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आरक्षण के नियम का अनुपालन करते हुए नियुक्ति प्रकिया प्रारंभ की जाय: मंत्री आशीष पटेल


लखनऊ। अनुदानित पॉलिटेक्निक संस्थाओं के प्रबंधक व प्रधानाचार्य अपने संस्थाओं को न्यू एज कोर्स से जोड़े। युवाओं को समय के अनुरूप प्रचलित कोर्साे में शिक्षा एवं प्रशिक्षित करने का कार्य करें तथा संस्थाओं में शैक्षणिक वातावरण को बेहतर बनाये।

उक्त निर्देश प्रदेश के प्राविधिक शिक्षा मंत्री आशीष पटेल ने विधान भवन सभा कक्ष में आयोजित अनुदानित पॉलीटेक्निक संस्थाओं के समीक्षा बैठक में दिये। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार युवाओं को तकनीकी शिक्षा देने हेतु कृत संकल्पित है। इसके लिए विभिन्न प्रकार की तकनीकी शिक्षा युवाओं के लिए संचालित की जा रही है।

उन्होंने संस्थाओं के प्रबंधक व प्रधानाचार्य को निर्देशित किया कि संस्थाओं में रिक्त पदों को उत्तर प्रदेश शासन के शासनादेशों का अनुपालन करते हुए भरने की कार्यवाही करें। नियुक्ति प्रक्रिया में आरक्षण के नियम का अनुपालन सुनिश्चित किया जाये, रोस्टर के हिसाब से भर्ती प्रक्रिया संचालित की जाय।

उन्होंने अनुदानित पॉलिटेक्निक संस्थाओं के प्रबंधक व प्रधानाचार्य को संस्थाओं को और कैसे बेहतर किया जा सकता है, इसके लिए प्रस्ताव 1 अप्रैल, 2023 को भेजने के निर्देश दिये।

समीक्षा बैठक में श्री पटेल ने अनुदानित शिक्षण संस्थाओं की वित्तीय स्थिति की जानकारी करते हुए गुणवत्तापरक शिक्षा देने के निर्देश दिये। उन्होंने यह भी निर्देश दिये कि शिक्षण संस्थानों में छात्र/छात्राओं के मध्य अच्छा शैक्षिक वातावरण का सृजन करें, जिससे तकनीकी शिक्षा प्राप्त कर छात्र-छात्रायें अच्छे ढंग से अपने रोजगार का सृजन कर सकें। उन्होंने निदेशक प्राविधिक शिक्षा को यह भी निर्देश दिये कि अनुदानित पॉलिटेक्निक संस्थाओं से संबंधित आने वाले प्रकरणों को प्राथमिकता से लिया जाय और समयबद्ध रूप से निस्तारित किया जाय।

बैठक में प्रमुख सचिव प्राविधिक शिक्षा सुभाष चंद्र शर्मा, विशेष सचिव अन्नावि दिनेश कुमार, निदेशक प्राविधिक शिक्षा के राम तथा अनुदानित पॉलिटेक्निक संस्थानों के प्रधानाचार्य एवं विभागीय अधिकारीगण उपस्थित रहे।

सभी पर्यटन स्थलों का संरक्षण पीपीपी माॅडल पर किया जायेगा : जयवीर सिंह


लखनऊ। प्रयागराज में वर्ष 2025 में महाकुम्भ के आयोजन से पहले प्रयागराज के सभी पर्यटन स्थलों को बुनियादी सुविधाओं से लैस करते हुए पर्यटकों को आकर्षित किया जायेगा। इसके साथ ही प्रयागराज तथा आसपास के महत्वपूर्ण पर्यटन स्थलों को श्रद्धालुओं एवं दर्शनार्थियों के लिए तैयार कराया जायेगा।इस प्रकार प्रयागराज को पर्यटन के हब के रूप में विकसित किया जायेगा।

यह जानकारी प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री श्री जयवीर सिंह ने आज यहां देते हुए बताया कि वर्ष 2025 में महाकुंभ के दौरान करोड़ों की संख्या में श्रद्धालुओं के आने की संभावना को देखते हुए पर्यटन विभाग अपनी तैयारियां शुरू कर दिया है। निर्माणाधीन योजनाओं को पूरा कराने के लिए तेजी से काम किया जा रहा है।

जयवीर सिंह ने बताया कि फाफामऊ में स्थित पुराने कर्जन ब्रिज को पिकनिक स्पाॅट के रूप में विकसित किया जायेगा। इसके साथ ही द्वादश माधव रामा मंदिर, पंच कोसी परिक्रमा मार्ग एवं इसके अन्तर्गत आने वाले तमाम मंदिरों सहित धार्मिक, पौराणिक एवं पुरातात्विक महत्व के मंदिरों का सौन्दर्यीकरण कराया जायेगा। यह समस्त कार्य अक्टूबर 2024 तक पूरा कराने की रणनीति बनायी गयी है।

पर्यटन मंत्री ने बताया कि प्रयागराज सहित विभिन्न जिलों में देशी-विदेशी सैलानियों के लिए गाइड की व्यवस्था की जा रही है। इस प्रकार सभी धार्मिक, पौराणिक स्थलों का सौन्दर्यीकरण करके धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा दिये जाने की योजना बनायी गयी है। प्रयागराज, काशी, मथुरा, वृंदावन, अयोध्या, चित्रकूट, मिर्जापुर, कुशीनगर, गोरखपुर आदि के पर्यटन स्थलों पर कार्य चल रहा है। पर्यटन विभाग इन स्थलों को सजा-संवारकर इसकी देखरेख पीपीपी माॅडल पर करायेगा।

समय से पूर्ण करें ट्रांसमिशन कार्य-एम देवराज


लखनऊ। उप्र पावर कारपोरेशन एवं उप्र ट्रांसमिशन कारपोरेशन के अध्यक्ष एम देवराज ने मंगलवार को ट्रांसमिशन कारपोरेशन की समीक्षा बैठक में यह निर्देषित किया कि मुख्यमंत्री एवं ऊर्जा मंत्री की मंशा के अनुरूप ट्रांसमिशन कारपोरेशन उपकेन्द्रों एवं लाइनों के निर्माण के अपने लक्ष्यों को निर्धारित समय सीमा में पूर्ण करें।

मऊ, मैनपुरी, मेरठ, देवरिया, मिर्जापुर, श्रावस्ती, सम्भल, बस्ती, गाजीपरु, गाजियाबाद एवं सहारनपुर सहित अनेक जिलों में 220 एवं 132 उपकेन्द्रों के निर्माण प्रस्तावित है।

कारपोरेशन अध्यक्ष ने कहा कि ट्रांसमिशन उपकेन्द्रों एवं लाइनों की परियोजनायें निर्धारित समय से पूरी हो इसके लिये अधिकारी लगातार कड़ी मानीटरिंग करें। आपूर्ति को और बेहतर बनाये जाने के लियेे ट्रांसमिशन लाइनों एवं उपकेन्द्रों का समय से पूर्ण किया जाना अत्यन्त महत्वपूर्ण है।

उन्होंने ट्रांसमिशन लाइनों एवं उपकेन्द्रों के निर्माण के लिये जमीन की व्यवस्था में भी तेजी लाने के निर्देष दिये।

अध्यक्ष ने अनेक जिलाधिकारियों से दूरभाश पर वार्ता कर उपकेन्द्रों के निर्माण के लिये जमीन उपलब्ध कराने के कार्यों में तेजी लाने के लिये कहा। उन्होंने कहा कि आने वाले महीनों में गर्मी बढ़ेगी उस समय ट्रांसमिषन की लाइनें एवं ट्रांसफार्मर क्षतिग्रस्त न हों इसके लिये सभी आवष्यक सावधानियॉ एवं तैयारियॉ अभी से पूर्ण कर ली जायें। 15 अप्रैल के बाद शटडाउन लेने से बचा जाये।

शक्ति भवन में सम्पन्न समीक्षा बैठक में ट्रांसमिशन कारपोरेशन निदेशक पी गुरू प्रसाद सहित अनेक अधिकारी उपस्थित थे।

*आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे पर 29 मार्च, 2023 को यातायात रहेगा बाधित*


लखनऊ। आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे पर 29 मार्च, 2023 को यातायात बाधित रहेगा। गंगा एक्सप्रेसवे निर्माण में 400 केवी लखनऊ-कानपुर विद्युत पारेषण लाइन के कारण अवरोध उत्पन्न हो रहा है, जिसके चलते 400 केवी लखनऊ-कानपुर विद्युत पारेषण लाइन के डायवर्जन का कार्य किया जाना है।

यूपीडा के मुख्य महाप्रबंधक (सिविल) द्वारा यह बताया गया कि चैनेज किमी 253:500 तथा किमी 253:600 आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे पर ग्राम- नवाबदग्रांट, तहसील-सफीपुर, जनपद- उन्नाव के निकट 400 केवी लखनऊ-कानपुर विद्युत पारेषण लाइन के डायवर्जन का कार्य 29.03.2023 को सुबह 10 बजे से दोपहर 2.45 बजे के मध्य किया जाना है। जिसके चलते उक्त समय के तहत(सुबह 10 बजे से 10.15, 10.45 से 11, 11.30 से 11.45 तथा दोपहर 12.15 बजे से 12.30, 1 से 1.15, 1.45 से 2.00 बजे तथा 2.30 से 2.45 बजे तक) 30-30 मिनट के अन्तराल पर आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे पर यात्रियों की सुरक्षा के दृष्टिगत 29 मार्च, 2023 को ऊपर दी गई समय सारिणी के अनुसार यातायात अवरुद्ध रहेगा।

कृषि प्रबंध संस्थान रहमानखेड़ा को 2.146 करोड़ की वित्तीय स्वीकृति


लखनऊ। प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए राज्य कृषि प्रबंध संस्थान, रहमानखेड़ा, लखनऊ की विभिन्न परियोजनाओं हेतु धनराशि रू0 2.146 करोड़ की वित्तीय स्वीकृति प्रदान की गयी है।

वित्तीय वर्ष 2022-23 में प्रमाणित बीजों के वितरण पर अनुदान योजना ( राज्य सेक्टर) के सब्सिडी के अन्तर्गत लम्बित दायित्वों के भुगतान हेतु धनराशि रू0 1.367 करोड़ की वित्तीय स्वीकृति प्रदान की गयी है।

उन्होंने बताया कि वित्तीय वर्ष 2022-23 में कृषि विभाग की 'चावल तथा गेहूं के लिए फसल विकास कार्यक्रम' परियोजना के लिए सब्सिडी में स्वीकृत धनराशि 80 लाख रुपए के स्थान पर 37.99195 लाख रुपए एवं 'एकीकृत अनाज विकास कार्यक्रम (गेहूं) परियोजना के अर्न्तगत 42.00805 लाख रुपए के व्यय की स्वीकृति प्रदान की गयी है।

इसके साथ ही कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय शुआट्स, प्रयागराज के छोटे एवं मध्यम कृषि यंत्रों पर अनुसंधान के लिए सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना हेतु वित्तीय वर्ष 2022-23 में प्राविधानित धनराशि 55.86 लाख रुपए की वित्तीय स्वीकृति प्रदान की गयी है। किसानों को प्रशिक्षण तथा रहमानखेड़ा राज्य कृषि प्रबंध संस्थान योजनान्तर्गत सामान्य (वेतन) में प्राविधानित धनराशि 747.54 लाख रुपए के सापेक्ष हो रही बचत से 50 लाख रुपए की वित्तीय स्वीकृति प्रदान की गयी है।

उमेश अपरहण केस में अतीक अहमद समेत तीन को आजीवन कारावास


प्रयागराज/ लखनऊ । उमेश पाल अपहरण मामले में प्रयागराज की एमपी-एमएलए कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। इस पूरे मामले में अतीक अहमद समेत तीन दोषियों को कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। इसके अलावा एक-एक लाख का जुर्माना भी लगाया है। जुर्माने की राशि उमेश पाल के परिवार को देनी होगी। पहली बार किसी मामले में अतीक अहमद को सजा हुई है। आज ही कोर्ट ने तीनों आरोपियों को दोषी करार दिया था। यह जानकारी उमेश पाल के वकील ने बाहर आकर खुद ही किया। यह फैसला आने के बाद कोर्ट के बाहर लोग खुशी मनाते हुए सीएम योगी के जिंदाबाद के नारे लगाए गए। यह केस करीब 17 सालों से चल रहा था।

कोर्ट ने अशरफ के अलावा इन्हें भी निर्दोष करार कर दिया

उमेश पाला अपहरण केस में अतीक अहमद के भाई अशरफ अहमद समेत सात आरोपियों को निर्दोष करार दिया गया है। प्रयागराज की स्पेशल एमपी-एमएलए कोर्ट ने अतीक अहमद, सौलत हनीफ और दिनेश पासी दोषी करार दिया गया था। इस केस में अशरफ अहमद, फरहान, जावेद, इशार, आसिफ मल्ली और अंसार को निर्दोष करार दिया है।

दोषी ठहराया जाने पर अतीक व अशरफ रोने लगे

प्रयागराज में एमपी एमएलए अदालत ने उमेश पाल के अपहरण मामले में मंगलवार को अतीक अहमद समेत तीन को दोषी ठहारया। फैसला सुनाए जाने के बाद अतीक के अलावा उसका भाई अशरफ भी रोने लगा। इतना ही नहीं कोर्ट ले जाते वक्त वकीलों ने भी अतीक अहमद के साथ धक्का-मुक्की की। वही अतीक को दोषी ठहराये जाने वाले मामले में भाजपा प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी ने कहा कि योगी सरकार में अतीक के खौफ का अंत हुआ है। अभियोजन पक्ष ने मजबूती से कोर्ट में पक्ष रखा,ये योगी सरकार की मजबूत इच्छाशक्ति से संभव हुआ।

अतीक को फांसी होनी चाहिए थी: उमेश पाल की मां

माफिया अतीक अहमद समेत तीन आरोपियों को उम्रकैद की सजा सुनाए जाने के बाद उमेश पाल की मां शांति देवी ने कहा कि अतीक को फांसी होनी चाहिए थी।

अतीक का आतंक खत्म होना चाहिए। मेरे बेटे की हत्या के केस में अतीक को फांसी होनी चाहिए। मेरे बेटे को अतीक ने तीन दिन कैद करके रखा था।

अतीक अहमद को सुप्रीम कोर्ट से नहीं मिली राहत

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को माफिया अतीक अहमद की उस याचिका पर सुनवाई से इनकार कर दिया, जिसमें उसने अपनी जान को खतरा बताते हुए सुरक्षा की मांग की थी। कोर्ट ने कहा अतीक के वकील को इलाहबाद हाईकोर्ट जाने के लिए कहा। सपा के पूर्व नेता अतीक अहमद ने सुप्रीम कोर्ट से अपनी सुरक्षा का अनुरोध करते हुए दावा किया था कि उसे अपनी जान का खतरा है। इस समय अहमदाबाद केंद्रीय जेल में बंद अतीक अहमद ने यह सुनिश्चित करने का निर्देश देने का भी अनुरोध किया है कि पुलिस हिरासत या पूछताछ के दौरान उसे किसी भी तरह से शारीरिक नुकसान नहीं पहुंचाया जाए।

साबरमती से प्रयागराज आने के दौरान नहीं सोया अतीक

बताया जा रहा है कि साबरमती से प्रयागराज लाने के दौरान डर के मारे माफिया अतीक अहमद इस 24 घंटे की सफर में कहीं नहीं सोया। वैन में सोने के लिए जगह भी नहीं थी। इसके अलावा अपनों के आने के बाद उसका विश्वास मजबूत जरूर हुआ था लेकिन तनाव लगातार बना रहा। इसके अलावा मंगलवार को आने वाले कोर्ट के फैसले को लेकर भी वह चिंतित रहा। सूत्र के अनुसार वह लगातार जागता रहा। बीच-बीच में उसने झपकी जरूर ली।

माफियाओं को मिलेगा गनर तो कैसे मिलेगा आम आदमी को न्याय


लखनऊ। ग्राम धावा चिनहट में कई वर्षों से भूमाफिया पंकज वर्मा उर्फ़ पंकज सिंह उर्फ़ मनोज पंकज कुमार सिंह सक्रिय है।इसके ऊपर (257/2017 कृष्णा नगर,17/2018 वजीरगंज, 163/2020 विकासनगर , 330/18 विकासनगर आदि) भूमि पर कब्जे से सम्बंधित मुकदमा दर्ज हैं।यह मूल रूप से जनपद सुल्तानपुर का रहने वाला है जो वर्तमान में विकास नगर लखनऊ में करोड़ों की सरकारी जमीन बेचकर करोड़ों का मकान बनाकर रह रहा है। यह अपने आपको माननीय सांसद - धरहोरा - रेखा वर्मा का भाई बताता है। कभी अपने आप को विधायक बताता है।

सांसद रेखा वर्मा की पैरवी से पंकज वर्मा को गनर भी मिला है जिसके दम पर वो धौंस जमाता है । सांसद का पीएस महेन्द्र वर्मा इसका सगा भाई है । पंकज वर्मा अपने गुर्गे प्रवीण कुमार, मो फारुख, अनिरुद्ध यादव, सैफ अली, शिवराज, रामपाल,हरीश अवस्थी आदि के दम पर ग्राम धावा चिनहट के कई किसानों सहित ग्राम समाज की भूमि गाटा संख्या 331, 333, 327, 454, 335स ,334स, 323,455 आदि पर कब्ज़ा कर करोड़ों में बेच रहा है, जिसका विरोध ग्रामीणों द्वारा किया गया तो पंकज वर्मा ने ग्रामीणों पर झूठे मुकदमे 916/21 , 82/21 86/21 थाना चिनहट 250/21 थाना वजीरगंज आदि दर्ज कराकर कई ग्रामीणों को जेल भेजवा चूका है, जिसकी शिकायत पत्र स्वयं के द्वारा जिलाधिकारी लखनऊ से मुख्यमंत्री तक की गई लेकिन वो भूमाफिया इतना प्रभावशाली है कि उसके खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं हुई । इसके एक गुर्गे शिवराज के नाम बेदखली का आदेश भी हो चूका है लेकिन कोई कार्यवाही नहीं हुई, पुलिस, लेखपाल आदि इसके गुलाम हैं ।

प्रशासन इस कदर उस भू-माफिया का आउ भगत करता है। मानो प्रदेश का मुख्यमंत्री वही हो।एक ही जमीन पर लेखपाल द्वारा कई कई बार कई तरीके का रिपोर्ट दिया गया है। पुलिस बिना जाँच के ग्रामीणों को जेल भेज चुकी है । इसके पास एक ही रंग और एक ही नंबर के करीब बीसियों फारचुनर गाड़ी है, जब ये भू-माफिया अपने गुर्गों संग ग्राम धावा पहुंचता है तो इतनी सारी गाड़ियों को एक साथ देखकर ग्रामीण दहशत में आ जाते हैं। राज्य मानवाधिकार आयोग तक कई ग्रामीण पंकज वर्मा उसके गुर्गों सहित प्रनि धनन्जय पाण्डेय,प्रनि घनश्याम मणि त्रिपाठी क्राइम ब्रांच लखनऊ व उप निरीक्षक सुदर्शन सिंह आदि के खिलाफ गए।

जिसमें मानवाधिकार आयोग ने उपरोक्त सभी को दोषी पाया फिर भी पंकज वर्मा इतना प्रभावशाली है कि उस पर और उसके गुर्गों पर आज तक कोई कार्यवाही नहीं हुई , जिसकी वजह से वो ग्राम धावा में आतंक का पर्याय बन चूका है, जो भी उसके खिलाफ मुंह खोलता है। वह उसे जेल भेजवा देता है। स्थिति यह है कि अब उसके डर से कोई बोलना नहीं चाहता है जिससे कानून के राज की जमींदोज होने की स्थिति आ गई है । ऐसा प्रतीत होता है कि इस प्रेस वार्ता के बाद मुझे भी फर्जी मुकदमे में जेल भिजवाया जा सकता है या मेरी हत्या कराई जा सकती है।

पंकज वर्मा द्वारा ग्रामीणों पर कराये गए मुकदमे का सार

1. मुकदमा संख्या 82/21 थाना चिनहट : इस मुकदमे में पंकज सिंह का गुर्गा शिवराज वादी है जिसने मंदिर में तोड़फोड़ व हरिजन एक्ट प्रतिवादी पर लगाया है जिसका कोई साक्ष्य वादी के पास नहीं है फिर भी मुकदमा प्रचलित है।

2. मुकदमा संख्या 86/21 थाना चिनहट : - इस मुकदमे में पंकज सिंह का गुर्गा प्रवीण कुमार वादी है जो 27/01/2021 को प्रतिवादी पर आरोप लगाता है कि प्रतिवादी वादी की भूमि का कब्जे का प्रयास कर रहा है जबकि वादी जिस जमीन पर कब्जे की बात कर रहा है वह जमीन वादी ने मुकदमा दर्ज होने के 2 महीने बाद क्रय की। इस फर्जी मुकदमे में पिता – पुत्र को जेल भेजा गया।

3. मुकदमा संख्या 916/21 थाना चिनहट : - इस मुकदमे में माफिया पंकज भी घटनास्थल पर था,पंकज सिंह और उसके गुर्गों ने ग्रामीण की जमीन सहित ग्राम सभा की जमीन पर कब्ज़ा करने पहुंचा वहां उपस्थित ग्रामीणों से मारपीट शुरू की और उलटा मुकदमा दर्ज करा कर 10-12 लोगों को जेल भेजवा दिया और गाँव के 40 लोगों को नोटिस भिजवा कर इस कदर दहशत मचाया कि 40-50 लोग कई महीनो तक घर से भागे रहे।

4. मुकदमा संख्या 250/21 थाना वजीर गंज :- इस मुकदमे में वादी पंकज सिंह का गुर्गा मो फारुख है। मो फारुख ने 03/08/2021 को अपनी बहन की जमीन पर कब्जे की रपट लिखाई जिसमे 11 लोगों को नामजद कराया और ठीक 1 महीने बाद 02/09/2021 को वादी की बहन ने अपनी पूरी जमीन बेच दी जिस पर अभी क्रेतागणों का कब्ज़ा है। इसके बावजूद मुकदमा अभी तक प्रचलित है।और आश्चर्य की बात यह है कि अभी तक विवेचक द्वारा वादी मुकदमा व उसके बहन का कोई लिखित बयान नहीं लिया गया है बस प्रतिवादी पक्ष को प्रतारित किया जा रहा है।

उमेश पाल अपहरण केस में आज आएगा फैसला


लखनऊ। उमेश पाल अपहरण मामले में आज प्रयागराज की एमपी-एमएलए कोर्ट फैसला सुनाएगी। सुबह 10 बजे माफिया अतीक अहमद और अशरफ कोर्ट में पेश होंगे। मामले में अतीक, अशरफ सहित कुल 11 लोगों को आरोपी बनाया गया था।

आरोपी अंसार बाबा की पहले ही मौत हो चुकी है। कोर्ट के आदेश पर बाकी सभी आरोपियों को कोर्ट के समक्ष पेश किया जाएगा। इसके लिए जिला कचहरी परिसर में सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई है। मामले में उमेश पाल ने पांच जुलाई 2007 को धूमनगंज थाने में उस समय सांसद रहे अतीक अहमद, उसके भाई खालिद अजीम उर्फ अशरफ, दिनेश पासी, खान सौकत हनीफ, अंसार बाबा के खिलाफ अपहरण कर विधायक राजू पाल हत्याकांड मामले में अपने पक्ष में बयान करने का आरोप लगाया था।

बंथरा पुलिस ने पकड़ा मोटरसाइकिल चोर


लखनऊ। पुलिस ने मुखबिर की सूचना पर एक मोटरसाइकिल चोर को धर दबोचा और के उसके पास से चोरी की गई मोटरसाइकिल भी बरामद की।

बंथरा थाने की पुलिस ने मुखबिर की सूचना पर रविवार को थाना क्षेत्र से एक बाइक चोर को धर दबोचा। पुलिस ने उसके कब्जे से चोरी की हुई बाइक भी बरामद किया है।

बंथरा इंस्पेक्टर डॉ. आशीष कुमार मिश्रा ने बताया कि थाने के उपनिरीक्षक मुन्नालाल को रविवार सुबह मुखबिर से सूचना मिली कि एक युवक चोरी की बाइक के साथ क्षेत्र में ही जुनाबगंज स्थित एक होटल के बगल मौजूद है। सूचना पाकर पहुंची पुलिस ने उसके पास मौजूद बाइक के कागजात मांगे, लेकिन वह दिखा नहीं सका।

इस पर पुलिस ने उसे हिरासत में ले लिया और पूछताछ की। जहां पूछताछ में उसने अपना नाम बंथरा के ही नानामऊ निवासी अमित कुमार उर्फ राजा रावत बताया। पूछताछ में उसने बताया कि उक्त स्प्लेंडर प्लस मोटरसाइकिल (यूपी 32 जेएफ 5537) उसने बीती 24 मार्च को सरोजनीनगर में हुंडई शोरूम के पास से चोरी की है।

बाद में पुलिस द्वारा बाइक नंबर के आधार पर पता करने पर उक्त बाइक बंथरा के दादूपुर निवासी रामकुमार की निकली। फिलहाल पुलिस ने बरामद बाइक अपने कब्जे में लेने के साथ ही बाइक चोर अमित को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।

ओबीसी आयोग की रिपोर्ट को सुप्रीम कोर्ट ने किया स्वीकार, यूपी में निकाय चुनाव का रास्ता साफ


लखनऊ। सुप्रीम कोर्ट ने निकाय चुनाव में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) को आरक्षण देने के मुद्दे पर सुनवाई करते हुए योगी सरकार के पक्ष में बड़ा फैसला दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने निकाय चुनाव को लेकर योगी सरकार द्वारा बनाए गए ओबीसी आयोग की रिपोर्ट को स्वीकार्य कर लिया है। साथ ही कोर्ट ने दो दिनों के भीतर निकाय चुनाव का नोटिफिकेशन जारी करने की इजाजत दे दी है।

वहीं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा ओबीसी आयोग की रिपोर्ट स्वीकार कर ओबीसी आरक्षण के साथ नगरीय निकाय चुनाव कराने का आदेश स्वागत योग्य है। सीएम योगी ने कहा कि सरकार ओबीसी आरक्षण के लिए प्रतिबद्ध थी एवं सर्वोच्च न्यायालय द्वारा दिये गये समय सीमा के भीतर ही सारी कार्यवाही कर ली। उन्होंने कहा कि विधि सम्मत तरीके से आरक्षण के नियमों का पालन करते हुए उत्तर प्रदेश सरकार समयबद्ध ढंग से नगरीय निकाय चुनाव कराने को प्रतिबद्ध है।

बता दें कि निकाय चुनाव में ओबीसी आरक्षण को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की गई थी और सरकार के निर्णय को प्रभावित करने की कोशिश की थी। मामले पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने बिना ओबीसी आरक्षण के तत्काल निकाय चुनाव कराने का निर्णय दिया था, जिस पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने साफ कर दिया था कि प्रदेश सरकार दलित, पिछड़ा समेत समाज के सभी वर्गों के लिए समर्पित है। बिना भेदभाव के सबका साथ-सबका विकास की भावना के साथ कार्य कर रही है। हम बिना ओबीसी आरक्षण के चुनाव नहीं कराएंगे।

इसके बाद सरकार ने ओबीसी आयोग का गठन किया था और हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी। जिस पर 27 मार्च को सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के तत्काल चुनाव कराने के आदेश पर रोक लगाते हुए ओबीसी आरक्षण को सुनिश्चित करने के लिए गठित आयोग को 31 मार्च के भीतर अपनी रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया था। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद आयोग ने अपना कार्य करना शुरू कर दिया।

आयोग ने अपनी रिपोर्ट तैयार करने के लिए 75 जिलों का दौरा किया और सर्वे के बाद नौ मार्च को सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंप दी थी। वहीं आयोग की रिपोर्ट और सिफारिशों को सरकार ने 15 मार्च को सुप्रीम कोर्ट में दाखिल कर दिया था। जिस पर आज सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने योगी सरकार के पक्ष में फैसला दिया है और आयोग की रिपोर्ट को स्वीकार्य कर लिया है। साथ ही ओबीसी आरक्षण के साथ निकाय चुनाव कराने की अनुमति दे दी है।