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बजट 2025: किसान क्रेडिट कार्ड की लिमिट 3 लाख से बढ़कर पांच लाख रुपये

#unionbudgetkisancreditcardlimitincrease

बजट 2025 में मोदी सरकार ने देश के करोड़ों किसानों को बड़ी राहत दी है। सरकार ने किसान क्रेडिट कार्ड की लिमिट बढा दी है। अब यह सीमा 3 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर दी गई है। बजट में सरकार ने किसानों को लेकर कई और बड़ी घोषणाएं भी की है। इनमें धन धान्य कृषि योजना, कृषि कार्यक्रम से 1.7 करोड़ किसानों की मदद, कम उत्पादकता वाले 100 जिलों को कवर करने के लिए कृषि योजना शामिल है।

किसान क्रेडिट कार्ड पर लोन की लिमिट बढ़ी

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, किसान क्रेडिट कार्ड 7.7 करोड़ किसानों, मछुआरों और डेयरी किसानों को अल्पावधि ऋण की सुविधा प्रदान करता है। संशोधित ब्याज अनुदान योजना के तहत किसान क्रेडिट कार्ड के माध्यम से लिए गए ऋण के लिए ऋण सीमा 3 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर दी जाएगी।

एससी और एसटी को 5 साल में टर्म लोन देने का प्रस्ताव

बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि अनुसूचित जाति और जनजाति को अगले 5 साल में टर्म लोन देने का प्रस्ताव है। इसके अलावा श्रमिक क्षेत्र में सरकार की बड़े योजना का प्रस्ताव की तैयारी है। माइक्रो स्मॉल इंटरप्राइजेज को लोन की सीमा 5 करोड़ से बढ़ाकर 10 करोड़ करने का प्रस्ताव।

एमएसएमई सेक्टर में क्रेडिट कवर बढ़ाया जाएगा

इस बजट में सरकार ने कई छोटे उद्योगों को बढ़ावा देने की कोशिश की है। वित्त मंत्री ने कहा कि सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों की संख्या एक करोड़ है और इनसे 5.7 करोड़ लोग जुड़े हैं। यह भारत को दुनिया में मैन्यूफैक्चरिंग हब बनाने की दिशा में मददगार है। ये एमएसएमई 45 फीसदी निर्यात में हिस्सेदारी रखते हैं। एमएसएमई के लिए क्रेडिट गारंटी कवर को बढ़ाया जाएगा। एमएसएमई वर्गीकरण के लिए निवेश की सीमा 2.5 गुना बढ़ाई जाएगी। वर्गीकरण के लए टर्नओवर सीमा दो गुना की जाएगी। सूक्ष्म उद्यमों के लिए कस्टमाइज्ड क्रेडिट जारी होंगे, जिनकी सीमा पांच लाख रुपये होगी। पहले वर्ष ऐसे 10 लाख कार्ड जारी किए जाएंगे।

पीएम स्वनिधि स्कीम को बढ़ाया जा रहा है

वित्त मंत्री ने कहा, पीएम स्वनिधि स्कीम से 60 लाख स्ट्रीट वेंडर को फायदा पहुंचा है। उन्हें इस स्कीम के जरिए लोन मिला है। इस स्कीम को बढ़ाया जा रहा है। लोन की सीमा बढ़ाकर 30 लाख करने का प्रस्ताव किया जा रहा है।

आम बजट पेश कर रही हैं वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, किसानों को सौगात, पीएम धनधान्य कृषि योजना का ऐलान

#unionbudget2025-26

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आम बजट पेश कर रहीं हैं। अपने बजट भाषण में निर्मला सीतारमण ने कहा कि यह बजट विकसित भारत के संकल्प का बजट है। हमारी अर्थव्यवस्था तेजी से बढ़ रही है। गरीब, युवा, किसान और महिला का यह बजट है। इस बजट से भारत की इकनॉमी को रफ्तार मिलेगा। मेक इन इंडिया को बूस्ट मिलेगा। 6 सेक्टर में तेजी से विकास होगा।

विपक्ष का वॉक आउट

वहीं, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के बजट पेश करने के दौरान विपक्ष में शोरशराबा देखने को मिल रहा है। सपा प्रमुख अखिलेश यादव के नेतृत्व में विपक्ष हंगामा कर रहा है। विपक्ष महाकुंभ हादसे को लेकर हंगामा कर रहा है। इस बीच विपक्ष ने बजट सत्र के बीच में ही वॉक आउट कर दिया है। समाजवादी पार्टी के सांसद कुंभ पर डिस्कशन के लिए हंगामा कर रहे थे। उन्होंने नारेबाजी की। वित्त मंत्री ने जैसी है बजट पढ़ना शुरू किया, सपा सांसद सदन से बाहर चले गए।

पीएम धनधान्य कृषि योजना का ऐलान

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट भाषण में बड़ा ऐलान किया। उन्होंने पीएम धनधान्य कृषि योजना का ऐलान किया है। इससे 100 जिलों में लो प्रोडक्टिविटी पर फोकस कर के इसमें सुधार किया जाएगा। वित्त मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना के तहत ऐसे 100 जिलों को चुना जाएगा, जहां पर कृषि उत्पादकता कम है। इससे वहां पर उत्पादकता बढ़ाने, खेती में विविधता लाने, सिंचाई और उपज के बाद भंडारण की क्षमता मजबूत करने में मदद मिलेगी। इस योजना से 1.7 करोड़ किसानों को लाभ होगा। इसके दायरे में सभी तरह के किसान आएंगे। कृषि के अच्छे तरीकों को अपनाने पर जोर दिया जाएगा।

बिहार में मखाना बोर्ड का प्रस्ताव

वित्त मंत्री ने अपने भाषण में कहा कि बिहार में मखाना बोर्ड का प्रस्ताव किया जाता है। मखाना की मार्केटिंग के लिए बोर्ड बनाया जाएगा। मखाना किसानों को फायदे के लिए ये किया जाएगा। ये भी कोशिश की जाएगी की सभी सरकारी योजना का फायदा इनको मिले। उन्होंने कहा कि सब्जियों और फलों के लिए सरकार आय के स्तर को बढ़ाने के साथ, सब्जियों, फलों और श्रीअन्न का उत्पादन को बढ़ावा दे रही है। इसके लिए किसान उत्पादक संगठनों और सहकारी समितियों की भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी। बिहार में मखानों के उत्पादन, प्रसंस्करण और विपणन के लिए मखाना बोर्ड बनाया जाएगा। इससे किसानों को पथ प्रदर्शन और प्रशिक्षण उपलब्ध कराएगा। कपास उगाने वाले किसानों के लिए कपास मिशन की शुरुआत हो रही है। इससे कपास की अधिक लंबे रेशे वाली किस्मों को बढ़ावा मिलेगा। इससे किसानों की आमदनी बढ़ाने में मदद मिलेगी।

बजट से पहले हलवा सेरेमनी, वित्त मंत्री ने कराया सभी का मुंह मीठा, जानें क्या है ये परंपरा

#halwaceremonybeforeunionbudget_2025

वित्त मंत्रालय की ओर से केंद्रीय बजट पेश होने से ठीक पहले एक हलवा समारोह का आयोजन किया जाता है। हलवा समारोह के जरिए यह संकेत दिया जाता है कि बजट को अंतिम रूप दिया जा चुका है और इसके छपने का काम शुरू गया है। केंद्रीय बजट 2025 से पहले हलवा सेरेमनी का आयोजन आज हो रहा है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 01 फरवरी 2025 को वित्तीय वर्ष 2025-26 का केंद्रीय बजट पेश करेंगी। हर साल बजट बनाने की प्रक्रिया 'लॉक-इन' में जाने से पहले यह रस्म निभाई जाती है।

बजट से पहले हलवा समारोह (हलवा सेरेमनी) का आयोजन केंद्रीय वित्त मंत्री उपस्थिति में नॉर्थ ब्लॉक में होता है। बजट तैयार करने की "लॉक-इन" प्रक्रिया शुरू होने से पहले इसे आयोजित करने की परंपरा है। इस दौरान वित्त मंत्रालय की रसोई में एक बड़ी कढ़ाई में हलवा बनाया जाता है, जिसे वित्तमंत्री खुद अपने हाथों से बजट तैयार करने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों को परोसती हैं।

वित्त मंत्रालय के नॉर्थ ब्लॉक का दफ्तर बंकर में तब्दील

हलवा सेरेमनी के बाद वित्त मंत्रालय का नॉर्थ ब्लॉक का दफ्तर एक बंकर में तब्दील हो जाता है। यहां काम करने वाले अधिकारी और कर्मचारियों को ना तो फोन पर बात करने की परमिशन होती है, ना ही वह अपने घर पर कॉल कर सकते हैं और ना ही मोबाइल रख सकते हैं। इतना ही नहीं किसी को भी दफ्तर परिसर से बाहर आने-जाने की भी इजाजत नहीं होती।

हलवा सेरेमनी के बाद बजट की छपाई

बजट सत्र से पहले हलवा सेरेनमी की कई तस्वीरें और वीडियो आपने देखी ही होंगी। एक बड़ी सी टेबल पर बड़ी कढ़ाई रखी होती, जिसमें हलवा होता है। इस दौरान वित्तमंत्री के साथ मंत्रालय के बड़े अधिकारी और कर्मचारी वहां मौजूद रहते हैं, जो हलवा खाने के बाद बजट की छपाई का काम शुरू करते हैं। बजट की छपाई शुरू होने से वित्तमंत्री के बजट भाषण तक ये अधिकारी व कर्मचारी मंत्रालय में ही रहते हैं। यह प्रक्रिया काफी गोपनीय होती है।

बजट पेश होने के बाद ही कोई भी घर जाएगा

अब बजट की तैयारियों में लगे अधिकारी और कर्मचारी यहां तब तक रहेंगे, जब तक कि वित्त मंत्री का संसद में बजट भाषण पूरा नहीं हो जाता। बजट पेश होने के बाद ही वह अपने घर जा सकेंगे। सिर्फ किसी बहुत इमरजेंसी की हालत में ही उन्हें घर जाने की अनुमति मिल सकती है, लेकिन उसके लिए भी काफी सख्त निगरानी रखी जाती है। इस बीच अधिकारी या कर्मचारियों को अपने घर पर बात भी करनी होती है, तो वह हाई सिक्योरिटी लैंडलाइन से ही होती है।

कब से चल रही ये परंपरा?

हलवा सेरेमनी की परंपरा आजादी से पहले से चली आ रही है। हलवा सेरेमनी का आयोजन बजट पेश करने की सभी तैयारियां पूरी होने के बाद किया जाता है। इस दौरान व‍ित्‍त मंत्री के अलावा वित्त मंत्रालय के अध‍िकारी और कर्मचारी मौजूद रहते हैं। परंपरा के अनुसार हलवा सेरेमनी का आयोजन नॉर्थ ब्लॉक के नीचे बेसमेंट में बजट प्रेस में क‍िया जाता है। हलवा बनने के बाद बजट की छपाई शुरू होती है। ज‍िस दिन हलवा सेरेमनी के दौरान हलवा बांटा जाता है, उसके बाद बजट प्रकाश‍ित करने वाले कर्मचारी और अधिकारी वहीं पर रहते हैं।

When Alumni Became Chief Guests: RV, Harmeet, and Inderjit Return to Nazrana 2025

Guru Nanak Khalsa College hosted the grand spectacle of Nazrana 2025, an evening brimming with creativity, glamour, and cultural pride. The much-anticipated fashion show was the centerpiece of the event, captivating the audience with its stunning sequences and impeccable execution.

The judging panel evoked waves of nostalgia as Rajveer Singh (RV), Harmeet Singh Gupta, and Inderjit Singh, all proud alumni of the college, returned to grace the occasion. Rajveer, a celebrated influencer, branding expert, and winner of 13 prestigious awards, inspired the audience with his charisma and expertise. Joining him in the judging panel was Tamanna Bharat, an international beauty queen, crowned Miss Asia Global 2024, Miss Queen of India Runner-Up 2024, and Miss Navi Mumbai 2024. Their insightful commentary and radiant presence added a touch of stardom to the evening.

The judges, alongside chief guests Harmeet and Inderjit, brought an emotional and lively vibe to the celebration, reliving fond college memories while applauding the creativity and talent of the current generation. Trustee Chairman S. Gurinder Singh Bawa, Dr. Jasbir Kaur Makkar, and Dr. Kiran Mangaonkar provided steadfast support, ensuring every aspect of the event was executed seamlessly.

The Fashion Show: A Creative Extravaganza

The fashion show, meticulously planned under the leadership of Principal Dr. Ratna Sharma, was a testament to the teamwork and dedication of hundreds of students and non-teaching staff. Dr Jasmeet Kaur Ghai & Latit Bhodare were the head of Nazrana 2025.

The event, choreographed by Rohan, was managed by a dynamic committee comprising Dr. Gaganjyot Kaur, Dr. Gursimran Kaur Uppal, Dr. Charanjit Kaur, Dr. Sharad Tripathi, Mohd Shahid Qureshi, Sheetal, Komal Kaur, and Jagdeep Kaur. Together, they delivered an evening of unmatched artistry and elegance.

The sequences included:

Non-Teaching Staff Walk: A tribute to the unsung heroes of the college.

Kapoor Group: A vibrant Bollywood-inspired showcase, crowned the winner.

Dream Sequence: An ethereal and imaginative performance.

Chemistry: A creative depiction of bonds and unity.

Cabaret: A dazzling high-energy presentation.

Kishore Kumar Group: A nostalgic musical tribute, winning third place.

Sikh Group: A rich cultural celebration, securing second place.

The evening reached its peak when the Giddha and Bhangra performances ignited the stage, compelling even the judges and chief guests to join the teachers in dancing, much to the crowd's delight.

A Collective Effort Behind the Success

The collaborative efforts of students, teachers, and non-teaching staff transformed Nazrana 2025 into an unforgettable celebration. Weeks of meticulous planning, rigorous rehearsals, and unwavering dedication were evident in every performance. Beyond a showcase of fashion, the event became a symbol of unity, creativity, and cultural pride.

For alumni Rajveer, Harmeet, and Inderjit, the evening was an emotional reunion, celebrating not just the talent of today but also the cherished memories of their college years.

With over 7,000 attendees, Nazrana 2025 was a resounding success, setting a new benchmark for future celebrations and leaving everyone eagerly awaiting the next chapter of this remarkable tradition.

कांग्रेस पर बरसे अमित शाह, बोले मेरे बयान को तोड़-मरोड़ कर पेश किया, वे भ्रम फैला रहे

#union_minister_amit_shah_press_conference

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के राज्यसभा में संविधान पर चर्चा के दौरान डॉ. बीआर आंबेडकर को लेकर दिए बयान पर सियासत गरमा गई है। विपक्ष लगातार शाह से इस्तीफा मांग रहा है। अब गृह मंत्री ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पलटवार किया। अमित शाह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा। अमित शाह ने कहा कि कांग्रेस ने संसद में हुई चर्चा के तथ्यों को तोड़ मरोड़कर पेश किया है। यह कांग्रेस ने इसलिए किया क्योंकि भाजपा के वक्ताओं ने फैक्ट के साथ विषय रखे, इससे ये तय हो गया कि कांग्रेस अंबेडकर विरोधी, आरक्षण विरोधी और संविधान विरोधी पार्टी है।

शाह ने कहा, विगत सप्ताह में संसद में लोकसभा और राज्यसभा में संविधान को स्वीकार किए हुए 75 साल के मौके पर संविधान की रचना, संविधान निर्माताओं के योगदान और संविधान में प्रस्थापित किए गए आदर्शों पर एक गौरवमयी चर्चा का आयोजन हुआ। इस चर्चा में 75 साल की देश की गौरव यात्रा, विकास यात्रा और उपलब्धियों की भी चर्चा होनी थी। उन्होंने कहा कि 'ये तो स्वाभाविक है कि जब लोकसभा और राज्यसभा में पक्ष-विपक्ष होते हैं, तो हर मुद्दे पर लोगों का, दलों का और वक्ताओं का नजरिया अलग-अलग होता है। मगर संसद जैसे देश के सर्वोच्च लोकतांत्रिक फोरम में जब चर्चा होती है, तब इसमें एक बात कॉमन होती है कि बात तथ्य और सत्य के आधार पर होनी चाहिए।

गृहमंत्री ने कहा, कल से कांग्रेस ने जिस प्रकार तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर रखने का प्रयास किया है वो निंदनीय है। मैं इसकी निंदा करना चाहता हूं। ये इसलिए हुआ क्योंकि भाजपा के वक्ताओं ने संविधान पर, संविधान की रचना के मूल्यों पर और जब-जब कांग्रेस या भाजपा का शासन रहा, तब शासन ने संविधान के मूल्यों का किस तरह से मूल्यांकन, संरक्षण और संवर्धन किया, इस पर तथ्यों और अनेक उदाहरण के साथ भाजपा के वक्ताओं ने विषय रखे।

कांग्रेस आंबेडकर जी की विरोधी पार्टी-शाह

अमित शाह ने कहा, इससे तय हो गया कि कांग्रेस आंबेडकर जी की विरोधी पार्टी है, कांग्रेस आरक्षण विरोधी और संविधान विरोधी पार्टी है। कांग्रेस ने सावरकर जी का भी अपमान किया, कांग्रेस ने आपातकाल लगाकर संविधान के सारे मूल्यों की धज्जियां उड़ा दी, नारी सम्मान को भी वर्षों तक दरकिनार किया, न्यायपालिका का हमेशा अपमान किया, सेना के शहीदों का अपमान किया और भारत की भूमि तक को संविधान तोड़कर दूसरे देशों को देने की हिमाकत कांग्रेस के शासन में हुई।

कांग्रेस ने बाबासाहेब को हाशिये पर धकेलने का काम किया-शाह

गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, कांग्रेस ने फिर एक बार अपनी पुरानी पद्धति को अपनाकर, बातों को तोड़-मरोड़कर और सत्य को असत्य के कपड़े पहनाकर समाज में भ्रांति फैलाने का एक कुत्सित प्रयास किया है। संसद में चर्चा के दौरान ये सिद्ध हो गया कि बाबा साहेब अंबेडकर का कांग्रेस ने किस तरह से पुरजोर विरोध किया था। बाबा साहेब के न रहने के बाद भी किस प्रकार से कांग्रेस ने उन्हें हाशिये पर धकेलने का प्रयास किया।

मेरे बयान को तोड़ा-मरोड़ा गया-अमित शाह

अमित शाह ने कहा कि मैं उस पार्टी से आता हूं जो अंबेडकर का कभी अपमान नहीं कर सकती। राज्यसभा में मैंने जो कहा है कांग्रेस ने उसे तोड़ मरोड़ कर पेश किया है। कांग्रेस ने सत्य को असत्य के कपड़े पहनाकर भ्रांति फैलाई है। कांग्रेस आरक्षण का भी विरोध करती रही है। 31 दिसंबर 1980 को मंडल आयोग की रिपोर्ट आई, उसे भी ठंडे बस्ते में डाल दिया गया, 1990 में जब गैर कांग्रेसी सरकार आई तब मंडल आयोग की रिपोर्ट लागू हुई। उस वक्त राजीव गांधी विपक्ष के नेता थे, जिन्होंने ओबीसी आरक्षण के विरोध में लंबा भाषण दिया था।

मोहम्मद यूनुस का एक और भारत विरोधी कदम, अब यूरोपीय देशों से बांग्लादेशी वीजा सेंटर दिल्ली से हटाने की मांग
#bangladesh_muhammad_yunus_european_union_ambassadors_visa_centers_shifted_from_delhi
* बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों की खबरों के बीच वहां की अंतरिम सरकार लगातार भारत विरोधी रूख अपनाए हुए है। ताजा घटनाक्रम में अंतरिम सरकार के प्रमुख प्रोफेसर डॉ. मोहम्मद यूनुस ने यूरोपीय देशों से आग्रह किया है कि वे बांग्लादेशियों के लिए अपने वीजा केंद्रों को दिल्ली से हटाकर ढाका या किसी अन्य पड़ोसी देश में स्थापित करें। सोमवार को ढाका में यूरोपीय संघ के देशों के राजनयिकों के साथ बैठक में यह आह्वान किया.। बांग्लादेश में नियुक्त यूरोपीय संघ के प्रतिनिधिमंडल के प्रमुख माइकल मिलर ने दोपहर 12 बजे राजधानी के तेजगांव स्थित मुख्य सलाहकार के कार्यालय में मोहम्मद यूनुस के साथ बैठक की। इस बैठक में 19 सदस्यों के प्रतिनिधिमंडल शामिल हुए। इस दौरान यूनुस ने भारत के "वीजा प्रतिबंधों" को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा, "बांग्लादेशियों के लिए वीजा पर भारत के प्रतिबंधों ने कई छात्रों के लिए अनिश्चितता पैदा कर दी है, जो यूरोपीय वीजा के लिए दिल्ली की यात्रा नहीं कर सकते हैं।" मोहम्मद यूनुस ने आरोप लगाया कि इसके परिणामस्वरूप यूरोपीय विश्वविद्यालय प्रतिभाशाली बांग्लादेशी छात्रों से वंचित रह रहे हैं। यूनुस ने कहा कि कई छात्र दिल्ली जाकर यूरोपीय वीजा पाने में सक्षम नहीं हैं, क्योंकि भारत ने बांग्लादेशियों के लिए वीजा प्रतिबंधित कर दिया है। परिणामस्वरूप, उनके शैक्षिक करियर को लेकर अनिश्चितता बनी रहती है। उन्होंने राजनयिकों से कहा, "वीजा कार्यालयों को ढाका या किसी नजदीकी देश में स्थानांतरित करने से बांग्लादेश और यूरोपीय संघ दोनों को लाभ होगा।" ढाका ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक, ढाका के अधिकारियों ने बुल्गारिया का उदाहरण भी दिया, जिसने बांग्लादेशियों के लिए अपने वीजा केंद्र को पहले ही इंडोनेशिया और वियतनाम में ट्रांसफर कर दिया है। राजनयिकों ने कहा कि वे ढाका की सुधार पहल का समर्थन करते हैं और नये बांग्लादेश के निर्माण में सलाह और सहायता प्रदान करने की प्रतिबद्धता का वादा करते हैं। इस बीच, बांग्लादेश ने सोमवार को कहा कि भारत ने बांग्लादेशी नागरिकों के लिए वीजा बढ़ाने के लिए कदम उठाने का वादा किया है। यह बयान मुख्य सलाहकार डॉ. मुहम्मद यूनुस की भारतीय विदेश सचिव विक्रम मिस्री से मुलाकात के ठीक बाद आया है। पर्यावरण सलाहकार सईदा रिजवाना हसन ने संवाददाताओं से कहा कि मिस्री ने बांग्लादेशी पक्ष से वादा किया है कि वह कदम उठाएंगे। मौजूदा समय में भारत बांग्लादेशियों को सीमित वीजा दे रहा है। विदेश मंत्रालय के मुताबिक, वे चिकित्सा और अन्य जरूरी कारणों से सीमित वीजा दे रहे हैं।
झारखंड में अमित शाह ने कहा, 'वक्फ बोर्ड जमीन हड़प रहा है, अब बदलाव करने का समय आ गया है'

#amitshahblameswaqfboardforland_grabbing

Union Minister Amit Shah

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को वक्फ बोर्ड पर जमीन हड़पने का आरोप लगाया और कहा कि अब समय आ गया है कि बोर्ड में बदलाव किए जाएं और संबंधित अधिनियम में संशोधन किया जाए, पीटीआई ने बताया।

झारखंड के बाघमारा में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए शाह ने यह भी कहा कि कोई भी समान नागरिक संहिता (यूसीसी) के कार्यान्वयन को नहीं रोक सकता, जो "घुसपैठियों को रोकने के लिए आवश्यक है", और उन्होंने आदिवासियों को आश्वासन दिया कि उन्हें इसके दायरे से बाहर रखा जाएगा। वक्फ बोर्ड को जमीन हड़पने की आदत है। कर्नाटक में इसने ग्रामीणों की संपत्ति हड़प ली है, इसने मंदिरों, किसानों और ग्रामीणों की जमीनें हड़प ली हैं। मुझे बताएं कि वक्फ बोर्ड में बदलाव की जरूरत है या नहीं," पीटीआई के अनुसार शाह ने रैली में कहा।

उन्होंने झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर भी निशाना साधा और कहा कि दोनों ही वक्फ बोर्ड में बदलाव का विरोध करते हैं।

"हेमंत बाबू और राहुल गांधी कहते हैं कि नहीं। मैं आपको बताता हूं कि उन्हें इसका विरोध करने दें, भाजपा वक्फ अधिनियम में संशोधन करने के लिए विधेयक पारित करेगी। हमें कोई नहीं रोक सकता," शाह ने कहा।

'ट्रेन भरकर अवैध अप्रवासियों को बांग्लादेश भेजा जाएगा'

मंगलवार की रैली में, अमित शाह ने यह भी दावा किया कि अगर झारखंड में भाजपा सत्ता में आती है तो "ट्रेन भरकर अवैध अप्रवासियों को बांग्लादेश भेजा जाएगा"। पीटीआई के अनुसार, उन्होंने सत्तारूढ़ हेमंत सोरेन सरकार पर घुसपैठियों को अपना वोट बैंक बनाने का भी आरोप लगाया। शाह ने दावा किया कि "झारखंड में घुसपैठ को रोकने के उद्देश्य से समान नागरिक संहिता के कार्यान्वयन को कोई नहीं रोक सकता है, और आदिवासियों को इसके दायरे से बाहर रखा जाएगा।" गृह मंत्री ने यह भी वादा किया कि अगर भाजपा सत्ता में आती है, तो वह अगले पांच वर्षों में झारखंड को देश का सबसे समृद्ध राज्य बना देगी।

उन्होंने कहा, "झारखंड में खनिज आधारित उद्योग स्थापित किए जाएंगे।" और ऐसा माहौल तैयार करना होगा जिससे कोई भी दूसरे राज्यों में पलायन न करे।

81 सदस्यीय झारखंड विधानसभा के लिए चुनाव 13 और 20 नवंबर को दो चरणों में होंगे, जबकि मतगणना 23 नवंबर को होगी।

सिद्धारमैया के मंत्री जमीर अहमद खान का विवादित बयान, पूर्व सीएम कुमारस्वामी पर की अमर्यादित टिप्पणी

#karnataka_minister_zameer_ahmed_khan_calls_union_minister_kumaraswamy_racist_slur

कर्नाटक में सियासी बवाल खड़ा हो गया है। विवाद शुरू हुआ है सिद्धारमैया के एक मंत्री के बयान से। सिद्धारमैया सरकार में मंत्री बी जेड जमीर अहमद खान ने पूर्व मुख्यमंत्री एचडी कुमास्वामी को लेकर नस्लीय बयान दिया। जिके बाद विवाद शुरू हो गया है। जेडीएस ने कर्नाटक सरकार से जमीर अहमद के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए उन्हें पद से बर्खास्त करने की मांग की। केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने भी जमीर अहमद के बयान की निंदा की और इसे लेकर कांग्रेस सरकार को घेरा।

कर्नाटक की कांग्रेस सरकार में मंत्री जमीर अहमद खान ने मोदी सरकार में मंत्री और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री एच डी कुमारस्वामी पर हमला बोलते हुए मर्यादा की सीमा तोड़ दी। खान ने कुमारस्वामी की फोटो दिखाते हुए कहा कि केंद्रीय मंत्री को 'कालिया कुमारस्वामी' कहकर संबोधित किया।

रविवार को रामनगर में एक जनसभा को संबोधित करते हुए जमीर अहमद ने कहा कि चन्नपटना सीट से कांग्रेस उम्मीदवार सीपी योगेश्वर के पास भाजपा में शामिल होने के अलावा कोई विकल्प नहीं था। उन्होंने कहा कि 'हमारी पार्टी में कुछ मतभेदों के चलते योगेश्वर ने बतौर निर्दलीय चुनाव लड़ा। ऐसे में उनके पास भाजपा में शामिल होने के अलावा कोई विकल्प नहीं था। वह जेडीएस में शामिल होने के लिए तैयार नहीं थे क्योंकि कालिया कुमारस्वामी भाजपा से भी ज्यादा खतरनाक थे। अब वे (योगेश्वर) वापस घर (कांग्रेस) आ गए हैं।'

कुमारस्वामी को कालिया कहने के बाद राज्य का सियासी पारा हाई हो गया है। जेडीएस ने कांग्रेस सरकार से इस नस्ली टिप्पणी के लिए जमीर को मंत्रिमंडल से बर्खास्त करने की मांग की है।पार्टी ने कहा, छोटी मानसिकता वाले शख्स को मंत्रिमंडल से तुरंत बर्खास्त किया जाए।

संसदीय मामलों के केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने भी जमीर खान के बयान की आलोचना की। रिजिजू ने सोशल मीडिया पर साझा पोस्ट में लिखा कि मैं कांग्रेस के मंत्री जमीर अहमद द्वारा केंद्रीय मंत्री और कर्नाटक के पूर्व सीएम कुमारस्वामी के खिलाफ विवादित टिप्पणी की कड़ी निंदा करता हूं। यह एक नस्लवादी टिप्पणी है, ठीक वैसे ही जैसे राहुल गांधी के सलाहकार ने दक्षिण भारतीयों को अफ्रीकी, पूर्वोत्तर के लोगों को चीनी और उत्तर भारतीयों को अरब बताया था।

यूनियन बैंक ऑफ इंडिया में लोकल बैंक ऑफिसर के 1500 पदों पर निकली भर्ती, ग्रेजुएट अभ्यर्थी कर सकते हैं अप्लाई

नई दिल्ली:- ग्रेजुएट युवाओं के लिए बैंक में सरकारी नौकरी पाने का सुनहरा मौका है। यूनियन बैंक ऑफ इंडिया की ओर से देशभर के विभिन्न राज्यों के तहत लोकल बैंक ऑफिसर रिक्त पदों पर भर्ती निकली गई है। इस भर्ती के लिए बैंक की ओर से आवेदन प्रक्रिया आज यानी 24 अक्टूबर 2024 से शुरू कर दी गई है। जो भी उम्मीदवार बैंक में सरकारी नौकरी पाना चाहते हैं वे ऑनलाइन माध्यम से ऑफिशियल वेबसाइट unionbankofindia.co.in पर जाकर फॉर्म भर सकते हैं। आवेदन करने की लास्ट डेट 13 नवंबर एवं फॉर्म प्रिंट करने की अंतिम तिथि 28 नवंबर तय की गई है।

पात्रता एवं मापदंड

इस भर्ती में भाग लेने के लिए अभ्यर्थी ने किसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय/ संस्थान से किसी भी स्ट्रीम में फुल टाइम बैचलर डिग्री हासिल की हो। इसके साथ ही अभ्यर्थी की न्यूनतम आयु 20 वर्ष से कम और अधिकतम आयु 30 वर्ष से ज्यादा नहीं होनी चाहिए। आरक्षित श्रेणी से आने वाले उम्मीदवारों को ऊपरी आयु में नियमानुसार छूट दी जाएगी। उम्र की गणना 1 अक्टूबर 2024 को ध्यान में रखकर की जाएगी। पात्रता से जुड़ी विस्तृत डिटेल के लिए ऑफिशियल अधिसूचना अवश्य पढ़ लें। 

कैसे करें आवेदन

इस भर्ती में आवेदन के लिए सबसे पहले आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं।

वेबसाइट के होम पेज पर रिक्रूटमेंट एवं उसके बाद करेंट भर्ती सेक्शन में जाएं।

अब नए पेज पर Click Here For Apply लिंक पर क्लिक करें।

इसके बाद नया पोर्टल ओपन होगा जहां आप पहले रजिस्ट्रेशन लिंक पर क्लिक करके पंजीकरण कर लें।

रजिस्ट्रेशन होने के बाद अभ्यर्थी अन्य डिटेल, हस्ताक्षर, फोटोग्राफ अपलोड करें।

अंत में उम्मीदवार तय शुल्क जमा करें और पूर्ण रूप से भरे हुए फॉर्म का प्रिंटआउट निकालकर सुरक्षित रख लें।

इस भर्ती के माध्यम से कुल 1500 रिक्त पदों पर नियुक्तियां की जानी हैं। इसमें से राज्यवार आंध्र प्रदेश में 200 पद, असम में 50 पद, गुजरात में 200 पद, कर्नाटक में 300 पद, केरल में 100 पद, महाराष्ट्र में 50 पद, ओडिशा में 100 पद, तमिलनाडु में 200 पद, तेलंगाना में 200 पद और पश्चिम बंगाल में 100 पद पर भर्ती की जाएगी।

ప్రపంచానికే డ్రోన్ హబ్‌గా ఏపీ.

నేను మంత్రిని అయ్యాక చాలా మంది ముఖ్యమంత్రులు ఎయి‌ర్‌పోర్టులు, హెలిపోర్టుల గురించి అడిగారు. అయితే ఏపీ ముఖ్యమంత్రి మాత్రం ఎయిర్‌పోర్టులతో పాటు కనెక్టివిటీ, డ్రోన్‌ల ప్రాధాన్యం గురించి మాట్లాడారు’’ అని రామ్మోహన్ నాయుడు తెలిపారు.

దేశంలో మొదటిసారి డ్రోన్ సమ్మిట్ ఢిల్లీ బయట జరుగుతోందని కేంద్రం పౌర విమానయాన శాఖామంత్రి రామ్మోహన్ నాయుడు (Union Minister Rammohan Naidu) అన్నారు. మంగళవారం డ్రోన్ సమ్మిట్ కార్యక్రమాన్ని ముఖ్యమంత్రి చంద్రబాబు నాయుడు, కేంద్రమంత్రి రామ్మోహన్ నాయుడు.. జ్యోతి ప్రజ్వలన చేసి ప్రారంభించారు. ఈ సందర్భంగా కేంద్రమంత్రి మాట్లాడుతూ... ‘‘నేను మంత్రిని అయ్యాక చాలా మంది ముఖ్యమంత్రులు ఎయి‌ర్‌పోర్టులు, హెలిపోర్టుల గురించి అడిగారు. అయితే ఏపీ ముఖ్యమంత్రి మాత్రం ఎయిర్‌పోర్టులతో పాటు కనెక్టివిటీ, డ్రోన్‌ల ప్రాధాన్యం గురించి మాట్లాడారు’’ అని తెలిపారు.

ఇంత మంచి వాతావరణంలో డ్రోన్ సమ్మిట్ కోసం ఏర్పాటు చేయడం పట్ల ఏపీ ప్రభుత్వానికి, సీఎం చంద్రబాబుకు ఆయన ధన్యవాదాలు తెలియజేశారు. హైదరాబాద్ భవిష్యత్తును విజన్ చేసి విజన్ 2020 గురించి ఆలోచించారని.. 1996 నాడే ఆయన 2020 గురించి ఆలోచించారని తెలిపారు. వచ్చే ఎన్నికల గురించి చంద్రబాబు ఆలోచించరని.. భవిష్యత్తును ఊహిస్తారని చెప్పారు. అందుకే హైదరాబాద్ అన్ని రంగంగాల్లో నేడు అభివృద్ధి చెందిందని ప్రశంసించారు. 1996లో చంద్రబాబు హైదరాబాద్ గురించి ఎలా మాట్లాడారో అలాగే ఇప్పుడు అదే జీల్‌తో డ్రోన్ గురించి మాట్లాడుతున్నారని అన్నారు. ఎన్డీఏ ప్రభుత్వంలో క్యాబినెట్ మినిస్ట్రీలో ఒక యువకుడికి అవకాశం ఇవ్వాలని భావించి.. తనకు కేంద్రమంత్రి పదవి ఇచ్చారని చెప్పుకొచ్చారు.

డ్రోన్ నెట్‌వర్క్‌లో ఎంతో పొటన్షియల్ ఉందని ఆయన గుర్తించారన్నారు. విజయవాడలో వరదల సమయంలో డ్రోన్‌‌లను సహయ కార్యక్రమాలకు, పుడ్ సప్లైకి వాడారన్నారు. డ్రోన్ ద్వారా ఆహారం, పాలు, మందులు అందించారని తెలిపారు. డ్రోన్‌లను ఇలా వాడడాన్ని ప్రధాని మోడీ కూడా చూసి ఆనందించారని తెలిపారు. ప్రధాని నరేంద్ర మోడీ ఇండియాను ప్రపంచంలోనే గొప్ప పొజిషన్‌లో నిలిపారని కొనియాడారు. ఇండియాను చూసి నేర్చుకోవాలని వివిధ దేశాల నాయకులు అనుకుంటున్నారన్నారు. గత పది సంవత్సరాలుగా సివిల్ ఏవియేషన్‌లో ఎన్నో అద్భుతాలు జరిగాయన్నారు. అంతకుముందు ఇండియాలో 74 ఎయిర్‌పోర్టులు ఉంటే.. ఇప్పుడు 157 ఎయిర్‌పోర్టులు ఏర్పాటయ్యాయన్నారు. రానున్న రోజుల్లో వీటిని మంరింతగా పెంచుతామని స్పష్టం చేశారు.

డ్రోన్‌లో వర్టికల్ టేకాఫ్‌ అండ్ ల్యాండింగ్ వంటి సాంకేతిక పరిజ్ఞానం వచ్చిందన్నారు. ఇలాంటి కొత్త సాంకేతిక పరిజ్ఞానాన్ని ఏపీకి తేవాలని సీఎం చంద్రబాబు ఆలోచిస్తారన్నారు. ఈ డ్రోన్ సెక్టర్‌లో ఇక్కడి వారు ముందుకు రావాలని.. నిర్మాణాలు చేపట్టాలని పిలుపునిచ్చారు. అందుకే డ్రోన్ రూల్స్ 2021ను చాలా సరళతరం చేశామని వెల్లడించారు. దీనికి అదనంగా డ్రోన్ పరిశ్రమలకు ప్రోత్సాహం ఇస్తున్నామని.. డ్రోన్ ఇండస్ట్రీపై మరింత రీసెర్చి జరగాలనేది తమ అభిమతమన్నారు. 26,500 డ్రోన్‌లు రిజిస్టర్ అయి ఉంటే ప్రధాని దాన్ని లక్షకు చేర్చాలని చెప్పారన్నారు. డ్రోన్ దీదీ ప్రోగ్రాం ద్వారా దేశంలో మహిళలకు ఉపాధి కూడా కలుగుతోందన్నారు. ఏపీ ఇప్పుడు డ్రోన్ పాలసీని రూపొందిస్తోందని.. అందరితో మాట్లాడి దాన్ని రూపొందించడంతో ఇదే బెస్ట్ పాలసీ అవుతుందని స్పష్టం చేశారు. 6000 మంది కంటే ఎక్కవ మంది ఈ ఈవెంట్‌లో పాల్గొనాలని ఉత్సాహం చూపారన్నారు. ఇండియాలోనే కాదు ప్రపంచానికే ఏపీ డ్రోన్ హబ్‌గా మారాలని కోరుతున్నానని కేంద్రమంత్రి రామ్మోహన్ నాయుడు పేర్కొన్నారు.

बजट 2025: किसान क्रेडिट कार्ड की लिमिट 3 लाख से बढ़कर पांच लाख रुपये

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बजट 2025 में मोदी सरकार ने देश के करोड़ों किसानों को बड़ी राहत दी है। सरकार ने किसान क्रेडिट कार्ड की लिमिट बढा दी है। अब यह सीमा 3 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर दी गई है। बजट में सरकार ने किसानों को लेकर कई और बड़ी घोषणाएं भी की है। इनमें धन धान्य कृषि योजना, कृषि कार्यक्रम से 1.7 करोड़ किसानों की मदद, कम उत्पादकता वाले 100 जिलों को कवर करने के लिए कृषि योजना शामिल है।

किसान क्रेडिट कार्ड पर लोन की लिमिट बढ़ी

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, किसान क्रेडिट कार्ड 7.7 करोड़ किसानों, मछुआरों और डेयरी किसानों को अल्पावधि ऋण की सुविधा प्रदान करता है। संशोधित ब्याज अनुदान योजना के तहत किसान क्रेडिट कार्ड के माध्यम से लिए गए ऋण के लिए ऋण सीमा 3 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर दी जाएगी।

एससी और एसटी को 5 साल में टर्म लोन देने का प्रस्ताव

बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि अनुसूचित जाति और जनजाति को अगले 5 साल में टर्म लोन देने का प्रस्ताव है। इसके अलावा श्रमिक क्षेत्र में सरकार की बड़े योजना का प्रस्ताव की तैयारी है। माइक्रो स्मॉल इंटरप्राइजेज को लोन की सीमा 5 करोड़ से बढ़ाकर 10 करोड़ करने का प्रस्ताव।

एमएसएमई सेक्टर में क्रेडिट कवर बढ़ाया जाएगा

इस बजट में सरकार ने कई छोटे उद्योगों को बढ़ावा देने की कोशिश की है। वित्त मंत्री ने कहा कि सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों की संख्या एक करोड़ है और इनसे 5.7 करोड़ लोग जुड़े हैं। यह भारत को दुनिया में मैन्यूफैक्चरिंग हब बनाने की दिशा में मददगार है। ये एमएसएमई 45 फीसदी निर्यात में हिस्सेदारी रखते हैं। एमएसएमई के लिए क्रेडिट गारंटी कवर को बढ़ाया जाएगा। एमएसएमई वर्गीकरण के लिए निवेश की सीमा 2.5 गुना बढ़ाई जाएगी। वर्गीकरण के लए टर्नओवर सीमा दो गुना की जाएगी। सूक्ष्म उद्यमों के लिए कस्टमाइज्ड क्रेडिट जारी होंगे, जिनकी सीमा पांच लाख रुपये होगी। पहले वर्ष ऐसे 10 लाख कार्ड जारी किए जाएंगे।

पीएम स्वनिधि स्कीम को बढ़ाया जा रहा है

वित्त मंत्री ने कहा, पीएम स्वनिधि स्कीम से 60 लाख स्ट्रीट वेंडर को फायदा पहुंचा है। उन्हें इस स्कीम के जरिए लोन मिला है। इस स्कीम को बढ़ाया जा रहा है। लोन की सीमा बढ़ाकर 30 लाख करने का प्रस्ताव किया जा रहा है।

आम बजट पेश कर रही हैं वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, किसानों को सौगात, पीएम धनधान्य कृषि योजना का ऐलान

#unionbudget2025-26

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आम बजट पेश कर रहीं हैं। अपने बजट भाषण में निर्मला सीतारमण ने कहा कि यह बजट विकसित भारत के संकल्प का बजट है। हमारी अर्थव्यवस्था तेजी से बढ़ रही है। गरीब, युवा, किसान और महिला का यह बजट है। इस बजट से भारत की इकनॉमी को रफ्तार मिलेगा। मेक इन इंडिया को बूस्ट मिलेगा। 6 सेक्टर में तेजी से विकास होगा।

विपक्ष का वॉक आउट

वहीं, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के बजट पेश करने के दौरान विपक्ष में शोरशराबा देखने को मिल रहा है। सपा प्रमुख अखिलेश यादव के नेतृत्व में विपक्ष हंगामा कर रहा है। विपक्ष महाकुंभ हादसे को लेकर हंगामा कर रहा है। इस बीच विपक्ष ने बजट सत्र के बीच में ही वॉक आउट कर दिया है। समाजवादी पार्टी के सांसद कुंभ पर डिस्कशन के लिए हंगामा कर रहे थे। उन्होंने नारेबाजी की। वित्त मंत्री ने जैसी है बजट पढ़ना शुरू किया, सपा सांसद सदन से बाहर चले गए।

पीएम धनधान्य कृषि योजना का ऐलान

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट भाषण में बड़ा ऐलान किया। उन्होंने पीएम धनधान्य कृषि योजना का ऐलान किया है। इससे 100 जिलों में लो प्रोडक्टिविटी पर फोकस कर के इसमें सुधार किया जाएगा। वित्त मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना के तहत ऐसे 100 जिलों को चुना जाएगा, जहां पर कृषि उत्पादकता कम है। इससे वहां पर उत्पादकता बढ़ाने, खेती में विविधता लाने, सिंचाई और उपज के बाद भंडारण की क्षमता मजबूत करने में मदद मिलेगी। इस योजना से 1.7 करोड़ किसानों को लाभ होगा। इसके दायरे में सभी तरह के किसान आएंगे। कृषि के अच्छे तरीकों को अपनाने पर जोर दिया जाएगा।

बिहार में मखाना बोर्ड का प्रस्ताव

वित्त मंत्री ने अपने भाषण में कहा कि बिहार में मखाना बोर्ड का प्रस्ताव किया जाता है। मखाना की मार्केटिंग के लिए बोर्ड बनाया जाएगा। मखाना किसानों को फायदे के लिए ये किया जाएगा। ये भी कोशिश की जाएगी की सभी सरकारी योजना का फायदा इनको मिले। उन्होंने कहा कि सब्जियों और फलों के लिए सरकार आय के स्तर को बढ़ाने के साथ, सब्जियों, फलों और श्रीअन्न का उत्पादन को बढ़ावा दे रही है। इसके लिए किसान उत्पादक संगठनों और सहकारी समितियों की भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी। बिहार में मखानों के उत्पादन, प्रसंस्करण और विपणन के लिए मखाना बोर्ड बनाया जाएगा। इससे किसानों को पथ प्रदर्शन और प्रशिक्षण उपलब्ध कराएगा। कपास उगाने वाले किसानों के लिए कपास मिशन की शुरुआत हो रही है। इससे कपास की अधिक लंबे रेशे वाली किस्मों को बढ़ावा मिलेगा। इससे किसानों की आमदनी बढ़ाने में मदद मिलेगी।

बजट से पहले हलवा सेरेमनी, वित्त मंत्री ने कराया सभी का मुंह मीठा, जानें क्या है ये परंपरा

#halwaceremonybeforeunionbudget_2025

वित्त मंत्रालय की ओर से केंद्रीय बजट पेश होने से ठीक पहले एक हलवा समारोह का आयोजन किया जाता है। हलवा समारोह के जरिए यह संकेत दिया जाता है कि बजट को अंतिम रूप दिया जा चुका है और इसके छपने का काम शुरू गया है। केंद्रीय बजट 2025 से पहले हलवा सेरेमनी का आयोजन आज हो रहा है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 01 फरवरी 2025 को वित्तीय वर्ष 2025-26 का केंद्रीय बजट पेश करेंगी। हर साल बजट बनाने की प्रक्रिया 'लॉक-इन' में जाने से पहले यह रस्म निभाई जाती है।

बजट से पहले हलवा समारोह (हलवा सेरेमनी) का आयोजन केंद्रीय वित्त मंत्री उपस्थिति में नॉर्थ ब्लॉक में होता है। बजट तैयार करने की "लॉक-इन" प्रक्रिया शुरू होने से पहले इसे आयोजित करने की परंपरा है। इस दौरान वित्त मंत्रालय की रसोई में एक बड़ी कढ़ाई में हलवा बनाया जाता है, जिसे वित्तमंत्री खुद अपने हाथों से बजट तैयार करने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों को परोसती हैं।

वित्त मंत्रालय के नॉर्थ ब्लॉक का दफ्तर बंकर में तब्दील

हलवा सेरेमनी के बाद वित्त मंत्रालय का नॉर्थ ब्लॉक का दफ्तर एक बंकर में तब्दील हो जाता है। यहां काम करने वाले अधिकारी और कर्मचारियों को ना तो फोन पर बात करने की परमिशन होती है, ना ही वह अपने घर पर कॉल कर सकते हैं और ना ही मोबाइल रख सकते हैं। इतना ही नहीं किसी को भी दफ्तर परिसर से बाहर आने-जाने की भी इजाजत नहीं होती।

हलवा सेरेमनी के बाद बजट की छपाई

बजट सत्र से पहले हलवा सेरेनमी की कई तस्वीरें और वीडियो आपने देखी ही होंगी। एक बड़ी सी टेबल पर बड़ी कढ़ाई रखी होती, जिसमें हलवा होता है। इस दौरान वित्तमंत्री के साथ मंत्रालय के बड़े अधिकारी और कर्मचारी वहां मौजूद रहते हैं, जो हलवा खाने के बाद बजट की छपाई का काम शुरू करते हैं। बजट की छपाई शुरू होने से वित्तमंत्री के बजट भाषण तक ये अधिकारी व कर्मचारी मंत्रालय में ही रहते हैं। यह प्रक्रिया काफी गोपनीय होती है।

बजट पेश होने के बाद ही कोई भी घर जाएगा

अब बजट की तैयारियों में लगे अधिकारी और कर्मचारी यहां तब तक रहेंगे, जब तक कि वित्त मंत्री का संसद में बजट भाषण पूरा नहीं हो जाता। बजट पेश होने के बाद ही वह अपने घर जा सकेंगे। सिर्फ किसी बहुत इमरजेंसी की हालत में ही उन्हें घर जाने की अनुमति मिल सकती है, लेकिन उसके लिए भी काफी सख्त निगरानी रखी जाती है। इस बीच अधिकारी या कर्मचारियों को अपने घर पर बात भी करनी होती है, तो वह हाई सिक्योरिटी लैंडलाइन से ही होती है।

कब से चल रही ये परंपरा?

हलवा सेरेमनी की परंपरा आजादी से पहले से चली आ रही है। हलवा सेरेमनी का आयोजन बजट पेश करने की सभी तैयारियां पूरी होने के बाद किया जाता है। इस दौरान व‍ित्‍त मंत्री के अलावा वित्त मंत्रालय के अध‍िकारी और कर्मचारी मौजूद रहते हैं। परंपरा के अनुसार हलवा सेरेमनी का आयोजन नॉर्थ ब्लॉक के नीचे बेसमेंट में बजट प्रेस में क‍िया जाता है। हलवा बनने के बाद बजट की छपाई शुरू होती है। ज‍िस दिन हलवा सेरेमनी के दौरान हलवा बांटा जाता है, उसके बाद बजट प्रकाश‍ित करने वाले कर्मचारी और अधिकारी वहीं पर रहते हैं।

When Alumni Became Chief Guests: RV, Harmeet, and Inderjit Return to Nazrana 2025

Guru Nanak Khalsa College hosted the grand spectacle of Nazrana 2025, an evening brimming with creativity, glamour, and cultural pride. The much-anticipated fashion show was the centerpiece of the event, captivating the audience with its stunning sequences and impeccable execution.

The judging panel evoked waves of nostalgia as Rajveer Singh (RV), Harmeet Singh Gupta, and Inderjit Singh, all proud alumni of the college, returned to grace the occasion. Rajveer, a celebrated influencer, branding expert, and winner of 13 prestigious awards, inspired the audience with his charisma and expertise. Joining him in the judging panel was Tamanna Bharat, an international beauty queen, crowned Miss Asia Global 2024, Miss Queen of India Runner-Up 2024, and Miss Navi Mumbai 2024. Their insightful commentary and radiant presence added a touch of stardom to the evening.

The judges, alongside chief guests Harmeet and Inderjit, brought an emotional and lively vibe to the celebration, reliving fond college memories while applauding the creativity and talent of the current generation. Trustee Chairman S. Gurinder Singh Bawa, Dr. Jasbir Kaur Makkar, and Dr. Kiran Mangaonkar provided steadfast support, ensuring every aspect of the event was executed seamlessly.

The Fashion Show: A Creative Extravaganza

The fashion show, meticulously planned under the leadership of Principal Dr. Ratna Sharma, was a testament to the teamwork and dedication of hundreds of students and non-teaching staff. Dr Jasmeet Kaur Ghai & Latit Bhodare were the head of Nazrana 2025.

The event, choreographed by Rohan, was managed by a dynamic committee comprising Dr. Gaganjyot Kaur, Dr. Gursimran Kaur Uppal, Dr. Charanjit Kaur, Dr. Sharad Tripathi, Mohd Shahid Qureshi, Sheetal, Komal Kaur, and Jagdeep Kaur. Together, they delivered an evening of unmatched artistry and elegance.

The sequences included:

Non-Teaching Staff Walk: A tribute to the unsung heroes of the college.

Kapoor Group: A vibrant Bollywood-inspired showcase, crowned the winner.

Dream Sequence: An ethereal and imaginative performance.

Chemistry: A creative depiction of bonds and unity.

Cabaret: A dazzling high-energy presentation.

Kishore Kumar Group: A nostalgic musical tribute, winning third place.

Sikh Group: A rich cultural celebration, securing second place.

The evening reached its peak when the Giddha and Bhangra performances ignited the stage, compelling even the judges and chief guests to join the teachers in dancing, much to the crowd's delight.

A Collective Effort Behind the Success

The collaborative efforts of students, teachers, and non-teaching staff transformed Nazrana 2025 into an unforgettable celebration. Weeks of meticulous planning, rigorous rehearsals, and unwavering dedication were evident in every performance. Beyond a showcase of fashion, the event became a symbol of unity, creativity, and cultural pride.

For alumni Rajveer, Harmeet, and Inderjit, the evening was an emotional reunion, celebrating not just the talent of today but also the cherished memories of their college years.

With over 7,000 attendees, Nazrana 2025 was a resounding success, setting a new benchmark for future celebrations and leaving everyone eagerly awaiting the next chapter of this remarkable tradition.

कांग्रेस पर बरसे अमित शाह, बोले मेरे बयान को तोड़-मरोड़ कर पेश किया, वे भ्रम फैला रहे

#union_minister_amit_shah_press_conference

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के राज्यसभा में संविधान पर चर्चा के दौरान डॉ. बीआर आंबेडकर को लेकर दिए बयान पर सियासत गरमा गई है। विपक्ष लगातार शाह से इस्तीफा मांग रहा है। अब गृह मंत्री ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पलटवार किया। अमित शाह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा। अमित शाह ने कहा कि कांग्रेस ने संसद में हुई चर्चा के तथ्यों को तोड़ मरोड़कर पेश किया है। यह कांग्रेस ने इसलिए किया क्योंकि भाजपा के वक्ताओं ने फैक्ट के साथ विषय रखे, इससे ये तय हो गया कि कांग्रेस अंबेडकर विरोधी, आरक्षण विरोधी और संविधान विरोधी पार्टी है।

शाह ने कहा, विगत सप्ताह में संसद में लोकसभा और राज्यसभा में संविधान को स्वीकार किए हुए 75 साल के मौके पर संविधान की रचना, संविधान निर्माताओं के योगदान और संविधान में प्रस्थापित किए गए आदर्शों पर एक गौरवमयी चर्चा का आयोजन हुआ। इस चर्चा में 75 साल की देश की गौरव यात्रा, विकास यात्रा और उपलब्धियों की भी चर्चा होनी थी। उन्होंने कहा कि 'ये तो स्वाभाविक है कि जब लोकसभा और राज्यसभा में पक्ष-विपक्ष होते हैं, तो हर मुद्दे पर लोगों का, दलों का और वक्ताओं का नजरिया अलग-अलग होता है। मगर संसद जैसे देश के सर्वोच्च लोकतांत्रिक फोरम में जब चर्चा होती है, तब इसमें एक बात कॉमन होती है कि बात तथ्य और सत्य के आधार पर होनी चाहिए।

गृहमंत्री ने कहा, कल से कांग्रेस ने जिस प्रकार तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर रखने का प्रयास किया है वो निंदनीय है। मैं इसकी निंदा करना चाहता हूं। ये इसलिए हुआ क्योंकि भाजपा के वक्ताओं ने संविधान पर, संविधान की रचना के मूल्यों पर और जब-जब कांग्रेस या भाजपा का शासन रहा, तब शासन ने संविधान के मूल्यों का किस तरह से मूल्यांकन, संरक्षण और संवर्धन किया, इस पर तथ्यों और अनेक उदाहरण के साथ भाजपा के वक्ताओं ने विषय रखे।

कांग्रेस आंबेडकर जी की विरोधी पार्टी-शाह

अमित शाह ने कहा, इससे तय हो गया कि कांग्रेस आंबेडकर जी की विरोधी पार्टी है, कांग्रेस आरक्षण विरोधी और संविधान विरोधी पार्टी है। कांग्रेस ने सावरकर जी का भी अपमान किया, कांग्रेस ने आपातकाल लगाकर संविधान के सारे मूल्यों की धज्जियां उड़ा दी, नारी सम्मान को भी वर्षों तक दरकिनार किया, न्यायपालिका का हमेशा अपमान किया, सेना के शहीदों का अपमान किया और भारत की भूमि तक को संविधान तोड़कर दूसरे देशों को देने की हिमाकत कांग्रेस के शासन में हुई।

कांग्रेस ने बाबासाहेब को हाशिये पर धकेलने का काम किया-शाह

गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, कांग्रेस ने फिर एक बार अपनी पुरानी पद्धति को अपनाकर, बातों को तोड़-मरोड़कर और सत्य को असत्य के कपड़े पहनाकर समाज में भ्रांति फैलाने का एक कुत्सित प्रयास किया है। संसद में चर्चा के दौरान ये सिद्ध हो गया कि बाबा साहेब अंबेडकर का कांग्रेस ने किस तरह से पुरजोर विरोध किया था। बाबा साहेब के न रहने के बाद भी किस प्रकार से कांग्रेस ने उन्हें हाशिये पर धकेलने का प्रयास किया।

मेरे बयान को तोड़ा-मरोड़ा गया-अमित शाह

अमित शाह ने कहा कि मैं उस पार्टी से आता हूं जो अंबेडकर का कभी अपमान नहीं कर सकती। राज्यसभा में मैंने जो कहा है कांग्रेस ने उसे तोड़ मरोड़ कर पेश किया है। कांग्रेस ने सत्य को असत्य के कपड़े पहनाकर भ्रांति फैलाई है। कांग्रेस आरक्षण का भी विरोध करती रही है। 31 दिसंबर 1980 को मंडल आयोग की रिपोर्ट आई, उसे भी ठंडे बस्ते में डाल दिया गया, 1990 में जब गैर कांग्रेसी सरकार आई तब मंडल आयोग की रिपोर्ट लागू हुई। उस वक्त राजीव गांधी विपक्ष के नेता थे, जिन्होंने ओबीसी आरक्षण के विरोध में लंबा भाषण दिया था।

मोहम्मद यूनुस का एक और भारत विरोधी कदम, अब यूरोपीय देशों से बांग्लादेशी वीजा सेंटर दिल्ली से हटाने की मांग
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* बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों की खबरों के बीच वहां की अंतरिम सरकार लगातार भारत विरोधी रूख अपनाए हुए है। ताजा घटनाक्रम में अंतरिम सरकार के प्रमुख प्रोफेसर डॉ. मोहम्मद यूनुस ने यूरोपीय देशों से आग्रह किया है कि वे बांग्लादेशियों के लिए अपने वीजा केंद्रों को दिल्ली से हटाकर ढाका या किसी अन्य पड़ोसी देश में स्थापित करें। सोमवार को ढाका में यूरोपीय संघ के देशों के राजनयिकों के साथ बैठक में यह आह्वान किया.। बांग्लादेश में नियुक्त यूरोपीय संघ के प्रतिनिधिमंडल के प्रमुख माइकल मिलर ने दोपहर 12 बजे राजधानी के तेजगांव स्थित मुख्य सलाहकार के कार्यालय में मोहम्मद यूनुस के साथ बैठक की। इस बैठक में 19 सदस्यों के प्रतिनिधिमंडल शामिल हुए। इस दौरान यूनुस ने भारत के "वीजा प्रतिबंधों" को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा, "बांग्लादेशियों के लिए वीजा पर भारत के प्रतिबंधों ने कई छात्रों के लिए अनिश्चितता पैदा कर दी है, जो यूरोपीय वीजा के लिए दिल्ली की यात्रा नहीं कर सकते हैं।" मोहम्मद यूनुस ने आरोप लगाया कि इसके परिणामस्वरूप यूरोपीय विश्वविद्यालय प्रतिभाशाली बांग्लादेशी छात्रों से वंचित रह रहे हैं। यूनुस ने कहा कि कई छात्र दिल्ली जाकर यूरोपीय वीजा पाने में सक्षम नहीं हैं, क्योंकि भारत ने बांग्लादेशियों के लिए वीजा प्रतिबंधित कर दिया है। परिणामस्वरूप, उनके शैक्षिक करियर को लेकर अनिश्चितता बनी रहती है। उन्होंने राजनयिकों से कहा, "वीजा कार्यालयों को ढाका या किसी नजदीकी देश में स्थानांतरित करने से बांग्लादेश और यूरोपीय संघ दोनों को लाभ होगा।" ढाका ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक, ढाका के अधिकारियों ने बुल्गारिया का उदाहरण भी दिया, जिसने बांग्लादेशियों के लिए अपने वीजा केंद्र को पहले ही इंडोनेशिया और वियतनाम में ट्रांसफर कर दिया है। राजनयिकों ने कहा कि वे ढाका की सुधार पहल का समर्थन करते हैं और नये बांग्लादेश के निर्माण में सलाह और सहायता प्रदान करने की प्रतिबद्धता का वादा करते हैं। इस बीच, बांग्लादेश ने सोमवार को कहा कि भारत ने बांग्लादेशी नागरिकों के लिए वीजा बढ़ाने के लिए कदम उठाने का वादा किया है। यह बयान मुख्य सलाहकार डॉ. मुहम्मद यूनुस की भारतीय विदेश सचिव विक्रम मिस्री से मुलाकात के ठीक बाद आया है। पर्यावरण सलाहकार सईदा रिजवाना हसन ने संवाददाताओं से कहा कि मिस्री ने बांग्लादेशी पक्ष से वादा किया है कि वह कदम उठाएंगे। मौजूदा समय में भारत बांग्लादेशियों को सीमित वीजा दे रहा है। विदेश मंत्रालय के मुताबिक, वे चिकित्सा और अन्य जरूरी कारणों से सीमित वीजा दे रहे हैं।
झारखंड में अमित शाह ने कहा, 'वक्फ बोर्ड जमीन हड़प रहा है, अब बदलाव करने का समय आ गया है'

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Union Minister Amit Shah

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को वक्फ बोर्ड पर जमीन हड़पने का आरोप लगाया और कहा कि अब समय आ गया है कि बोर्ड में बदलाव किए जाएं और संबंधित अधिनियम में संशोधन किया जाए, पीटीआई ने बताया।

झारखंड के बाघमारा में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए शाह ने यह भी कहा कि कोई भी समान नागरिक संहिता (यूसीसी) के कार्यान्वयन को नहीं रोक सकता, जो "घुसपैठियों को रोकने के लिए आवश्यक है", और उन्होंने आदिवासियों को आश्वासन दिया कि उन्हें इसके दायरे से बाहर रखा जाएगा। वक्फ बोर्ड को जमीन हड़पने की आदत है। कर्नाटक में इसने ग्रामीणों की संपत्ति हड़प ली है, इसने मंदिरों, किसानों और ग्रामीणों की जमीनें हड़प ली हैं। मुझे बताएं कि वक्फ बोर्ड में बदलाव की जरूरत है या नहीं," पीटीआई के अनुसार शाह ने रैली में कहा।

उन्होंने झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर भी निशाना साधा और कहा कि दोनों ही वक्फ बोर्ड में बदलाव का विरोध करते हैं।

"हेमंत बाबू और राहुल गांधी कहते हैं कि नहीं। मैं आपको बताता हूं कि उन्हें इसका विरोध करने दें, भाजपा वक्फ अधिनियम में संशोधन करने के लिए विधेयक पारित करेगी। हमें कोई नहीं रोक सकता," शाह ने कहा।

'ट्रेन भरकर अवैध अप्रवासियों को बांग्लादेश भेजा जाएगा'

मंगलवार की रैली में, अमित शाह ने यह भी दावा किया कि अगर झारखंड में भाजपा सत्ता में आती है तो "ट्रेन भरकर अवैध अप्रवासियों को बांग्लादेश भेजा जाएगा"। पीटीआई के अनुसार, उन्होंने सत्तारूढ़ हेमंत सोरेन सरकार पर घुसपैठियों को अपना वोट बैंक बनाने का भी आरोप लगाया। शाह ने दावा किया कि "झारखंड में घुसपैठ को रोकने के उद्देश्य से समान नागरिक संहिता के कार्यान्वयन को कोई नहीं रोक सकता है, और आदिवासियों को इसके दायरे से बाहर रखा जाएगा।" गृह मंत्री ने यह भी वादा किया कि अगर भाजपा सत्ता में आती है, तो वह अगले पांच वर्षों में झारखंड को देश का सबसे समृद्ध राज्य बना देगी।

उन्होंने कहा, "झारखंड में खनिज आधारित उद्योग स्थापित किए जाएंगे।" और ऐसा माहौल तैयार करना होगा जिससे कोई भी दूसरे राज्यों में पलायन न करे।

81 सदस्यीय झारखंड विधानसभा के लिए चुनाव 13 और 20 नवंबर को दो चरणों में होंगे, जबकि मतगणना 23 नवंबर को होगी।

सिद्धारमैया के मंत्री जमीर अहमद खान का विवादित बयान, पूर्व सीएम कुमारस्वामी पर की अमर्यादित टिप्पणी

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कर्नाटक में सियासी बवाल खड़ा हो गया है। विवाद शुरू हुआ है सिद्धारमैया के एक मंत्री के बयान से। सिद्धारमैया सरकार में मंत्री बी जेड जमीर अहमद खान ने पूर्व मुख्यमंत्री एचडी कुमास्वामी को लेकर नस्लीय बयान दिया। जिके बाद विवाद शुरू हो गया है। जेडीएस ने कर्नाटक सरकार से जमीर अहमद के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए उन्हें पद से बर्खास्त करने की मांग की। केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने भी जमीर अहमद के बयान की निंदा की और इसे लेकर कांग्रेस सरकार को घेरा।

कर्नाटक की कांग्रेस सरकार में मंत्री जमीर अहमद खान ने मोदी सरकार में मंत्री और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री एच डी कुमारस्वामी पर हमला बोलते हुए मर्यादा की सीमा तोड़ दी। खान ने कुमारस्वामी की फोटो दिखाते हुए कहा कि केंद्रीय मंत्री को 'कालिया कुमारस्वामी' कहकर संबोधित किया।

रविवार को रामनगर में एक जनसभा को संबोधित करते हुए जमीर अहमद ने कहा कि चन्नपटना सीट से कांग्रेस उम्मीदवार सीपी योगेश्वर के पास भाजपा में शामिल होने के अलावा कोई विकल्प नहीं था। उन्होंने कहा कि 'हमारी पार्टी में कुछ मतभेदों के चलते योगेश्वर ने बतौर निर्दलीय चुनाव लड़ा। ऐसे में उनके पास भाजपा में शामिल होने के अलावा कोई विकल्प नहीं था। वह जेडीएस में शामिल होने के लिए तैयार नहीं थे क्योंकि कालिया कुमारस्वामी भाजपा से भी ज्यादा खतरनाक थे। अब वे (योगेश्वर) वापस घर (कांग्रेस) आ गए हैं।'

कुमारस्वामी को कालिया कहने के बाद राज्य का सियासी पारा हाई हो गया है। जेडीएस ने कांग्रेस सरकार से इस नस्ली टिप्पणी के लिए जमीर को मंत्रिमंडल से बर्खास्त करने की मांग की है।पार्टी ने कहा, छोटी मानसिकता वाले शख्स को मंत्रिमंडल से तुरंत बर्खास्त किया जाए।

संसदीय मामलों के केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने भी जमीर खान के बयान की आलोचना की। रिजिजू ने सोशल मीडिया पर साझा पोस्ट में लिखा कि मैं कांग्रेस के मंत्री जमीर अहमद द्वारा केंद्रीय मंत्री और कर्नाटक के पूर्व सीएम कुमारस्वामी के खिलाफ विवादित टिप्पणी की कड़ी निंदा करता हूं। यह एक नस्लवादी टिप्पणी है, ठीक वैसे ही जैसे राहुल गांधी के सलाहकार ने दक्षिण भारतीयों को अफ्रीकी, पूर्वोत्तर के लोगों को चीनी और उत्तर भारतीयों को अरब बताया था।

यूनियन बैंक ऑफ इंडिया में लोकल बैंक ऑफिसर के 1500 पदों पर निकली भर्ती, ग्रेजुएट अभ्यर्थी कर सकते हैं अप्लाई

नई दिल्ली:- ग्रेजुएट युवाओं के लिए बैंक में सरकारी नौकरी पाने का सुनहरा मौका है। यूनियन बैंक ऑफ इंडिया की ओर से देशभर के विभिन्न राज्यों के तहत लोकल बैंक ऑफिसर रिक्त पदों पर भर्ती निकली गई है। इस भर्ती के लिए बैंक की ओर से आवेदन प्रक्रिया आज यानी 24 अक्टूबर 2024 से शुरू कर दी गई है। जो भी उम्मीदवार बैंक में सरकारी नौकरी पाना चाहते हैं वे ऑनलाइन माध्यम से ऑफिशियल वेबसाइट unionbankofindia.co.in पर जाकर फॉर्म भर सकते हैं। आवेदन करने की लास्ट डेट 13 नवंबर एवं फॉर्म प्रिंट करने की अंतिम तिथि 28 नवंबर तय की गई है।

पात्रता एवं मापदंड

इस भर्ती में भाग लेने के लिए अभ्यर्थी ने किसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय/ संस्थान से किसी भी स्ट्रीम में फुल टाइम बैचलर डिग्री हासिल की हो। इसके साथ ही अभ्यर्थी की न्यूनतम आयु 20 वर्ष से कम और अधिकतम आयु 30 वर्ष से ज्यादा नहीं होनी चाहिए। आरक्षित श्रेणी से आने वाले उम्मीदवारों को ऊपरी आयु में नियमानुसार छूट दी जाएगी। उम्र की गणना 1 अक्टूबर 2024 को ध्यान में रखकर की जाएगी। पात्रता से जुड़ी विस्तृत डिटेल के लिए ऑफिशियल अधिसूचना अवश्य पढ़ लें। 

कैसे करें आवेदन

इस भर्ती में आवेदन के लिए सबसे पहले आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं।

वेबसाइट के होम पेज पर रिक्रूटमेंट एवं उसके बाद करेंट भर्ती सेक्शन में जाएं।

अब नए पेज पर Click Here For Apply लिंक पर क्लिक करें।

इसके बाद नया पोर्टल ओपन होगा जहां आप पहले रजिस्ट्रेशन लिंक पर क्लिक करके पंजीकरण कर लें।

रजिस्ट्रेशन होने के बाद अभ्यर्थी अन्य डिटेल, हस्ताक्षर, फोटोग्राफ अपलोड करें।

अंत में उम्मीदवार तय शुल्क जमा करें और पूर्ण रूप से भरे हुए फॉर्म का प्रिंटआउट निकालकर सुरक्षित रख लें।

इस भर्ती के माध्यम से कुल 1500 रिक्त पदों पर नियुक्तियां की जानी हैं। इसमें से राज्यवार आंध्र प्रदेश में 200 पद, असम में 50 पद, गुजरात में 200 पद, कर्नाटक में 300 पद, केरल में 100 पद, महाराष्ट्र में 50 पद, ओडिशा में 100 पद, तमिलनाडु में 200 पद, तेलंगाना में 200 पद और पश्चिम बंगाल में 100 पद पर भर्ती की जाएगी।

ప్రపంచానికే డ్రోన్ హబ్‌గా ఏపీ.

నేను మంత్రిని అయ్యాక చాలా మంది ముఖ్యమంత్రులు ఎయి‌ర్‌పోర్టులు, హెలిపోర్టుల గురించి అడిగారు. అయితే ఏపీ ముఖ్యమంత్రి మాత్రం ఎయిర్‌పోర్టులతో పాటు కనెక్టివిటీ, డ్రోన్‌ల ప్రాధాన్యం గురించి మాట్లాడారు’’ అని రామ్మోహన్ నాయుడు తెలిపారు.

దేశంలో మొదటిసారి డ్రోన్ సమ్మిట్ ఢిల్లీ బయట జరుగుతోందని కేంద్రం పౌర విమానయాన శాఖామంత్రి రామ్మోహన్ నాయుడు (Union Minister Rammohan Naidu) అన్నారు. మంగళవారం డ్రోన్ సమ్మిట్ కార్యక్రమాన్ని ముఖ్యమంత్రి చంద్రబాబు నాయుడు, కేంద్రమంత్రి రామ్మోహన్ నాయుడు.. జ్యోతి ప్రజ్వలన చేసి ప్రారంభించారు. ఈ సందర్భంగా కేంద్రమంత్రి మాట్లాడుతూ... ‘‘నేను మంత్రిని అయ్యాక చాలా మంది ముఖ్యమంత్రులు ఎయి‌ర్‌పోర్టులు, హెలిపోర్టుల గురించి అడిగారు. అయితే ఏపీ ముఖ్యమంత్రి మాత్రం ఎయిర్‌పోర్టులతో పాటు కనెక్టివిటీ, డ్రోన్‌ల ప్రాధాన్యం గురించి మాట్లాడారు’’ అని తెలిపారు.

ఇంత మంచి వాతావరణంలో డ్రోన్ సమ్మిట్ కోసం ఏర్పాటు చేయడం పట్ల ఏపీ ప్రభుత్వానికి, సీఎం చంద్రబాబుకు ఆయన ధన్యవాదాలు తెలియజేశారు. హైదరాబాద్ భవిష్యత్తును విజన్ చేసి విజన్ 2020 గురించి ఆలోచించారని.. 1996 నాడే ఆయన 2020 గురించి ఆలోచించారని తెలిపారు. వచ్చే ఎన్నికల గురించి చంద్రబాబు ఆలోచించరని.. భవిష్యత్తును ఊహిస్తారని చెప్పారు. అందుకే హైదరాబాద్ అన్ని రంగంగాల్లో నేడు అభివృద్ధి చెందిందని ప్రశంసించారు. 1996లో చంద్రబాబు హైదరాబాద్ గురించి ఎలా మాట్లాడారో అలాగే ఇప్పుడు అదే జీల్‌తో డ్రోన్ గురించి మాట్లాడుతున్నారని అన్నారు. ఎన్డీఏ ప్రభుత్వంలో క్యాబినెట్ మినిస్ట్రీలో ఒక యువకుడికి అవకాశం ఇవ్వాలని భావించి.. తనకు కేంద్రమంత్రి పదవి ఇచ్చారని చెప్పుకొచ్చారు.

డ్రోన్ నెట్‌వర్క్‌లో ఎంతో పొటన్షియల్ ఉందని ఆయన గుర్తించారన్నారు. విజయవాడలో వరదల సమయంలో డ్రోన్‌‌లను సహయ కార్యక్రమాలకు, పుడ్ సప్లైకి వాడారన్నారు. డ్రోన్ ద్వారా ఆహారం, పాలు, మందులు అందించారని తెలిపారు. డ్రోన్‌లను ఇలా వాడడాన్ని ప్రధాని మోడీ కూడా చూసి ఆనందించారని తెలిపారు. ప్రధాని నరేంద్ర మోడీ ఇండియాను ప్రపంచంలోనే గొప్ప పొజిషన్‌లో నిలిపారని కొనియాడారు. ఇండియాను చూసి నేర్చుకోవాలని వివిధ దేశాల నాయకులు అనుకుంటున్నారన్నారు. గత పది సంవత్సరాలుగా సివిల్ ఏవియేషన్‌లో ఎన్నో అద్భుతాలు జరిగాయన్నారు. అంతకుముందు ఇండియాలో 74 ఎయిర్‌పోర్టులు ఉంటే.. ఇప్పుడు 157 ఎయిర్‌పోర్టులు ఏర్పాటయ్యాయన్నారు. రానున్న రోజుల్లో వీటిని మంరింతగా పెంచుతామని స్పష్టం చేశారు.

డ్రోన్‌లో వర్టికల్ టేకాఫ్‌ అండ్ ల్యాండింగ్ వంటి సాంకేతిక పరిజ్ఞానం వచ్చిందన్నారు. ఇలాంటి కొత్త సాంకేతిక పరిజ్ఞానాన్ని ఏపీకి తేవాలని సీఎం చంద్రబాబు ఆలోచిస్తారన్నారు. ఈ డ్రోన్ సెక్టర్‌లో ఇక్కడి వారు ముందుకు రావాలని.. నిర్మాణాలు చేపట్టాలని పిలుపునిచ్చారు. అందుకే డ్రోన్ రూల్స్ 2021ను చాలా సరళతరం చేశామని వెల్లడించారు. దీనికి అదనంగా డ్రోన్ పరిశ్రమలకు ప్రోత్సాహం ఇస్తున్నామని.. డ్రోన్ ఇండస్ట్రీపై మరింత రీసెర్చి జరగాలనేది తమ అభిమతమన్నారు. 26,500 డ్రోన్‌లు రిజిస్టర్ అయి ఉంటే ప్రధాని దాన్ని లక్షకు చేర్చాలని చెప్పారన్నారు. డ్రోన్ దీదీ ప్రోగ్రాం ద్వారా దేశంలో మహిళలకు ఉపాధి కూడా కలుగుతోందన్నారు. ఏపీ ఇప్పుడు డ్రోన్ పాలసీని రూపొందిస్తోందని.. అందరితో మాట్లాడి దాన్ని రూపొందించడంతో ఇదే బెస్ట్ పాలసీ అవుతుందని స్పష్టం చేశారు. 6000 మంది కంటే ఎక్కవ మంది ఈ ఈవెంట్‌లో పాల్గొనాలని ఉత్సాహం చూపారన్నారు. ఇండియాలోనే కాదు ప్రపంచానికే ఏపీ డ్రోన్ హబ్‌గా మారాలని కోరుతున్నానని కేంద్రమంత్రి రామ్మోహన్ నాయుడు పేర్కొన్నారు.