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पूरा पाकिस्तान भारत की जद में...', सेना के एयर डिफेंस ऑफिसर का दावा

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22 अप्रैल को जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 मासूम लोगों की हत्या कर दी गई। पाकिस्तान के आतंकवादी हमले के जवाब में भारत ने उसके ठिकानों को तबाह कर दिया। भारत के इस हमले से बौखलाए पाकिस्न ने सैन्य संघर्ष को बढ़ावा दिया। जिसके जवाब में भारत ने उसके एयरबेस नष्ट कर दिए। सेना के इस शौर्य की पूरा देश सराहना कर रहा है। अब सेना वायु रक्षा महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल सुमेर इवान डी कुन्हा ने सोमवार को देश की सैन्य क्षमताओं पर अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि भारत के पास पाकिस्तान की पूरी गहराई में लक्ष्य पर हमला करने की क्षमता है। ऑपरेशन सिंदूर से इतर अगर कहा जाए तो पूरी पाकिस्तान भारत की जद में हैं।

एएनआई के साथ एक पॉडकास्ट में लेफ्टिनेंट जनरल डी'कुन्हा ने कहा, 'पूरा पाकिस्तान जद में है।' उन्होंने कहा कि भले ही वे पाकिस्तानी सेना के जनरल मुख्यालय (जीएचक्यू) को रावलपिंडी से खैबर पख्तूनख्वा (केपीके) जैसे क्षेत्रों में स्थानांतरित कर दें, उन्हें सुरक्षा का भाव तब भी नहीं आएगा। ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि भारत के पास पाकिस्तान के समूचे क्षेत्र में स्थित टारगेट पर हमला करने की क्षमता है।

‘हम पूरे पाकिस्तान से मुकाबला कर सकते हैं’

लेफ्टिनेंट जनरल डी’कुन्हा ने कहा, ‘मैं बस इतना कहना चाहता हूं कि भारत के पास पाकिस्तान से पूरी गहराई तक निपटने के लिए पर्याप्त हथियार हैं इसलिए सबसे बड़े से लेकर सबसे छोटे तक, चाहे वह कहीं भी हो, पूरा पाकिस्तान हमारी सीमा के भीतर है। हम पूरी तरह से सक्षम हैं, चाहे वह हमारी सीमाओं पर हो या गहराई में, हम पूरे पाकिस्तान से मुकाबला कर सकते हैं।’

उन्होंने कहा, ‘जीएचक्यू रावलपिंडी से केपीके या जहां भी वे जाना चाहते हैं, वहां जा सकते हैं, लेकिन वे सभी सीमा के भीतर हैं इसलिए उन्हें वास्तव में एक गहरा गड्ढा ढूंढना होगा।’

लोइटरिंग म्यूनिशन का इस्तेमाल

'ऑपरेशन सिंदूर' के दौरान भारत के जवाबी आक्रामक कार्रवाइयों ने अहम पाकिस्तानी एयरबेसों को सटीकता से निशाना बनाया। इस दौरान लक्ष्यों को निशाना बनाने के लिए लोइटरिंग म्यूनिशन का उपयोग किया गया। लोइटरिंग म्यूनिशन को आत्मघाती या कामीकेज ड्रोन्स भी कहा जाता है। ये अनमैन्ड एरियल हथियार हैं। इनकी खासियत ये है कि ये अपने टारगेट के ऊपर आसमान में मंडराते रहते हैं और कमांड मिलते ही दुश्मन के ठिकाने को तबाह कर देते हैं। ये अपनी सटीकता के लिए जाने जाते हैं।

दरअसल, लंबी दूरी के ड्रोन और गाइडेड युद्ध सामग्री सहित आधुनिक स्वदेशी तकनीक ने ऑपरेशन सिंदूर की सफलता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

'हमारा काम अपनी संप्रभुता, अपने लोगों की रक्षा करना'

लेफ्टिनेंट जनरल डी कुन्हा ने आगे रेखांकित किया कि सशस्त्र बलों का प्राथमिक कर्तव्य देश की संप्रभुता और उसके लोगों की रक्षा करना है। हमारा काम अपनी संप्रभुता, अपने लोगों की रक्षा करना है। इसलिए, मुझे लगता है कि हम अपनी मातृभूमि को इस हमले से बचाने में सक्षम रहे हैं, जिसका उद्देश्य आबादी वाले केंद्रों और हमारी छावनियों में बहुत सारी समस्याएं पैदा करना था, यह तथ्य कि हमने अपने लोगों को, न केवल अपनी नागरिक आबादी को यह आश्वासन दिया है। हमारे अपने बहुत से जवान, अधिकारी, पत्नियां छावनियों में रह रहे थे। और वे भी इन ड्रोन हमलों के बारे में समान रूप से चिंतित थे। हमने सुनिश्चित किया कि इससे कोई हताहत न हो, मुझे यकीन है कि इससे न केवल सैनिक को गर्व महसूस हुआ, बल्कि इससे परिवारों को भी गर्व महसूस हुआ। अंत में, भारत की आबादी को गर्व महसूस हुआ। मुझे लगता है कि यही बात है।

कश्मीर पर मध्यस्थता मंजूर नहीं,’ भारत का ट्रंप को सीधा जवाब

#measaysthirdnationnotacceptedon_kashmir 

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भारत और पाकिस्तान के बीच बड़े चौधरी बनना चाह रहे थे। लेकिन भारत ने कंधे पर हाथ तक रखने नहीं दिया। संघर्ष विराम में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की मध्यस्थता को लेकर विदेश मंत्रालय ने बड़ा बयान दिया है। विदेश मंत्रालय ने कहा कि कश्मीर पर हमें मध्यस्थता मंजूर नहीं है। पाकिस्तान को पीओके खाली करना होगा। 

किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता स्वीकार नहीं

भारत और पाकिस्तान के बीच हुए हालिया सीजफायर के बाद अब भारत सरकार की ओर से विदेश मंत्रालय ने औपचारिक बयान जारी किया है। विदेश मंत्रालय ने प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने मंगलवार को प्रेस कांफ्रेंस किया। मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि दोनों देशों के बीच सभी मुद्दों का समाधान केवल द्विपक्षीय वार्ता के जरिए ही किया जाएगा और जम्मू-कश्मीर को लेकर भारत किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता को स्वीकार नहीं करेगा। भारत के विदेश मंत्रालय ने मंगलवार को कहा कि लंबे अरसे से हमारा यही राष्ट्रीय पक्ष रहा है कि भारतीय केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर से संबंधित किसी भी मुद्दे को भारत और पाकिस्तान को द्विपक्षीय तरीके से ही हल करना है। इस नीति में कोई बदलाव नहीं हुआ है। लंबित मामला केवल पाकिस्तान के अवैध रूप से कब्जा किए गए भारतीय क्षेत्र को खाली कराने का है।

समझौते के लिए पाकिस्तान गिड़गिड़ाया

रणधीर जायसवाल ने मंगलवार को प्रेस कांफ्रेंस के दौरान एक बार फिर दोहराया कि भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष के दौरान पाकिस्तान की तरफ से ही समझौते के लिए फोन आया था। भारत की कार्रवाई के बाद पाकिस्तान को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा रहा था, जिसके बाद पाकिस्तान ने संघर्ष रोकने के लिए समझौता करने का प्रस्ताव रखा। पाकिस्तान के प्रस्ताव के बाद दोनों देशों के DGMO के बीच बातचीत हुई है। उन्होंने कहा कि जैसा कि विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने पहले ही बताया है कि 10 मई को 15:35 बजे दोनों देशों के डीजीएमओ को फोन पर संघर्ष विराम को लेकर वार्ता हुई। इस वार्ता को लेकर विदेश मंत्रालय को 12.37 बजे पाकिस्तान उच्चायोग के जरिये सूचित किया गया। पाकिस्तान की आंतरिक तकनीकी दिक्कतों के चलते हॉटलाइन कनेक्ट होने में देरी हुई। भारत के डीजीएमओ की मौजूदगी के बाद दोपहर 3.35 बजे वार्ता हुई। उन्होंने कहा कि 10 मई की सुबह भारतीय सेना ने पाकिस्तान के एयरबेस को तबाह किया गया। इसके बाद पाकिस्तान के सुर बदल गए।

विदेश मंत्रालय ने न्यूक्लियर वॉर की संभावनाओं को खारिज किया

अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप की ओर से परमाणु युद्ध की अटकलों पर विदेश मंत्रालय ने कहा कि सैन्य कार्रवाई पूरी तरह से पारंपरिक क्षेत्र में थी। कुछ रिपोर्ट्स में कहा गया था कि पाकिस्तान की नेशनल कमांड अथॉरिटी 10 मई को बैठक करेगी, लेकिन बाद में उन्होंने इसका खंडन किया। पाकिस्तान के विदेश मंत्री ने खुद रिकॉर्ड पर परमाणु पहलू से इनकार किया है। जैसा कि आप जानते हैं, भारत का दृढ़ रुख है कि वह परमाणु ब्लैकमेल के आगे नहीं झुकेगा या इसका हवाला देकर सीमा पार आतंकवाद को संचालित करने की अनुमति नहीं देगा।

Aryansh Health Care: Varanasi’s Trusted Name in Women’s Health Led by Renowned Gynecologist Dr. Ruchi Sinha

  

Varanasi, Uttar Pradesh – Aryansh Health Care, a premier gynecology and women’s wellness center located in the spiritual and cultural heart of Varanasi, is making headlines for transforming the lives of hundreds of couples and setting new standards in women's healthcare. At the forefront of this achievement is the center’s founder and chief consultant, Dr. Ruchi Sinha, MBBS, MS – one of Varanasi’s most respected and trusted gynecologists.

With over a decade of dedicated medical experience and a gold-standard education from Institute of Medical Sciences, Banaras Hindu University (IMS BHU) – one of the top medical institutions in the country – Dr. Ruchi Sinha has emerged as a beacon of hope for women facing complex gynecological and fertility challenges.

Dr. Ruchi Sinha has successfully helped more than 500 couples achieve parenthood, offering a combination of evidence-based medicine, personalized care, and emotional support. Her patient-first approach, clinical excellence, and deep empathy have earned her immense goodwill not only in Varanasi but also across neighboring districts in Eastern Uttar Pradesh and Bihar.

“Infertility is not just a medical condition, it’s an emotional journey. At Aryansh Health Care, we focus on supporting women and couples at every step – from diagnosis to successful delivery,” says Dr. Ruchi Sinha. “I feel truly blessed to have played a role in bringing joy to over 500 families. Every smile of a newborn child in the arms of a parent who once lost hope – that is my true reward.”

Aryansh Health Care provides a full range of gynecological and obstetric services, including:

Infertility management and IUI consultations

High-risk pregnancy care

PCOD/PCOS and menstrual disorder treatments

Laparoscopic and minimally invasive gynecological surgeries

Antenatal care and delivery services

Preventive screenings and health checkups for women of all ages

With a fully equipped facility, warm and trained staff, and advanced diagnostic support, Aryansh Health Care has built a reputation for excellence in clinical outcomes and patient satisfaction. The clinic is also known for offering honest, affordable, and ethical treatment plans, ensuring quality care is accessible to everyone.

Dr. Sinha is a strong advocate for women's health awareness. Through her public seminars, health camps, and online presence, she regularly educates young women about reproductive health, menstrual hygiene, and the importance of early detection of gynecological conditions.

As Varanasi continues its development as a key regional healthcare hub, Aryansh Health Care stands committed to leading the way in women’s wellness, maternal care, and fertility support.

Visit for more : 25A, Siddhigiri Bagh Rd, Kasturba Nagar, Sigra, Varanasi, Uttar Pradesh 221010

Website : www.Drruchisinha.com

 

संसद ही सर्वोच्च…,न्यायपालिका की आलोचना के बीच उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने फिर दोहराई बात


#parliamentissupremesaysjagdeep_dhankhar

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने फिर न्यायापलिका और कार्यपालिका के अधिकार क्षेत्रों को लेकर बड़ा बयान दिया है। उपराष्ट्रपति धनखड़ ने एक बार फिर भारत के संविधान में निर्धारित शासन व्यवस्था के ढांचे के भीतर न्यायपालिका की भूमिका और उसकी सीमाओं पर सवाल उठाए हैं। उपराष्ट्रपति ने न्यायिक "अधिकारों के अतिक्रमण" की आलोचना की और दोहराया कि "संसद ही सर्वोच्च है"।

संविधान में संसद से ऊपर कोई नहीं-धनखड़

दिल्ली विश्वविद्यालय के एक कार्यक्रम के दौरान धनखड़ ने कहा कि संविधान के तहत किसी भी पद पर बैठे व्यक्ति की बात हमेशा राष्ट्रहित को ध्यान में रखकर होती है। धनखड़ ने यह भी कहा कि कुछ लोग यह सोचते हैं कि संवैधानिक पद सिर्फ औपचारिक या दिखावटी होते हैं, लेकिन यह गलत सोच है। संविधान लोगों के लिए है और यह उनके चुने हुए प्रतिनिधियों की रक्षा करता है। उन्होंने कहा कि संविधान में संसद से ऊपर किसी भी संस्था की कल्पना नहीं की गई है। संसद सबसे सर्वोच्च है।

लोकतंत्र के लिए हर नागरिक की अहम भूमिका-धनखड़

धनखड़ ने आगे कहा कि किसी भी लोकतंत्र के लिए हर नागरिक की अहम भूमिका होती है। मुझे यह बात समझ से परे लगती है कि कुछ लोगों ने हाल ही में यह विचार व्यक्त किया है कि संवैधानिक पद औपचारिक या सजावटी हो सकते हैं। इस देश में हर किसी की भूमिका (चाहे वह संवैधानिक पदाधिकारी हो या नागरिक) के बारे में गलत समझ से कोई भी दूर नहीं हो सकता।

लोकतंत्र में चुप रहना खतरनाक है-धनखड़

उपराष्ट्रपति धनखड़ ने यह भी कहा कि लोकतंत्र में बातचीत और खुली चर्चा बहुत जरूरी है। अगर सोचने-विचारने वाले लोग चुप रहेंगे तो इससे नुकसान हो सकता है। उन्होंने कहा, संवैधानिक पदों पर बैठे लोगों को हमेशा संविधान के मुताबिक बोलना चाहिए। हम अपनी संस्कृति और भारतीयता पर गर्व करें। देश में अशांति, हिंसा और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाना सही नहीं है। जरूरत पड़ी तो सख्त कदम भी उठाने चाहिए।

सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर जताई थी चिंता

यहां, उपराष्ट्रपति ने किसी का नाम नहीं लिया। हालांकि, साफ है कि हाल ही में सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले पर की गई अपनी टिप्पणी को लेकर आलोचना करने वालों पर निशाना साधा। सुप्रीम कोर्ट की एक बेंच ने हाल में कहा था कि राज्यपाल अगर कोई विधेयक राष्ट्रपति को मंजूरी के लिए भेजते हैं, तो राष्ट्रपति को उस पर तीन महीने के भीतर फैसला लेना होगा। राष्ट्रपति द्वारा विधेयकों पर निर्णय लेने के लिए समय सीमा निर्धारित करने वाले हाल के सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर चिंता व्यक्त करते हुए धनखड़ ने पिछले शुक्रवार को कहा था कि भारत ने ऐसे लोकतंत्र की कल्पना नहीं की थी जहां जज कानून बनाएंगे, शासकीय कार्य करेंगे और ‘‘सुपर संसद’’ के रूप में कार्य करेंगे।

बीजेपी-एआईएडीएमके के बीच कैसा गठबंधन? साथ चुनाव लड़ेंगे पर साथ में सरकार में नहीं बनाएंगे

#aiadmk_says_no_alliance_with_bjp_in_tamil_nadu 

तमिलनाडु में अगले साल विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। इससे पहले बीजेपी और विपक्षी एआईएडीएमके ने साथ मिलकर चुनाव लड़ने का फैसला किया। हालांकि, इस गठबंधन में “गांठ” पड़ती दिख रही है। दरअसल, एआईएडीएमके ने अगले साल होने वाले तमिलनाडु चुनाव के लिए बीजेपी की योजनाओं पर पानी फेरते हुए घोषणा की कि यदि उसका गठबंधन चुनाव जीतता है तो राज्य में कोई 'गठबंधन सरकार' नहीं बनेगी। एआईएडीएमके ने साफ कर दिया कि बीजेपी के साथ उनका गठबंधन सिर्फ चुनाव लड़ने तक सीमित है।

एआईएडीएमके के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद एम. थंबीदुरई ने कहा है कि तमिलनाडु में गठबंधन सरकार के लिए कोई जगह नहीं है और अगर उनकी पार्टी 2026 के विधानसभा चुनाव में जीतती है, तो एडप्पाडी के. पलानीस्वामी अकेले सरकार बनाएंगे। गुरुवार को पत्रकारों से बात करते हुए थंबीदुरई ने साफ किया कि भले ही भाजपा उनके गठबंधन में शामिल हो, लेकिन सत्ता में साझेदारी नहीं होगी। उन्होंने कहा कि तमिलनाडु में आज तक कभी गठबंधन सरकार नहीं बनी है। चाहे वो कांग्रेस के नेता सी. राजगोपालाचारी, के. कामराज, या द्रविड़ नेता एम.जी. रामचंद्रन और करुणानिधि हों सभी ने अकेले सरकार चलाई है। थंबीदुरई ने कहा कि 2026 में भी एडप्पाडीयार (पलानीस्वामी) अकेले सरकार बनाएंगे। गठबंधन सरकार की कोई जरूरत नहीं है और न ही इसकी परंपरा है।

वहीं, एआईएडीएमके के महासचिव और विपक्ष के नेता एडप्पाडी के. पलानीस्वामी ने बुधवार को साफ कर दिया कि बीजेपी के साथ उनका गठबंधन सिर्फ चुनाव लड़ने तक सीमित है। पलानीस्वामी ने कहा है कि, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कभी नहीं कहा कि चुनाव के बाद तमिलनाडु में गठबंधन सरकार होगी। हमने केवल इतना कहा कि हम गठबंधन का हिस्सा हैं। हमने कभी नहीं कहा कि हम गठबंधन सरकार बनाएंगे।

यह बयान ऐसे समय आया है, जब ऐसी खबरें हैं कि एआईएडीएमके के कुछ नेता बीजेपी के साथ गठबंधन से नाखुश हैं। इस नाखुशी की वजह राज्य में 2019 विधानसभा और 2024 लोकसभा चुनावों में दोनों के खराब ट्रैक रिकॉर्ड से उपजी है। कथित तौर पर वक्फ कानूनों में बदलाव के खिलाफ विरोध प्रदर्शनों के मद्देनजर मुसलमानों सहित अल्पसंख्यक समुदायों के वोटों के संभावित नुकसान को देखते हुए भी एआईएडीएमके ने अपना रुख बदला है।

बता दें कि केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की मौजूदगी में 12 अप्रैल को बीजेपी और एआईएडीएमके के गठबंधन पर मुहर लगी थी। एआईएडीएमके से दोस्ती के लिए बीजेपी अपने आक्रामक नेता अन्नामलाई को प्रदेश अध्यक्ष पद से इस्तीफा ले लिया था, क्योंकि पलानीस्वामी उन्हें पसंद नहीं करते हैं। इसके बाद अमित शाह ने ऐलान किया था कि प्रदेश में 2026 का विधानसभा चुनाव एआईएडीएमके के साथ और अन्नाद्रमुक अध्यक्ष पलानीस्वामी के नेतृत्व में लड़ा जाएगा। अब पलानीस्वामी के बदले रुख से बीजेपी की सियासी टेंशन बढ़ गई है।

किसी मुसलमान को अध्यक्ष क्यों नहीं बनाती कांग्रेस? पीएम मोदी ने किया तीखा सवाल

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सोमवार को हरियाणा के हिसार से अयोध्या की पहली फ्लाइट को हरी झंडी दिखाने के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कांग्रेस पर आरोपों की बौछार कर दी। पीएम मोदी ने कांग्रेस पर तुष्टीकरण की राजनीति करने का आरोप लगाया। उन्होंने मुस्लिम समुदाय के प्रति कांग्रेस की ईमानदारी पर सवाल उठाते हुए कहा कि अगर उन्हें वाकई मुसलमानों से हमदर्दी होती, तो कांग्रेस किसी मुसलमान को पार्टी अध्यक्ष क्यों नहीं बनाती?

संविधान को सत्ता हासिल करने का हथियार बना-पीएम मोदी

हिसार में पीएम मोदी ने वक्फ संशोधन कानून को लेकर कांग्रेस पर हमला बोला। पीएम मोदी ने कहा, कांग्रेस ने संविधान को सत्ता हासिल करने का हथियार बना लिया। आपातकाल के दौरान सत्ता बनाए रखने के लिए संविधान की भावना की हत्या कर दी गई। संविधान धर्मनिरपेक्ष नागरिक संहिता की बात करता है, लेकिन कांग्रेस ने इसे कभी लागू नहीं किया।

संविधान की भावना है कि सबके लिए एक जैसी नागरिक संहिता हो, जिसे मैं कहता हूं यूनिफॉर्म सिविल कोड, लेकिन कांग्रेस ने इसे लागू नहीं किया। उत्तराखंड में बीजेपी सरकार आने के बाद यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू हुआ। डंके की चोट पर लागू हुआ। देश का दुर्भाग्य देखिए, संविधान को जेब में लेकर बैठे हुए लोग, ये कांग्रेस के लोग, उसका विरोध कर रहे हैं।

कांग्रेस की कुनीति का सबसे बड़ा प्रमाण वक्फ कानून-पीएम मोदी

पीएम मोदी ने कहा कि कांग्रेस की नीयत कभी किसी का भला करने की नहीं रही। मुसलमानों का भी भला करने की नहीं थी। यही कांग्रेस की असली सच्चाई है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की तुष्टीकरण की राजनीति ने मुस्लिम समुदाय को कोई फायदा नहीं पहुंचाया, बल्कि उन्हें नुकसान ही पहुंचाया। कांग्रेस ने सिर्फ कुछ कट्टरपंथियों को खुश करने का विकल्प चुना। बाकी समाज बेहाल रहा, अशिक्षित रहा, गरीब रहा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की इस कुनीति का सबसे बड़ा प्रमाण वक्फ कानून है।

पीएम ने पूछा-50 प्रतिशत टिकट मुसलमानों को क्यों नहीं देते?

कांग्रेस पर हमलावर पीएम मोदी ने कहा, वे कहते हैं कि उन्होंने मुसलमानों के पक्ष में ऐसा किया। मैं इन वोट बैंक के भूखे राजनेताओं से पूछना चाहता हूं- अगर उन्हें वाकई मुसलमानों से हमदर्दी होती, तो कांग्रेस किसी मुसलमान को पार्टी अध्यक्ष क्यों नहीं बनाती? वे अपने 50 प्रतिशत टिकट मुसलमानों को क्यों नहीं देते? वे ऐसा नहीं करना चाहते, बल्कि देश के 50 प्रतिशत अधिकार छीन लेना चाहते हैं।

अब फार्मा सेक्टर पर भी टैरिफ लगाएंगे डोनाल्ड ट्रंप, जानें भारत पर क्या असर?

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हर तरफ अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ की चर्चा है। दुनियाभर के 180 से अधिक देशों पर 2 अप्रैल को पारस्परिक टैरिफ लगाने के बाद ट्रंप अभी रूकने के मूड मे नहीं दिख रहे हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने अब एलान किया है कि जल्द ही दवाओं के आयात पर शुल्क लगाया जाएगा। ट्रंप ने मंगलवार को कहा कि अमेरिका जल्द ही दवा आयात पर बड़े टैरिफ की घोषणा करेगा।

विदेश में दवा बना रही कंपनियों को वापस लाना है-ट्रंप

ट्रंप ने कहा कि दवाएं दूसरे देशों में बनती हैं और इसके लिए आपको ज्यादा कीमत चुकानी पड़ती है। लंदन में जो दवा 88 डॉलर में बिकती है, वही दवा अमेरिका में 1300 डॉलर में बिक रही है। अब यह सब खत्म हो जाएगा। अब उनका मकसद विदेश में दवा बना रही कंपनियों को अमेरिका में वापस लाना और घरेलू दवा इंडस्ट्री को बढ़ावा देना है।

टैरिफ लगाने से फार्मा कंपनियां वापस आएंगी-ट्रंप

ट्रंप ने कहा कि दूसरे देश दवाओं की कीमतों को कम रखने के लिए बहुत ज्यादा दबाव बनाते हैं। वहां ये कंपनियां सस्ती दवा बेचती हैं लेकिन अमेरिका में ऐसा नहीं होता है। एक बार जब इन दवा कंपनियों पर टैरिफ लग जाएगा तो ये सारी कंपनियां अमेरिका वापस आ जाएंगी, क्योंकि अमेरिका बहुत बड़ा बाजार है। हालांकि, ट्रंप दवाओं पर कब से और कितना टैरिफ लगाएंगे, इसकी तारीख उन्होंने नहीं बताई है।

भारतीय फार्मा कंपनियों पर असर

अगर अमेरिका दवाओं पर भी टैरिफ लगाने का फैसला लेता है तो इसका भारत पर भी असर पड़ेगा। भारत अमेरिका को दवाओं का सबसे बड़ा सप्लायर है। भारतीय फार्मास्यूटिकल्स कंपनियां हर साल अमेरिका को 40% जेरेनिक दवाएं भेजती हैं। ऐसे में ट्रंप के इस फैसले का सीधा असर भारतीय फार्मा कंपनियों पर पड़ेगा। Sun Pharma, Lupin, Dr. Reddy's, Aurobindo Pharma और Gland Pharma जैसी कंपनियां अमेरिकी बाजार पर काफी निर्भर हैं और उनके शेयर बुधवार को दबाव में नजर आए.

अभी फार्मा पर कितना टैरिफ है?

आपको बता दें कि फिलहाल भारत देश अमेरिका से आयात होने वाले फार्मा पर करीब 10 फ़ीसदी का टैरिफ चार्ज वसूलता है जबकि अमेरिका देश भारत से आने वाले फार्मा आयात पर किसी भी प्रकार का टैरिफ नहीं वसूलता है. आने वाले समय में अगर डोनाल्ड ट्रंप टैरिफ लगाते हैं तो इससे भारतीय फार्मा कंपनियों के बिजनेस पर बड़ा प्रभाव पड़ेगा.

ट्रंप के टैरिफ के बीच जिनपिंग को आई भारत की याद, चीनी राष्ट्रपति ने क्यों किया ड्रैगन और हाथी का जिक्र?


#china_india_should_strengthen_ties_in_dragon_elephant_tango_says_jinping 

हाल के दिनों में भारत और चीन के बीच फिर से रिश्तों में गरमाहट बढ़ती दिख रही है। भारत-चीन राजनयिक संबंधों की 75वीं वर्षगांठ पर भी दोनों देशों के बीच दूरियां मिटती दिखीं। भारत-चीन राजनयिक संबंधों की 75वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस मौके पर भारत में चीनी राजदूत जू फेइहोंग ने दोनों देशों के भविष्य के बारे में सकारात्मक आशा व्यक्त की। इस दौरान चीनी राजदूत जू ने कहा कि चीन और भारत के नेताओं ने इस खास मौके पर बधाई संदेशों का आदान-प्रदान किया।

चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने भारत के 75 साल के राजनयिक रिश्तों पर एक लेटर लिखा। अपने संदेश में चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने कहा है कि चीन और भारत के संबंधों को "ड्रैगन-हाथी टैंगो" का रूप लेना चाहिए। टैंगो इन दोनों प्रतीकात्मक जानवरों के बीच का एक चीनी नृत्य है।

भारतीय राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से बातचीत करते हुए उन्होंने यह बात कही। भारत और चीन के बीच राजनयिक संबंधों की स्थापना की 75वीं वर्षगांठ के अवसर पर शी जिनपिंग ने राष्ट्रपति मुर्मु को बधाई दी। चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने इस बात पर जोर दिया कि दोनों देशों को अपने संबंधों को रणनीतिक और दीर्घकालिक दृष्टिकोण से देखना चाहिए। साथ ही दोनों देशों को शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व, आपसी विश्वास और आपसी लाभ की दिशा में आम विकास के लिए साथ आने के तरीके तलाशने चाहिए। 

भारत और चीन को प्राचीन सभ्यताएं बताते हुए शी जिनपिंग ने कहा कि दोनों देश प्रमुख विकासशील देश हैं और ग्लोबल साउथ के महत्वपूर्ण सदस्य हैं। उन्होंने कहा कि दोनों देश अपने-अपने आधुनिकीकरण प्रयासों के महत्वपूर्ण चरण में हैं।

शी जिनपिंग और द्रौपदी मुर्मू के अलावा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी प्रधानमंत्री ली कियांग ने भी एक दूसरे को बधाई और शुभकामना संदेश भेजे हैं। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गुओ जियाकुन ने मीडिया ब्रीफिंग के दौरान इस बात पर प्रकाश डाला कि दोनों देश प्राचीन सभ्यताएं हैं और वैश्विक दक्षिण के भीतर महत्वपूर्ण विकासशील देश हैं, जो वर्तमान में महत्वपूर्ण आधुनिकीकरण चरणों से गुजर रहे हैं।

बता दें कि चीन को अक्सर ड्रैगन से जोड़ा जाता है, क्योंकि चीनी संस्कृति में ड्रैगन को एक शक्तिशाली, भाग्यशाली और शुभ जीव माना जाता है, जो शक्ति, भाग्य और सफलता का प्रतीक है।

दूसरी ओर, हाथी को भारत से धार्मिक, सांस्कृतिक और ऐतिहासिक वजहों से जोड़ा जाता है। वहीं, टैंगो एक अंग्रेजी शब्द है। जिसका मतलब दोस्ताना रिश्ता या नृत्य होता है। शी जिनपिंग का कहना था कि वो भारत के साथ रिश्तों को बेहतर करना चाहते हैं।

लोकसभा में वक्फ बिल पेश होने पर भड़की मुस्लिम लॉ बोर्ड, देशव्यापी आंदोलन की चेतावनी


#aimplb_says_if_waqf_amendment_bill_is_passed_movement_against_it

वक्फ (संशोधन) विधेयक 2024 बिल पर लोकसभा में चर्चा जारी है। केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने आज लोकसभा में वक्फ संशोधन विधेयक पेश किया। इस विधेयक को लेकर विपक्ष द्वारा सरकार की मंशा पर लगातार सवाल उठाए जा रहे हैं। इस बीच ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने घोषणा की कि वह वक्फ (संशोधन) विधेयक को अदालत में चुनौती देगा। साथ ही, मुस्लिम लॉ बोर्ड इस विधेयक के खिलाफ विरोध प्रदर्शन भी करेगा। उनका कहना है कि यह एक "ब्लैक लॉ" है, जो समुदाय के अधिकारों को खतरे में डालता है।

वक्फ संशोधन विधेयक पर ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के प्रवक्ता डॉ. सैयद कासिम रसूल इलियास ने कहा, "अगर यह विधेयक संसद में पारित हो जाता है, तो हम इसके खिलाफ देशव्यापी आंदोलन शुरू करेंगे। हम चुप नहीं बैठेंगे। हम अपने पास उपलब्ध सभी कानूनी और संवैधानिक प्रावधानों का उपयोग करेंगे। जब तक प्रस्तावित संशोधन वापस नहीं लिए जाते, हम शांतिपूर्ण आंदोलन चलाएंगे।"

बोर्ड के महासचिव अब्दुल रहीम ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि ये बिल पहले से ज्यादा आपत्तिजनक हो गया है। इसे एक प्लानिंग के साथ लाया गया है। 5 करोड़ विरोध में ईमेल आए। जेपीसी ने भी विरोध दर्ज किया। किसी पर भी विचार नहीं किया गया। अब सीईओ के पद पर मुसलमान नहीं होगा। वक्फ का इंतजाम अब मुस्लिमों के हाथों से लेकर सरकार के हाथों सौंप दिया गया है। लॉ बोर्ड ने ये भी कहा कि अगर बिल पार्लियामेंट में पास हुआ तो हम चुप नहीं बैठेंगे। देशव्यापी शांतिपूर्ण आंदोलन चलाएंगे।

इससे पहले ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने मंगलवार को बीजेपी के सहयोगी दलों समेत सभी धर्मनिरपेक्ष राजनीतिक दलों और सांसदों से अपील की कि वे वक्फ विधेयक का कड़ा विरोध करें और किसी भी हालत में इसके पक्ष में मतदान न करें। उन्होंने एक बयान में कहा कि यह विधेयक न केवल भेदभाव और अन्याय पर आधारित है, बल्कि संविधान के अनुच्छेद 14, 25 और 26 के तहत मौलिक अधिकारों के प्रावधानों के भी खिलाफ है। 

रहमानी ने आरोप लगाया कि विधेयक के जरिए बीजेपी का लक्ष्य वक्फ कानूनों को कमजोर करना और वक्फ संपत्तियों को जब्त करने और नष्ट करने का रास्ता तैयार करना है। उन्होंने कहा, उपासना स्थल अधिनियम के अस्तित्व में होने के बावजूद, हर मस्जिद में मंदिर खोजने का मुद्दा लगातार बढ़ रहा है। यदि यह संशोधन पारित हो जाता है, तो वक्फ संपत्तियों पर सरकारी और गैर-सरकारी नाजायज दावों में वृद्धि होगी, जिससे कलेक्टर और जिला मजिस्ट्रेट के लिए उन्हें जब्त करना आसान हो जाएगा।

उद्धव ठाकरे ने किया कुणाल कामरा का बचाव,बोले- जो गद्दार है वो गद्दार है, गाने में कोई कमी नहीं

#thackeraysayskunalkamranotsayanything_wrong

कॉमेडियन कुणाल कामरा की एकनाथ शिंदे के ऊपर टिप्पणी के बाद महाराष्ट्र में बवाल मचा हुआ है। आरोप-प्रत्यारोप की राजनीति में पक्ष-विपक्ष आपने सामने है। एक तरफ जहां सत्तारूढ़ महायुति गठबंधन दलों के नेता कामरा के बयान से नाराजगी जताते हुए उनका विरोध कर रहे है। तो दूसरी ओर यूबीटी शिवसेना कुणाल कामरा के समर्थन में आ गई है। इस मुद्दे पर पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे ने कॉमेडियन कुणाल कामरा का बचाव किया है। कुणाल कामरा के समर्थन में आए उद्धव ठाकरे ने कहा कि मुझे नहीं लगता है कि कुणाल कामरा ने कुछ गलत कहा है। जो गद्दार है वो गद्दार है। उसके गाने में कोई कमी नहीं है। जिनके खून में 'गद्दारी' है वह कभी शिवसैनिक नहीं हो सकते।

कामरा को मिला उद्धव ठाकरे का साथ

उद्धव ठाकरे ने कुणाल कामरा की टिप्पणी पर कहा कि गाने में कोई कमी नहीं है। जो गद्दार हैं, वो गद्दार हैं। ठाकरे ने आगे कहा मुझे नहीं लगता कि कुणाल ने कुछ गलत कहा। कुणाल ने व्यग्य नहीं सत्य कहा है। आज मैं कहूंगा जिसने चोरी की वो गद्दार है। कल जिसने तोड़फोड़ की वो शिवसैनिक ने नहीं बल्कि गद्दार सेना ने की है। उद्धव ठाकरे ने शिवसेना चीफ एकनाथ शिंदे पर हमला करते हुए कहा, इन गद्दारों को कोशियारी या दूसरे नेताओं या उनके लोगों द्वारा किया जाने वाले अपमान नहीं दिखाई देता। स्टूडियो को जिसने नुकसान पहुंचाया, उससे वसूल करना चाहिए। नागपुर दंगे की सुपारी और औरंगज़ेब की कब्र की सुपारी किसने दी?

कामरा के बचाव में आए आदित्य ठाकरे

उद्धव ठाकरे के बाद शिवसेना-यूबीटी विधायक आदित्य ठाकरे ने कुणाल कामरा के बयान पर उनका बचाव किया। उन्होंने कहा कि कुणाल कामरा ने किसी का नाम नहीं लिया था, फिर भी एकनाथ शिंदे के समर्थकों ने उसे देशद्रोही और चोर क्यों कहा? साथ ही उन्होंने सवाल किया कि यह निर्णय कब लिया गया कि कुणाल कामरा देशद्रोही और चोर हैं? आदित्य ने यह भी कहा कि जब कुणाल कामरा ने मोदी जी और उनकी पार्टी के बारे में भी टिप्पणियां की थीं, तब किसी ने भी ऐसी प्रतिक्रिया नहीं दी। लेकिन अब जब उसने कुछ कहा, तो मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उनके समर्थकों ने उसे इस तरह की गाली-गलौच दी।

स्टैंड-अप कॉमेडियन कुणाल कामरा ने अपने शो में शिंदे पर उनका नाम लिए बिना विवादित टिप्पणी की थी। इस पर भड़के शिवसैनिकों ने जहां शो का आयोजन किया गया था, वहां धावा बोल दिया था। शिवसेना कार्यकर्ताओं ने रविवार को मुंबई के खार इलाके में होटल यूनिकॉन्टिनेंटल में तोड़फोड़ की थी। इसके बाद शिवसेना युवा सेना (शिंदे गुट) के महासचिव राहुल कनाल और 19 अन्य के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई।

पूरा पाकिस्तान भारत की जद में...', सेना के एयर डिफेंस ऑफिसर का दावा

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22 अप्रैल को जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 मासूम लोगों की हत्या कर दी गई। पाकिस्तान के आतंकवादी हमले के जवाब में भारत ने उसके ठिकानों को तबाह कर दिया। भारत के इस हमले से बौखलाए पाकिस्न ने सैन्य संघर्ष को बढ़ावा दिया। जिसके जवाब में भारत ने उसके एयरबेस नष्ट कर दिए। सेना के इस शौर्य की पूरा देश सराहना कर रहा है। अब सेना वायु रक्षा महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल सुमेर इवान डी कुन्हा ने सोमवार को देश की सैन्य क्षमताओं पर अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि भारत के पास पाकिस्तान की पूरी गहराई में लक्ष्य पर हमला करने की क्षमता है। ऑपरेशन सिंदूर से इतर अगर कहा जाए तो पूरी पाकिस्तान भारत की जद में हैं।

एएनआई के साथ एक पॉडकास्ट में लेफ्टिनेंट जनरल डी'कुन्हा ने कहा, 'पूरा पाकिस्तान जद में है।' उन्होंने कहा कि भले ही वे पाकिस्तानी सेना के जनरल मुख्यालय (जीएचक्यू) को रावलपिंडी से खैबर पख्तूनख्वा (केपीके) जैसे क्षेत्रों में स्थानांतरित कर दें, उन्हें सुरक्षा का भाव तब भी नहीं आएगा। ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि भारत के पास पाकिस्तान के समूचे क्षेत्र में स्थित टारगेट पर हमला करने की क्षमता है।

‘हम पूरे पाकिस्तान से मुकाबला कर सकते हैं’

लेफ्टिनेंट जनरल डी’कुन्हा ने कहा, ‘मैं बस इतना कहना चाहता हूं कि भारत के पास पाकिस्तान से पूरी गहराई तक निपटने के लिए पर्याप्त हथियार हैं इसलिए सबसे बड़े से लेकर सबसे छोटे तक, चाहे वह कहीं भी हो, पूरा पाकिस्तान हमारी सीमा के भीतर है। हम पूरी तरह से सक्षम हैं, चाहे वह हमारी सीमाओं पर हो या गहराई में, हम पूरे पाकिस्तान से मुकाबला कर सकते हैं।’

उन्होंने कहा, ‘जीएचक्यू रावलपिंडी से केपीके या जहां भी वे जाना चाहते हैं, वहां जा सकते हैं, लेकिन वे सभी सीमा के भीतर हैं इसलिए उन्हें वास्तव में एक गहरा गड्ढा ढूंढना होगा।’

लोइटरिंग म्यूनिशन का इस्तेमाल

'ऑपरेशन सिंदूर' के दौरान भारत के जवाबी आक्रामक कार्रवाइयों ने अहम पाकिस्तानी एयरबेसों को सटीकता से निशाना बनाया। इस दौरान लक्ष्यों को निशाना बनाने के लिए लोइटरिंग म्यूनिशन का उपयोग किया गया। लोइटरिंग म्यूनिशन को आत्मघाती या कामीकेज ड्रोन्स भी कहा जाता है। ये अनमैन्ड एरियल हथियार हैं। इनकी खासियत ये है कि ये अपने टारगेट के ऊपर आसमान में मंडराते रहते हैं और कमांड मिलते ही दुश्मन के ठिकाने को तबाह कर देते हैं। ये अपनी सटीकता के लिए जाने जाते हैं।

दरअसल, लंबी दूरी के ड्रोन और गाइडेड युद्ध सामग्री सहित आधुनिक स्वदेशी तकनीक ने ऑपरेशन सिंदूर की सफलता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

'हमारा काम अपनी संप्रभुता, अपने लोगों की रक्षा करना'

लेफ्टिनेंट जनरल डी कुन्हा ने आगे रेखांकित किया कि सशस्त्र बलों का प्राथमिक कर्तव्य देश की संप्रभुता और उसके लोगों की रक्षा करना है। हमारा काम अपनी संप्रभुता, अपने लोगों की रक्षा करना है। इसलिए, मुझे लगता है कि हम अपनी मातृभूमि को इस हमले से बचाने में सक्षम रहे हैं, जिसका उद्देश्य आबादी वाले केंद्रों और हमारी छावनियों में बहुत सारी समस्याएं पैदा करना था, यह तथ्य कि हमने अपने लोगों को, न केवल अपनी नागरिक आबादी को यह आश्वासन दिया है। हमारे अपने बहुत से जवान, अधिकारी, पत्नियां छावनियों में रह रहे थे। और वे भी इन ड्रोन हमलों के बारे में समान रूप से चिंतित थे। हमने सुनिश्चित किया कि इससे कोई हताहत न हो, मुझे यकीन है कि इससे न केवल सैनिक को गर्व महसूस हुआ, बल्कि इससे परिवारों को भी गर्व महसूस हुआ। अंत में, भारत की आबादी को गर्व महसूस हुआ। मुझे लगता है कि यही बात है।

कश्मीर पर मध्यस्थता मंजूर नहीं,’ भारत का ट्रंप को सीधा जवाब

#measaysthirdnationnotacceptedon_kashmir 

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भारत और पाकिस्तान के बीच बड़े चौधरी बनना चाह रहे थे। लेकिन भारत ने कंधे पर हाथ तक रखने नहीं दिया। संघर्ष विराम में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की मध्यस्थता को लेकर विदेश मंत्रालय ने बड़ा बयान दिया है। विदेश मंत्रालय ने कहा कि कश्मीर पर हमें मध्यस्थता मंजूर नहीं है। पाकिस्तान को पीओके खाली करना होगा। 

किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता स्वीकार नहीं

भारत और पाकिस्तान के बीच हुए हालिया सीजफायर के बाद अब भारत सरकार की ओर से विदेश मंत्रालय ने औपचारिक बयान जारी किया है। विदेश मंत्रालय ने प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने मंगलवार को प्रेस कांफ्रेंस किया। मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि दोनों देशों के बीच सभी मुद्दों का समाधान केवल द्विपक्षीय वार्ता के जरिए ही किया जाएगा और जम्मू-कश्मीर को लेकर भारत किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता को स्वीकार नहीं करेगा। भारत के विदेश मंत्रालय ने मंगलवार को कहा कि लंबे अरसे से हमारा यही राष्ट्रीय पक्ष रहा है कि भारतीय केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर से संबंधित किसी भी मुद्दे को भारत और पाकिस्तान को द्विपक्षीय तरीके से ही हल करना है। इस नीति में कोई बदलाव नहीं हुआ है। लंबित मामला केवल पाकिस्तान के अवैध रूप से कब्जा किए गए भारतीय क्षेत्र को खाली कराने का है।

समझौते के लिए पाकिस्तान गिड़गिड़ाया

रणधीर जायसवाल ने मंगलवार को प्रेस कांफ्रेंस के दौरान एक बार फिर दोहराया कि भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष के दौरान पाकिस्तान की तरफ से ही समझौते के लिए फोन आया था। भारत की कार्रवाई के बाद पाकिस्तान को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा रहा था, जिसके बाद पाकिस्तान ने संघर्ष रोकने के लिए समझौता करने का प्रस्ताव रखा। पाकिस्तान के प्रस्ताव के बाद दोनों देशों के DGMO के बीच बातचीत हुई है। उन्होंने कहा कि जैसा कि विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने पहले ही बताया है कि 10 मई को 15:35 बजे दोनों देशों के डीजीएमओ को फोन पर संघर्ष विराम को लेकर वार्ता हुई। इस वार्ता को लेकर विदेश मंत्रालय को 12.37 बजे पाकिस्तान उच्चायोग के जरिये सूचित किया गया। पाकिस्तान की आंतरिक तकनीकी दिक्कतों के चलते हॉटलाइन कनेक्ट होने में देरी हुई। भारत के डीजीएमओ की मौजूदगी के बाद दोपहर 3.35 बजे वार्ता हुई। उन्होंने कहा कि 10 मई की सुबह भारतीय सेना ने पाकिस्तान के एयरबेस को तबाह किया गया। इसके बाद पाकिस्तान के सुर बदल गए।

विदेश मंत्रालय ने न्यूक्लियर वॉर की संभावनाओं को खारिज किया

अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप की ओर से परमाणु युद्ध की अटकलों पर विदेश मंत्रालय ने कहा कि सैन्य कार्रवाई पूरी तरह से पारंपरिक क्षेत्र में थी। कुछ रिपोर्ट्स में कहा गया था कि पाकिस्तान की नेशनल कमांड अथॉरिटी 10 मई को बैठक करेगी, लेकिन बाद में उन्होंने इसका खंडन किया। पाकिस्तान के विदेश मंत्री ने खुद रिकॉर्ड पर परमाणु पहलू से इनकार किया है। जैसा कि आप जानते हैं, भारत का दृढ़ रुख है कि वह परमाणु ब्लैकमेल के आगे नहीं झुकेगा या इसका हवाला देकर सीमा पार आतंकवाद को संचालित करने की अनुमति नहीं देगा।

Aryansh Health Care: Varanasi’s Trusted Name in Women’s Health Led by Renowned Gynecologist Dr. Ruchi Sinha

  

Varanasi, Uttar Pradesh – Aryansh Health Care, a premier gynecology and women’s wellness center located in the spiritual and cultural heart of Varanasi, is making headlines for transforming the lives of hundreds of couples and setting new standards in women's healthcare. At the forefront of this achievement is the center’s founder and chief consultant, Dr. Ruchi Sinha, MBBS, MS – one of Varanasi’s most respected and trusted gynecologists.

With over a decade of dedicated medical experience and a gold-standard education from Institute of Medical Sciences, Banaras Hindu University (IMS BHU) – one of the top medical institutions in the country – Dr. Ruchi Sinha has emerged as a beacon of hope for women facing complex gynecological and fertility challenges.

Dr. Ruchi Sinha has successfully helped more than 500 couples achieve parenthood, offering a combination of evidence-based medicine, personalized care, and emotional support. Her patient-first approach, clinical excellence, and deep empathy have earned her immense goodwill not only in Varanasi but also across neighboring districts in Eastern Uttar Pradesh and Bihar.

“Infertility is not just a medical condition, it’s an emotional journey. At Aryansh Health Care, we focus on supporting women and couples at every step – from diagnosis to successful delivery,” says Dr. Ruchi Sinha. “I feel truly blessed to have played a role in bringing joy to over 500 families. Every smile of a newborn child in the arms of a parent who once lost hope – that is my true reward.”

Aryansh Health Care provides a full range of gynecological and obstetric services, including:

Infertility management and IUI consultations

High-risk pregnancy care

PCOD/PCOS and menstrual disorder treatments

Laparoscopic and minimally invasive gynecological surgeries

Antenatal care and delivery services

Preventive screenings and health checkups for women of all ages

With a fully equipped facility, warm and trained staff, and advanced diagnostic support, Aryansh Health Care has built a reputation for excellence in clinical outcomes and patient satisfaction. The clinic is also known for offering honest, affordable, and ethical treatment plans, ensuring quality care is accessible to everyone.

Dr. Sinha is a strong advocate for women's health awareness. Through her public seminars, health camps, and online presence, she regularly educates young women about reproductive health, menstrual hygiene, and the importance of early detection of gynecological conditions.

As Varanasi continues its development as a key regional healthcare hub, Aryansh Health Care stands committed to leading the way in women’s wellness, maternal care, and fertility support.

Visit for more : 25A, Siddhigiri Bagh Rd, Kasturba Nagar, Sigra, Varanasi, Uttar Pradesh 221010

Website : www.Drruchisinha.com

 

संसद ही सर्वोच्च…,न्यायपालिका की आलोचना के बीच उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने फिर दोहराई बात


#parliamentissupremesaysjagdeep_dhankhar

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने फिर न्यायापलिका और कार्यपालिका के अधिकार क्षेत्रों को लेकर बड़ा बयान दिया है। उपराष्ट्रपति धनखड़ ने एक बार फिर भारत के संविधान में निर्धारित शासन व्यवस्था के ढांचे के भीतर न्यायपालिका की भूमिका और उसकी सीमाओं पर सवाल उठाए हैं। उपराष्ट्रपति ने न्यायिक "अधिकारों के अतिक्रमण" की आलोचना की और दोहराया कि "संसद ही सर्वोच्च है"।

संविधान में संसद से ऊपर कोई नहीं-धनखड़

दिल्ली विश्वविद्यालय के एक कार्यक्रम के दौरान धनखड़ ने कहा कि संविधान के तहत किसी भी पद पर बैठे व्यक्ति की बात हमेशा राष्ट्रहित को ध्यान में रखकर होती है। धनखड़ ने यह भी कहा कि कुछ लोग यह सोचते हैं कि संवैधानिक पद सिर्फ औपचारिक या दिखावटी होते हैं, लेकिन यह गलत सोच है। संविधान लोगों के लिए है और यह उनके चुने हुए प्रतिनिधियों की रक्षा करता है। उन्होंने कहा कि संविधान में संसद से ऊपर किसी भी संस्था की कल्पना नहीं की गई है। संसद सबसे सर्वोच्च है।

लोकतंत्र के लिए हर नागरिक की अहम भूमिका-धनखड़

धनखड़ ने आगे कहा कि किसी भी लोकतंत्र के लिए हर नागरिक की अहम भूमिका होती है। मुझे यह बात समझ से परे लगती है कि कुछ लोगों ने हाल ही में यह विचार व्यक्त किया है कि संवैधानिक पद औपचारिक या सजावटी हो सकते हैं। इस देश में हर किसी की भूमिका (चाहे वह संवैधानिक पदाधिकारी हो या नागरिक) के बारे में गलत समझ से कोई भी दूर नहीं हो सकता।

लोकतंत्र में चुप रहना खतरनाक है-धनखड़

उपराष्ट्रपति धनखड़ ने यह भी कहा कि लोकतंत्र में बातचीत और खुली चर्चा बहुत जरूरी है। अगर सोचने-विचारने वाले लोग चुप रहेंगे तो इससे नुकसान हो सकता है। उन्होंने कहा, संवैधानिक पदों पर बैठे लोगों को हमेशा संविधान के मुताबिक बोलना चाहिए। हम अपनी संस्कृति और भारतीयता पर गर्व करें। देश में अशांति, हिंसा और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाना सही नहीं है। जरूरत पड़ी तो सख्त कदम भी उठाने चाहिए।

सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर जताई थी चिंता

यहां, उपराष्ट्रपति ने किसी का नाम नहीं लिया। हालांकि, साफ है कि हाल ही में सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले पर की गई अपनी टिप्पणी को लेकर आलोचना करने वालों पर निशाना साधा। सुप्रीम कोर्ट की एक बेंच ने हाल में कहा था कि राज्यपाल अगर कोई विधेयक राष्ट्रपति को मंजूरी के लिए भेजते हैं, तो राष्ट्रपति को उस पर तीन महीने के भीतर फैसला लेना होगा। राष्ट्रपति द्वारा विधेयकों पर निर्णय लेने के लिए समय सीमा निर्धारित करने वाले हाल के सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर चिंता व्यक्त करते हुए धनखड़ ने पिछले शुक्रवार को कहा था कि भारत ने ऐसे लोकतंत्र की कल्पना नहीं की थी जहां जज कानून बनाएंगे, शासकीय कार्य करेंगे और ‘‘सुपर संसद’’ के रूप में कार्य करेंगे।

बीजेपी-एआईएडीएमके के बीच कैसा गठबंधन? साथ चुनाव लड़ेंगे पर साथ में सरकार में नहीं बनाएंगे

#aiadmk_says_no_alliance_with_bjp_in_tamil_nadu 

तमिलनाडु में अगले साल विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। इससे पहले बीजेपी और विपक्षी एआईएडीएमके ने साथ मिलकर चुनाव लड़ने का फैसला किया। हालांकि, इस गठबंधन में “गांठ” पड़ती दिख रही है। दरअसल, एआईएडीएमके ने अगले साल होने वाले तमिलनाडु चुनाव के लिए बीजेपी की योजनाओं पर पानी फेरते हुए घोषणा की कि यदि उसका गठबंधन चुनाव जीतता है तो राज्य में कोई 'गठबंधन सरकार' नहीं बनेगी। एआईएडीएमके ने साफ कर दिया कि बीजेपी के साथ उनका गठबंधन सिर्फ चुनाव लड़ने तक सीमित है।

एआईएडीएमके के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद एम. थंबीदुरई ने कहा है कि तमिलनाडु में गठबंधन सरकार के लिए कोई जगह नहीं है और अगर उनकी पार्टी 2026 के विधानसभा चुनाव में जीतती है, तो एडप्पाडी के. पलानीस्वामी अकेले सरकार बनाएंगे। गुरुवार को पत्रकारों से बात करते हुए थंबीदुरई ने साफ किया कि भले ही भाजपा उनके गठबंधन में शामिल हो, लेकिन सत्ता में साझेदारी नहीं होगी। उन्होंने कहा कि तमिलनाडु में आज तक कभी गठबंधन सरकार नहीं बनी है। चाहे वो कांग्रेस के नेता सी. राजगोपालाचारी, के. कामराज, या द्रविड़ नेता एम.जी. रामचंद्रन और करुणानिधि हों सभी ने अकेले सरकार चलाई है। थंबीदुरई ने कहा कि 2026 में भी एडप्पाडीयार (पलानीस्वामी) अकेले सरकार बनाएंगे। गठबंधन सरकार की कोई जरूरत नहीं है और न ही इसकी परंपरा है।

वहीं, एआईएडीएमके के महासचिव और विपक्ष के नेता एडप्पाडी के. पलानीस्वामी ने बुधवार को साफ कर दिया कि बीजेपी के साथ उनका गठबंधन सिर्फ चुनाव लड़ने तक सीमित है। पलानीस्वामी ने कहा है कि, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कभी नहीं कहा कि चुनाव के बाद तमिलनाडु में गठबंधन सरकार होगी। हमने केवल इतना कहा कि हम गठबंधन का हिस्सा हैं। हमने कभी नहीं कहा कि हम गठबंधन सरकार बनाएंगे।

यह बयान ऐसे समय आया है, जब ऐसी खबरें हैं कि एआईएडीएमके के कुछ नेता बीजेपी के साथ गठबंधन से नाखुश हैं। इस नाखुशी की वजह राज्य में 2019 विधानसभा और 2024 लोकसभा चुनावों में दोनों के खराब ट्रैक रिकॉर्ड से उपजी है। कथित तौर पर वक्फ कानूनों में बदलाव के खिलाफ विरोध प्रदर्शनों के मद्देनजर मुसलमानों सहित अल्पसंख्यक समुदायों के वोटों के संभावित नुकसान को देखते हुए भी एआईएडीएमके ने अपना रुख बदला है।

बता दें कि केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की मौजूदगी में 12 अप्रैल को बीजेपी और एआईएडीएमके के गठबंधन पर मुहर लगी थी। एआईएडीएमके से दोस्ती के लिए बीजेपी अपने आक्रामक नेता अन्नामलाई को प्रदेश अध्यक्ष पद से इस्तीफा ले लिया था, क्योंकि पलानीस्वामी उन्हें पसंद नहीं करते हैं। इसके बाद अमित शाह ने ऐलान किया था कि प्रदेश में 2026 का विधानसभा चुनाव एआईएडीएमके के साथ और अन्नाद्रमुक अध्यक्ष पलानीस्वामी के नेतृत्व में लड़ा जाएगा। अब पलानीस्वामी के बदले रुख से बीजेपी की सियासी टेंशन बढ़ गई है।

किसी मुसलमान को अध्यक्ष क्यों नहीं बनाती कांग्रेस? पीएम मोदी ने किया तीखा सवाल

#pmmodisaysifsympathycongressgive50percentticketsto_muslim

सोमवार को हरियाणा के हिसार से अयोध्या की पहली फ्लाइट को हरी झंडी दिखाने के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कांग्रेस पर आरोपों की बौछार कर दी। पीएम मोदी ने कांग्रेस पर तुष्टीकरण की राजनीति करने का आरोप लगाया। उन्होंने मुस्लिम समुदाय के प्रति कांग्रेस की ईमानदारी पर सवाल उठाते हुए कहा कि अगर उन्हें वाकई मुसलमानों से हमदर्दी होती, तो कांग्रेस किसी मुसलमान को पार्टी अध्यक्ष क्यों नहीं बनाती?

संविधान को सत्ता हासिल करने का हथियार बना-पीएम मोदी

हिसार में पीएम मोदी ने वक्फ संशोधन कानून को लेकर कांग्रेस पर हमला बोला। पीएम मोदी ने कहा, कांग्रेस ने संविधान को सत्ता हासिल करने का हथियार बना लिया। आपातकाल के दौरान सत्ता बनाए रखने के लिए संविधान की भावना की हत्या कर दी गई। संविधान धर्मनिरपेक्ष नागरिक संहिता की बात करता है, लेकिन कांग्रेस ने इसे कभी लागू नहीं किया।

संविधान की भावना है कि सबके लिए एक जैसी नागरिक संहिता हो, जिसे मैं कहता हूं यूनिफॉर्म सिविल कोड, लेकिन कांग्रेस ने इसे लागू नहीं किया। उत्तराखंड में बीजेपी सरकार आने के बाद यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू हुआ। डंके की चोट पर लागू हुआ। देश का दुर्भाग्य देखिए, संविधान को जेब में लेकर बैठे हुए लोग, ये कांग्रेस के लोग, उसका विरोध कर रहे हैं।

कांग्रेस की कुनीति का सबसे बड़ा प्रमाण वक्फ कानून-पीएम मोदी

पीएम मोदी ने कहा कि कांग्रेस की नीयत कभी किसी का भला करने की नहीं रही। मुसलमानों का भी भला करने की नहीं थी। यही कांग्रेस की असली सच्चाई है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की तुष्टीकरण की राजनीति ने मुस्लिम समुदाय को कोई फायदा नहीं पहुंचाया, बल्कि उन्हें नुकसान ही पहुंचाया। कांग्रेस ने सिर्फ कुछ कट्टरपंथियों को खुश करने का विकल्प चुना। बाकी समाज बेहाल रहा, अशिक्षित रहा, गरीब रहा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की इस कुनीति का सबसे बड़ा प्रमाण वक्फ कानून है।

पीएम ने पूछा-50 प्रतिशत टिकट मुसलमानों को क्यों नहीं देते?

कांग्रेस पर हमलावर पीएम मोदी ने कहा, वे कहते हैं कि उन्होंने मुसलमानों के पक्ष में ऐसा किया। मैं इन वोट बैंक के भूखे राजनेताओं से पूछना चाहता हूं- अगर उन्हें वाकई मुसलमानों से हमदर्दी होती, तो कांग्रेस किसी मुसलमान को पार्टी अध्यक्ष क्यों नहीं बनाती? वे अपने 50 प्रतिशत टिकट मुसलमानों को क्यों नहीं देते? वे ऐसा नहीं करना चाहते, बल्कि देश के 50 प्रतिशत अधिकार छीन लेना चाहते हैं।

अब फार्मा सेक्टर पर भी टैरिफ लगाएंगे डोनाल्ड ट्रंप, जानें भारत पर क्या असर?

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हर तरफ अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ की चर्चा है। दुनियाभर के 180 से अधिक देशों पर 2 अप्रैल को पारस्परिक टैरिफ लगाने के बाद ट्रंप अभी रूकने के मूड मे नहीं दिख रहे हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने अब एलान किया है कि जल्द ही दवाओं के आयात पर शुल्क लगाया जाएगा। ट्रंप ने मंगलवार को कहा कि अमेरिका जल्द ही दवा आयात पर बड़े टैरिफ की घोषणा करेगा।

विदेश में दवा बना रही कंपनियों को वापस लाना है-ट्रंप

ट्रंप ने कहा कि दवाएं दूसरे देशों में बनती हैं और इसके लिए आपको ज्यादा कीमत चुकानी पड़ती है। लंदन में जो दवा 88 डॉलर में बिकती है, वही दवा अमेरिका में 1300 डॉलर में बिक रही है। अब यह सब खत्म हो जाएगा। अब उनका मकसद विदेश में दवा बना रही कंपनियों को अमेरिका में वापस लाना और घरेलू दवा इंडस्ट्री को बढ़ावा देना है।

टैरिफ लगाने से फार्मा कंपनियां वापस आएंगी-ट्रंप

ट्रंप ने कहा कि दूसरे देश दवाओं की कीमतों को कम रखने के लिए बहुत ज्यादा दबाव बनाते हैं। वहां ये कंपनियां सस्ती दवा बेचती हैं लेकिन अमेरिका में ऐसा नहीं होता है। एक बार जब इन दवा कंपनियों पर टैरिफ लग जाएगा तो ये सारी कंपनियां अमेरिका वापस आ जाएंगी, क्योंकि अमेरिका बहुत बड़ा बाजार है। हालांकि, ट्रंप दवाओं पर कब से और कितना टैरिफ लगाएंगे, इसकी तारीख उन्होंने नहीं बताई है।

भारतीय फार्मा कंपनियों पर असर

अगर अमेरिका दवाओं पर भी टैरिफ लगाने का फैसला लेता है तो इसका भारत पर भी असर पड़ेगा। भारत अमेरिका को दवाओं का सबसे बड़ा सप्लायर है। भारतीय फार्मास्यूटिकल्स कंपनियां हर साल अमेरिका को 40% जेरेनिक दवाएं भेजती हैं। ऐसे में ट्रंप के इस फैसले का सीधा असर भारतीय फार्मा कंपनियों पर पड़ेगा। Sun Pharma, Lupin, Dr. Reddy's, Aurobindo Pharma और Gland Pharma जैसी कंपनियां अमेरिकी बाजार पर काफी निर्भर हैं और उनके शेयर बुधवार को दबाव में नजर आए.

अभी फार्मा पर कितना टैरिफ है?

आपको बता दें कि फिलहाल भारत देश अमेरिका से आयात होने वाले फार्मा पर करीब 10 फ़ीसदी का टैरिफ चार्ज वसूलता है जबकि अमेरिका देश भारत से आने वाले फार्मा आयात पर किसी भी प्रकार का टैरिफ नहीं वसूलता है. आने वाले समय में अगर डोनाल्ड ट्रंप टैरिफ लगाते हैं तो इससे भारतीय फार्मा कंपनियों के बिजनेस पर बड़ा प्रभाव पड़ेगा.

ट्रंप के टैरिफ के बीच जिनपिंग को आई भारत की याद, चीनी राष्ट्रपति ने क्यों किया ड्रैगन और हाथी का जिक्र?


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हाल के दिनों में भारत और चीन के बीच फिर से रिश्तों में गरमाहट बढ़ती दिख रही है। भारत-चीन राजनयिक संबंधों की 75वीं वर्षगांठ पर भी दोनों देशों के बीच दूरियां मिटती दिखीं। भारत-चीन राजनयिक संबंधों की 75वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस मौके पर भारत में चीनी राजदूत जू फेइहोंग ने दोनों देशों के भविष्य के बारे में सकारात्मक आशा व्यक्त की। इस दौरान चीनी राजदूत जू ने कहा कि चीन और भारत के नेताओं ने इस खास मौके पर बधाई संदेशों का आदान-प्रदान किया।

चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने भारत के 75 साल के राजनयिक रिश्तों पर एक लेटर लिखा। अपने संदेश में चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने कहा है कि चीन और भारत के संबंधों को "ड्रैगन-हाथी टैंगो" का रूप लेना चाहिए। टैंगो इन दोनों प्रतीकात्मक जानवरों के बीच का एक चीनी नृत्य है।

भारतीय राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से बातचीत करते हुए उन्होंने यह बात कही। भारत और चीन के बीच राजनयिक संबंधों की स्थापना की 75वीं वर्षगांठ के अवसर पर शी जिनपिंग ने राष्ट्रपति मुर्मु को बधाई दी। चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने इस बात पर जोर दिया कि दोनों देशों को अपने संबंधों को रणनीतिक और दीर्घकालिक दृष्टिकोण से देखना चाहिए। साथ ही दोनों देशों को शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व, आपसी विश्वास और आपसी लाभ की दिशा में आम विकास के लिए साथ आने के तरीके तलाशने चाहिए। 

भारत और चीन को प्राचीन सभ्यताएं बताते हुए शी जिनपिंग ने कहा कि दोनों देश प्रमुख विकासशील देश हैं और ग्लोबल साउथ के महत्वपूर्ण सदस्य हैं। उन्होंने कहा कि दोनों देश अपने-अपने आधुनिकीकरण प्रयासों के महत्वपूर्ण चरण में हैं।

शी जिनपिंग और द्रौपदी मुर्मू के अलावा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी प्रधानमंत्री ली कियांग ने भी एक दूसरे को बधाई और शुभकामना संदेश भेजे हैं। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गुओ जियाकुन ने मीडिया ब्रीफिंग के दौरान इस बात पर प्रकाश डाला कि दोनों देश प्राचीन सभ्यताएं हैं और वैश्विक दक्षिण के भीतर महत्वपूर्ण विकासशील देश हैं, जो वर्तमान में महत्वपूर्ण आधुनिकीकरण चरणों से गुजर रहे हैं।

बता दें कि चीन को अक्सर ड्रैगन से जोड़ा जाता है, क्योंकि चीनी संस्कृति में ड्रैगन को एक शक्तिशाली, भाग्यशाली और शुभ जीव माना जाता है, जो शक्ति, भाग्य और सफलता का प्रतीक है।

दूसरी ओर, हाथी को भारत से धार्मिक, सांस्कृतिक और ऐतिहासिक वजहों से जोड़ा जाता है। वहीं, टैंगो एक अंग्रेजी शब्द है। जिसका मतलब दोस्ताना रिश्ता या नृत्य होता है। शी जिनपिंग का कहना था कि वो भारत के साथ रिश्तों को बेहतर करना चाहते हैं।

लोकसभा में वक्फ बिल पेश होने पर भड़की मुस्लिम लॉ बोर्ड, देशव्यापी आंदोलन की चेतावनी


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वक्फ (संशोधन) विधेयक 2024 बिल पर लोकसभा में चर्चा जारी है। केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने आज लोकसभा में वक्फ संशोधन विधेयक पेश किया। इस विधेयक को लेकर विपक्ष द्वारा सरकार की मंशा पर लगातार सवाल उठाए जा रहे हैं। इस बीच ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने घोषणा की कि वह वक्फ (संशोधन) विधेयक को अदालत में चुनौती देगा। साथ ही, मुस्लिम लॉ बोर्ड इस विधेयक के खिलाफ विरोध प्रदर्शन भी करेगा। उनका कहना है कि यह एक "ब्लैक लॉ" है, जो समुदाय के अधिकारों को खतरे में डालता है।

वक्फ संशोधन विधेयक पर ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के प्रवक्ता डॉ. सैयद कासिम रसूल इलियास ने कहा, "अगर यह विधेयक संसद में पारित हो जाता है, तो हम इसके खिलाफ देशव्यापी आंदोलन शुरू करेंगे। हम चुप नहीं बैठेंगे। हम अपने पास उपलब्ध सभी कानूनी और संवैधानिक प्रावधानों का उपयोग करेंगे। जब तक प्रस्तावित संशोधन वापस नहीं लिए जाते, हम शांतिपूर्ण आंदोलन चलाएंगे।"

बोर्ड के महासचिव अब्दुल रहीम ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि ये बिल पहले से ज्यादा आपत्तिजनक हो गया है। इसे एक प्लानिंग के साथ लाया गया है। 5 करोड़ विरोध में ईमेल आए। जेपीसी ने भी विरोध दर्ज किया। किसी पर भी विचार नहीं किया गया। अब सीईओ के पद पर मुसलमान नहीं होगा। वक्फ का इंतजाम अब मुस्लिमों के हाथों से लेकर सरकार के हाथों सौंप दिया गया है। लॉ बोर्ड ने ये भी कहा कि अगर बिल पार्लियामेंट में पास हुआ तो हम चुप नहीं बैठेंगे। देशव्यापी शांतिपूर्ण आंदोलन चलाएंगे।

इससे पहले ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने मंगलवार को बीजेपी के सहयोगी दलों समेत सभी धर्मनिरपेक्ष राजनीतिक दलों और सांसदों से अपील की कि वे वक्फ विधेयक का कड़ा विरोध करें और किसी भी हालत में इसके पक्ष में मतदान न करें। उन्होंने एक बयान में कहा कि यह विधेयक न केवल भेदभाव और अन्याय पर आधारित है, बल्कि संविधान के अनुच्छेद 14, 25 और 26 के तहत मौलिक अधिकारों के प्रावधानों के भी खिलाफ है। 

रहमानी ने आरोप लगाया कि विधेयक के जरिए बीजेपी का लक्ष्य वक्फ कानूनों को कमजोर करना और वक्फ संपत्तियों को जब्त करने और नष्ट करने का रास्ता तैयार करना है। उन्होंने कहा, उपासना स्थल अधिनियम के अस्तित्व में होने के बावजूद, हर मस्जिद में मंदिर खोजने का मुद्दा लगातार बढ़ रहा है। यदि यह संशोधन पारित हो जाता है, तो वक्फ संपत्तियों पर सरकारी और गैर-सरकारी नाजायज दावों में वृद्धि होगी, जिससे कलेक्टर और जिला मजिस्ट्रेट के लिए उन्हें जब्त करना आसान हो जाएगा।

उद्धव ठाकरे ने किया कुणाल कामरा का बचाव,बोले- जो गद्दार है वो गद्दार है, गाने में कोई कमी नहीं

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कॉमेडियन कुणाल कामरा की एकनाथ शिंदे के ऊपर टिप्पणी के बाद महाराष्ट्र में बवाल मचा हुआ है। आरोप-प्रत्यारोप की राजनीति में पक्ष-विपक्ष आपने सामने है। एक तरफ जहां सत्तारूढ़ महायुति गठबंधन दलों के नेता कामरा के बयान से नाराजगी जताते हुए उनका विरोध कर रहे है। तो दूसरी ओर यूबीटी शिवसेना कुणाल कामरा के समर्थन में आ गई है। इस मुद्दे पर पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे ने कॉमेडियन कुणाल कामरा का बचाव किया है। कुणाल कामरा के समर्थन में आए उद्धव ठाकरे ने कहा कि मुझे नहीं लगता है कि कुणाल कामरा ने कुछ गलत कहा है। जो गद्दार है वो गद्दार है। उसके गाने में कोई कमी नहीं है। जिनके खून में 'गद्दारी' है वह कभी शिवसैनिक नहीं हो सकते।

कामरा को मिला उद्धव ठाकरे का साथ

उद्धव ठाकरे ने कुणाल कामरा की टिप्पणी पर कहा कि गाने में कोई कमी नहीं है। जो गद्दार हैं, वो गद्दार हैं। ठाकरे ने आगे कहा मुझे नहीं लगता कि कुणाल ने कुछ गलत कहा। कुणाल ने व्यग्य नहीं सत्य कहा है। आज मैं कहूंगा जिसने चोरी की वो गद्दार है। कल जिसने तोड़फोड़ की वो शिवसैनिक ने नहीं बल्कि गद्दार सेना ने की है। उद्धव ठाकरे ने शिवसेना चीफ एकनाथ शिंदे पर हमला करते हुए कहा, इन गद्दारों को कोशियारी या दूसरे नेताओं या उनके लोगों द्वारा किया जाने वाले अपमान नहीं दिखाई देता। स्टूडियो को जिसने नुकसान पहुंचाया, उससे वसूल करना चाहिए। नागपुर दंगे की सुपारी और औरंगज़ेब की कब्र की सुपारी किसने दी?

कामरा के बचाव में आए आदित्य ठाकरे

उद्धव ठाकरे के बाद शिवसेना-यूबीटी विधायक आदित्य ठाकरे ने कुणाल कामरा के बयान पर उनका बचाव किया। उन्होंने कहा कि कुणाल कामरा ने किसी का नाम नहीं लिया था, फिर भी एकनाथ शिंदे के समर्थकों ने उसे देशद्रोही और चोर क्यों कहा? साथ ही उन्होंने सवाल किया कि यह निर्णय कब लिया गया कि कुणाल कामरा देशद्रोही और चोर हैं? आदित्य ने यह भी कहा कि जब कुणाल कामरा ने मोदी जी और उनकी पार्टी के बारे में भी टिप्पणियां की थीं, तब किसी ने भी ऐसी प्रतिक्रिया नहीं दी। लेकिन अब जब उसने कुछ कहा, तो मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उनके समर्थकों ने उसे इस तरह की गाली-गलौच दी।

स्टैंड-अप कॉमेडियन कुणाल कामरा ने अपने शो में शिंदे पर उनका नाम लिए बिना विवादित टिप्पणी की थी। इस पर भड़के शिवसैनिकों ने जहां शो का आयोजन किया गया था, वहां धावा बोल दिया था। शिवसेना कार्यकर्ताओं ने रविवार को मुंबई के खार इलाके में होटल यूनिकॉन्टिनेंटल में तोड़फोड़ की थी। इसके बाद शिवसेना युवा सेना (शिंदे गुट) के महासचिव राहुल कनाल और 19 अन्य के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई।