/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1728120807932935.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1728120807932935.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1728120807932935.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1722417141216249.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1722417141216249.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1722417141216249.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1722417141216249.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1722417141216249.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1722417141216249.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png StreetBuzz s:nirmala
निर्मला सीतारमण: भारत की वित्त मंत्री के रूप में उनके योगदान और भूमिका

#nirmalasitaramantransformingindianeconomy

Nirmala Sitaraman (Union FM)

निर्मला सीतारमण भारत की केंद्रीय वित्त मंत्री के रूप में एक महत्वपूर्ण और प्रभावशाली नेता के रूप में उभरी हैं। उनका कार्यकाल भारतीय अर्थव्यवस्था को नई दिशा देने में महत्वपूर्ण साबित हुआ है। यहाँ उनके योगदान और वित्त मंत्री के रूप में उनके कार्यों पर विस्तृत चर्चा की जा रही है:

1. प्रारंभिक जीवन और शिक्षा

-जन्म: निर्मला सीतारमण का जन्म 18 अगस्त 1959 को तमिलनाडु के तिरुचिरापल्ली में हुआ था।

- शिक्षा: उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक की डिग्री प्राप्त की और फिर जॉर्ज वाशिंगटन विश्वविद्यालय से आर्थिक और अंतर्राष्ट्रीय व्यापार में पोस्ट-ग्रेजुएशन की डिग्री ली। 

-प्रारंभिक करियर: इससे पहले कि वे भारतीय राजनीति में प्रवेश करतीं, उन्होंने एक शिक्षक, अर्थशास्त्र के विद्वान और कॉर्पोरेट दुनिया में काम किया था। वे ब्रिटेन स्थित एक प्रमुख थिंक टैंक "हेरिटेज फाउंडेशन" की सदस्य भी रह चुकी हैं। 

2. राजनीति में प्रवेश

निर्मला सीतारमण भारतीय जनता पार्टी (भा.ज.पा.) से जुड़ीं और 2014 में नरेंद्र मोदी सरकार के गठन के समय, उन्हें केंद्रीय मंत्री के रूप में कार्यभार सौंपा गया। उन्हें पहले रक्षा मंत्री के रूप में कार्यभार सौंपा गया था, और बाद में 2019 में वित्त मंत्री का पद मिला।

3. वित्त मंत्री के रूप में कार्यकाल (2019 - वर्तमान)

निर्मला सीतारमण ने जुलाई 2019 में भारत की केंद्रीय वित्त मंत्री के रूप में शपथ ली। वे पहली महिला वित्त मंत्री थीं जिन्हें स्वतंत्र भारत में यह महत्वपूर्ण पद मिला। उनके कार्यकाल में भारतीय अर्थव्यवस्था को पुनर्निर्माण और विकास की दिशा में कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए:

   3.1. आर्थिक सुधारों को बढ़ावा

- विकसित और उदार नीतियाँ: निर्मला सीतारमण ने भारत की आर्थिक नीतियों को लचीला और उदार बनाने की दिशा में कई कदम उठाए, जैसे कॉर्पोरेट टैक्स में कटौती और व्यापारों को बढ़ावा देने के लिए नई योजनाओं की शुरुआत।

- वित्तीय विनियमन: वित्तीय क्षेत्र में सुधार और मजबूत विनियमन की दिशा में उन्होंने कई महत्वपूर्ण कदम उठाए, जिसमें बैंकों की पूंजी में वृद्धि, वित्तीय संस्थानों के सुधार और अनुकूलित टैक्स नीतियाँ शामिल हैं।

  

  3.2. कोविड-19 संकट के दौरान प्रभावी कदम

- आर्थिक पैकेज: कोविड-19 महामारी के संकट के समय, निर्मला सीतारमण ने भारत सरकार के द्वारा घोषित किए गए आर्थिक पैकेज को लागू किया। उन्होंने गरीबों, श्रमिकों और छोटे व्यापारों के लिए राहत उपायों का ऐलान किया, जैसे प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना, ECLGS (Emergency Credit Line Guarantee Scheme), और मुद्रा लोन योजनाएँ। 

- माइक्रो, स्मॉल और मीडियम एंटरप्राइजेज (MSMEs) के लिए योजनाएँ: कोविड-19 से प्रभावित MSMEs को पुनः सक्षम बनाने के लिए वित्त मंत्री ने कई योजनाओं की शुरुआत की, जिससे अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित किया जा सके।

  

     3.3. स्वच्छ भारत और आत्मनिर्भर भारत अभियान

- आत्मनिर्भर भारत पैकेज: निर्मला सीतारमण ने आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत 20 लाख करोड़ रुपये के पैकेज की घोषणा की, जिसका उद्देश्य भारतीय अर्थव्यवस्था को आत्मनिर्भर बनाना था। इस योजना में कृषि, उद्योग, MSMEs, और अन्य क्षेत्रों के लिए विभिन्न सुधार और सहायता पैकेज शामिल थे।

  

    3.4. जीएसटी सुधार

- जीएसटी (GST) में सुधार: निर्मला सीतारमण ने जीएसटी प्रणाली में सुधार की दिशा में कई पहल कीं। उन्होंने छोटे व्यापारियों के लिए जीएसटी रिटर्न भरने में सरलता लाने और जीएसटी दरों में बदलाव करने की दिशा में कदम उठाए। 

- जीएसटी काउंसिल की बैठकें: उन्होंने जीएसटी काउंसिल की बैठक में राज्यों और केंद्रीय सरकार के बीच सामंजस्य स्थापित करने का कार्य किया, जिससे कर प्रणाली को सशक्त किया गया।

    3.5. कृषि क्षेत्र में सुधार

- कृषि सुधार: निर्मला सीतारमण ने कृषि क्षेत्र के सुधार के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए, जैसे कृषि सुधार विधेयक, जो किसानों को अधिक अधिकार और समर्थन देने के लिए लाए गए थे। हालांकि, यह विधेयक विवादों में भी रहा, लेकिन इसका उद्देश्य भारतीय कृषि क्षेत्र को अधिक प्रतिस्पर्धात्मक और लाभकारी बनाना था।

     3.6. बैंकिंग और वित्तीय क्षेत्र में सुधार

- बैंकिंग क्षेत्र की पुनर्पूंजीकरण: उन्होंने भारतीय बैंकों के पुनर्पूंजीकरण के लिए कई योजनाएँ बनाई, ताकि बैंकों को मजबूती से कार्य करने के लिए आवश्यक वित्तीय संसाधन मिल सकें।

- एनपीए (NPA) समस्या पर काबू पाना: वित्त मंत्री ने एनपीए की समस्या को हल करने के लिए कई उपाय किए और दिवाला एवं ऋणशोधन अक्षमता संहिता (IBC) को और प्रभावी बनाने की दिशा में काम किया।

  

     3.7. डिजिटल भुगतान को बढ़ावा

- डिजिटल इंडिया और कैशलेस ट्रांजैक्शंस: निर्मला सीतारमण ने डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएँ लागू कीं। उन्होंने मोबाइल पेमेंट्स, यूपीआई (Unified Payments Interface) और अन्य डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म के उपयोग को बढ़ावा दिया।

 4. उनकी नेतृत्व क्षमता और आलोचनाएँ

निर्मला सीतारमण को उनकी उत्कृष्ट नेतृत्व क्षमता और दूरदर्शिता के लिए पहचाना जाता है, लेकिन उनके कार्यकाल में कुछ आलोचनाएँ भी रही हैं। विशेष रूप से, कुछ आलोचकों का मानना है कि सरकार के फैसलों की कार्यान्वयन में प्रभावी सुधारों की कमी हो सकती है, और कुछ योजनाएँ अधिक प्रभावी रूप से लागू नहीं हो पाई हैं। साथ ही, किसानों और व्यापारियों द्वारा कई बार सरकार की नीतियों पर सवाल उठाए गए हैं। 

5. अंतर्राष्ट्रीय मंच पर सीतारमण की स्थिति*

निर्मला सीतारमण को न केवल भारतीय राजनीति में, बल्कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी वित्त और आर्थिक मामलों में एक प्रभावशाली नेता के रूप में देखा जाता है। उन्होंने G20, IMF, और विश्व बैंक जैसे अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर भारतीय नीतियों और हितों का प्रतिनिधित्व किया है। उनके नेतृत्व में भारत ने वैश्विक अर्थव्यवस्था में अपनी स्थिति को मजबूत किया और प्रमुख वैश्विक सुधारों में सक्रिय रूप से भाग लिया।

निर्मला सीतारमण का कार्यकाल भारतीय अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ बनाने और वित्तीय सुधारों की दिशा में कई महत्वपूर्ण कदम उठाने वाला रहा है। उन्होंने भारतीय समाज के विभिन्न वर्गों के लिए वित्तीय समावेशिता, व्यवसाय को बढ़ावा देने और श्रमिकों के हित में कई योजनाएँ बनाई हैं। हालांकि, उनके कार्यों की आलोचना भी की गई है, लेकिन उनके योगदान और नेतृत्व के कारण वे एक स्थायी और महत्वपूर्ण स्थान पर खड़ी हैं। निर्मला सीतारमण ने यह साबित किया है कि महिला नेतृत्व केवल दायित्व नहीं, बल्कि उत्कृष्टता की ओर भी कदम बढ़ाता है।

बजट तैयार करने में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को मिला इनका साथ, जानें पर्दे के पीछे कौन?

#finance_minister_nirmala_sitharaman_budget_team

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण अब से थोड़ी ही देर में देश का आम बजट पेश करेंगी। बजट का निर्माण केवल एक दिन का काम नहीं है, यह एक जटिल और गहन प्रक्रिया होती है, जिसमें कई विभागों और मंत्रालयों के बीच समन्वय करना होता है। क्या आप जानते हैं कि बजट कौन तैयार करता है। आर्थिक मामलों के सचिव और मुख्य आर्थिक सलाहकार के अलावा अधिकारियों की पूरी एक नई टीम सीतारमण को आगामी बजट की रणनीति तैयार करने में मदद की है। यहां हम आपको उन अधिकारियों के बारे में बता रहे हैं जो बजट बनाने की प्रक्रिया से करीब से जुड़े हैं।

हर साल वित्त मंत्री की देखरेख में बजट तैयार किया जाता है। बजट तैयार करने के लिए खास लोगों का चुनाव किया जाता है, जो बजट का खाका तैयार करते हैं और फिर अप्रूवल मिलने के बाद वो बजट तैयार होता है जिसे सदन में वित्त मंत्री पढ़ते हैं। इस साल बजट तैयार करने में कई लोग अपना अहम योगदान रहा,इस टीम में शामिल मुख्य लोगों के नाम इस प्रकार हैः-

1. तुहिन कांत पांडे, फाइनेंस एंड रेवेन्यू सेक्रेटरी: बजट 2025-26 तैयार कर रही टीम के अहम खिलाड़ियों में 1987 बैच के ओडिशा कैडर के आईएएस अधिकारी तुहिन कांत पांडे शामिल है. फाइनेंस एंड रेवेन्यू सेक्रेटरी के पद पर नियुक्त तुहिन कांत पांडे बजट में टैक्स छूट की, रेवेन्यू जुटाने के तरीकों को देख रहे हैं. वो इनकम टैक्स कानून में बदलाव की प्रक्रिया को देख रहे हैं, जो संसद में पेश किया जाएगा.

2. वी अनंत नागेश्वरन, चीफ इकनॉमिक एडवाइजर: आईआईएम-अहमदाबाद के पूर्व छात्र और मैसाचुसेट्स यूनिवर्सिटी से डॉक्टरेट वी अनंत नागेश्वरन बजट टीम का हिस्सा है। उनकी ओर से इकनॉमिक सर्वे तैयार की जा रही है, जो बजट की दिशा तय करेगी।

3. अजय सेठ, डिपार्टमेंट ऑफ इकनॉमिक अफेयर्स: अंतिम बजट दस्तावेज तैयार करने वाली टीम का नेतृत्व कर रहे अजय सेठ की जिम्मेदारी व्यापक आर्थिक स्थिरता की देखरेख करना है। 1987 बैच के कर्नाटक कैडर के आईएएस अधिकारी मांग के बीच ग्रोथ और फिस्कल कंसोलिडेशन जरूरतों को संतुलित करने की जिम्मेदारी निभा रहे हैं।

4. अरुणीश चावलाः1992 बैच के बिहार कैडर के आईएएस अधिकारी अरुणीश चावला को 15 दिन तक राजस्व सचिव रहने के बाद 8 जनवरी को विनिवेश एवं सार्वजनिक संपत्ति प्रबंधन विभाग के सचिव का पदभार मिला। चावला ने अस्थायी रूप से सार्वजनिक उद्यम विभाग और संस्कृति मंत्रालय में भी पदभार संभाला। दीपम सचिव के रूप में चावला विनिवेश, मुद्रीकरण और आईडीबीआई बैंक बेचने सहित कई अन्य सरकारी पहल का काम देखेंगे।

5. एम.नागराजूःत्रिपुरा कैडर के 1993 बैक के आईएएस अधिकारी एम.नागराजू को 19 अगस्त, 2024 को वित्त मंत्रालय के वित्तीय सेवा विभाग में सचिव के पद पर नियुक्त किया गया। वह फिनटेक के विनियमन, वित्तीय समावेशन और डिजिटल वित्तीय बुनियादी ढांचे के निर्माण पर इस बजट में वित्त मंत्री को सलाह देने वाले प्रमुख व्यक्तियों में से एक होंगे। हैदराबाद विश्वविद्यालय से परास्नातक नागराजू इसके पहले स्वास्थ्य, महिला एवं बाल विकास, वित्त, वाणिज्य और उद्योग जैसे महत्त्वपूर्ण विभागों में सचिव से लेकर प्रधान सचिव पद पर रह चुके हैं। नागराजू 2008 से 2012 के बीच वाशिंगटन में विश्व बैंक के कार्यकारी निदेशक के सलाहकार के रूप में भी काम कर चुके हैं।

6. मनोज गोविल, डिपार्टमेंट ऑफ एक्सपेंडीचर के सेक्रेटरीः मनोज गोविल 1991 बैच के मध्य प्रदेश कैडर के आईएएस अधिकारी हैं। गोविल की टीम डिपार्टमेंट ऑफ एक्सपेंडिचर में काम कर रही है। सब्सिडी और इसमें बदलाव, केंद्र प्रायोजित योजनाओं को सुसंगत बनाना, व्यय की गुणवत्ता में सुधार करने पर इनकी टीम का प्रमुख रोल रहा है।

वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने राष्ट्रपति से की मुलाकात, बजट पेश करने की ली मंजूरी

#budget2025-26nirmala_sitharama

मोदी सरकार 3.0 का पहला पूर्णकालिक आम बजट आज पेश होने जा रहा है। बजट 2025 पर सबकी निगाहें टिकी हैं। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आज अपना लगातार आठवां बजट पेश करने की तैयारी में हैं। बजट पेश करने से पहले वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण राष्ट्रपति भवन पहुंची। वित्त मंत्री ने राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात की है। वित्त मंत्री ने राष्ट्रपति को बजट के अहम प्रावधानों और बदलावों की जानकारी दी। यह परंपरा है, जिसमें राष्ट्रपति की मंजूरी ली जाती है। राष्ट्रपति ने वित्त मंत्री का मुंह मीठा कराया। इसके बाद वित्त मंत्री कैबिनेट बैठक में शामिल होंगी, जहां से बजट को पारित किया जाएगा और फिर सुबह 11 बजे बजट को लोकसभा में पेश किया जाएगा।

मधुबनी पेंटिंग वाली साड़ी निर्मला की साड़ी

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट पेश करने के मौके पर आज खास साड़ी पहनी है। ये साड़ी मधुबनी पेंटिंग वाली है। इस साड़ी पर पद्म पुरस्कार विजेता दुलारी देवी की पेंटिंग हैं। दुलारी देवी को 2021 में पद्म श्री पुरस्कार मिला था। निर्मला सीतारमण ने जब मधुबनी की यात्रा की थी तो उन्होंने दुलारी देवी से मुलाकात भी की थी। दुलारी देवी ने तब उन्हें एक साड़ी गिफ्ट की थी और कहा था कि वो बजट के दिन इसे पहने।

क्या होगा बजट में ?

बढ़ती महंगाई और कम होती जीडीपी ग्रोथ के बीच उम्‍मीद है क‍ि सरकार की तरफ से इकोनॉमी को बूस्‍ट देने के लि‍ए इस बार बड़े ऐलान क‍िये जा सकते हैं। सूत्रों के मुताबिक, बजट में ग्रोथ बढ़ाने पर खास फोकस होगा। कंजप्शन बढ़ाने के लिए ठोस ऐलान होंगे। रेल, पोर्ट और एयरपोर्ट पर कैपेक्स बढ़ सकता है। मिडिल क्लास के लिए कई कदम उठ सकते हैं। इनकम टैक्स में बड़े बदलाव की तैयारी है। स्टैंडर्ड डिडक्शन 75000 रु से बढ़ाकर 1 लाख रु की उम्मीद है. 20% और 30% वाले स्लैब में बदलाव की गुंजाइश है। कॉरपोरेट टैक्स में सीधे तौर पर राहत की संभावना कम है।

टैक्‍स का बोझ कम करने की मांग

म‍िड‍िल क्‍लास के लोगों के लिए ज्‍यादा टैक्स का बोझ चुनौती बना हुआ है। केंद्र सरकार के पास अप्रत्यक्ष करों जैसे जीएसटी में बदलाव करने की सीमित क्षमता है, क्योंकि यह जीएसटी काउंस‍िल की तरफ से तय किया जाता है। फिर भी, जरूरी चीजों जैसे कि खाद्य तेल पर आयात शुल्क कम करके और पेट्रोलियम प्रोडक्‍ट पर टैक्स में कुछ राहत दी जा सकती है। म‍िड‍िल क्‍लास की इनकम टैक्स का बोझ कम करने की भी लंबे समय से मांग रही है, क्योंकि इससे उनके पास खर्च करने के लिए ज्‍यादा पैसे बचेंगे।

पेंशन पर क्या ऐलान हो सकता है?

पेंशन के मोर्चे पर बजट में बड़ा ऐलान हो सकता है। एनपीएस, ईपीएस और यूपीएस जैसे पेंशन स्कीमों को लेकर बजट में बड़े ऐलान संभव हैं।एनपीएस में रिटायरमेंट पर 40% फंड को एन्युटी में निवेश की बाध्यता खत्म हो सकती है।

राज्यसभा में जयराम रमेश पर क्यों भड़क गईं निर्मला सीतारमण, बोलीं-लिखित में माफी मांगें
#minister_nirmala_sitharaman_demand_apology_from_jairam_ramesh


* संसद का शीतकालीन सत्र चल रहा है। संविधान को अंगीकार किए जाने के 75 साल पूरे होने के अवसर संसद में संविधान पर चर्चा कराई जा रही है। पिछले हफ्ते लोकसभा में 2 दिन तक संविधान पर चर्चा हुई थी। राज्यसभा में आज और कल संविधान पर चर्चा होगी और पीएम मोदी मंगलवार को जवाब देंगे। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज राज्यसभा में संविधान पर चर्चा बहस की शुरुआत की। *संविधान लागू होने के साल भर में बोलने की आजादी छीनी- सीतारमण* राज्‍यसभा में अपनी बात रखते हुए वित्‍त मंत्री निर्मला सीतारमण ने तत्‍कालीन पंडित जवाहर लाल नेहरू की सरकार पर निशाना साधा। उन्‍होंने कहा कि जब संविधान लागू हुआ, देश में एक अंतरिम सरकार थी। यह सरकार ने संविधान लागू होने के एक साल के अंदर ही संविधान का पहला संशोधन लेकर आई। इस संशोधन की मदद से लोगों की बोलने की आजादी को छीना गया। निर्मला सीतारमण ने राज्‍यसभा में कहा कि साल 1949 में काग्रेस पार्टी ने उस जमाने के बड़े बॉलीवुड स्‍टार बलराज सहानी और मजरूह सुलतानपुरी को जेल में डाल दिया था। उनका कसूर बस इतना था कि दोनों ने एक कविता सुनाई थी, इस कविता में नेहरू की अलोचना की गई थी। दोनों ने इसके लिए कांग्रेस से माफी मांगने से मना कर दिया था। जिसके कारण उन्‍हें जेल जाना पड़ा था। ऐसे लोग हमारे सामने संविधान पर खतरा होने की बात कर रहे हैं। *अभिव्यक्ति की आजादी कम करने का कांग्रेस का रिकॉर्ड-सीतारमण* केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, अभिव्यक्ति की आजादी को कम करने का कांग्रेस का रिकॉर्ड इन दो लोगों तक ही सीमित नहीं था। साल 1975 में माइकल एडवर्ड्स की लिखी गई राजनीतिक जीवनी “नेहरू” पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। उन्होंने “किस्सा कुर्सी का” नामक एक फिल्म (1975) पर भी बैन लगा दिया, क्योंकि इसमें प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और उनके बेटे पर सवाल उठाए गए थे। सीतारमण ने आगे कहा कि द्वितीय विश्व युद्ध के बाद 50 से अधिक देश स्वतंत्र हो गए थे और उन्होंने अपना संविधान लिख लिया था, लेकिन कई लोगों ने अपने संविधान को बदल दिया है, न केवल उनमें संशोधन किया है बल्कि वस्तुतः उनके संविधान की संपूर्ण विशेषता को बदल दिया है। इस सबके बावजूद हमारा संविधान निश्चित रूप से समय की कसौटी पर खरा उतरा है और इसमें कई संशोधन हुए हैं। *जयराम रमेश पर भड़कीं सीतारमण* निर्मला सीतारमण राज्‍यसभा में अपनी बात रख रही थी। इसी बीच इमरजेंसी को लेकर जयराम रमेश ने इंदिरा गांधी का बचाव करने का प्रयास किया। दरअसल, जयराम रमेश ने यह तो कहा कि इंदिरा गांधी ने 42 संशोधन को हटाने में साथ दिया लेकिन वो यह बताना भूल गए कि यह संशोधन मोरारजी देसाई लेकर आए थे। अपने भाषण के दौरान निर्मला जीएसटी का जिक्र कर रही थीं इसी दौरान रमेश ने उन्हें झूठ बोलने वाला कहा। इस आरोप पर निर्मला भड़क गईं। निर्मला ने कहा कि रमेश मेरे ऊपर झूठ बोलने का आरोप लगा रहे हैं। जो मैंने कभी नहीं बोला है। सीतारमण ने कहा कि मैं बुरा नहीं मानूंगी कि अगर जयराम रमेश एक और बार मुझे झूठा कहेंगे। लेकिन रिकॉर्ड सब बता देंगे। जयराम रमेश कुछ संशोधन लाना चाहते थे लेकिन डॉक्‍टर मनमोहन सिंह ने निजी तौर पर उन्‍हें कहा कि आप ऐसा ना करें। क्‍योंकि इसे लेकर जीएसटी काउंसिल में एक सहमति बनी है। सीतारमण ने जयराम की ओर इशारा करते हुए कहा कि सर मैं झूठ नहीं बोल रही हूं। रिकॉर्ड्स झूठ नहीं बोलते हैं। अब मुझे झूठा बोलने की जल्‍दबाजी में मत रहे। वित्त मंत्री ने कहा कि मुझे झूठा बोलना ये साफ करता है कि कांग्रेस के खून में झूठ बोलना है। किसी को मुझे झूठा बोलने पर कोर्ट तक जान पड़ा था और वहां सॉरी बोलना पड़ा था। जब मैं रक्षा मंत्री थी। वो केवल पीएम मोदी को चोर नहीं कह रहे थे बल्कि मेरे ऊपर भी झूठ बोलने का आरोप लगा रहे थे। कौन थे वो? हालांकि, निर्मला ने साथ ही कहा कि सदन में बोले गए बातों को कोर्ट तक नहीं ले जाया जा सकता है। लेकिन मैं रमेश से माफी की मांग करती हूं।
निर्मला सीतारमण ने क्यों कहा 'तमिलनाडु में हिंदी पढ़ना गुनाह'?

#nirmala_sitharaman_on_situation_of_hindi_in_tamil_nadu 

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में मंगलवार को बैंकिंग कानून (संशोधन) विधेयक, 2024 पर चर्चा के दौरान बड़ी बात कही। बैंकिंग कानून (संशोधन) विधेयक, 2024 पर लोकसभा में गरमागरम बहस के दौरान निर्मला सीतारमण ने कहा कि तमिलनाडु में हिंदी पढ़ना गुनाह लगता है। दरअसल वो कहना चाह रहीं थीं कि तमिलनाडु में “हिंदी पढ़ना गुनाह है।”

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण लोकसभा में वित्त मंत्री बैंकिंग कानून संशोधन विधेयक पर चर्चा का जवाब दे रही थीं। इस दौरान उन्होंने सपा के सदस्य राजीव रॉय द्वारा उन्हें लिखे गए एक पत्र का जिक्र करते हुए हिंदी में कुछ कह रही थीं। तभी एक शब्द पर अटकने पर उन्होंने कहा कि मेरी हिंदी भाषा इतनी अच्छी नहीं है। इस पर कुछ सदस्यों ने उनका विरोध किया। वित्त मंत्री पर आरोप लगाया गया कि वो हिंदी का मजाक बना रही हैं।

इस पर वित्त मंत्री ने कहा, मैं अपनी हिंदी का मजाक बना रही हूं। क्योंकि मैं एक ऐसे राज्य से आती हूं जहां हिंदी पढ़ना गुनाह लगता है। इसलिए मुझे बचपन से हिंदी पढ़ने से रोका गया।

निर्मला सीतारमण तमिलनाडु से आती हैं। ऐसे में वहां की द्रविड़ मुनेत्र कषगम पार्टी के नेताओं ने उनके बयान का विरोध किया। इस पर उन्होंने कहा, जब मैं कहती हूं कि (तमिलनाडु का) माहौल हिंदी सीखने के अनुकूल नहीं था तो ये मैं राज्य में अपने निजी अनुभव से कहती हूं। मेरा अपना अनुभव है कि स्कूल से अलग जब मैंने हिंदी सीखी तो तमिलनाडु की सड़कों पर मेरा मजाक उड़ाया गया। ये मेरा अपना अनुभव है।

उन्होंने द्रमुक सांसदों को आड़े हाथ लेते हुए कहा, ‘‘वे हिंदी को थोपने के खिलाफ हैं, मैं उसका समर्थन करती हूं। किसी पर कुछ भी नहीं थोपा जाना चाहिए।''लेकिन मुझ पर हिंदी नहीं सीखने का दबाव क्यों डाला गया। मैं जो भाषा सीखना चाहूं, सीख सकती हूं।'

सीतारमण ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत' की बात करते हैं और सभी राज्यों को उनकी भाषाओं को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहित करते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए मोदी देश के पहले प्रधानमंत्री हैं जिन्होंने कहा कि इंजीनियरिंग और मेडिकल जैसी उच्च शिक्षा भी स्थानीय भाषाओं में दी जानी चाहिए। इसलिए मुझे कहते हुए प्रसन्नता हो रही है कि आज तमिलनाडु में भी मेडिकल शिक्षा तमिल में प्राप्त की जा सकती है।''

सीतारमण ने कहा कि मोदी पहले प्रधानमंत्री हैं जो तमिल भाषा को संयुक्त राष्ट्र में ले गए, वह बार-बार अपने भाषणों में तमिल कवियों के उद्धरण का उल्लेख करते हैं क्योंकि वह उस भाषा का सम्मान करते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘द्रमुक के गठबंधन सहयोगी दलों से बने एक प्रधानमंत्री का नाम बताएं जिन्होंने तमिल कवियों को उद्धृत किया। हमारे प्रधानमंत्री (मोदी) ने किया।''

महाराष्ट्र के लिए बीजेपी ने नियुक्त किए पर्यवेक्षक, सीतारमण-विजय रूपाणी को मिली ये बड़ी जिम्मेदारी

#bjp_appoints_nirmala_sitharaman_vijay_rupani_as_maharashtra_observers

महाराष्ट्र में चुनाव खत्म होकर नतीजे आए भी हफ्ते से ज्यादा हो गया है। लेकिन एनडीए को बंपर जीत के बाद भी अब तक मुख्यमंत्री कौन बनेगा, इसका तक ऐलान नहीं हुआ है।महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री के चेहरे को लेकर अभी तक सस्पेंस की स्थिति बनी हुई है। यह तो तय है कि मुख्यमंत्री बीजेपी का ही होगा, लेकिन कौन होगा इस पर फैसला अभी होना बाकी है। इस बीच भारतीय जनता पार्टी ने महाराष्ट्र में पार्टी विधायक दल के नेता के चुनाव के लिए केंद्रीय पर्यवेक्षक नियुक्त कर दिया है। बीजेपी ने गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी और केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को केंद्रीय पर्यवेक्षक नियुक्त किया है।इनकी मौजूदगी में ही पार्टी विधायक दल के नेता का चयन होगा।

बीजेपी की ओर से सोमवार को जारी एक बयान में यह घोषणा की गई। भाजपा महासचिव अरुण सिंह की ओर से जारी एक बयान में कहा गया कि पार्टी के संसदीय बोर्ड ने महाराष्ट्र में पार्टी विधायक दल के नेता के चुनाव के लिए विजय रूपाणी और निर्मला सीतारमण को केंद्रीय पर्यवेक्षक नियुक्त किया है। महाराष्ट्र में पार्टी विधायक दल के नेता के चुनाव के लिए इन दोनों नेताओं की नियुक्ति की गई है। 4 दिसंबर को महाराष्ट्र में बीजेपी के विधायक दल की बैठक होनी है। विधायक दल की बैठक में नेता का चुनाव होगा और इसके बाद सरकार गठन के आगे की कार्यवाही होगी।

बीजेपी विधायक दल की बैठक में जिस नेता के नाम पर मुहर लगेगी उसी के नेतृत्व में महाराष्ट्र में महायुति की सरकार के गठन का दावा पेश किया जाएगा। महायुति में बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी है। सबकी नजरें इसी बात पर टिकी हैं कि बीजेपी का नेता कौन होगा। सूत्रों की मानें तो देवेंद्र फडणवीस इस रेस में सबसे आगे चल रहे हैं।

चुनावी नतीजों की घोषणा के एक हफ्ते से अधिक समय बाद भी महाराष्ट्र में नई सरकार का गठन नहीं हुआ है। कार्यवाहक मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि वह नए मुख्यमंत्री के चयन को लेकर भाजपा के फैसले का समर्थन करेंगे 0उनकी इस घोषणा के बाद लगभग यह स्पष्ट हो गया है कि महाराष्ट्र का अगला मुख्यमंत्री भाजपा से होगा। भाजपा ने घोषणा की है कि नई महायुति सरकार का शपथ ग्रहण समारोह पांच दिसंबर की शाम दक्षिण मुंबई के आजाद मैदान में होगा और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इसमें शामिल होंगे।

बता दें कि महाराष्ट्र में महायुति ने 288 सदस्यीय विधानसभा में 230 सीट पर जीत हासिल की है। भाजपा ने सबसे ज्यादा 132 सीट पर जीत दर्ज की, जबकि एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना को 57 और अजित पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) को 41 सीट मिलीं।

నేడు 54వ జీఎస్టీ కౌన్సిల్ సమావేశం.. బీమాతోపాటు కీలక అంశాలపై నిర్ణయం

నేడు 54వ జీఎస్టీ కౌన్సిల్ సమావేశం(54th GST Council meeting) ఢిల్లీలో(delhi) జరగనుంది. ఈ సమయంలో బీమా ప్రీమియం, ఆన్‌లైన్ గేమింగ్ సహా పలు పన్నుల విషయంలో నిర్ణయం తీసుకోనున్నారు. ఆరోగ్య బీమా ప్రీమియంలపై విధించే జీఎస్టీ, రాబడి ప్రభావంపై ఫిట్‌మెంట్ కమిటీ నివేదిక సమర్పించనుందని ఆయా వర్గాలు చెబుతున్నాయి. ఈ కమిటీలో కేంద్ర, రాష్ట్ర పన్నుల అధికారులు ఉంటారు. మండలిలో రాష్ట్రాల ఆర్థిక మంత్రులు కూడా పాల్గొంటారు. కేంద్ర ఆర్థిక మంత్రి నిర్మల సీతారామన్(nirmala sitharaman) అధ్యక్షతన జరగనున్న ఈ సమావేశానికి తెలంగాణ నుంచి ఉపముఖ్యమంత్రి, ఆర్థిక శాఖ మంత్రి భట్టి విక్రమార్క హాజరుకానున్నారు. మరోవైపు ఏపీ నుంచి ఆర్థిక మంత్రి పయ్యావుల కేశవ్, ఇతర అధికారులు పాల్గొననున్నారు.

ఆర్థిక మంత్రి నిర్మలా సీతారామన్(nirmala sitharaman) నేతృత్వంలోని జీఎస్‌టి కౌన్సిల్ ఆరోగ్య బీమాపై పన్నును ప్రస్తుత 18 శాతం నుంచి తగ్గించాలా లేదా సీనియర్ సిటిజన్‌ల వంటి కొన్ని వర్గాలకు మినహాయింపు ఇవ్వాలా అనే దానిపై నిర్ణయం తీసుకోనున్నారు. దీంతోపాటు జీవిత బీమా ప్రీమియంపై వస్తు సేవల పన్ను తగ్గింపుపై కూడా చర్చ జరిగే అవకాశం ఉంది. బీమా ప్రీమియంపై పన్ను అంశంపై ఇప్పటికే ప్రతిపక్షాలు పార్లమెంటులో లేవనెత్తారు. ఆరోగ్య, జీవిత బీమా ప్రీమియంలను జీఎస్టీ నుంచి తప్పించాలని విపక్ష సభ్యులు డిమాండ్ చేశాయి. దీంతోపాటు ఈ విషయంపై సీతారామన్‌కు రోడ్డు రవాణా, రహదారుల శాఖ మంత్రి నితిన్ గడ్కరీ కూడా లేఖ రాశారు.

ఆర్థిక మంత్రి నిర్మలా సీతారామన్ ఆర్థిక బిల్లుపై చర్చకు సమాధానమిస్తూ 75 శాతం జీఎస్‌టీ వసూళ్లు రాష్ట్రాలకు వెళ్తాయని, జీఎస్‌టీ కౌన్సిల్‌లో ప్రతిపాదన తీసుకురావాలని ప్రతిపక్ష సభ్యులు తమ రాష్ట్ర ఆర్థిక మంత్రులను కోరాలని అన్నారు. పశ్చిమ బెంగాల్ ఆర్థిక మంత్రి చంద్రిమా భట్టాచార్య గత నెలలో రేట్ల హేతుబద్ధీకరణపై మంత్రుల బృందం (GoM) సమావేశంలో ఈ అంశాన్ని లేవనెత్తారు. తదుపరి విశ్లేషణ కోసం ఈ అంశాన్ని ఫిట్‌మెంట్ కమిటీకి సిఫార్సు చేశారు.

మంత్రుల బృందం (GoM) ప్రస్తుత నాలుగు స్థాయి GST స్లాబ్‌లు 5, 12, 18, 28 శాతంలో ఏదైనా మార్పుపై భిన్నాభిప్రాయాలను వ్యక్తం చేసింది. వస్తువులు, సేవల రేట్లను హేతుబద్ధీకరించే అవకాశాన్ని పరిగణనలోకి తీసుకోవాలని గ్రూప్ ఫిట్‌మెంట్ కమిటీని కోరింది. మరోవైపు ఆన్‌లైన్ గేమింగ్‌కు సంబంధించి కేంద్ర, రాష్ట్ర పన్ను అధికారులు జీఎస్టీ కౌన్సిల్ ముందు స్టేటస్ రిపోర్టును అందజేస్తారు. నివేదికలో అక్టోబర్ 1, 2023కి ముందు, తర్వాత ఆన్‌లైన్ గేమింగ్ సెక్టార్ నుంచి GST రాబడి సేకరణ ఉంటుంది. ఆన్‌లైన్ గేమింగ్ ప్లాట్‌ఫారమ్‌లు, క్యాసినోలు అక్టోబర్ 1, 2023 నుంచి ఎంట్రీ లెవల్ మొత్తాలపై 28 శాతం GSTకి లోబడి ఉంది. అంతకుముందు అనేక ఆన్‌లైన్ గేమింగ్ కంపెనీలు 28 శాతం GST చెల్లించడం లేదు.

Nirmalasitharaman VS Rahulgandi

RAHUL GANDHI : "Govt is not giving MSP Guarantee to Farmers"

FM NIRMALA SITHARAMAN - MSP report was junked by Congress, now shedding crocodile tears for farmers.

CONGRESS - "Only Specific states got funds in budget"

FM - 26 states were not named in 2009 Budget. State not being named doesn't mean it was not included in Budget

Image

Nirmala Sitharaman bursts into laughter amidst Rahul Gandhi's speech.

Rahul started showing the picture of the halwa ceremony.

He said "The budget halwa is being distributed and in this picture not a single OBC, SC, ST officer is visible"

RAHUL - "You are eating halwa and the rest of the people are not getting halwa"

Nirmala Sitharaman put both her hands on forehead.

राहुल गांधी ने बजट पर चर्चा में कही ऐसी बात, जिसपर वित्त मंत्री ने पकड़ा माथा
#rahul_gandhi_vs_nirmala_sitharaman_budget_session

कांग्रेस सांसद और नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने सोमवार को लोकसभा में बजट पर भाषण के दौरान सरकार को घेरा। नेता प्रतिपक्ष ने दलित, पिछड़ा वर्ग और गरीब वर्ग का मुद्दा उठाते हुए कहा कि उनके लिए बजट में कुछ नहीं था। बजट को राहुल गांधी ने हलवा बताते हुए कहा कि 20 लोगों ने बजट तैयार किया, जिनमें माइनॉरिटी और पिछड़ा वर्ग के सिर्फ दो ही लोग थे।

राहुल ने सदन में बजट के दौरान हलवा सेरेमनी वाली फोटो दिखाने की अनुमति मांगी। इस पर लोकसभा स्पीकर ने आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि यह नियमों के खिलाफ है। राहुल गांधी ने कहा कि मैं फोटो दिखाना चाहता हूं, इसमें बजट का हलवा बंट रहा है, इसमें एक ओबीसी, आदिवासी, दलित अफसर नहीं दिख रहा है। देश का हलुवा खा रहे हो और बाकी लोगों को हलवा नहीं मिल रहा है। राहुल की इस बात पर केंद्रीय वित्त मंत्री ने माथा पकड़ लिया।

राहुल गांधी ने कहा कि देश का हलवा 20 लोगों ने बांटने का काम किया है 90 फीसदी लोगों में से सिर्फ दो है एक अल्पसंख्यक और एक ओबीसी और फोटो में तो आपने आने ही नहीं दिया। उन्होंने कहा, 'सर आप हलवा खा रहे हैं और बाकि लोगों को हलवा मिल ही नहीं रहा है। हमने पता किया है कि 20 अधिकारियों ने बजट तैयार किया है। अगर आप लोग नाम चाहते हैं तो मैं आपको इन अधिकारियों के नाम भी दे सकता हूं।' उन्होंने आगे कहा कि इसका मतलब 20 अधिकारियों ने बजट बनाया है। मतलब हिंदुस्तान का हलवा 20 लोगों ने बांटा है। बांटता कौन है वही दो या तीन प्रतिशत लोग, मिलता किसे है? केवल इन तीन प्रतिशत को ही। बाकी 99 प्रतिशत को क्या मिलता है?  नेता प्रतिपक्ष ने कहा, मैं चाहता था कि जाति जनगणना की बात उठे। 95 प्रतिशत ये चाहते हैं, दलित, आदिववासी, अल्पसंख्यक और गरीब सवर्ण चाहते हैं सभी चाहते हैं कि उनकी हिस्सेदारी कितनी है।

राहुल गांधी ने बजट भाषण में पेपर लीक मुद्दे का जिक्र न करने के लिए निर्मला सीतारमण पर हमला बोला। इस मुद्दे पर बात करते हुए उन्होंने आरोप लगाया कि पिछले 10 सालों में देश में पेपर लीक के 70 मामले सामने आए हैं। राहुल गांधी ने केंद्र सरकार पर हमला करते हुए कहा कि 99% युवा केंद्रीय बजट 2024 में पेश किए गए इंटर्नशिप कार्यक्रम के लिए पात्र नहीं होंगे। उन्होंने कहा कि आपने युवाओं के लिए क्या किया? इस दौरान राहुल गांधी के एक बयान पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी खड़े हो गए। उन्होंने कहा कि अग्निवीर को लेकर नेता प्रतिपक्ष देश को गुमराह कर रहे हैं।
निर्मला सीतारमण: भारत की वित्त मंत्री के रूप में उनके योगदान और भूमिका

#nirmalasitaramantransformingindianeconomy

Nirmala Sitaraman (Union FM)

निर्मला सीतारमण भारत की केंद्रीय वित्त मंत्री के रूप में एक महत्वपूर्ण और प्रभावशाली नेता के रूप में उभरी हैं। उनका कार्यकाल भारतीय अर्थव्यवस्था को नई दिशा देने में महत्वपूर्ण साबित हुआ है। यहाँ उनके योगदान और वित्त मंत्री के रूप में उनके कार्यों पर विस्तृत चर्चा की जा रही है:

1. प्रारंभिक जीवन और शिक्षा

-जन्म: निर्मला सीतारमण का जन्म 18 अगस्त 1959 को तमिलनाडु के तिरुचिरापल्ली में हुआ था।

- शिक्षा: उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक की डिग्री प्राप्त की और फिर जॉर्ज वाशिंगटन विश्वविद्यालय से आर्थिक और अंतर्राष्ट्रीय व्यापार में पोस्ट-ग्रेजुएशन की डिग्री ली। 

-प्रारंभिक करियर: इससे पहले कि वे भारतीय राजनीति में प्रवेश करतीं, उन्होंने एक शिक्षक, अर्थशास्त्र के विद्वान और कॉर्पोरेट दुनिया में काम किया था। वे ब्रिटेन स्थित एक प्रमुख थिंक टैंक "हेरिटेज फाउंडेशन" की सदस्य भी रह चुकी हैं। 

2. राजनीति में प्रवेश

निर्मला सीतारमण भारतीय जनता पार्टी (भा.ज.पा.) से जुड़ीं और 2014 में नरेंद्र मोदी सरकार के गठन के समय, उन्हें केंद्रीय मंत्री के रूप में कार्यभार सौंपा गया। उन्हें पहले रक्षा मंत्री के रूप में कार्यभार सौंपा गया था, और बाद में 2019 में वित्त मंत्री का पद मिला।

3. वित्त मंत्री के रूप में कार्यकाल (2019 - वर्तमान)

निर्मला सीतारमण ने जुलाई 2019 में भारत की केंद्रीय वित्त मंत्री के रूप में शपथ ली। वे पहली महिला वित्त मंत्री थीं जिन्हें स्वतंत्र भारत में यह महत्वपूर्ण पद मिला। उनके कार्यकाल में भारतीय अर्थव्यवस्था को पुनर्निर्माण और विकास की दिशा में कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए:

   3.1. आर्थिक सुधारों को बढ़ावा

- विकसित और उदार नीतियाँ: निर्मला सीतारमण ने भारत की आर्थिक नीतियों को लचीला और उदार बनाने की दिशा में कई कदम उठाए, जैसे कॉर्पोरेट टैक्स में कटौती और व्यापारों को बढ़ावा देने के लिए नई योजनाओं की शुरुआत।

- वित्तीय विनियमन: वित्तीय क्षेत्र में सुधार और मजबूत विनियमन की दिशा में उन्होंने कई महत्वपूर्ण कदम उठाए, जिसमें बैंकों की पूंजी में वृद्धि, वित्तीय संस्थानों के सुधार और अनुकूलित टैक्स नीतियाँ शामिल हैं।

  

  3.2. कोविड-19 संकट के दौरान प्रभावी कदम

- आर्थिक पैकेज: कोविड-19 महामारी के संकट के समय, निर्मला सीतारमण ने भारत सरकार के द्वारा घोषित किए गए आर्थिक पैकेज को लागू किया। उन्होंने गरीबों, श्रमिकों और छोटे व्यापारों के लिए राहत उपायों का ऐलान किया, जैसे प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना, ECLGS (Emergency Credit Line Guarantee Scheme), और मुद्रा लोन योजनाएँ। 

- माइक्रो, स्मॉल और मीडियम एंटरप्राइजेज (MSMEs) के लिए योजनाएँ: कोविड-19 से प्रभावित MSMEs को पुनः सक्षम बनाने के लिए वित्त मंत्री ने कई योजनाओं की शुरुआत की, जिससे अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित किया जा सके।

  

     3.3. स्वच्छ भारत और आत्मनिर्भर भारत अभियान

- आत्मनिर्भर भारत पैकेज: निर्मला सीतारमण ने आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत 20 लाख करोड़ रुपये के पैकेज की घोषणा की, जिसका उद्देश्य भारतीय अर्थव्यवस्था को आत्मनिर्भर बनाना था। इस योजना में कृषि, उद्योग, MSMEs, और अन्य क्षेत्रों के लिए विभिन्न सुधार और सहायता पैकेज शामिल थे।

  

    3.4. जीएसटी सुधार

- जीएसटी (GST) में सुधार: निर्मला सीतारमण ने जीएसटी प्रणाली में सुधार की दिशा में कई पहल कीं। उन्होंने छोटे व्यापारियों के लिए जीएसटी रिटर्न भरने में सरलता लाने और जीएसटी दरों में बदलाव करने की दिशा में कदम उठाए। 

- जीएसटी काउंसिल की बैठकें: उन्होंने जीएसटी काउंसिल की बैठक में राज्यों और केंद्रीय सरकार के बीच सामंजस्य स्थापित करने का कार्य किया, जिससे कर प्रणाली को सशक्त किया गया।

    3.5. कृषि क्षेत्र में सुधार

- कृषि सुधार: निर्मला सीतारमण ने कृषि क्षेत्र के सुधार के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए, जैसे कृषि सुधार विधेयक, जो किसानों को अधिक अधिकार और समर्थन देने के लिए लाए गए थे। हालांकि, यह विधेयक विवादों में भी रहा, लेकिन इसका उद्देश्य भारतीय कृषि क्षेत्र को अधिक प्रतिस्पर्धात्मक और लाभकारी बनाना था।

     3.6. बैंकिंग और वित्तीय क्षेत्र में सुधार

- बैंकिंग क्षेत्र की पुनर्पूंजीकरण: उन्होंने भारतीय बैंकों के पुनर्पूंजीकरण के लिए कई योजनाएँ बनाई, ताकि बैंकों को मजबूती से कार्य करने के लिए आवश्यक वित्तीय संसाधन मिल सकें।

- एनपीए (NPA) समस्या पर काबू पाना: वित्त मंत्री ने एनपीए की समस्या को हल करने के लिए कई उपाय किए और दिवाला एवं ऋणशोधन अक्षमता संहिता (IBC) को और प्रभावी बनाने की दिशा में काम किया।

  

     3.7. डिजिटल भुगतान को बढ़ावा

- डिजिटल इंडिया और कैशलेस ट्रांजैक्शंस: निर्मला सीतारमण ने डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएँ लागू कीं। उन्होंने मोबाइल पेमेंट्स, यूपीआई (Unified Payments Interface) और अन्य डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म के उपयोग को बढ़ावा दिया।

 4. उनकी नेतृत्व क्षमता और आलोचनाएँ

निर्मला सीतारमण को उनकी उत्कृष्ट नेतृत्व क्षमता और दूरदर्शिता के लिए पहचाना जाता है, लेकिन उनके कार्यकाल में कुछ आलोचनाएँ भी रही हैं। विशेष रूप से, कुछ आलोचकों का मानना है कि सरकार के फैसलों की कार्यान्वयन में प्रभावी सुधारों की कमी हो सकती है, और कुछ योजनाएँ अधिक प्रभावी रूप से लागू नहीं हो पाई हैं। साथ ही, किसानों और व्यापारियों द्वारा कई बार सरकार की नीतियों पर सवाल उठाए गए हैं। 

5. अंतर्राष्ट्रीय मंच पर सीतारमण की स्थिति*

निर्मला सीतारमण को न केवल भारतीय राजनीति में, बल्कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी वित्त और आर्थिक मामलों में एक प्रभावशाली नेता के रूप में देखा जाता है। उन्होंने G20, IMF, और विश्व बैंक जैसे अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर भारतीय नीतियों और हितों का प्रतिनिधित्व किया है। उनके नेतृत्व में भारत ने वैश्विक अर्थव्यवस्था में अपनी स्थिति को मजबूत किया और प्रमुख वैश्विक सुधारों में सक्रिय रूप से भाग लिया।

निर्मला सीतारमण का कार्यकाल भारतीय अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ बनाने और वित्तीय सुधारों की दिशा में कई महत्वपूर्ण कदम उठाने वाला रहा है। उन्होंने भारतीय समाज के विभिन्न वर्गों के लिए वित्तीय समावेशिता, व्यवसाय को बढ़ावा देने और श्रमिकों के हित में कई योजनाएँ बनाई हैं। हालांकि, उनके कार्यों की आलोचना भी की गई है, लेकिन उनके योगदान और नेतृत्व के कारण वे एक स्थायी और महत्वपूर्ण स्थान पर खड़ी हैं। निर्मला सीतारमण ने यह साबित किया है कि महिला नेतृत्व केवल दायित्व नहीं, बल्कि उत्कृष्टता की ओर भी कदम बढ़ाता है।

बजट तैयार करने में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को मिला इनका साथ, जानें पर्दे के पीछे कौन?

#finance_minister_nirmala_sitharaman_budget_team

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण अब से थोड़ी ही देर में देश का आम बजट पेश करेंगी। बजट का निर्माण केवल एक दिन का काम नहीं है, यह एक जटिल और गहन प्रक्रिया होती है, जिसमें कई विभागों और मंत्रालयों के बीच समन्वय करना होता है। क्या आप जानते हैं कि बजट कौन तैयार करता है। आर्थिक मामलों के सचिव और मुख्य आर्थिक सलाहकार के अलावा अधिकारियों की पूरी एक नई टीम सीतारमण को आगामी बजट की रणनीति तैयार करने में मदद की है। यहां हम आपको उन अधिकारियों के बारे में बता रहे हैं जो बजट बनाने की प्रक्रिया से करीब से जुड़े हैं।

हर साल वित्त मंत्री की देखरेख में बजट तैयार किया जाता है। बजट तैयार करने के लिए खास लोगों का चुनाव किया जाता है, जो बजट का खाका तैयार करते हैं और फिर अप्रूवल मिलने के बाद वो बजट तैयार होता है जिसे सदन में वित्त मंत्री पढ़ते हैं। इस साल बजट तैयार करने में कई लोग अपना अहम योगदान रहा,इस टीम में शामिल मुख्य लोगों के नाम इस प्रकार हैः-

1. तुहिन कांत पांडे, फाइनेंस एंड रेवेन्यू सेक्रेटरी: बजट 2025-26 तैयार कर रही टीम के अहम खिलाड़ियों में 1987 बैच के ओडिशा कैडर के आईएएस अधिकारी तुहिन कांत पांडे शामिल है. फाइनेंस एंड रेवेन्यू सेक्रेटरी के पद पर नियुक्त तुहिन कांत पांडे बजट में टैक्स छूट की, रेवेन्यू जुटाने के तरीकों को देख रहे हैं. वो इनकम टैक्स कानून में बदलाव की प्रक्रिया को देख रहे हैं, जो संसद में पेश किया जाएगा.

2. वी अनंत नागेश्वरन, चीफ इकनॉमिक एडवाइजर: आईआईएम-अहमदाबाद के पूर्व छात्र और मैसाचुसेट्स यूनिवर्सिटी से डॉक्टरेट वी अनंत नागेश्वरन बजट टीम का हिस्सा है। उनकी ओर से इकनॉमिक सर्वे तैयार की जा रही है, जो बजट की दिशा तय करेगी।

3. अजय सेठ, डिपार्टमेंट ऑफ इकनॉमिक अफेयर्स: अंतिम बजट दस्तावेज तैयार करने वाली टीम का नेतृत्व कर रहे अजय सेठ की जिम्मेदारी व्यापक आर्थिक स्थिरता की देखरेख करना है। 1987 बैच के कर्नाटक कैडर के आईएएस अधिकारी मांग के बीच ग्रोथ और फिस्कल कंसोलिडेशन जरूरतों को संतुलित करने की जिम्मेदारी निभा रहे हैं।

4. अरुणीश चावलाः1992 बैच के बिहार कैडर के आईएएस अधिकारी अरुणीश चावला को 15 दिन तक राजस्व सचिव रहने के बाद 8 जनवरी को विनिवेश एवं सार्वजनिक संपत्ति प्रबंधन विभाग के सचिव का पदभार मिला। चावला ने अस्थायी रूप से सार्वजनिक उद्यम विभाग और संस्कृति मंत्रालय में भी पदभार संभाला। दीपम सचिव के रूप में चावला विनिवेश, मुद्रीकरण और आईडीबीआई बैंक बेचने सहित कई अन्य सरकारी पहल का काम देखेंगे।

5. एम.नागराजूःत्रिपुरा कैडर के 1993 बैक के आईएएस अधिकारी एम.नागराजू को 19 अगस्त, 2024 को वित्त मंत्रालय के वित्तीय सेवा विभाग में सचिव के पद पर नियुक्त किया गया। वह फिनटेक के विनियमन, वित्तीय समावेशन और डिजिटल वित्तीय बुनियादी ढांचे के निर्माण पर इस बजट में वित्त मंत्री को सलाह देने वाले प्रमुख व्यक्तियों में से एक होंगे। हैदराबाद विश्वविद्यालय से परास्नातक नागराजू इसके पहले स्वास्थ्य, महिला एवं बाल विकास, वित्त, वाणिज्य और उद्योग जैसे महत्त्वपूर्ण विभागों में सचिव से लेकर प्रधान सचिव पद पर रह चुके हैं। नागराजू 2008 से 2012 के बीच वाशिंगटन में विश्व बैंक के कार्यकारी निदेशक के सलाहकार के रूप में भी काम कर चुके हैं।

6. मनोज गोविल, डिपार्टमेंट ऑफ एक्सपेंडीचर के सेक्रेटरीः मनोज गोविल 1991 बैच के मध्य प्रदेश कैडर के आईएएस अधिकारी हैं। गोविल की टीम डिपार्टमेंट ऑफ एक्सपेंडिचर में काम कर रही है। सब्सिडी और इसमें बदलाव, केंद्र प्रायोजित योजनाओं को सुसंगत बनाना, व्यय की गुणवत्ता में सुधार करने पर इनकी टीम का प्रमुख रोल रहा है।

वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने राष्ट्रपति से की मुलाकात, बजट पेश करने की ली मंजूरी

#budget2025-26nirmala_sitharama

मोदी सरकार 3.0 का पहला पूर्णकालिक आम बजट आज पेश होने जा रहा है। बजट 2025 पर सबकी निगाहें टिकी हैं। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आज अपना लगातार आठवां बजट पेश करने की तैयारी में हैं। बजट पेश करने से पहले वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण राष्ट्रपति भवन पहुंची। वित्त मंत्री ने राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात की है। वित्त मंत्री ने राष्ट्रपति को बजट के अहम प्रावधानों और बदलावों की जानकारी दी। यह परंपरा है, जिसमें राष्ट्रपति की मंजूरी ली जाती है। राष्ट्रपति ने वित्त मंत्री का मुंह मीठा कराया। इसके बाद वित्त मंत्री कैबिनेट बैठक में शामिल होंगी, जहां से बजट को पारित किया जाएगा और फिर सुबह 11 बजे बजट को लोकसभा में पेश किया जाएगा।

मधुबनी पेंटिंग वाली साड़ी निर्मला की साड़ी

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट पेश करने के मौके पर आज खास साड़ी पहनी है। ये साड़ी मधुबनी पेंटिंग वाली है। इस साड़ी पर पद्म पुरस्कार विजेता दुलारी देवी की पेंटिंग हैं। दुलारी देवी को 2021 में पद्म श्री पुरस्कार मिला था। निर्मला सीतारमण ने जब मधुबनी की यात्रा की थी तो उन्होंने दुलारी देवी से मुलाकात भी की थी। दुलारी देवी ने तब उन्हें एक साड़ी गिफ्ट की थी और कहा था कि वो बजट के दिन इसे पहने।

क्या होगा बजट में ?

बढ़ती महंगाई और कम होती जीडीपी ग्रोथ के बीच उम्‍मीद है क‍ि सरकार की तरफ से इकोनॉमी को बूस्‍ट देने के लि‍ए इस बार बड़े ऐलान क‍िये जा सकते हैं। सूत्रों के मुताबिक, बजट में ग्रोथ बढ़ाने पर खास फोकस होगा। कंजप्शन बढ़ाने के लिए ठोस ऐलान होंगे। रेल, पोर्ट और एयरपोर्ट पर कैपेक्स बढ़ सकता है। मिडिल क्लास के लिए कई कदम उठ सकते हैं। इनकम टैक्स में बड़े बदलाव की तैयारी है। स्टैंडर्ड डिडक्शन 75000 रु से बढ़ाकर 1 लाख रु की उम्मीद है. 20% और 30% वाले स्लैब में बदलाव की गुंजाइश है। कॉरपोरेट टैक्स में सीधे तौर पर राहत की संभावना कम है।

टैक्‍स का बोझ कम करने की मांग

म‍िड‍िल क्‍लास के लोगों के लिए ज्‍यादा टैक्स का बोझ चुनौती बना हुआ है। केंद्र सरकार के पास अप्रत्यक्ष करों जैसे जीएसटी में बदलाव करने की सीमित क्षमता है, क्योंकि यह जीएसटी काउंस‍िल की तरफ से तय किया जाता है। फिर भी, जरूरी चीजों जैसे कि खाद्य तेल पर आयात शुल्क कम करके और पेट्रोलियम प्रोडक्‍ट पर टैक्स में कुछ राहत दी जा सकती है। म‍िड‍िल क्‍लास की इनकम टैक्स का बोझ कम करने की भी लंबे समय से मांग रही है, क्योंकि इससे उनके पास खर्च करने के लिए ज्‍यादा पैसे बचेंगे।

पेंशन पर क्या ऐलान हो सकता है?

पेंशन के मोर्चे पर बजट में बड़ा ऐलान हो सकता है। एनपीएस, ईपीएस और यूपीएस जैसे पेंशन स्कीमों को लेकर बजट में बड़े ऐलान संभव हैं।एनपीएस में रिटायरमेंट पर 40% फंड को एन्युटी में निवेश की बाध्यता खत्म हो सकती है।

राज्यसभा में जयराम रमेश पर क्यों भड़क गईं निर्मला सीतारमण, बोलीं-लिखित में माफी मांगें
#minister_nirmala_sitharaman_demand_apology_from_jairam_ramesh


* संसद का शीतकालीन सत्र चल रहा है। संविधान को अंगीकार किए जाने के 75 साल पूरे होने के अवसर संसद में संविधान पर चर्चा कराई जा रही है। पिछले हफ्ते लोकसभा में 2 दिन तक संविधान पर चर्चा हुई थी। राज्यसभा में आज और कल संविधान पर चर्चा होगी और पीएम मोदी मंगलवार को जवाब देंगे। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज राज्यसभा में संविधान पर चर्चा बहस की शुरुआत की। *संविधान लागू होने के साल भर में बोलने की आजादी छीनी- सीतारमण* राज्‍यसभा में अपनी बात रखते हुए वित्‍त मंत्री निर्मला सीतारमण ने तत्‍कालीन पंडित जवाहर लाल नेहरू की सरकार पर निशाना साधा। उन्‍होंने कहा कि जब संविधान लागू हुआ, देश में एक अंतरिम सरकार थी। यह सरकार ने संविधान लागू होने के एक साल के अंदर ही संविधान का पहला संशोधन लेकर आई। इस संशोधन की मदद से लोगों की बोलने की आजादी को छीना गया। निर्मला सीतारमण ने राज्‍यसभा में कहा कि साल 1949 में काग्रेस पार्टी ने उस जमाने के बड़े बॉलीवुड स्‍टार बलराज सहानी और मजरूह सुलतानपुरी को जेल में डाल दिया था। उनका कसूर बस इतना था कि दोनों ने एक कविता सुनाई थी, इस कविता में नेहरू की अलोचना की गई थी। दोनों ने इसके लिए कांग्रेस से माफी मांगने से मना कर दिया था। जिसके कारण उन्‍हें जेल जाना पड़ा था। ऐसे लोग हमारे सामने संविधान पर खतरा होने की बात कर रहे हैं। *अभिव्यक्ति की आजादी कम करने का कांग्रेस का रिकॉर्ड-सीतारमण* केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, अभिव्यक्ति की आजादी को कम करने का कांग्रेस का रिकॉर्ड इन दो लोगों तक ही सीमित नहीं था। साल 1975 में माइकल एडवर्ड्स की लिखी गई राजनीतिक जीवनी “नेहरू” पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। उन्होंने “किस्सा कुर्सी का” नामक एक फिल्म (1975) पर भी बैन लगा दिया, क्योंकि इसमें प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और उनके बेटे पर सवाल उठाए गए थे। सीतारमण ने आगे कहा कि द्वितीय विश्व युद्ध के बाद 50 से अधिक देश स्वतंत्र हो गए थे और उन्होंने अपना संविधान लिख लिया था, लेकिन कई लोगों ने अपने संविधान को बदल दिया है, न केवल उनमें संशोधन किया है बल्कि वस्तुतः उनके संविधान की संपूर्ण विशेषता को बदल दिया है। इस सबके बावजूद हमारा संविधान निश्चित रूप से समय की कसौटी पर खरा उतरा है और इसमें कई संशोधन हुए हैं। *जयराम रमेश पर भड़कीं सीतारमण* निर्मला सीतारमण राज्‍यसभा में अपनी बात रख रही थी। इसी बीच इमरजेंसी को लेकर जयराम रमेश ने इंदिरा गांधी का बचाव करने का प्रयास किया। दरअसल, जयराम रमेश ने यह तो कहा कि इंदिरा गांधी ने 42 संशोधन को हटाने में साथ दिया लेकिन वो यह बताना भूल गए कि यह संशोधन मोरारजी देसाई लेकर आए थे। अपने भाषण के दौरान निर्मला जीएसटी का जिक्र कर रही थीं इसी दौरान रमेश ने उन्हें झूठ बोलने वाला कहा। इस आरोप पर निर्मला भड़क गईं। निर्मला ने कहा कि रमेश मेरे ऊपर झूठ बोलने का आरोप लगा रहे हैं। जो मैंने कभी नहीं बोला है। सीतारमण ने कहा कि मैं बुरा नहीं मानूंगी कि अगर जयराम रमेश एक और बार मुझे झूठा कहेंगे। लेकिन रिकॉर्ड सब बता देंगे। जयराम रमेश कुछ संशोधन लाना चाहते थे लेकिन डॉक्‍टर मनमोहन सिंह ने निजी तौर पर उन्‍हें कहा कि आप ऐसा ना करें। क्‍योंकि इसे लेकर जीएसटी काउंसिल में एक सहमति बनी है। सीतारमण ने जयराम की ओर इशारा करते हुए कहा कि सर मैं झूठ नहीं बोल रही हूं। रिकॉर्ड्स झूठ नहीं बोलते हैं। अब मुझे झूठा बोलने की जल्‍दबाजी में मत रहे। वित्त मंत्री ने कहा कि मुझे झूठा बोलना ये साफ करता है कि कांग्रेस के खून में झूठ बोलना है। किसी को मुझे झूठा बोलने पर कोर्ट तक जान पड़ा था और वहां सॉरी बोलना पड़ा था। जब मैं रक्षा मंत्री थी। वो केवल पीएम मोदी को चोर नहीं कह रहे थे बल्कि मेरे ऊपर भी झूठ बोलने का आरोप लगा रहे थे। कौन थे वो? हालांकि, निर्मला ने साथ ही कहा कि सदन में बोले गए बातों को कोर्ट तक नहीं ले जाया जा सकता है। लेकिन मैं रमेश से माफी की मांग करती हूं।
निर्मला सीतारमण ने क्यों कहा 'तमिलनाडु में हिंदी पढ़ना गुनाह'?

#nirmala_sitharaman_on_situation_of_hindi_in_tamil_nadu 

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में मंगलवार को बैंकिंग कानून (संशोधन) विधेयक, 2024 पर चर्चा के दौरान बड़ी बात कही। बैंकिंग कानून (संशोधन) विधेयक, 2024 पर लोकसभा में गरमागरम बहस के दौरान निर्मला सीतारमण ने कहा कि तमिलनाडु में हिंदी पढ़ना गुनाह लगता है। दरअसल वो कहना चाह रहीं थीं कि तमिलनाडु में “हिंदी पढ़ना गुनाह है।”

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण लोकसभा में वित्त मंत्री बैंकिंग कानून संशोधन विधेयक पर चर्चा का जवाब दे रही थीं। इस दौरान उन्होंने सपा के सदस्य राजीव रॉय द्वारा उन्हें लिखे गए एक पत्र का जिक्र करते हुए हिंदी में कुछ कह रही थीं। तभी एक शब्द पर अटकने पर उन्होंने कहा कि मेरी हिंदी भाषा इतनी अच्छी नहीं है। इस पर कुछ सदस्यों ने उनका विरोध किया। वित्त मंत्री पर आरोप लगाया गया कि वो हिंदी का मजाक बना रही हैं।

इस पर वित्त मंत्री ने कहा, मैं अपनी हिंदी का मजाक बना रही हूं। क्योंकि मैं एक ऐसे राज्य से आती हूं जहां हिंदी पढ़ना गुनाह लगता है। इसलिए मुझे बचपन से हिंदी पढ़ने से रोका गया।

निर्मला सीतारमण तमिलनाडु से आती हैं। ऐसे में वहां की द्रविड़ मुनेत्र कषगम पार्टी के नेताओं ने उनके बयान का विरोध किया। इस पर उन्होंने कहा, जब मैं कहती हूं कि (तमिलनाडु का) माहौल हिंदी सीखने के अनुकूल नहीं था तो ये मैं राज्य में अपने निजी अनुभव से कहती हूं। मेरा अपना अनुभव है कि स्कूल से अलग जब मैंने हिंदी सीखी तो तमिलनाडु की सड़कों पर मेरा मजाक उड़ाया गया। ये मेरा अपना अनुभव है।

उन्होंने द्रमुक सांसदों को आड़े हाथ लेते हुए कहा, ‘‘वे हिंदी को थोपने के खिलाफ हैं, मैं उसका समर्थन करती हूं। किसी पर कुछ भी नहीं थोपा जाना चाहिए।''लेकिन मुझ पर हिंदी नहीं सीखने का दबाव क्यों डाला गया। मैं जो भाषा सीखना चाहूं, सीख सकती हूं।'

सीतारमण ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत' की बात करते हैं और सभी राज्यों को उनकी भाषाओं को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहित करते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए मोदी देश के पहले प्रधानमंत्री हैं जिन्होंने कहा कि इंजीनियरिंग और मेडिकल जैसी उच्च शिक्षा भी स्थानीय भाषाओं में दी जानी चाहिए। इसलिए मुझे कहते हुए प्रसन्नता हो रही है कि आज तमिलनाडु में भी मेडिकल शिक्षा तमिल में प्राप्त की जा सकती है।''

सीतारमण ने कहा कि मोदी पहले प्रधानमंत्री हैं जो तमिल भाषा को संयुक्त राष्ट्र में ले गए, वह बार-बार अपने भाषणों में तमिल कवियों के उद्धरण का उल्लेख करते हैं क्योंकि वह उस भाषा का सम्मान करते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘द्रमुक के गठबंधन सहयोगी दलों से बने एक प्रधानमंत्री का नाम बताएं जिन्होंने तमिल कवियों को उद्धृत किया। हमारे प्रधानमंत्री (मोदी) ने किया।''

महाराष्ट्र के लिए बीजेपी ने नियुक्त किए पर्यवेक्षक, सीतारमण-विजय रूपाणी को मिली ये बड़ी जिम्मेदारी

#bjp_appoints_nirmala_sitharaman_vijay_rupani_as_maharashtra_observers

महाराष्ट्र में चुनाव खत्म होकर नतीजे आए भी हफ्ते से ज्यादा हो गया है। लेकिन एनडीए को बंपर जीत के बाद भी अब तक मुख्यमंत्री कौन बनेगा, इसका तक ऐलान नहीं हुआ है।महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री के चेहरे को लेकर अभी तक सस्पेंस की स्थिति बनी हुई है। यह तो तय है कि मुख्यमंत्री बीजेपी का ही होगा, लेकिन कौन होगा इस पर फैसला अभी होना बाकी है। इस बीच भारतीय जनता पार्टी ने महाराष्ट्र में पार्टी विधायक दल के नेता के चुनाव के लिए केंद्रीय पर्यवेक्षक नियुक्त कर दिया है। बीजेपी ने गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी और केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को केंद्रीय पर्यवेक्षक नियुक्त किया है।इनकी मौजूदगी में ही पार्टी विधायक दल के नेता का चयन होगा।

बीजेपी की ओर से सोमवार को जारी एक बयान में यह घोषणा की गई। भाजपा महासचिव अरुण सिंह की ओर से जारी एक बयान में कहा गया कि पार्टी के संसदीय बोर्ड ने महाराष्ट्र में पार्टी विधायक दल के नेता के चुनाव के लिए विजय रूपाणी और निर्मला सीतारमण को केंद्रीय पर्यवेक्षक नियुक्त किया है। महाराष्ट्र में पार्टी विधायक दल के नेता के चुनाव के लिए इन दोनों नेताओं की नियुक्ति की गई है। 4 दिसंबर को महाराष्ट्र में बीजेपी के विधायक दल की बैठक होनी है। विधायक दल की बैठक में नेता का चुनाव होगा और इसके बाद सरकार गठन के आगे की कार्यवाही होगी।

बीजेपी विधायक दल की बैठक में जिस नेता के नाम पर मुहर लगेगी उसी के नेतृत्व में महाराष्ट्र में महायुति की सरकार के गठन का दावा पेश किया जाएगा। महायुति में बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी है। सबकी नजरें इसी बात पर टिकी हैं कि बीजेपी का नेता कौन होगा। सूत्रों की मानें तो देवेंद्र फडणवीस इस रेस में सबसे आगे चल रहे हैं।

चुनावी नतीजों की घोषणा के एक हफ्ते से अधिक समय बाद भी महाराष्ट्र में नई सरकार का गठन नहीं हुआ है। कार्यवाहक मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि वह नए मुख्यमंत्री के चयन को लेकर भाजपा के फैसले का समर्थन करेंगे 0उनकी इस घोषणा के बाद लगभग यह स्पष्ट हो गया है कि महाराष्ट्र का अगला मुख्यमंत्री भाजपा से होगा। भाजपा ने घोषणा की है कि नई महायुति सरकार का शपथ ग्रहण समारोह पांच दिसंबर की शाम दक्षिण मुंबई के आजाद मैदान में होगा और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इसमें शामिल होंगे।

बता दें कि महाराष्ट्र में महायुति ने 288 सदस्यीय विधानसभा में 230 सीट पर जीत हासिल की है। भाजपा ने सबसे ज्यादा 132 सीट पर जीत दर्ज की, जबकि एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना को 57 और अजित पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) को 41 सीट मिलीं।

నేడు 54వ జీఎస్టీ కౌన్సిల్ సమావేశం.. బీమాతోపాటు కీలక అంశాలపై నిర్ణయం

నేడు 54వ జీఎస్టీ కౌన్సిల్ సమావేశం(54th GST Council meeting) ఢిల్లీలో(delhi) జరగనుంది. ఈ సమయంలో బీమా ప్రీమియం, ఆన్‌లైన్ గేమింగ్ సహా పలు పన్నుల విషయంలో నిర్ణయం తీసుకోనున్నారు. ఆరోగ్య బీమా ప్రీమియంలపై విధించే జీఎస్టీ, రాబడి ప్రభావంపై ఫిట్‌మెంట్ కమిటీ నివేదిక సమర్పించనుందని ఆయా వర్గాలు చెబుతున్నాయి. ఈ కమిటీలో కేంద్ర, రాష్ట్ర పన్నుల అధికారులు ఉంటారు. మండలిలో రాష్ట్రాల ఆర్థిక మంత్రులు కూడా పాల్గొంటారు. కేంద్ర ఆర్థిక మంత్రి నిర్మల సీతారామన్(nirmala sitharaman) అధ్యక్షతన జరగనున్న ఈ సమావేశానికి తెలంగాణ నుంచి ఉపముఖ్యమంత్రి, ఆర్థిక శాఖ మంత్రి భట్టి విక్రమార్క హాజరుకానున్నారు. మరోవైపు ఏపీ నుంచి ఆర్థిక మంత్రి పయ్యావుల కేశవ్, ఇతర అధికారులు పాల్గొననున్నారు.

ఆర్థిక మంత్రి నిర్మలా సీతారామన్(nirmala sitharaman) నేతృత్వంలోని జీఎస్‌టి కౌన్సిల్ ఆరోగ్య బీమాపై పన్నును ప్రస్తుత 18 శాతం నుంచి తగ్గించాలా లేదా సీనియర్ సిటిజన్‌ల వంటి కొన్ని వర్గాలకు మినహాయింపు ఇవ్వాలా అనే దానిపై నిర్ణయం తీసుకోనున్నారు. దీంతోపాటు జీవిత బీమా ప్రీమియంపై వస్తు సేవల పన్ను తగ్గింపుపై కూడా చర్చ జరిగే అవకాశం ఉంది. బీమా ప్రీమియంపై పన్ను అంశంపై ఇప్పటికే ప్రతిపక్షాలు పార్లమెంటులో లేవనెత్తారు. ఆరోగ్య, జీవిత బీమా ప్రీమియంలను జీఎస్టీ నుంచి తప్పించాలని విపక్ష సభ్యులు డిమాండ్ చేశాయి. దీంతోపాటు ఈ విషయంపై సీతారామన్‌కు రోడ్డు రవాణా, రహదారుల శాఖ మంత్రి నితిన్ గడ్కరీ కూడా లేఖ రాశారు.

ఆర్థిక మంత్రి నిర్మలా సీతారామన్ ఆర్థిక బిల్లుపై చర్చకు సమాధానమిస్తూ 75 శాతం జీఎస్‌టీ వసూళ్లు రాష్ట్రాలకు వెళ్తాయని, జీఎస్‌టీ కౌన్సిల్‌లో ప్రతిపాదన తీసుకురావాలని ప్రతిపక్ష సభ్యులు తమ రాష్ట్ర ఆర్థిక మంత్రులను కోరాలని అన్నారు. పశ్చిమ బెంగాల్ ఆర్థిక మంత్రి చంద్రిమా భట్టాచార్య గత నెలలో రేట్ల హేతుబద్ధీకరణపై మంత్రుల బృందం (GoM) సమావేశంలో ఈ అంశాన్ని లేవనెత్తారు. తదుపరి విశ్లేషణ కోసం ఈ అంశాన్ని ఫిట్‌మెంట్ కమిటీకి సిఫార్సు చేశారు.

మంత్రుల బృందం (GoM) ప్రస్తుత నాలుగు స్థాయి GST స్లాబ్‌లు 5, 12, 18, 28 శాతంలో ఏదైనా మార్పుపై భిన్నాభిప్రాయాలను వ్యక్తం చేసింది. వస్తువులు, సేవల రేట్లను హేతుబద్ధీకరించే అవకాశాన్ని పరిగణనలోకి తీసుకోవాలని గ్రూప్ ఫిట్‌మెంట్ కమిటీని కోరింది. మరోవైపు ఆన్‌లైన్ గేమింగ్‌కు సంబంధించి కేంద్ర, రాష్ట్ర పన్ను అధికారులు జీఎస్టీ కౌన్సిల్ ముందు స్టేటస్ రిపోర్టును అందజేస్తారు. నివేదికలో అక్టోబర్ 1, 2023కి ముందు, తర్వాత ఆన్‌లైన్ గేమింగ్ సెక్టార్ నుంచి GST రాబడి సేకరణ ఉంటుంది. ఆన్‌లైన్ గేమింగ్ ప్లాట్‌ఫారమ్‌లు, క్యాసినోలు అక్టోబర్ 1, 2023 నుంచి ఎంట్రీ లెవల్ మొత్తాలపై 28 శాతం GSTకి లోబడి ఉంది. అంతకుముందు అనేక ఆన్‌లైన్ గేమింగ్ కంపెనీలు 28 శాతం GST చెల్లించడం లేదు.

Nirmalasitharaman VS Rahulgandi

RAHUL GANDHI : "Govt is not giving MSP Guarantee to Farmers"

FM NIRMALA SITHARAMAN - MSP report was junked by Congress, now shedding crocodile tears for farmers.

CONGRESS - "Only Specific states got funds in budget"

FM - 26 states were not named in 2009 Budget. State not being named doesn't mean it was not included in Budget

Image

Nirmala Sitharaman bursts into laughter amidst Rahul Gandhi's speech.

Rahul started showing the picture of the halwa ceremony.

He said "The budget halwa is being distributed and in this picture not a single OBC, SC, ST officer is visible"

RAHUL - "You are eating halwa and the rest of the people are not getting halwa"

Nirmala Sitharaman put both her hands on forehead.

राहुल गांधी ने बजट पर चर्चा में कही ऐसी बात, जिसपर वित्त मंत्री ने पकड़ा माथा
#rahul_gandhi_vs_nirmala_sitharaman_budget_session

कांग्रेस सांसद और नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने सोमवार को लोकसभा में बजट पर भाषण के दौरान सरकार को घेरा। नेता प्रतिपक्ष ने दलित, पिछड़ा वर्ग और गरीब वर्ग का मुद्दा उठाते हुए कहा कि उनके लिए बजट में कुछ नहीं था। बजट को राहुल गांधी ने हलवा बताते हुए कहा कि 20 लोगों ने बजट तैयार किया, जिनमें माइनॉरिटी और पिछड़ा वर्ग के सिर्फ दो ही लोग थे।

राहुल ने सदन में बजट के दौरान हलवा सेरेमनी वाली फोटो दिखाने की अनुमति मांगी। इस पर लोकसभा स्पीकर ने आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि यह नियमों के खिलाफ है। राहुल गांधी ने कहा कि मैं फोटो दिखाना चाहता हूं, इसमें बजट का हलवा बंट रहा है, इसमें एक ओबीसी, आदिवासी, दलित अफसर नहीं दिख रहा है। देश का हलुवा खा रहे हो और बाकी लोगों को हलवा नहीं मिल रहा है। राहुल की इस बात पर केंद्रीय वित्त मंत्री ने माथा पकड़ लिया।

राहुल गांधी ने कहा कि देश का हलवा 20 लोगों ने बांटने का काम किया है 90 फीसदी लोगों में से सिर्फ दो है एक अल्पसंख्यक और एक ओबीसी और फोटो में तो आपने आने ही नहीं दिया। उन्होंने कहा, 'सर आप हलवा खा रहे हैं और बाकि लोगों को हलवा मिल ही नहीं रहा है। हमने पता किया है कि 20 अधिकारियों ने बजट तैयार किया है। अगर आप लोग नाम चाहते हैं तो मैं आपको इन अधिकारियों के नाम भी दे सकता हूं।' उन्होंने आगे कहा कि इसका मतलब 20 अधिकारियों ने बजट बनाया है। मतलब हिंदुस्तान का हलवा 20 लोगों ने बांटा है। बांटता कौन है वही दो या तीन प्रतिशत लोग, मिलता किसे है? केवल इन तीन प्रतिशत को ही। बाकी 99 प्रतिशत को क्या मिलता है?  नेता प्रतिपक्ष ने कहा, मैं चाहता था कि जाति जनगणना की बात उठे। 95 प्रतिशत ये चाहते हैं, दलित, आदिववासी, अल्पसंख्यक और गरीब सवर्ण चाहते हैं सभी चाहते हैं कि उनकी हिस्सेदारी कितनी है।

राहुल गांधी ने बजट भाषण में पेपर लीक मुद्दे का जिक्र न करने के लिए निर्मला सीतारमण पर हमला बोला। इस मुद्दे पर बात करते हुए उन्होंने आरोप लगाया कि पिछले 10 सालों में देश में पेपर लीक के 70 मामले सामने आए हैं। राहुल गांधी ने केंद्र सरकार पर हमला करते हुए कहा कि 99% युवा केंद्रीय बजट 2024 में पेश किए गए इंटर्नशिप कार्यक्रम के लिए पात्र नहीं होंगे। उन्होंने कहा कि आपने युवाओं के लिए क्या किया? इस दौरान राहुल गांधी के एक बयान पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी खड़े हो गए। उन्होंने कहा कि अग्निवीर को लेकर नेता प्रतिपक्ष देश को गुमराह कर रहे हैं।