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राज्यसभा में पीएम मोदी ने कांग्रेस को दिया करार जवाब, कहा-जितना कीचड़ उछालोगे, कमल उतना खिलेगा

#pm_narendra_modi-rajya_sabha_speech 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राष्ट्रपति के अभिभाषण पर राज्यसभा में जवाब दिया। राज्यसभा में पीएम जैसे ही बोलने के लिए उठे। विपक्ष के सदस्य हंगामा करने लगे। विपक्ष के सदस्य 'मोदी-अडानी भाई-भाई' के नारे लगाना शुरू कर दिया। हालांकि, इस के बावजूद पीएम ने अपनी बात जारी रखी। इस दौरान उन्होंने कांग्रेस पर जमकर हमला बोला। इससे पहले पीएम मोदी ने बुधवार को लोकसभा में चर्चा का जवाब दिया था।

जितना कीचड़ उछालोगे, कमल उतना ज्यादा खिलेगा-पीएम मोदी

राज्यसभा में संबोधन के दौरान विपक्ष के हंगामे पर तंज कसते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि आप जितना कीचड़ उछालोगे कमल उतना ही खिलेगा। कमल खिलाने में आपका जो भी प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष योगदान है, मैं उसके लिए भी आभार प्रकट करता हूं। कांग्रेस कहती थी 'गरीबी हटाओ' लेकिन चार दशकों तक कुछ नहीं बदला। हम गरीबों के सपनों एवं आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए कठिन परिश्रम करते हैं।

देश में परियोजना लटकाना कांग्रेस की कार्यशैली का हिस्सा-पीएम मोदी

पीएम ने अपने संबोधन में कहा कि हमने पिछले नौ साल में नए जनता के लिए खाते खोले। हर जगह विकास और पैसा पहुंचाने का काम हुआ। खड़गे जी शिकायत कर रहे थे - मोदी जी मेरे चुनावी क्षेत्र में आते हैं। कलबुर्गी आ जाते हैं। उनको कहना चाहता हूं। कर्नाटक में एक करोड़ सत्तर लाख बैंक अकाउंट खुले हैं। देश में परियोजना लटकाना इनके कार्यशैली का हिस्सा बन गया था। हमने बदलाव किया, काम को गति दी गई। नए योजना पर तेजी से काम चल रहा है। आधुनिक भारत के निर्माण के लिए हम इंफ्रास्ट्रक्चर का , स्किल का महत्त्व समझते हैं।

पीएम ने बताई “त्रिशक्ति” की खुबियां

प्रधानमंत्री ने इस दौरान त्रिशक्ति का भी जिक्र किया। पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि जनधन, आधार और मोबाइल। ये वो त्रिशक्ति है, जिससे पिछले कुछ वर्षों में 27 लाख करोड़ रुपये डीबीटी के माध्यम से सीधा हितधारकों के खातों में गए हैं। इससे 2 लाख करोड़ रुपये से अधिक रुपया जो किसी इको-सिस्टम के हाथों में जा सकता था वो बच गया। अब जिनको ये पैसा नहीं मिल पाया, उनका चिल्लाना स्वाभाविक है।

कांग्रेस को हर मौके पर सजा दे रही जनता- पीएम मोदी

राज्यसभा में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, कांग्रेस को बार-बार देश नकार रही है लेकिन कांग्रेस और उसके साथी अपनी साजिशों से बाज़ नहीं आ रही है। हालांकि, जनता इसे देख रही है और उनको हर मौके पर सज़ा भी दे रही है।

हमने सैचुरेशन का रास्ता चुना-पीएम मोदी

राज्यसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि हमने सैचुरेशन का रास्ता चुना अर्थात् शत प्रतिशत लाभार्थी को लाभ पहुंचे। सरकार इस राह पर काम कर रही है। सैचुरेशन का मतलब होता भेदभाव की सारी गुंजाइश खत्म करना। यह तुष्टीकरण की आशंकाओं को खत्म कर देता है। स्वार्थ के आधार पर लाभ पहुंचाने की प्रवृत्ति को खत्म कर देता है। समाज के आखिरी व्यक्ति को, जिसकी महात्मा गांधी जिसकी हमेशा वकालत करते थे, उसके अधिकारों की रक्षा इसमें समाई हुई है। हम उसे सुनिश्चित करते हैं।

“गाय को गले लगाए”, 14 फरवरी को वैलेंटाइन डे नहीं ‘काउ हग डे’ मनाएं, पशुपाल विभाग की अपील पर चुटकियां ले रहे लोग

#celebrate_cow_hug_day_on_february_14_not_valentine-s_day 

14 फरवरी को पूरी दुनिया वैलेंटाइन डे मनाती है। इसे प्यार के इजहार का दिन कहते हैं। भारत में भी प्रेमी जोड़ों इस दिन को पूरे उत्साह के साथ मनाते हैं। ये बात और है कि कुछ संगठनों द्वारा इस दिन का विरोध किया जाता है, और प्रेमी जोड़ों को इसका खामियाजा भगतना पड़ता है। इन सबके बीच वैलेंटाइन डे को अलग तरीके से मनाए जाने की बात सामने आ रही है। दरअसल, सरकार ने लोगों से अपील की है कि 14 फरवरी को वेलेंटाइन डे नहीं बल्कि 'काउ हग डे' मनाएं।

भारत सरकार के मत्स्य, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय के निर्देशानुसार पशु कल्याण बोर्ड की ओर से जारी की गई नोटिस में 14 फरवरी को ‘काउ हग डे’ के रूप में मनाने की अपील की गई है। बोर्ड द्वारा जारी नोटिस में कहा गया है, ‘‘सभी गाय प्रेमी गौ माता की महत्ता को ध्यान में रखते हुए तथा जिंदगी को खुशनुमा और सकारात्मक ऊर्जा से परिपूर्ण बनाने के लिए 14 फरवरी को काउ हग डे मना सकते हैं। 

अपील में आगे कहा गया है, हमारे समय में पश्चिमी संस्कृति की प्रगति के कारण वैदिक परंपराएं लगभग विलुप्ति की कगार पर हैं। पश्चिमी सभ्यता की चकाचौंध ने हमारी भौतिक संस्कृति और विरासत को भूला हुआ बना दिया है। अपील पत्र के अंत में स्पष्ट किया गया है कि यह सक्षम प्राधिकारी की मंजूरी से और पशुपालन और डेयरी विभाग, मत्स्य, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय के निर्देश पर जारी हुआ है।

इधर सरकार के सर्कुलर के बाद सोशल मीडिया और ट्विटर पर ट्रेंड कर रहा है। लोग अपने-अपने अंदाज में इस पर प्रतिक्रिया दे रहे हैं और फनी मीम्स शेयर कर रहे हैं।

सुप्रीम कोर्ट पहुंचा अडानी पर हिंडनबर्ग रिपोर्ट का मामला, अदालत की निगरानी में जांच की मांग

#hindenburgreporttwopilfiledinsupreme_court 

अडानी समूह की कंपनियों पर अमेरिका शॉर्ट सेलिंग फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च रिपोर्ट का मामला अब सुप्रीम कोर्ट पहुंच चुका है। हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद भारतीय उद्योगपति गौतम अडानी के बिजनेस को बड़े पैमाने पर नुकसान हुआ। वहीं दूसरी तरफ ये मामला संसद में गूंज रहा है। इन सबके बीच सुप्रीम कोर्ट में दो पीआईएल लगाई है। सुप्रीम कोर्ट ने इन पीआईएल पर सुनवाई की मंजूरी भी दे दी है। सुप्रीम कोर्ट कल शुक्रवार को मामले की सुनवाई करेगा।

अमेरिका की वित्तीय शोध कंपनी हिंडनबर्ग की रिपोर्ट को लेकर सुप्रीम कोर्ट में दखिल याचिका में जल्द सुनवाई की मांग की गई थी। वकील विशाल तिवारी ने मुख्य न्यायधीश जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की पीठ से जल्द सुनवाई की मांग की। विशाल तिवारी ने कोर्ट से कहा, ऐसी ही याचिका 10 फरवरी को सुनवाई के लिए लगी हुई है, उसी के साथ उनकी याचिका पर भी सुनवाई की जाए। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने विशाल तिवारी की याचिका को मुख्य याचिका के साथ टैग कर दिया। पीठ में न्यायमूर्ति पी एस नरसिम्हा और जे बी पारदीवाला भी शामिल हैं।

दोनों याचिका में क्या कहा गया?

सुप्रीम कोर्ट में एम एल शर्मा और विशाल तिवारी ने दो पीआईएल लगाई है। वकील विशाल तिवारी पीआईएल में जिक्र है कि हिंडनबर्ग की रिपोर्ट की वजह से भारत की छवि धुमिल हुई है और इसकी वजह से भारतीय अर्थव्यवस्था पर भी असर पड़ रहा है। वहीं एम एल शर्मा की अपील में जिक्र किया है कि हिंडनबर्ग की रिपोर्ट से बाजार पर प्रभाव पड़ा। याचिका में सुप्रीम कोर्ट में हिंडनबर्ग की रिपोर्ट में अडानी ग्रुप पर लगाए गए आरोपों की जांच सुप्रीम कोर्ट के किसी रिटायर्ड जज की निगरानी में कराए जाने की मांग की गई है। साथ ही कोर्ट से विशेष जांच दल (एसआईटी) गठित करने का निर्देश जारी करने की गुजारिश की गई है।

हिंडनबर्ग ने लगाए कई गंभीर आरोप

बता दें कि अमेरिका शॉर्ट सेलिंग फर्म हिंडनबर्ग ने भारतीय उद्योगपति गौतम अडानी के बिजनेस से संबंधित एक रिपोर्ट पेश की थी। अडानी ग्रुप पर फर्जी लेन-देन और शेयर की कीमतों में हेरफेर सहित कई गंभीर आरोप लगाए गए थे। बाद समूह की कंपनियों के शेयर की कीमतों में भारी गिरावट आई है।

विपक्ष का विरोध जारी

इधर रिपोर्ट को लेकर विपक्ष लगातार पीएम और भारत सरकार के अडानी के साथ कनेक्शन का आरोप लगा है। विपक्ष ने जेपीसी की मांग की थी हालांकि सरकार से स्पष्ट कर दिया है कि जेपीसी जांच किसी शख्स के खिलाफ नहीं बैठायी जा सकती है। सरकार का कहना है कि यह औद्योगिक घराने से जुड़ा मामला है इसमें सरकार से कोई लेना देना नहीं है

महिलाएं मस्जिद में पढ़ सकती हैं नमाज, मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने सुप्रीम कोर्ट में कहा

#women_are_allowed_to_come_to_the_mosque_and_offer_prayers 

क्या महिलाओं को मस्जिद में आकर नमाज अदा करने की इजाजत नहीं है? ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएमपीएलबी) की माने को महिलाओं को मस्जिद में आकर नमाज अदा करने की इजाजत है। दरअसल एआईएमपीएलबी ने बुधवार को सुप्रीम कोर्ट से कहा कि महिलाओं को मस्जिद के अंदर प्रवेश कर नमाज अदा करने की इजाजत है। बोर्ड ने कहा कि मुस्लिम महिला नमाज अदा करने के वास्ते मस्जिद में दाखिल होने के लिए स्वतंत्र हैं और यह उनपर निर्भर करता है कि वह मस्जिद में नमाज अदा करने के अपने अधिकार का इस्तेमाल करना चाहती हैं या नहीं। साथ ही ये भी कहा गया है कि इस्लाम में महिलाओं के लिए सामूहिक रूप से दिन में पांच वक्त की नमाज जरूरी नहीं है।

एआईएमपीएलबी ने कोर्ट में एक हलफनामा दायर कर यह जानकारी दी है। ये हलफनामा मुस्लिम महिलाओं के मस्जिद में जाकर नमाज़ अदा करने से संबंधित एक याचिका को लेकर दाखिल किया गया है। वकील एम आर शमशाद के जरिये दायर हलफनामे में कहा गया है कि इबादतगाहें (जो वर्तमान मामले में मस्जिदें हैं) पूरी तरह से निजी संस्थाएं हैं और इन्हें मस्जिदों के 'मुत्तवली' (प्रबंधकों) द्वारा नियंत्रित किया जाता है। 

हलफनामे में कहा गया है कि एआईएमपीएलबी विशेषज्ञों की संस्था है और इसके पास कोई शक्ति नहीं है और यह सिर्फ इस्लाम के सिद्धांतों पर अपनी सलाह जारी कर सकती है। हलफनामे में कहा गया है कि धार्मिक ग्रंथों, सिद्धांतों, इस्लाम के मानने वालों के धार्मिक विश्वासों पर विचार करते हुए यह दलील दी जाती है कि महिलाओं को मस्जिद में प्रवेश कर नमाज अदा करने की इजाजत है। इसमें कहा गया है कि इस्लाम के सिद्धांत के मुताबिक, मुस्लिम महिलाएं चाहे घर पर नमाज पढ़ें या मस्जिद में नमाज अदा करें, उन्हें एक जैसा ही सवाब (पुण्य) मिलेगा।

बता दें कि फरहा अनवर हुसैन शेख ने 2020 में शीर्ष अदालत में याचिका दायर कर भारत में मुस्लिम महिलाओं के मस्जिदों में प्रवेश पर लगी कथित रोक के चलन को लेकर निर्देश देने का आग्रह किया था और इसे अवैध और असंवैधानिक बताया था। याचिका पर मार्च में सुनवाई हो सकती है।

तुर्की-सीरिया में प्रकृति का कहर, भूकंप से अब तक 15 हजार से ज्यादा लोगों ने तोड़ा दम, मलबे में शवों की तलाश अब भी जारी

#turkey_and_syria_earthquakes

तुर्की और सीरिया में सोमवार को आए शक्तिशाली भूकंप के झटकों के बाद हालात और बद्दतर होते जा रहे हैं। हर तरफ मलबा बिखरा पड़ा है और चीख पुकार थमने का नाम नहीं ले रही है। हर बीतते दिन के बाद मरने वालों की संख्या लगातार बढ़ती ही जा रही है। नए आंकड़ों के अनुसार, अब तक 15 हजार से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है और 80 हजार से ज्यादा लोग जख्मी है। यही नहीं इन आंकड़ों के और बढ़ने की आशंका जताई जा रही है, क्यों कि हजारों इमारतें जमींदोज होने के बाद अभी कई और लोगों के मलबे में दबे होने की आशंका है। 

तुर्किये और सीरिया में मौत के बढ़ते आंकड़े

तुर्किये सरकार की ओर से जारी आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, अब तक यहां 12 हजार 391 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 62 हजार 914 लोग घायल बताए जा रहे हैं। वहीं, सीरियाई सरकार के अनुसार, देश में अब तक 2,992 लोगों की मौत हो चुकी है। इनमें 1730 लोगों की मौत नॉर्थ वेस्ट के अलागवादी क्षेत्रों में हुई है, जबकि 1262 मौतें सरकार के कब्जे वाले इलाके में। 10 हजार से ज्यादा लोग घायल बताए जा रहे हैं। 

10 भारतीय तुर्की के भूकंप प्रभावित हिस्सों में फंसे

इस आपदा के बीच 10 भारतीय तुर्की के भूकंप प्रभावित हिस्सों में फंसे हुए हैं।विदेश मंत्रालय ने बताया कि तुर्की के भूकंप प्रभावित हिस्सों में फंसे ये भारतीय सुरक्षित हैं लेकिन एक भारतीय लापता है। भारत सरकार तुर्की में लापता भारतीय के परिवार के संपर्क में बना हुआ है।विदेश मंत्रालय के सचिव (पश्चिम) संजय वर्मा ने बुधवार को बताया कि भूकंप प्रभावित इलाके में एक भारतीय लापता है और 10 अन्य लोग दूर-दराज के इलाके में फंसे हुए हैं, लेकिन वे सुरक्षित हैं। उन्होंने कहा कि जो शख्स लापता है वो बिजनेस विजिट पर तुर्की गया था। पिछले दो दिनों से उसका कोई अता-पता नहीं है।शख्स बेंगलुरु के एक कंपनी का कर्मचारी है. वर्मा ने कहा कि हम शख्स की कंपनी और परिवार से संपर्क में हैं। बता दें कि तुर्की में रह रहे भारतीयों की संख्या 3000 है और सभी सुरक्षित हैं।

विनाश के बाद जिंदगी की तलाश जारी

तुर्की और सीरिया में महाविनाश के बाद जिंदगी की तलाश जारी है। भूकंप की भीषण आपदा झेल रहे तुर्की को भारत सहित दुनियाभर के 70 देशों और 14 अंतरराष्ट्रीय संगठनों ने मदद का हाथ बढ़ाया है। दुनियाभर से भेजे गये चिकित्सा कर्मी, सैनिक और श्वान दस्तों के साथ राहतकर्मी लोगों की मदद के लिए भूकंप प्रभावित तुर्की और सीरिया पहुंच रहे हैं। सोमवार को तुर्की और सीरिया में 7.8 की तीव्रता वाला शक्तिशाली भूकंप आया था, जिसमें हजारों इमारतें जमीदोंज हो गईं और हजारों लोगों की जान चली गई।

ट्विटर ने भारत में भी शुरू की पेड सब्सक्रिप्शन सर्विस, जानें कितनी चुकानी होगी कीमत

#twitterblueisnowavailableinindia

माइक्रोब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म ट्विटर को खरीदने के बाद कंपनी के नए मालिक एलन मस्क ने रेवेन्यू बढ़ाने के लिए कई बड़े फैसले लिए थे। इन्हीं में से एक फैसला यूजर्स से ब्लू टिक के लिए चार्ज लेने का भी था। बता दें कि ट्विटर ने भारत में भी सब्सक्रिप्शन सर्विस शुरू कर दी है। यानी अब भारत में रहने वाले वे यूजर्स जो जो ब्लू टिक चाहते हैं उन्हें भी अब हर महीने ब्लू टिक रखने के लिए कंपनी को पैसे चुकाने होंगे। बता दें कि कंपनी ने ट्विटर ब्लू को पिछले साल ही नए रूप में जारी किया था। इसे पहले अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड और जापान समेत कुछ देशों में लॉन्च किया गया था।

भारत में ब्लू सर्विस के लिए लगेंगे इतने

बता दें कि ट्विटर ने भारतीय यूजर्स के लिए ब्लू टिक के लिए प्रतिमाह 900 रुपये का चार्ज लेने का फैसला लिया है। बता दें कि भारत में एंड्रॉयड और एप्पल आईफोन यूजर्स दोनों के लिए ब्लू टिक का चार्ज एक समान है। वहीं कंपनी ने 650 रुपये में सबसे कम कीमत वाला प्रीमियम सब्सक्रिप्शन प्लान जारी किया है। यह प्लान वेब यूजर्स के लिए है। लेकिन अगर कोई यूजर एनुअल प्लान लेता है तो उन्हें प्रतिमाह का खर्च 566.70 रुपये आएगा।

दूसरे देशों में ब्लू सर्विस की कीमत

एलन मस्क ने पिछले साल 44 बिलियन डॉलर में ट्विटर को खरीदा था. इसके बाद से उन्होंने माइक्रो ब्लॉगिंग प्लेटफार्म में काफी बदलाव किए हैं। एलन मस्क ने पिछले दिनों ब्लू सर्विस का ऐलान किया था। इसके तहत आपको ट्विटर की कुछ अतिरिक्त सेवाओं के लिए चार्ज देना होगा। भारत से पहले ट्विटर ने पिछले दिनों अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा, आस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड और जापान समेत कुछ देशों में ब्लू सर्विस शुरू की थी। इन देशों में ट्विटर ट्विटर का ब्लू सब्सक्रिप्शन का चार्ज वेब यूजर्स के लिए 8 डॉलर प्रति महीने है। सालाना सब्सक्रिप्शन लेने पर 84 डॉलर खर्च करने होंगे। ट्विटर 3 डॉलर ज्यादा एंड्रॉयड यूजर्स से चार्ज करके गूगल को कमीशन देगा।

ब्लू सर्विस में मिलेंगी ये सुविधाएं

कंपनी के अनुसार, भुगतान करके सब्सक्रिप्शन लेने वाले यूजर्स को एडिट ट्वीट बटन, 1080p वीडियो अपलोड, रीडर मोड और ब्लू टिक की सुविधा मिलेगी। बताते चलें कि कंपनी ने अपने पुराने वेरिफिकेशन प्रक्रिया में भी बदलाव किया है। कंपनी के अनुसार, पुराने ब्लू टिक अकाउंट होल्डर्स को अपने ब्लू टिक को बनाए रखने के लिए कुछ महीनों की छूट दी जाएगी। यानी इन्हें भी थोड़े समय बाद अपने अकाउंट पर ब्लू टिक बनाए रखने के लिए सब्सक्रिप्शन लेना ही होगा।

ट्विटर ने भारत में भी शुरू की पेड सब्सक्रिप्शन सर्विस, जानें कितनी चुकानी होगी कीमत

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माइक्रोब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म ट्विटर को खरीदने के बाद कंपनी के नए मालिक एलन मस्क ने रेवेन्यू बढ़ाने के लिए कई बड़े फैसले लिए थे। इन्हीं में से एक फैसला यूजर्स से ब्लू टिक के लिए चार्ज लेने का भी था। बता दें कि ट्विटर ने भारत में भी सब्सक्रिप्शन सर्विस शुरू कर दी है। यानी अब भारत में रहने वाले वे यूजर्स जो जो ब्लू टिक चाहते हैं उन्हें भी अब हर महीने ब्लू टिक रखने के लिए कंपनी को पैसे चुकाने होंगे। बता दें कि कंपनी ने ट्विटर ब्लू को पिछले साल ही नए रूप में जारी किया था। इसे पहले अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड और जापान समेत कुछ देशों में लॉन्च किया गया था।

भारत में ब्लू सर्विस के लिए लगेंगे इतने

बता दें कि ट्विटर ने भारतीय यूजर्स के लिए ब्लू टिक के लिए प्रतिमाह 900 रुपये का चार्ज लेने का फैसला लिया है। बता दें कि भारत में एंड्रॉयड और एप्पल आईफोन यूजर्स दोनों के लिए ब्लू टिक का चार्ज एक समान है। वहीं कंपनी ने 650 रुपये में सबसे कम कीमत वाला प्रीमियम सब्सक्रिप्शन प्लान जारी किया है। यह प्लान वेब यूजर्स के लिए है। लेकिन अगर कोई यूजर एनुअल प्लान लेता है तो उन्हें प्रतिमाह का खर्च 566.70 रुपये आएगा।

दूसरे देशों में ब्लू सर्विस की कीमत

एलन मस्क ने पिछले साल 44 बिलियन डॉलर में ट्विटर को खरीदा था. इसके बाद से उन्होंने माइक्रो ब्लॉगिंग प्लेटफार्म में काफी बदलाव किए हैं। एलन मस्क ने पिछले दिनों ब्लू सर्विस का ऐलान किया था। इसके तहत आपको ट्विटर की कुछ अतिरिक्त सेवाओं के लिए चार्ज देना होगा। भारत से पहले ट्विटर ने पिछले दिनों अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा, आस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड और जापान समेत कुछ देशों में ब्लू सर्विस शुरू की थी। इन देशों में ट्विटर ट्विटर का ब्लू सब्सक्रिप्शन का चार्ज वेब यूजर्स के लिए 8 डॉलर प्रति महीने है। सालाना सब्सक्रिप्शन लेने पर 84 डॉलर खर्च करने होंगे। ट्विटर 3 डॉलर ज्यादा एंड्रॉयड यूजर्स से चार्ज करके गूगल को कमीशन देगा।

ब्लू सर्विस में मिलेंगी ये सुविधाएं

कंपनी के अनुसार, भुगतान करके सब्सक्रिप्शन लेने वाले यूजर्स को एडिट ट्वीट बटन, 1080p वीडियो अपलोड, रीडर मोड और ब्लू टिक की सुविधा मिलेगी। बताते चलें कि कंपनी ने अपने पुराने वेरिफिकेशन प्रक्रिया में भी बदलाव किया है। कंपनी के अनुसार, पुराने ब्लू टिक अकाउंट होल्डर्स को अपने ब्लू टिक को बनाए रखने के लिए कुछ महीनों की छूट दी जाएगी। यानी इन्हें भी थोड़े समय बाद अपने अकाउंट पर ब्लू टिक बनाए रखने के लिए सब्सक्रिप्शन लेना ही होगा।

ट्विटर का सर्वर डाउन, यूजर्स को उठानी पड़ी परेशानी, माइक्रोब्लॉगिंग साइट ने मांगी माफी

#twitter_down_users_had_to_face_trouble

दुनिया भर के कई देशों में माइक्रोब्लॉगिंग साइट ट्विटर डाउन हो गया। ट्विटर सपोर्ट ने ट्वीट कर यह जानकारी दी।यूजर्स को ट्वीट करने, मैसेज करने, प्लेटफॉर्म पर नए अकाउंट्स को फॉलो करने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।

इस तरह की दिक्कत सामने आने के बाद ट्विटर की तरफ से माफी मांगी गई है। ट्विटर सपोर्ट ने ट्वीट किया, “हो सकता है कि ट्विटर आप में से कुछ के लिए उम्मीद के मुताबिक काम न कर रहा हो। परेशानी के लिए खेद है। हम जागरूक हैं और इसे ठीक करने के लिए काम कर रहे हैं।” उनकी तरफ से यह बयान तब आया जब हजारों यूजर्स ने ट्वीट कर उनको सर्विस एक्सेस नहीं कर पाने की सूचना दी।

जानकारी के मुताबिक बुधवार 8 फरवरी की रात से ही ट्विटर यूजर्स को कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। कुछ यूजर्स को ट्वीट करने पर मैसेज मिल रहा है कि आप डेली लिमिट पार कर चुके हैं। कुछ की शिकायत थी कि जब वो किसी दूसरे यूजर को फॉलो करने की कोशिश की तो संदेशा आया कि आप इस समय ज्यादा लोगों को फॉलो करने में सक्षम नहीं हैं। कई यूजर्स को अपने अकाउंट को लॉगिन करने में समस्या आ रही है। ट्वीटडेक भी काम नहीं कर रहा है। यूजर्स ट्वीट डेक लॉगइन नहीं कर पा रहे हैं।

आउटेज ट्रैकर डाउनडिटेक्टर के मुताबिक, ट्विटर पर गुरुवार को सुबह तीन बजे के आसपास लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा। सुबह चार बजकर 23 मिनट पर सबसे ज्यादा 810 लोगों ने ट्विटर पर आ रही परेशानी को रिपोर्ट किया। एप पर 43 फीसदी यूजर्स, वेबसाइट पर 25 फीसदी और सर्वर कनेक्शन से जुड़ी 12% रिपोर्ट मिली।

यूजर्स को यह दिक्कत ऐसे वक्त पर आई है जब एलन मस्क की कंपनी ट्विटर ने सब्सक्रिप्शन सर्विस शुरू की है। इसके तहत सब्सक्रिप्शन लेने पर यूजर्स 4000 अक्षरों तक के ट्वीट कर सकते हैं।

लोकसभा में बोले अधीर रंजन-राहुल गांधी ने एक दम सही जगह निशाना साधा, बीजेपी वालों को ‘पप्पू’ बना दिया

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सदन का बजट सत्र चल रहा है। बुधवार को भी सदन के अंदर पक्ष और विपक्ष के नेताओं के बीच नोंक-झोंक देखी गई। इस दौरान कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी मंगलवार को राहुल गांधी के भाषण का जिक्र करते हुए कहा कि उन्होंने सही जगह वार किया है। जिससे सत्ता पक्ष के खेमे में खलबली मच गई है। अधीर ने यहां तक कह दिया कि राहुल गांधी ने खुद सत्ता पक्ष को पप्पू बना दिया। जिसपर गृहमंत्री अमित शाह चुटकी लेने से नहीं चूके।

राहुल गांधी ने भाजपा को बनाया ‘पप्पू’-अधीर रंजन

राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा में भाग लेते हुए अधीर रंजन चौधरी ने राहुल गांधी की ओर से मंगलवार को सदन में दिए गए भाषण की बात करते हुए कहा कि उनके भाषण के बाद पूरा माहौल ही बदल गया है। उन्होंने आगे कहा कि आप चाहे जितना कोशिश करो राहुल गांधी को ‘पप्पू’ बनाने की लेकिन राहुल गांधी ने बीजेपी वालों को ‘पप्पू’ बना दिया।अधीर रंजन चौधरी के बयान पर चुटकी लेते हुए अमित शाह ने कहा, ये एक माननीय सांसद को ‘पप्पू’ नहीं कह सकते हैं, एक सांसद को एक पप्पू कैसे कह सकते हैं?” इसके जवाब में अधीर रंजन ने कहा कि आप समझ रहे हैं कि मैं किस विषय में बात कर रहा हूं, वैसे राहुल गांधी ने एक दम सही जगह निशाना साधा है इसलिए आप लोगों में खलबली मची है।

आदिवासी महिला को राष्ट्रपति बनाने का ढिंढोरा पीटा जा रहा-अधीर रंजन

चौधरी ने आगे कहा कि पहली बार ढिंढोरा पीटा जा रहा है कि भाजपा ने आदिवासी महिला को राष्ट्रपति बना दिया। इससे पहले सदन में किसी की जाति और धर्म को लेकर चर्चा नहीं होती थी। इस सरकार हर चीज को चुनावी बना दिया है। ये सब सियासी फसल उगाने के लिए किया जा रहा है।” उन्होंने पीएम पर निशाना साधते हुए कहा कि हम प्रधानमंत्री को कभी ‘दादा ओबीसी प्रधानमंत्री’ नहीं बुलाते हैं, उन्हें पीएम मोदी ही कहते हैं।

खास जैकेट पहनकर संसद पहुंचे पीएम मोदी, प्लास्टिक की बोतलों को रिसाइकल कर बनाई गई

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कपड़े अक्सर चर्चा का विषय बन जाते हैं।अक्सर उनके कपड़े कोई ना कोई खास संदेश देते हैं। इस बार उनकी जैकेट की खूब चर्चा हो रही है।संसद के बजट सत्र के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पहुंचे थे और वह इस दौरान एक खास जैकेट पहने नजर आए। पीएम मोदी बुधवार को संसद में नीले रंग की खास जैकेट में नजर आए।

आज प्रधानमंत्री संसद परिसर में पहुंचे तो लोगों का ध्यान उनकी खास जैकेट ने खींचा। बता दें कि पीएम मोदी आज संसद में जो जैकेट पहनकर पहुंचे थे, वह 28 सिंगल यूज प्लास्टिक बॉटल से बनाई गई है।यह पीएम मोदी को गिफ्ट के तौर पर मिली है। पीएम मोदी सोमवार को कर्नाटक के बेंगलुरु में आयोजित इंडिया एनर्जी वीक का उद्घाटन करने पहुंचे थे। इस दौरान उन्हें इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन ने खास जैकेट गिफ्ट किया था। जिसे रिसाइकल की गई पीईटी की बोतलों से बनाया गया था।

हर साल 10 करोड़ बोतलों को रिसाइकल करने का लक्ष्य

बता दें कि इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन हर साल 10 करोड़ (100 मिलियन) बोतलों को रिसाइकल करेगा, जिससे सशस्त्र बलों के लिए भी वर्दी बनाई जाएगी।ट्रायल के तौर पर इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन के विशेषज्ञों ने जैकेट तैयार की थी। जिसे पीएम मोदी को भेंट किया गया है। 

कितने बोतल से बनते हैं कपड़े

इंडियन ऑयल के अनुसार, एक यूनिफॉर्म को बनाने में कुल 28 बोतल को रिसाइकिल किया जाता है। जैकेट बनाने में औसतन 15 बॉटल्स का इस्तेमाल होता है। टी-शर्ट और शॉर्ट्स बनाने में 5 से 6 बॉटल का इस्तेमाल होता है। इसी तरह शर्ट बनाने में 10 और पेंट बनाने में 20 बॉटल का इस्तेमाल होता है।

पर्यावरण संरक्षण में मिलेगी मदद 

प्लास्टिक बॉटल से बने गारमेंट से पर्यावरण के संरक्षण में मदद मिलेगी और पानी की भी भारी बचत होगी। कॉटन को कलर करने में भारी मात्रा में पानी का इस्तेमाल किया जाता है जबकि पॉलीस्टर की डोप डाइंग की जाती है। इसमें पानी की एक बूंद का भी इस्तेमाल नहीं होता है। आईओसी की योजना पीईटी बोतलों का इस्तेमाल करके सशस्त्र बलों के लिए नॉन-कॉम्बैट यूनिफॉर्म बनाने की भी है।