक्ट इंफेक्शन (आरटीआई), इंफ्लुएंजा लाइक इलनेस (आईएलआई) और सीवियर एक्यूट रेस्परेटरी इंफेक्शन (सारी) के मामलों की सघन निगरानी के भी निर्देश दिए गए हैं।

सीवियर एक्यूट रेस्परेटरी इंफेक्शन (सारी) केसेज की कोविड जांच निगेटिव होने पर सीजनल इंफ्लुएंजा की जांच कराने को कहा गया है। उल्लेखनीय है कि प्रदेश में बीते कुछ दिनों में कोविड-19 के मामलों में आंशिक वृद्धि देखने को मिली है। 28 मार्च को कोविड-19 के सक्रिय रोगियों की संख्या 340 थी। ऐसे में योगी सरकार ने कोविड-19 के प्रबंधन के लिए आवश्यक व्यवस्था करने के निर्देश जारी किए हैं।

सभी पॉजिटिव सैंपल्स की होगी जीनोम सीक्वेंसिंग

मुख्य सचिव के समक्ष संचारी रोग नियंत्रण एवं दस्तक अभियान के विषय पर प्रस्तुतिकरण में यह निर्देश जारी किए गए। इसके अनुसार आरटीआई, आईएलआई, एसएआरआई के मामलों में वृद्धि की तत्काल सूचना देने की हिदायत दी गई है। यही नहीं, कोविड-19 के सूचित होने वाले स्थानों पर कोविड-19 की सघन सैंपलिंग के भी आदेश हैं। लैब्स को कोविड-19 के पॉजिटिव नमूनों को सुरक्षित करते हुए होल जीनोम सीक्वेंसिंग (डब्ल्यूजीएस) के लिए केजीएमयू लखनऊ भेजे जाएंगे। कोविड-19 के पॉजिटिव रोगियों को आईसीसीसी के माध्यम से कॉल करना सुनिश्चित किया जाएगा।

सरकार ने वृद्ध रोगियों की विशेष देखभाल और सावधानी बरतने को भी कहा है। इसके अतिरिक्त अस्पतालों में लॉजिस्टिक, औषधियां, पीपीई किट्स, ग्लव्स, मास्क की उपलब्धता एवं उपकरणों, ऑक्सीजन प्लांट एवं कंसंट्रेटर की क्रियाशीलता सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए हैं। जिला प्रशासन को मामलों की गंभीरता देखते हुए तत्काल डेडिकेटेड चिकित्सालय, वार्ड एक्टिव किए जाने की व्यवस्था सुनिश्चित करने को कहा गया है।

टेस्टिंग की संख्या बढ़ाने पर फोकस

हालांकि 28 मार्च तक जो जिले कोविड-19 से सबसे ज्यादा ग्रस्त हैं उनमें गौतमबुद्धनगर (57), गाजियाबाद (55), लखीमपुर खीरी (44), लखनऊ (27), बिजनौर (12), ललितपुर (9) और सहारनपुर (8) हैं। इन जिलों के लिए सावधानीपूर्वक वर्तमान स्थिति पर नजर रखे जाने को आवश्यक बताया गया है। वहीं प्रभावित जिलों में टेस्टिंग और ट्रीटमेंट बढ़ाने के लिए भी कहा गया है।

वहीं, पूर्व की कोविड-19 लहरों में सबसे अधिक प्रभावित हुए जिलों में भी विशेष सावधानी बरतने के लिए निर्देशित किया गया है। प्रदेश में लखनऊ, कानपुर, आगरा, प्रयागराज, गोरखपुर और वाराणसी ऐसे जिले हैं जिन्हें संवेदनशील माना जाता है। उल्लेखनीय है कि प्रदेश में एक अप्रैल से 30 अप्रैल के बीच संचारी रोग नियंत्रण अभियान चलाया जाना है। वहीं 17 से 30 अप्रैल के बीच दस्तक अभियान चलेगा।

इसके अंतर्गत ग्रामीण एवं नगरीय क्षेत्रों में साफ सफाई एवं जलभराव निस्तारण की व्यवस्था की जाएगी। साथ ही हाई रिस्क एरिया में अंतर्विभागीय सहयोग के साथ सघन वाहक, मच्छर नियंत्रण गतिविधियां चलाई जाएंगी। स्कूलों में रोगों से बचाव तथा रोकथाम के लिए जागरूकता गतिविधियों का आयोजन किया जाएगा। दस्तक अभियान के दौरान फ्रंटलाइन वर्कर्स द्वारा चिन्हित किए गए लक्षणयुक्त व्यक्तियों की जांच और उपचार सुनिश्चित किया जाएगा।

आज बारिश, बिजली और ओलावृष्टि की चेतावनी जारी


लखनऊ । उत्तर प्रदेश का मौसम बृहस्पतिवार से बदलने के आसार हैं। मौसम विभाग ने बारिश, बिजली और ओलावृष्टि की चेतावनी जारी की है। मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि 30 मार्च की सुबह से ही पश्चिमी उत्तर प्रदेश में बदला मौसम रंग दिखाएगा। 31 मार्च को पूरा प्रदेश बारिश से तरबतर होने के आसार हैं। दो अप्रैल से फिर मौसम खुलेगा।

आंचलिक मौसम विज्ञान केन्द्र लखनऊ के वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिक अतुल कुमार सिंह के मुताबिक, अफ़ग़ानिस्तान से उत्तर पश्चिमी भारत की ओर पश्चिमी विक्षोभ बढ़ रहा है। वहीं दक्षिण-पश्चिमी राजस्थान के निचले क्षोभमंडल में चक्रवाती स्थितियां बनी हुई हैं। बंगाल की खाड़ी से चलने वाली नमीयुक्त पुरवा हवा और अरबसागर से उठनी वाली पछुआ हवाएं साथ मिलकर गरज-चमक, बारिश और ओलावृष्टि का कारण बनेंगी।