भारतीय नोटों से गांधी की तस्वीर हटाने की तैयारी, राज्यसभा सांसद जॉन ब्रिटास का दावा

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संसद के शीत सत्र में केंद्र सरकार ने 'विकसित भारत गारंटी फॉर रोज़गार एंड आजीविका मिशन (ग्रामीण)' यानी वीबी-जी राम जी बिल पास करवा लिया। इस बिल को राष्ट्रपति की मंजूरी भी मिल गई है। यह बिल देश में रोजगार गारंटी स्कीम मनरेगा की जगह लेगा। विपक्ष का आरोप है कि सरकार ने मनरेगा स्कीम से महात्मा गांधी का नाम हटाने के लिए यह कानून बनाया है। इसको लेकर जारी विवाद के बीच केरल से माकपा के सांसद जॉन ब्रिटास ने एक बड़ा दावा किया है। उन्होंने कहा कि सरकार मनरेगा के बाद अब नोट से भी महात्मा गांधी की तस्वीर हटाने की योजना बना रही है।

नोटों से महात्मा गांधी की तस्वीर हटाने का प्लान

न्यू इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार सीपीएम एमपी जॉन ब्रिटास ने दावा किया है कि करेंसी नोट से गांधी की फोटो हटाने के लिए एक 'उच्च-स्तरीय बैठक' पहले ही हो चुकी है। राज्यसभा सांसद जॉन ब्रिटास ने कहा है कि केंद्र सरकार भारतीय करेंसी नोटों से महात्मा गांधी की तस्वीर हटाने की दिशा में कदम बढ़ा रही है। उन्होंने दावा किया कि इसके लिए शुरुआती प्लान बन चुका है और भारत की विरासत को दर्शाने वाले प्रतीकों से इसे बदलने के लिए चर्चा चल रही है। 

प्रतीकों को फिर से लिखने की एक बड़ी कोशिश

सांसद का यह आरोप ऐसे किसी भी विचार पर रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया (आरबीआई) के बार-बार इनकार करने के बावजूद आया है। ब्रिटास ने कहा कि आधिकारिक इनकारों के बावजूद इस मुद्दे पर पहली दौर की उच्च स्तरीय चर्चा हो चुकी है। यह अब मेरा अनुमान नहीं है। गांधी को हमारी मुद्रा से हटाना राष्ट्र के प्रतीकों को फिर से लिखने की एक बड़ी कोशिश का हिस्सा है।

पहले भी आ चुकी हैं ऐसी खबरें

2022 में रिजर्व बैंक ने ऐसी रिपोर्ट का खंडन किया था, जिसमें भारतीय करेंसी से गांधी की फोटो हटाए जाने की बातें कही जा रही थी। तब कथित रूप से कुछ मीडिया रिपोर्ट में आरबीआई और वित्त मंत्रालय की ओर से कुछ करेंसी नोट पर रबिंद्रनाथ टैगोर और एपीजे अब्दुल कलाम जैसी शख्सियतों की तस्वीर लगाने की खबरें थीं।

प्रियंका गांधी को प्रधानमंत्री बनाइए फिर देखिए..., कांग्रेस नेता इमरान मसूद के बयान से हलचल

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बांग्लादेश में हिंदू समुदाय के खिलाफ हुई एक दिल दहला देने वाली घटना के बाद भारत की राजनीति में जबरदस्त उबाल है। बांग्लादेश में हिंदू युवक दीपू चंद्र दास की ईश निंदा के आरोप में भीड़ द्वारा पीट-पीटकर हत्या के बाद देशभर में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। इस मुद्दे ने सियासी बयानबाजी को भी तेज कर दिया है। सत्ता पक्ष बीजेपी ने कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी को घेरते हुए आरोप लगाया कि वह गाजा पर तो खुलकर बोलती हैं, लेकिन बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों पर चुप रहती हैं। इस पर उत्तर प्रदेश स्थित सहारनपुर से कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने बड़ा बयान दिया है।

प्रियंका गांधी को प्रधानमंत्री बनाने की वकालत

कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने बांग्लादेश मसले पर मीडिया से बात करते हुए प्रियंका गांधी को प्रधानमंत्री बनाने की वकालत की। उन्होंने कहा था, 'प्रियंका गांधी को प्रधानमंत्री बना दीजिए, इंदिरा गांधी जैसा जवाब मिलेगा।' उनका कहना था कि इंदिरा गांधी ने पाकिस्तान के दो टुकड़े किए थे और उसी परंपरा में प्रियंका गांधी भी भारत विरोधी ताकतों को करारा जवाब देने का माद्दा रखती हैं।

प्रियंका गांधी के हाथों में दीजिए, देश की कमान-मसूद

इमरान मसूद ने दावा किया कि प्रियंका गांधी के हाथ में अगर देश की कमान होती, तो बांग्लादेश को भारत विरोधी गतिविधियों का केंद्र बनने से रोका जा सकता था। उन्होंने कहा कि प्रियंका गांधी ऐसा इलाज करेंगी कि भारत के खिलाफ साजिश रचने वालों की हिम्मत नहीं होगी। उनके मुताबिक मौजूदा हालात बेहद चिंताजनक हैं, क्योंकि बांग्लादेश धीरे-धीरे भारत विरोधी अड्डे में तब्दील होता जा रहा है।

बीजेपी का कांग्रेस पर तीखा हमला

इमरान मसूद के प्रियंका गांधी को प्रधानमंत्री बनाने के बयान पर बीजेपी ने कांग्रेस पर तीखा हमला बोला है। बीजेपी का कहना है कि यह बयान साफ तौर पर दिखाता है कि गांधी परिवार भी राहुल गांधी के नेतृत्व पर भरोसा नहीं करता। पूनावाला ने कहा, 'इमरान मसूद ने तो साफ-साफ कह दिया कि अब उनको राहुल गांधी पर कोई भरोसा नहीं बचा है। अब राहुल हटाओ, प्रियंका जी को लाओ। प्रियंका जी को प्रधानमंत्री बनाने में अब उनको काम करना है।' उन्होंने आगे कहा कि इस बात का समर्थन रॉबर्ट वाड्रा ने भी किया है। इसका मतलब जनमत तो राहुल गांधी से गया ही, उनके पास सहयोगियों का समर्थन भी नहीं है।

रॉबर्ट वाड्रा ने भी किया समर्थन

इमरान मसूद द्वारा प्रियंका गांधी वाड्रा को प्रधानमंत्री पद का संभावित उम्मीदवार बताए जाने पर उनके पति और कारोबारी रॉबर्ट वाड्रा ने प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि सब की मांग होती है, सब कहते हैं कि प्रियंका को आना चाहिए। उन्होंने खुद के राजनीति में आने के सवाल पर कहा कि लोगों की ओर से ऐसी मांगें जरूर आती हैं, लेकिन फिलहाल सबसे जरूरी है कि असल मुद्दों पर ध्यान दिया जाए।

भारत-बांग्लादेश के रिश्तों में कड़वाहट, ढाका ने दिल्ली में अस्थायी रूप से बंद की वीजा सेवाएं


बांग्लादेश में शेख हसीना की सरकार के सत्ता से बेदखल होने के बाद से ही भारत-बांग्लादेश संबंध खराब दौर से गुजर रहे हैं। बीते दिनों कट्टरपंथी नेता उस्मान हादी की मौत के बाद से दोनों देशों के संबंधों में एक बार फिर तनाव बढ़ता दिख रहा है। इस बीच बांग्लादेश ने भारत में वीजा सेवाएं निलंबित करने का एलान कर दिया है।

नई दिल्ली में बांग्लादेश हाई कमीशन ने सोमवार को अनिश्चितकालीन वीजा सेवाएं सस्पेंड कर दी है। यह फैसला बांग्लादेश के उच्चायोग के बाहर हुए विरोध प्रदर्शन के बाद लिया गया है। यहां रविवार को टिपरा मोथा पार्टी और अन्य ग्रुप्स ने विरोध प्रदर्शन किया था।

चटगांव में भारतीय वीजा सेवाएं निलंबित

इससे पहले विरोध प्रदर्शनों को देखते हुए भारत ने भी चटगांव में भारतीय मिशन की सेवाएं बर्खास्त करने का फैसला किया था। 18 दिसंबर को चटगांव में भारत के सहायक हाई कमीशन पर एक भीड़ ने हमले की कोशिश की थी। इसके बाद भारत ने चटगांव में भारतीय वीजा सेवाएं निलंबित कर दी थीं। इसके अलावा ढाका, खुलना और राजशाही में भारत के कमीशन के बाहर भी विरोध प्रदर्शन देखने को मिले। बांग्लादेश की मांग है कि हादी के हत्यारे भारत में घुस गए हैं, उन्हें सौंपा जाए।

उस्मान हादी की हत्या से भड़की हिंसा

दरअसल, पिछले हफ्ते बांग्लादेश में भारत विरोधी और शेख हसीना सरकार विरोधी नेता उस्मान हादी की गोली मारकर हत्या कर दी गई। उस्मान हादी की मौत के बाद बांग्लादेश में हिंसा भड़क गई। कट्टरपंथियों का आरोप है कि उस्मान हादी के हत्यारे भागकर भारत चले गए हैं और वहां छिपे हैं। हालांकि बांग्लादेश की सरकार का ही कहना है कि संदिग्ध आरोपियों के भारत भागने के सबूत नहीं हैं। भारत ने भी आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है।

भारत में लोकतंत्र पर हो रहा हमला; सीबीआई-ईडी का हथियार की तरह इस्तेमाल, बर्लिन में बोले राहुल गांधी

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लोकसभा मे नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने एक बार फिर विदेशी धरती से केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार पर हमला बोला है। राहुल गांधी ने जर्मनी में मोदी सरकार की नीतियों पर सवाल उठाया। उन्होंने दावा किया कि देश के संस्थागत ढांचे पर बीजेपी का पूरी तरह से कब्जा हो गया है, लेकिन विपक्ष को इसका मुकाबला करने के लिए रास्ता निकालना होगा।

हमारे देश के लोकतांत्रिक ढांचे पर चौतरफा हमला-राहुल गांधी

कांग्रेस नेता राहुल गांधी सोमवार को जर्मनी की राजधानी बर्लिन में हर्टी स्कूल के कार्यक्रम 'पॉलिटिक्स इज़ द आर्ट ऑफ़ लिसनिंग' में शामिल हुए। राहुल गांधी ने इस संवाद कार्यक्रम का एक वीडियो सोमवार को अपने यूट्यूब चैनल पर अपलोड किया। उन्होंने कहा, ‘हम भारत में चुनाव की निष्पक्षता को लेकर सवाल उठा रहे हैं… हमारे देश के लोकतांत्रिक ढांचे पर चौतरफा हमला हो रहा है।’ उन्होंने इस बात का उल्लेख किया कि हरियाणा की मतदाता सूची में ब्राजील की मॉडल का नाम 22 जगह पर था। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष ने कहा, ‘हम जो सवाल उठा रहे हैं उसका जवाब निर्वाचन आयोग की तरफ से नहीं मिल रहा है।

चुनावी मशीनरी में बुनियादी समस्या-राहुल गांधी

लोकसभा के नेता प्रतिपक्ष ने कहा, भारत में चुनावी मशीनरी में कुछ बुनियादी समस्या है। संस्थागत ढांचे पर पूरी तरह से कब्जा कर लिया गया है, जब आप हमारी खुफिया एजेंसियों, सीबीआई और ईडी को देखते हैं तो पाते हैं कि इन्हें पूरी तरह से हथियार में तब्दील कर दिया गया है।'

राहुल ने पूछा- भाजपा के लोगों के खिलाफ कितने मामले?

राहुल गांधी ने आगे कहा,'देखिए, भाजपा के लोगों के खिलाफ ईडी और सीबीआई के कितने मामले हैं? जवाब यह होगा कि एक भी नहीं।' उन्होंने दावा किया कि ज्यादातर मामले विपक्ष के लोगों के खिलाफ दर्ज किए गए हैं।' उन्होंने आरोप लगाया कि अगर आप बड़े उद्योगपति हैं और कांग्रेस का सहयोग करने का इरादा रखते हैं, तो आपको धमकाया जाएगा। ईडी सीबीआई आ जाएगी।'

नेशनल हेराल्ड केस: राहुल-सोनिया की मुश्किलें बढ़ीं, ईडी की याचिका पर कोर्ट ने जारी की नोटिस

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नेशनल हेराल्ड मनी लॉन्ड्रिंग मामले में दिल्ली हाईकोर्ट ने कांग्रेस नेता सोनिया गांधी, राहुल गांधी और अन्य आरोपियों को नोटिस जारी किया है। दिल्ली हाई कोर्ट ने नेशनल हेराल्ड मामले में राहुल गांधी, सोनिया गांधी और अन्य के खिलाफ मनी-लॉन्ड्रिंग शिकायत पर ट्रायल कोर्ट के उस आदेश को चुनौती देने वाली प्रवर्तन निदेशालय की याचिका पर सुनवाई हुई, जिसमें राउज एवेन्यू कोर्ट ने शिकायत का संज्ञान लेने से इनकार कर दिया था।

ईडी की तरफ से नेशनल हेराल्ड मामले में राउज एवेन्यू कोर्ट के फैसले को लेकर दिल्ली हाई कोर्ट में चुनौती दी गई थी।अब दिल्ली हाई कोर्ट ने नेशनल हेराल्ड से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में कांग्रेस नेता सोनिया गांधी, राहुल गांधी सहित और लोगों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।

दिल्ली हाईकोर्ट ने ईडी की याचिका मंजूर करते हुए 12 मार्च 2026 को सुनवाई की अगली ताीख दी है। हाईकोर्ट में ईडी ने 16 दिसंबर के ट्रायल कोर्ट के उस आदेश को चुनौती दी थी, जिसमें कहा गया था कि एजेंसी की शिकायत पर संज्ञान लेना कानूनन अस्वीकार्य है, क्योंकि यह किसी एफआईआर पर आधारित नहीं है।

क्या कहा था निचली अदालत ने

विशेष जज विशाल गोगने ने मजिस्ट्रेट कोर्ट के आदेश को खारिज करते हुए कहा था कि गांधी परिवार पुलिस की एफआईआर पाने का हकदार नहीं। दरअसल मजिस्ट्रेट कोर्ट ने गांधी परिवार को नेशनल हेराल्ड मामले में एफआईआर की प्रति देने का निर्देश दिया था। विशेष जज ने मजिस्ट्रेट कोर्ट के फैसले को चुनौती वाली दिल्ली पुलिस की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश सुनाया। जज ने हालांकि कि कहा कि नेशनल हेराल्ड मामले में आरोपियों को यह सूचना दी जा सकती है कि एफआईआर दर्ज की है।

क्या है मामला?

ईडी ने चार्जशीट में कांग्रेस नेताओं सोनिया गांधी, राहुल गांधी, सुमन दुबे, सैम पित्रोदा व दिवंगत पार्टी नेताओं मोतीलाल वोरा और ऑस्कर फर्नांडीस के साथ एक निजी कंपनी यंग इंडियन पर साजिश रचने और मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप लगाया है। इसमें आरोप लगाया गया है कि इन लोगों ने एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेट (एजेएल) की करीब 2000 रुपये की संपत्ति अर्जित की। एजेएल नेशनल हेराल्ड समाचारपत्र प्रकाशित करती है। ईडी ने यह भी आरोप लगाया है कि यंग इंडियन में गांधी परिवार के पास 76 फीसदी शेयर हैं, जिसने 90 करोड़ रुपये कर्ज के बदले एजेएल की संपत्तियों पर धोखाधड़ी से कब्जा किया था। ईडी ने इस मामले में कथित अपराध से प्राप्त धनराशि 988 करोड़ रुपये से अधिक आंकी है।

चुनावी बॉन्ड खत्म होने के बाद भी बीजेपी पर बरसा पैसा, प्रूडेंट इलेक्टोरल ट्रस्ट ने अकेले दिए 2180 करोड़

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15 फरवरी 2024 को सुप्रीम कोर्ट ने इलेक्टोरल बॉन्ड योजना को असंवैधानिक बताते हुए बंद करने का आदेश दिया था। अदालत का साफ कहना था कि लोकतंत्र में चंदे की गोपनीयता नहीं, बल्कि पारदर्शिता जरूरी है। हालांकि, इलेक्टोरल बॉन्ड खत्म होने के बाद भी बारतीय जनता पार्टी पर पैसों की बरसात हो रही है।

कुल चंदे का 83 फीसदी बीजेपी के पास

इलेक्टोरल बॉन्ड खत्म होने के बाद पहले वित्त वर्ष यानी 2024-25 में इलेक्टोरल ट्रस्ट ने राजनीतिक पार्टियों को करोड़ों रुपए दान दिए। चुनाव आयोग की वेबसाइट पर दिए गए आंकड़ों के मुताबिक, 2024-25 में इलेक्टोरल ट्रस्ट के जरिए कुल 4,276 करोड़ रुपये का चंदा मिला। इसमें से 83.6% यानी सबसे बड़ा हिस्सा बीजेपी को मिला। यह पिछले साल के मुकाबले चार गुना से भी ज्यादा है।

कांग्रेस को मिले 299 करोड़ रुपए

कांग्रेस को इस रास्ते से 7.3% चंदा मिला, जबकि तृणमूल कांग्रेस को 3.6% मिला। देश की मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस को 299 करोड़ रुपए चंदा मिला। अन्य सभी पार्टियों के हिस्से में बाकी बचे 400 करोड़ रुपए आए।

किन ट्रस्टों से कितना मिला बीजेपी को?

2024-25 में बीजेपी को इलेक्टोरल ट्रस्ट से कुल 3,577.5 करोड़ रुपये मिले। इसमें से सबसे ज्यादा पैसा 'प्रूडेंट इलेक्टोरल ट्रस्ट' से आया, जो 2,180.7 करोड़ रुपये था। 'प्रोग्रेसिव ईटी' से 757.6 करोड़ रुपये, 'ए बी जनरल ईटी' से 460 करोड़ रुपये, 'न्यू डेमोक्रेटिक ईटी' से 150 करोड़ रुपये मिले। इसके अलावा 'हार्मनी ईटी' से 30.1 करोड़ रुपये, 'ट्रायम्फ ईटी' से 21 करोड़ रुपये, 'जयभारत ईटी' से 5 करोड़ रुपये, 'समाज ईटी' से 3 करोड़ रुपये, 'जन कल्याण ईटी' से 9.5 लाख रुपये और 'एन्जिगार्टिक ईटी' से 7.75 लाख रुपये मिले।

क्या है इलेक्टोरल ट्रस्ट

दरअसल, केंद्र की मोदी सरकार चुनावी चंदे के लिए इलेक्टोरल बॉन्ड स्कीम लेकर आई थी। जिसे सुप्रीम कोर्ट ने साल 2024 में असंवैधानिक बताते हुए रद्द कर दिया था। अब कॉर्पोरेट कंपनियां चेक, DD या UPI के जरिए पार्टियों को डोनेशन दे सकती हैं। इसके साथ ही इलेक्टोरल ट्रस्ट के जरिए भी चंदा दे सकती हैं। इलेक्टोरल ट्रस्ट के जरिए कोई कंपनी या फिर व्यक्ति एक ट्रस्ट को डोनेशन दे सकता है, जो आगे पार्टियों को डोनेट करता है

कड़ाके की ठंड से कांपा पूरा उत्तर भारत में, घने कोहरे ने सड़क से लेकर रेल यातायात को किया बाधित

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उत्तर भारतीय राज्यों में कड़ाके की ठंड और शीतलहर का दौर जारी है। घना से बहुत घने कोहरे की वजह से सामान्‍य जनजीवन अस्‍तव्‍यस्‍त हो गया है। दिल्ली और उत्तर भारत में घने कोहरे ने लगातार सातवें दिन भी जनजीवन और यातायात को प्रभावित किया है।

अगले 48 घंटे राहत के आसार नहीं

जम्मू-कश्मीर और हिमाचल प्रदेश जैसे पहाड़ी इलाकों में बर्फबारी हो रही है। वहीं उत्तर प्रदेश, राजस्थान, पंजाब और हरियाणा जैसे मैदानी इलाकों में घना कोहरा छाया हुआ है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने अगले 24 से 48 घंटों तक देश के बड़े हिस्से में बर्फबारी, बारिश और कोहरे का पूर्वानुमान जताया है। आईएमडी की भविष्यवाणी के मुताबिक, अगले 48 घंटों में कड़ाके की ठंड से राहत की उम्मीद कम है।

पश्चिमी विक्षोभ ने बढ़ाई परेशानी

कोहरे का कारण एक पश्चिमी विक्षोभ है, जिसके चलते जम्मू-कश्मीर, लद्दाख और हिमाचल प्रदेश के ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी और बारिश हुई। गुलमर्ग, सोनमर्ग और साधना टॉप जैसे इलाकों में ताजा बर्फ जमी है। मौसम विभाग का कहना है कि यह पश्चिमी विक्षोभ मंगलवार 23 दिसंबर तक कमजोर पड़ जाएगा।

'चिल्लई-कलां' की शुरुआत

जम्मू-कश्मीर में ताजा बर्फबारी के साथ ही 40 दिनों तक चलने वाली 'चिल्लई-कलां' की शुरुआत हो गई है। गुलमर्ग में करीब दो इंच बर्फ गिरी है और यह घाटी का एकमात्र ऐसा मौसम केंद्र रहा जहां तापमान शून्य से नीचे दर्ज किया गया, जो माइनस 1.5 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया। सोनमर्ग में सुबह से दोपहर तक लगातार बर्फबारी होती रही। हालांकि, श्रीनगर में रात का तापमान सामान्य से छह डिग्री अधिक, 4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो इस सीजन की सबसे गर्म रात रही।

दिल्ली में न्यूनतम तापमान 9.4 डिग्री

भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के मुताबिक, दिल्ली में न्यूनतम तापमान 9.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो सामान्य से 1.3 डिग्री अधिक रहा। अधिकतम तापमान 18.1 डिग्री सेल्सियस रहा। हरियाणा में नारनौल और पंजाब में गुरदासपुर सबसे ठंडे स्थान रहे, जहां न्यूनतम तापमान क्रमशः 5.2 और 6.8 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। चंडीगढ़ में न्यूनतम तापमान 8.8 डिग्री रहा।

ट्रेनों और उड़ानों पर असर

रविवार को भी कोहरे और धुंध के कारण ट्रेनों और उड़ानों में भारी बाधा आई। खासकर दिल्‍ली के इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर कोहरे की वजह से डोमेस्टिक और इंटरनेशनल फ्लाइट्स के ऑपरेशन पर बुरा असर पड़ा है। दिल्ली एयरपोर्ट पर 100 से ज्यादा उड़ानें रद्द करनी पड़ीं, जबकि 500 से अधिक उड़ानें देरी से चलीं।

रक्षा मंत्रालय में रिश्वतखोरी का बड़ा खुलासा, CBI ने लेफ्टिनेंट कर्नल समेत दो को किया गिरफ्तार

* दिल्ली और श्रीगंगानगर से भारी नकदी बरामद, निजी रक्षा कंपनियों को लाभ पहुंचाने के आरोप



दिल्ली ब्यूरो


नई दिल्ली। केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने रक्षा मंत्रालय के रक्षा उत्पादन विभाग में तैनात एक वरिष्ठ अधिकारी को रिश्वतखोरी के गंभीर मामले में गिरफ्तार कर बड़ा खुलासा किया है। CBI ने लेफ्टिनेंट कर्नल दीपक कुमार शर्मा और एक निजी व्यक्ति विनोद कुमार को 20 दिसंबर 2025 को हिरासत में लिया। दोनों पर निजी रक्षा कंपनियों को अनुचित लाभ पहुंचाने के बदले नियमित रूप से रिश्वत लेने का आरोप है।

CBI के अनुसार, यह मामला 19 दिसंबर 2025 को विश्वसनीय सूचना के आधार पर दर्ज किया गया था। जांच में सामने आया है कि लेफ्टिनेंट कर्नल दीपक कुमार शर्मा, जो रक्षा उत्पादन विभाग में डिप्टी प्लानिंग ऑफिसर (इंटरनेशनल कोऑपरेशन एंड एक्सपोर्ट्स) के पद पर तैनात थे, अपने पद का दुरुपयोग कर निजी रक्षा कंपनियों के पक्ष में फैसले कराने के बदले धनराशि लेते थे।

एजेंसी का कहना है कि इस साजिश में दुबई स्थित एक कंपनी के भारत संचालन से जुड़े राजीव यादव और रवजीत सिंह भी शामिल थे, जो बेंगलुरु से काम कर रहे थे और लगातार लेफ्टिनेंट कर्नल शर्मा के संपर्क में थे। इन्हीं के निर्देश पर 18 दिसंबर 2025 को विनोद कुमार ने 3 लाख रुपये की रिश्वत लेफ्टिनेंट कर्नल शर्मा को सौंपी थी।

मामले की जांच के दौरान CBI ने दिल्ली, श्रीगंगानगर (राजस्थान), बेंगलुरु, जम्मू सहित कई स्थानों पर एक साथ छापेमारी की। दिल्ली स्थित लेफ्टिनेंट कर्नल शर्मा के आवास से 3 लाख रुपये की रिश्वत राशि के अलावा 2 करोड़ से अधिक रुपये नकद बरामद किए गए। वहीं श्रीगंगानगर स्थित आवास से 10 लाख रुपये नकद और कई आपत्तिजनक दस्तावेज भी जब्त किए गए हैं।

CBI यह भी जांच कर रही है कि इस पूरे नेटवर्क में अन्य कौन-कौन लोग शामिल थे। जांच के दायरे में लेफ्टिनेंट कर्नल शर्मा की पत्नी कर्नल काजल बाली की भूमिका भी बताई जा रही है, जो वर्तमान में श्रीगंगानगर में 16 इन्फैंट्री डिवीजन ऑर्डनेंस यूनिट की कमांडिंग ऑफिसर के पद पर तैनात हैं। एजेंसी ने स्पष्ट किया है कि सभी पहलुओं की गहन जांच की जा रही है।

गिरफ्तारी के बाद दोनों आरोपियों को अदालत में पेश किया गया, जहां से उन्हें 23 दिसंबर 2025 तक पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया है। CBI अधिकारियों का कहना है कि रिमांड अवधि के दौरान पूछताछ कर पूरे भ्रष्टाचार नेटवर्क और धन के स्रोतों का पता लगाया जाएगा।

इस कार्रवाई से रक्षा मंत्रालय में भ्रष्टाचार को लेकर एक बार फिर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं, वहीं CBI की इस कार्रवाई को बड़े स्तर पर चल रहे भ्रष्टाचार के खिलाफ अहम कदम माना जा रहा है।
बांग्लादेश में हिंदू युवक की मॉब लिंचिंग मामले में 7 अरेस्ट, चौतरफा आलोचना के बाद झुके मोहम्‍मद यूनुस*

#bangladeshmoblynchingsevenarrested

बांग्लादेश में हिंदू युवक की पीट-पीटकर हत्या के मामले में चौतरफा आलोचना के बाद मोहम्मद यूनुस की सरकार ने कार्रवाई की है। बांग्लादेश की रैपिड एक्शन बटालियन ने मामले में 7 लोगों को गिरफ्तार किया है।

बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुखिया मोहम्मद यूनुस ने यह जानकारी दी है। मोहम्मद यूनुस ने सोशल मीडिया पर जानकारी साझा करते हुए कहा कि कानून-व्यवस्था बनाए रखने और दोषियों को न्याय के कटघरे में लाने के लिए सरकार पूरी तरह प्रतिबद्ध है। उन्होंने स्पष्ट किया कि किसी भी तरह की सांप्रदायिक हिंसा को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

बांग्लादेश के मुख्य सलाहकार के आधिकारिक हैंडल से की गई पोस्ट में कहा गया कि सनातन धर्म के अनुयायी युवक दीपू चंद्र दास (27) की पीट-पीटकर हत्या के आरोप में रैपिड ऐक्शन बटालियन (RAB) ने सात लोगों को संदिग्ध के तौर पर गिरफ्तार किया है। पोस्ट में बताया गया है कि RAB-14 ने अलग-अलग स्थानों पर अभियान चलाकर संदिग्धों को गिरफ्तार किया है।

ये सात आरोपी गिरफ्तार

जिन लोगों को गिरफ्तार किया गया है, उनके नाम हैं- 1- मोहम्मद लिमोन सरकार (19) 2- मोहम्मद तारेक हुसैन (19) 3- मोहम्मद माणिक मिया (20) 4- इरशाद अली (39) 5- निजुम उद्दीन (20) 6- अलोमगीर हुसैन (38) 7- मोहम्मद मिराज हुसैन एकॉन (46)

हिंदू युवा की मॉब लिंचिंग पर यूनुस सरकार ने की निंदा

इससे पहले मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार ने कल एक बयान में कहा था कि नए बांग्लादेश में ऐसी हिंसा के लिए कोई जगह नहीं है। मुख्य सलाहकार की मीडिया टीम की ओर से जारी बयान में कहा गया- हम हिंसा, धमकी, आगजनी और संपत्ति को नष्ट करने के सभी कृत्यों की कड़ी और स्पष्ट रूप से निंदा करते हैं। बयान में कहा गया था कि इस नाजुक घड़ी में, हम प्रत्येक नागरिक से हिंसा, उकसावे और नफरत को अस्वीकार करके और उनका विरोध करके हादी का सम्मान करने का आह्वान करते हैं।

हादी की मौत के बाद फैली हिंसा के बीच वारदात

दीपू चंद दास की गुरुवार को ईशनिंदा के आरोप में पीटकर हत्या कर दी गई थी और उनके शव को आग लगा दी गई। यह देश में धार्मिक अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा की नवीनतम घटना है। यह लिंचिंग उस समय हुई जब देश में युवा नेता शरीफ उस्मान हादी की मौत के बाद तनाव और हिंसा फैल गई थी। हादी पिछले साल हुए छात्र-नेतृत्व वाले ‘जुलाई आंदोलन’ के प्रमुख नेताओं में से थे और ‘इंकलाब मंच’ के प्रवक्ता भी थे।

इमरान खान और बुशरा बीबी को 17 साल की सजा, तोशाखाना मामले में आया फैसला

#pakistanptifounderimrankhanbushrabibisentencedto17years_jail

पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री और पीटीआई संस्थापक इमरान खान की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। शनिवार को उन्हें एक और मामले में दोषी ठहराते हुए 17 साल जेल की सजा सुनाई गई है। पाकिस्तान की संघीय जांच एजेंसी की विशेष अदालत ने शनिवार को पूर्व प्रधानमंत्री और उनकी पत्नी बुशरा बीबी को तोशाखाना के दूसरे मामले में दोषी ठहराते हुए 17-17 साल जेल की सजा सुनाई।

80 सुनवाई करने के बाद फैसला

जियो न्यूज के मुताबिक, शनिवार को एक स्पेशल कोर्ट ने पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के संस्थापक इमरान खान और उनकी पत्नी बुशरा बीबी को तोशाखाना 2 मामले में 17-17 साल की कड़ी कैद की सज़ा सुनाई। स्पेशल जज सेंट्रल शाहरुख अरजुमंद ने अडियाला जेल में 80 सुनवाई करने के बाद यह फैसला सुनाया। बता दें कि इमरान खान अडियाला जेल में ही कैद हैं।

इमरान और बुशरा बीबी को 17-17 सालों की सजा

इमरान खान को पाकिस्तान दंड संहिता की धारा 34 (सामान्य इरादा) और 409 (आपराधिक विश्वासघात) के तहत 10 साल की कड़ी कैद और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 5(2) (सरकारी कर्मचारियों द्वारा आपराधिक कदाचार) के तहत सात साल की सजा दी गई। बुशरा बीबी को भी इन्हीं प्रावधानों के तहत कुल 17 साल की जेल की सज़ा सुनाई गई।

क्या है तोशाखाना का मामला?

तोशाखाना का यह मामला एक महंगी ज्वैलरी से जुड़ा है, जिसे सऊदी अरब के युवराज मोहम्मद बिन सलमान ने मई 2021 में आधिकारिक दौरे पर इमरान खान को बतौर तोहफे में दी थी। आरोप था कि इमरान खान ने उस ज्वैलरी को बेहद कम कीमत पर खरीद लिया था। सुनवाई के दौरान कहा गया कि करीब 8 करोड़ पाकिस्तानी रुपये की ज्वैलरी को इमरान खान ने सिर्फ 29 लाख पाकिस्तानी रुपये देकर खरीद लिया था।

जेल में इमरान खान के साथ दुर्व्यवहार की चर्चा

पूर्व पाकिस्तानी प्रधानमंत्री और क्रिकेट वर्ल्ड कप जीतने वाले कप्तान को यह नई सजा ऐसे समय में मिली है जब पाकिस्तान सरकार पर जेल के अंदर इमरान खान के साथ कथित दुर्व्यवहार को लेकर आलोचना हो रही है। यहां तक कि संयुक्त राष्ट्र ने भी खान को एकांत कारावास से रिहा करने की मांग की है।