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Sakthi Coco Products (SCP) pioneering innovation in India's Coconut industry pollachi,india

Pollachi, India

India, the world's largest coconut producer, generates over ₹30,000 crores annually from coconut-based products. Capitalizing on opportunities in India's Food & Beverage and Agro-Processing sectors, Sakthi Coco Products (SCP) has emerged as an industry leader through innovation, an extensive product range, and a dedicated customer base.

Foundational Journey

Established in 1981 by industrial expert Mr. C.M. Kamaraj, SCP pioneered Tamil Nadu’s first mechanized coir fiber exports (Sakthi Coir Exports). Hailing from an agricultural family in Pollachi, Kamaraj leveraged his MBA and business acumen to revolutionize coconut processing. Early collaborations (1983) with biscuit manufacturers like Britannia established SCP’s reputation for premium desiccated coconut powder.

Innovation & Growth

In 2002, SCP transformed waste coir dust into high-value Coco Peat, a soil alternative for horticulture. Developed with Tamil Nadu Agricultural University (TNAU), this innovation positioned SCP as India’s first Coco Peat exporter to Europe and Australia.

In 2003, SCP became India’s first company to commercialize bottled tender coconut water. Overcoming initial technical challenges with support from the Coconut Development Board (CDB) and Defence Food Research Laboratory (DFRL), SCP now produces 100,000 PET bottles/Tetra Packs daily of extended-shelf-life tender coconut water.

Accolades & Leadership

Mr. C.M. Kamaraj’s vision led to his 18-year appointment on Indian government Coconut/Twine Board committees. His accolades include:

• Repeated "Best Exporter" awards from Twine Board & MSME Ministry

• National recognition for marketing coconut shell ice cream cups during the Barcelona Olympics

• Presidency of the All India Twine Manufacturers’ Association

Product Portfolio Evolution

Food & Beverages

Tender Coconut Water (200ml PET/Tetra): Natural electrolyte-rich beverage

Virgin Coconut Oil (500ml): Chemical-free, cold-pressed

Desiccated Coconut Powder (200g): Dehydrated baking ingredient

Coconut Sugar (1kg/400g/sachets): Low glycemic index

Coconut Milk Cream (400ml): Extracted from mature coconuts

Coconada Fruit Juices (250ml/320ml): With Nata de Coco (Flavors: Mango, Strawberry, Orange, Lychee, Mojito, Pineapple, Blueberry, Grape, Guava)

Coir & Specialty Products

• Coco Peat

• Coir Fiber

• Coconut Shell Ice Cream Cups

• Private-label manufacturing

Global Expansion & Infrastructure

With 35+ years of experience, SCP exports to 20+ countries. Its award-winning, automated Pollachi facility increased daily production capacity from 500kg (1980) to 10,000kg.

UGC-NET में बलिया के आदित्य की चमकदार उड़ान: 96.24 परसेंटाइल के साथ कंप्यूटर साइंस में रचा कीर्तिमान, शोध में देशसेवा का संकल्प
ओमप्रकाश वर्मा नगरा (बलिया)। पूर्वी उत्तर प्रदेश के नगरा क्षेत्र से एक और होनहार युवक ने राष्ट्रीय स्तर पर जिले का नाम रौशन कर दिया है। ग्राम नगरा (बेल्थरा मार्ग), जनपद बलिया निवासी आदित्य कुमार जायसवाल, पिता दीननाथ प्रसाद, ने UGC-NET (University Grants Commission - National Eligibility Test) परीक्षा में "कंप्यूटर साइंस एंड एप्लिकेशन" विषय से 96.24 परसेंटाइल हासिल कर जिले के युवाओं के लिए प्रेरणा की नई मिसाल पेश की है। यह गौरवपूर्ण उपलब्धि न केवल उनके कठिन परिश्रम और समर्पण की गवाही देती है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि अगर लक्ष्य स्पष्ट हो और जुनून सच्चा हो, तो कोई भी मंज़िल दूर नहीं। UGC-NET परीक्षा विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों में असिस्टेंट प्रोफेसर की पात्रता तथा जूनियर रिसर्च फेलोशिप (JRF) के लिए राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित की जाती है। इस प्रतिष्ठित परीक्षा में कंप्यूटर साइंस जैसे तकनीकी विषय में इतनी उच्च परसेंटाइल प्राप्त करना अत्यंत चुनौतीपूर्ण होता है, लेकिन आदित्य ने अपनी लगन और उत्कृष्ट शैक्षणिक क्षमता से इसे भी संभव कर दिखाया। अब उनका सपना है कि वह कंप्यूटर विज्ञान के आधुनिक क्षेत्रों — जैसे कृत्रिम बुद्धिमत्ता (Artificial Intelligence), साइबर सुरक्षा और मशीन लर्निंग — में शोध कार्य करें और तकनीक के माध्यम से समाज तथा राष्ट्र के विकास में योगदान दें। उनका मानना है कि भारत को डिजिटल रूप से सशक्त राष्ट्र बनाने के लिए ऐसे ही नवाचार और अनुसंधान की आवश्यकता है, जो युवाओं की नई पीढ़ी को दिशा दे सके। उनकी इस उपलब्धि से परिवार, शिक्षकों, शुभचिंतकों और समस्त नगरा क्षेत्र में हर्ष की लहर दौड़ गई है। उनके पिता दीननाथ प्रसाद ने बेटे की इस उपलब्धि पर गर्व व्यक्त करते हुए कहा कि आदित्य बचपन से ही पढ़ाई के प्रति गंभीर और तकनीकी विषयों में रुचि रखने वाला छात्र रहा है। शिक्षकों ने इसे जिले की उपलब्धि बताया और कहा कि आदित्य जैसे छात्रों की सफलता से अन्य युवाओं को भी प्रेरणा मिलेगी। उन्होंने कहा कि ग्रामीण पृष्ठभूमि से होने के बावजूद आदित्य ने यह दिखा दिया कि प्रतिभा संसाधनों की मोहताज नहीं होती, बल्कि लगन, परिश्रम और सही दिशा-निर्देशन से कोई भी छात्र ऊँचाइयाँ छू सकता है। UGC-NET की इस सफलता के बाद आदित्य अब भारत के किसी प्रतिष्ठित शोध संस्थान में प्रवेश लेने की योजना बना रहे हैं, जहाँ वे कंप्यूटर विज्ञान के गूढ़ विषयों पर अनुसंधान कर सकें। उनका उद्देश्य न केवल वैज्ञानिक क्षेत्र में योगदान देना है, बल्कि आने वाली पीढ़ियों को शिक्षा और तकनीक के माध्यम से सशक्त बनाना भी है। समाज के लिए सकारात्मक सोच और तकनीकी जागरूकता के साथ आगे बढ़ रहे आदित्य जैसे युवा भारत की नई ऊर्जा हैं, जो शिक्षा को केवल डिग्री प्राप्त करने का माध्यम नहीं, बल्कि समाज निर्माण का आधार मानते हैं। उनकी यह उपलब्धि साबित करती है कि बलिया जैसे पूर्वांचल के जिले से भी राष्ट्रीय मंच पर चमकने वाले सितारे निकलते हैं। समस्त बलिया वासियों ने आदित्य को शुभकामनाएं दी हैं और उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की है। यह सफलता केवल व्यक्तिगत नहीं, बल्कि सामूहिक प्रेरणा की कहानी है, जो हर छात्र के लिए एक संदेश छोड़ती है। अगर सपने बड़े हैं, तो प्रयास उससे भी बड़े होने चाहिए।
नेशनल हेराल्ड: ईडी के आरोपपत्र पर कोर्ट ने सुरक्षित रखा फैसला, 29 जुलाई को अहम दिन

#nationalheraldcasesoniagandhirahulgandhudelhicourtdecisionjuly_29

नेशनल हेराल्ड केस से जुड़े एक मामले में जल्द ही कोर्ट का फैसला आ सकता है। दिल्ली की एक अदालत ने सोमवार को नेशनल हेराल्ड मामले में प्रवर्तन निदेशालय द्वारा दायर आरोपपत्र पर संज्ञान लेने पर अपना आदेश सुरक्षित रख लिया। दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने सोनिया गांधी, राहुल गांधी और अन्य के खिलाफ दाखिल ईडी की चार्जशीट पर संज्ञान को लेकर बहस सुनने के बाद अपना आदेश सुरक्षित रख लिया है। अब कोर्ट 29 जुलाई को इस मुद्दे पर आदेश सुनाएगा।

राउज एवेन्यू कोर्ट के विशेष न्यायाधीश (पीसी एक्ट) विशाल गोगने ने कहा कि आदेश 29 जुलाई को सुनाया जाएगा। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सोनिया गांधी और राहुल गांधी, दिवंगत कांग्रेस नेता मोतीलाल वोरा और ऑस्कर फर्नांडीस, साथ ही सुमन दुबे, सैम पित्रोदा और एक निजी कंपनी, यंग इंडियन पर नेशनल हेराल्ड अखबार प्रकाशित करने वाली एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) की 2,000 करोड़ रुपये की संपत्तियों के धोखाधड़ीपूर्ण अधिग्रहण से संबंधित साजिश और धन शोधन का आरोप लगाया है

90 करोड़ ऋण के बदले संपत्ति को धोखाधड़ी से हड़पने का आरोप

ईडी ने आरोप लगाया है कि एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (AJL) - नेशनल हेराल्ड के पब्लिशर्स, जिसकी कीमत ₹2,000 करोड़ से अधिक है। इसकी संपत्तियों को कथित धोखाधड़ी से अधिग्रहित किया गया है। इससे मिले पैसे यंग इंडियन नामक कंपनी के जरिए मनी लॉन्ड्रिंग में इस्तेमाल किए गए। दावे के मुताबिक गांधी परिवार इस कंपनी में बहुसंख्यक शेयरधारक है। ईडी का आरोप है कि गांधी परिवार के पास यंग इंडियन में 76 प्रतिशत शेयर थे, जिसने 90 करोड़ रुपये के ऋण के बदले एजेएल की संपत्ति को धोखाधड़ी से हड़प लिया।

साजिश के तहत ट्रांसफर किए गए शेयर

ईडी का कहना है कि एजेएल की संपत्ति अवैध रूप से हासिल करने के लिए एक आपराधिक साजिश के तहत एजेएल के शेयर यंग इंडियन को ट्रांसफर किए गए। ईडी के मामले में शेयरों की कीमत, एजेएल की अचल संपत्तियां और उनसे मिला किराया, कथित तौर पर अपराध की इनकम है।

कैसे सामने आया मामला?

नेशनल हेराल्ड मामला 2012 में तत्कालीन भाजपा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी द्वारा दायर एक शिकायत से शुरू हुआ था। स्वामी ने आरोप लगाया था कि सोनिया गांधी, राहुल गांधी और अन्य कांग्रेस नेताओं ने एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) की संपत्तियों को यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड (वाईआईएल) के माध्यम से धोखाधड़ी से हड़प लिया। एजेएल नेशनल हेराल्ड अखबार का प्रकाशन करती थी। एजेएल को कांग्रेस पार्टी ने 90.25 करोड़ रुपये का ब्याज-मुक्त ऋण दिया था। 2010 में इस ऋण को यंग इंडियन को मात्र 50 लाख रुपये में हस्तांतरित कर दिया गया, जिसके बाद एजेएल की 99% हिस्सेदारी यंग इंडियन के पास चली गई। सोनिया और राहुल गांधी यंग इंडियन में 38-38% हिस्सेदारी के साथ प्रमुख शेयर धारक हैं।

29 जुलाई को आदेश सुनाएगा कोर्ट

वहीं, कांग्रेस नेताओं के वकील वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने इसे राजनीतिक प्रतिशोध करार देते हुए कहा कि यंग इंडियन एक गैर-लाभकारी कंपनी है और कोई संपत्ति हस्तांतरित नहीं हुई. उन्होंने यह भी तर्क दिया कि मनी लॉन्ड्रिंग का कोई आधार नहीं है, क्योंकि कोई धन या संपत्ति का व्यक्तिगत लाभ नहीं लिया गया। कोर्ट ने अप्रैल 2025 में ईडी की चार्जशीट में कमियों के कारण समन जारी करने से इनकार कर दिया था, लेकिन मई में कमियों को दूर करने के बाद आरोपियों को सुनवाई का अधिकार देते हुए नोटिस जारी किए। अब 29 जुलाई को कोर्ट यह तय करेगा कि क्या चार्जशीट पर संज्ञान लिया जाए और समन जारी किया जाए या नहीं।

पीएम मोदी को मिला घाना का सर्वोच्च राष्ट्रीय सम्मान, राष्ट्रपति ने खुद किया सम्मानित

#modiconferredwithghanashighestnationalhonour

अफ्रीकी देशों के दौरे पर गए पीएम मोदी को घाना में 'द ऑफिसर ऑफ द ऑर्डर ऑफ द स्टार ऑफ घाना' से सम्मानित किया गया। राजधानी अक्करा में एक कार्यक्रम के दौरान देश के राष्ट्रपति महामा ने पीएम मोदी को सम्मानित किया।पीएम मोदी ने इस सम्मान के लिए घाना के राष्ट्रपति को धन्यवाद दिया और इसे 'अत्यंत गर्व का विषय' बताया।

30 सालों में किसी भारतीय पीएम की पहली घाना यात्रा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार को घाना पहुंचे। राजधानी अक्करा में एक कार्यक्रम के दौरान राष्ट्रपति महामा ने प्रधानमंत्री मोदी को घाना के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘द ऑफिसर ऑफ द ऑर्डर ऑफ द स्टार ऑफ घाना’ से सम्मानित किया। बता दें कि पीएम मोदी की यह यात्रा 30 सालों में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली घाना यात्रा थी। दोनों नेताओं ने रक्षा और सुरक्षा में सहयोग बढ़ाने पर सहमति जताई। भारत, घाना में व्यावसायिक शिक्षा के लिए एक कौशल विकास केंद्र स्थापित करेगा और घाना के 'फीड घाना' कार्यक्रम का समर्थन करेगा।

यह सम्मान भारत और घाना की दोस्ती का प्रतीक-पीएम मोदी

पीएम ने इस सम्मान के लिए सभी का आभार जताया। उन्होंने सोशल मीडिया के जरिए घाना के जनता और सरकार का धन्यवाद देते हुए कहा कहा कि मुझे ऑफिसर ऑफ द ऑर्डर ऑफ द स्टार ऑफ घाना से सम्मानित करना मेरे लिए गर्व का क्षण है। उन्होंने कहा कि यह सम्मान हमारे युवाओं के उज्ज्वल भविष्य, उनकी आकांक्षाओं और भारत और घाना के बीच ऐतिहासिक संबंधों को समर्पित है। उन्होंने कहा कि यह सम्मान भारत और घाना की दोस्ती का भी एक प्रतीक है। भारत हमेशा घाना के लोगों का साथ देगा।

मोदी को 24 वैश्विक पुरस्कारों से किया जा चुका सम्मानित

घाना का यह सर्वोच्च नागरिक सम्मान प्राप्त होने के बाद, प्रधानमंत्री मोदी को अब तक उनके कार्यकाल के दौरान 24 वैश्विक पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस वर्ष घाना के अलावा साइप्रस, श्रीलंका और मॉरीशन के सर्वोच्च सम्मान से सम्मानित किया गया। साइप्रस के राष्ट्रपति निकोस क्रिस्टोडौलिडेस ने पीएम मोदी को साइप्रस के सर्वोच्च सम्मान ग्रैंड क्रॉस ऑफ द ऑर्डर ऑफ मकारियोस III से सम्मानित किया। वहीं श्रीलंका ने पीएम मोदी को मित्र विभूषण मेडल से सम्मानित किया था। इसके अलावा इसी वर्ष प्रधानमंत्री मोदी मॉरीशस के राष्ट्रीय दिवस समारोह में गए थे, जहां उन्हें मॉरीशस के सर्वोच्च पुरस्कार ‘द ग्रैंड कमांडर ऑफ द ऑर्डर ऑफ द स्टार एंड की ऑफ द इंडियन ओशन’ से नवाजा गया।

Luxury on Wheels: Rajveer Conquers India with a Caravan & Camera

Rajveer Singh Makes History with Rajveer X India’s Luxury Drive: A 10,101 KM in a Luxury Caravan Journey Across India

Rajveer X India’s Luxury Drive has emerged as a groundbreaking digital movement and luxury travel sensation, capturing national attention and dominating online media. This historic journey, driven by Rajveer Singh is India’s first and only 10,101 km in a luxury caravan expedition where a solo content creator experienced a staycation at every single property of one hotel group—The LaLiT Group —across the country.

A Journey of Grit, Grandeur, and Glory

Flagged off from The LaLiT Mumbai on April 13, the drive remained true to its planned route even after the terrorist attack in Pahalgam on April 22. Rajveer continued his journey with undeterred spirit, visiting The LaLiT Srinagar from May 4 to 6, boldly portraying Kashmir’s beauty and hospitality to the world.

On May 7, while traveling from Kashmir toward Kartarpur, he witnessed Operation Sindoor—a strategic Indian security operation. Just a day later, in Amritsar at 2 AM on May 8, Rajveer experienced a blackout caused by Pakistan’s drone attack, which was neutralized by India's defense systems—proving again that no force could derail this record-breaking journey.

Highways That Shaped the Journey

Best Overall Route: Kerala to Goa – Stunning landscapes, perfect roads, cultural richness.

Most Challenging Route: Goa to Mumbai – Marred by congestion, poor road quality, and delays.

Best Route for Night Travel: Jaipur to Delhi Expressway – Excellent lighting, security, and smooth driving.

Unforgettable Stays at The LaLiT Properties

Rajveer rated these three properties as the most exceptional:

The LaLiT Srinagar – Hospitality that touched the soul, with breathtaking lake views.

The LaLiT Kolkata – A perfect blend of tradition, comfort, and warmth.

The LaLiT Bekal – Immersive serenity, coastal charm, and meticulous service.

Brands That Fueled the Legacy

The campaign was proudly powered by U&I Entertainment and Designistic Global pvt ltd , backed by over 20 esteemed brands, including:

Red Chief, Team Wizard Media, Being You Always, Body Profuse, Krunchillo, French Essence, Andros Food, Bright Outdoor Media, Josh Bharat Media and many more

Designistic Global Media was the post production partner who played a crucial role in transforming the journey into a cinematic experience.

Support from the Ministry of Road Transport & Highways, Kashmir Tourism, and The LaLiT Group as official hospitality partner gave this campaign national strength and significance.

People, Power, and Unprecedented Support

This journey brought together a constellation of influencers and thought leaders:

Creators like Mister Tikku, Dil Se Foodie, Bhookad_Singh and many more joined in city after city.

Entrepreneurs such as Dr. Vishal Kalra, Yukit Vora, Harmeet Singh Gupta, and MasterChef Ishijyot Surri rallied behind the initiative.

In Udaipur, Rajveer had the honor of meeting Maharaja Dr. Lakshyaraj Singh Mewar, adding royal recognition to this prestigious tour.

Numbers That Speak Volumes

10,101 km covered, 12 luxury stays at The LaLiT Group, 250+ posts and 1,500+ Instagram stories, 100+ million digital impressions.

A Legacy of Firsts

1st content creator to stay at every property of a hotel group in a single country in less than 33 days

1st to drive 10,101 km accross the country in a luxury caravan

1st to continue with a national drive plan even during a regional terror attack & National War With Pakistan.

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The Road Ahead

This is not just a story of roads and reels—this is about fearless storytelling, unmatched hospitality, and a new benchmark in luxury content experiences. The road was long, but Rajveer’s vision was longer.

For collaborations, features, and media kits, follow

Why You Should Choose the Best Digital Marketing Agency in Bangalore for Your Business

In the vibrant metropolis of Bangalore, often hailed as India's Silicon Valley, the digital realm is not just a platform; it's the battlefield where businesses either thrive or fade. Merely existing online is no longer enough; true success demands a deep understanding of digital ecosystems and a strategy that goes "beyond clicks" to deliver tangible, sustainable business growth. This is the core philosophy that drives Beta Digital Marketing, an agency that has, over the past five years, become a trusted partner for businesses seeking comprehensive, results-driven digital solutions. If you're looking to elevate your online presence, partnering with the best digital marketing agency in Bangalore is key. Beta Digital Marketing Agency offers a comprehensive suite of digital services designed to help your business thrive online.

Beta Digital Marketing's story is one of remarkable resilience and foresight. Founded amidst the profound uncertainties of the Covid-19 pandemic, the agency emerged as a crucial lifeline for businesses grappling with an overnight shift to digital operations. What began as a vital support system for navigating unprecedented challenges has since blossomed into a thriving company with a proven track record. This origin speaks volumes about their adaptability and their innate ability to understand and solve critical business problems, a foundation that continues to shape their client-centric and results-oriented approach today. The best digital marketing agency in Bangalore uses the latest tools and strategies to ensure your brand reaches the right audience. When you choose Beta Digital Marketing Agency, you are partnering with a team committed to delivering measurable results.

At the heart of Beta Digital Marketing's operations is a simple, yet powerful mission: "to help your business grow through effective and customized digital marketing strategies." They recognize that in an increasingly digital world, standing out requires more than just a fleeting presence; it demands a strategic roadmap designed to elevate your brand and drive actual growth. This commitment to measurable outcomes is powerfully underscored by their unique "No Results, No Charge" promise. This isn't just a bold guarantee; it's a profound statement of confidence in their own capabilities and a complete alignment with their clients' success. It removes the financial risk for businesses, fostering an environment of trust and ensuring that every strategy implemented is geared towards delivering concrete, quantifiable results. As a leading provider of digital marketing solutions, Beta Digital Marketing Agency ensures that your brand stands out in a competitive market.

What truly differentiates Beta Digital Marketing is its holistic approach to digital growth. They don't just offer isolated services; they provide a comprehensive suite of solutions that work in concert, forming a robust digital ecosystem tailored to each client's unique needs. This integrated strategy ensures that every facet of your online presence contributes to your overarching business objectives, propelling growth from every angle. With a proven track record of success, the best digital marketing agency in Bangalore can help you navigate the competitive digital landscape. With years of expertise, Beta Digital Marketing Agency has helped numerous businesses achieve their online goals.

Top Strategies Employed by the Best Digital Marketing Agency in Bangalore

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Beyond local searches, their expertise in Advanced SEO is designed to significantly improve your organic search rankings and attract a consistent stream of qualified traffic. This goes far beyond basic keyword optimization, delving into technical SEO, comprehensive content strategy, strategic link building, and in-depth keyword research. By implementing these sophisticated techniques, Beta Digital Marketing helps businesses build sustainable online authority, ensuring long-term visibility and a strong return on their investment in organic growth.

For immediate impact and precision targeting, Google Ads remains a powerful tool. Beta Digital Marketing’s specialists are adept at crafting high-performing Pay-Per-Click (PPC) campaigns. They manage everything from meticulous keyword targeting and compelling ad copy creation to continuous bid optimization, ensuring your advertising budget is maximized for efficiency and effectiveness. The goal is to drive qualified leads and conversions quickly, translating ad spend into tangible business opportunities. If you're looking to elevate your online presence, partnering with the best digital marketing agency in Bangalore is key.

How the Best Digital Marketing Agency in Bangalore Can Help Drive Business Growth

In the realm of social engagement, Beta Digital Marketing offers both Social Media Management and Social Media Marketing. They understand that social platforms are dynamic communities, not just broadcasting channels. Their management services focus on strategic content creation, audience engagement, and building a loyal community around your brand. Furthermore, their social media marketing expertise encompasses powerful paid social campaigns across platforms like Facebook, Instagram, and LinkedIn. By leveraging advanced targeting capabilities, they ensure your social media efforts generate measurable results, driving leads and sales directly from these influential platforms.

The Benefits of Partnering with Beta Digital Marketing Agency for Digital Success

Rounding out their comprehensive offerings are Email, SMS, and WhatsApp Marketing – essential channels for direct engagement and lead nurturing. Beta Digital Marketing crafts effective email campaigns with smart segmentation and automation, ensuring your messages resonate. They also harness the immediate reach of SMS and WhatsApp for personalized interactions, delivering timely updates, special offers, and fostering deeper customer relationships in a highly mobile-centric market like Bangalore.

Transform Your Digital Presence with Beta Digital Marketing Agency

Beta Digital Marketing's methodology is grounded in "Simple, Proven Strategies" driven by "Thorough Research" and a resolute "Focus on What Works Best for Your Business." They believe in transparency and efficacy, eschewing "gimmicks" for genuine, measurable growth. Their collaborative approach ensures that each strategy is customized, not a one-size-fits-all solution, thereby maximizing relevance and impact for every client.

Beyond their commercial success, Beta Digital Marketing is propelled by a profound Vision: to become the leading results-driven agency, delivering "100% measurable success for every client," while simultaneously "empowering businesses of all sizes, providing job opportunities in villages, and managing projects across the globe." This vision is deeply inspired by the indelible philosophy of Dr. A.P.J. Abdul Kalam, who championed development reaching "the last person in the remotest village." This commitment to social impact is woven into their very fabric, as they actively seek to create employment opportunities in rural areas, bringing digital talent into the mainstream and contributing to inclusive national growth. Partnering with Beta Digital Marketing thus transcends mere business transactions; it becomes an investment in a larger, more impactful mission.

Drive Measurable Results with Beta Digital Marketing Agency

In summary, Beta Digital Marketing offers Bangalore businesses more than just individual digital services; they provide a holistic, integrated roadmap to sustained growth. Their journey from a pandemic-born initiative to a trusted digital partner, coupled with their unique "No Results, No Charge" guarantee and a powerful social vision, positions them as the ideal ally for any business striving to thrive in Bangalore's competitive digital landscape. If you're ready to move beyond just "clicks" and achieve genuine, measurable business expansion, connect with Beta Digital Marketing. Visit their website at betadigitalmarketing.com or reach out directly by calling or WhatsApping them at +91 9513999901.

नवा रायपुर का रिटेल कॉम्प्लेक्स : आधुनिक मनोरंजन और तकनीकी नवाचार का नया केंद्र

रायपुर- छत्तीसगढ़ की राजधानी नवा रायपुर के सेक्टर-21 में 2.65 लाख वर्गफीट में निर्मित छह मंजिला सेंट्रल बिजनेस डिस्ट्रिक्ट (CBD) देश के इस पहली स्मार्ट सिटी की नई पहचान बनने की दिशा में तेजी से अग्रसर है। नवा रायपुर का नवनिर्मित रेल्वे स्टेशन इसके पास ही है, जिस वजह से यह सीबीडी रेल्वे स्टेशन के नाम से ही जाना जाता है। अभी सीबीडी में मिराज मल्टीप्लेक्स, आईपी क्लब रेस्टोरेंट और एएसपी कार्यालय संचालित हो रहे हैं। मनोरंजन के अद्वितीय अनुभव के लिए यहां जल्द ही इमर्सिव होलोग्राफिक एंटरटेनमेंट सेंटर प्रारंभ होने जा रहा है। हर तरह की खरीदारी के लिए गोकुल सुपर मार्केट भी शीघ्र शुरू होगा।

स्मार्ट सिटी के अनुरूप सीबीडी में एक ही जगह पर विविध सुविधाएं मुहैया कराई जा रही हैं। स्थानीय व्यवसाईयों को 100 से अधिक रिटेल दुकानें आबंटित की गई हैं जो यहां तेजी से फुटफाल बढ़ाएंगी। सीबीडी नवा रायपुर के आर्थिक विकास को गति देने के साथ ही रोजगार, पर्यटन, सांस्कृतिक-तकनीकी केंद्र और नवाचार आधारित स्टार्ट-अप्स के लिए नया मंच प्रदान करेगा। स्मार्ट सिटी की परिकल्पना को साकार करने वाला यह कॉम्प्लेक्स आने वाले वर्षों में नवा रायपुर की नई पहचान बनेगा जहां शिक्षा, मनोरंजन और दैनिक जरूरतें जैसी सभी चीजें एक ही स्थान पर सुलभ होंगे। इमर्सिव टेक्नोलॉजी, तकनीकी प्रशिक्षण संस्थान और शॉपिंग की सहुलियतों से सुसज्जित यह भविष्य के नए आकर्षण का केंद्र है।

सेंट्रल बिजनेस डिस्ट्रिक्ट का कॉमर्शियल कॉम्प्लेक्स चार विंग्स में फैला हुआ है, जिसका कुल कारपेट एरिया दो लाख 65 हजार वर्गफीट है। यहां हर तल की योजना नागरिकों की अलग-अलग जरूरतों को ध्यान में रखकर तैयार की गई है। भू-तल में लगभग पांच हजार वर्गफीट एरिया गोकुल सुपर मार्केट को आबंटित किया गया है जो शीघ्र ही प्रारंभ होने वाला है। इसी तल पर नवा रायपुर का अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक कार्यालय भी संचालित है। भू-तल पर 100 से अधिक रिटेल दुकानें भी आबंटित की गई हैं।

सीबीडी का द्वितीय तल एनआईईएलआईटी (National Institute of Electronics & Information Technology) को आबंटित किया गया है, जो युवाओं को इलेक्ट्रॉनिक्स, डेटा एनालिटिक्स और आईटी में प्रशिक्षित कर आत्मनिर्भर बनाएगा। इस तल पर आईपी क्लब रेस्टोरेंट भी संचालित है, जो लोगों को विभिन्न तरह के खानपान उपलब्ध कराता है। तृतीय तल पर पांच करोड़ 33 लाख रुपए की लागत से इमर्सिव होलोग्राफिक एंटरटेनमेंट सेंटर बनाया जा रहा है। यह वीआर (VR), एआर (AR) और होलोग्राफिक तकनीकों के माध्यम से प्रदेशवासियों को मनोरंजन का अद्वितीय अनुभव प्रदान करेगा। चौथे व छटवें फ्लोर पर संचालित मिराज सिनेमा ने सीबीडी को नवा रायपुर में मनोरंजन के लोकप्रिय स्थल के रूप में स्थापित कर दिया है।

सीबीडी केवल शॉपिंग डेस्टिनेशन नहीं है। यह छत्तीसगढ़ की आधुनिक राजधानी नवा रायपुर को निकट भविष्य में आर्थिक, सामाजिक और तकनीकी रूप से गहरे तक प्रभावित करेगा। देश की पहली स्मार्ट सिटी नवा रायपुर अटल नगर तेजी से भविष्य के शहर के रूप में उभर रहा है, जहां मुख्यमंत्री निवास, मंत्रालय, सचिवालय, विभागाध्यक्ष भवन और अन्य सरकारी कार्यालय संचालित हैं। विधानसभा का नया भवन भी यहां निर्माणाधीन है। शिक्षा, स्वास्थ्य, तकनीकी विकास और निवेश के क्षेत्र में भी नवा रायपुर नई ऊचांईयाँ छू रहा है। वर्ष 2018 में सीबीडी का निर्माण पूर्ण होने के बाद वर्तमान सरकार ने 2025 में ही गोकुल सुपर मार्केट, नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक कार्यालय जैसे कई स्थानों को आबंटित किया है। कॉम्प्लेक्स के अन्य बिल्ड-अप स्पेस के आबंटन की कार्यवाही भी तेजी से प्रक्रियाधीन है।

माओवाद के समूल नाश और बस्तर के समग्र विकास के लिए देश के बुद्धिजीवियों का आह्वान

रायपुर- बस्तर क्षेत्र में माओवादी हिंसा के उन्मूलन की मांग को लेकर आज रायपुर में एक महत्त्वपूर्ण प्रेस वार्ता आयोजित की गई। इस वार्ता को प्रो. एस.के. पांडे (पूर्व कुलपति), अनुराग पांडे (सेवानिवृत्त IAS), बी. गोपा कुमार (पूर्व उप-सॉलिसिटर जनरल) और शैलेन्द्र शुक्ला (पूर्व निदेशक, क्रेडा) ने संबोधित किया।

इन चार वक्ताओं द्वारा अपने वक्तव्य में बस्तर के नागरिकों की दशकों पुरानी पीड़ा, माओवादी हिंसा का वास्तविक स्वरूप, और तथाकथित 'बुद्धिजीवी' वर्ग द्वारा माओवाद के वैचारिक महिमामंडन पर गहरी चिंता व्यक्त की गई।

प्रो. एस.के. पांडे ने कहा कि बस्तर पिछले चार दशकों से माओवादी हिंसा की चपेट में है, जिसमें हजारों निर्दोष आदिवासी नागरिक, सुरक्षाकर्मी, शिक्षक, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और ग्राम प्रतिनिधि मारे जा चुके हैं। South Asia Terrorism Portal के आँकड़ों का हवाला देते हुए उन्होंने बताया कि केवल छत्तीसगढ़ में माओवादी हिंसा से 1000 से अधिक आम नागरिकों की जान जा चुकी है, जिनमें बहुसंख्यक बस्तर के आदिवासी हैं।

अनुराग पांडे ने कहा कि ‘शांति वार्ता’ की बात तभी स्वीकार्य हो सकती है जब माओवादी हिंसा और हथियारों का त्याग करें। इसके साथ ही जो संगठन और व्यक्ति माओवादियों के फ्रंटल समूहों के रूप में कार्य कर रहे हैं, उनकी पहचान कर उन पर भी वैधानिक कार्रवाई की जानी चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि सलवा जुडूम को बार-बार निशाने पर लेना माओवादी आतंक को नैतिक छूट देने का प्रयास है, जबकि बस्तर की जनता स्वयं इस हिंसा का सबसे बड़ा शिकार है।

प्रेस को सम्बोधित करते हुए बी. गोपा कुमार ने कहा कि जो लोग ‘शांति’ की बात कर रहे हैं, उन्हें पहले यह सुनिश्चित करना चाहिए कि माओवादी हिंसा पूरी तरह बंद हो। अन्यथा यह सब केवल रणनीतिक प्रचार (propaganda) का हिस्सा मात्र है। उन्होंने कहा कि 2004 की वार्ताओं के बाद जिस प्रकार 2010 में ताड़मेटला में नरसंहार हुआ, वह एक ऐतिहासिक चेतावनी है, जिसे नहीं भूलना चाहिए।

वार्ता के अंत में शैलेन्द्र शुक्ला ने यह स्पष्ट किया गया है कि शांति, विकास और न्याय – ये तीनों केवल तभी संभव हैं जब माओवाद को निर्णायक रूप से समाप्त किया जाए। सरकार से यह अपेक्षा की गई है कि वह माओवादी आतंकवाद के विरुद्ध अपनी कार्रवाई को सतत और सशक्त बनाए रखे, और माओवादी समर्थक संगठनों को वैधानिक रूप से चिन्हित कर उन पर कड़ी कार्रवाई की जाए।

मुख्य मांगे-

  •  सरकार नक्सल आतंकवाद के खिलाफ अपनी कार्रवाई जारी रखे, और सुरक्षा बलों के प्रयासों को और भी मजबूत बनाए। कार्रवाइयाँ और अधिक सशक्त और सतत रहें।
  •  माओवादी और उनके समर्थक संगठनों को शांति वार्ता के लिए तभी शामिल किया जाए, जब वे हिंसा और हथियारों को छोड़ने के लिए तैयार हों।
  •  नक्सलवाद और उनके फ्रंटल संगठनों का समर्थन करने वाले व्यक्तियों और संगठनों पर उचित कार्रवाई की जाए।
  •  बस्तर की शांति और विकास के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएं, ताकि इस क्षेत्र को नक्सल आतंकवाद से मुक्त किया जा सके।

पत्रकार वार्ता के दौरान एक सार्वजनिक पत्र भी जारी किया गया, जो निम्नलिखित संस्थाओं एवं प्रमुख व्यक्तित्वों द्वारा हस्ताक्षरित है:

Intellectual Forum of Chhattisgarh, Bharat Lawyers Forum, Society For Policy and Strategic Research, Center For Janjatiya Studies and Research, Forum For Awareness of National Security, Bastar Shanti Samiti, Shakti Vigyan Bharti, Call For Justice, The 4th Pillar, Writers For The Nation, Chhattisgarh Civil Society, Janjati Suraksha Manch, Avsar Foundation, बस्तर सांस्कृतिक सुरक्षा मंच सहित कुल 15+ मंच।

पत्र पर हस्ताक्षर करने वाले प्रमुख व्यक्तित्वों में शामिल हैं:

Justice Rakesh Saksena, Major General Mrinal Suman, Brig. Rakesh Sharma, Dr. T.D. Dogra, Mr. Rakesh Chaturvedi (Rtd. IFS), Dr. Varnika Sharma, Prof. B.K. Sthapak, Shyam Singh Kumre (Retd. IAS), और अधिवक्ताओं, शिक्षाविदों, सामाजिक कार्यकर्ताओं तथा नीति विशेषज्ञों का एक विस्तृत समूह, जिनमें Adv. Sangharsh Pandey, Adv. Kaustubh Shukla, Smt. Kiran Sushma Khoya, Prof. Dinesh Parihar, Mr. Vikrant Kumre जैसे नाम उल्लेखनीय हैं।

टोल प्लाजा को लेकर कांग्रेस का हल्ला बोल : केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री गडकरी को पत्र लिखने के बाद भी नहीं हुई कोई कार्रवाई

रायपुर- रायपुर और दुर्ग के बीच संचालित कुम्हारी टोल प्लाजा की अनियमितताओं और अवैध वसूली को लेकर कांग्रेस ने एक बार फिर केंद्र और राज्य सरकार पर निशाना साधा है। कांग्रेस का कहना है कि इस टोल प्लाजा के खिलाफ वे लंबे समय से चरणबद्ध आंदोलन करते आ रहे हैं, लेकिन अब तक न तो राज्य सरकार ने कोई ठोस कार्रवाई की है और न ही केंद्र सरकार ने मामले को गंभीरता से लिया है। इसी मुद्दे को लेकर आज कांग्रेस नेता और पूर्व विधायक विकास उपाध्याय, जिला अध्यक्ष गिरीश दुबे, वरिष्ठ नेता पंकज शर्मा और कन्हैया अग्रवाल ने संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस कर टोल की अवैध वसूली से जुड़े तथ्यों को मीडिया के सामने रखा।

60 किमी के भीतर 3 टोल, नियमों का हो रहा उल्लंघन

नेताओं ने बताया कि रायपुर से दुर्ग के बीच राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक-53 (पूर्व NH-6) पर संचालित कुम्हारी टोल प्लाजा को लेकर जन आक्रोश लगातार बढ़ता जा रहा है। केवल 54 किलोमीटर की दूरी में तीन टोल प्लाजा – मंदिर हसौद (किमी 258), कुम्हारी (किमी 281), और दुर्ग (किमी 312) – संचालित हो रहे हैं, जो भारत सरकार के सड़क परिवहन मंत्रालय के दिशा-निर्देशों का स्पष्ट उल्लंघन है, जिसमें दो टोल प्लाजा के बीच कम से कम 60 किलोमीटर की दूरी अनिवार्य की गई है।

कुम्हारी टोल की वैधता समाप्त, फिर भी वसूली जारी

उन्होंने बताया कि सबसे विवादास्पद स्थिति कुम्हारी टोल प्लाजा को लेकर है, जिसकी वैधानिक वसूली अवधि समाप्त हो चुकी है, फिर भी यह 20 से 25 वर्षों से अवैध रूप से संचालित हो रहा है। स्थानीय निवासियों, खासकर रायपुर के टाटीबंध और कुम्हारी नगर निगम क्षेत्र के लोगों को प्रतिदिन भीषण ट्रैफिक जाम और दुर्घटनाओं का सामना करना पड़ रहा है। कई बार 1 से 2 घंटे तक यात्री जाम में फंसे रहते हैं।

नितिन गडकरी को भेजा पत्र, नहीं मिला जवाब

जनप्रतिनिधियों द्वारा इस मुद्दे को कई बार केंद्र सरकार और राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) के समक्ष उठाया गया है। पूर्व विधायक विकास उपाध्याय ने केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी को पत्र लिखकर इस टोल प्लाजा को अविलंब बंद करने की मांग पहले ही की थी, पर सरकार इस मामले में गंभीर नहीं है और टोल वसूली जारी है। वैसे तो नियमानुसार जब टोल वसूली की निर्धारित लागत वर्षों पहले ही वसूल की जा चुकी है, तो इस टोल प्लाजा का संचालन पूरी तरह से अवैध और जनविरोधी है।

कांग्रेस नेताओं ने चेतावनी दी है कि यदि शीघ्र निर्णय नहीं लिया गया, तो वे चरणबद्ध आंदोलन चलाएंगे और आवश्यकता पड़ने पर दिल्ली तक विरोध प्रदर्शन करेंगे।

कांग्रेस का सीधा आरोप है कि यह टोल नाका न केवल अवैध वसूली का केंद्र बन गया है, बल्कि जानलेवा जाम और दुर्घटनाओं की वजह से यह स्थानीय नागरिकों के लिए संकट का कारण बन चुका है।

समय सीमा समाप्त होने के बाद वसूली

  1. कई बार टोल प्लाजा की वैधानिक अवधि (Concession Agreement Period) समाप्त हो जाने के बावजूद, पुराने ठेकेदार या एजेंसियां टोल वसूली जारी रखती हैं। यह कॉन्ट्रैक्ट उल्लंघन है और इसे “अवैध वसूली“ माना जाता है।
  2. सार्वजनिक निधियों (Public Funded Projects) में मनमानी

कुछ टोल प्लाजा सरकारी निधियों से निर्मित होते हैं, जहां टोल वसूली एक तय अवधि तक ही की जा सकती है। लेकिन कई बार इनकी वसूली अनिश्चित काल तक जारी रहती है, जो पूर्णतया नियमविरुद्ध है।

  1. ट्रैफिक घनत्व का दुरुपयोग

कई टोल प्लाजा अधिक ट्रैफिक घनत्व वाले क्षेत्रों में स्थित होते हैं, जहाँ लोगों को वैकल्पिक मार्ग नहीं मिलते। इसका लाभ उठाकर अवैध वसूली की जाती है और स्थानीय जनता मजबूरी में भुगतान करती है।

  1. नियमों का उल्लंघन – दूरी संबंधी गाइडलाइन
  2. NHAI की गाइडलाइन के अनुसार, दो टोल प्लाज़ा के बीच कम से कम 60 किमी की दूरी होनी चाहिए। लेकिन जब यह नियम तोड़ा जाता है (जैसे मंदिरहसौद-कुम्हारी-दुर्ग केस में), तो यह अवैध वसूली की श्रेणी में आता है


मनमाने दर से शुल्क वसूलना

कुछ टोल प्लाजा पर पुराने रेट चार्ज किए जाते हैं या रेट चार्ट सार्वजनिक नहीं होता, जिससे जनता को भ्रमित कर अधिक शुल्क लिया जाता है।

  1. स्थानीय वाहनों से वसूली

स्थानीय निवासियों को NHAI के नियमों के अनुसार छूट या रियायत मिलनी चाहिए, लेकिन कई टोल प्लाजा नियमों की अनदेखी कर इनसे भी नियमित वसूली करते हैं।

वर्तमान में रायपुर से दुर्ग के बीच टोल नाके (NH-53 पर)

रायपुर से दुर्ग के बीच लगभग 54 किलोमीटर की दूरी है, जिस पर तीन टोल प्लाजा संचालित हैं।

  1. मंदिर हसौद टोल प्लाजा – किमी 258.650 (NH-53)

नया स्थापित टोल (BOT आधारित)

  1. कुम्हारी टोल प्लाजा – किमी 281.400 (NH-53)

सार्वजनिक निधि से निर्मित (Public Funded)

इसकी वैधता समाप्त हो चुकी है, पर वसूली जारी है

  1. दुर्ग टोल प्लाजा – किमी 312.780 (NH-6 /NH-53)

BOT आधारित टोल

टोल प्लाजा के बीच की दूरी –

मंदिर हसौद से कुम्हारी – लगभग 23 किमी

कुम्हारी से दुर्ग – लगभग 31 किमी

कुल दूरी (तीनों के बीच) – 54 किमी में 3 टोल प्लाजा

NHAI / MoRTH के अनुसार नियम


भारत सरकार के सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) के दिशा-निर्देशों के अनुसारः


दो टोल प्लाजा के बीच की न्यूनतम दूरी

60 किलोमीटर होनी चाहिए (सामान्यतः National Highways पर) इस नियम का पालन ना कर के वसूली जारी रखी गई हैटोल प्लाजा संचालन के लिए NHAI या MoRTH (सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय) से अनुबंध जरूरी होता है।


ये कहते हैं नियम

विकास उपाध्याय ने बताया कि यदि टोल संचालन का अनुबंध समाप्त हो गया हो या नियमों का उल्लंघन हो, तो राज्य सरकार अथवा लोक प्रतिनिधि मंत्रालय से टोल को बंद कराने की सिफारिश कर सकते हैं। लेकिन राज्य सरकार ने इस ओर से मुंह फेरा हुआ है और देखते जानते समझते हुए भी राज्य सरकार की आंखों में पट्टी बंधी हुई है।

केंद्र सरकार और NHAI से की मांग

  1. कुम्हारी टोल प्लाजा को अविलंब बंद किया जाए।
  2. अवैध वसूली की उच्च स्तरीय जांच की जाए।
  3. स्थानीय नागरिकों को यातायात जाम और दुर्घटनाओं से राहत दिलाने के लिए वैकल्पिक व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।
  4. स्थानीय नागरिकों से नियम विरुद्ध फास्ट्रेक कैमरा लगा कर, अवैध वसूली की जा रही है इस प्रकरण में कंपनी से जनता से वसूली गई रकम वसूली जाए।


उन्होंने बताया कि कांग्रेस पार्टी द्वारा पूर्व में भी विरोध के कारण रायपुर राजधानी स्थित सुन्दर नगर में टोल प्लाजा का निर्माण भारतीय जनता पार्टी के शासन में किया जा रहा था जिसे शासन को बंद करना पड़ा। पूर्व में हमारे द्वारा परिवहन मंत्री नितिन गडकरी जी को पत्र प्रेषित कर कुम्हारी टोल प्लाजा को बंद करने की मांग के लिए एवं छत्तीसगढ़ प्रतिनिधि मंडल को वार्ता के लिए समय की मांग की गई थी, लेकिन आज तक उनका कोई जवाब नहीं आया है। वर्तमान में कुछ दिनों पूर्व हमने भारतीय जनता पार्टी के 10 लोकसभा सांसदों को पत्र प्रेषित किया गया कि आप लोग भी कुम्हारी टोल प्लाजा को बंद कराने हेतु सहयोग करें और कांग्रेस द्वारा लगातार अवैध टोल प्लाजा के खिलाफ आंदोलन किये जा रहे हैं। इस मामले को लेकर विधिक कार्रवाई जारी है।

सोनिया और राहुल गांधी ने नेशनल हेराल्ड केस में की 142 करोड़ की अवैध कमाई, ईडी ने कोर्ट को और क्या-क्या बताया

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प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बुधवार को दिल्ली की एक अदालत में कहा कि नेशनल हेराल्ड मामले में कांग्रेस नेताओं सोनिया गांधी और राहुल गांधी के साथ-साथ कुछ अन्य आरोपियों के खिलाफ प्रथम दृष्टया मनी लॉन्ड्रिंग का मामला बनता है ।ईडी ने विशेष न्यायाधीश विशाल गोगने के समक्ष मामले का संज्ञान लेने के संबंध में प्रारंभिक दलीलें पेश कीं।नेशनल हेराल्ड केस से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले की सुनवाई नई दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट केस में चल रही है।

कोर्ट में ईडी की ओर से एडिशनल सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू और प्रस्तावित आरोपियों की ओर से अभिषेक सिंघवी दलील रखने पहुंचे। कोर्ट ने कहा कि आज ईडी अपनी दलील रख लें। ईडी ने आगे दावा किया कि गांधी परिवार ने न केवल अपराध से प्राप्त धन को अर्जित करके धन शोधन किया, बल्कि उस पेसे को अपने पास भी रखा। ईडी ने बताया कि नेशनल हेराल्ड के संबंध में सोनिया गांधी, सैम पित्रोदा, सुमन दुबे और अन्य के खिलाफ प्रथम दृष्टया धन शोधन का मामला सामने आया है। इस बीच, न्यायाधीश ने संघीय एजेंसी को शिकायतकर्ता सुब्रमण्यम स्वामी को एक प्रति उपलब्ध कराने का आदेश दिया। ईडी ने 2021 में अपनी जांच शुरू करने के बाद हाल ही में अपना आरोपपत्र दाखिल किया।

142 करोड़ का फायदा लेने का आरोप

एएसजी राजू ने अदालत में कहा कि राहुल गांधी और सोनिया गांधी के साथ अन्य पर केस बनता है। ईडी ने अदालत में कहा, संपत्तियों की कुर्की नवंबर 2023 में की गई थी, तब तक आरोपी अपराध की कमाई का फायदा ले रहे थे। इस दौरान उन्होंने 142 करोड़ का फायदा लिया। ईडी ने कहा, जब आरोपियों ने अपराध की आय अर्जित की है तो उन्होंने मनी लॉन्ड्रिंग की, लेकिन उस आय को अपने पास रखे रहना भी मनी लॉन्ड्रिंग माना जाता है। यह न केवल प्रत्यक्ष है, बल्कि अप्रत्यक्ष भी है, जो अपराध की आय का अधिग्रहण है।

क्या है नेशनल हेराल्ड केस?

नेशनल हेराल्ड केस एक अखबार से जुड़ा मामला है। साल 1938 में भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू ने इस अखबार की शुरुआत की थी। अखबार का नाम नेशनल हेराल्ड था। इसका मालिकाना हक एसोसिएटेड जर्नल लिमिटेड (AJL) के पास था। AJL दो और अखबार छापती थी। ये अखबार हिंदी में 'नवजीवन' और उर्दू में 'कौमी आवाज' थे। कंपनी घाटे में चली गई और 2008 में इसे बंद करना पड़ा। कंपनी पर 90 करोड़ का कर्ज था। इसी के बाद विवाद शुरू हुआ।

दरअसल, 1956 में AJL को गैर-व्यावसायिक कंपनी बनाया गया था। इसे कंपनी एक्ट की धारा 25 से टैक्स में छूट मिली थी। लेकिन कंपनी को नुकसान होने लगा। धीरे-धीरे कंपनी पर कर्ज बढ़ता गया। आखिरकार वित्तीय संकट के चलते इसे बंद करना पड़ा।

कैसे सामने आया विवाद?

साल 2010 में यंग इंडियन नाम से एक और कंपनी की स्थापना की गई । जिसमें 76 प्रतिशत शेयर सोनिया गांधी और राहुल गांधी (38-38 फीसदी) के पास और बाकी का शेयर मोतीलाल बोरा और आस्कर फर्नांडिस के पास था।इसके बाद कांग्रेस पार्टी ने अपना 90 करोड़ का लोन नई कंपनी यंग इंडियन को ट्रांसफर कर दिया। लोन चुकाने में पूरी तरह असमर्थ द एसोसिएट जर्नल ने सारा शेयर यंग इंडियन को ट्रांसफर कर दिया।

इसके बदले में यंग इंडियन ने महज 50 लाख रुपये द एसोसिएट जर्नल को दिए। इसी को लेकर बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने एक याचिका दायर कर आरोप लगाया कि यंग इंडियन प्राइवेट ने केवल 50 लाख रुपये में 90 करोड़ वसूलने का उपाय निकाला जो नियमों के खिलाफ है।

Sakthi Coco Products (SCP) pioneering innovation in India's Coconut industry pollachi,india

Pollachi, India

India, the world's largest coconut producer, generates over ₹30,000 crores annually from coconut-based products. Capitalizing on opportunities in India's Food & Beverage and Agro-Processing sectors, Sakthi Coco Products (SCP) has emerged as an industry leader through innovation, an extensive product range, and a dedicated customer base.

Foundational Journey

Established in 1981 by industrial expert Mr. C.M. Kamaraj, SCP pioneered Tamil Nadu’s first mechanized coir fiber exports (Sakthi Coir Exports). Hailing from an agricultural family in Pollachi, Kamaraj leveraged his MBA and business acumen to revolutionize coconut processing. Early collaborations (1983) with biscuit manufacturers like Britannia established SCP’s reputation for premium desiccated coconut powder.

Innovation & Growth

In 2002, SCP transformed waste coir dust into high-value Coco Peat, a soil alternative for horticulture. Developed with Tamil Nadu Agricultural University (TNAU), this innovation positioned SCP as India’s first Coco Peat exporter to Europe and Australia.

In 2003, SCP became India’s first company to commercialize bottled tender coconut water. Overcoming initial technical challenges with support from the Coconut Development Board (CDB) and Defence Food Research Laboratory (DFRL), SCP now produces 100,000 PET bottles/Tetra Packs daily of extended-shelf-life tender coconut water.

Accolades & Leadership

Mr. C.M. Kamaraj’s vision led to his 18-year appointment on Indian government Coconut/Twine Board committees. His accolades include:

• Repeated "Best Exporter" awards from Twine Board & MSME Ministry

• National recognition for marketing coconut shell ice cream cups during the Barcelona Olympics

• Presidency of the All India Twine Manufacturers’ Association

Product Portfolio Evolution

Food & Beverages

Tender Coconut Water (200ml PET/Tetra): Natural electrolyte-rich beverage

Virgin Coconut Oil (500ml): Chemical-free, cold-pressed

Desiccated Coconut Powder (200g): Dehydrated baking ingredient

Coconut Sugar (1kg/400g/sachets): Low glycemic index

Coconut Milk Cream (400ml): Extracted from mature coconuts

Coconada Fruit Juices (250ml/320ml): With Nata de Coco (Flavors: Mango, Strawberry, Orange, Lychee, Mojito, Pineapple, Blueberry, Grape, Guava)

Coir & Specialty Products

• Coco Peat

• Coir Fiber

• Coconut Shell Ice Cream Cups

• Private-label manufacturing

Global Expansion & Infrastructure

With 35+ years of experience, SCP exports to 20+ countries. Its award-winning, automated Pollachi facility increased daily production capacity from 500kg (1980) to 10,000kg.

UGC-NET में बलिया के आदित्य की चमकदार उड़ान: 96.24 परसेंटाइल के साथ कंप्यूटर साइंस में रचा कीर्तिमान, शोध में देशसेवा का संकल्प
ओमप्रकाश वर्मा नगरा (बलिया)। पूर्वी उत्तर प्रदेश के नगरा क्षेत्र से एक और होनहार युवक ने राष्ट्रीय स्तर पर जिले का नाम रौशन कर दिया है। ग्राम नगरा (बेल्थरा मार्ग), जनपद बलिया निवासी आदित्य कुमार जायसवाल, पिता दीननाथ प्रसाद, ने UGC-NET (University Grants Commission - National Eligibility Test) परीक्षा में "कंप्यूटर साइंस एंड एप्लिकेशन" विषय से 96.24 परसेंटाइल हासिल कर जिले के युवाओं के लिए प्रेरणा की नई मिसाल पेश की है। यह गौरवपूर्ण उपलब्धि न केवल उनके कठिन परिश्रम और समर्पण की गवाही देती है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि अगर लक्ष्य स्पष्ट हो और जुनून सच्चा हो, तो कोई भी मंज़िल दूर नहीं। UGC-NET परीक्षा विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों में असिस्टेंट प्रोफेसर की पात्रता तथा जूनियर रिसर्च फेलोशिप (JRF) के लिए राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित की जाती है। इस प्रतिष्ठित परीक्षा में कंप्यूटर साइंस जैसे तकनीकी विषय में इतनी उच्च परसेंटाइल प्राप्त करना अत्यंत चुनौतीपूर्ण होता है, लेकिन आदित्य ने अपनी लगन और उत्कृष्ट शैक्षणिक क्षमता से इसे भी संभव कर दिखाया। अब उनका सपना है कि वह कंप्यूटर विज्ञान के आधुनिक क्षेत्रों — जैसे कृत्रिम बुद्धिमत्ता (Artificial Intelligence), साइबर सुरक्षा और मशीन लर्निंग — में शोध कार्य करें और तकनीक के माध्यम से समाज तथा राष्ट्र के विकास में योगदान दें। उनका मानना है कि भारत को डिजिटल रूप से सशक्त राष्ट्र बनाने के लिए ऐसे ही नवाचार और अनुसंधान की आवश्यकता है, जो युवाओं की नई पीढ़ी को दिशा दे सके। उनकी इस उपलब्धि से परिवार, शिक्षकों, शुभचिंतकों और समस्त नगरा क्षेत्र में हर्ष की लहर दौड़ गई है। उनके पिता दीननाथ प्रसाद ने बेटे की इस उपलब्धि पर गर्व व्यक्त करते हुए कहा कि आदित्य बचपन से ही पढ़ाई के प्रति गंभीर और तकनीकी विषयों में रुचि रखने वाला छात्र रहा है। शिक्षकों ने इसे जिले की उपलब्धि बताया और कहा कि आदित्य जैसे छात्रों की सफलता से अन्य युवाओं को भी प्रेरणा मिलेगी। उन्होंने कहा कि ग्रामीण पृष्ठभूमि से होने के बावजूद आदित्य ने यह दिखा दिया कि प्रतिभा संसाधनों की मोहताज नहीं होती, बल्कि लगन, परिश्रम और सही दिशा-निर्देशन से कोई भी छात्र ऊँचाइयाँ छू सकता है। UGC-NET की इस सफलता के बाद आदित्य अब भारत के किसी प्रतिष्ठित शोध संस्थान में प्रवेश लेने की योजना बना रहे हैं, जहाँ वे कंप्यूटर विज्ञान के गूढ़ विषयों पर अनुसंधान कर सकें। उनका उद्देश्य न केवल वैज्ञानिक क्षेत्र में योगदान देना है, बल्कि आने वाली पीढ़ियों को शिक्षा और तकनीक के माध्यम से सशक्त बनाना भी है। समाज के लिए सकारात्मक सोच और तकनीकी जागरूकता के साथ आगे बढ़ रहे आदित्य जैसे युवा भारत की नई ऊर्जा हैं, जो शिक्षा को केवल डिग्री प्राप्त करने का माध्यम नहीं, बल्कि समाज निर्माण का आधार मानते हैं। उनकी यह उपलब्धि साबित करती है कि बलिया जैसे पूर्वांचल के जिले से भी राष्ट्रीय मंच पर चमकने वाले सितारे निकलते हैं। समस्त बलिया वासियों ने आदित्य को शुभकामनाएं दी हैं और उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की है। यह सफलता केवल व्यक्तिगत नहीं, बल्कि सामूहिक प्रेरणा की कहानी है, जो हर छात्र के लिए एक संदेश छोड़ती है। अगर सपने बड़े हैं, तो प्रयास उससे भी बड़े होने चाहिए।
नेशनल हेराल्ड: ईडी के आरोपपत्र पर कोर्ट ने सुरक्षित रखा फैसला, 29 जुलाई को अहम दिन

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नेशनल हेराल्ड केस से जुड़े एक मामले में जल्द ही कोर्ट का फैसला आ सकता है। दिल्ली की एक अदालत ने सोमवार को नेशनल हेराल्ड मामले में प्रवर्तन निदेशालय द्वारा दायर आरोपपत्र पर संज्ञान लेने पर अपना आदेश सुरक्षित रख लिया। दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने सोनिया गांधी, राहुल गांधी और अन्य के खिलाफ दाखिल ईडी की चार्जशीट पर संज्ञान को लेकर बहस सुनने के बाद अपना आदेश सुरक्षित रख लिया है। अब कोर्ट 29 जुलाई को इस मुद्दे पर आदेश सुनाएगा।

राउज एवेन्यू कोर्ट के विशेष न्यायाधीश (पीसी एक्ट) विशाल गोगने ने कहा कि आदेश 29 जुलाई को सुनाया जाएगा। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सोनिया गांधी और राहुल गांधी, दिवंगत कांग्रेस नेता मोतीलाल वोरा और ऑस्कर फर्नांडीस, साथ ही सुमन दुबे, सैम पित्रोदा और एक निजी कंपनी, यंग इंडियन पर नेशनल हेराल्ड अखबार प्रकाशित करने वाली एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) की 2,000 करोड़ रुपये की संपत्तियों के धोखाधड़ीपूर्ण अधिग्रहण से संबंधित साजिश और धन शोधन का आरोप लगाया है

90 करोड़ ऋण के बदले संपत्ति को धोखाधड़ी से हड़पने का आरोप

ईडी ने आरोप लगाया है कि एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (AJL) - नेशनल हेराल्ड के पब्लिशर्स, जिसकी कीमत ₹2,000 करोड़ से अधिक है। इसकी संपत्तियों को कथित धोखाधड़ी से अधिग्रहित किया गया है। इससे मिले पैसे यंग इंडियन नामक कंपनी के जरिए मनी लॉन्ड्रिंग में इस्तेमाल किए गए। दावे के मुताबिक गांधी परिवार इस कंपनी में बहुसंख्यक शेयरधारक है। ईडी का आरोप है कि गांधी परिवार के पास यंग इंडियन में 76 प्रतिशत शेयर थे, जिसने 90 करोड़ रुपये के ऋण के बदले एजेएल की संपत्ति को धोखाधड़ी से हड़प लिया।

साजिश के तहत ट्रांसफर किए गए शेयर

ईडी का कहना है कि एजेएल की संपत्ति अवैध रूप से हासिल करने के लिए एक आपराधिक साजिश के तहत एजेएल के शेयर यंग इंडियन को ट्रांसफर किए गए। ईडी के मामले में शेयरों की कीमत, एजेएल की अचल संपत्तियां और उनसे मिला किराया, कथित तौर पर अपराध की इनकम है।

कैसे सामने आया मामला?

नेशनल हेराल्ड मामला 2012 में तत्कालीन भाजपा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी द्वारा दायर एक शिकायत से शुरू हुआ था। स्वामी ने आरोप लगाया था कि सोनिया गांधी, राहुल गांधी और अन्य कांग्रेस नेताओं ने एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) की संपत्तियों को यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड (वाईआईएल) के माध्यम से धोखाधड़ी से हड़प लिया। एजेएल नेशनल हेराल्ड अखबार का प्रकाशन करती थी। एजेएल को कांग्रेस पार्टी ने 90.25 करोड़ रुपये का ब्याज-मुक्त ऋण दिया था। 2010 में इस ऋण को यंग इंडियन को मात्र 50 लाख रुपये में हस्तांतरित कर दिया गया, जिसके बाद एजेएल की 99% हिस्सेदारी यंग इंडियन के पास चली गई। सोनिया और राहुल गांधी यंग इंडियन में 38-38% हिस्सेदारी के साथ प्रमुख शेयर धारक हैं।

29 जुलाई को आदेश सुनाएगा कोर्ट

वहीं, कांग्रेस नेताओं के वकील वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने इसे राजनीतिक प्रतिशोध करार देते हुए कहा कि यंग इंडियन एक गैर-लाभकारी कंपनी है और कोई संपत्ति हस्तांतरित नहीं हुई. उन्होंने यह भी तर्क दिया कि मनी लॉन्ड्रिंग का कोई आधार नहीं है, क्योंकि कोई धन या संपत्ति का व्यक्तिगत लाभ नहीं लिया गया। कोर्ट ने अप्रैल 2025 में ईडी की चार्जशीट में कमियों के कारण समन जारी करने से इनकार कर दिया था, लेकिन मई में कमियों को दूर करने के बाद आरोपियों को सुनवाई का अधिकार देते हुए नोटिस जारी किए। अब 29 जुलाई को कोर्ट यह तय करेगा कि क्या चार्जशीट पर संज्ञान लिया जाए और समन जारी किया जाए या नहीं।

पीएम मोदी को मिला घाना का सर्वोच्च राष्ट्रीय सम्मान, राष्ट्रपति ने खुद किया सम्मानित

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अफ्रीकी देशों के दौरे पर गए पीएम मोदी को घाना में 'द ऑफिसर ऑफ द ऑर्डर ऑफ द स्टार ऑफ घाना' से सम्मानित किया गया। राजधानी अक्करा में एक कार्यक्रम के दौरान देश के राष्ट्रपति महामा ने पीएम मोदी को सम्मानित किया।पीएम मोदी ने इस सम्मान के लिए घाना के राष्ट्रपति को धन्यवाद दिया और इसे 'अत्यंत गर्व का विषय' बताया।

30 सालों में किसी भारतीय पीएम की पहली घाना यात्रा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार को घाना पहुंचे। राजधानी अक्करा में एक कार्यक्रम के दौरान राष्ट्रपति महामा ने प्रधानमंत्री मोदी को घाना के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘द ऑफिसर ऑफ द ऑर्डर ऑफ द स्टार ऑफ घाना’ से सम्मानित किया। बता दें कि पीएम मोदी की यह यात्रा 30 सालों में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली घाना यात्रा थी। दोनों नेताओं ने रक्षा और सुरक्षा में सहयोग बढ़ाने पर सहमति जताई। भारत, घाना में व्यावसायिक शिक्षा के लिए एक कौशल विकास केंद्र स्थापित करेगा और घाना के 'फीड घाना' कार्यक्रम का समर्थन करेगा।

यह सम्मान भारत और घाना की दोस्ती का प्रतीक-पीएम मोदी

पीएम ने इस सम्मान के लिए सभी का आभार जताया। उन्होंने सोशल मीडिया के जरिए घाना के जनता और सरकार का धन्यवाद देते हुए कहा कहा कि मुझे ऑफिसर ऑफ द ऑर्डर ऑफ द स्टार ऑफ घाना से सम्मानित करना मेरे लिए गर्व का क्षण है। उन्होंने कहा कि यह सम्मान हमारे युवाओं के उज्ज्वल भविष्य, उनकी आकांक्षाओं और भारत और घाना के बीच ऐतिहासिक संबंधों को समर्पित है। उन्होंने कहा कि यह सम्मान भारत और घाना की दोस्ती का भी एक प्रतीक है। भारत हमेशा घाना के लोगों का साथ देगा।

मोदी को 24 वैश्विक पुरस्कारों से किया जा चुका सम्मानित

घाना का यह सर्वोच्च नागरिक सम्मान प्राप्त होने के बाद, प्रधानमंत्री मोदी को अब तक उनके कार्यकाल के दौरान 24 वैश्विक पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस वर्ष घाना के अलावा साइप्रस, श्रीलंका और मॉरीशन के सर्वोच्च सम्मान से सम्मानित किया गया। साइप्रस के राष्ट्रपति निकोस क्रिस्टोडौलिडेस ने पीएम मोदी को साइप्रस के सर्वोच्च सम्मान ग्रैंड क्रॉस ऑफ द ऑर्डर ऑफ मकारियोस III से सम्मानित किया। वहीं श्रीलंका ने पीएम मोदी को मित्र विभूषण मेडल से सम्मानित किया था। इसके अलावा इसी वर्ष प्रधानमंत्री मोदी मॉरीशस के राष्ट्रीय दिवस समारोह में गए थे, जहां उन्हें मॉरीशस के सर्वोच्च पुरस्कार ‘द ग्रैंड कमांडर ऑफ द ऑर्डर ऑफ द स्टार एंड की ऑफ द इंडियन ओशन’ से नवाजा गया।

Luxury on Wheels: Rajveer Conquers India with a Caravan & Camera

Rajveer Singh Makes History with Rajveer X India’s Luxury Drive: A 10,101 KM in a Luxury Caravan Journey Across India

Rajveer X India’s Luxury Drive has emerged as a groundbreaking digital movement and luxury travel sensation, capturing national attention and dominating online media. This historic journey, driven by Rajveer Singh is India’s first and only 10,101 km in a luxury caravan expedition where a solo content creator experienced a staycation at every single property of one hotel group—The LaLiT Group —across the country.

A Journey of Grit, Grandeur, and Glory

Flagged off from The LaLiT Mumbai on April 13, the drive remained true to its planned route even after the terrorist attack in Pahalgam on April 22. Rajveer continued his journey with undeterred spirit, visiting The LaLiT Srinagar from May 4 to 6, boldly portraying Kashmir’s beauty and hospitality to the world.

On May 7, while traveling from Kashmir toward Kartarpur, he witnessed Operation Sindoor—a strategic Indian security operation. Just a day later, in Amritsar at 2 AM on May 8, Rajveer experienced a blackout caused by Pakistan’s drone attack, which was neutralized by India's defense systems—proving again that no force could derail this record-breaking journey.

Highways That Shaped the Journey

Best Overall Route: Kerala to Goa – Stunning landscapes, perfect roads, cultural richness.

Most Challenging Route: Goa to Mumbai – Marred by congestion, poor road quality, and delays.

Best Route for Night Travel: Jaipur to Delhi Expressway – Excellent lighting, security, and smooth driving.

Unforgettable Stays at The LaLiT Properties

Rajveer rated these three properties as the most exceptional:

The LaLiT Srinagar – Hospitality that touched the soul, with breathtaking lake views.

The LaLiT Kolkata – A perfect blend of tradition, comfort, and warmth.

The LaLiT Bekal – Immersive serenity, coastal charm, and meticulous service.

Brands That Fueled the Legacy

The campaign was proudly powered by U&I Entertainment and Designistic Global pvt ltd , backed by over 20 esteemed brands, including:

Red Chief, Team Wizard Media, Being You Always, Body Profuse, Krunchillo, French Essence, Andros Food, Bright Outdoor Media, Josh Bharat Media and many more

Designistic Global Media was the post production partner who played a crucial role in transforming the journey into a cinematic experience.

Support from the Ministry of Road Transport & Highways, Kashmir Tourism, and The LaLiT Group as official hospitality partner gave this campaign national strength and significance.

People, Power, and Unprecedented Support

This journey brought together a constellation of influencers and thought leaders:

Creators like Mister Tikku, Dil Se Foodie, Bhookad_Singh and many more joined in city after city.

Entrepreneurs such as Dr. Vishal Kalra, Yukit Vora, Harmeet Singh Gupta, and MasterChef Ishijyot Surri rallied behind the initiative.

In Udaipur, Rajveer had the honor of meeting Maharaja Dr. Lakshyaraj Singh Mewar, adding royal recognition to this prestigious tour.

Numbers That Speak Volumes

10,101 km covered, 12 luxury stays at The LaLiT Group, 250+ posts and 1,500+ Instagram stories, 100+ million digital impressions.

A Legacy of Firsts

1st content creator to stay at every property of a hotel group in a single country in less than 33 days

1st to drive 10,101 km accross the country in a luxury caravan

1st to continue with a national drive plan even during a regional terror attack & National War With Pakistan.

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The Road Ahead

This is not just a story of roads and reels—this is about fearless storytelling, unmatched hospitality, and a new benchmark in luxury content experiences. The road was long, but Rajveer’s vision was longer.

For collaborations, features, and media kits, follow

Why You Should Choose the Best Digital Marketing Agency in Bangalore for Your Business

In the vibrant metropolis of Bangalore, often hailed as India's Silicon Valley, the digital realm is not just a platform; it's the battlefield where businesses either thrive or fade. Merely existing online is no longer enough; true success demands a deep understanding of digital ecosystems and a strategy that goes "beyond clicks" to deliver tangible, sustainable business growth. This is the core philosophy that drives Beta Digital Marketing, an agency that has, over the past five years, become a trusted partner for businesses seeking comprehensive, results-driven digital solutions. If you're looking to elevate your online presence, partnering with the best digital marketing agency in Bangalore is key. Beta Digital Marketing Agency offers a comprehensive suite of digital services designed to help your business thrive online.

Beta Digital Marketing's story is one of remarkable resilience and foresight. Founded amidst the profound uncertainties of the Covid-19 pandemic, the agency emerged as a crucial lifeline for businesses grappling with an overnight shift to digital operations. What began as a vital support system for navigating unprecedented challenges has since blossomed into a thriving company with a proven track record. This origin speaks volumes about their adaptability and their innate ability to understand and solve critical business problems, a foundation that continues to shape their client-centric and results-oriented approach today. The best digital marketing agency in Bangalore uses the latest tools and strategies to ensure your brand reaches the right audience. When you choose Beta Digital Marketing Agency, you are partnering with a team committed to delivering measurable results.

At the heart of Beta Digital Marketing's operations is a simple, yet powerful mission: "to help your business grow through effective and customized digital marketing strategies." They recognize that in an increasingly digital world, standing out requires more than just a fleeting presence; it demands a strategic roadmap designed to elevate your brand and drive actual growth. This commitment to measurable outcomes is powerfully underscored by their unique "No Results, No Charge" promise. This isn't just a bold guarantee; it's a profound statement of confidence in their own capabilities and a complete alignment with their clients' success. It removes the financial risk for businesses, fostering an environment of trust and ensuring that every strategy implemented is geared towards delivering concrete, quantifiable results. As a leading provider of digital marketing solutions, Beta Digital Marketing Agency ensures that your brand stands out in a competitive market.

What truly differentiates Beta Digital Marketing is its holistic approach to digital growth. They don't just offer isolated services; they provide a comprehensive suite of solutions that work in concert, forming a robust digital ecosystem tailored to each client's unique needs. This integrated strategy ensures that every facet of your online presence contributes to your overarching business objectives, propelling growth from every angle. With a proven track record of success, the best digital marketing agency in Bangalore can help you navigate the competitive digital landscape. With years of expertise, Beta Digital Marketing Agency has helped numerous businesses achieve their online goals.

Top Strategies Employed by the Best Digital Marketing Agency in Bangalore

For businesses looking to capture their local market share in Bangalore, GMB (Local SEO) is paramount. Beta Digital Marketing meticulously optimizes Google My Business profiles, enhancing local visibility and ensuring that when potential customers search for services "near me," your business appears prominently. This optimization drives increased foot traffic, direct calls, and strengthens local credibility – essential ingredients for thriving in a competitive urban landscape. At Beta Digital Marketing Agency, we believe in creating customized strategies that align with your specific business needs.

Beyond local searches, their expertise in Advanced SEO is designed to significantly improve your organic search rankings and attract a consistent stream of qualified traffic. This goes far beyond basic keyword optimization, delving into technical SEO, comprehensive content strategy, strategic link building, and in-depth keyword research. By implementing these sophisticated techniques, Beta Digital Marketing helps businesses build sustainable online authority, ensuring long-term visibility and a strong return on their investment in organic growth.

For immediate impact and precision targeting, Google Ads remains a powerful tool. Beta Digital Marketing’s specialists are adept at crafting high-performing Pay-Per-Click (PPC) campaigns. They manage everything from meticulous keyword targeting and compelling ad copy creation to continuous bid optimization, ensuring your advertising budget is maximized for efficiency and effectiveness. The goal is to drive qualified leads and conversions quickly, translating ad spend into tangible business opportunities. If you're looking to elevate your online presence, partnering with the best digital marketing agency in Bangalore is key.

How the Best Digital Marketing Agency in Bangalore Can Help Drive Business Growth

In the realm of social engagement, Beta Digital Marketing offers both Social Media Management and Social Media Marketing. They understand that social platforms are dynamic communities, not just broadcasting channels. Their management services focus on strategic content creation, audience engagement, and building a loyal community around your brand. Furthermore, their social media marketing expertise encompasses powerful paid social campaigns across platforms like Facebook, Instagram, and LinkedIn. By leveraging advanced targeting capabilities, they ensure your social media efforts generate measurable results, driving leads and sales directly from these influential platforms.

The Benefits of Partnering with Beta Digital Marketing Agency for Digital Success

Rounding out their comprehensive offerings are Email, SMS, and WhatsApp Marketing – essential channels for direct engagement and lead nurturing. Beta Digital Marketing crafts effective email campaigns with smart segmentation and automation, ensuring your messages resonate. They also harness the immediate reach of SMS and WhatsApp for personalized interactions, delivering timely updates, special offers, and fostering deeper customer relationships in a highly mobile-centric market like Bangalore.

Transform Your Digital Presence with Beta Digital Marketing Agency

Beta Digital Marketing's methodology is grounded in "Simple, Proven Strategies" driven by "Thorough Research" and a resolute "Focus on What Works Best for Your Business." They believe in transparency and efficacy, eschewing "gimmicks" for genuine, measurable growth. Their collaborative approach ensures that each strategy is customized, not a one-size-fits-all solution, thereby maximizing relevance and impact for every client.

Beyond their commercial success, Beta Digital Marketing is propelled by a profound Vision: to become the leading results-driven agency, delivering "100% measurable success for every client," while simultaneously "empowering businesses of all sizes, providing job opportunities in villages, and managing projects across the globe." This vision is deeply inspired by the indelible philosophy of Dr. A.P.J. Abdul Kalam, who championed development reaching "the last person in the remotest village." This commitment to social impact is woven into their very fabric, as they actively seek to create employment opportunities in rural areas, bringing digital talent into the mainstream and contributing to inclusive national growth. Partnering with Beta Digital Marketing thus transcends mere business transactions; it becomes an investment in a larger, more impactful mission.

Drive Measurable Results with Beta Digital Marketing Agency

In summary, Beta Digital Marketing offers Bangalore businesses more than just individual digital services; they provide a holistic, integrated roadmap to sustained growth. Their journey from a pandemic-born initiative to a trusted digital partner, coupled with their unique "No Results, No Charge" guarantee and a powerful social vision, positions them as the ideal ally for any business striving to thrive in Bangalore's competitive digital landscape. If you're ready to move beyond just "clicks" and achieve genuine, measurable business expansion, connect with Beta Digital Marketing. Visit their website at betadigitalmarketing.com or reach out directly by calling or WhatsApping them at +91 9513999901.

नवा रायपुर का रिटेल कॉम्प्लेक्स : आधुनिक मनोरंजन और तकनीकी नवाचार का नया केंद्र

रायपुर- छत्तीसगढ़ की राजधानी नवा रायपुर के सेक्टर-21 में 2.65 लाख वर्गफीट में निर्मित छह मंजिला सेंट्रल बिजनेस डिस्ट्रिक्ट (CBD) देश के इस पहली स्मार्ट सिटी की नई पहचान बनने की दिशा में तेजी से अग्रसर है। नवा रायपुर का नवनिर्मित रेल्वे स्टेशन इसके पास ही है, जिस वजह से यह सीबीडी रेल्वे स्टेशन के नाम से ही जाना जाता है। अभी सीबीडी में मिराज मल्टीप्लेक्स, आईपी क्लब रेस्टोरेंट और एएसपी कार्यालय संचालित हो रहे हैं। मनोरंजन के अद्वितीय अनुभव के लिए यहां जल्द ही इमर्सिव होलोग्राफिक एंटरटेनमेंट सेंटर प्रारंभ होने जा रहा है। हर तरह की खरीदारी के लिए गोकुल सुपर मार्केट भी शीघ्र शुरू होगा।

स्मार्ट सिटी के अनुरूप सीबीडी में एक ही जगह पर विविध सुविधाएं मुहैया कराई जा रही हैं। स्थानीय व्यवसाईयों को 100 से अधिक रिटेल दुकानें आबंटित की गई हैं जो यहां तेजी से फुटफाल बढ़ाएंगी। सीबीडी नवा रायपुर के आर्थिक विकास को गति देने के साथ ही रोजगार, पर्यटन, सांस्कृतिक-तकनीकी केंद्र और नवाचार आधारित स्टार्ट-अप्स के लिए नया मंच प्रदान करेगा। स्मार्ट सिटी की परिकल्पना को साकार करने वाला यह कॉम्प्लेक्स आने वाले वर्षों में नवा रायपुर की नई पहचान बनेगा जहां शिक्षा, मनोरंजन और दैनिक जरूरतें जैसी सभी चीजें एक ही स्थान पर सुलभ होंगे। इमर्सिव टेक्नोलॉजी, तकनीकी प्रशिक्षण संस्थान और शॉपिंग की सहुलियतों से सुसज्जित यह भविष्य के नए आकर्षण का केंद्र है।

सेंट्रल बिजनेस डिस्ट्रिक्ट का कॉमर्शियल कॉम्प्लेक्स चार विंग्स में फैला हुआ है, जिसका कुल कारपेट एरिया दो लाख 65 हजार वर्गफीट है। यहां हर तल की योजना नागरिकों की अलग-अलग जरूरतों को ध्यान में रखकर तैयार की गई है। भू-तल में लगभग पांच हजार वर्गफीट एरिया गोकुल सुपर मार्केट को आबंटित किया गया है जो शीघ्र ही प्रारंभ होने वाला है। इसी तल पर नवा रायपुर का अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक कार्यालय भी संचालित है। भू-तल पर 100 से अधिक रिटेल दुकानें भी आबंटित की गई हैं।

सीबीडी का द्वितीय तल एनआईईएलआईटी (National Institute of Electronics & Information Technology) को आबंटित किया गया है, जो युवाओं को इलेक्ट्रॉनिक्स, डेटा एनालिटिक्स और आईटी में प्रशिक्षित कर आत्मनिर्भर बनाएगा। इस तल पर आईपी क्लब रेस्टोरेंट भी संचालित है, जो लोगों को विभिन्न तरह के खानपान उपलब्ध कराता है। तृतीय तल पर पांच करोड़ 33 लाख रुपए की लागत से इमर्सिव होलोग्राफिक एंटरटेनमेंट सेंटर बनाया जा रहा है। यह वीआर (VR), एआर (AR) और होलोग्राफिक तकनीकों के माध्यम से प्रदेशवासियों को मनोरंजन का अद्वितीय अनुभव प्रदान करेगा। चौथे व छटवें फ्लोर पर संचालित मिराज सिनेमा ने सीबीडी को नवा रायपुर में मनोरंजन के लोकप्रिय स्थल के रूप में स्थापित कर दिया है।

सीबीडी केवल शॉपिंग डेस्टिनेशन नहीं है। यह छत्तीसगढ़ की आधुनिक राजधानी नवा रायपुर को निकट भविष्य में आर्थिक, सामाजिक और तकनीकी रूप से गहरे तक प्रभावित करेगा। देश की पहली स्मार्ट सिटी नवा रायपुर अटल नगर तेजी से भविष्य के शहर के रूप में उभर रहा है, जहां मुख्यमंत्री निवास, मंत्रालय, सचिवालय, विभागाध्यक्ष भवन और अन्य सरकारी कार्यालय संचालित हैं। विधानसभा का नया भवन भी यहां निर्माणाधीन है। शिक्षा, स्वास्थ्य, तकनीकी विकास और निवेश के क्षेत्र में भी नवा रायपुर नई ऊचांईयाँ छू रहा है। वर्ष 2018 में सीबीडी का निर्माण पूर्ण होने के बाद वर्तमान सरकार ने 2025 में ही गोकुल सुपर मार्केट, नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक कार्यालय जैसे कई स्थानों को आबंटित किया है। कॉम्प्लेक्स के अन्य बिल्ड-अप स्पेस के आबंटन की कार्यवाही भी तेजी से प्रक्रियाधीन है।

माओवाद के समूल नाश और बस्तर के समग्र विकास के लिए देश के बुद्धिजीवियों का आह्वान

रायपुर- बस्तर क्षेत्र में माओवादी हिंसा के उन्मूलन की मांग को लेकर आज रायपुर में एक महत्त्वपूर्ण प्रेस वार्ता आयोजित की गई। इस वार्ता को प्रो. एस.के. पांडे (पूर्व कुलपति), अनुराग पांडे (सेवानिवृत्त IAS), बी. गोपा कुमार (पूर्व उप-सॉलिसिटर जनरल) और शैलेन्द्र शुक्ला (पूर्व निदेशक, क्रेडा) ने संबोधित किया।

इन चार वक्ताओं द्वारा अपने वक्तव्य में बस्तर के नागरिकों की दशकों पुरानी पीड़ा, माओवादी हिंसा का वास्तविक स्वरूप, और तथाकथित 'बुद्धिजीवी' वर्ग द्वारा माओवाद के वैचारिक महिमामंडन पर गहरी चिंता व्यक्त की गई।

प्रो. एस.के. पांडे ने कहा कि बस्तर पिछले चार दशकों से माओवादी हिंसा की चपेट में है, जिसमें हजारों निर्दोष आदिवासी नागरिक, सुरक्षाकर्मी, शिक्षक, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और ग्राम प्रतिनिधि मारे जा चुके हैं। South Asia Terrorism Portal के आँकड़ों का हवाला देते हुए उन्होंने बताया कि केवल छत्तीसगढ़ में माओवादी हिंसा से 1000 से अधिक आम नागरिकों की जान जा चुकी है, जिनमें बहुसंख्यक बस्तर के आदिवासी हैं।

अनुराग पांडे ने कहा कि ‘शांति वार्ता’ की बात तभी स्वीकार्य हो सकती है जब माओवादी हिंसा और हथियारों का त्याग करें। इसके साथ ही जो संगठन और व्यक्ति माओवादियों के फ्रंटल समूहों के रूप में कार्य कर रहे हैं, उनकी पहचान कर उन पर भी वैधानिक कार्रवाई की जानी चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि सलवा जुडूम को बार-बार निशाने पर लेना माओवादी आतंक को नैतिक छूट देने का प्रयास है, जबकि बस्तर की जनता स्वयं इस हिंसा का सबसे बड़ा शिकार है।

प्रेस को सम्बोधित करते हुए बी. गोपा कुमार ने कहा कि जो लोग ‘शांति’ की बात कर रहे हैं, उन्हें पहले यह सुनिश्चित करना चाहिए कि माओवादी हिंसा पूरी तरह बंद हो। अन्यथा यह सब केवल रणनीतिक प्रचार (propaganda) का हिस्सा मात्र है। उन्होंने कहा कि 2004 की वार्ताओं के बाद जिस प्रकार 2010 में ताड़मेटला में नरसंहार हुआ, वह एक ऐतिहासिक चेतावनी है, जिसे नहीं भूलना चाहिए।

वार्ता के अंत में शैलेन्द्र शुक्ला ने यह स्पष्ट किया गया है कि शांति, विकास और न्याय – ये तीनों केवल तभी संभव हैं जब माओवाद को निर्णायक रूप से समाप्त किया जाए। सरकार से यह अपेक्षा की गई है कि वह माओवादी आतंकवाद के विरुद्ध अपनी कार्रवाई को सतत और सशक्त बनाए रखे, और माओवादी समर्थक संगठनों को वैधानिक रूप से चिन्हित कर उन पर कड़ी कार्रवाई की जाए।

मुख्य मांगे-

  •  सरकार नक्सल आतंकवाद के खिलाफ अपनी कार्रवाई जारी रखे, और सुरक्षा बलों के प्रयासों को और भी मजबूत बनाए। कार्रवाइयाँ और अधिक सशक्त और सतत रहें।
  •  माओवादी और उनके समर्थक संगठनों को शांति वार्ता के लिए तभी शामिल किया जाए, जब वे हिंसा और हथियारों को छोड़ने के लिए तैयार हों।
  •  नक्सलवाद और उनके फ्रंटल संगठनों का समर्थन करने वाले व्यक्तियों और संगठनों पर उचित कार्रवाई की जाए।
  •  बस्तर की शांति और विकास के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएं, ताकि इस क्षेत्र को नक्सल आतंकवाद से मुक्त किया जा सके।

पत्रकार वार्ता के दौरान एक सार्वजनिक पत्र भी जारी किया गया, जो निम्नलिखित संस्थाओं एवं प्रमुख व्यक्तित्वों द्वारा हस्ताक्षरित है:

Intellectual Forum of Chhattisgarh, Bharat Lawyers Forum, Society For Policy and Strategic Research, Center For Janjatiya Studies and Research, Forum For Awareness of National Security, Bastar Shanti Samiti, Shakti Vigyan Bharti, Call For Justice, The 4th Pillar, Writers For The Nation, Chhattisgarh Civil Society, Janjati Suraksha Manch, Avsar Foundation, बस्तर सांस्कृतिक सुरक्षा मंच सहित कुल 15+ मंच।

पत्र पर हस्ताक्षर करने वाले प्रमुख व्यक्तित्वों में शामिल हैं:

Justice Rakesh Saksena, Major General Mrinal Suman, Brig. Rakesh Sharma, Dr. T.D. Dogra, Mr. Rakesh Chaturvedi (Rtd. IFS), Dr. Varnika Sharma, Prof. B.K. Sthapak, Shyam Singh Kumre (Retd. IAS), और अधिवक्ताओं, शिक्षाविदों, सामाजिक कार्यकर्ताओं तथा नीति विशेषज्ञों का एक विस्तृत समूह, जिनमें Adv. Sangharsh Pandey, Adv. Kaustubh Shukla, Smt. Kiran Sushma Khoya, Prof. Dinesh Parihar, Mr. Vikrant Kumre जैसे नाम उल्लेखनीय हैं।

टोल प्लाजा को लेकर कांग्रेस का हल्ला बोल : केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री गडकरी को पत्र लिखने के बाद भी नहीं हुई कोई कार्रवाई

रायपुर- रायपुर और दुर्ग के बीच संचालित कुम्हारी टोल प्लाजा की अनियमितताओं और अवैध वसूली को लेकर कांग्रेस ने एक बार फिर केंद्र और राज्य सरकार पर निशाना साधा है। कांग्रेस का कहना है कि इस टोल प्लाजा के खिलाफ वे लंबे समय से चरणबद्ध आंदोलन करते आ रहे हैं, लेकिन अब तक न तो राज्य सरकार ने कोई ठोस कार्रवाई की है और न ही केंद्र सरकार ने मामले को गंभीरता से लिया है। इसी मुद्दे को लेकर आज कांग्रेस नेता और पूर्व विधायक विकास उपाध्याय, जिला अध्यक्ष गिरीश दुबे, वरिष्ठ नेता पंकज शर्मा और कन्हैया अग्रवाल ने संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस कर टोल की अवैध वसूली से जुड़े तथ्यों को मीडिया के सामने रखा।

60 किमी के भीतर 3 टोल, नियमों का हो रहा उल्लंघन

नेताओं ने बताया कि रायपुर से दुर्ग के बीच राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक-53 (पूर्व NH-6) पर संचालित कुम्हारी टोल प्लाजा को लेकर जन आक्रोश लगातार बढ़ता जा रहा है। केवल 54 किलोमीटर की दूरी में तीन टोल प्लाजा – मंदिर हसौद (किमी 258), कुम्हारी (किमी 281), और दुर्ग (किमी 312) – संचालित हो रहे हैं, जो भारत सरकार के सड़क परिवहन मंत्रालय के दिशा-निर्देशों का स्पष्ट उल्लंघन है, जिसमें दो टोल प्लाजा के बीच कम से कम 60 किलोमीटर की दूरी अनिवार्य की गई है।

कुम्हारी टोल की वैधता समाप्त, फिर भी वसूली जारी

उन्होंने बताया कि सबसे विवादास्पद स्थिति कुम्हारी टोल प्लाजा को लेकर है, जिसकी वैधानिक वसूली अवधि समाप्त हो चुकी है, फिर भी यह 20 से 25 वर्षों से अवैध रूप से संचालित हो रहा है। स्थानीय निवासियों, खासकर रायपुर के टाटीबंध और कुम्हारी नगर निगम क्षेत्र के लोगों को प्रतिदिन भीषण ट्रैफिक जाम और दुर्घटनाओं का सामना करना पड़ रहा है। कई बार 1 से 2 घंटे तक यात्री जाम में फंसे रहते हैं।

नितिन गडकरी को भेजा पत्र, नहीं मिला जवाब

जनप्रतिनिधियों द्वारा इस मुद्दे को कई बार केंद्र सरकार और राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) के समक्ष उठाया गया है। पूर्व विधायक विकास उपाध्याय ने केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी को पत्र लिखकर इस टोल प्लाजा को अविलंब बंद करने की मांग पहले ही की थी, पर सरकार इस मामले में गंभीर नहीं है और टोल वसूली जारी है। वैसे तो नियमानुसार जब टोल वसूली की निर्धारित लागत वर्षों पहले ही वसूल की जा चुकी है, तो इस टोल प्लाजा का संचालन पूरी तरह से अवैध और जनविरोधी है।

कांग्रेस नेताओं ने चेतावनी दी है कि यदि शीघ्र निर्णय नहीं लिया गया, तो वे चरणबद्ध आंदोलन चलाएंगे और आवश्यकता पड़ने पर दिल्ली तक विरोध प्रदर्शन करेंगे।

कांग्रेस का सीधा आरोप है कि यह टोल नाका न केवल अवैध वसूली का केंद्र बन गया है, बल्कि जानलेवा जाम और दुर्घटनाओं की वजह से यह स्थानीय नागरिकों के लिए संकट का कारण बन चुका है।

समय सीमा समाप्त होने के बाद वसूली

  1. कई बार टोल प्लाजा की वैधानिक अवधि (Concession Agreement Period) समाप्त हो जाने के बावजूद, पुराने ठेकेदार या एजेंसियां टोल वसूली जारी रखती हैं। यह कॉन्ट्रैक्ट उल्लंघन है और इसे “अवैध वसूली“ माना जाता है।
  2. सार्वजनिक निधियों (Public Funded Projects) में मनमानी

कुछ टोल प्लाजा सरकारी निधियों से निर्मित होते हैं, जहां टोल वसूली एक तय अवधि तक ही की जा सकती है। लेकिन कई बार इनकी वसूली अनिश्चित काल तक जारी रहती है, जो पूर्णतया नियमविरुद्ध है।

  1. ट्रैफिक घनत्व का दुरुपयोग

कई टोल प्लाजा अधिक ट्रैफिक घनत्व वाले क्षेत्रों में स्थित होते हैं, जहाँ लोगों को वैकल्पिक मार्ग नहीं मिलते। इसका लाभ उठाकर अवैध वसूली की जाती है और स्थानीय जनता मजबूरी में भुगतान करती है।

  1. नियमों का उल्लंघन – दूरी संबंधी गाइडलाइन
  2. NHAI की गाइडलाइन के अनुसार, दो टोल प्लाज़ा के बीच कम से कम 60 किमी की दूरी होनी चाहिए। लेकिन जब यह नियम तोड़ा जाता है (जैसे मंदिरहसौद-कुम्हारी-दुर्ग केस में), तो यह अवैध वसूली की श्रेणी में आता है


मनमाने दर से शुल्क वसूलना

कुछ टोल प्लाजा पर पुराने रेट चार्ज किए जाते हैं या रेट चार्ट सार्वजनिक नहीं होता, जिससे जनता को भ्रमित कर अधिक शुल्क लिया जाता है।

  1. स्थानीय वाहनों से वसूली

स्थानीय निवासियों को NHAI के नियमों के अनुसार छूट या रियायत मिलनी चाहिए, लेकिन कई टोल प्लाजा नियमों की अनदेखी कर इनसे भी नियमित वसूली करते हैं।

वर्तमान में रायपुर से दुर्ग के बीच टोल नाके (NH-53 पर)

रायपुर से दुर्ग के बीच लगभग 54 किलोमीटर की दूरी है, जिस पर तीन टोल प्लाजा संचालित हैं।

  1. मंदिर हसौद टोल प्लाजा – किमी 258.650 (NH-53)

नया स्थापित टोल (BOT आधारित)

  1. कुम्हारी टोल प्लाजा – किमी 281.400 (NH-53)

सार्वजनिक निधि से निर्मित (Public Funded)

इसकी वैधता समाप्त हो चुकी है, पर वसूली जारी है

  1. दुर्ग टोल प्लाजा – किमी 312.780 (NH-6 /NH-53)

BOT आधारित टोल

टोल प्लाजा के बीच की दूरी –

मंदिर हसौद से कुम्हारी – लगभग 23 किमी

कुम्हारी से दुर्ग – लगभग 31 किमी

कुल दूरी (तीनों के बीच) – 54 किमी में 3 टोल प्लाजा

NHAI / MoRTH के अनुसार नियम


भारत सरकार के सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) के दिशा-निर्देशों के अनुसारः


दो टोल प्लाजा के बीच की न्यूनतम दूरी

60 किलोमीटर होनी चाहिए (सामान्यतः National Highways पर) इस नियम का पालन ना कर के वसूली जारी रखी गई हैटोल प्लाजा संचालन के लिए NHAI या MoRTH (सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय) से अनुबंध जरूरी होता है।


ये कहते हैं नियम

विकास उपाध्याय ने बताया कि यदि टोल संचालन का अनुबंध समाप्त हो गया हो या नियमों का उल्लंघन हो, तो राज्य सरकार अथवा लोक प्रतिनिधि मंत्रालय से टोल को बंद कराने की सिफारिश कर सकते हैं। लेकिन राज्य सरकार ने इस ओर से मुंह फेरा हुआ है और देखते जानते समझते हुए भी राज्य सरकार की आंखों में पट्टी बंधी हुई है।

केंद्र सरकार और NHAI से की मांग

  1. कुम्हारी टोल प्लाजा को अविलंब बंद किया जाए।
  2. अवैध वसूली की उच्च स्तरीय जांच की जाए।
  3. स्थानीय नागरिकों को यातायात जाम और दुर्घटनाओं से राहत दिलाने के लिए वैकल्पिक व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।
  4. स्थानीय नागरिकों से नियम विरुद्ध फास्ट्रेक कैमरा लगा कर, अवैध वसूली की जा रही है इस प्रकरण में कंपनी से जनता से वसूली गई रकम वसूली जाए।


उन्होंने बताया कि कांग्रेस पार्टी द्वारा पूर्व में भी विरोध के कारण रायपुर राजधानी स्थित सुन्दर नगर में टोल प्लाजा का निर्माण भारतीय जनता पार्टी के शासन में किया जा रहा था जिसे शासन को बंद करना पड़ा। पूर्व में हमारे द्वारा परिवहन मंत्री नितिन गडकरी जी को पत्र प्रेषित कर कुम्हारी टोल प्लाजा को बंद करने की मांग के लिए एवं छत्तीसगढ़ प्रतिनिधि मंडल को वार्ता के लिए समय की मांग की गई थी, लेकिन आज तक उनका कोई जवाब नहीं आया है। वर्तमान में कुछ दिनों पूर्व हमने भारतीय जनता पार्टी के 10 लोकसभा सांसदों को पत्र प्रेषित किया गया कि आप लोग भी कुम्हारी टोल प्लाजा को बंद कराने हेतु सहयोग करें और कांग्रेस द्वारा लगातार अवैध टोल प्लाजा के खिलाफ आंदोलन किये जा रहे हैं। इस मामले को लेकर विधिक कार्रवाई जारी है।

सोनिया और राहुल गांधी ने नेशनल हेराल्ड केस में की 142 करोड़ की अवैध कमाई, ईडी ने कोर्ट को और क्या-क्या बताया

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प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बुधवार को दिल्ली की एक अदालत में कहा कि नेशनल हेराल्ड मामले में कांग्रेस नेताओं सोनिया गांधी और राहुल गांधी के साथ-साथ कुछ अन्य आरोपियों के खिलाफ प्रथम दृष्टया मनी लॉन्ड्रिंग का मामला बनता है ।ईडी ने विशेष न्यायाधीश विशाल गोगने के समक्ष मामले का संज्ञान लेने के संबंध में प्रारंभिक दलीलें पेश कीं।नेशनल हेराल्ड केस से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले की सुनवाई नई दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट केस में चल रही है।

कोर्ट में ईडी की ओर से एडिशनल सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू और प्रस्तावित आरोपियों की ओर से अभिषेक सिंघवी दलील रखने पहुंचे। कोर्ट ने कहा कि आज ईडी अपनी दलील रख लें। ईडी ने आगे दावा किया कि गांधी परिवार ने न केवल अपराध से प्राप्त धन को अर्जित करके धन शोधन किया, बल्कि उस पेसे को अपने पास भी रखा। ईडी ने बताया कि नेशनल हेराल्ड के संबंध में सोनिया गांधी, सैम पित्रोदा, सुमन दुबे और अन्य के खिलाफ प्रथम दृष्टया धन शोधन का मामला सामने आया है। इस बीच, न्यायाधीश ने संघीय एजेंसी को शिकायतकर्ता सुब्रमण्यम स्वामी को एक प्रति उपलब्ध कराने का आदेश दिया। ईडी ने 2021 में अपनी जांच शुरू करने के बाद हाल ही में अपना आरोपपत्र दाखिल किया।

142 करोड़ का फायदा लेने का आरोप

एएसजी राजू ने अदालत में कहा कि राहुल गांधी और सोनिया गांधी के साथ अन्य पर केस बनता है। ईडी ने अदालत में कहा, संपत्तियों की कुर्की नवंबर 2023 में की गई थी, तब तक आरोपी अपराध की कमाई का फायदा ले रहे थे। इस दौरान उन्होंने 142 करोड़ का फायदा लिया। ईडी ने कहा, जब आरोपियों ने अपराध की आय अर्जित की है तो उन्होंने मनी लॉन्ड्रिंग की, लेकिन उस आय को अपने पास रखे रहना भी मनी लॉन्ड्रिंग माना जाता है। यह न केवल प्रत्यक्ष है, बल्कि अप्रत्यक्ष भी है, जो अपराध की आय का अधिग्रहण है।

क्या है नेशनल हेराल्ड केस?

नेशनल हेराल्ड केस एक अखबार से जुड़ा मामला है। साल 1938 में भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू ने इस अखबार की शुरुआत की थी। अखबार का नाम नेशनल हेराल्ड था। इसका मालिकाना हक एसोसिएटेड जर्नल लिमिटेड (AJL) के पास था। AJL दो और अखबार छापती थी। ये अखबार हिंदी में 'नवजीवन' और उर्दू में 'कौमी आवाज' थे। कंपनी घाटे में चली गई और 2008 में इसे बंद करना पड़ा। कंपनी पर 90 करोड़ का कर्ज था। इसी के बाद विवाद शुरू हुआ।

दरअसल, 1956 में AJL को गैर-व्यावसायिक कंपनी बनाया गया था। इसे कंपनी एक्ट की धारा 25 से टैक्स में छूट मिली थी। लेकिन कंपनी को नुकसान होने लगा। धीरे-धीरे कंपनी पर कर्ज बढ़ता गया। आखिरकार वित्तीय संकट के चलते इसे बंद करना पड़ा।

कैसे सामने आया विवाद?

साल 2010 में यंग इंडियन नाम से एक और कंपनी की स्थापना की गई । जिसमें 76 प्रतिशत शेयर सोनिया गांधी और राहुल गांधी (38-38 फीसदी) के पास और बाकी का शेयर मोतीलाल बोरा और आस्कर फर्नांडिस के पास था।इसके बाद कांग्रेस पार्टी ने अपना 90 करोड़ का लोन नई कंपनी यंग इंडियन को ट्रांसफर कर दिया। लोन चुकाने में पूरी तरह असमर्थ द एसोसिएट जर्नल ने सारा शेयर यंग इंडियन को ट्रांसफर कर दिया।

इसके बदले में यंग इंडियन ने महज 50 लाख रुपये द एसोसिएट जर्नल को दिए। इसी को लेकर बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने एक याचिका दायर कर आरोप लगाया कि यंग इंडियन प्राइवेट ने केवल 50 लाख रुपये में 90 करोड़ वसूलने का उपाय निकाला जो नियमों के खिलाफ है।