उत्तराखंड में वनभूमि से बेदखली का संकट गहराया, सुप्रीम कोर्ट के आदेश के खिलाफ आंदोलन अंतिम विकल्प
रामनगर। उत्तराखंड में वनभूमि से अतिक्रमण हटाने को लेकर सुप्रीम कोर्ट के आदेश ने लाखों लोगों के सामने बेदखली का गंभीर संकट खड़ा कर दिया है। इस मुद्दे को लेकर संयुक्त संघर्ष समिति ने सरकार और वन विभाग के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। समिति का कहना है कि अब जनता के पास आंदोलन के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है।

इसी क्रम में संयुक्त संघर्ष समिति ने आगामी 4 जनवरी को रामनगर में प्रस्तावित जन सम्मेलन को सफल बनाने के उद्देश्य से ग्राम सुंदरखाल में एक जनसभा का आयोजन किया। जनसभा में वक्ताओं ने बुलडोजर कार्रवाई पर तत्काल रोक लगाने, सभी वन ग्रामों और गोठ खत्तों को राजस्व ग्राम घोषित करने, बेदखल किए गए ग्रामीणों के पुनर्वास और हाईकोर्ट के स्टे आदेश का उल्लंघन करने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।
वक्ताओं ने आरोप लगाया कि 7 दिसंबर को पूछड़ी गांव में हाईकोर्ट के स्टे आदेश के बावजूद बुलडोजर कार्रवाई की गई। इसके लिए डीएफओ प्रकाश चंद्र आर्य और अन्य संबंधित अधिकारियों को जिम्मेदार ठहराते हुए उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की गई। उन्होंने कहा कि पूछड़ी गांव से विस्थापित 90 परिवारों का अब तक पुनर्वास नहीं किया गया है।
सभा को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने सांसद अनिल बलूनी पर वन ग्रामों को बिजली, पानी और मूलभूत सुविधाएं देने के वादे को दोहराकर जनता के साथ विश्वासघात करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि यदि सांसद वास्तव में वन ग्रामवासियों के पक्ष में हैं, तो पहले पूछड़ी से उजाड़े गए परिवारों का पुनर्वास सुनिश्चित करें।
वक्ताओं ने बताया कि उत्तराखंड का कुल क्षेत्रफल लगभग 53 हजार वर्ग किलोमीटर है, जिसमें से करीब 71 प्रतिशत भूमि वन क्षेत्र है। इसके बावजूद केवल 104 वर्ग किलोमीटर वन भूमि पर ही लोग निवास करते हैं, जो कुल वनभूमि का मात्र 0.28 प्रतिशत है। वक्ताओं का कहना था कि इन लोगों ने जंगलों को नष्ट नहीं किया, बल्कि उन्हें बचाया और संवारा है।

उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार वनवासियों को बेदखल करने की साजिश कर रही है। मांग की गई कि राज्य में जहां भी लोग वर्षों से रह रहे हैं, उन्हें वहीं पर मालिकाना हक दिया जाए और किसी भी व्यक्ति को हटाने से पहले उसका उचित पुनर्वास सुनिश्चित किया जाए।

*4 जनवरी को रामनगर में होगा बड़ा जन सम्मेलन*

संयुक्त संघर्ष समिति ने ऐलान किया कि 4 जनवरी को रामनगर में आयोजित जन सम्मेलन में सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता रवीन्द्र गड़िया, वन पंचायत संघर्ष मोर्चा के तरुण जोशी, चेतना आंदोलन के शंकर गोपाल, उपपा नेता पीसी तिवारी, किसान नेता अवतार सिंह समेत कई सामाजिक और राजनीतिक संगठनों के नेता भाग लेंगे।
जनसभा को खीमराम, प्रेम राम, पूरन चंद्र, प्रभात ध्यानी, कौशल्या, रोहित रुहेला, आशा, तुलसी छिंबाल, दिल्ली उच्च न्यायालय के अधिवक्ता कमलेश कुमार, मुनीष कुमार सहित अन्य वक्ताओं ने संबोधित किया। सभा का संचालन शेखर ने किया।
अंकिता भंडारी हत्याकांड: कांग्रेस का कैंडल मार्च, निष्पक्ष जांच और कार्रवाई की मांग
देहरादून। उत्तराखंड की राजनीति में अंकिता भंडारी हत्याकांड को लेकर सियासी तापमान एक बार फिर बढ़ गया है। कांग्रेस ने इस मामले को लेकर भाजपा पर तीखा हमला करते हुए प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में प्रदर्शन और कैंडल मार्च निकाले। पार्टी ने दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई और मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की है।

पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने डोईवाला ब्लॉक में कैंडल मार्च निकालकर विरोध दर्ज कराया। इस दौरान बड़ी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ता मौजूद रहे। कांग्रेस नेताओं ने अंकिता भंडारी को न्याय दिलाने और कथित वीआईपी की भूमिका की निष्पक्ष जांच की मांग की। पार्टी का कहना है कि मामले की जांच हाईकोर्ट या सुप्रीम कोर्ट के सिटिंग जज की निगरानी में कराई जानी चाहिए।

बीते दिन यूथ कांग्रेस ने लैंसडाउन चौक के पास स्थित भाजपा महानगर कार्यालय की ओर कूच किया। पुलिस ने कनक चौक पर बैरिकेडिंग लगाकर कार्यकर्ताओं को रोक दिया, जिसके बाद धक्का-मुक्की की स्थिति बनी। पुलिस ने कई कार्यकर्ताओं को हिरासत में लेकर पुलिस लाइन भेज दिया। प्रदर्शन का नेतृत्व यूथ कांग्रेस प्रदेश उपाध्यक्ष स्वाति नेगी ने किया। इससे पहले कार्यकर्ता राजीव भवन में एकत्र हुए और नारेबाजी करते हुए आगे बढ़े।

विवाद तब और गहराया जब भाजपा के पूर्व विधायक सुरेश राठौर की कथित पत्नी बताने वाली अभिनेत्री उर्मिला सनावर का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ। वीडियो में उन्होंने अंकिता भंडारी केस में एक बड़े भाजपा नेता पर आरोप लगाते हुए कथित वीवीआईपी का नाम लिया। इसके बाद कांग्रेस ने भाजपा पर हमले तेज कर दिए, जबकि भाजपा नेताओं ने भी आरोपों पर प्रतिक्रिया दी है।

क्या है अंकिता भंडारी हत्याकांड
पौड़ी गढ़वाल जनपद के डोभ श्रीकोट की रहने वाली 22 वर्षीय अंकिता भंडारी यमकेश्वर स्थित वनंत्रा रिसोर्ट में कार्यरत थीं। मामले की जांच के बाद पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया था। निचली अदालत ने तीनों दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है, और वे वर्तमान में जेल में हैं।
डोईवाला युवक हत्याकांड का दून पुलिस ने किया खुलासा, दो आरोपी गिरफ्तार
देहरादून, उत्तराखंड। डोईवाला क्षेत्र में युवक की हत्या के मामले का दून पुलिस ने सफल खुलासा करते हुए दो अभियुक्तों को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस के अनुसार यह हत्या मामूली विवाद के बाद हुई आपसी मारपीट का नतीजा थी, जिसमें गंभीर रूप से घायल युवक की मौत हो गई।

जानकारी के मुताबिक, 24 दिसंबर 2025 को कोतवाली डोईवाला क्षेत्र अंतर्गत लच्छीवाला फ्लाईओवर के पास दीपक पुत्र स्वर्गीय चैतराम, निवासी ऋषिनगर सहस्त्रधारा रोड, रायपुर देहरादून का शव बरामद हुआ था। पुलिस ने शव को कोरोनेशन अस्पताल भेजकर पंचायतनामा व पोस्टमार्टम की कार्रवाई कराई।

25 दिसंबर 2025 को मृतक की पत्नी ज्योति ने थाना रायपुर में तहरीर देकर आरोप लगाया कि उनके पति दीपक को भुवनेश चन्द्र उर्फ जॉनी अपने साथ ले गया था और उसी ने उनकी हत्या की है। तहरीर के आधार पर कोतवाली डोईवाला में मुकदमा संख्या 333/2025, धारा 103(1) बीएनएस के अंतर्गत मामला दर्ज किया गया।

घटना की गंभीरता को देखते हुए वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक देहरादून के निर्देश पर विशेष पुलिस  का गठन किया गया। जांच के दौरान नामजद अभियुक्त भुवनेश चन्द्र उर्फ जॉनी और उसके साथी नाथीराम की संलिप्तता सामने आई।

पुलिस टीम ने त्वरित कार्रवाई करते हुए 26 दिसंबर 2025 को थानो रोड, कोठारी मोहल्ला के पास जौलीग्रान्ट, डोईवाला से दोनों अभियुक्तों को गिरफ्तार कर लिया। घटना में प्रयुक्त ई-रिक्शा (यूके-07-टीई-3163) को भी सीज कर दिया गया है।

*गिरफ्तार अभियुक्तों का विवरण*

भुवनेश चन्द्र उर्फ जॉनी, पुत्र महेश चन्द्र, निवासी सिमेंट रोड, नदी रिस्पना, ब्लॉक-2, कोतवाली डालनवाला, देहरादून (उम्र 33 वर्ष)

नाथीराम, पुत्र रामचन्द्र, निवासी गुरुद्वारा के पास, संजय कॉलोनी, कोतवाली पटेलनगर, देहरादून (उम्र 54 वर्ष)

*पुलिस टीम*

इस कार्रवाई में प्रभारी निरीक्षक प्रदीप कुमार राणा (कोतवाली डोईवाला), वरिष्ठ उप निरीक्षक विनोद सिंह राणा, उप निरीक्षक नवीन डंगवाल (चौकी प्रभारी जौलीग्रान्ट), उप निरीक्षक राजनारायण व्यास, अपर उप निरीक्षक प्रेम सिंह बिष्ट सहित अन्य पुलिसकर्मी शामिल रहे।

दून पुलिस की इस त्वरित और प्रभावी कार्रवाई से क्षेत्र में कानून-व्यवस्था को लेकर लोगों का भरोसा मजबूत हुआ है।
नाबालिग को बहला-फुसलाकर सहारनपुर ले गया युवक, दुष्कर्म के आरोप में गिरफ्तार

देहरादून, उत्तराखंड। नेहरू कॉलोनी थाना क्षेत्र में एक सनसनीखेज मामला सामने आया है, जिसमें 19 वर्षीय युवक ने पड़ोस में रहने वाली 17 वर्षीय नाबालिग लड़की को इंस्टाग्राम पर बातचीत के जरिए बहला-फुसलाया और घर से भगा ले गया। आरोपी ने अपने दोस्त की मदद से लड़की को देहरादून आईएसबीटी से बस में बैठाकर सहारनपुर ले गया, जहां उसके साथ दुष्कर्म किया।
पुलिस सूत्रों के अनुसार, आरोपी का पिता इलाके में वैध (डॉक्टर) का काम करता है और आरोपी उसके साथ दुकान पर बैठता था। इसी दौरान उसकी मुलाकात नाबालिग से हुई और दोनों के बीच इंस्टाग्राम पर बातचीत शुरू हो गई। जब लड़की की मां को इसकी भनक लगी तो उन्होंने बेटी को डांटा, जिसके बाद आरोपी ने लड़की को मिलने के लिए घर से बाहर बुलाया।
पीड़िता के चाचा ने बताया कि आरोपी और उसके दोस्त ने लड़की को घर के पास से लिया और आईएसबीटी पहुंचाया। वहां से बस पकड़कर सहारनपुर चले गए। लड़की ने वापस आकर परिजनों को बताया कि आरोपी उसे जबरन सहारनपुर ले गया और वहां दुष्कर्म किया।
थाना प्रभारी संजीत कुमार ने बताया कि 21 दिसंबर को पीड़िता की शिकायत पर पॉक्सो एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया गया। पुलिस टीम ने आरोपी और नाबालिग को अजबपुर फ्लाईओवर के नीचे से बरामद किया। आरोपी को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया गया, जहां से उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। नाबालिग को सुरक्षित परिजनों के सुपुर्द कर दिया गया है। पुलिस मामले की गहन जांच कर रही है।
उत्तराखंड मुख्यमंत्री धामी ने “पैंली-पैंली बार” उत्तराखंडी गीत का किया विमोचन
ब्यूरो

देहरादून। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज एक विशेष कार्यक्रम में लोकप्रिय उत्तराखंडी लोकगीत “पैंली-पैंली बार” के नए संस्करण या संकलित रूप का विमोचन किया। यह गीत उत्तराखंड की समृद्ध लोक संस्कृति और पहाड़ी परंपराओं का प्रतीक है, जो बारिश, प्रकृति और ग्रामीण जीवन की खुशियों को दर्शाता है।
मुख्यमंत्री धामी ने विमोचन समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि उत्तराखंड की लोक संस्कृति और लोकगीत हमारी पहचान की मजबूत नींव हैं। “पैंली-पैंली बार” जैसे गीत न केवल युवा पीढ़ी को अपनी जड़ों से जोड़ते हैं, बल्कि राज्य की सांस्कृतिक धरोहर को विश्व स्तर पर पहुंचाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। उन्होंने कहा, “हमारी सरकार उत्तराखंडी लोककला, संगीत और परंपराओं को संरक्षित एवं प्रोत्साहित करने के लिए प्रतिबद्ध है। ऐसे आयोजन देवभूमि की आत्मा को जीवंत रखते हैं।”
इस अवसर पर लोक कलाकारों ने “पैंली-पैंली बार” गीत की प्रस्तुति दी, जिसने उपस्थित जनसमूह को मंत्रमुग्ध कर दिया। कार्यक्रम में कई गणमान्य व्यक्ति, लोक गायकों और सांस्कृतिक प्रेमियों ने भाग लिया।
मुख्यमंत्री धामी ने गीत के कलाकारों और निर्माताओं की सराहना करते हुए कहा कि ऐसे प्रयास राज्य की सांस्कृतिक विरासत को नई पीढ़ी तक पहुंचाने में सहायक होंगे। उन्होंने पर्यटकों और प्रवासी उत्तराखंडियों से भी अपील की कि वे ऐसे गीतों के माध्यम से देवभूमि की सुंदरता और संस्कृति से जुड़ें।
यह विमोचन उत्तराखंड सरकार की लोक संस्कृति संवर्धन की मुहिम का हिस्सा है, जो राज्य को सांस्कृतिक रूप से और मजबूत बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
उत्तराखंड : बिजनेस उत्तरायणी कार्यक्रम में महिलाओं को किया गया सम्मानित
ब्यूरो

कौशानी (बागेश्वर)। उत्तराखंड की प्रसिद्ध हिल स्टेशन कौशानी में आयोजित बिजनेस उत्तरायणी कार्यक्रम में स्टार्टअप, हस्तशिल्प, पर्यटन और अन्य क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य करने वाली महिलाओं को सम्मानित किया गया। यह कार्यक्रम उत्तराखंड की उद्यमी महिलाओं को प्रोत्साहित करने और उनकी सफलता को मंच प्रदान करने के उद्देश्य से आयोजित किया गया था।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि ने महिलाओं की उपलब्धियों की सराहना करते हुए कहा कि देवभूमि उत्तराखंड की महिलाएं न केवल घर संभाल रही हैं, बल्कि स्टार्टअप और बिजनेस के क्षेत्र में नई मिसालें कायम कर रही हैं। उन्होंने कहा, “महिला सशक्तिकरण ही राज्य की प्रगति की कुंजी है। स्टार्टअप के माध्यम से स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देकर ये महिलाएं आत्मनिर्भरता और रोजगार सृजन का प्रतीक बन रही हैं।”
इस अवसर पर कई महिलाओं को उनके योगदान के लिए प्रशस्ति पत्र, ट्रॉफी और पुरस्कार प्रदान किए गए। सम्मानित महिलाओं में हस्तशिल्प, ऑर्गेनिक उत्पाद, होमस्टे और डिजिटल स्टार्टअप से जुड़ी उद्यमी शामिल थीं। कार्यक्रम में लोक कलाकारों की प्रस्तुतियां और स्थानीय उत्पादों की प्रदर्शनी ने भी दर्शकों का मन मोह लिया।
बिजनेस उत्तरायणी जैसे आयोजन उत्तराखंड की सांस्कृतिक धरोहर के साथ आर्थिक विकास को जोड़ने का प्रयास हैं। उपस्थित लोगों ने इसे महिला उद्यमिता को बढ़ावा देने वाला महत्वपूर्ण कदम बताया। यह कार्यक्रम राज्य सरकार की महिला सशक्तिकरण और स्टार्टअप नीतियों की दिशा में एक सकारात्मक पहल के रूप में देखा जा रहा है।
उत्तराखंड: मुख्यमंत्री धामी ने 4224 श्रमिकों को ट्रांसफर की 13 करोड़ रुपये की राशि
ब्यूरो

देहरादून। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (डीबीटी) योजना के तहत 4224 श्रमिकों के खातों में लगभग 13 करोड़ रुपये की सहायता राशि सीधे ट्रांसफर की। यह राशि विभिन्न श्रम कल्याण योजनाओं के अंतर्गत प्रदान की गई है, जिससे श्रमिकों को तत्काल आर्थिक लाभ मिलेगा।
मुख्यमंत्री धामी ने इस अवसर पर कहा कि राज्य सरकार श्रमिकों के कल्याण और सशक्तिकरण के लिए प्रतिबद्ध है। “हमारी सरकार का प्रयास है कि हर पात्र श्रमिक को सरकारी योजनाओं का लाभ बिना किसी बिचौलिये के सीधे मिले। डीबीटी के जरिए पारदर्शिता सुनिश्चित की जा रही है,” उन्होंने कहा। मुख्यमंत्री ने श्रमिकों से अपील की कि वे ई-श्रम पोर्टल और अन्य कल्याण योजनाओं में पंजीकरण कराएं ताकि उन्हें समय पर सहायता मिल सके।
इसके साथ ही, मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि श्रमिकों को विभिन्न योजनाओं की जानकारी, पंजीकरण और सहायता प्राप्त करने के लिए कॉमन सर्विस सेंटर (सीएससी) के माध्यम से मदद उपलब्ध कराई जाएगी। सीएससी केंद्रों पर श्रमिक आसानी से अपनी समस्याओं का समाधान पा सकेंगे और योजनाओं से जुड़ सकेंगे।
यह पहल उत्तराखंड सरकार की श्रमिक हितैषी नीतियों का हिस्सा है, जो निर्माण कार्यकर्ताओं, असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों और अन्य मेहनतकश वर्गों को मजबूत बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। कार्यक्रम में श्रम विभाग के अधिकारी और लाभार्थी श्रमिक भी उपस्थित रहे।
इस कदम से हजारों श्रमिक परिवारों को सीधा लाभ पहुंचेगा और राज्य में श्रम कल्याण योजनाओं की पहुंच बढ़ेगी।
छह बहुरूपिए बाबा गिरफ्तार, भीख के नाम पर ठगी का आरोप

हरिद्वार ब्यूरो

रुड़की, हरिद्वार, उत्तराखंड।
मुख्यमंत्री के निर्देश पर चलाए जा रहे ऑपरेशन कालनेमी अभियान के तहत कोतवाली रुड़की पुलिस ने कार्रवाई करते हुए छह बहुरूपिए बाबाओं को हिरासत में लिया है। पुलिस के अनुसार ये आरोपी साधु–संत का भेष धारण कर भीख मांगने के बहाने लोगों से अधिक धनराशि वसूल रहे थे।

चेकिंग अभियान के दौरान संदिग्ध गतिविधियों के आधार पर पुलिस ने सभी को पकड़ा। पूछताछ में आरोप सही पाए जाने पर पुलिस ने उनके खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (बीएनएसएस) की धारा 172(2) के तहत कार्रवाई की है।

गिरफ्तार किए गए आरोपियों के नाम इस प्रकार हैं—

* नरेश पुत्र मंगलू, निवासी बड़ी नारसन, थाना मंगलौर, उम्र 52 वर्ष

* तेलूराम पुत्र दिशोंदी, निवासी टोडा खटका, कोतवाली सिविल लाइन रुड़की, उम्र 68 वर्ष

* पप्पू पुत्र रज्जाक, निवासी ग्राम लालपुर, थाना बाबूगढ़, तहसील हापुड़, जिला हापुड़ (उ.प्र.), उम्र 55 वर्ष

* फारूक पुत्र अतीक, निवासी कलालमपुरा, बादशाह मस्जिद वाली गली, थाना जनकपुरी, सहारनपुर (उ.प्र.), उम्र 66 वर्ष

* मांगेराम पुत्र स्वराज सिंह, निवासी तुगलपुर कमेड़ा, थाना पुरकाजी, जिला मुजफ्फरनगर (उ.प्र.), उम्र 55 वर्ष

* मेहरबान सिंह पुत्र गंगाराम, निवासी मोहल्ला बजरंग नगर, थाना चंदन नगर, जिला इंदौर (म.प्र.), उम्र 65 वर्ष

पुलिस का कहना है कि ऑपरेशन कालनेमी के तहत आगे भी ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई जारी रहेगी, जो धार्मिक भेष का दुरुपयोग कर आम जनता को गुमराह करते हैं।
भारतीय सेना भर रही पर्वतीय बच्चों के सपनों में रंग
स्ट्रीटबज्ज ब्यूरो

पिथौरागढ़/धारचूला, उत्तराखंड।
भारतीय सेना की कुमाऊँ स्काउट्स यूनिट ने सीमांत क्षेत्र में शिक्षा को बढ़ावा देने की दिशा में एक सराहनीय पहल की है। धारचूला तहसील के दूरस्थ गांव गालाती स्थित प्राथमिक विद्यालय में सेना के जवानों द्वारा विद्यार्थियों को स्टेशनरी सामग्री वितरित की गई।

इस अवसर पर बच्चों को पेन, कॉपी, पेंसिल, स्कूल बैग सहित अन्य आवश्यक अध्ययन सामग्री प्रदान की गई। उपहार पाकर बच्चों के चेहरों पर उत्साह और खुशी साफ झलक रही थी। ग्रामीण क्षेत्र के विद्यार्थियों के लिए यह सहायता शिक्षा के प्रति नई ऊर्जा लेकर आई है।

विद्यालय के शिक्षकों ने भारतीय सेना के इस मानवीय कदम की सराहना करते हुए कहा कि इस तरह की पहल से बच्चों में पढ़ाई के प्रति रुचि बढ़ेगी और अभिभावकों में भी शिक्षा को लेकर जागरूकता आएगी।

सेना के अधिकारियों ने बताया कि इस पहल का उद्देश्य केवल शैक्षणिक सहायता देना ही नहीं, बल्कि बच्चों में राष्ट्रसेवा, अनुशासन और सामाजिक जिम्मेदारी की भावना को भी विकसित करना है। उन्होंने कहा कि ऐसे कार्यक्रमों से बच्चों को भविष्य में देश की सेवा के लिए प्रेरणा मिलती है और वे सशस्त्र बलों को करियर विकल्प के रूप में देखने लगते हैं।

भारतीय सेना की यह पहल सीमांत क्षेत्रों में सामाजिक उत्थान और शिक्षा के सशक्तिकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है।
देहरादून की हवा हुई जहरीली, सांस लेना हुआ मुश्किल
उत्तराखंड ब्यूरो

देहरादून, उत्तराखंड। उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में बढ़ते वायु प्रदूषण ने लोगों की चिंता बढ़ा दी है। कभी अपनी स्वच्छ और शुद्ध आबोहवा के लिए पहचानी जाने वाली दून घाटी इन दिनों स्मॉग और धुंध की चादर में लिपटी नजर आ रही है। ताज़ा आंकड़ों के अनुसार शहर के कई इलाकों में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 200 के पार पहुंच गया है, जबकि कुछ संवेदनशील क्षेत्रों में यह 300 के करीब दर्ज किया गया है।

लगातार बारिश न होने और शुष्क मौसम के कारण धूल के कण और वाहनों का धुआं वायुमंडल की निचली सतह पर जमा हो गया है। ठंडी हवा के भारी होने से प्रदूषण के कण ऊपर नहीं उठ पा रहे, जिससे स्मॉग की स्थिति और गंभीर हो गई है। इसका सीधा असर बच्चों, बुजुर्गों और सांस संबंधी रोगियों पर पड़ रहा है।

पिछले करीब 10 दिनों से देहरादून का एक्यूआई लगातार 200 के खतरनाक स्तर के आसपास बना हुआ है। कई रिहायशी और व्यावसायिक इलाकों में हालात ‘रेड जोन’ जैसे हो गए हैं। दून यूनिवर्सिटी जैसे संवेदनशील क्षेत्रों में एक्यूआई 300 के करीब पहुंचने से स्थिति और चिंताजनक हो गई है।

विशेषज्ञों के अनुसार, शहर में चल रहे निर्माण कार्यों से उड़ती धूल और बढ़ता वाहनों का धुआं प्रदूषण को और गंभीर बना रहा है। बारिश के अभाव में यह स्थिति लंबे समय तक बनी रह सकती है। शुष्क मौसम और लगातार निर्माण कार्यों के कारण धूल व प्रदूषण के कण हवा को खतरनाक बना रहे हैं।

सीओपीडी और अस्थमा के मरीजों को सांस लेने में दिक्कत, घुटन और खांसी जैसी समस्याएं हो सकती हैं। उन्होंने सलाह दी कि ऐसे मरीज बाहर निकलने से बचें, मास्क का प्रयोग करें, नियमित दवाइयां लें और पर्याप्त पानी पिएं। धुंध छंटने तक सुबह और देर शाम व्यायाम करने से भी बचना चाहिए।

प्रदूषण के बढ़ते स्तर का असर अस्पतालों में भी साफ दिख रहा है। दून अस्पताल समेत शहर के प्रमुख चिकित्सा केंद्रों में सांस के मरीजों की संख्या में 20 से 30 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। लगातार बिगड़ती हवा ने दूनवासियों के फेफड़ों पर सीधा हमला बोल दिया है।