*शिव- सती के महामिलन का पर्व है महाशिवरात्रि: ज्योतिषविद डॉ कुंदन ज्योतिषी*
नितेश श्रीवास्तव
भदोही। भारतीय संस्कृत में हिंदू धर्म शास्त्रों के अनुसार ब्रह्मा , विष्णु और महेश त्रिदेव में भगवान शिव संपूर्ण ब्रह्माण्ड के पालनहार अकाल मृत्यु हर्ता तथा सर्व सिद्धीदाता माने गए हैं।
भगवान शिव की महिमा में फाल्गुन मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी के दिन महाशिवरात्रि का पर्व हर्षोल्लास से मनाने की परंपरा है। शिव महापुराण के अनुसार प्रजापति दक्ष की कन्या सती का विवाह भगवान से इसी दिन हुआ था। पौ मान्यता है कि चतुर्दशी तिथि के दिन निशा बेला में भगवान शिव ज्योतिर्लिंग के रूप में अवतरित हुए थे। जिसके फलस्वरूप महाशिवरात्रि का पर्व मनाया जाता है।
प्रमुख ज्योतिषविद डॉ कुंदन ज्योतिषी ने बताया कि फाल्गुन कृष्ण पक्ष चतुर्दशी तिथि 18 फरवरी शनिवार की रात्रि 8.03 बजे लगेगा। 19 फरवरी रविवार को दिन में 4.19 बजे तक रहेगी। चंद्रोदय व्यापिनी चतुर्दशी तिथि महानिशिथ मां अनिश्चितकाल रात्रि 11.43 से 12.33 तक मध्य रात्रि में भगवान की पूजा विशेष फलदाई होती है।
महाशिवरात्रि से ही प्रत्येक माह हर मासिक शिवरात्रि का प्रारंभ किया जाता है। एसी धार्मिक मान्यता है। मासिक शिवरात्रि व्रत से सुख सौभाग्य की प्राप्ति होती है।
Feb 10 2023, 16:43