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चुनाव आयोग मर गया है, सफेद कपड़ा हमें भेंट करना होगा', अखिलेश यादव का विवादित बयान

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समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने चुनाव आयोग पर विवादित टिप्पणी की है। मिल्कीपुर में वोटिंग के बाद अखिलेश ने गुरुवार को कहा कि चुनाव आयोग मर चुका है। हमें सफेद कपड़ा भेंट करना पड़ेगा। दिल्‍ली में संसद जाने से पहले मीडिया से बातचीत में अखिलेश यादव ने कहा- 'यह भाजपा का चुनाव लड़ने का तरीका है।

सपा के के बूथ एजेंटों को डराया-धमकाया गया-अखिलेश

अखिलेश यादव ने कहा कि मिल्‍कीपुर में वोटिंग के दौरान पुलिस-प्रशासन का रवैया अलोकतांत्रिक रहा। भाजपा के गुंडों ने मिल्कीपुर उपचुनाव को प्रभावित करने के लिए अराजकता की। पुलिस-प्रशासन का उन्हें खुला संरक्षण मिला। पुलिस-प्रशासन ने भाजपा के गुंडों को खुली छूट देकर चुनाव आचार संहिता का घोर उल्लंघन किया। दर्जनों बूथों पर समाजवादी पार्टी के बूथ एजेंटों को डराया-धमकाया गया। भाजपा ने मिल्कीपुर में बेईमानी के लिए हर तरह के हथकंडे अपनाए। भाजपा के गुंडों ने मिल्कीपुर उपचुनाव को प्रभावित करने के लिए अराजकता की। पुलिस-प्रशासन का उन्हें खुला संरक्षण मिला।

डर का माहौल बनाकर मतदान को प्रभावित किया गया-अखिलेश

सपा प्रमुख ने आरोप लगाया कि पुलिस-प्रशासन ने मतदाताओं के बीच डर का माहौल बनाकर मतदान को प्रभावित किया गया। भाजपा के समर्थकों ने खुद स्वीकार किया है कि उन्होंने फर्जी मतदान किया है। फर्जी मतदान करते हुए कुछ लोगों को समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी अजीत प्रसाद ने खुद पकड़ा है। उन्होंने कहा, मिल्कीपुर उपचुनाव में रायपट्टी अमानीगंज में फर्जी वोट डालने की बात अपने मुंह से कहने वाले ने साफ कर दिया कि भाजपा सरकार में अधिकारी किस तरह से धांधली में लिप्त हैं। निर्वाचन आयोग को और क्या सबूत चाहिए।

सपा फर्जी वोटिंग का आरोप लगा रही

दरअसल, सपा मिल्कीपुर में फर्जी वोटिंग का आरोप लगा रही है। 5 नेताओं का एक प्रतिनिधिमंडल लखनऊ में चुनाव आयोग से भी मिला था। प्रदेश अध्यक्ष श्याम लाल पाल के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल मुख्य निर्वाचन अधिकारी से शिकायत की। पोलिंग एजेंट को बाहर निकाले जाने और फर्जी मतदान का आरोप है।

मिल्कीपुर प्रतिष्ठा का विषय बना

बता दें कि मिल्कीपुर उपचुनाव समाजवादी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी के बीच प्रतिष्ठा की लड़ाई बना हुआ है। यह सीट राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण अयोध्या जिले का हिस्सा है। पिछले साल के लोकसभा चुनाव में फैजाबाद लोकसभा सीट जीतने के बाद सपा सांसद अवधेश प्रसाद की ओर से सीट खाली करने के बाद उपचुनाव की जरूरत पड़ी थी।

अखिलेश ने क्यों कही अपने इस्तीफे की बात? लोकसभा में महाकुंभ हादसे को लेकर सपा अध्यक्ष का बड़ा दावा

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समाजवादी पार्टी अध्यक्ष और सांसद अखिलेश यादव ने संसद में महाकुंभ भगदड़ को लेकर योगी सरकार पर जमकर निशाने साधे। उन्होंने सीएम योगी पर भगदड़ की पूरी हकीकत छिपाने का आरोप लगाया। उन्होंने इस हादसे को लेकर कुछ दावे भी किए और कहा कि अगर उनके दावे गलत निकले तो वह अपने पद से इस्तीफा दे देंगे।

संसद भवन में राष्‍ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान समाजवादी पार्टी के कन्‍नौज सांसद अखिलेश यादव ने महाकुंभ में हुए भगदड़ हादसे को लेकर सवाल उठाए। पहले तो अखिलेश यादव ने अपने भाषण की शुरुआत में स्‍पीकर ओम बिड़ला से आग्रह किया कि जब चर्चा खत्‍म हो रही होगी तब महाकुंभ हादसे के पीड़‍ितों के प्रति 2 मिनट मौन रखने की इजाजत दी जाए। उन्‍होंने कहा कि हमारा अनुरोध है कि जहां सरकार बजट के आंकड़े दे रही है, उससे पहले महाकुंभ में मरने वालों के आंकड़े भी दिए जाएं। इस बारे में सर्वदलीय बैठक बुलाया जाए। उन्‍होंने मांग की कि ‘महाकुंभ आपदा प्रबंधन व खोया पाया केंद्र की ज‍िम्‍मेदारी सेना को दी जाए। घायलों का इलाज, दवाइयां, डॉक्‍टर, भोजन-पानी का आंकड़ा सदन में रखा जाए। इस हादसे के लिए जिम्‍मेदार लोगों पर घोर दंडात्‍मक एक्‍शन लिया जाए।

अखिलेश ने कहा, लोग पुण्य कमाने आए थे और अपनों के शव लेकर गए। उत्तर प्रदेश सरकार पर हमला बोलते हुए अखिलेश यादव ने कहा कि एक धार्मिक समागम में राजनीतिक प्रचार अशोभनीय, निंदनीय है। जहां उचित व्यवस्था होनी चाहिए थी, वहां राजनीतिक प्रचार किया जा रहा है। धार्मिक आयोजन में राजनीतिक प्रचार करना, खासकर डबल इंजन वाली सरकार में, शर्मनाक और निंदनीय है। अखिलेश ने सरकार पर बड़ा हमला बोलते हुए कहा कि सरकार ने महाकुंभ का इतना प्रचार किया और मैंने कई टीवी इंटरव्यू और समाचार चैनलों पर ये बात सुनने में आई कि सरकार ने 100 करोड़ लोगों के आने का इंतजाम किया है। अगर ये बात गलत है तो मैं इस्तीफा आपको देना चाहता हूं।

सपा प्रमुख ने कहा कि हम डबल इंजन सरकार से पूछते हैं कि अगर अपराध बोध नहीं था तो आंकड़े दबाए, छिपाए और मिटाए क्‍यों गए? सच छिपाना, मिटाना भी तो अपराध है? डबल इंजन सरकार का प्रचार करते अब तो वो होर्डिंग हटा देने चाहिए। महाकुंभ के डिजिटल होने का दावा किया गया, वो लोग अब मृतकों की डिजिट तक नहीं दे पा रहे हैं। खोया पाया केंद्र को भी लोग नहीं ढूंढ पा रहे।

सपा सांसद ने कहा कि कुंभ का आयोजन सदियों से होता आया है। 144 साल बाद महाकुंभ होने जा रहा है, उसका इतना प्रचार किया गया कि सरकार ने 100 करोड़ लोगों के आने का इंतजाम किया गया है। जहां तक मेरी समझ और जानकारी कहती है कि जो ज्‍योतिष संबंधी चीजों को की समझते होंगे कि वो ये स्‍वीकार करते होंगे कि जो भी कुंभ होता होगा 144 साल बाद ही होता होगा। लेकिन ये कहा गया कि नक्षत्र ऐसे हैं। मैं सरकार से ये कहना चाहता हूं कि सतयुग से कलियुग तक ये सनातन परंपरा रही है कि संत, महात्‍मा मुहूर्त के हिसाब से शाही स्‍नान करते हैं। लेकिन भाजपा के राज में ये परंपरा टूट गई और हादसे को छिपाकर ये आदेश दिया गया कि अखाड़े शाही स्‍नान करने जाएं। ये सनातन परंपरा तोड़कर अच्‍छा नहीं किया गया।

संसद में संभल पर संग्रामःअखिलेश बोले-भाईचारे को गोली मारी गई, पुलिस पर हो हत्या का केस
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* संसद के शीतकालीन सत्र का मंगलवार को छठवां दिन है। सदन शुरू होने से पहले विपक्षी इंडिया गठबंधन के नेताओं ने अडाणी और उत्तर प्रदेश के संभल में हुई हिंसा को लेकर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया। प्रदर्शन में लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी, कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा शामिल हुए।संभल हिंसा के मुद्दे पर विपक्षी सांसदों ने लोकसभा से वॉक आउट किया। लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने संभल हिंसा का मुद्दा उठाया, इस पर लोकसभा अध्यक्ष ने शून्यकाल में इस मुद्दे को उठाने के लिए कहा। इस पर अखिलेश यादव और उनकी पार्टी के सांसदों ने सदन से वॉक आउट कर दिया। साथ ही कांग्रेस सांसद भी वॉक आउट कर गए। हालांकि बाद में प्रश्नकाल के दौरान विपक्षी सांसद वापस सदन में लौट आए। *संभल की घटना सोची-समझी रणनीति के तहत-अखिलेश* अखिलेश यादव ने संभल हिंसा पर लोकसभा में बोलते हुए कहा कि 'संभल की घटना सोची-समझी रणनीति के तहत हुई है। भाजपा के शुभचिंतक बार-बार खुदाई की जो मांग कर रहे हैं, वह खुदाई देश के सौहार्द को खो देगी। उत्तर प्रदेश का उपचुनाव था, पहले चुनाव 13 तारीख को होना था, उसे बढ़ाकर 20 तारीख को कर दिया गया। अखिलेश यादव ने कहा कि मासूम लोगों पर गोलियां चलाई गईं। अखिलेश यादव ने कहा कि संभल में जो घटना हुई है, वह एक सोची समझी साजिश है और संभल के भाईचारे को गोली मारने का काम हुआ है। भाजपा और उसके सहयोगी दलों द्वारा पूरे देश में खुदाई की बातें देश के भाईचारे को खो देगी।' *पुलिस प्रशासन जिम्मेदार--अखिलेश* अखिलेश यादव ने कहा कि संभल कोर्ट में एक याचिका डाली गई। कोर्ट ने बिना दूसरे पक्ष को सुने बगैर सर्वे का आदेश दिया। इसके बाद संभल के डीएम और प्रशासन के लोग आदेश को पढ़े बगैर सर्वे कराने वहां पहुंच गए। संभल का माहौल का बिगाड़ने में याचिका दायर करने वालों के साथ पुलिस प्रशासन जिम्मेदार है। *राज्यसभा में राम गोपाल ने उठाया संभल का मामला* वहीं, समाजवादी पार्टी के सांसद राम गोपाल यादव ने 24 दिसंबर को एक घटना के दौरान उत्तर प्रदेश के संभल जिले में पुलिस की बर्बरता का आरोप लगाया। राम गोपाल के अनुसार, स्थानीय लोगों को इसके उद्देश्य के बारे में बताए बिना सुबह से ही जिले में व्यापक पुलिस तैनाती की गई थी। राज्यसभा में बोलते हुए उन्होंने कहा कि जिला मजिस्ट्रेट (डीएम), वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी), वकील और अन्य लोग ढोल-नगाड़ों के साथ एक मस्जिद में घुस गए, जिससे भीड़ में संदेह पैदा हो गया। उन्हें बर्बरता का डर था। उन्होंने दावा किया कि अशांति तब शुरू हुई जब सब-डिविजनल मजिस्ट्रेट (एसडीएम) ने मस्जिद के अंदर पानी की टंकी खोली, जिससे संभावित छेड़छाड़ को लेकर स्थानीय लोगों में चिंता बढ़ गई। कथित तौर पर अशांति हिंसा में बदल गई, जिसके दौरान पुलिस ने गोलियां चलाईं। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि कई मामले दर्ज किए गए, कई व्यक्तियों को जेल में डाल दिया गया और बंदियों को गंभीर रूप से पीटा गया।
झांसी अग्निकांडः सीएम योगी ने दिए 12 घंटे में जांच कर रिपोर्ट देने के आदेश, हादस पर अखिलेश ने सरकार को घेरा*
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झांसी के मेडिकल कॉलेज में शुक्रवार देर रात एक दर्दनाक हादसा हो गया। नवजात गहन चिकित्सा इकाई (एनआईसीसीयू) वार्ड में भीषण आग लगने से 10 नवजात बच्चों की झुलकर मौत हो गई। सीएम योगी के निर्देश पर डिप्टी सीएम बृजेश पाठक और प्रमुख सचिव स्वास्थ्य झांसी पहुंचे। हादसे की जाँच कर 12 घंटे के भीतर रिपोर्ट देने के निर्देश दिए गए हैं। ये दर्दनाक हादसा रात साढ़े 10 बजे के आसपास हुआ। हादस के बाद योगी सरकार ने मुजावजे का ऐलान किया है। मृतकों के परिजनों को पांच-पांच लाख रुपये और घायलों को 50-50 हजार रुपये दिए जाएंगे। वहीं समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने मृतक बच्चों के परिजनों को 1-1 करोड़ संवेदना राशि देने की अपील की है। साथ ही व्यवस्थाओं को लेकर सरकार को घेरा है। घटना के बाद शनिवार सुबह-सुबह झांसी पहुंचे डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने कहा कि पीड़ित परिवारों को वित्तीय सहायता दी जाएगी। इस घटना के दोषियों को किसी की सूरत में बख्शा नहीं जाएगा। आज 10 घंटे के भीतर शुरुआती जांच की रिपोर्ट आ जाएगी। सीएम योगी की पूरे मामले पर सीधी नजर है।मुख्यमंत्री के निर्देश पर घटना में असमय काल कवलित नवजात बच्चों के माता-पिता को 05-05 लाख रुपये तथा घायलों के परिजनों को 50-50 हजार रुपये की सहायता मुख्यमंत्री राहत कोष से उपलब्ध कराई जा रही है। मुख्यमंत्री ने झांसी के मंडलायुक्त और डीआईजी को 12 घंटे में घटना के संबंध में रिपोर्ट देने के निर्देश दिए हैं। *सपा ने योगी सरकार को घेरा* झांसी के अस्पताल में लगी के बाद उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की समजवादी पार्टी ने एक्स पर पोस्ट शेयर कर राज्य सरकार आड़े हाथ लिया है। पार्टी की ओर से जारी पोस्ट में , झांसी में हुआ ये दर्दनाक हादसा योगी सरकार के भ्रष्टाचार और लापरवाही के कारण हुआ है। दंगा-फसाद करवाकर चुनाव जीतने का काम करने पर ही सीएम योगी का सारा दिमाग लगता है। यूपी के सरकारी अस्पताल बदहाली, भ्रष्टाचार, लापरवाही का अड्डा बन गए हैं। सीएम योगी के राज में ये दूसरी बड़ी घटना है, जिसमें मांओं ने अपने बच्चों को खोया है। वो पहली गोरखपुर की ऑक्सीजन कांड वाली घटना भी योगी/भाजपा के भ्रष्टाचार के कारण हुई थी और ये वाली घटना भी योगी/भाजपा के महाभ्रष्टाचार के कारण ही हुई है। *अखिलेश यादव का प्रदेश सरकार पर तंज* वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भी प्रदेश कीयोगी सरकार को आड़े हाथों लिया है। उन्होंने एक्स पर पोस्ट में लिखा, ’10 बच्चों की मृत्यु एवं कई बच्चों के घायल होने का समाचार बेहद दुखद एवं चिंताजनक है। सबके प्रति संवेदनात्मक श्रद्धांजलि। आग का कारण ‘ऑक्सीजन कॉन्संट्रेटर’ में आग लगना बताया जा रहा है। ये सीधे-सीधे चिकत्सीय प्रबंधन व प्रशासन की लापरवाही का मामला है या फिर ख़राब क्वॉलिटी के आक्सीजन कॉन्संट्रेटर का। इस मामले में सभी ज़िम्मेदार लोगों पर दंडात्मक कार्रवाई हो। मुख्यमंत्री जी चुनावी प्रचार छोड़कर, ‘सब ठीक होने के झूठे दावे’ छोड़कर स्वास्थ्य और चिकित्सा की बदहाली पर ध्यान देना चाहिए। जिन्होंने अपने बच्चे गंवाएं हैं, वो परिवारवाले ही इसका दुख-दर्द समझ सकते हैं। ये सरकार की ही नहीं, नैतिक ज़िम्मेदारी भी है। आशा है चुनावी राजनीति करनेवाले पारिवारिक विपदा की इस घड़ी में इसकी सच्ची जांच करवाएंगे और अपने तथाकथित स्वास्थ्य एवं चिकित्सा मंत्रालय में ऊपर-से-नीचे तक आमूलचूल परिवर्तन करेंगे। रही बात उप्र के ‘स्वास्थ्य एवं चिकित्सा मंत्री’ की तो उनसे कुछ नहीं कहना है क्योंकि उन्हीं के कारण आज उप्र में स्वास्थ्य एवं चिकित्सा व्यवस्था की इतनी बदहाली हुई है। संकीर्ण-सांप्रदायिक राजनीति की निम्न स्तरीय टिप्पणियां करने में उलझे मंत्री जी को तो शायद ये भी याद नहीं होगा कि वो ‘स्वास्थ्य एवं चिकित्सा मंत्री’ हैं। न तो उनके पास कोई शक्ति है न ही इच्छा शक्ति, बस उनके नाम की तख़्ती है।’ *दस बच्चों की हो गई थी मौत* बता दें की महारानी लक्ष्मी बाई मेडिकल कॉलेज के विशेष नवजात देखभाल इकाई (एसएनसीयू) में भीषण आग लगने से 10 नवजात शिशुओं की झुलसने एवं दम घुटने से मौत हो गई। जिस वार्ड में आग लगी थी, वहां 55 नवजात भर्ती थे। 45 नवजात को सुरक्षित निकाल लिया गया। उनका इलाज चल रहा है। हादसे की सूचना मिलते ही करीब 15 दमकलें मौके पर पहुंच गईं। सेना को भी बुला लिया। सेना एवं दमकल ने मिलकर आग बुझाई।
यूपी उपचुनाव: अखिलेश यादव का ‘रिश्तेदार-वादी’ तंज, भाजपा ने मैदान में उतारा उनका रिश्तेदार, यूपी के मंत्री ने किया पलटवार

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Akhilesh Yadav (PTI file)

समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने शुक्रवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर निशाना साधते हुए उस पर ‘रिश्तेदार-वादी’ पार्टी होने का आरोप लगाया।

मैनपुरी जिले के दिहुली में एक कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, “वे हम पर परिवारवादी होने का आरोप लगाते थे, लेकिन अब वे हमसे आगे निकल गए हैं और ‘रिश्तेदार-वादी’ बन गए हैं।” यादव का यह हमला भाजपा द्वारा करहल विधानसभा सीट पर सपा के तेज प्रताप सिंह यादव के खिलाफ उपचुनाव के लिए अनुजेश यादव को अपना उम्मीदवार बनाए जाने के बाद आया है। अनुजेश यादव सपा प्रमुख के रिश्तेदार हैं और दोनों भाई-बहन हैं।

अनुजेश यादव सपा उम्मीदवार तेज प्रताप यादव के चाचा हैं। करहल सीट पर 1993 से सपा का गढ़ माना जाता है। इस चुनाव में "फूफा बनाम भतीजा" मुकाबला होगा, जिसमें तेज प्रताप यादव का मुकाबला अनुजेश यादव से होगा, जो उनके विवाह से संबंधित रिश्तेदार हैं।

भाजपा ने अखिलेश पर पलटवार किया

अखिलेश यादव के हमले का जवाब देते हुए उत्तर प्रदेश के समाज कल्याण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) असीम अरुण ने कहा, "यह रिश्तेदारों के बीच की लड़ाई नहीं है, बल्कि नीतियों की लड़ाई है, सच और झूठ के बीच की लड़ाई है, और अपराधियों और कानून का पालन करने वालों के बीच की लड़ाई है।" "एक बार मैं बगल के अलीगढ़ जिले में था और अक्सर पुलिस मैनपुरी से अपराधियों को गिरफ्तार करती थी या इसके विपरीत। लेकिन पिछले सात सालों में, क्या आपने मैनपुरी में ऐसी किसी गिरफ्तारी या अपहरण की घटना के बारे में सुना है?" उन्होंने कहा। "ऐसा क्यों है? क्योंकि यह वही कानून है, लेकिन लागू करने वाला बदल गया है। यह वही बुलडोजर है जिसे अब सही ड्राइवर मिल गया है," अरुण ने कहा।

उत्तर प्रदेश में करहल सहित नौ विधानसभा सीटों के लिए उपचुनाव 13 नवंबर को होने हैं, जिसके नतीजे 23 नवंबर को घोषित किए जाएंगे। कटेहरी (अंबेडकर नगर), करहल (मैनपुरी), मीरापुर (मुजफ्फरनगर), गाजियाबाद, मझवां (मिर्जापुर), शीशमऊ (कानपुर शहर), खैर (अलीगढ़), फूलपुर (प्रयागराज) और कुंदरकी (मुरादाबाद) में उपचुनाव होना है। इस सीट का प्रतिनिधित्व अखिलेश यादव ने किया था, जिन्होंने कन्नौज से लोकसभा के लिए चुने जाने के बाद इसे खाली कर दिया था।

वक्फ बिल पर अखिलेश यादव ने ऐसा क्या कहा कि भड़के अमित शाह, बोले-आप इस तरह की गोलमोल बातें नहीं कर सकते

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संसदीय कार्य और अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने गुरुवार को लोकसभा में 'वक्फ (संशोधन) विधेयक-2024' पेश किया। इस दौरान सदन में विपक्षी पार्टियों ने एक सुर में इस बिल का विरोध करते हुए हंगामा किया। सदन की कार्यवाही के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव के बीच तीखी नोकझोंक भी देखने को मिली। इस दौरान अमित शाह सपा मुखिया पर भी भड़कते हुए नजर आए।

लोकसभा में पेश वक्फ बिल के विरोध में अखिलेश यादव ने कहा, ये सोची समझी राजनीति के तहत हो रहा है। अखिलेश ने इस बिल को धार्मिक आस्था पर हमला बताते हुए कहा कि साजिश के तहत बिल लाया जा रहा है। उन्होंने इसे लोकतंत्र के खिलाफ बताया। इस दौरान अखिलेश ने स्पीकर के अधिकार छीने जाने की बात कही। उन्होंने कहा अगर जिलाधिकारी को सब ताकत दे देंगे तो आपको पता है कि एक जगह पर जिलाधिकारी ने क्या किया कि उसका असर आने वाली पीढ़ी तक को भुगतना पड़ा। बीजेपी अपनी हताश, निराश और चंद कट्टर समर्थकों के तु्ष्टिकरण के लिए ये बिल लाने का काम कर रही है। अखिलेश यादव ने लोकसभा स्पीकर से कहा, महोदय मैंने सुना है कि कुछ अधिकार आपके भी छीने जा रहे हैं इसलिए हम सब को आपके लिए भी लड़ना पड़ेगा।

अखिलेश ने सदन अध्यक्ष के हक की बीत की जिस पर अमित शाह अपनी सीट से उठकर खड़े हो गए और नाराज होते हुए कहा कि अखिलेश जी गोलमोल बातें ना करें। अखिलेश की बात को सुनते ही अमित शाह ने उन्हें बीच में टोकते हुए कहा कि स्पीकर महोदय, ये (अखिलेश) आसन का अपमान कर रहे हैं। अखिलेश अध्यक्ष के अधिकार के संरक्षक नहीं हैं।

मोदी सरकार कुछ दिनों की मेहमान', टीएमसी की रैली में अखिलेश का दावा

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पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की शहीद दिवस के मौके पर आयोजित रैली में समाजवादी पार्टी की प्रमुख अखिलेश यादव भी शामिल हुए। समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने धर्मतला की रैली में भाग लेते हुए केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर दमकर हमला बोला। अखिलेश ने दावा किया कि केन्द्र की एनडीए सरकार जल्द गिरने वाली है।

सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि भारत को सांप्रदायिक आधार पर बांटने की साजिश रचने वाली ताकतों को अस्थायी सफलता मिल सकती है, लेकिन अंततः उनकी पराजय होगी। केंद्र में भाजपा नेतृत्व वाली एनडीए सरकार लंबे समय तक नहीं टिकेगी, यह जल्द ही गिर जाएगी। अखिलेश यादव ने मोदी सरकार पर हमला करते हुए कहा कि उन्होंने अपना विश्वास जनता पर से खो दिया है। अब उन्हें सत्ता में रहने का कोई अधिकार नहीं है। 

अखिलेश ने कहा कि केंद्र की सत्ता में विभाजनकारी ताकतें बैठी हैं जो देश को बांटकर राज करना चाहती हैं, लेकिन वे सफल नहीं होंगे। निकट भविष्य में उन्हें पराजित किया जाएगा। सपा प्रमुख ने आगे कहा कि बंगाल व यूपी के लोगों ने देश को बांटने वाली ताकतों के खिलाफ मिलकर लड़ाई लड़ी, जो महज कुछ दिनों के लिए सत्ता में मेहमान हैं। अखिलेश यादव इस रैली में लोकसभा चुनाव परिणाम की भी चर्चा करते दिखे। उन्होंने उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल में भाजपा के प्रदर्शन की चर्चा की। सपा अध्यक्ष ने कहा कि उत्तर प्रदेश और बंगाल की जनता ने भारतीय जनता पार्टी को बैक फुट पर धकेल दिया है।

सपा प्रमुख ने कहा कि बंगाल ने उन्हें हराया, यूपी भी इस लड़ाई में शामिल हुआ। केंद्र में सत्ता में बैठी यह सरकार, जिसे लोगों की परवाह नहीं है, जल्द ही गिर जाएगी। वे सत्ता के लिए बेताब हैं। हम उन्हें गिरते हुए देखेंगे और जल्द ही हम खुशी के दिन देखेंगे। हम सकारात्मक राजनीति में विश्वास करते हैं। लोगों के जीवन में बदलाव का समय आ गया है। संविधान और देश को बचाने के लिए हम सभी को एकजुट होना होगा।

बता दें कि तृणमूल कांग्रेस की ओर से शहीद दिवस रैली का आयोजन धर्मतला में किया गया। इसमें तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष ममता बनर्जी ने यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव को भी आमंत्रित किया। ममता बनर्जी इस रैली के जरिए पश्चिम बंगाल में अपनी ताकत का प्रदर्शन कर रही हैं। पश्चिम बंगाल के राजनीतिक मैदान में ममता बनर्जी ने अपनी ताकत का प्रदर्शन लोकसभा चुनाव में किया। अब उनकी तैयारी विधानसभा चुनाव को लेकर शुरू हो गई है।

ईवीएम को लेकर अखिलेश यादव का बयान, बोले- यूपी की सभी 80 सीटें जीतने के बाद भी नहीं होगा भरोसा

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लोकसभा में बोलते हुए समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन यानी ईवीएम का मुद्दा उठाया। सपा प्रमुख ने ईवीएम को लेकर बड़ा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि ईवीएम पर मुझे कल भी भरोसा नहीं था और ना आज है। उन्होंने कहा कि अगर मैं यूपी की 80 की 80 सीट भी जीत जाऊं तो भी भरोसा नहीं होगा।

आज राष्ट्रपति के अभिभाषण पर लोकसभा में लाए गए धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा में भाग लेते हुए अखिलेश ने कहा कि जब तक ईवीएम चुनाव की व्यवस्था से नहीं हटाई जाती, तब तक समाजवादी पार्टी इस मांग को लेकर अडिग रहेगी। सपा प्रमुख ने कहा कि मैंने चुनाव से पहले प्रचार के दौरान कहा था कि ईवीएम से जीतकर ईवीएम हटाने का काम करेंगे। ईवीएम का मुद्दा मरा नहीं और न ही खत्म हुआ है। जब तक ईवीएम नहीं हटेगी, तब तक हम समाजवादी लोग इसको (हटाने की मांग) लेकर अडिग रहेंगे।

आज लोकसभा में अखिलेश ने साफ कह दिया कि अगर उनकी पार्टी उत्तर प्रदेश की सभी 80 लोकसभा सीटें जीत जाए तब भी उन्हें इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन पर भरोसा नहीं होगा। 

बता दें कि हाल में हुए लोकसभा चुनाव में सपा ने शानदार प्रदर्शन किया है। यूपी में सपा ने सबसे ज्यादा सीटें जीती हैं। लोकसभा चुनाव में सपा ने उत्तर प्रदेश में 37 संसदीय सीट जीतकर अब तक अपना सर्वश्रेष्ठ चुनावी प्रदर्शन किया है।

अखिलेश यादव पहले नहीं है, जिन्होंने ईवीएम पर सवाल खड़े किए हैं। इससे पहले भी कई नेताओं ने ईवीएम पर सवाल खड़े कर चुके हैं। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ईवीएम को ब्लैक बॉक्स बताया था और चुनाव में पारदर्शिता को लेकर भी चिंता जता चुके हैं। राहुल गांधी के अलावा बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव भी ईवीएम को लेकर कहा था कि विपक्ष 400 पार का नारा ऐसे लगा रहे हैं, जैसे पहले से ही ईवीएम का सेटिंग हो चुका है।

राहुल गांधी के बाद लोकसभा में खूब गरजे अखिलेश यादव, बोले- बड़ा गमगीन बेनूर है.... लग रहा है हारी हुई सरकार विराजमान है*
#sp_chief_akhilesh_yadav_address_lok_sabha कांग्रेस सांसद और नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के बाद समाजवादी पार्टी (एसपी) के नेता अखिलेश यादव लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा में शामिल हुए। इस दौरान उन्होंने कई मुद्दों पर केंद्र सरकार पर जमकर हमला किया। राहुल गांधी की ही तरह अखिलेश ने भी पेपर लीक, अग्निवीर और ईवीएम जैसे मुद्दों पर सरकार को निशाने पर लिया। पेपर लीक को लेकर अखिलेश ने कहा कि सरकार इसलिए पेपर लीक करवा रही है ताकि किसी को नौकरी न देना पड़े। साथ ही ईवीएम को लेकर अखिलेश ने कहा कि हम इसके समर्थन में कभी नहीं थे और इसके खिलाफ हम संघर्ष करते रहेंगे। अखिलेश ने अग्निवीर योजना को खत्म किए जाने की बात कही। *400 पार पर समझदार जनता को धन्यवाद-अखिलेश* लोकसभा की कार्यवाही एक बार फिर मंगलवार को शुरू हुई। केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग, नीट और अग्निपथ जैसे मुद्दों को लेकर विपक्ष ने सरकार को घेरा। इस दौरान दोनों सदनों में जमकर हंगामा हुआ। लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण के लिए धन्यवाद प्रस्ताव पर बोलते हुए उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और सपा सांसद अखिलेश यादव स्पीकर ओम बिरला को बोलने का मौका देने पर धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि सबसे पहले उन सभी मतदाताओं को धन्यवाद देना चाहता हूं, जिन्होंने लोकतंत्र को एकतंत्र बनाने से रोका। चुनाव के समय ऐसा कहा गया कि 400 पार पर समझदार जनता को फिर से धन्यवाद। उन्होंने कहा, 'आवाम ने तोड़ दिया हूकुमत का गुमार, दरवार तो लगा है, मगर बड़ा गमगीन बेनूर है और पहली बार ऐसा लग रहा है कि हारी हुई सरकार विराजमान है। जनता कह रही है कि चलने वाली नहीं, यह गिरने वाली सरकार है। क्योंकि ऊपर से जुड़ा कोई तार नहीं, नीचे कोई आधार नहीं, अधर में जो लटकी, वो तो कोई सरकार नहीं।' *अब मनमर्जी नहीं जनमर्जी चलेगी-अखिलेश* अखिलेश यादव ने लोकसभा में कहा, 2024 के लोकसभा चुनाव का परिणाम ‘इंडिया’ गठबंधन के लिए जिम्मेदारी का संदेश देता है और यह परिणाम सांप्रदायिक राजनीति का अंत कर सामुदायिक राजनीति की शुरुआत करने वाला है। उन्होंने कहा, जो लोग चुनाव को अपनी तरह से मोड़ते हैं। मैं उनसे कहना चाहता हूं कि इस चुनाव के परिणाम में तोड़ने वाली राजनीति की हार हुई है। वहीं जोड़ने वाली राजनीति की जीत हुई है। इस चुनाव में धन, छल, बल की नकारात्मक राजनीति की शिकस्त हुई है। यह चुनाव सकारात्मक का दौर शुरू हुआ है। संविधान ही संजीवनी है। यह संविधान मंथन में हैं। संविधान रक्षकों की जीत हुई है। मैं कहना चाहता हूं कि देश किसी की निजी महत्वाकांक्षा से नहीं, बल्कि जन आंकाक्षा से चलेगा। मतलब अब मनमर्जी नहीं जनमर्जी चलेगी। *10 साल में शिक्षा माफिया का जन्म- अखिलेश* पेपर लीक मामले में सरकार पर बड़ा हमला करते हुए अखिलेश यादव ने कहा कि उत्तर प्रदेश में नौजवान जब तैयारी करके परीक्षा देने जाता था और बाद में उसके पता चलता था कि पेपर लीक हो गया है। उत्तर प्रदेश में केवल एक पेपर लीक नहीं हुआ है, जितनी भी परीक्षाएं हुई हैं, सब लीक हुई हैं. सिर्फ यूपी ही नहीं देश के कई अन्य प्रदेश भी हैं जहां पर पेपर लीक हुई है। 4 जून को परिणाम आने के बाद देश की सबसे प्रतिष्ठित परीक्षा का भी पेपर लीक हो गया। उन्होंने आगे कहा कि आखिरकार ये पेपर लीक क्यों हो रहे हैं? सच्चाई तो यह है कि ये सरकार ऐसा इसलिए कर रही है ताकि उसे युवाओं को नौकरी न देनी पड़े। पिछले 10 सालों में सरकार की उपलब्धि यही रही है कि एक शिक्षा माफिया का जन्म हुआ। ऐसा लगता है कि परीक्षा-शिक्षा माफिया ने अमृतकाल में युवाओं की आशा को जहर दे दिया है। *अर्शव्यवस्था पर सरकार आंकड़े क्यों छिपा-अखिलेश* सपा प्रमुख ने आगे कहा कि सरकार कहने को तो कहती है कि यह पांचवीं बड़ी अर्थव्यवस्था बन गई है। मगर सरकार आंकड़े क्यों छिपा रही है कि अगर यह सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है तो हमारे देश की प्रति व्यक्ति आय किस स्थान पर पहुंची है। हमने देखा है कि अगर दिल्ली सरकार ने कहा होगा पांच ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनेगी, तो जहां से पीएम से चुनकर आती है, तो वहां की प्रदेश सरकार कह रही है कि हम एक ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था बना लेंगे। अगर उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था को एक ट्रिलियन डॉलर बनना है तो 35 फीसदी की ग्रोथ चाहिए। मुझे नहीं लगता है कि इतनी ग्रोथ हो पाएगी। *अयोध्या में बीजेपी की हार पर तंज* सपा सांसद ने अयोध्या में बीजेपी की हार पर तंज कसा। अखिलेश यादव ने कहा कि जनता का जागरण काल आ गया है। देश में एक जीत और हुई है। हम तो बचपन से यही सुनते आए हैं, होइहीं सोई जो राम रची राखा। अयोध्या की जीत देश के परिपक्व मतदाताओं की जीत है। अयोध्या की जीत हमारी मर्यादा की जीत है। ये उसका फैसला है जिसकी लाठी में आवाज नहीं होती. जो करते थे उसको लाने का दावा, वो खुद किसी के सहारे के हैं लाचार। *आरक्षण के साथ खिलवाड़-अखिलेश* अखिलेश यादव ने सदन में कहा कि हम जातिगत जनगणना के पक्ष में हैं, क्योंकि इसके बिना सामाजिक न्याय संभव नहीं है। उन्होंने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि आरक्षण के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि देश की सुरक्षा के साथ अग्निवीर योजना लागू कर समझौता किया गया है। हम अग्निवीर योजना को स्वीकार नहीं करते, जब कभी ‘इंडिया’ गठबंधन सत्ता में आएगा, तो हम इस योजना को खत्म कर देंगे।
बधाई के साथ अखिलेश ने स्पीकर को “भेंट” की नसीहतें, जानें क्या-क्या कहा

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18वीं लोकसभा का पहला सत्र चल रहा है। सत्र के तीसरे दिन बुधवार को ओम बिरला को सदन का अध्यक्ष चुना गया। इसके बाद लोकसभा के सदस्यों ने ओम बिरला को शुभकामनाएं दी।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी और सदन के अन्य सदस्यों ने भी ओम बिरला को स्पीकर चुने जाने की बधाई दी। इस दौरान सपा मुखिया अखिलेश यादव ने बधाई के साथ-साथ स्पीकर को कई सारी नसीहतें भी दी।

सभी सांसदों और हर दल को बोलने का मौका देंगे-अखिलेश

सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने स्पीकर को बधाई देते हुए कहा, 'लोकसभा के नवनिर्वाचित अध्यक्ष को बहुत-बहुत बधाई और शुभकामनाएं। आप इस सदन के स्पीकर दोबारा चुने गए हैं। आपके पास पांच साल का अनुभव रहा है, वहीं पुराने और नए सदन का भी अनुभव रहा है। मैं अपनी तरफ से और साथी सांसदों की तरफ से बधाई देता हूं। जिस पद पर आप बैठे हैं, इससे बहुत गौरवशाली परंपराएं जुड़ी हुई हैं। हम सब यही मानते हैं कि लोकसभा की कार्यवाही बिना किसी भेदभाव के आगे बढ़ेगी और लोकसभा के अध्यक्ष के रूप में आप सभी सांसदों और हर दल को बोलने का मौका देंगे।

निष्कासन जैसी चीजें हमें ठेस ना पहुंचाई जाए-अखिलेश

सपा प्रमुख और कन्नौज से सांसद अखिलेश यदव ने कहा कि आप लोकतांत्रिक न्याय के मुख्य न्यायाधीश के रूप में बैठे हैं आपसे आशा है कि किसी जनप्रतिनिधि की आवाज को दबाई नहीं जाए और न ही निष्कासन जैसी चीजें हमें ठेस पहुंचाए। आपका अंकुश विपक्ष पर तो रहता है ही लेकिन आपका अंकुश सत्ता पक्ष पर भी रहे, आपके इशारे पर सदन चले, इसका उल्टा न हो। हम आपके हर न्याय संगत फैसले के साथ खड़े हैं। 

जितना सत्ता पक्ष को मौका देंगे उतना ही विपक्ष को भी-अखिलेश

अखिलेश ने आगे मजाकिया लहजे में कहा कि मैं इस नए सदन में पहली बार आया हूं मुझे लगा कि स्पीकर की कुर्सी बहुत ऊंची है, मैं जिस सदन को छोड़कर आया हूं वहां कुर्सी और ऊंची है, नया सदन में पत्थर तो ठीक लगा है। मुझे उम्मीद है कि आप जितना सत्ता पक्ष को मौका देंगे उतना ही विपक्ष को भी मौका देंगे।

चुनाव आयोग मर गया है, सफेद कपड़ा हमें भेंट करना होगा', अखिलेश यादव का विवादित बयान

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समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने चुनाव आयोग पर विवादित टिप्पणी की है। मिल्कीपुर में वोटिंग के बाद अखिलेश ने गुरुवार को कहा कि चुनाव आयोग मर चुका है। हमें सफेद कपड़ा भेंट करना पड़ेगा। दिल्‍ली में संसद जाने से पहले मीडिया से बातचीत में अखिलेश यादव ने कहा- 'यह भाजपा का चुनाव लड़ने का तरीका है।

सपा के के बूथ एजेंटों को डराया-धमकाया गया-अखिलेश

अखिलेश यादव ने कहा कि मिल्‍कीपुर में वोटिंग के दौरान पुलिस-प्रशासन का रवैया अलोकतांत्रिक रहा। भाजपा के गुंडों ने मिल्कीपुर उपचुनाव को प्रभावित करने के लिए अराजकता की। पुलिस-प्रशासन का उन्हें खुला संरक्षण मिला। पुलिस-प्रशासन ने भाजपा के गुंडों को खुली छूट देकर चुनाव आचार संहिता का घोर उल्लंघन किया। दर्जनों बूथों पर समाजवादी पार्टी के बूथ एजेंटों को डराया-धमकाया गया। भाजपा ने मिल्कीपुर में बेईमानी के लिए हर तरह के हथकंडे अपनाए। भाजपा के गुंडों ने मिल्कीपुर उपचुनाव को प्रभावित करने के लिए अराजकता की। पुलिस-प्रशासन का उन्हें खुला संरक्षण मिला।

डर का माहौल बनाकर मतदान को प्रभावित किया गया-अखिलेश

सपा प्रमुख ने आरोप लगाया कि पुलिस-प्रशासन ने मतदाताओं के बीच डर का माहौल बनाकर मतदान को प्रभावित किया गया। भाजपा के समर्थकों ने खुद स्वीकार किया है कि उन्होंने फर्जी मतदान किया है। फर्जी मतदान करते हुए कुछ लोगों को समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी अजीत प्रसाद ने खुद पकड़ा है। उन्होंने कहा, मिल्कीपुर उपचुनाव में रायपट्टी अमानीगंज में फर्जी वोट डालने की बात अपने मुंह से कहने वाले ने साफ कर दिया कि भाजपा सरकार में अधिकारी किस तरह से धांधली में लिप्त हैं। निर्वाचन आयोग को और क्या सबूत चाहिए।

सपा फर्जी वोटिंग का आरोप लगा रही

दरअसल, सपा मिल्कीपुर में फर्जी वोटिंग का आरोप लगा रही है। 5 नेताओं का एक प्रतिनिधिमंडल लखनऊ में चुनाव आयोग से भी मिला था। प्रदेश अध्यक्ष श्याम लाल पाल के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल मुख्य निर्वाचन अधिकारी से शिकायत की। पोलिंग एजेंट को बाहर निकाले जाने और फर्जी मतदान का आरोप है।

मिल्कीपुर प्रतिष्ठा का विषय बना

बता दें कि मिल्कीपुर उपचुनाव समाजवादी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी के बीच प्रतिष्ठा की लड़ाई बना हुआ है। यह सीट राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण अयोध्या जिले का हिस्सा है। पिछले साल के लोकसभा चुनाव में फैजाबाद लोकसभा सीट जीतने के बाद सपा सांसद अवधेश प्रसाद की ओर से सीट खाली करने के बाद उपचुनाव की जरूरत पड़ी थी।

अखिलेश ने क्यों कही अपने इस्तीफे की बात? लोकसभा में महाकुंभ हादसे को लेकर सपा अध्यक्ष का बड़ा दावा

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समाजवादी पार्टी अध्यक्ष और सांसद अखिलेश यादव ने संसद में महाकुंभ भगदड़ को लेकर योगी सरकार पर जमकर निशाने साधे। उन्होंने सीएम योगी पर भगदड़ की पूरी हकीकत छिपाने का आरोप लगाया। उन्होंने इस हादसे को लेकर कुछ दावे भी किए और कहा कि अगर उनके दावे गलत निकले तो वह अपने पद से इस्तीफा दे देंगे।

संसद भवन में राष्‍ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान समाजवादी पार्टी के कन्‍नौज सांसद अखिलेश यादव ने महाकुंभ में हुए भगदड़ हादसे को लेकर सवाल उठाए। पहले तो अखिलेश यादव ने अपने भाषण की शुरुआत में स्‍पीकर ओम बिड़ला से आग्रह किया कि जब चर्चा खत्‍म हो रही होगी तब महाकुंभ हादसे के पीड़‍ितों के प्रति 2 मिनट मौन रखने की इजाजत दी जाए। उन्‍होंने कहा कि हमारा अनुरोध है कि जहां सरकार बजट के आंकड़े दे रही है, उससे पहले महाकुंभ में मरने वालों के आंकड़े भी दिए जाएं। इस बारे में सर्वदलीय बैठक बुलाया जाए। उन्‍होंने मांग की कि ‘महाकुंभ आपदा प्रबंधन व खोया पाया केंद्र की ज‍िम्‍मेदारी सेना को दी जाए। घायलों का इलाज, दवाइयां, डॉक्‍टर, भोजन-पानी का आंकड़ा सदन में रखा जाए। इस हादसे के लिए जिम्‍मेदार लोगों पर घोर दंडात्‍मक एक्‍शन लिया जाए।

अखिलेश ने कहा, लोग पुण्य कमाने आए थे और अपनों के शव लेकर गए। उत्तर प्रदेश सरकार पर हमला बोलते हुए अखिलेश यादव ने कहा कि एक धार्मिक समागम में राजनीतिक प्रचार अशोभनीय, निंदनीय है। जहां उचित व्यवस्था होनी चाहिए थी, वहां राजनीतिक प्रचार किया जा रहा है। धार्मिक आयोजन में राजनीतिक प्रचार करना, खासकर डबल इंजन वाली सरकार में, शर्मनाक और निंदनीय है। अखिलेश ने सरकार पर बड़ा हमला बोलते हुए कहा कि सरकार ने महाकुंभ का इतना प्रचार किया और मैंने कई टीवी इंटरव्यू और समाचार चैनलों पर ये बात सुनने में आई कि सरकार ने 100 करोड़ लोगों के आने का इंतजाम किया है। अगर ये बात गलत है तो मैं इस्तीफा आपको देना चाहता हूं।

सपा प्रमुख ने कहा कि हम डबल इंजन सरकार से पूछते हैं कि अगर अपराध बोध नहीं था तो आंकड़े दबाए, छिपाए और मिटाए क्‍यों गए? सच छिपाना, मिटाना भी तो अपराध है? डबल इंजन सरकार का प्रचार करते अब तो वो होर्डिंग हटा देने चाहिए। महाकुंभ के डिजिटल होने का दावा किया गया, वो लोग अब मृतकों की डिजिट तक नहीं दे पा रहे हैं। खोया पाया केंद्र को भी लोग नहीं ढूंढ पा रहे।

सपा सांसद ने कहा कि कुंभ का आयोजन सदियों से होता आया है। 144 साल बाद महाकुंभ होने जा रहा है, उसका इतना प्रचार किया गया कि सरकार ने 100 करोड़ लोगों के आने का इंतजाम किया गया है। जहां तक मेरी समझ और जानकारी कहती है कि जो ज्‍योतिष संबंधी चीजों को की समझते होंगे कि वो ये स्‍वीकार करते होंगे कि जो भी कुंभ होता होगा 144 साल बाद ही होता होगा। लेकिन ये कहा गया कि नक्षत्र ऐसे हैं। मैं सरकार से ये कहना चाहता हूं कि सतयुग से कलियुग तक ये सनातन परंपरा रही है कि संत, महात्‍मा मुहूर्त के हिसाब से शाही स्‍नान करते हैं। लेकिन भाजपा के राज में ये परंपरा टूट गई और हादसे को छिपाकर ये आदेश दिया गया कि अखाड़े शाही स्‍नान करने जाएं। ये सनातन परंपरा तोड़कर अच्‍छा नहीं किया गया।

संसद में संभल पर संग्रामःअखिलेश बोले-भाईचारे को गोली मारी गई, पुलिस पर हो हत्या का केस
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* संसद के शीतकालीन सत्र का मंगलवार को छठवां दिन है। सदन शुरू होने से पहले विपक्षी इंडिया गठबंधन के नेताओं ने अडाणी और उत्तर प्रदेश के संभल में हुई हिंसा को लेकर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया। प्रदर्शन में लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी, कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा शामिल हुए।संभल हिंसा के मुद्दे पर विपक्षी सांसदों ने लोकसभा से वॉक आउट किया। लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने संभल हिंसा का मुद्दा उठाया, इस पर लोकसभा अध्यक्ष ने शून्यकाल में इस मुद्दे को उठाने के लिए कहा। इस पर अखिलेश यादव और उनकी पार्टी के सांसदों ने सदन से वॉक आउट कर दिया। साथ ही कांग्रेस सांसद भी वॉक आउट कर गए। हालांकि बाद में प्रश्नकाल के दौरान विपक्षी सांसद वापस सदन में लौट आए। *संभल की घटना सोची-समझी रणनीति के तहत-अखिलेश* अखिलेश यादव ने संभल हिंसा पर लोकसभा में बोलते हुए कहा कि 'संभल की घटना सोची-समझी रणनीति के तहत हुई है। भाजपा के शुभचिंतक बार-बार खुदाई की जो मांग कर रहे हैं, वह खुदाई देश के सौहार्द को खो देगी। उत्तर प्रदेश का उपचुनाव था, पहले चुनाव 13 तारीख को होना था, उसे बढ़ाकर 20 तारीख को कर दिया गया। अखिलेश यादव ने कहा कि मासूम लोगों पर गोलियां चलाई गईं। अखिलेश यादव ने कहा कि संभल में जो घटना हुई है, वह एक सोची समझी साजिश है और संभल के भाईचारे को गोली मारने का काम हुआ है। भाजपा और उसके सहयोगी दलों द्वारा पूरे देश में खुदाई की बातें देश के भाईचारे को खो देगी।' *पुलिस प्रशासन जिम्मेदार--अखिलेश* अखिलेश यादव ने कहा कि संभल कोर्ट में एक याचिका डाली गई। कोर्ट ने बिना दूसरे पक्ष को सुने बगैर सर्वे का आदेश दिया। इसके बाद संभल के डीएम और प्रशासन के लोग आदेश को पढ़े बगैर सर्वे कराने वहां पहुंच गए। संभल का माहौल का बिगाड़ने में याचिका दायर करने वालों के साथ पुलिस प्रशासन जिम्मेदार है। *राज्यसभा में राम गोपाल ने उठाया संभल का मामला* वहीं, समाजवादी पार्टी के सांसद राम गोपाल यादव ने 24 दिसंबर को एक घटना के दौरान उत्तर प्रदेश के संभल जिले में पुलिस की बर्बरता का आरोप लगाया। राम गोपाल के अनुसार, स्थानीय लोगों को इसके उद्देश्य के बारे में बताए बिना सुबह से ही जिले में व्यापक पुलिस तैनाती की गई थी। राज्यसभा में बोलते हुए उन्होंने कहा कि जिला मजिस्ट्रेट (डीएम), वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी), वकील और अन्य लोग ढोल-नगाड़ों के साथ एक मस्जिद में घुस गए, जिससे भीड़ में संदेह पैदा हो गया। उन्हें बर्बरता का डर था। उन्होंने दावा किया कि अशांति तब शुरू हुई जब सब-डिविजनल मजिस्ट्रेट (एसडीएम) ने मस्जिद के अंदर पानी की टंकी खोली, जिससे संभावित छेड़छाड़ को लेकर स्थानीय लोगों में चिंता बढ़ गई। कथित तौर पर अशांति हिंसा में बदल गई, जिसके दौरान पुलिस ने गोलियां चलाईं। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि कई मामले दर्ज किए गए, कई व्यक्तियों को जेल में डाल दिया गया और बंदियों को गंभीर रूप से पीटा गया।
झांसी अग्निकांडः सीएम योगी ने दिए 12 घंटे में जांच कर रिपोर्ट देने के आदेश, हादस पर अखिलेश ने सरकार को घेरा*
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झांसी के मेडिकल कॉलेज में शुक्रवार देर रात एक दर्दनाक हादसा हो गया। नवजात गहन चिकित्सा इकाई (एनआईसीसीयू) वार्ड में भीषण आग लगने से 10 नवजात बच्चों की झुलकर मौत हो गई। सीएम योगी के निर्देश पर डिप्टी सीएम बृजेश पाठक और प्रमुख सचिव स्वास्थ्य झांसी पहुंचे। हादसे की जाँच कर 12 घंटे के भीतर रिपोर्ट देने के निर्देश दिए गए हैं। ये दर्दनाक हादसा रात साढ़े 10 बजे के आसपास हुआ। हादस के बाद योगी सरकार ने मुजावजे का ऐलान किया है। मृतकों के परिजनों को पांच-पांच लाख रुपये और घायलों को 50-50 हजार रुपये दिए जाएंगे। वहीं समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने मृतक बच्चों के परिजनों को 1-1 करोड़ संवेदना राशि देने की अपील की है। साथ ही व्यवस्थाओं को लेकर सरकार को घेरा है। घटना के बाद शनिवार सुबह-सुबह झांसी पहुंचे डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने कहा कि पीड़ित परिवारों को वित्तीय सहायता दी जाएगी। इस घटना के दोषियों को किसी की सूरत में बख्शा नहीं जाएगा। आज 10 घंटे के भीतर शुरुआती जांच की रिपोर्ट आ जाएगी। सीएम योगी की पूरे मामले पर सीधी नजर है।मुख्यमंत्री के निर्देश पर घटना में असमय काल कवलित नवजात बच्चों के माता-पिता को 05-05 लाख रुपये तथा घायलों के परिजनों को 50-50 हजार रुपये की सहायता मुख्यमंत्री राहत कोष से उपलब्ध कराई जा रही है। मुख्यमंत्री ने झांसी के मंडलायुक्त और डीआईजी को 12 घंटे में घटना के संबंध में रिपोर्ट देने के निर्देश दिए हैं। *सपा ने योगी सरकार को घेरा* झांसी के अस्पताल में लगी के बाद उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की समजवादी पार्टी ने एक्स पर पोस्ट शेयर कर राज्य सरकार आड़े हाथ लिया है। पार्टी की ओर से जारी पोस्ट में , झांसी में हुआ ये दर्दनाक हादसा योगी सरकार के भ्रष्टाचार और लापरवाही के कारण हुआ है। दंगा-फसाद करवाकर चुनाव जीतने का काम करने पर ही सीएम योगी का सारा दिमाग लगता है। यूपी के सरकारी अस्पताल बदहाली, भ्रष्टाचार, लापरवाही का अड्डा बन गए हैं। सीएम योगी के राज में ये दूसरी बड़ी घटना है, जिसमें मांओं ने अपने बच्चों को खोया है। वो पहली गोरखपुर की ऑक्सीजन कांड वाली घटना भी योगी/भाजपा के भ्रष्टाचार के कारण हुई थी और ये वाली घटना भी योगी/भाजपा के महाभ्रष्टाचार के कारण ही हुई है। *अखिलेश यादव का प्रदेश सरकार पर तंज* वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भी प्रदेश कीयोगी सरकार को आड़े हाथों लिया है। उन्होंने एक्स पर पोस्ट में लिखा, ’10 बच्चों की मृत्यु एवं कई बच्चों के घायल होने का समाचार बेहद दुखद एवं चिंताजनक है। सबके प्रति संवेदनात्मक श्रद्धांजलि। आग का कारण ‘ऑक्सीजन कॉन्संट्रेटर’ में आग लगना बताया जा रहा है। ये सीधे-सीधे चिकत्सीय प्रबंधन व प्रशासन की लापरवाही का मामला है या फिर ख़राब क्वॉलिटी के आक्सीजन कॉन्संट्रेटर का। इस मामले में सभी ज़िम्मेदार लोगों पर दंडात्मक कार्रवाई हो। मुख्यमंत्री जी चुनावी प्रचार छोड़कर, ‘सब ठीक होने के झूठे दावे’ छोड़कर स्वास्थ्य और चिकित्सा की बदहाली पर ध्यान देना चाहिए। जिन्होंने अपने बच्चे गंवाएं हैं, वो परिवारवाले ही इसका दुख-दर्द समझ सकते हैं। ये सरकार की ही नहीं, नैतिक ज़िम्मेदारी भी है। आशा है चुनावी राजनीति करनेवाले पारिवारिक विपदा की इस घड़ी में इसकी सच्ची जांच करवाएंगे और अपने तथाकथित स्वास्थ्य एवं चिकित्सा मंत्रालय में ऊपर-से-नीचे तक आमूलचूल परिवर्तन करेंगे। रही बात उप्र के ‘स्वास्थ्य एवं चिकित्सा मंत्री’ की तो उनसे कुछ नहीं कहना है क्योंकि उन्हीं के कारण आज उप्र में स्वास्थ्य एवं चिकित्सा व्यवस्था की इतनी बदहाली हुई है। संकीर्ण-सांप्रदायिक राजनीति की निम्न स्तरीय टिप्पणियां करने में उलझे मंत्री जी को तो शायद ये भी याद नहीं होगा कि वो ‘स्वास्थ्य एवं चिकित्सा मंत्री’ हैं। न तो उनके पास कोई शक्ति है न ही इच्छा शक्ति, बस उनके नाम की तख़्ती है।’ *दस बच्चों की हो गई थी मौत* बता दें की महारानी लक्ष्मी बाई मेडिकल कॉलेज के विशेष नवजात देखभाल इकाई (एसएनसीयू) में भीषण आग लगने से 10 नवजात शिशुओं की झुलसने एवं दम घुटने से मौत हो गई। जिस वार्ड में आग लगी थी, वहां 55 नवजात भर्ती थे। 45 नवजात को सुरक्षित निकाल लिया गया। उनका इलाज चल रहा है। हादसे की सूचना मिलते ही करीब 15 दमकलें मौके पर पहुंच गईं। सेना को भी बुला लिया। सेना एवं दमकल ने मिलकर आग बुझाई।
यूपी उपचुनाव: अखिलेश यादव का ‘रिश्तेदार-वादी’ तंज, भाजपा ने मैदान में उतारा उनका रिश्तेदार, यूपी के मंत्री ने किया पलटवार

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Akhilesh Yadav (PTI file)

समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने शुक्रवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर निशाना साधते हुए उस पर ‘रिश्तेदार-वादी’ पार्टी होने का आरोप लगाया।

मैनपुरी जिले के दिहुली में एक कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, “वे हम पर परिवारवादी होने का आरोप लगाते थे, लेकिन अब वे हमसे आगे निकल गए हैं और ‘रिश्तेदार-वादी’ बन गए हैं।” यादव का यह हमला भाजपा द्वारा करहल विधानसभा सीट पर सपा के तेज प्रताप सिंह यादव के खिलाफ उपचुनाव के लिए अनुजेश यादव को अपना उम्मीदवार बनाए जाने के बाद आया है। अनुजेश यादव सपा प्रमुख के रिश्तेदार हैं और दोनों भाई-बहन हैं।

अनुजेश यादव सपा उम्मीदवार तेज प्रताप यादव के चाचा हैं। करहल सीट पर 1993 से सपा का गढ़ माना जाता है। इस चुनाव में "फूफा बनाम भतीजा" मुकाबला होगा, जिसमें तेज प्रताप यादव का मुकाबला अनुजेश यादव से होगा, जो उनके विवाह से संबंधित रिश्तेदार हैं।

भाजपा ने अखिलेश पर पलटवार किया

अखिलेश यादव के हमले का जवाब देते हुए उत्तर प्रदेश के समाज कल्याण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) असीम अरुण ने कहा, "यह रिश्तेदारों के बीच की लड़ाई नहीं है, बल्कि नीतियों की लड़ाई है, सच और झूठ के बीच की लड़ाई है, और अपराधियों और कानून का पालन करने वालों के बीच की लड़ाई है।" "एक बार मैं बगल के अलीगढ़ जिले में था और अक्सर पुलिस मैनपुरी से अपराधियों को गिरफ्तार करती थी या इसके विपरीत। लेकिन पिछले सात सालों में, क्या आपने मैनपुरी में ऐसी किसी गिरफ्तारी या अपहरण की घटना के बारे में सुना है?" उन्होंने कहा। "ऐसा क्यों है? क्योंकि यह वही कानून है, लेकिन लागू करने वाला बदल गया है। यह वही बुलडोजर है जिसे अब सही ड्राइवर मिल गया है," अरुण ने कहा।

उत्तर प्रदेश में करहल सहित नौ विधानसभा सीटों के लिए उपचुनाव 13 नवंबर को होने हैं, जिसके नतीजे 23 नवंबर को घोषित किए जाएंगे। कटेहरी (अंबेडकर नगर), करहल (मैनपुरी), मीरापुर (मुजफ्फरनगर), गाजियाबाद, मझवां (मिर्जापुर), शीशमऊ (कानपुर शहर), खैर (अलीगढ़), फूलपुर (प्रयागराज) और कुंदरकी (मुरादाबाद) में उपचुनाव होना है। इस सीट का प्रतिनिधित्व अखिलेश यादव ने किया था, जिन्होंने कन्नौज से लोकसभा के लिए चुने जाने के बाद इसे खाली कर दिया था।

वक्फ बिल पर अखिलेश यादव ने ऐसा क्या कहा कि भड़के अमित शाह, बोले-आप इस तरह की गोलमोल बातें नहीं कर सकते

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संसदीय कार्य और अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने गुरुवार को लोकसभा में 'वक्फ (संशोधन) विधेयक-2024' पेश किया। इस दौरान सदन में विपक्षी पार्टियों ने एक सुर में इस बिल का विरोध करते हुए हंगामा किया। सदन की कार्यवाही के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव के बीच तीखी नोकझोंक भी देखने को मिली। इस दौरान अमित शाह सपा मुखिया पर भी भड़कते हुए नजर आए।

लोकसभा में पेश वक्फ बिल के विरोध में अखिलेश यादव ने कहा, ये सोची समझी राजनीति के तहत हो रहा है। अखिलेश ने इस बिल को धार्मिक आस्था पर हमला बताते हुए कहा कि साजिश के तहत बिल लाया जा रहा है। उन्होंने इसे लोकतंत्र के खिलाफ बताया। इस दौरान अखिलेश ने स्पीकर के अधिकार छीने जाने की बात कही। उन्होंने कहा अगर जिलाधिकारी को सब ताकत दे देंगे तो आपको पता है कि एक जगह पर जिलाधिकारी ने क्या किया कि उसका असर आने वाली पीढ़ी तक को भुगतना पड़ा। बीजेपी अपनी हताश, निराश और चंद कट्टर समर्थकों के तु्ष्टिकरण के लिए ये बिल लाने का काम कर रही है। अखिलेश यादव ने लोकसभा स्पीकर से कहा, महोदय मैंने सुना है कि कुछ अधिकार आपके भी छीने जा रहे हैं इसलिए हम सब को आपके लिए भी लड़ना पड़ेगा।

अखिलेश ने सदन अध्यक्ष के हक की बीत की जिस पर अमित शाह अपनी सीट से उठकर खड़े हो गए और नाराज होते हुए कहा कि अखिलेश जी गोलमोल बातें ना करें। अखिलेश की बात को सुनते ही अमित शाह ने उन्हें बीच में टोकते हुए कहा कि स्पीकर महोदय, ये (अखिलेश) आसन का अपमान कर रहे हैं। अखिलेश अध्यक्ष के अधिकार के संरक्षक नहीं हैं।

मोदी सरकार कुछ दिनों की मेहमान', टीएमसी की रैली में अखिलेश का दावा

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पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की शहीद दिवस के मौके पर आयोजित रैली में समाजवादी पार्टी की प्रमुख अखिलेश यादव भी शामिल हुए। समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने धर्मतला की रैली में भाग लेते हुए केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर दमकर हमला बोला। अखिलेश ने दावा किया कि केन्द्र की एनडीए सरकार जल्द गिरने वाली है।

सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि भारत को सांप्रदायिक आधार पर बांटने की साजिश रचने वाली ताकतों को अस्थायी सफलता मिल सकती है, लेकिन अंततः उनकी पराजय होगी। केंद्र में भाजपा नेतृत्व वाली एनडीए सरकार लंबे समय तक नहीं टिकेगी, यह जल्द ही गिर जाएगी। अखिलेश यादव ने मोदी सरकार पर हमला करते हुए कहा कि उन्होंने अपना विश्वास जनता पर से खो दिया है। अब उन्हें सत्ता में रहने का कोई अधिकार नहीं है। 

अखिलेश ने कहा कि केंद्र की सत्ता में विभाजनकारी ताकतें बैठी हैं जो देश को बांटकर राज करना चाहती हैं, लेकिन वे सफल नहीं होंगे। निकट भविष्य में उन्हें पराजित किया जाएगा। सपा प्रमुख ने आगे कहा कि बंगाल व यूपी के लोगों ने देश को बांटने वाली ताकतों के खिलाफ मिलकर लड़ाई लड़ी, जो महज कुछ दिनों के लिए सत्ता में मेहमान हैं। अखिलेश यादव इस रैली में लोकसभा चुनाव परिणाम की भी चर्चा करते दिखे। उन्होंने उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल में भाजपा के प्रदर्शन की चर्चा की। सपा अध्यक्ष ने कहा कि उत्तर प्रदेश और बंगाल की जनता ने भारतीय जनता पार्टी को बैक फुट पर धकेल दिया है।

सपा प्रमुख ने कहा कि बंगाल ने उन्हें हराया, यूपी भी इस लड़ाई में शामिल हुआ। केंद्र में सत्ता में बैठी यह सरकार, जिसे लोगों की परवाह नहीं है, जल्द ही गिर जाएगी। वे सत्ता के लिए बेताब हैं। हम उन्हें गिरते हुए देखेंगे और जल्द ही हम खुशी के दिन देखेंगे। हम सकारात्मक राजनीति में विश्वास करते हैं। लोगों के जीवन में बदलाव का समय आ गया है। संविधान और देश को बचाने के लिए हम सभी को एकजुट होना होगा।

बता दें कि तृणमूल कांग्रेस की ओर से शहीद दिवस रैली का आयोजन धर्मतला में किया गया। इसमें तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष ममता बनर्जी ने यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव को भी आमंत्रित किया। ममता बनर्जी इस रैली के जरिए पश्चिम बंगाल में अपनी ताकत का प्रदर्शन कर रही हैं। पश्चिम बंगाल के राजनीतिक मैदान में ममता बनर्जी ने अपनी ताकत का प्रदर्शन लोकसभा चुनाव में किया। अब उनकी तैयारी विधानसभा चुनाव को लेकर शुरू हो गई है।

ईवीएम को लेकर अखिलेश यादव का बयान, बोले- यूपी की सभी 80 सीटें जीतने के बाद भी नहीं होगा भरोसा

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लोकसभा में बोलते हुए समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन यानी ईवीएम का मुद्दा उठाया। सपा प्रमुख ने ईवीएम को लेकर बड़ा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि ईवीएम पर मुझे कल भी भरोसा नहीं था और ना आज है। उन्होंने कहा कि अगर मैं यूपी की 80 की 80 सीट भी जीत जाऊं तो भी भरोसा नहीं होगा।

आज राष्ट्रपति के अभिभाषण पर लोकसभा में लाए गए धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा में भाग लेते हुए अखिलेश ने कहा कि जब तक ईवीएम चुनाव की व्यवस्था से नहीं हटाई जाती, तब तक समाजवादी पार्टी इस मांग को लेकर अडिग रहेगी। सपा प्रमुख ने कहा कि मैंने चुनाव से पहले प्रचार के दौरान कहा था कि ईवीएम से जीतकर ईवीएम हटाने का काम करेंगे। ईवीएम का मुद्दा मरा नहीं और न ही खत्म हुआ है। जब तक ईवीएम नहीं हटेगी, तब तक हम समाजवादी लोग इसको (हटाने की मांग) लेकर अडिग रहेंगे।

आज लोकसभा में अखिलेश ने साफ कह दिया कि अगर उनकी पार्टी उत्तर प्रदेश की सभी 80 लोकसभा सीटें जीत जाए तब भी उन्हें इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन पर भरोसा नहीं होगा। 

बता दें कि हाल में हुए लोकसभा चुनाव में सपा ने शानदार प्रदर्शन किया है। यूपी में सपा ने सबसे ज्यादा सीटें जीती हैं। लोकसभा चुनाव में सपा ने उत्तर प्रदेश में 37 संसदीय सीट जीतकर अब तक अपना सर्वश्रेष्ठ चुनावी प्रदर्शन किया है।

अखिलेश यादव पहले नहीं है, जिन्होंने ईवीएम पर सवाल खड़े किए हैं। इससे पहले भी कई नेताओं ने ईवीएम पर सवाल खड़े कर चुके हैं। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ईवीएम को ब्लैक बॉक्स बताया था और चुनाव में पारदर्शिता को लेकर भी चिंता जता चुके हैं। राहुल गांधी के अलावा बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव भी ईवीएम को लेकर कहा था कि विपक्ष 400 पार का नारा ऐसे लगा रहे हैं, जैसे पहले से ही ईवीएम का सेटिंग हो चुका है।

राहुल गांधी के बाद लोकसभा में खूब गरजे अखिलेश यादव, बोले- बड़ा गमगीन बेनूर है.... लग रहा है हारी हुई सरकार विराजमान है*
#sp_chief_akhilesh_yadav_address_lok_sabha कांग्रेस सांसद और नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के बाद समाजवादी पार्टी (एसपी) के नेता अखिलेश यादव लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा में शामिल हुए। इस दौरान उन्होंने कई मुद्दों पर केंद्र सरकार पर जमकर हमला किया। राहुल गांधी की ही तरह अखिलेश ने भी पेपर लीक, अग्निवीर और ईवीएम जैसे मुद्दों पर सरकार को निशाने पर लिया। पेपर लीक को लेकर अखिलेश ने कहा कि सरकार इसलिए पेपर लीक करवा रही है ताकि किसी को नौकरी न देना पड़े। साथ ही ईवीएम को लेकर अखिलेश ने कहा कि हम इसके समर्थन में कभी नहीं थे और इसके खिलाफ हम संघर्ष करते रहेंगे। अखिलेश ने अग्निवीर योजना को खत्म किए जाने की बात कही। *400 पार पर समझदार जनता को धन्यवाद-अखिलेश* लोकसभा की कार्यवाही एक बार फिर मंगलवार को शुरू हुई। केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग, नीट और अग्निपथ जैसे मुद्दों को लेकर विपक्ष ने सरकार को घेरा। इस दौरान दोनों सदनों में जमकर हंगामा हुआ। लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण के लिए धन्यवाद प्रस्ताव पर बोलते हुए उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और सपा सांसद अखिलेश यादव स्पीकर ओम बिरला को बोलने का मौका देने पर धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि सबसे पहले उन सभी मतदाताओं को धन्यवाद देना चाहता हूं, जिन्होंने लोकतंत्र को एकतंत्र बनाने से रोका। चुनाव के समय ऐसा कहा गया कि 400 पार पर समझदार जनता को फिर से धन्यवाद। उन्होंने कहा, 'आवाम ने तोड़ दिया हूकुमत का गुमार, दरवार तो लगा है, मगर बड़ा गमगीन बेनूर है और पहली बार ऐसा लग रहा है कि हारी हुई सरकार विराजमान है। जनता कह रही है कि चलने वाली नहीं, यह गिरने वाली सरकार है। क्योंकि ऊपर से जुड़ा कोई तार नहीं, नीचे कोई आधार नहीं, अधर में जो लटकी, वो तो कोई सरकार नहीं।' *अब मनमर्जी नहीं जनमर्जी चलेगी-अखिलेश* अखिलेश यादव ने लोकसभा में कहा, 2024 के लोकसभा चुनाव का परिणाम ‘इंडिया’ गठबंधन के लिए जिम्मेदारी का संदेश देता है और यह परिणाम सांप्रदायिक राजनीति का अंत कर सामुदायिक राजनीति की शुरुआत करने वाला है। उन्होंने कहा, जो लोग चुनाव को अपनी तरह से मोड़ते हैं। मैं उनसे कहना चाहता हूं कि इस चुनाव के परिणाम में तोड़ने वाली राजनीति की हार हुई है। वहीं जोड़ने वाली राजनीति की जीत हुई है। इस चुनाव में धन, छल, बल की नकारात्मक राजनीति की शिकस्त हुई है। यह चुनाव सकारात्मक का दौर शुरू हुआ है। संविधान ही संजीवनी है। यह संविधान मंथन में हैं। संविधान रक्षकों की जीत हुई है। मैं कहना चाहता हूं कि देश किसी की निजी महत्वाकांक्षा से नहीं, बल्कि जन आंकाक्षा से चलेगा। मतलब अब मनमर्जी नहीं जनमर्जी चलेगी। *10 साल में शिक्षा माफिया का जन्म- अखिलेश* पेपर लीक मामले में सरकार पर बड़ा हमला करते हुए अखिलेश यादव ने कहा कि उत्तर प्रदेश में नौजवान जब तैयारी करके परीक्षा देने जाता था और बाद में उसके पता चलता था कि पेपर लीक हो गया है। उत्तर प्रदेश में केवल एक पेपर लीक नहीं हुआ है, जितनी भी परीक्षाएं हुई हैं, सब लीक हुई हैं. सिर्फ यूपी ही नहीं देश के कई अन्य प्रदेश भी हैं जहां पर पेपर लीक हुई है। 4 जून को परिणाम आने के बाद देश की सबसे प्रतिष्ठित परीक्षा का भी पेपर लीक हो गया। उन्होंने आगे कहा कि आखिरकार ये पेपर लीक क्यों हो रहे हैं? सच्चाई तो यह है कि ये सरकार ऐसा इसलिए कर रही है ताकि उसे युवाओं को नौकरी न देनी पड़े। पिछले 10 सालों में सरकार की उपलब्धि यही रही है कि एक शिक्षा माफिया का जन्म हुआ। ऐसा लगता है कि परीक्षा-शिक्षा माफिया ने अमृतकाल में युवाओं की आशा को जहर दे दिया है। *अर्शव्यवस्था पर सरकार आंकड़े क्यों छिपा-अखिलेश* सपा प्रमुख ने आगे कहा कि सरकार कहने को तो कहती है कि यह पांचवीं बड़ी अर्थव्यवस्था बन गई है। मगर सरकार आंकड़े क्यों छिपा रही है कि अगर यह सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है तो हमारे देश की प्रति व्यक्ति आय किस स्थान पर पहुंची है। हमने देखा है कि अगर दिल्ली सरकार ने कहा होगा पांच ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनेगी, तो जहां से पीएम से चुनकर आती है, तो वहां की प्रदेश सरकार कह रही है कि हम एक ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था बना लेंगे। अगर उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था को एक ट्रिलियन डॉलर बनना है तो 35 फीसदी की ग्रोथ चाहिए। मुझे नहीं लगता है कि इतनी ग्रोथ हो पाएगी। *अयोध्या में बीजेपी की हार पर तंज* सपा सांसद ने अयोध्या में बीजेपी की हार पर तंज कसा। अखिलेश यादव ने कहा कि जनता का जागरण काल आ गया है। देश में एक जीत और हुई है। हम तो बचपन से यही सुनते आए हैं, होइहीं सोई जो राम रची राखा। अयोध्या की जीत देश के परिपक्व मतदाताओं की जीत है। अयोध्या की जीत हमारी मर्यादा की जीत है। ये उसका फैसला है जिसकी लाठी में आवाज नहीं होती. जो करते थे उसको लाने का दावा, वो खुद किसी के सहारे के हैं लाचार। *आरक्षण के साथ खिलवाड़-अखिलेश* अखिलेश यादव ने सदन में कहा कि हम जातिगत जनगणना के पक्ष में हैं, क्योंकि इसके बिना सामाजिक न्याय संभव नहीं है। उन्होंने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि आरक्षण के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि देश की सुरक्षा के साथ अग्निवीर योजना लागू कर समझौता किया गया है। हम अग्निवीर योजना को स्वीकार नहीं करते, जब कभी ‘इंडिया’ गठबंधन सत्ता में आएगा, तो हम इस योजना को खत्म कर देंगे।
बधाई के साथ अखिलेश ने स्पीकर को “भेंट” की नसीहतें, जानें क्या-क्या कहा

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18वीं लोकसभा का पहला सत्र चल रहा है। सत्र के तीसरे दिन बुधवार को ओम बिरला को सदन का अध्यक्ष चुना गया। इसके बाद लोकसभा के सदस्यों ने ओम बिरला को शुभकामनाएं दी।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी और सदन के अन्य सदस्यों ने भी ओम बिरला को स्पीकर चुने जाने की बधाई दी। इस दौरान सपा मुखिया अखिलेश यादव ने बधाई के साथ-साथ स्पीकर को कई सारी नसीहतें भी दी।

सभी सांसदों और हर दल को बोलने का मौका देंगे-अखिलेश

सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने स्पीकर को बधाई देते हुए कहा, 'लोकसभा के नवनिर्वाचित अध्यक्ष को बहुत-बहुत बधाई और शुभकामनाएं। आप इस सदन के स्पीकर दोबारा चुने गए हैं। आपके पास पांच साल का अनुभव रहा है, वहीं पुराने और नए सदन का भी अनुभव रहा है। मैं अपनी तरफ से और साथी सांसदों की तरफ से बधाई देता हूं। जिस पद पर आप बैठे हैं, इससे बहुत गौरवशाली परंपराएं जुड़ी हुई हैं। हम सब यही मानते हैं कि लोकसभा की कार्यवाही बिना किसी भेदभाव के आगे बढ़ेगी और लोकसभा के अध्यक्ष के रूप में आप सभी सांसदों और हर दल को बोलने का मौका देंगे।

निष्कासन जैसी चीजें हमें ठेस ना पहुंचाई जाए-अखिलेश

सपा प्रमुख और कन्नौज से सांसद अखिलेश यदव ने कहा कि आप लोकतांत्रिक न्याय के मुख्य न्यायाधीश के रूप में बैठे हैं आपसे आशा है कि किसी जनप्रतिनिधि की आवाज को दबाई नहीं जाए और न ही निष्कासन जैसी चीजें हमें ठेस पहुंचाए। आपका अंकुश विपक्ष पर तो रहता है ही लेकिन आपका अंकुश सत्ता पक्ष पर भी रहे, आपके इशारे पर सदन चले, इसका उल्टा न हो। हम आपके हर न्याय संगत फैसले के साथ खड़े हैं। 

जितना सत्ता पक्ष को मौका देंगे उतना ही विपक्ष को भी-अखिलेश

अखिलेश ने आगे मजाकिया लहजे में कहा कि मैं इस नए सदन में पहली बार आया हूं मुझे लगा कि स्पीकर की कुर्सी बहुत ऊंची है, मैं जिस सदन को छोड़कर आया हूं वहां कुर्सी और ऊंची है, नया सदन में पत्थर तो ठीक लगा है। मुझे उम्मीद है कि आप जितना सत्ता पक्ष को मौका देंगे उतना ही विपक्ष को भी मौका देंगे।