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*मुंबई में प्लास्टिक बैग में मिली महिला की सड़ी-गली लाश, हिरासत में 22 साल की बेटी*

#mumbai_53_yr_old_woman_murder_found_body_in_building

मुंबई के लालबाग इलाके के एक अपार्टमेंट में 53 साल की महिला की सड़ी-गली लाश के टुकड़े प्लास्टिक बैग में मिले हैं।मामले में पुलिस ने उसकी बेटी को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया है।पुलिस ने कहा कि प्रारंभिक जांच से पता चलता है कि पीड़िता की बेटी ने उसकी हत्या की होगी।घटना मुंबई की लालबाग के पेरू कंपाउंड इलाके की बताया जा रही है।

पुलिस के मुताबिक, महिला कई महीनों से लापता थी जिसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट भी दर्ज कराई थी। महिला के भाई और भतीजे ने कुछ दिन पहले उसके गुमशुदा होने की रिपोर्ट कलाचौकी थाने में कराई थी। जब तलाश करने के बाद महिला का सुराग नहीं मिला तो महिला के घर की तलाशी ली गई। तक प्लास्टिक की थैली में 50 से 55 साल की उम्र की एक महिला का शव क्षत-विक्षत अवस्था मिला। इसके बाद शव को अलमारी से बरामद कर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया।

डीसीपी प्रवीण मुंधे ने बताया कि महिला की पहचान वीना प्रकाश जैन के रूप में हुई है। महिला के हाथ-पैर और शरीर के कुछ हिस्सों को काट दिया गया था। मौत के कारणों का पता लगाने के लिए पुलिस ने लाश को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है। 22 साल की बेटी को पूछताछ के लिए गिरफ्तार कर लिया गया है। पुलिस को शक है कि बेटी ने ही मां को महीनों कोठरी में बंद रखा। इसके बाद उसकी हत्या कर दी।

*अडानी मामले को लेकर विपक्षी दलों का ईडी ऑफिस तक मार्च, टीएमसी-एनसीपी ने बनाई दूरी*

#oppositionmpswillmarchtoedofficeonadani_issue 

अडानी ग्रुप के खिलाफ विपक्षी दलों ने हल्ला बोल दिया है। संसद से लेकर सड़क तक इस मामले को लेकर विपक्षी दलों का संग्राम जारी है। इसी बीच 17 विपक्षी पार्टियों के सांसदों ने बुधवार को संसद भवन से ईडी दफ्तर के लिए मार्च निकाला। हालांकि, दिल्ली पुलिस ने उन्हें धारा 144 का हवाला देते हुए विजय चौक पर ही रोक दिया।

एलआईसी, एसबीआई और अन्य बैंक बर्बाद हो गए-खड़गे

विजय चौक पर रोके जाने से खफा सांसदों ने वहीं पर नारेबाजी शुरू कर दी। इस दौरान कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि हम अडानी के घोटाले में एक ज्ञापन सौंपने के लिए निदेशक ईडी से मिलने जा रहे हैं। लेकिन सरकार हमें विजय चौक के पास से कहीं नहीं जाने दे रही है, उन्होंने हमें रोक दिया है। लाखों रुपये का घोटाला हुआ है, एलआईसी, एसबीआई और अन्य बैंक बर्बाद हो गए हैं। कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, 200 सांसदों को रोकने के लिए 2000 पुलिस वाले लगाए गये हैं

अडानी और मोदी के बीच के रिश्ते की जांच होनी चाहिए -खड़गे

मल्लिकार्जु खरगे ने कहा, मोदी जी ऐसे लोगों को प्रोत्साहन दे रहे हैं जिनकी संपत्ति कम थी और अब मोदी जी की कृपा से उनकी संपत्ति बहुत बढ़ गई है, मैं यह जानना चाहता हूं कि उनको आखिर पैसे कौन दे रहा है? इसकी जांच होनी चाहिए। उन्होंने कहा, अडानी और मोदी के बीच के रिश्ते की जांच होनी चाहिए, बस इसी के लिए हम ईडी दफ्तर जाकर अपनी बात रखना चाह रहे हैं.

टीएमसी-एनसीपी नहीं बनीं पदयात्रा का हिस्सा

इससे पहले सोमवार को संसद में राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे की अध्यक्षता में विपक्षी दलों के नेताओं की बैठक में 16 दलों ने हिस्सा लिया था। इन दलों में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस, द्रविड़ मुनेत्र कड़गम, समाजवादी पार्टी, जनता दल (यूनाइटेड), आम आदमी पार्टी, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी), राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग, शिवसेना (उद्धव ठाकरे), मरुमलार्ची द्रविड़ मुनेत्र कड़गम, राष्ट्रीय जनता दल, झारखंड मुक्ति मोर्चा, विदुथलाई चिरुथिगल काची और एनसी शामिल थे। हालांकि इस बैठक से तृणमूल कांग्रेस(टीएमसी) और एनसीपी ने दूरी बनाई। आज की पथयात्रा में भी दोनों पार्टियों के सांसद शामिल नहीं हुए।

जेपीसी की मांग पर अड़ा विपक्ष

बता दें कि कांग्रेस समेत विपक्षी दल अदाणी मामले की जांच के लिए जेपीसी की मांग कर रहे हैं। मौजूदा बजट सत्र में भी विपक्षी दल अदाणी मामले पर मुखर हैं। वहीं सत्ता पक्ष लंदन में दिए बयान को लेकर राहुल गांधी से माफी की मांग कर रहा है। जिसके चलते संसद नहीं चल पा रही है। कांग्रेस अदाणी मामले पर खासी सक्रिय होकर विरोध कर रही है। इस मुद्दे पर कांग्रेस सरकार को घेरने की कोशिशों में जुटी है और देशभर में प्रदर्शन कर रही है। विभिन्न प्रदेशों में कांग्रेस कमेटी अदाणी मामले पर विरोध मार्च निकाल रही हैं।

संसद हो रहा प्रभावित

हिंडनबर्ग रिपोर्ट आने के बाद से विपक्ष अडानी मुद्दे को उठाता रहा है। हिंडनबर्ग-अडानी रिपोर्ट को लेकर विपक्ष संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) जांच की मांग कर रहा है। बता दें कि एक महीने के ब्रेक के बाद सोमवार को संसद के बजट सत्र का दूसरा चरण शुरू हो गया। विपक्ष के लगातार विरोध पर सदन में हंगामे और विरोध के बीच संसद को भी बार-बार व्यवधान का सामना करना पड़ा है।

अमेरिका ने फिर की चीन का चिढ़ाने वाली बात, अरुणाचल प्रदेश पर ड्रैगन के दावे को किया खारिज

# america_statement_arunachal_pradesh_integral_part_of_india

अमेरिका ने एक बार फिर भारत का समर्थन करते हुए चीन को चेतावनी दी है।दरअसल, अमेरिका का मानना है कि अरुणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न हिस्सा है।अमेरिका मैक्मोहन लाइन को चीनऔर भारत के मध्य इंटरनेशनल बाउंड्री मानता है। दरअसल, अमेरिकी सीनेट में इस संबंध में एक प्रस्ताव आया है।इस प्रस्ताव को सीनेटर जेफ मर्कले, बिल हैगर्टी ने पेश किया था, जिसमें चीन के यथास्थिति बदलने के प्रयास की निंदा की गई थी।

सीनेट में प्रस्ताव पेश करते हुए बिल हैगर्टी ने कहा कि इस समय चीन मुक्त और खुले हिंद-प्रशांत क्षेत्र के लिए गंभीर खतरा बना हुआ है, ऐसे में संयुक्त राज्य अमेरिका के लिए महत्वपूर्ण है कि वह क्षेत्र में अपने रणनीतिक साझेदारों, विशेष रूप से भारत के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा हो।प्रस्ताव के बारे में बताते हुए हैगर्टी ने कहा कि इसमें अरुणाचल प्रदेश राज्य को भारत के अभिन्न अंग के रूप में मान्यता देने के लिए सीनेट का समर्थन व्यक्त किया गया है। साथ ही एलएसी पर यथास्थिति बदलने के लिए चीन के प्रयास की निंदा के साथ ही अमेरिका-भारत की रणनीतिक साझेदारी बढ़ाने का समर्थन किया गया है।

प्रस्ताव पेश करने वाले दूसरे सीनेटर जेफ मर्कले ने कहा, यह प्रस्ताव साफ करता है कि संयुक्त राज्य अमेरिका भारतीय राज्य अरुणाचल प्रदेश को भारत गणराज्य के हिस्से के रूप में देखता है, न कि चीन के जनवादी गणराज्य के रूप में। साथ ही अमेरिका की समान विचारधारा वाले अंतरराष्ट्रीय भागीदारों के साथ क्षेत्र में समर्थन और सहायता को गहरा करने के लिए प्रतिबद्ध को जाहिर करता है। खास बात यह है कि भारत के समर्थन में रिपब्लिकन और डेमोक्रेट्स दोनों दलों के सीनेटर्स ने आवाज बुलंद की है।

सीनेटरों के प्रस्ताव में चीन के अतिरिक्त उकसावों की निंदा की गई है। जिसमें वास्तविक नियंत्रण रेखा पर यथास्थिति को बदलने के लिए चीनी जनवादी गणराज्य द्वारा सैन्य बल का उपयोग विवादित क्षेत्रों में गांवों का निर्माण, शहरों के लिए मंदारिन भाषा के नामों के साथ मानचित्रों का प्रकाशन और भारतीय राज्य अरुणाचल प्रदेश में विशेषताएं और भूटान में पीआरसी क्षेत्रीय दावों का विस्तार करने की कोशिश में जुटा है।

राहुल गांधी पर स्मृति ईरानी का तीखा हमला, बोलीं- टुकड़े-टुकड़े गैंग का समर्थन किया, वो क्या था?

#smritiiranislamrahulgandhiforlondon_remarks

केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने बुधवार को कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी पर उनके लंदन में दिए गए बयान को लेकर तीखा हमला बोला है। स्मृति ईरानी ने आज बुधवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में राहुल गांधी पर जमकर निशाना साधा। स्मृति ईरानी ने कहा कि कांग्रेस नेता ने एक ऐसे देश में जाकर विदेशी ताकतों का आह्वान किया जिसका इतिहास रहा है भारत को गुलाम बनाने का। राहुल गांधी के इस डर के पीछे कोई वजह नहीं है कि भारत में लोकतंत्र खतरे में है। दरअसल वो मोदी विरोध करते करते कब देश का विरोध करने लगते हैं उन्हें खुद नहीं पता चलता।

अमेठी से बीजेपी सांसद स्मृति ईरानी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, ‘राहुल गांधी विदेश की धरती पर जाकर ‘बोलने की आजादी’ नहीं होने की बात करते हैं। उन्होंने कहा कि वो राहुल गांधीसे पूछना चाहती है कि आपने विदेश में कहा कि आपको देश के किसी भी विश्वविद्यालय में बोलने का अधिकार नहीं है। अगर ऐसा है तो 2016 में जब दिल्ली की एक यूनिवर्सिटी में 'भारत तेरे टुकड़े होंगे' का नारा लगा तो आपने उसका समर्थन किया, वो क्या था?

राहुल गांधी आप झूठ बोल रहे थे-ईरानी

केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा, राहुल गांधी ने जम्मू में अपनी यात्रा के दौरान स्वीकार किया कि भारत में शांति और सौहार्द है। राहुल गांधी आप लंदन या हिंदुस्तान में झूठ बोल रहे थे।राज्यसभा में सभापति के चेयर पर कांग्रेस के नेता कागज फेंकते हैं, क्या वह लोकतंत्र है? उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेता द्वारा विदेशी ताकतों का आह्वान करना स्वतंत्रता सेनानी देशभक्तों का अपमान है।

देश की संसद से माफी मांगनी चाहिए

स्मृति ईरानी ने कहा कांग्रेस सांसद राहुल गांधी को देश की संसद से माफी मांगनी चाहिए। उन्होंने विदेश जाकर, देश और उसकी संस्थाओं को अपमानित करने का काम किया है। राहुल, मोदी विरोध में देश विरोधी हो गये और लंदन में वह लोकतंत्र का अपमान कर बैठे।

*2020 के दिल्ली दंगे मामले में तीन साल बाद आया फैसला, नौ आरोपी दोषी करार*

#9peopleconvictedindelhiriotcase

दिल्ली की कड़कड़डूमा कोर्ट ने 2020 के दिल्ली दंगों के मामले में फैसला सुना दिया है। कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए 9 आरोपियों को दोषी ठहराया है।कोर्ट ने कहा कि आरोपी, उस अनियंत्रित भीड़ का हिस्सा थे जो हिंदू समुदाय के लोगों की संपत्तियों को नुकसान पहुंचा रही थी। 

कोर्ट ने कहा कि इस भीड़ का मकसद हिंदुओं से संबंधित व्यक्तियों की संपत्तियों को अधिकतम नुकसान पहुंचाना था। कोर्ट ने दोषियों को हिरासत में लेकर न्यायिक हिरासत में भेजने का निर्देश दिया। मामले में आरोपी और अभियोजन पक्ष की तरफ से हलफनामा दाखिल करने के लिए मामले को 29 मार्च के लिए लिस्ट किया गया है। एडिशनल सेशन जज पुलस्त्य प्रमाचला ने मोहम्मद शाहनवाज उर्फ शानू, मोहम्मद शोएब उर्फ छुटवा, शाहरुख, राशिद उर्फ राजा, आजाद, अशरफ अली, परवेज, मोहम्मद फैसला और राशिद उर्फ मोनू को दंगा, चोरी, संपत्तियों को आग लगाना, गैरकानूनी तरीके से इकट्ठा होकर संपत्तियों को नष्ट करने से संबंधित धाराओं के तहत दोषी ठहराया।

सजा पर बहस 29 मार्च को

विशेष लोक अभियोजक डीके भाटिया ने कहा, कोर्ट ने इन दोषियों की सजा पर बहस के लिए 29 मार्च की तारीख तय की है। कोर्ट ने फैसले में यह भी कहा कि इस मामले में ड्यूटी पर मौजूद हेड कांस्टेबल हरि बाबू की गवाही को काटने वाला कोई तथ्य मौजूद नहीं है। हरि बाबू ने भीड़ में इन आरोपियों की पहचान की थी। कोर्ट ने कहा, ड्यूटी पर मौजूद एक और हेड कांस्टेबल विपिन कुमार की गवाही पर संदेह करने का भी कारण नहीं है।

शिकायतकर्ता ने लगे थे ये आरोप

दिल्‍ली दंगा मामले में शिकायतकर्ता ने बताया था कि 24-25 फरवरी की रात को उसके घर पर हमला हुआ था और लूटपाट की गई थी। भीड़ ने उसके घर के ऊपरी मंजिल पर उसके कमरे में आग लगा दी थी। दंगा करने, तोड़फोड़ करने और आगजनी करने वालों की पहचान की गई थी। मोहम्मद शाहनवाज, मोहम्मद शोएब, शाहरुख, राशिद, आजाद, अशरफ अली, परवेज और मोहम्मद. फैसल और राशिद को क्राइम ब्रांच ने गिरफ्तार किया था।

सुनवाई के दौरान कोर्ट ने याचिकाकर्ता के दावों को सही पाया और 9 आरोपियों को दोषी ठहराया है। जांच में सीसीटीवी कैमरों, सोशल मीडिया पर वायरल फुटेज और सार्वजनिक गवाहों की मदद लेकर आरोपियों की पहचान की गई और उन पर कार्रवाई हुई।

काला सागर के ऊपर रूसी जेट और अमेरिकी ड्रोन में टक्कर, यूएस ने जताई कड़ी आपत्ति, बढ़ सकता है तनाव

#russianjetcollideswithusdroneoverblacksea

रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच दुनियाभर के देशों के लिए चिंता बढ़ाने वाली खबर है। दुनिया के दो सबसे शक्तिशाली देशों के बीच तनाव बढ़ने की आशंका है। दरअसल, काला सागर में एक रूसी जेट की अमेरिकी ड्रोन से टक्कर हो गई। अमेरिका का दावा है कि रूसी जेट ने जानबूझकर टक्कर मारकर अमेरिकी ड्रोन के प्रोपेलर को क्षतिग्रस्त कर दिया। इस घटना के बाद दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ने की आशंका है।

अमेरिकी सेना की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक रूसी जेट अमेरिकी ड्रोन से टकराया और उसे मार गिराया। जानकारी के मुताबिक ब्लैक सी के उपर मंगलवार को अमेरिकी ड्रोन और रूसी जेट आमने सामने आ गए जिसके बाद रूसी जेट अमेरिकी ड्रोन को नीचे गिराने के लिए उससे टकराया और ड्रोन के प्रोपेलर को क्षतिग्रस्त कर दिया।

अमेरिकी सेना के अनुसार, काला सागर के ऊपर एक रूसी एसयू-27 फाइटर जेट अमेरिकी एमक्यू-9 ड्रोन से टकरा गया, कहा गया है कि अमेरिकी वायु सेना को अपने मानवरहित विमान को नीचे उतारने के लिए मजबूर होना पड़ा।अमेरिकी वायु सेना के जनरल जेम्स हेकर ने कहा कि एमक्यू -9 विमान अंतरराष्ट्रीय हवाई क्षेत्र में नियमित संचालन कर रहा था, जब इसे एक रूसी विमान द्वारा रोका गया और मारा गया, जिसके परिणामस्वरूप एक दुर्घटना हुई और ड्रोन का पूर्ण नुकसान हुआ।

अमेरिका का दावा जानबूझकर रूस की हरकत

अमेरिकी अधिकारियों का कहना है कि रूस का जेट जानबूझकर अमेरिकी ड्रोन के सामने आया था और जेट से तेल गिराने लगा था। इस दौरान एक जेट ने ड्रोन के प्रोपेलर को नुकसान पहुंचाया है। ये प्रोपेलर ड्रोन के पीछे लगा था। प्रोपेलर को नुकसान पहुंचते ही अमेरिकी सेना को मजबूरन रीपर को नीचे लाना पड़ा।

रूस बोला- विमान से टकराने से पहले ही गिरा ड्रोन

उधर, रूस के रक्षा मंत्रालय ने कहा है कि उसका लड़ाकू विमान अमेरिकी ड्रोन से नहीं टकराया, बल्कि ड्रोन पहले ही काला सागर में गिर गया। रूस ने दावा किया है कि अमेरिकी सैन्य ड्रोन रूसी सीमा पर तेजी से मंडरा रहा था और इस कारण वह दुर्घटनाग्रस्त हो गया। उसके लड़ाकू विमान ने किसी हथियार का इस्तेमाल नहीं किया।

बता दें कि काला सागर वो जल क्षेत्र है जिसकी सीमाएं रूस और यूक्रेन दोनों से मिलती है। यूक्रेन युद्ध की वजह से काफी समय से इस क्षेत्र में सैन्य गतिविधियां बढ़ी हुई हैं।

*'लंदन प्लान' के जरिए गिरफ्तारी की तैयारी, जानें-इमरान खान ने किस पर साधा निशाना*

#imrankhanclaimmyarrestpartoflondonplan

पाकिस्तान के पूर्व पीएम इमरान खान पर गिरफ्तारी की तलवार लटकी हुई है। मंगलवार को लाहौर स्थित इमरान के आवास के बाहर उनके समर्थक गिरफ्तारी को रोकने के लिए पुलिस से भिड़ गए। इमरान खान को गिरफ्तार करने के लिए 8 घंटे तक कोशिश करने के बावजूद पुलिस उन्हें गिरफ्तार नहीं कर पाई। इस बीच तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के अध्यक्ष इमरान खान ने अपनी गिरफ्तारी को लेकर बड़ा दावा किया है। उन्होंने शहबाज सरकार पर अपनी गिरफ्तारी की योजना बनाने का आरोप लगाया है।साथ ही शहबाज शरीफ सरकार पर दमनकारी नीतियों से लोकतंत्र की आवाज और विपक्ष का गला घोटने का भी आरोप लगाया है।

इमरान का वीडिया संदेश

इधर पाकिस्तान के पूर्व पीएम इमरान खान की गिरफ्तारी को लेकर पाक में मंगलवार से शुरू हुआ बवाल आज की सुबह तक जारी है। लाहौर में अब भी तनावपूर्ण स्थिति बनी हुई है। इन सबके बीच इमरान खान ने इसको लेकर एक वीडियो जारी किया है।उन्होंने कहा कि वे फिर से तैयारी कर रहे हैं, मुझे पता है। मैंने लाहौर उच्च न्यायालय में वचन दिया है कि मैं 18 तारीख को न्यायालय में उपस्थित रहूंगा। लेकिन इसे स्वीकार नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि सब जानते हैं इसे क्यों नहीं लिया गया यह लंदन योजना का हिस्सा है। इमरान खान ने नवाज शरीफ पर हमला करते हुए कहा कि नवाज शरीफ को आश्वासन दिया गया है कि मुझ पर और मेरी पार्टी पर हमला किया जाए और मुझे जेल में डाल दिया जाए। आगे कहा कि पुलिस मुझे गिरफ्तार करने और जेल भेजने आई है। अगर मुझे कुछ हो जाता है, या जेल भेज दिया जाता है, या वे मुझे मार देते हैं, तो आपको यह साबित करना होगा और यह देश इमरान खान के बिना भी संघर्ष करता रहेगा।

पेश नहीं होने की बताई वजह

इमरान खान ने अपने समर्थकों की पिटाई पर कहा कि कल दोपहर से लाहौर के जमान पार्क में ऐसा लग रहा था मानो कानून नहीं है। जिस तरीके से पुलिस ने हमारे लोगों के ऊपर हमला किया वो दुखद है। महिलाओं, बुजुर्गों और बच्चों के ऊपर हमला किया। वाटर कैनन का इस्तेमाल किया। औरतें थीं मुलाजिम थे उन पर बेरहम तरीके से हमला किया। ये उनकी बौखलाहत को दिखाता है। इनको पता था कि मैं क्यों नहीं जा रहा था क्योंकि वहां पर दो बार दहशतगर्दी हुई थी। जज भी शहीद हुए हैं। इसलिए मैं सुरक्षा की वजह से पेश नहीं हुआ।

गिरफ्तारी को लेकर गतिरोध

बता दें कि मंगलवार को पूर्व प्रधानमंत्री की गिरफ्तारी के लिए उनके आवास जमान पार्क पर पुलिस को बुलाया गया था, जहां पार्टी समर्थकों और पुलिस के बीच 14 घंटे से अधिक समय से उनकी गिरफ्तारी को लेकर गतिरोध चल रहा है। अदालत के आदेश पर इमरान खान को गिरफ्तार करने के लिए इस्लामाबाद से आई पुलिस टीम के आने के बाद इमरान खान के समर्थक उनके घर के बाहर जमा हो गए, जबकि इमरान खान ने अपने समर्थकों से कानून की सर्वोच्चता के लिए खड़े होने और सच्ची आजादी के लिए लड़ने का आह्वान किया। जिसके बाद इस्लामाबाद, पेशावर और कराची में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए।

'लंदन प्लान' के जरिए गिरफ्तारी की तैयारी, जानें-इमरान खान ने किस पर साधा निशाना

#imrankhanclaimmyarrestpartoflondonplan

पाकिस्तान के पूर्व पीएम इमरान खान पर गिरफ्तारी की तलवार लटकी हुई है। मंगलवार को लाहौर स्थित इमरान के आवास के बाहर उनके समर्थक गिरफ्तारी को रोकने के लिए पुलिस से भिड़ गए। इमरान खान को गिरफ्तार करने के लिए 8 घंटे तक कोशिश करने के बावजूद पुलिस उन्हें गिरफ्तार नहीं कर पाई। इस बीच तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के अध्यक्ष इमरान खान ने अपनी गिरफ्तारी को लेकर बड़ा दावा किया है। उन्होंने शहबाज सरकार पर अपनी गिरफ्तारी की योजना बनाने का आरोप लगाया है।साथ ही शहबाज शरीफ सरकार पर दमनकारी नीतियों से लोकतंत्र की आवाज और विपक्ष का गला घोटने का भी आरोप लगाया है।

इमरान का वीडिया संदेश

इधर पाकिस्तान के पूर्व पीएम इमरान खान की गिरफ्तारी को लेकर पाक में मंगलवार से शुरू हुआ बवाल आज की सुबह तक जारी है। लाहौर में अब भी तनावपूर्ण स्थिति बनी हुई है। इन सबके बीच इमरान खान ने इसको लेकर एक वीडियो जारी किया है।उन्होंने कहा कि वे फिर से तैयारी कर रहे हैं, मुझे पता है। मैंने लाहौर उच्च न्यायालय में वचन दिया है कि मैं 18 तारीख को न्यायालय में उपस्थित रहूंगा। लेकिन इसे स्वीकार नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि सब जानते हैं इसे क्यों नहीं लिया गया यह लंदन योजना का हिस्सा है। इमरान खान ने नवाज शरीफ पर हमला करते हुए कहा कि नवाज शरीफ को आश्वासन दिया गया है कि मुझ पर और मेरी पार्टी पर हमला किया जाए और मुझे जेल में डाल दिया जाए। आगे कहा कि पुलिस मुझे गिरफ्तार करने और जेल भेजने आई है। अगर मुझे कुछ हो जाता है, या जेल भेज दिया जाता है, या वे मुझे मार देते हैं, तो आपको यह साबित करना होगा और यह देश इमरान खान के बिना भी संघर्ष करता रहेगा।

पेश नहीं होने की बताई वजह

इमरान खान ने अपने समर्थकों की पिटाई पर कहा कि कल दोपहर से लाहौर के जमान पार्क में ऐसा लग रहा था मानो कानून नहीं है। जिस तरीके से पुलिस ने हमारे लोगों के ऊपर हमला किया वो दुखद है। महिलाओं, बुजुर्गों और बच्चों के ऊपर हमला किया। वाटर कैनन का इस्तेमाल किया। औरतें थीं मुलाजिम थे उन पर बेरहम तरीके से हमला किया। ये उनकी बौखलाहत को दिखाता है। इनको पता था कि मैं क्यों नहीं जा रहा था क्योंकि वहां पर दो बार दहशतगर्दी हुई थी। जज भी शहीद हुए हैं। इसलिए मैं सुरक्षा की वजह से पेश नहीं हुआ।

गिरफ्तारी को लेकर गतिरोध

बता दें कि मंगलवार को पूर्व प्रधानमंत्री की गिरफ्तारी के लिए उनके आवास जमान पार्क पर पुलिस को बुलाया गया था, जहां पार्टी समर्थकों और पुलिस के बीच 14 घंटे से अधिक समय से उनकी गिरफ्तारी को लेकर गतिरोध चल रहा है। अदालत के आदेश पर इमरान खान को गिरफ्तार करने के लिए इस्लामाबाद से आई पुलिस टीम के आने के बाद इमरान खान के समर्थक उनके घर के बाहर जमा हो गए, जबकि इमरान खान ने अपने समर्थकों से कानून की सर्वोच्चता के लिए खड़े होने और सच्ची आजादी के लिए लड़ने का आह्वान किया। जिसके बाद इस्लामाबाद, पेशावर और कराची में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए।

इमरान खान पर लटकी गिरफ्तारी की तलवार, घर के बाहर समर्थक भी भारी भीड़

#police_reaches_lahores_to_arrest_imran_khan

पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान तोशाखाना मामले में गिरफ्तार हो सकते हैं। लाहौर पुलिस उन्हें गिरफ्तार करने उनके घर के बाहर पहुंच गई है। वहीं दूसरी ओर इमारान खान के समर्थक भी उनके घर के बाहर जुट गए हैं।

उनकी गिरफ्तारी के खिलाफ उनके समर्थक हंगामा कर रहे हैं। पुलिस ने समर्थकों पर लाठीचार्ज भी किया। समर्थकों को तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज किया गया। समर्थकों ने पुलिस पर पथराव भी किया। 

कल यानी 13 मार्च को एक अदालत ने इमरान के खिलाफ पहले से जारी अरेस्ट वारंट को फिर से लागू कर दिया था। पिछले हफ्ते लाहौर हाई कोर्ट से उन्हें राहत मिल गई थी और अरेस्ट वारंट खारिज कर दिया गया था। 

तोशाखाना मामले में इमरान खान के खिलाफ गैर-जामनती गिरफ्तारी वारंट जारी होने के एक दिन बाद पुलिस उनके घर पहुंची है। पुलिस ने पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पार्टी के अध्यक्ष के घर की ओर जाने वाली सभी सड़कों को अवरुद्ध कर दिया है। भारी संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गई। 

इस बीच इमरान खान ने वीडियो जारी कर कहा है कि पुलिस मुझे पकड़ने के लिए आई है। उनका ख्याल है कि इमरान खान जेल में चला जाएगा तो कौम सो जाएगी। आपको इनको गलत साबित करना है। आपको बाहर निकलना है। मैं आपके लिए जंग लड़ रहा हूं। मुझे कुछ होता है और ये मुझे मार देते हैं तो आपको ये साबित करना होगा कि इमरान के बगैर भी ये कौन जद्दोजहद कर सकती है।

हथियार खरीदने के मामले में भारत नंबर वन, 5 साल में 1 लाख करोड़ किए खर्च

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रूस से हथियार खरीदने के मामले में भारत पूरी दुनिया में पहले नंबर पर है। हां, पिछले कुछ सालों की तुलना में हथियार खरीदी में गिरावट जरूर देखने को मिली है फिर भी शीर्ष पर बना हुआ है। रूस की सरकारी न्यूज एजेंसी ने रविवार को यह दावा किया है।स्टॉकहोम स्थित थिंक टैंक ‘सिपरी’ (SIPRI) की ओर से सोमवार 13 मार्च को जारी एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई।

रिपोर्ट में कहा गया है कि वर्ष 2013-17 और 2018-22 के बीच इसके आयात में 11 प्रतिशत की गिरावट आई है।साल 2013 से 2017 के दौरान कुल आयातित वैश्विक हथियार में भारत की हिस्सेदारी 12 प्रतिशत थी जो घटकर अब 11 प्रतिशत हुई है। 2018 से बावजूद इसके भारत दुनिया का शीर्ष आयातक है। दरअसल, भारत ने पिछले कुछ सालों में रक्षा निर्माण के क्षेत्र में खुद की आत्मनिर्भरता हासिल करने पर जोर दिया है।

रूस के 20 फीसदी हथियारों को भारत अकेला खरीददार

रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले 5 सालों में रूस ने करीब 13 बिलियन डॉलर यानी 1 लाख करोड़ रुपए के हथियार भारत को सप्लाई किए हैं। भारत ने इस दौरान रूस से 10 बिलियन डॉलर के हथियार मांगे थे।एजेंसी ने यह भी बताया है कि रूस के 20 फीसदी हथियारों को भारत अकेला ही खरीद रहा है। यूक्रेन जंग के कारण रूस पर लगी पाबंदियों का भी दोनों देशों में होने वाली हथियारों की खरीद पर असर नहीं पड़ा।

पश्चिमी देशों के दबाव में नहीं आया भारत

रिपोर्ट में यह भी कहा कि अमेरिका और पश्चिमी देशों ने भारत पर खूब दबाव बनाया था कि वो रूस से हथियार न खरीदे, लेकिन भारत इन दबावों के आगे नहीं झुका और दोनों देशों के संबंधों को कायम रखा। 

ये हैं दुनिया के पांच बड़े इंपोर्टर और एक्सपोर्टर देश

रिपोर्ट में कहा गया कि भारत के हथियार आयात में गिरावट का संबंध जटिल खरीद प्रक्रिया, शस्त्र आपूर्तिकर्ताओं में विविधता लाना और आयात के स्थान पर घरेलू डिजाइन को तरजीह देने से है. ‘स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट’ (सिपरी) ने कहा कि वर्ष 2018-22 के दौरान दुनिया के पांच सबसे बड़े हथियार आयातक भारत, सऊदी अरब, कतर, ऑस्ट्रेलिया और चीन थे। रिपोर्ट के मुताबिक, पांच सबसे बड़े हथियार निर्यातकों में अमेरिका, रूस, फ्रांस, चीन और जर्मनी शामिल हैं।

फ्रांस ने अमेरिका को पीछे छोड़ा

रूस के बाद भारत को हथियारों की आपूर्ति करने वाला फ्रांस दूसरा सबसे बड़ा देश है। आपूर्ति के मामले में इसने अमेरिका को पीछे छोड़ा है। अमेरिका को पछाड़ने में भारत के साथ राफेल डील प्रमुख वजह रही है।2018-22 के दौरान फ्रांस के हथियारों के निर्यात का 30 फीसदी भारत को प्राप्त हुआ।