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कर्नाटक उपमुख्यमंत्री को कौन कर रहा ब्लैकमेल? जानें डीके शिवकुमार के इस बड़े आरोप की पूरी वजह

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कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने बड़ा आरोप लगाया है। शिवकुमार ने शुक्रवार को आरोप लगाया कि विभिन्न राजनीतिक दलों के विधायक बेंगलुरू के कचरा संकट को लेकर सरकार को ब्लैकमेल कर रहे हैं। शिवकुमार ने विधान परिषद में उन्हें ‘ब्लैकमेलर' बताते हुए उन्होंने दावा किया कि ये विधायक विकास निधि में 800 करोड़ रुपये की मांग कर रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि शहर के ठोस अपशिष्ट प्रबंधन को एक बड़ा माफिया नियंत्रित कर रहा है।

उपमुख्यमंत्री शहर में कूड़े के मुद्दे पर विधान पार्षद एम. नागराजू के सवाल का जवाब दे रहे थे। नागराजू ने बताया कि कचरा निस्तारण सुविधाओं की कमी के कारण कई कचरा परिवहन वाहन सड़कों पर फंसे हुए हैं। उन्होंने शहर से कचरा साफ न होने पर भी चिंता जताई। इस पर बेंगलुरु विकास मंत्री शिवकुमार ने विधान परिषद में कहा, मैंने मीडिया में कचरे की समस्या के बारे में खबरें देखी हैं। यहाँ एक बड़ा माफिया है। कचरा निस्तारण ठेकेदारों ने एक गिरोह बना लिया है और मानक दरों से 85 प्रतिशत अधिक कीमत लगाई है। अब, उन्होंने हमें कार्रवाई करने से रोकने के लिए अदालत का दरवाजा खटखटाया है।

कचरे के प्रबंधन में कहां है पेंच?

शिवकुमार ने आगे दावा किया कि कानूनी बाधाओं के कारण ठोस अपशिष्ट प्रबंधन को कारगर बनाने के सरकारी प्रयासों में देरी हो रही है। उपमुख्यमंत्री ने खुलासा किया कि सरकार ने शहर के कचरा निपटान कार्य को चार पैकेजों में विभाजित करने और कचरे को 50 किलोमीटर दूर ले जाने की योजना बनाई थी, लेकिन यह पहल रुकी हुई है।

'बंगलूरू के विधायक हमें ब्लैकमेल कर रहे हैं'

उन्होंने कहा, 'हमारे बंगलूरू के विधायक हमें ब्लैकमेल कर रहे हैं। मैं उनका नाम नहीं लेना चाहता। मैं आपको सच्चाई बता रहा हूं। वे सभी पार्टियों से हैं। वे विकास निधि के रूप में 800 करोड़ रुपये चाहते हैं। मैं यहां उनका नाम नहीं ले सकता।' उन्होंने परिषद को बताया कि पिछले तीन दिनों से शहर के महादेवपुरा में वाहन फंसे हुए हैं।

मोदी सरकार सड़क हादसे में घायलों का फ्री इलाज कराएगी,इसी महीने से शुरू होगी योजना

डेस्क:–देश के नागरिकों के मोदी सरकार  आज से एक और बड़ी योजना शुरू करने जा रही है। मोदी सरकार सड़क हादसे में घायलों का फ्री इलाज कराएगी। रोड एक्सीडेंट में घायलों को इसी महीने यानी मार्च 2025 से डेढ़ लाख रुपए तक का फ्री इलाज मिलेगा। देशभर में इस व्यवस्था को लागू किया जाएगा। यह नियम प्राइवेट हॉस्पिटल के लिए भी अनिवार्य होगा। राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) इसके लिए नोडल एजेंसी का काम करेगा।

इस योजना को पूरी तरह से लागू करने से पहले 5 महीनों तक पुड्डूचेरी, असम, हरियाणा और पंजाब सहित छह राज्यों में पायलट प्रोजेक्ट चलाया गया, जो सफल रहा। इसके बाद नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) के नेतृत्व वाली मंत्रालय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने इस योजना को पूरे देश में लागू करने का आदेश जारी किया है।

राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) के अधिकारी के मुताबिक, योजना के लिए मोटर वाहन अधिनियम 1988 की धारा 162 में पहले ही संशोधन हो चुका है। NHAI ऑफिसर ने बताया कि घायल को पुलिस या कोई आम नागरिक या संस्था जैसे ही हॉस्पिटल पहुंचाएगी, उसका इलाज तुरंत शुरू हो जाएगा। इसके लिए कोई फीस भी जमा नहीं करनी होगी। घायलों के साथ चाहे परिजन हो या नहीं, हॉस्पिटल उसकी देखरेख करेंगे। प्राइवेट और सरकारी दोनों ही हॉस्पिटल को कैशलेस इलाज देना होगा।

अस्पताल को प्राथमिक उपचार के बाद बड़े अस्पताल में रेफर करना है तो उस अस्पताल को सुनिश्चित करना होगा कि जहां रेफर किया जा रहा है, वहां मरीज को दाखिला मिले। डेढ़ लाख तक कैशलेस इलाज होने के बाद उसके भुगतान में नोडल एजेंसी के रूप में NHAI काम करेगा यानी इलाज के बाद मरीज या उनके परिजन को डेढ़ लाख तक की रकम का भुगतान नहीं करना है।यदि इलाज में डेढ़ लाख से ज्यादा का खर्च आता है तो बढ़ा बिल मरीज या परिजन को भरना होगा। सूत्रों का कहना है कि कोशिश यह हो रही है कि डेढ़ लाख की राशि को बढ़ाकर 2 लाख रुपए तक किया जा सके।

बता दें कि सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने 14 मार्च 2024 को रोड एक्सीडेंट पीड़ितों को कैशलेस इलाज देने के लिए पायलट प्रोजेक्ट कैशलेस ट्रीटमेंट योजना शुरू किया था। इसके बाद 7 जनवरी 2025 को गडकरी ने योजना को देशभर में ऑफिशियली लॉन्च करने की घोषणा की। इससे देश में कहीं भी रोड एक्सीडेंट होने पर घायल व्यक्ति को इलाज के लिए भारत सरकार की ओर से अधिकतम 1.5 लाख रुपए की मदद दी जाएगी। जिससे वह 7 दिनों तक अस्पताल में इलाज करा सकेगा।

आतिशी के आरोपों का जवाब, बीजेपी ने बताई आंबेडकर-भगत सिंह के फोटो वाली सच्चाई

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दिल्ली सीएम ऑफिस में बाबा साहेब अंबेडकर और शहीद भगत सिंह की तस्वीरों पर भाजपा और आप आमने-सामने हैं। नेता प्रतिपक्ष आतिशी ने आरोप लगाया, भाजपा के सत्ता में आते ही सीएम ऑफिस से बाबा साहेब अंबेडकर और शहीद भगत सिंह की तस्वीरें हटा दीं। आतिसी के आरोप के कुछ घंटे बाद ही भाजपा ने सीएम ऑफिस की एक तस्वीर जारी कर जवाब दिया है।

आम आदमी पार्टी का आरोप है कि बीजेपी ने मुख्यमंत्री कार्यालय से डॉ. भीमराव अंबेडकर और शहीद भगत सिंह की तस्वीरें हटा दी हैं। उनकी जगह महात्मा गांधी, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीरें लगा दी हैं। दिल्ली विधानसभा में विपक्ष की नेता आतिशी ने इस मुद्दे को उठाते हुए बीजेपी पर दलित और सिख विरोधी होने का आरोप लगाया। हालांकि, बीजेपी ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि अंबेडकर और भगत सिंह की तस्वीरें अब भी कार्यालय में हैं, बस उनकी जगह बदल दी गई है।

आम आदमी पार्टी के आरोपों का जवाब देते हुए बीजेपी ने मुख्यमंत्री कार्यालय की एक तस्वीर जारी की है। बीजेपी ने सच‍िवालय में सीएम ऑफ‍िस की तस्‍वीर सोशल मीडिया में शेयर कर लिखा, दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता और दिल्ली कैबिनेट के सभी मंत्रियों के कक्षों की दीवारों पर महात्मा गांधी, भगत सिंह, बाबा साहब भीमराव अंबेडकर, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीरें लगी हैं। आम आदमी पार्टी को झूठ फैलाना बंद करना चाह‍िए।

इससे पहले सदन में विपक्ष की नेता आतिशी ने दावा किया था कि सीएम रेखा गुप्ता ने अपने कार्यालय से बाबा साहेब अंबेडकर और शहीद भगत सिंह की तस्वीर हटा दी है। आतिशी ने आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा की मानसिकता सिख और दलित विरोधी है। उन्होंने ये भी कहा कि अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली सरकार के हर दफ्तर में बाबा साहेब अंबेडकर और शहीद भगत सिंह की तस्वीरें लगाई थीं।

बता दें कि पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल समेत आम आदमी पार्टी शहीद भगत सिंह को अपना आदर्श मानती है। अन्ना आंदोलन के वक्त भी शहीद भगत सिंह की तस्वीर को लेकर प्रदर्शन किए। पंजाब में जब 2022 में आम आदमी पार्टी की सरकार बनी तो मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने 16 मार्च 2022 को शहीद भगत सिंह के पैतृक गांव खटकड़ कलां में शपथ ली थी। तब से दिल्ली और पंजाब के सीएम ऑफिस में मुख्यमंत्री की कुर्सी के पीछे शहीद भगत सिंह और अंबेडकर की फोटो लगाई जाने लगीं।

दिल्ली सीएम ऑफिस से आंबेडकर-भगत सिंह की तस्वीर हटाने पर भड़की आप, जानें क्या कहा

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दिल्ली में आज से विधानसभा सत्र शुरू है। राजधानी में 27 साल बाद बीजेपी की सरकार बनने के बाद यह पहला सत्र है। इस बीच सदन में विपक्ष की नेता आतिशी ने बीजेपी सरकार के ऊपर बड़ा आरोप लगाया है। उन्होंने दावा किया है कि विधानसभा में मुख्यमंत्री कार्यालय से बाबा साहेब और भगत सिंह की तस्वीर को हटा दिया गया है। वहीं, आम आदमी पार्टी ने बीजेपी को दलित विरोधी करार दिया है।

नेता प्रतिपक्ष आतिशी ने कहा, दिल्ली सरकार में अरविंद केजरीवाल के बतौर मुख्यमंत्री रहते हुए उनके कार्यकाल के दौरान हर सरकारी दफ्तर में आंबेडकर और शहीद भगत सिंह की फोटो लगती थी। लेकिन आज जब हम दिल्ली की सीएम रेखा गुप्ता से मिलने विधानसभा में स्थित उनके दफ़्तर में गए तो देखा कि दोनों ही फ़ोटो सीएम कार्यालय से हटा दी गई है, विधानसभा में आप इसका पुरज़ोर विरोध करती है।

आप ने दावा किया कि सीएम के दफ्तर में अब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और महात्मा गांधी की तस्वीर लगी है।

बीजेपी की दलित विरोधी मानसिकता-आतिशी

आप नेता आतिशी ने कहा कि बीजेपी की दलित विरोधी मानसिकता जगजाहिर है। आज बीजेपी ने अपनी असली मानसिकता का प्रमाण देश के सामने रख दिया है। दिल्ली सरकार ने हर कार्यालय में बाबा साहेब और भगत सिंह की फोटो लगाने का फैसला किया था। 3 महीने पहले बाबा साहेब और भगत सिंह की फोटो को लगाया गया था। उन्होंने विधानसभा में सीएम दफ्तर से बाबा साहेब और भगत सिंह की फोटो को हटा दिया है।

केजरीवाल ने भी जताया ऐतराज

दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने भी फोटो हटाने को लेकर ऐतराज जताया है। उन्होंने कहा, दिल्ली की नई बीजेपी सरकार ने बाबा साहेब की फोटो हटाकर प्रधान मंत्री मोदी जी की फोटो लगा दी। ये सही नहीं है। उन्होंने कहा, इससे बाबा साहेब के करोड़ो अनुयायियों को ठेस पहुंची है। मेरी बीजेपी से प्रार्थना है। आप प्रधानमंत्री की फोटो लगा लीजिए लेकिन बाबा साहिब की फोटो तो मत हटाइए. उनकी फोटो लगी रहने दीजिए।

मैं RAW का एजेंट..', पत्नी पर ISI एजेंट होने के आरोप पर कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई का तीखा पलटवार


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भाजपा ने बुधवार को कांग्रेस नेता गौरव गोगोई की पत्नी पर पाकिस्तान और इसकी खुफिया एजेंसी ISI से संबंध होने का आरोप लगाया। अब कांग्रेस सांसद ने बीजेपी पर जोरदार पलटवार किया है। गौरव गोगोई ने कहा, अगर मेरी पत्नी पाकिस्तान के ISI की एजेंट हैं तो मैं RAW का एजेंट हूं। दरअसल, असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा ने कांग्रेस के सांसद गौरव गोगोई की पत्नी एलिजाबेथ कोलबर्न के पाकिस्तान और आईएसआई सं संबंध होने के दावे किए थे। विस्वा के अलावा भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता गौरव भाटिया ने भी गोगोई की पत्नी एलिजाबेथ कोलबर्न के पाकिस्तान योजना आयोग के सलाहकार अली तौकीर शेख और ISI से संबंध के आरोप लगाए थे।

भाजपा के आरोपों पर गौरव गोगोई का जवाब

बीजेपी के आरोपो को लोकसभा में विपक्ष के उपनेता ने 'हास्यास्पद और मनोरंजक' बताकर खारिज कर दिया। गोगोई ने पलटवार करते हुए कहा कि भाजपा ने ऐसे 'निराधार' आरोप इसलिए लगाए हैं, क्योंकि उसके पास उठाने के लिए कोई मुद्दा नहीं है। गोगोई ने कहा, 'अगर मेरी पत्नी पाकिस्तान की ISI एजेंट हैं तो मैं भारत के RAW का एजेंट हूं। मुझे इन आरोपों से कोई फर्क नहीं पड़ता। जिस परिवार पर खुद कई आरोप लगे हैं, वह मुझ पर भी आरोप लगा रहा है।' उन्होंने कहा कि असम के मुख्यमंत्री यह सब इसलिए कर रहे हैं ताकि खुद पर लगे आरोपों से ध्यान भटकाया जा सके।

सीएम हिमंत ने क्या आरोप लगाए

असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई और उनकी ब्रिटिश पत्नी एलिजाबेथ कोलबर्न को लेकर कहा था कि देर-सवेर, यह पता चल जाएगा कि जॉर्ज सोरोस के इकोसिस्टम के नेतृत्व में विदेशी शक्तियों ने 2014 में असम कांग्रेस के एक बड़े फैसले को कैसे प्रभावित किया। समय आने पर सच्चाई सामने आ जाएगी। साथ ही उन्होंने कहा था कि कपल को आईएसआई के साथ अपने करीबी संबंध होने और युवा प्रभावशाली दिमागों को ब्रेनवॉश और कट्टरपंथ के लिए पाकिस्तान हाईकमीशन में ले जाने के संबंध में उठाए गए गंभीर सवालों के जवाब देने चाहिए।

भारतीय नागरिकता नहीं लेने पर भी उठाए सवाल

सरमा ने आगे कहा था कि इन चीजों पर जवाबदेही जरूरी है। देश पारदर्शिता और सच्चाई जानने का हकदार है। इस से पहले असम के मुख्यमंत्री ने सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा था कि ISI से संबंध जुड़ने पर कई गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं, जिनका जवाब दिया जाना जरूरी है। उन्होंने गौरव गोगोई की पत्नी की तरफ इशारा करते हुए कहा, ब्रेनवॉशिंग और कट्टरपंथ के लिए युवाओं को पाकिस्तान दूतावास में ले जाना और पिछले 12 वर्षों से भारतीय नागरिकता लेने से इनकार करना कई सवाल खड़े करता है।

बीजेपी प्रवक्ता का भी हमला

बीजेपी प्रवक्ता गौरव भाटिया ने भी एलिजाबेथ कोलबर्न के आईएसआई से कथित संबंधों पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि कोलबर्न इस्लामाबाद में Climate and Development Knowledge Network (CDKN) के लिए काम कर चुकी हैं, जहां वे पाकिस्तान योजना आयोग के पूर्व सलाहकार अली तौकीर शेख के अधीन थीं। भाटिया ने यह भी आरोप लगाया कि कोलबर्न अभी तक ब्रिटिश नागरिक बनी हुई हैं और उनके राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े मसलों में शामिल होने की आशंका है। भाजपा प्रवक्ता ने कहा,'उम्मीद है कि राहुल गांधी, मल्लिकार्जुन खरगे जी और गौरव गोगोई पाकिस्तान और ISI के साथ अपने संबंधों के बारे में सफाई देंगे।

प्रगति यात्रा के दौरान मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने दरभंगा जिले को दी लगभग 1500 करोड़ रुपये की सौगात,


पटनाः मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज प्रगति यात्रा के क्रम में दरभंगा जिले को लगभग 1500 करोड़ रुपये की योजनाओं की सौगात दी। मुख्यमंत्री ने 186 योजनाओं से संबंधित शिलापट्टों का अनावरण कर उद्घाटन एवं शिलान्यास किया। इसके तहत 935.28 करोड़ रुपये की लागत से 89 योजनाओं का उद्घाटन एवं 561.75 करोड़ रुपये की लागत से 97 योजनाओं का शिलान्यास शामिल है।

प्रगति यात्रा के क्रम में मुख्यमंत्री ने दरभंगा जिला अंतर्गत मुख्यमंत्री बाल आश्रय विकास योजना के तहत दरभंगा जिले के मौजा मनिहास में 200 आवासन के नवनिर्मित वृहद् आश्रय गृह भवन का रिमोट के माध्यम से उद्घाटन किया। इस दौरान मुख्यमंत्री ने वृहद् आश्रय गृह प्रांगण एवं कॉमन फैसिलिटी सेंटर का निरीक्षण कर उपलब्ध कराई गई सुविधाओं का जायजा लिया। इस दौरान नवनिर्मित वृहद आश्रय गृह दरभंगा पर आधारित लघु फिल्म मुख्यमंत्री के समक्ष प्रदर्शित की गई। अधिकारियों ने वृहद आश्रय गृह के संबंध में जानकारी देते हुए मुख्यमंत्री को बताया कि यह वृहद् आश्रय गृह 5 एकड़ भूमि में बनाया गया है, जिसमें 100 बालकों तथा 100 बालिकाओं के आवासन के साथ-साथ सेवा प्रदाताओं के रहने की व्यवस्था सुनिश्चित की गई है। नवनिर्मित वृहद आश्रय गृह के प्रांगण में सुरक्षा के दृष्टिकोण से 32 सी०सी०टीवी कैमरे आच्छादित किये गये हैं। पर्याप्त संख्या में स्ट्रीट लाइट लगाए गए हैं। फायर फाइटिंग अलार्म और स्मॉक अलार्म भी लगाये गये हैं। इसके पश्चात् मुख्यमंत्री ने सिंहवाड़ा प्रखण्ड स्थित सिमरी में चंद्रसार पोखर का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि यह काफी बड़ा पोखर है, जो 52 बीघा में स्थित है। लोगों की सहूलियत को ध्यान में रखते हुए इसके चारो तरफ सीढीनुमा घाट निर्माण कराएं और सघन वृक्षारोपण भी कराएं। इस दौरान मुख्यमंत्री ने मखाना भंडार गृह निर्माण हेतु मखाना विकास योजना अंतर्गत सहायता अनुदान का सांकेतिक चेक लाभुकों को प्रदान किया। सिंहवाड़ा प्रखंड मत्स्यजीवी सहयोग समिति से जुड़े लोगों से मुख्यमंत्री ने बातचीत की। इस दौरान सिंहवाड़ा प्रखंड मत्स्यजीवी सहयोग समिति द्वारा मुख्यमंत्री को प्रतीक चिन्ह भेंटकर उनका अभिनंदन किया गया। इसके पश्चात् मुख्यमंत्री पंचायत सरकार भवन सिमरी के प्रांगण में सुधा डेयरी बूथ का फीता काटकर उद्घाटन किया। पंचायत सरकार भवन सिमरी के प्रांगण में बने प्राथमिक कृषि साख सहयोग समिति लिमिटेड का भी मुख्यमंत्री ने निरीक्षण किया। इस दौरान मुख्यमंत्री ने पैक्स द्वारा किए जा रहे धान अधिप्राप्ति का चेक लाभुकों को प्रदान किया।

    पंचायत सरकार भवन, सिमरी के प्रांगण में पंजाब नेशनल बैंक की शाखा तथा आंगनबाड़ी केंद्र का फीता काटकर मुख्यमंत्री ने शुभारंभ किया। पंचायत सरकार भवन सिमरी के प्रांगण में स्थित हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर का मुख्यमंत्री ने निरीक्षण कर चिकित्सीय परामर्श कक्ष, प्रसव पूर्व जांच आदि का जायजा लिया। ग्राम पंचायत सरकार भवन सिमरी का भी मुख्यमंत्री ने निरीक्षण कर न्यायालय कक्ष, पुस्तकालय आदि की जानकारी ली। मुख्यमंत्री ने बिहार राज्य शैक्षणिक आधारभूत संरचना विकास निगम लिमिटेड द्वारा मध्य विद्यालय सिमरी के प्रांगण में कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय सिंहवाड़ा का रिमोट के माध्यम से उद्घाटन किया। कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय के छात्राओं द्वारा लिए जा रहे जूडो कराटे (आत्म) प्रशिक्षण को मुख्यमंत्री ने देखा एवं उसके बारे में अधिकारियों से जानकारी ली। आत्म प्रशिक्षण प्राप्त कर रही बच्चियों से मुख्यमंत्री ने बातचीत करते हुए उनकी प्रशंसा की और उन्हें बधाई दी। प्लस टू उच्च विद्यालय सिमरी के परिसर में दरभंगा जिला अंतर्गत विभिन्न विकासात्मक योजनाओं का मुख्यमंत्री ने रिमोट के माध्यम से उद्घाटन एवं शिलान्यास किया। उद्घाटन एवं शिलान्यास किए गए विकासात्मक योजनाओं से संबंधित पुस्तिका को जिलाधिकारी ने मुख्यमंत्री को भेंट किया।

    मुख्यमंत्री ने उच्च विद्यालय सिमरी परिसर में जीविका दीदियों एवं विभिन्न विभागों द्वारा लगाए गए स्टॉल का अवलोकन किया। अवलोकन के क्रम में मुख्यमंत्री ने सतत् जीविकोपार्जन योजना अंतर्गत कुल 2391 परिवारों को 9 करोड़ 87 लाख 86 हजार रुपये का सांकेतिक चेक, 23384 जीविका स्वयं सहायता समूह एवं समूह से संबंधित कुल 93536 जीविका दीदियों को बैंक से क्रेडिट लिंकेज के रूप में प्राप्त वित्तीय सुविधा का 284 करोड़ 79 लाख रुपये का सांकेतिक चेक प्रदान किया। साथ ही जीविका भवन की चाबी, सतत् जीविकोपार्जन योजना अंतर्गत संपोषित वाहन की चाबी, बिहार लघु उद्यमी योजना अंतर्गत प्रदत्त राशि का सांकेतिक चेक, आयुष्मान वय वंदना कार्ड, सतत् जीविकोपार्जन योजना अंतर्गत मनरेगा द्वारा निर्मित बकरी शेड की चाबी, मुख्यमंत्री ग्रामीण आवास योजना के तहत निर्मित आवास की चाबी, अंतर्जातीय विवाह प्रोत्साहन अनुदान योजना का सांकेतिक चेक लाभुकों को मुख्यमंत्री ने प्रदान किया। इस दौरान मुख्यमंत्री ने जीविका दीदियों से बातचीत करते हुए कहा कि आप सभी बहुत अच्छा काम कर रही हैं। हम जहां भी जाते हैं वहां स्वयं सहायता समूह से जुड़ी जीविका दीदियों से जरूर बातचीत करते हैं। स्वयं सहायता समूहों से जुड़कर जीविका दीदियां काफी मेहनत कर रही हैं। इससे उनकी आमदनी बढ़ रही है। साथ ही परिवार और समाज में उनका मान-सम्मान भी बढ़ा है। महिलाएं जहां पहले घर से बाहर निकलने में शर्माती थीं वहीं अब निःसंकोच न सिर्फ घरों से बाहर निकल रही हैं बल्कि कई प्रकार के कारोबार से जुड़कर अपने परिवार के भरण-पोषण में अहम भूमिका निभा रही हैं। स्वयं सहयता समूहों से जुड़ी महिलाओं का जीविका नाम हमने ही दिया। हमारे इस काम से प्रेरित होकर उस समय की केंद्र सरकार ने इसका नाम आजीविका किया। इसको आप सब भूलियेगा मत। मनरेगा योजना अंतर्गत ग्राम पंचायत सिमरी के प्लस टू वासुदेव उच्च विद्यालय के प्रांगण में 9.95 लाख रुपये की लागत से निर्मित खेल मैदान का भी रिमोट के माध्यम से मुख्यमंत्री ने उ‌द्घाटन किया। दरभंगा के दिल्ली मोड़ स्थित न्यू बस स्टैंड को प्रस्तावित अंतर्राष्ट्रीय/अंतर्राज्यीय बस पड़ाव स्थल के रुप में विकसित करने एवं दरभंगा बस स्टैंड को दरभंगा हवाई अड्डा के सिविल इनक्लेव से जोड़ने संबंधी प्रस्ताव के मद्देनजर मुख्यमंत्री ने स्थल निरीक्षण किया। अधिकारियों ने प्रस्तावित दरभंगा बस स्टैंड के भवन प्रारूप एवं मैप के माध्यम से पार्किंग, यात्रियों की सामान रखने की सुविधा, चार्जिंग प्वाइंट, कार्यालय भवन आदि की विस्तृत जानकारी मुख्यमंत्री को दी। इस दौरान मुख्यमंत्री प्रखंड परिवहन योजना का सांकेतिक चेक एवं वाहन की चाबी लाभुकों को मुख्यमंत्री ने प्रदान किया। मुख्यमंत्री के समक्ष प्रस्तावित दरभंगा बस पड़ाव के संदर्भ में तैयार किए गए लघु फिल्म प्रदर्शित की गई। मुख्यमंत्री ने हराही, दिग्धी, गंगा सागर तालाब का निरीक्षण किया।

       निरीक्षण के क्रम में अधिकारियों को निर्देश देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि तीनों तालाबों को इंटर कनेक्ट करवाएं। ये तीनों तालाब आसपास ही स्थित है। इसके चारो तरफ सीढ़ीनुमा घाट का निर्माण कराएं ताकि सहूलियत पूर्वक लोगों की पहुंच पानी तक हो सके। इसके पश्चात् दरभंगा के दोनार चौक स्थित रेलवे गुमटी पर जाम की समस्या के मद्देनजर मुख्यमंत्री ने स्थल निरीक्षण किया। इस दौरान अधिकारियों ने दरभंगा जिला अंतर्गत राज्य उच्च पथ संख्या-56 पर दरभंगा-लहेरियासराय रेलवे स्टेशन के बीच लेबल क्रॉसिंग संख्या-25 एस०पी०एल० के बदले पहुंच पथ सहित आर०ओ०बी० का 134.67 करोड़ रुपये की लागत से निर्माण के संबंध में मुख्यमंत्री को जानकारी दी।

सुपोषण की ओर अग्रसर कोरिया, कलेक्टर चंदन त्रिपाठी के नेतृत्व में बदलती तस्वीर…

दिसंबर 2023 में कोरिया जिले में गम्भीर बौनापन 8.49 प्रतिशत, मध्यम बौनापन 13.32 प्रतिशत था, जबकि राज्य में 12.49 प्रतिशत तथा 18.39 प्रतिशत दर्ज किया गया. दुर्बलता के मामलों में मध्यम दुर्बलता 8.64 प्रतिशत और गंभीर दुर्बलता 2.18 प्रतिशत थी, वहीं प्रदेश में गम्भीर दुर्बलता का प्रतिशत 2.18 था, मध्यम दुर्बलता 7.20 प्रतिशत रहा. अल्प वजन के मामले में मध्यम कुपोषण 11.13 प्रतिशत जबकि राज्य में मध्यम कुपोषण 12.63 प्रतिशत इसी तरह जिले में गंभीर कुपोषण 2.18 प्रतिशत था, इस दौरान राज्य में 2.87 प्रतिशत था.

कलेक्टर चन्दन त्रिपाठी ने इस संबंध में महिला एवं बाल विकास, स्वास्थ्य विभाग, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका को लगातार दिशा-निर्देश देते रहे. जिला प्रशासन के समर्पित प्रयासों, विभिन्न योजनाओं एवं जनभागीदारी और समन्वित रणनीति के तहत किए गए कार्यों की वजह से कुपोषण दर में बेतहाशा सुधार देखने को मिला.

दिसंबर 2024 में जिले में मध्यम दुर्बलता 3.99 प्रतिशत थी, जबकि राज्य में 5.29 प्रतिशत और गंभीर दुर्बलता 0.79 प्रतिशत हो गई, जबकि राज्य में 1.61 प्रतिशत थीं. गम्भीर बौनापन जिले में 5.9 प्रतिशत, 12.15 प्रतिशत मध्यम बौनापन के दर दर्ज किया गया जबकि राज्य में 7.32 प्रतिशत थी. इसी तरह, अल्प वजन के मामले में मध्यम कुपोषण 9.19 प्रतिशत और गंभीर कुपोषण 1.67 प्रतिशत तक कम हो गया जबकि राज्य में मध्यम कुपोषण की दर 11.12 प्रतिशत और गम्भीर कुपोषण की दर 2.19 प्रतिशत रही.

उपलब्धि के पीछे की रणनीतियाँ

कोरिया जिले ने कुपोषण उन्मूलन के लिए विभिन्न योजनाओं और नवाचारों को अपनाया गया. मुख्यमंत्री बाल संदर्भ योजना के तहत कुपोषित बच्चों को पूरक पोषण आहार, पोषण पुनर्वास केंद्रों की सुविधाएँ और सुपोषण चौपाल के माध्यम से जागरूकता प्रदान की गई. कुपोषण की चक्र में सर्वप्रथम किशोरी बालिकाओं को पौष्टिक आहार लेने हेतु लगातार शिविर आयोजित किए गए तथा गर्भवती महिलाओं को गर्म व पौष्टिक भोजन एएनसी जांच 100 प्रतिशत करने पर लगातार काम किया गया.

कुपोषित बच्चों को सप्ताह में छह उबले अंडे और गर्म भोजन उपलब्ध कराया गया. पोषण ट्रैकर के माध्यम से कुपोषण स्तर का सतत् मूल्यांकन और निगरानी की गई. आंगनबाड़ी केंद्रों और हितग्राहियों के घरों में पोषण वाटिका विकसित की गई. मुनगा (ड्रमस्टिक) के पौधे लगाने और उपयोग को प्रोत्साहित किया गया. अति गंभीर कुपोषित बच्चों की पहचान और उनके पोषण स्तर की साप्ताहिक समीक्षा की गई.

नियमित खानपान और भूख का आकलन कर दवाइयाँ, परामर्श और पोषण पुनर्वास केंद्रों में उपचार प्रदान किया गया. ग्राम सभाओं में पोषण को एक अनिवार्य एजेंडा के रूप में शामिल किया गया. कलेक्टर चन्दन त्रिपाठी ने कहा कि कोरिया जिले की यह उपलब्धि दर्शाती है कि सही नीतियों, सामुदायिक सहभागिता और प्रशासनिक प्रयासों के माध्यम से कुपोषण जैसी जटिल समस्यायों का समाधान संभव है.

उन्होंने कहा कि कुपोषण वर्तमान ही नहीं बल्कि नई पीढ़ी के लिए भी खतरनाक है. इस जिले से कुपोषण को जड़ से खत्म करना है तब-तक इस दिशा पर लगातार कार्य किया जाएगा. इस सुदूर जिले को कुपोषण मुक्त बनाने की दिशा सबकी भागीदारी आवश्यक है ताकि जिले के हर बच्चा स्वस्थ और सुपोषित जीवन जी सके.

सुपोषण की दिशा में नवाचार

एक कदम आगे बढ़ते हुए हुए कलेक्टर चन्दन त्रिपाठी ने जन्म के समय कम वजन की समस्या को गम्भीरता से लेते हुए जिले के सभी आंगनवाड़ी केंद्रों में गर्भवती व शिशुवती महिलाओं के साथ-साथ बच्चों को रागी, मूंगफली, तिल, गुड़ से निर्मित लड्डू भी दिया जा रहा ताकि स्वस्थ रहें, वजन बढ़े और खून की कमी भी न हो.

स्वास्थ्य विभाग के अफसरों के रवैये पर हाईकोर्ट की कड़ी टिप्पणी, कहा – अनुशासनहीनता का आरोप लगाकर डॉक्टर की सेवा समाप्त करने का आदेश कलंकपूर्ण

बिलासपुर-   हाईकोर्ट ने एक चिकित्सक की याचिका पर सुनवाई के बाद अपने फैसले में स्वास्थ्य विभाग के अफसरों के रवैये पर कड़ी टिप्पणी की है। कोर्ट ने अपने फैसले में लिखा है कि यह एक कलंकपूर्ण आदेश है, जिसमें छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (आचरण) नियम 1965 के उल्लंघन का स्पष्ट उल्लेख है। लिहाजा याचिकाकर्ता को विभागीय जांच में शामिल कर उसकी सुनवाई की जानी चाहिए, जो वर्तमान मामले में नहीं की गई है। मामला शराब कारोबारी अनवर ढेबर को लेकर डाॅ. प्रवेश शुक्ला पर लगाए आरोप का है. डॉ. शुक्ला ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की है।

दरअसल, शराब घोटाले के आरोपी अनवर ढेबर को इलाज कराने के लिए रायपुर सेंट्रल जेल से जिला अस्पताल लाया गया था, जहां लोअर इंडोस्कोपी मशीन के खराब होने के कारण डाॅ. प्रवेश शुक्ला ने उसे एम्स रेफर कर दिया था। मामले में सेवा में कमी और अनुशासनहीनता का आरोप लगाते हुए राज्य शासन ने उसकी सेवा समाप्त करने के साथ ही गोलबाजार थाने में एफआईआर दर्ज करा दी, जिसे लेकर उन्होंने हाईकोर्ट में याचिका लगाई, जिसमें कहा है कि बगैर विभागीय जांच कराए और उसे सुनवाई का पर्याप्त अवसर दिए बिना कलंकपूर्ण आदेश पारित कर उसकी सेवा समाप्त कर दिया गया है। ऐसे आदेश से उसका कैरियर चौपट हो जाएगा।

दरअसल, शराब घोटाले के आरोपी अनवर ढेबर को इलाज कराने के लिए रायपुर सेंट्रल जेल से जिला अस्पताल लाया गया था, जहां लोअर इंडोस्कोपी मशीन के खराब होने के कारण डाॅ. प्रवेश शुक्ला ने उसे एम्स रेफर कर दिया था। मामले में सेवा में कमी और अनुशासनहीनता का आरोप लगाते हुए राज्य शासन ने उसकी सेवा समाप्त करने के साथ ही गोलबाजार थाने में एफआईआर दर्ज करा दी, जिसे लेकर उन्होंने हाईकोर्ट में याचिका लगाई, जिसमें कहा है कि बगैर विभागीय जांच कराए और उसे सुनवाई का पर्याप्त अवसर दिए बिना कलंकपूर्ण आदेश पारित कर उसकी सेवा समाप्त कर दिया गया है। ऐसे आदेश से उसका कैरियर चौपट हो जाएगा।

सहायक प्राध्यापक गैस्ट्रो सर्जरी विभाग डाॅ. प्रवेश शुक्ला ने हाई कोर्ट में याचिका दायर कर 08 अगस्त 2024 को अस्पताल अधीक्षक एवं एकेडेमिक इंचार्ज द्वारा आदेश को चुनौती दी थी, जिसके तहत उसकी सेवा शासकीय दाऊ कल्याण सिंह सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल, रायपुर, जिला रायपुर छत्तीसगढ़ (‘डीकेएस अस्पताल’ ) में सहायक प्रोफेसर गैस्ट्रोएंटरोलॉजी विभाग के पद से समाप्त कर दी गई है। याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका में कहा है कि वह एक सुपर स्पेशलिस्ट डॉक्टर है। उसके पास MBBS, MS(सर्जरी), Dr.NB (डॉक्टरेट ऑफ नेशनल बोर्ड सर्जिकल गैस्ट्रोएंटरोलॉजी) सुपर स्पेशलिस्ट कोर्स की डिग्री है और वह गैस्ट्रोएंटरोलॉजी सर्जन के क्षेत्र में एक प्रसिद्ध डॉक्टर है। प्राइवेट प्रैक्टिस के बजाय उसने सरकारी अस्पताल में काम करने को प्राथमिकता दी है। वह छत्तीसगढ़ का एकमात्र डॉक्टर है जो DKS अस्पताल में तैनात था।

डॉक्टर के खिलाफ आरोप है कि गैस्ट्रोएंटरोलॉजी सर्जन होने के नाते ओपीडी में इलाज करते समय उसने उसे अन्य सरकारी अस्पताल/एम्स में रेफर कर दिया, क्योंकि जीआई. एंडोस्कोपी (कोलोनोस्कोपी) उपकरण विभाग में उपलब्ध नहीं था। यदि कोलोनोस्कोपी विभाग में उपलब्ध नहीं है, तो वह इसे अन्य सरकारी अस्पताल से करवा सकता था, जो पूर्णतः अनुशासनहीनता है और छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (आचरण) नियम, 1965 का उल्लंघन है।

याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका में कहा है कि स्पेशलिस्ट चिकित्सक होने के कारण वह छत्तीसगढ़ आए, ताकि जरुरतमंदों की सेवा कर सकें। राज्य शासन ने कलंकपूर्ण आरोप लगाकर उसकी सेवा समाप्त कर दी है। इस तरह के आरोप से तो उसका करियर चौपट हो जाएगा। याचिकाकर्ता ने कहा कि राज्य शासन छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (संविदा नियुक्ति) नियम, 2012 के अनुसार, सक्षम प्राधिकारी अनुबंध की शर्तों को समाप्त कर सकता है, लेकिन संबंधित अधिकारियों को उसके खिलाफ कोई कलंकपूर्ण आरोप लगाने का कोई अधिकार नहीं है। बिना किसी जांच के मनमाने और दुर्भावनापूर्ण तरीके से 08.08.2024 को आपत्तिजनक आदेश पारित किया गया है, जो प्राकृतिक न्याय के सिद्धांत का पूरी तरह से उल्लंघन है।

8 अगस्त को जारी हुआ था डॉक्टर की सेवा समाप्ति का आदेश

मामले की सुनवाई के बाद जस्टिस प्रसाद ने अपने फैसले में लिखा है कि राज्य शासन के 08 अगस्त 2024 के आक्षेपित आदेश के अवलोकन से ऐसा प्रतीत होता है कि यह एक कलंकपूर्ण आदेश है, जिसमें छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (आचरण) नियम 1965 के उल्लंघन का स्पष्ट उल्लेख है। लिहाजा याचिकाकर्ता को विभागीय जांच में शामिल कर उसकी सुनवाई की जानी आवश्यक है, जो वर्तमान मामले में नहीं की गई है। सिंगल बेंच ने अपने फैसले में लिखा है कि संबंधित अधिकारियों ने कोई विभागीय जांच न करके तथा कलंकपूर्ण आदेश पारित करने से पहले सुनवाई का उचित अवसर न देकर अवैधता की है। लिहाजा 8 अगस्त 2024 का विवादित आदेश निरस्त किए जाने योग्य है तथा इसे निरस्त किया जाता है।

आरएसएस की शाखा में आए थे आंबेडकर और गांधी', संघ का बड़ा दावा

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देश के संविधान के निर्माता डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर एक बार फिर सुर्खियों में हैं। पिछले दिनों शीतकालीन सत्र के दौरान राज्यसभा में केन्द्रीय गृहमंत्री के दॉक्टर बीआर अंबेडकर पर दिए गए बयान के बाद पक्ष और विरक्ष में जमकर घमासान मचा। अंबेडकर को लेकर जारी सियासी विवाद के बीच राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने बड़ा दावा किया है। आरएसएस ने एक बयान जारी कर दावा किया है कि महात्मा गांधी और बाबासाहेब भीमराव आंबेडकर संघ की शाखाओं में शामिल हो चुके हैं। संघ के मुताबिक, गांधी 1934 में संघ के एक शिविर में पहुंचे थे जबकि आंबेडकर ने 1940 में संघ की एक शाखा में भेंट दी थी। बता दें कि आरएसएस ने अपने दावे के समर्थन में पेपर की एक कटिंग भी दिखाई है।

देश के संविधान के निर्माता डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर ने 85 साल पहले महाराष्ट्र में आरएसएस की एक शाखा का दौरा किया था। संघ की संचार शाखा विश्व संवाद केंद्र (वीएसके) ने बृहस्पतिवार को इसका खुलासा करते हुए दावा किया कि इस दौरान आंबेडकर ने स्वयंसेवकों से संबोधित करते हुए कहा था कि कुछ मुद्दों पर मतभेदों के बावजूद वह आरएसएस को आत्मीयता की भावना से देखते हैं।

विश्व संवाद केंद्र के विदर्भ प्रांत ने एक बयान में कहा, डॉ. आंबेडकर ने 2 जनवरी, 1940 को सतारा जिले के कराड में आरएसएस की शाखा का दौरा किया था। यहां उन्होंने स्वयंसेवकों को संबोधित भी किया था। वीएसके ने संबंधित समाचार की एक क्लिपिंग के साथ कहा कि 9 जनवरी, 1940 को पुणे के मराठी दैनिक केसरी में डॉ. आंबेडकर के आरएसएस शाखा में आने के बारे में एक रिपोर्ट प्रकाशित हुई थी।

“आंबेडकर और आरएसएस के बारे में गलत सूचना फैलाई गई”

बयान के मुताबिक, आरएसएस ने अपनी अब तक की यात्रा में कई चुनौतियों का सामना किया है और संगठन पर कई आरोप लगाए गए हैं, लेकिन उसने इन सभी आरोपों को गलत साबित किया है तथा एक सामाजिक संगठन के रूप में अपनी पहचान को फिर से पुष्ट किया है। इसमें कहा गया है कि आरएसएस पर विभिन्न कारणों से तीन बार प्रतिबंध लगाया गया, लेकिन हर बार यह बेदाग निकला। बयान के अनुसार, आरएसएस पर दलित विरोधी होने के आरोप लगे और डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर तथा आरएसएस के बारे में गलत सूचना फैलाई गई। लेकिन अब डॉ. आंबेडकर और आरएसएस के बारे में एक नया दस्तावेज सामने आया है, जो दोनों के बीच संबंधों को उजागर करता है।

“स्वयंसेवक नियमित रूप से आंबेडकर के संपर्क में थे”

वीएसके ने अपने बयान में कहा कि नौ जनवरी, 1940 को पुणे के मराठी दैनिक ‘केसरी’ में डॉ. आंबेडकर के आरएसएस शाखा का दौरा करने के बारे में एक खबर प्रकाशित हुई थी। बयान में उस समाचार की एक प्रति भी संलग्न की गई है। खबर में आरएसएस विचारक दत्तोपंत ठेंगड़ी की लिखी किताब ‘डॉ. आंबेडकर और सामाजिक क्रांति की यात्रा’ का संदर्भ दिया गया है, जिसमें आरएसएस और डॉ. आंबेडकर के बीच संबंधों के बारे में बताया गया है। खबर के अनुसार, किताब के आठवें अध्याय की शुरुआत में ठेंगड़ी कहते हैं कि डॉ. आंबेडकर को आरएसएस के बारे में पूरी जानकारी थी। अध्याय के मुताबिक, संघ के स्वयंसेवक नियमित रूप से आंबेडकर के संपर्क में रहते थे और उनसे चर्चा करते थे।

वीएसके ने किताब के हवाले से कहा, डॉ. आंबेडकर यह भी जानते थे कि आरएसएस हिंदुओं को एकजुट करने वाला एक अखिल भारतीय संगठन है। वह इस बात से भी वाकिफ थे कि हिंदुत्व के प्रति वफादार संगठनों, हिंदुओं को एकजुट करने वाले संगठनों और आरएसएस के बीच अंतर है। आरएसएस के विकास की गति को लेकर उनके मन में संदेह था। इस दृष्टि से डॉ. आंबेडकर और आरएसएस के बीच संबंधों का विश्लेषण करने की आवश्यकता है।

बर्खास्त ट्रेनी IAS पूजा खेडकर को झटका, दिल्ली हाईकोर्ट ने खारिज की जमानत याचिका
#delhi_high_court_refuses_grant_anticipatory_bail_plea_former_ias_probationer_puja_khedkar दिल्ली हाई कोर्ट ने बर्खास्त ट्रेनी आईएएस अफसर पूजा खेडकर की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी है। कोर्ट ने कहा कि पूजा खेडकर ने जिस तरह का फ्रॉड किया है, यह न केवल उस संस्था (यूपीएससी) के साथ फ्रॉड है बल्कि पूरे समाज के साथ खिलवाड़ है। इसलिए यह याचिका खारिज की जाती है और खेडकर को दी गई अंतरिम सुरक्षा रद्द की जाती है।पूर्व आईएएस प्रोबेशनर पर सिविल सेवा परीक्षा में कथित धोखाधड़ी और ओबीसी-दिव्यांगता कोटे का गलत लाभ उठाने का केस दर्ज है।

न्यायमूर्ति चंद्र धारी सिंह ने खेडकर की जमानत याचिका खारिज करते हुए कहा कि मामले की जांच में संलिप्तता और साजिश के स्पष्ट संकेत हैं, जिसके कारण अग्रिम जमानत का आदेश नहीं दिया जा सकता। न्यायमूर्ति सिंह ने कहा, “अग्रिम जमानत याचिका खारिज की जाती है। गिरफ्तारी से अंतरिम संरक्षण रद्द किया जाता है।” अदालत ने खेडकर के खिलाफ प्रथम दृष्टया मजबूत मामला होने की बात स्वीकार की और कहा कि इस मामले में साजिश का खुलासा करने के लिए जांच की आवश्यकता है। अदालत ने यह भी कहा कि यह मामला न केवल संवैधानिक संस्था (यूपीएससी) के साथ धोखाधड़ी का है, बल्कि समाज के प्रति भी धोखाधड़ी का मामला बनता है।

पूजा खेडकर पर दिल्ली पुलिस की तरफ से आपराधिक आरोप लगाए गए हैं। पुलिस ने उन पर सिविल सेवा परीक्षा में धोखाधड़ी करने और अवैध रूप से ओबीसी और दिव्यांगता कोटा लाभ का दावा करने का आरोप लगाया है। इसी आरोप उन्हें गिरफ्तार किया गया था। यूपीएससी ने उनकी उम्मीदवारी कैंसिल कर दी थी।

यूपीएससी ने 31 जुलाई को उनकी उम्मीदवारी रद्द कर दी थी। इसके साथ-साथ भविष्य की परीक्षाओं में शामिल होने के लिए उन पर रोक लगा दी थी। खेडकर ने अपने ऊपर लगे सभी आरोपों से इनकार करती रही हैं। दिल्ली की एक अदालत ने 1 अगस्त को खेडकर को अग्रिम जमानत देने से इनकार कर दिया था। कोर्ट ने कहा कि उनके खिलाफ गंभीर आरोप हैं, जिसकी गहन जांच की आवश्यकता है। इसके बाद खेडकर ने निचली अदालत के फैसले को हाई कोर्ट में चुनौती दी है।
कर्नाटक उपमुख्यमंत्री को कौन कर रहा ब्लैकमेल? जानें डीके शिवकुमार के इस बड़े आरोप की पूरी वजह

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कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने बड़ा आरोप लगाया है। शिवकुमार ने शुक्रवार को आरोप लगाया कि विभिन्न राजनीतिक दलों के विधायक बेंगलुरू के कचरा संकट को लेकर सरकार को ब्लैकमेल कर रहे हैं। शिवकुमार ने विधान परिषद में उन्हें ‘ब्लैकमेलर' बताते हुए उन्होंने दावा किया कि ये विधायक विकास निधि में 800 करोड़ रुपये की मांग कर रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि शहर के ठोस अपशिष्ट प्रबंधन को एक बड़ा माफिया नियंत्रित कर रहा है।

उपमुख्यमंत्री शहर में कूड़े के मुद्दे पर विधान पार्षद एम. नागराजू के सवाल का जवाब दे रहे थे। नागराजू ने बताया कि कचरा निस्तारण सुविधाओं की कमी के कारण कई कचरा परिवहन वाहन सड़कों पर फंसे हुए हैं। उन्होंने शहर से कचरा साफ न होने पर भी चिंता जताई। इस पर बेंगलुरु विकास मंत्री शिवकुमार ने विधान परिषद में कहा, मैंने मीडिया में कचरे की समस्या के बारे में खबरें देखी हैं। यहाँ एक बड़ा माफिया है। कचरा निस्तारण ठेकेदारों ने एक गिरोह बना लिया है और मानक दरों से 85 प्रतिशत अधिक कीमत लगाई है। अब, उन्होंने हमें कार्रवाई करने से रोकने के लिए अदालत का दरवाजा खटखटाया है।

कचरे के प्रबंधन में कहां है पेंच?

शिवकुमार ने आगे दावा किया कि कानूनी बाधाओं के कारण ठोस अपशिष्ट प्रबंधन को कारगर बनाने के सरकारी प्रयासों में देरी हो रही है। उपमुख्यमंत्री ने खुलासा किया कि सरकार ने शहर के कचरा निपटान कार्य को चार पैकेजों में विभाजित करने और कचरे को 50 किलोमीटर दूर ले जाने की योजना बनाई थी, लेकिन यह पहल रुकी हुई है।

'बंगलूरू के विधायक हमें ब्लैकमेल कर रहे हैं'

उन्होंने कहा, 'हमारे बंगलूरू के विधायक हमें ब्लैकमेल कर रहे हैं। मैं उनका नाम नहीं लेना चाहता। मैं आपको सच्चाई बता रहा हूं। वे सभी पार्टियों से हैं। वे विकास निधि के रूप में 800 करोड़ रुपये चाहते हैं। मैं यहां उनका नाम नहीं ले सकता।' उन्होंने परिषद को बताया कि पिछले तीन दिनों से शहर के महादेवपुरा में वाहन फंसे हुए हैं।

मोदी सरकार सड़क हादसे में घायलों का फ्री इलाज कराएगी,इसी महीने से शुरू होगी योजना

डेस्क:–देश के नागरिकों के मोदी सरकार  आज से एक और बड़ी योजना शुरू करने जा रही है। मोदी सरकार सड़क हादसे में घायलों का फ्री इलाज कराएगी। रोड एक्सीडेंट में घायलों को इसी महीने यानी मार्च 2025 से डेढ़ लाख रुपए तक का फ्री इलाज मिलेगा। देशभर में इस व्यवस्था को लागू किया जाएगा। यह नियम प्राइवेट हॉस्पिटल के लिए भी अनिवार्य होगा। राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) इसके लिए नोडल एजेंसी का काम करेगा।

इस योजना को पूरी तरह से लागू करने से पहले 5 महीनों तक पुड्डूचेरी, असम, हरियाणा और पंजाब सहित छह राज्यों में पायलट प्रोजेक्ट चलाया गया, जो सफल रहा। इसके बाद नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) के नेतृत्व वाली मंत्रालय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने इस योजना को पूरे देश में लागू करने का आदेश जारी किया है।

राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) के अधिकारी के मुताबिक, योजना के लिए मोटर वाहन अधिनियम 1988 की धारा 162 में पहले ही संशोधन हो चुका है। NHAI ऑफिसर ने बताया कि घायल को पुलिस या कोई आम नागरिक या संस्था जैसे ही हॉस्पिटल पहुंचाएगी, उसका इलाज तुरंत शुरू हो जाएगा। इसके लिए कोई फीस भी जमा नहीं करनी होगी। घायलों के साथ चाहे परिजन हो या नहीं, हॉस्पिटल उसकी देखरेख करेंगे। प्राइवेट और सरकारी दोनों ही हॉस्पिटल को कैशलेस इलाज देना होगा।

अस्पताल को प्राथमिक उपचार के बाद बड़े अस्पताल में रेफर करना है तो उस अस्पताल को सुनिश्चित करना होगा कि जहां रेफर किया जा रहा है, वहां मरीज को दाखिला मिले। डेढ़ लाख तक कैशलेस इलाज होने के बाद उसके भुगतान में नोडल एजेंसी के रूप में NHAI काम करेगा यानी इलाज के बाद मरीज या उनके परिजन को डेढ़ लाख तक की रकम का भुगतान नहीं करना है।यदि इलाज में डेढ़ लाख से ज्यादा का खर्च आता है तो बढ़ा बिल मरीज या परिजन को भरना होगा। सूत्रों का कहना है कि कोशिश यह हो रही है कि डेढ़ लाख की राशि को बढ़ाकर 2 लाख रुपए तक किया जा सके।

बता दें कि सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने 14 मार्च 2024 को रोड एक्सीडेंट पीड़ितों को कैशलेस इलाज देने के लिए पायलट प्रोजेक्ट कैशलेस ट्रीटमेंट योजना शुरू किया था। इसके बाद 7 जनवरी 2025 को गडकरी ने योजना को देशभर में ऑफिशियली लॉन्च करने की घोषणा की। इससे देश में कहीं भी रोड एक्सीडेंट होने पर घायल व्यक्ति को इलाज के लिए भारत सरकार की ओर से अधिकतम 1.5 लाख रुपए की मदद दी जाएगी। जिससे वह 7 दिनों तक अस्पताल में इलाज करा सकेगा।

आतिशी के आरोपों का जवाब, बीजेपी ने बताई आंबेडकर-भगत सिंह के फोटो वाली सच्चाई

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दिल्ली सीएम ऑफिस में बाबा साहेब अंबेडकर और शहीद भगत सिंह की तस्वीरों पर भाजपा और आप आमने-सामने हैं। नेता प्रतिपक्ष आतिशी ने आरोप लगाया, भाजपा के सत्ता में आते ही सीएम ऑफिस से बाबा साहेब अंबेडकर और शहीद भगत सिंह की तस्वीरें हटा दीं। आतिसी के आरोप के कुछ घंटे बाद ही भाजपा ने सीएम ऑफिस की एक तस्वीर जारी कर जवाब दिया है।

आम आदमी पार्टी का आरोप है कि बीजेपी ने मुख्यमंत्री कार्यालय से डॉ. भीमराव अंबेडकर और शहीद भगत सिंह की तस्वीरें हटा दी हैं। उनकी जगह महात्मा गांधी, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीरें लगा दी हैं। दिल्ली विधानसभा में विपक्ष की नेता आतिशी ने इस मुद्दे को उठाते हुए बीजेपी पर दलित और सिख विरोधी होने का आरोप लगाया। हालांकि, बीजेपी ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि अंबेडकर और भगत सिंह की तस्वीरें अब भी कार्यालय में हैं, बस उनकी जगह बदल दी गई है।

आम आदमी पार्टी के आरोपों का जवाब देते हुए बीजेपी ने मुख्यमंत्री कार्यालय की एक तस्वीर जारी की है। बीजेपी ने सच‍िवालय में सीएम ऑफ‍िस की तस्‍वीर सोशल मीडिया में शेयर कर लिखा, दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता और दिल्ली कैबिनेट के सभी मंत्रियों के कक्षों की दीवारों पर महात्मा गांधी, भगत सिंह, बाबा साहब भीमराव अंबेडकर, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीरें लगी हैं। आम आदमी पार्टी को झूठ फैलाना बंद करना चाह‍िए।

इससे पहले सदन में विपक्ष की नेता आतिशी ने दावा किया था कि सीएम रेखा गुप्ता ने अपने कार्यालय से बाबा साहेब अंबेडकर और शहीद भगत सिंह की तस्वीर हटा दी है। आतिशी ने आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा की मानसिकता सिख और दलित विरोधी है। उन्होंने ये भी कहा कि अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली सरकार के हर दफ्तर में बाबा साहेब अंबेडकर और शहीद भगत सिंह की तस्वीरें लगाई थीं।

बता दें कि पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल समेत आम आदमी पार्टी शहीद भगत सिंह को अपना आदर्श मानती है। अन्ना आंदोलन के वक्त भी शहीद भगत सिंह की तस्वीर को लेकर प्रदर्शन किए। पंजाब में जब 2022 में आम आदमी पार्टी की सरकार बनी तो मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने 16 मार्च 2022 को शहीद भगत सिंह के पैतृक गांव खटकड़ कलां में शपथ ली थी। तब से दिल्ली और पंजाब के सीएम ऑफिस में मुख्यमंत्री की कुर्सी के पीछे शहीद भगत सिंह और अंबेडकर की फोटो लगाई जाने लगीं।

दिल्ली सीएम ऑफिस से आंबेडकर-भगत सिंह की तस्वीर हटाने पर भड़की आप, जानें क्या कहा

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दिल्ली में आज से विधानसभा सत्र शुरू है। राजधानी में 27 साल बाद बीजेपी की सरकार बनने के बाद यह पहला सत्र है। इस बीच सदन में विपक्ष की नेता आतिशी ने बीजेपी सरकार के ऊपर बड़ा आरोप लगाया है। उन्होंने दावा किया है कि विधानसभा में मुख्यमंत्री कार्यालय से बाबा साहेब और भगत सिंह की तस्वीर को हटा दिया गया है। वहीं, आम आदमी पार्टी ने बीजेपी को दलित विरोधी करार दिया है।

नेता प्रतिपक्ष आतिशी ने कहा, दिल्ली सरकार में अरविंद केजरीवाल के बतौर मुख्यमंत्री रहते हुए उनके कार्यकाल के दौरान हर सरकारी दफ्तर में आंबेडकर और शहीद भगत सिंह की फोटो लगती थी। लेकिन आज जब हम दिल्ली की सीएम रेखा गुप्ता से मिलने विधानसभा में स्थित उनके दफ़्तर में गए तो देखा कि दोनों ही फ़ोटो सीएम कार्यालय से हटा दी गई है, विधानसभा में आप इसका पुरज़ोर विरोध करती है।

आप ने दावा किया कि सीएम के दफ्तर में अब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और महात्मा गांधी की तस्वीर लगी है।

बीजेपी की दलित विरोधी मानसिकता-आतिशी

आप नेता आतिशी ने कहा कि बीजेपी की दलित विरोधी मानसिकता जगजाहिर है। आज बीजेपी ने अपनी असली मानसिकता का प्रमाण देश के सामने रख दिया है। दिल्ली सरकार ने हर कार्यालय में बाबा साहेब और भगत सिंह की फोटो लगाने का फैसला किया था। 3 महीने पहले बाबा साहेब और भगत सिंह की फोटो को लगाया गया था। उन्होंने विधानसभा में सीएम दफ्तर से बाबा साहेब और भगत सिंह की फोटो को हटा दिया है।

केजरीवाल ने भी जताया ऐतराज

दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने भी फोटो हटाने को लेकर ऐतराज जताया है। उन्होंने कहा, दिल्ली की नई बीजेपी सरकार ने बाबा साहेब की फोटो हटाकर प्रधान मंत्री मोदी जी की फोटो लगा दी। ये सही नहीं है। उन्होंने कहा, इससे बाबा साहेब के करोड़ो अनुयायियों को ठेस पहुंची है। मेरी बीजेपी से प्रार्थना है। आप प्रधानमंत्री की फोटो लगा लीजिए लेकिन बाबा साहिब की फोटो तो मत हटाइए. उनकी फोटो लगी रहने दीजिए।

मैं RAW का एजेंट..', पत्नी पर ISI एजेंट होने के आरोप पर कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई का तीखा पलटवार


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भाजपा ने बुधवार को कांग्रेस नेता गौरव गोगोई की पत्नी पर पाकिस्तान और इसकी खुफिया एजेंसी ISI से संबंध होने का आरोप लगाया। अब कांग्रेस सांसद ने बीजेपी पर जोरदार पलटवार किया है। गौरव गोगोई ने कहा, अगर मेरी पत्नी पाकिस्तान के ISI की एजेंट हैं तो मैं RAW का एजेंट हूं। दरअसल, असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा ने कांग्रेस के सांसद गौरव गोगोई की पत्नी एलिजाबेथ कोलबर्न के पाकिस्तान और आईएसआई सं संबंध होने के दावे किए थे। विस्वा के अलावा भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता गौरव भाटिया ने भी गोगोई की पत्नी एलिजाबेथ कोलबर्न के पाकिस्तान योजना आयोग के सलाहकार अली तौकीर शेख और ISI से संबंध के आरोप लगाए थे।

भाजपा के आरोपों पर गौरव गोगोई का जवाब

बीजेपी के आरोपो को लोकसभा में विपक्ष के उपनेता ने 'हास्यास्पद और मनोरंजक' बताकर खारिज कर दिया। गोगोई ने पलटवार करते हुए कहा कि भाजपा ने ऐसे 'निराधार' आरोप इसलिए लगाए हैं, क्योंकि उसके पास उठाने के लिए कोई मुद्दा नहीं है। गोगोई ने कहा, 'अगर मेरी पत्नी पाकिस्तान की ISI एजेंट हैं तो मैं भारत के RAW का एजेंट हूं। मुझे इन आरोपों से कोई फर्क नहीं पड़ता। जिस परिवार पर खुद कई आरोप लगे हैं, वह मुझ पर भी आरोप लगा रहा है।' उन्होंने कहा कि असम के मुख्यमंत्री यह सब इसलिए कर रहे हैं ताकि खुद पर लगे आरोपों से ध्यान भटकाया जा सके।

सीएम हिमंत ने क्या आरोप लगाए

असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई और उनकी ब्रिटिश पत्नी एलिजाबेथ कोलबर्न को लेकर कहा था कि देर-सवेर, यह पता चल जाएगा कि जॉर्ज सोरोस के इकोसिस्टम के नेतृत्व में विदेशी शक्तियों ने 2014 में असम कांग्रेस के एक बड़े फैसले को कैसे प्रभावित किया। समय आने पर सच्चाई सामने आ जाएगी। साथ ही उन्होंने कहा था कि कपल को आईएसआई के साथ अपने करीबी संबंध होने और युवा प्रभावशाली दिमागों को ब्रेनवॉश और कट्टरपंथ के लिए पाकिस्तान हाईकमीशन में ले जाने के संबंध में उठाए गए गंभीर सवालों के जवाब देने चाहिए।

भारतीय नागरिकता नहीं लेने पर भी उठाए सवाल

सरमा ने आगे कहा था कि इन चीजों पर जवाबदेही जरूरी है। देश पारदर्शिता और सच्चाई जानने का हकदार है। इस से पहले असम के मुख्यमंत्री ने सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा था कि ISI से संबंध जुड़ने पर कई गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं, जिनका जवाब दिया जाना जरूरी है। उन्होंने गौरव गोगोई की पत्नी की तरफ इशारा करते हुए कहा, ब्रेनवॉशिंग और कट्टरपंथ के लिए युवाओं को पाकिस्तान दूतावास में ले जाना और पिछले 12 वर्षों से भारतीय नागरिकता लेने से इनकार करना कई सवाल खड़े करता है।

बीजेपी प्रवक्ता का भी हमला

बीजेपी प्रवक्ता गौरव भाटिया ने भी एलिजाबेथ कोलबर्न के आईएसआई से कथित संबंधों पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि कोलबर्न इस्लामाबाद में Climate and Development Knowledge Network (CDKN) के लिए काम कर चुकी हैं, जहां वे पाकिस्तान योजना आयोग के पूर्व सलाहकार अली तौकीर शेख के अधीन थीं। भाटिया ने यह भी आरोप लगाया कि कोलबर्न अभी तक ब्रिटिश नागरिक बनी हुई हैं और उनके राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े मसलों में शामिल होने की आशंका है। भाजपा प्रवक्ता ने कहा,'उम्मीद है कि राहुल गांधी, मल्लिकार्जुन खरगे जी और गौरव गोगोई पाकिस्तान और ISI के साथ अपने संबंधों के बारे में सफाई देंगे।

प्रगति यात्रा के दौरान मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने दरभंगा जिले को दी लगभग 1500 करोड़ रुपये की सौगात,


पटनाः मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज प्रगति यात्रा के क्रम में दरभंगा जिले को लगभग 1500 करोड़ रुपये की योजनाओं की सौगात दी। मुख्यमंत्री ने 186 योजनाओं से संबंधित शिलापट्टों का अनावरण कर उद्घाटन एवं शिलान्यास किया। इसके तहत 935.28 करोड़ रुपये की लागत से 89 योजनाओं का उद्घाटन एवं 561.75 करोड़ रुपये की लागत से 97 योजनाओं का शिलान्यास शामिल है।

प्रगति यात्रा के क्रम में मुख्यमंत्री ने दरभंगा जिला अंतर्गत मुख्यमंत्री बाल आश्रय विकास योजना के तहत दरभंगा जिले के मौजा मनिहास में 200 आवासन के नवनिर्मित वृहद् आश्रय गृह भवन का रिमोट के माध्यम से उद्घाटन किया। इस दौरान मुख्यमंत्री ने वृहद् आश्रय गृह प्रांगण एवं कॉमन फैसिलिटी सेंटर का निरीक्षण कर उपलब्ध कराई गई सुविधाओं का जायजा लिया। इस दौरान नवनिर्मित वृहद आश्रय गृह दरभंगा पर आधारित लघु फिल्म मुख्यमंत्री के समक्ष प्रदर्शित की गई। अधिकारियों ने वृहद आश्रय गृह के संबंध में जानकारी देते हुए मुख्यमंत्री को बताया कि यह वृहद् आश्रय गृह 5 एकड़ भूमि में बनाया गया है, जिसमें 100 बालकों तथा 100 बालिकाओं के आवासन के साथ-साथ सेवा प्रदाताओं के रहने की व्यवस्था सुनिश्चित की गई है। नवनिर्मित वृहद आश्रय गृह के प्रांगण में सुरक्षा के दृष्टिकोण से 32 सी०सी०टीवी कैमरे आच्छादित किये गये हैं। पर्याप्त संख्या में स्ट्रीट लाइट लगाए गए हैं। फायर फाइटिंग अलार्म और स्मॉक अलार्म भी लगाये गये हैं। इसके पश्चात् मुख्यमंत्री ने सिंहवाड़ा प्रखण्ड स्थित सिमरी में चंद्रसार पोखर का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि यह काफी बड़ा पोखर है, जो 52 बीघा में स्थित है। लोगों की सहूलियत को ध्यान में रखते हुए इसके चारो तरफ सीढीनुमा घाट निर्माण कराएं और सघन वृक्षारोपण भी कराएं। इस दौरान मुख्यमंत्री ने मखाना भंडार गृह निर्माण हेतु मखाना विकास योजना अंतर्गत सहायता अनुदान का सांकेतिक चेक लाभुकों को प्रदान किया। सिंहवाड़ा प्रखंड मत्स्यजीवी सहयोग समिति से जुड़े लोगों से मुख्यमंत्री ने बातचीत की। इस दौरान सिंहवाड़ा प्रखंड मत्स्यजीवी सहयोग समिति द्वारा मुख्यमंत्री को प्रतीक चिन्ह भेंटकर उनका अभिनंदन किया गया। इसके पश्चात् मुख्यमंत्री पंचायत सरकार भवन सिमरी के प्रांगण में सुधा डेयरी बूथ का फीता काटकर उद्घाटन किया। पंचायत सरकार भवन सिमरी के प्रांगण में बने प्राथमिक कृषि साख सहयोग समिति लिमिटेड का भी मुख्यमंत्री ने निरीक्षण किया। इस दौरान मुख्यमंत्री ने पैक्स द्वारा किए जा रहे धान अधिप्राप्ति का चेक लाभुकों को प्रदान किया।

    पंचायत सरकार भवन, सिमरी के प्रांगण में पंजाब नेशनल बैंक की शाखा तथा आंगनबाड़ी केंद्र का फीता काटकर मुख्यमंत्री ने शुभारंभ किया। पंचायत सरकार भवन सिमरी के प्रांगण में स्थित हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर का मुख्यमंत्री ने निरीक्षण कर चिकित्सीय परामर्श कक्ष, प्रसव पूर्व जांच आदि का जायजा लिया। ग्राम पंचायत सरकार भवन सिमरी का भी मुख्यमंत्री ने निरीक्षण कर न्यायालय कक्ष, पुस्तकालय आदि की जानकारी ली। मुख्यमंत्री ने बिहार राज्य शैक्षणिक आधारभूत संरचना विकास निगम लिमिटेड द्वारा मध्य विद्यालय सिमरी के प्रांगण में कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय सिंहवाड़ा का रिमोट के माध्यम से उद्घाटन किया। कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय के छात्राओं द्वारा लिए जा रहे जूडो कराटे (आत्म) प्रशिक्षण को मुख्यमंत्री ने देखा एवं उसके बारे में अधिकारियों से जानकारी ली। आत्म प्रशिक्षण प्राप्त कर रही बच्चियों से मुख्यमंत्री ने बातचीत करते हुए उनकी प्रशंसा की और उन्हें बधाई दी। प्लस टू उच्च विद्यालय सिमरी के परिसर में दरभंगा जिला अंतर्गत विभिन्न विकासात्मक योजनाओं का मुख्यमंत्री ने रिमोट के माध्यम से उद्घाटन एवं शिलान्यास किया। उद्घाटन एवं शिलान्यास किए गए विकासात्मक योजनाओं से संबंधित पुस्तिका को जिलाधिकारी ने मुख्यमंत्री को भेंट किया।

    मुख्यमंत्री ने उच्च विद्यालय सिमरी परिसर में जीविका दीदियों एवं विभिन्न विभागों द्वारा लगाए गए स्टॉल का अवलोकन किया। अवलोकन के क्रम में मुख्यमंत्री ने सतत् जीविकोपार्जन योजना अंतर्गत कुल 2391 परिवारों को 9 करोड़ 87 लाख 86 हजार रुपये का सांकेतिक चेक, 23384 जीविका स्वयं सहायता समूह एवं समूह से संबंधित कुल 93536 जीविका दीदियों को बैंक से क्रेडिट लिंकेज के रूप में प्राप्त वित्तीय सुविधा का 284 करोड़ 79 लाख रुपये का सांकेतिक चेक प्रदान किया। साथ ही जीविका भवन की चाबी, सतत् जीविकोपार्जन योजना अंतर्गत संपोषित वाहन की चाबी, बिहार लघु उद्यमी योजना अंतर्गत प्रदत्त राशि का सांकेतिक चेक, आयुष्मान वय वंदना कार्ड, सतत् जीविकोपार्जन योजना अंतर्गत मनरेगा द्वारा निर्मित बकरी शेड की चाबी, मुख्यमंत्री ग्रामीण आवास योजना के तहत निर्मित आवास की चाबी, अंतर्जातीय विवाह प्रोत्साहन अनुदान योजना का सांकेतिक चेक लाभुकों को मुख्यमंत्री ने प्रदान किया। इस दौरान मुख्यमंत्री ने जीविका दीदियों से बातचीत करते हुए कहा कि आप सभी बहुत अच्छा काम कर रही हैं। हम जहां भी जाते हैं वहां स्वयं सहायता समूह से जुड़ी जीविका दीदियों से जरूर बातचीत करते हैं। स्वयं सहायता समूहों से जुड़कर जीविका दीदियां काफी मेहनत कर रही हैं। इससे उनकी आमदनी बढ़ रही है। साथ ही परिवार और समाज में उनका मान-सम्मान भी बढ़ा है। महिलाएं जहां पहले घर से बाहर निकलने में शर्माती थीं वहीं अब निःसंकोच न सिर्फ घरों से बाहर निकल रही हैं बल्कि कई प्रकार के कारोबार से जुड़कर अपने परिवार के भरण-पोषण में अहम भूमिका निभा रही हैं। स्वयं सहयता समूहों से जुड़ी महिलाओं का जीविका नाम हमने ही दिया। हमारे इस काम से प्रेरित होकर उस समय की केंद्र सरकार ने इसका नाम आजीविका किया। इसको आप सब भूलियेगा मत। मनरेगा योजना अंतर्गत ग्राम पंचायत सिमरी के प्लस टू वासुदेव उच्च विद्यालय के प्रांगण में 9.95 लाख रुपये की लागत से निर्मित खेल मैदान का भी रिमोट के माध्यम से मुख्यमंत्री ने उ‌द्घाटन किया। दरभंगा के दिल्ली मोड़ स्थित न्यू बस स्टैंड को प्रस्तावित अंतर्राष्ट्रीय/अंतर्राज्यीय बस पड़ाव स्थल के रुप में विकसित करने एवं दरभंगा बस स्टैंड को दरभंगा हवाई अड्डा के सिविल इनक्लेव से जोड़ने संबंधी प्रस्ताव के मद्देनजर मुख्यमंत्री ने स्थल निरीक्षण किया। अधिकारियों ने प्रस्तावित दरभंगा बस स्टैंड के भवन प्रारूप एवं मैप के माध्यम से पार्किंग, यात्रियों की सामान रखने की सुविधा, चार्जिंग प्वाइंट, कार्यालय भवन आदि की विस्तृत जानकारी मुख्यमंत्री को दी। इस दौरान मुख्यमंत्री प्रखंड परिवहन योजना का सांकेतिक चेक एवं वाहन की चाबी लाभुकों को मुख्यमंत्री ने प्रदान किया। मुख्यमंत्री के समक्ष प्रस्तावित दरभंगा बस पड़ाव के संदर्भ में तैयार किए गए लघु फिल्म प्रदर्शित की गई। मुख्यमंत्री ने हराही, दिग्धी, गंगा सागर तालाब का निरीक्षण किया।

       निरीक्षण के क्रम में अधिकारियों को निर्देश देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि तीनों तालाबों को इंटर कनेक्ट करवाएं। ये तीनों तालाब आसपास ही स्थित है। इसके चारो तरफ सीढ़ीनुमा घाट का निर्माण कराएं ताकि सहूलियत पूर्वक लोगों की पहुंच पानी तक हो सके। इसके पश्चात् दरभंगा के दोनार चौक स्थित रेलवे गुमटी पर जाम की समस्या के मद्देनजर मुख्यमंत्री ने स्थल निरीक्षण किया। इस दौरान अधिकारियों ने दरभंगा जिला अंतर्गत राज्य उच्च पथ संख्या-56 पर दरभंगा-लहेरियासराय रेलवे स्टेशन के बीच लेबल क्रॉसिंग संख्या-25 एस०पी०एल० के बदले पहुंच पथ सहित आर०ओ०बी० का 134.67 करोड़ रुपये की लागत से निर्माण के संबंध में मुख्यमंत्री को जानकारी दी।

सुपोषण की ओर अग्रसर कोरिया, कलेक्टर चंदन त्रिपाठी के नेतृत्व में बदलती तस्वीर…

दिसंबर 2023 में कोरिया जिले में गम्भीर बौनापन 8.49 प्रतिशत, मध्यम बौनापन 13.32 प्रतिशत था, जबकि राज्य में 12.49 प्रतिशत तथा 18.39 प्रतिशत दर्ज किया गया. दुर्बलता के मामलों में मध्यम दुर्बलता 8.64 प्रतिशत और गंभीर दुर्बलता 2.18 प्रतिशत थी, वहीं प्रदेश में गम्भीर दुर्बलता का प्रतिशत 2.18 था, मध्यम दुर्बलता 7.20 प्रतिशत रहा. अल्प वजन के मामले में मध्यम कुपोषण 11.13 प्रतिशत जबकि राज्य में मध्यम कुपोषण 12.63 प्रतिशत इसी तरह जिले में गंभीर कुपोषण 2.18 प्रतिशत था, इस दौरान राज्य में 2.87 प्रतिशत था.

कलेक्टर चन्दन त्रिपाठी ने इस संबंध में महिला एवं बाल विकास, स्वास्थ्य विभाग, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका को लगातार दिशा-निर्देश देते रहे. जिला प्रशासन के समर्पित प्रयासों, विभिन्न योजनाओं एवं जनभागीदारी और समन्वित रणनीति के तहत किए गए कार्यों की वजह से कुपोषण दर में बेतहाशा सुधार देखने को मिला.

दिसंबर 2024 में जिले में मध्यम दुर्बलता 3.99 प्रतिशत थी, जबकि राज्य में 5.29 प्रतिशत और गंभीर दुर्बलता 0.79 प्रतिशत हो गई, जबकि राज्य में 1.61 प्रतिशत थीं. गम्भीर बौनापन जिले में 5.9 प्रतिशत, 12.15 प्रतिशत मध्यम बौनापन के दर दर्ज किया गया जबकि राज्य में 7.32 प्रतिशत थी. इसी तरह, अल्प वजन के मामले में मध्यम कुपोषण 9.19 प्रतिशत और गंभीर कुपोषण 1.67 प्रतिशत तक कम हो गया जबकि राज्य में मध्यम कुपोषण की दर 11.12 प्रतिशत और गम्भीर कुपोषण की दर 2.19 प्रतिशत रही.

उपलब्धि के पीछे की रणनीतियाँ

कोरिया जिले ने कुपोषण उन्मूलन के लिए विभिन्न योजनाओं और नवाचारों को अपनाया गया. मुख्यमंत्री बाल संदर्भ योजना के तहत कुपोषित बच्चों को पूरक पोषण आहार, पोषण पुनर्वास केंद्रों की सुविधाएँ और सुपोषण चौपाल के माध्यम से जागरूकता प्रदान की गई. कुपोषण की चक्र में सर्वप्रथम किशोरी बालिकाओं को पौष्टिक आहार लेने हेतु लगातार शिविर आयोजित किए गए तथा गर्भवती महिलाओं को गर्म व पौष्टिक भोजन एएनसी जांच 100 प्रतिशत करने पर लगातार काम किया गया.

कुपोषित बच्चों को सप्ताह में छह उबले अंडे और गर्म भोजन उपलब्ध कराया गया. पोषण ट्रैकर के माध्यम से कुपोषण स्तर का सतत् मूल्यांकन और निगरानी की गई. आंगनबाड़ी केंद्रों और हितग्राहियों के घरों में पोषण वाटिका विकसित की गई. मुनगा (ड्रमस्टिक) के पौधे लगाने और उपयोग को प्रोत्साहित किया गया. अति गंभीर कुपोषित बच्चों की पहचान और उनके पोषण स्तर की साप्ताहिक समीक्षा की गई.

नियमित खानपान और भूख का आकलन कर दवाइयाँ, परामर्श और पोषण पुनर्वास केंद्रों में उपचार प्रदान किया गया. ग्राम सभाओं में पोषण को एक अनिवार्य एजेंडा के रूप में शामिल किया गया. कलेक्टर चन्दन त्रिपाठी ने कहा कि कोरिया जिले की यह उपलब्धि दर्शाती है कि सही नीतियों, सामुदायिक सहभागिता और प्रशासनिक प्रयासों के माध्यम से कुपोषण जैसी जटिल समस्यायों का समाधान संभव है.

उन्होंने कहा कि कुपोषण वर्तमान ही नहीं बल्कि नई पीढ़ी के लिए भी खतरनाक है. इस जिले से कुपोषण को जड़ से खत्म करना है तब-तक इस दिशा पर लगातार कार्य किया जाएगा. इस सुदूर जिले को कुपोषण मुक्त बनाने की दिशा सबकी भागीदारी आवश्यक है ताकि जिले के हर बच्चा स्वस्थ और सुपोषित जीवन जी सके.

सुपोषण की दिशा में नवाचार

एक कदम आगे बढ़ते हुए हुए कलेक्टर चन्दन त्रिपाठी ने जन्म के समय कम वजन की समस्या को गम्भीरता से लेते हुए जिले के सभी आंगनवाड़ी केंद्रों में गर्भवती व शिशुवती महिलाओं के साथ-साथ बच्चों को रागी, मूंगफली, तिल, गुड़ से निर्मित लड्डू भी दिया जा रहा ताकि स्वस्थ रहें, वजन बढ़े और खून की कमी भी न हो.

स्वास्थ्य विभाग के अफसरों के रवैये पर हाईकोर्ट की कड़ी टिप्पणी, कहा – अनुशासनहीनता का आरोप लगाकर डॉक्टर की सेवा समाप्त करने का आदेश कलंकपूर्ण

बिलासपुर-   हाईकोर्ट ने एक चिकित्सक की याचिका पर सुनवाई के बाद अपने फैसले में स्वास्थ्य विभाग के अफसरों के रवैये पर कड़ी टिप्पणी की है। कोर्ट ने अपने फैसले में लिखा है कि यह एक कलंकपूर्ण आदेश है, जिसमें छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (आचरण) नियम 1965 के उल्लंघन का स्पष्ट उल्लेख है। लिहाजा याचिकाकर्ता को विभागीय जांच में शामिल कर उसकी सुनवाई की जानी चाहिए, जो वर्तमान मामले में नहीं की गई है। मामला शराब कारोबारी अनवर ढेबर को लेकर डाॅ. प्रवेश शुक्ला पर लगाए आरोप का है. डॉ. शुक्ला ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की है।

दरअसल, शराब घोटाले के आरोपी अनवर ढेबर को इलाज कराने के लिए रायपुर सेंट्रल जेल से जिला अस्पताल लाया गया था, जहां लोअर इंडोस्कोपी मशीन के खराब होने के कारण डाॅ. प्रवेश शुक्ला ने उसे एम्स रेफर कर दिया था। मामले में सेवा में कमी और अनुशासनहीनता का आरोप लगाते हुए राज्य शासन ने उसकी सेवा समाप्त करने के साथ ही गोलबाजार थाने में एफआईआर दर्ज करा दी, जिसे लेकर उन्होंने हाईकोर्ट में याचिका लगाई, जिसमें कहा है कि बगैर विभागीय जांच कराए और उसे सुनवाई का पर्याप्त अवसर दिए बिना कलंकपूर्ण आदेश पारित कर उसकी सेवा समाप्त कर दिया गया है। ऐसे आदेश से उसका कैरियर चौपट हो जाएगा।

दरअसल, शराब घोटाले के आरोपी अनवर ढेबर को इलाज कराने के लिए रायपुर सेंट्रल जेल से जिला अस्पताल लाया गया था, जहां लोअर इंडोस्कोपी मशीन के खराब होने के कारण डाॅ. प्रवेश शुक्ला ने उसे एम्स रेफर कर दिया था। मामले में सेवा में कमी और अनुशासनहीनता का आरोप लगाते हुए राज्य शासन ने उसकी सेवा समाप्त करने के साथ ही गोलबाजार थाने में एफआईआर दर्ज करा दी, जिसे लेकर उन्होंने हाईकोर्ट में याचिका लगाई, जिसमें कहा है कि बगैर विभागीय जांच कराए और उसे सुनवाई का पर्याप्त अवसर दिए बिना कलंकपूर्ण आदेश पारित कर उसकी सेवा समाप्त कर दिया गया है। ऐसे आदेश से उसका कैरियर चौपट हो जाएगा।

सहायक प्राध्यापक गैस्ट्रो सर्जरी विभाग डाॅ. प्रवेश शुक्ला ने हाई कोर्ट में याचिका दायर कर 08 अगस्त 2024 को अस्पताल अधीक्षक एवं एकेडेमिक इंचार्ज द्वारा आदेश को चुनौती दी थी, जिसके तहत उसकी सेवा शासकीय दाऊ कल्याण सिंह सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल, रायपुर, जिला रायपुर छत्तीसगढ़ (‘डीकेएस अस्पताल’ ) में सहायक प्रोफेसर गैस्ट्रोएंटरोलॉजी विभाग के पद से समाप्त कर दी गई है। याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका में कहा है कि वह एक सुपर स्पेशलिस्ट डॉक्टर है। उसके पास MBBS, MS(सर्जरी), Dr.NB (डॉक्टरेट ऑफ नेशनल बोर्ड सर्जिकल गैस्ट्रोएंटरोलॉजी) सुपर स्पेशलिस्ट कोर्स की डिग्री है और वह गैस्ट्रोएंटरोलॉजी सर्जन के क्षेत्र में एक प्रसिद्ध डॉक्टर है। प्राइवेट प्रैक्टिस के बजाय उसने सरकारी अस्पताल में काम करने को प्राथमिकता दी है। वह छत्तीसगढ़ का एकमात्र डॉक्टर है जो DKS अस्पताल में तैनात था।

डॉक्टर के खिलाफ आरोप है कि गैस्ट्रोएंटरोलॉजी सर्जन होने के नाते ओपीडी में इलाज करते समय उसने उसे अन्य सरकारी अस्पताल/एम्स में रेफर कर दिया, क्योंकि जीआई. एंडोस्कोपी (कोलोनोस्कोपी) उपकरण विभाग में उपलब्ध नहीं था। यदि कोलोनोस्कोपी विभाग में उपलब्ध नहीं है, तो वह इसे अन्य सरकारी अस्पताल से करवा सकता था, जो पूर्णतः अनुशासनहीनता है और छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (आचरण) नियम, 1965 का उल्लंघन है।

याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका में कहा है कि स्पेशलिस्ट चिकित्सक होने के कारण वह छत्तीसगढ़ आए, ताकि जरुरतमंदों की सेवा कर सकें। राज्य शासन ने कलंकपूर्ण आरोप लगाकर उसकी सेवा समाप्त कर दी है। इस तरह के आरोप से तो उसका करियर चौपट हो जाएगा। याचिकाकर्ता ने कहा कि राज्य शासन छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (संविदा नियुक्ति) नियम, 2012 के अनुसार, सक्षम प्राधिकारी अनुबंध की शर्तों को समाप्त कर सकता है, लेकिन संबंधित अधिकारियों को उसके खिलाफ कोई कलंकपूर्ण आरोप लगाने का कोई अधिकार नहीं है। बिना किसी जांच के मनमाने और दुर्भावनापूर्ण तरीके से 08.08.2024 को आपत्तिजनक आदेश पारित किया गया है, जो प्राकृतिक न्याय के सिद्धांत का पूरी तरह से उल्लंघन है।

8 अगस्त को जारी हुआ था डॉक्टर की सेवा समाप्ति का आदेश

मामले की सुनवाई के बाद जस्टिस प्रसाद ने अपने फैसले में लिखा है कि राज्य शासन के 08 अगस्त 2024 के आक्षेपित आदेश के अवलोकन से ऐसा प्रतीत होता है कि यह एक कलंकपूर्ण आदेश है, जिसमें छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (आचरण) नियम 1965 के उल्लंघन का स्पष्ट उल्लेख है। लिहाजा याचिकाकर्ता को विभागीय जांच में शामिल कर उसकी सुनवाई की जानी आवश्यक है, जो वर्तमान मामले में नहीं की गई है। सिंगल बेंच ने अपने फैसले में लिखा है कि संबंधित अधिकारियों ने कोई विभागीय जांच न करके तथा कलंकपूर्ण आदेश पारित करने से पहले सुनवाई का उचित अवसर न देकर अवैधता की है। लिहाजा 8 अगस्त 2024 का विवादित आदेश निरस्त किए जाने योग्य है तथा इसे निरस्त किया जाता है।

आरएसएस की शाखा में आए थे आंबेडकर और गांधी', संघ का बड़ा दावा

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देश के संविधान के निर्माता डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर एक बार फिर सुर्खियों में हैं। पिछले दिनों शीतकालीन सत्र के दौरान राज्यसभा में केन्द्रीय गृहमंत्री के दॉक्टर बीआर अंबेडकर पर दिए गए बयान के बाद पक्ष और विरक्ष में जमकर घमासान मचा। अंबेडकर को लेकर जारी सियासी विवाद के बीच राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने बड़ा दावा किया है। आरएसएस ने एक बयान जारी कर दावा किया है कि महात्मा गांधी और बाबासाहेब भीमराव आंबेडकर संघ की शाखाओं में शामिल हो चुके हैं। संघ के मुताबिक, गांधी 1934 में संघ के एक शिविर में पहुंचे थे जबकि आंबेडकर ने 1940 में संघ की एक शाखा में भेंट दी थी। बता दें कि आरएसएस ने अपने दावे के समर्थन में पेपर की एक कटिंग भी दिखाई है।

देश के संविधान के निर्माता डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर ने 85 साल पहले महाराष्ट्र में आरएसएस की एक शाखा का दौरा किया था। संघ की संचार शाखा विश्व संवाद केंद्र (वीएसके) ने बृहस्पतिवार को इसका खुलासा करते हुए दावा किया कि इस दौरान आंबेडकर ने स्वयंसेवकों से संबोधित करते हुए कहा था कि कुछ मुद्दों पर मतभेदों के बावजूद वह आरएसएस को आत्मीयता की भावना से देखते हैं।

विश्व संवाद केंद्र के विदर्भ प्रांत ने एक बयान में कहा, डॉ. आंबेडकर ने 2 जनवरी, 1940 को सतारा जिले के कराड में आरएसएस की शाखा का दौरा किया था। यहां उन्होंने स्वयंसेवकों को संबोधित भी किया था। वीएसके ने संबंधित समाचार की एक क्लिपिंग के साथ कहा कि 9 जनवरी, 1940 को पुणे के मराठी दैनिक केसरी में डॉ. आंबेडकर के आरएसएस शाखा में आने के बारे में एक रिपोर्ट प्रकाशित हुई थी।

“आंबेडकर और आरएसएस के बारे में गलत सूचना फैलाई गई”

बयान के मुताबिक, आरएसएस ने अपनी अब तक की यात्रा में कई चुनौतियों का सामना किया है और संगठन पर कई आरोप लगाए गए हैं, लेकिन उसने इन सभी आरोपों को गलत साबित किया है तथा एक सामाजिक संगठन के रूप में अपनी पहचान को फिर से पुष्ट किया है। इसमें कहा गया है कि आरएसएस पर विभिन्न कारणों से तीन बार प्रतिबंध लगाया गया, लेकिन हर बार यह बेदाग निकला। बयान के अनुसार, आरएसएस पर दलित विरोधी होने के आरोप लगे और डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर तथा आरएसएस के बारे में गलत सूचना फैलाई गई। लेकिन अब डॉ. आंबेडकर और आरएसएस के बारे में एक नया दस्तावेज सामने आया है, जो दोनों के बीच संबंधों को उजागर करता है।

“स्वयंसेवक नियमित रूप से आंबेडकर के संपर्क में थे”

वीएसके ने अपने बयान में कहा कि नौ जनवरी, 1940 को पुणे के मराठी दैनिक ‘केसरी’ में डॉ. आंबेडकर के आरएसएस शाखा का दौरा करने के बारे में एक खबर प्रकाशित हुई थी। बयान में उस समाचार की एक प्रति भी संलग्न की गई है। खबर में आरएसएस विचारक दत्तोपंत ठेंगड़ी की लिखी किताब ‘डॉ. आंबेडकर और सामाजिक क्रांति की यात्रा’ का संदर्भ दिया गया है, जिसमें आरएसएस और डॉ. आंबेडकर के बीच संबंधों के बारे में बताया गया है। खबर के अनुसार, किताब के आठवें अध्याय की शुरुआत में ठेंगड़ी कहते हैं कि डॉ. आंबेडकर को आरएसएस के बारे में पूरी जानकारी थी। अध्याय के मुताबिक, संघ के स्वयंसेवक नियमित रूप से आंबेडकर के संपर्क में रहते थे और उनसे चर्चा करते थे।

वीएसके ने किताब के हवाले से कहा, डॉ. आंबेडकर यह भी जानते थे कि आरएसएस हिंदुओं को एकजुट करने वाला एक अखिल भारतीय संगठन है। वह इस बात से भी वाकिफ थे कि हिंदुत्व के प्रति वफादार संगठनों, हिंदुओं को एकजुट करने वाले संगठनों और आरएसएस के बीच अंतर है। आरएसएस के विकास की गति को लेकर उनके मन में संदेह था। इस दृष्टि से डॉ. आंबेडकर और आरएसएस के बीच संबंधों का विश्लेषण करने की आवश्यकता है।

बर्खास्त ट्रेनी IAS पूजा खेडकर को झटका, दिल्ली हाईकोर्ट ने खारिज की जमानत याचिका
#delhi_high_court_refuses_grant_anticipatory_bail_plea_former_ias_probationer_puja_khedkar दिल्ली हाई कोर्ट ने बर्खास्त ट्रेनी आईएएस अफसर पूजा खेडकर की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी है। कोर्ट ने कहा कि पूजा खेडकर ने जिस तरह का फ्रॉड किया है, यह न केवल उस संस्था (यूपीएससी) के साथ फ्रॉड है बल्कि पूरे समाज के साथ खिलवाड़ है। इसलिए यह याचिका खारिज की जाती है और खेडकर को दी गई अंतरिम सुरक्षा रद्द की जाती है।पूर्व आईएएस प्रोबेशनर पर सिविल सेवा परीक्षा में कथित धोखाधड़ी और ओबीसी-दिव्यांगता कोटे का गलत लाभ उठाने का केस दर्ज है।

न्यायमूर्ति चंद्र धारी सिंह ने खेडकर की जमानत याचिका खारिज करते हुए कहा कि मामले की जांच में संलिप्तता और साजिश के स्पष्ट संकेत हैं, जिसके कारण अग्रिम जमानत का आदेश नहीं दिया जा सकता। न्यायमूर्ति सिंह ने कहा, “अग्रिम जमानत याचिका खारिज की जाती है। गिरफ्तारी से अंतरिम संरक्षण रद्द किया जाता है।” अदालत ने खेडकर के खिलाफ प्रथम दृष्टया मजबूत मामला होने की बात स्वीकार की और कहा कि इस मामले में साजिश का खुलासा करने के लिए जांच की आवश्यकता है। अदालत ने यह भी कहा कि यह मामला न केवल संवैधानिक संस्था (यूपीएससी) के साथ धोखाधड़ी का है, बल्कि समाज के प्रति भी धोखाधड़ी का मामला बनता है।

पूजा खेडकर पर दिल्ली पुलिस की तरफ से आपराधिक आरोप लगाए गए हैं। पुलिस ने उन पर सिविल सेवा परीक्षा में धोखाधड़ी करने और अवैध रूप से ओबीसी और दिव्यांगता कोटा लाभ का दावा करने का आरोप लगाया है। इसी आरोप उन्हें गिरफ्तार किया गया था। यूपीएससी ने उनकी उम्मीदवारी कैंसिल कर दी थी।

यूपीएससी ने 31 जुलाई को उनकी उम्मीदवारी रद्द कर दी थी। इसके साथ-साथ भविष्य की परीक्षाओं में शामिल होने के लिए उन पर रोक लगा दी थी। खेडकर ने अपने ऊपर लगे सभी आरोपों से इनकार करती रही हैं। दिल्ली की एक अदालत ने 1 अगस्त को खेडकर को अग्रिम जमानत देने से इनकार कर दिया था। कोर्ट ने कहा कि उनके खिलाफ गंभीर आरोप हैं, जिसकी गहन जांच की आवश्यकता है। इसके बाद खेडकर ने निचली अदालत के फैसले को हाई कोर्ट में चुनौती दी है।