अटल जन्मजयंती शताब्दी वर्ष के अवसर पर प्रदेशभर में भव्य सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन

लखनऊ। भारत के पूर्व प्रधानमंत्री एवं भारत रत्नअटल बिहारी वाजपेयीजी की जयंती (25 दिसम्बर, 2025) एवं अटल जन्मजयंती शताब्दी वर्ष के गौरवपूर्ण अवसर पर उत्तर प्रदेश में सांस्कृतिक चेतना, लोक परंपरा और राष्ट्रीय प्रेरणा को समर्पित भव्य कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा।

संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री, उत्तर प्रदेश सरकार जयवीर सिंह की ओर से जानकारी देते हुए बताया गया कि यह आयोजन गोमती रिवर फ्रन्ट (गोमती नगर, लखनऊ), बटेश्वर (आगरा), बलरामपुर, सीतापुर तथा नव-निर्मित राष्ट्रीय प्रेरणा स्थल के उद्घाटन अवसर पर एक साथ आयोजित किए जाएँगे, जिनमें प्रदेश की समृद्ध लोक-सांस्कृतिक विरासत और समकालीन कला का प्रभावशाली संगम देखने को मिला।

इन आयोजनों में कवि सम्मेलन, लोक गायन, सूफी गायन, कठपुतली प्रदर्शन, मैजिक शो, बम रसिया, धोबिया नृत्य, फरूवाही नृत्य, मयूर नृत्यसहित विविधसांस्कृतिक प्रस्तुतियोंने दर्शकों को भावविभोर किया जाएगा। कवियों की ओजस्वी वाणी, लोक कलाकारों की जीवंत अभिव्यक्तियाँ और पारंपरिक नृत्य-नाट्य ने अटल जी के विचारों-राष्ट्रवाद, लोकतांत्रिक मूल्यों, मानवीय संवेदना और सांस्कृतिक समरसताकृको सशक्त रूप में मंच पर उतारा जाएगा।

मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि अटल जी का जीवन और विचार आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणास्रोत हैं। अटल जन्मजयंती शताब्दी वर्ष के अंतर्गत आयोजित ये सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रदेश की सांस्कृतिक पहचान को सुदृढ़ करने के साथ-साथ जनमानस को राष्ट्रनिर्माण की भावना से जोड़ने का कार्य कर रहे हैं।

यह सांस्कृतिक श्रृंखला उत्तर प्रदेश को भारतीय संस्कृति के प्रमुख केंद्र के रूप में स्थापित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जहाँ परंपरा और आधुनिकता का संतुलित समन्वय अटल जी के सपनों के भारत को साकार करता दिखाई देता है।

प्रमुख सचिव पर्यटन एवं संस्कृति अमृत अभिजात ने बताया कि संस्कृति विभाग विलुप्त हो रही कलाओं को पुनर्जीवित और संरक्षित करने के लिए निरंतर प्रयासरत है। लोक कलाएं हमारी सांस्कृतिक विरासत है। इनको संजोकर अगली पीढ़ी तक पहुंचाना हमारी प्राथमिकता है।
मातृभूमि योजना’ ने खोल दिए सपनों के दरवाजे, दिव्यांग शीला शर्मा उन्नाव में शुरू करेंगी आर्ट सेंटर

* आर्ट सेंटर के माध्यम से हजारों बच्चों को मिलेगी शिक्षा और प्रेरणा-मा. ओम प्रकाश राजभर

लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार की ‘मातृभूमि योजना’ ग्रामीण विकास और जनभागीदारी को नई ऊँचाई देने वाला महत्वाकांक्षी मिशन है। इस योजना के माध्यम से सरकार प्रत्येक नागरिक को अपने गांव या क्षेत्र के विकास कार्यों में साझेदारी और योगदान का अवसर प्रदान कर रही है। इसी क्रम में मातृभूमि योजना के तहत उपलब्ध 7 लाख रुपये की आर्थिक सहायता से लखनऊ की फुट पेंटर एवं दिव्यांग कलाकार शीला शर्मा अब उन्नाव जनपद के मोहान क्षेत्र में आर्ट सेंटर एवं गैलरी की स्थापना करने जा रही हैं। यह सेंटर इस दिसंबर माह से प्रारम्भ होगा और ग्रामीण एवं दिव्यांग बच्चों के लिए कला शिक्षा और आत्मनिर्भरता का नया केंद्र साबित होगा।

यह आर्ट सेंटर केवल एक प्रशिक्षण संस्था नहीं, बल्कि उन बच्चों के लिए उम्मीद की नई रोशनी बनेगा जो अवसरों के अभाव में अपनी प्रतिभा प्रदर्शित नहीं कर पाते। यहां चित्रकला, मूर्तिकला, लोक कला, हस्तशिल्प और डिजाइनिंग जैसी विधाओं की विशेषज्ञ प्रशिक्षण व्यवस्था की गई है। आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों को निःशुल्क कला सामग्री और प्रोत्साहन भत्ता भी दिया जाएगा, ताकि कोई भी बच्चा पैसे की वजह से अपने सपने अधूरे न छोड़े।

माननीय पंचायती राज मंत्री ओमप्रकाश राजभर ने कहा कि मातृभूमि योजना का उद्देश्य जनता को विकास का भागीदार बनाना और ग्रामीण प्रतिभा को नए अवसर देना। शीला शर्मा का संकल्प और कार्य अदम्य आत्मबल का उदाहरण है। उनका आर्ट सेंटर हजारों बच्चों के भविष्य को नई दिशा देगा।

निदेशक पंचायती राज, अमित कुमार सिंह ने कहा कि पंचायती राज विभाग का लक्ष्य है कि हर प्रतिभा को संसाधन और सही मार्गदर्शन मिले। मातृभूमि योजना से मिलने वाली सामुदायिक भागीदारी और सहायता से ऐसे प्रेरणादायक मॉडल पूरे प्रदेश में स्थापित होंगे। शीला शर्मा का यह कदम पूरे प्रदेश के लिए प्रेरणास्रोत है।

फुट पेंटर एवं दिव्यांग कलाकार शीला शर्मा ने कहा कि ग्रामीण बच्चों में प्रतिभा की कोई कमी नहीं होती, कमी मंच और अवसर की होती है। मातृभूमि योजना ने मेरा सपना साकार कर दिया और अब यह सेंटर सैकड़ों सपनों की उड़ान बनेगा। उन्होंने बताया कि यह आर्ट गैलरी को गुरु पद्मश्री रणवीर सिंह बिष्ट एवं वॉश पेंटिंग के प्रसिद्ध कलाकार बी. एन. आर्य की स्मृति को समर्पित किया जाएगा। यहाँ दोनों महान कलाकारों की प्रतिमाएं एवं कला प्रेरणा केंद्र स्थापित किए जाएंगे ताकि नई पीढ़ी कलाओं की महान परंपरा से प्रेरणा ले सके।
एएनटीएफ आगरा की बड़ी कार्रवाई: 4 अंतर्राज्यीय कोडीन सिरप तस्कर गिरफ्तार, 25 लाख की नशीली दवाएं बरामद
लखनऊ । उत्तर प्रदेश में अवैध नशीली दवाओं की तस्करी के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान के तहत एएनटीएफ (एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स) ऑपरेशनल यूनिट आगरा को बड़ी सफलता मिली है। टीम ने अंतर्राज्यीय स्तर पर कोडीन कफ सिरप की तस्करी करने वाले 4 सक्रिय तस्करों को गिरफ्तार कर उनके कब्जे से 47 कार्टून में भरी 5640 बोतल ONEREX कोडीन सिरप बरामद की है, जिसकी अनुमानित कीमत करीब 25 लाख रुपये बताई जा रही है।इसके साथ ही पुलिस ने तस्करी में प्रयुक्त टाटा ऐस गोल्ड वाहन, एक एसेन्ट कार, 4 एंड्रॉयड मोबाइल फोन, 1 कीपैड मोबाइल और 3,900 रुपये नकद भी बरामद किए हैं।

वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देशन में हुई कार्रवाई

यह कार्रवाई पुलिस महानिदेशक उत्तर प्रदेश, अपर पुलिस महानिदेशक (कानून एवं व्यवस्था), अपर पुलिस महानिदेशक अपराध लखनऊ के मार्गदर्शन एवं पुलिस महानिरीक्षक एएनटीएफ लखनऊ के निर्देशन में की गई। एएनटीएफ ऑपरेशनल यूनिट आगरा द्वारा यह पूरी कार्रवाई थाना अलीगंज, जनपद एटा क्षेत्र में अंजाम दी गई।

गिरफ्तार अभियुक्तों के नाम

गिरफ्तार किए गए अभियुक्तों की पहचान इस प्रकार है—प्रमोद कुमार पुत्र शिवराज सिंह, निवासी ग्राम नगला उम्मेद, थाना जसरथपुर, जनपद एटा, पंजाब सिंह पुत्र हेतु सिंह, निवासी नगला बनी, थाना राजा का रामपुर, जनपद एटा, जितेन्द्र सिंह पुत्र अतर सिंह, निवासी ग्राम असदपुर, थाना राजा का रामपुर, जनपद एटा, जितेन्द्र सिंह पुत्र रामवीर सिंह, निवासी ग्राम नकटई कला, थाना अलीगंज, जनपद एटा है।

पूछताछ में चौंकाने वाला खुलासा

पूछताछ के दौरान अभियुक्तों ने बताया कि गिरफ्तार अभियुक्त प्रमोद कुमार का भाई ट्रक चालक है, जिसे एक व्यक्ति द्वारा बनारस से कोडीन सिरप लादकर पश्चिम बंगाल भेजा गया था। वहां उसका भाई पकड़ा गया और फिलहाल जेल में बंद है।भाई की पैरवी कराने के नाम पर उसी व्यक्ति ने प्रमोद को 60 पेटी कोडीन सिरप बनारस में दीं, यह कहकर कि इन्हें बेचकर पैसे कमा लो। इनमें से 13 पेटियां पहले ही नशा करने वालों को बेच दी गई थीं, जबकि शेष पेटियों को बेचने की योजना बनाई जा रही थी। इसी दौरान एएनटीएफ टीम ने दबिश देकर सभी को पकड़ लिया।

मुकदमा दर्ज, एनडीपीएस एक्ट के तहत कार्रवाई

बरामदगी के आधार पर थाना अलीगंज, जनपद एटा में मुकदमा दर्ज किया गया है। आरोपियों के खिलाफ एनडीपीएस एक्ट की धारा 8/21/22/29/60 एवं औषधि एवं प्रसाधन अधिनियम 1940 की धारा 18(सी)/27 के तहत विधिक कार्रवाई की जा रही है।पुलिस अधिकारियों के अनुसार, नेटवर्क से जुड़े अन्य लोगों की भूमिका की भी जांच की जा रही है और आगे और गिरफ्तारियां संभव हैं। अवैध नशीली दवाओं की तस्करी के खिलाफ यह अभियान आगे भी जारी रहेगा।
विधानसभा में सीएम योगी का बड़ा बयान: यूपी में कोडीन कफ सिरप से कोई मौत नहीं, विपक्ष गुमराह कर रहा
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को उत्तर प्रदेश विधानसभा में कोडीन कफ सिरप मामले पर विपक्ष को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि प्रदेश में कोडीन कफ सिरप से किसी भी व्यक्ति की मौत नहीं हुई है। विपक्ष सदन और जनता को गुमराह कर रहा है। इस पूरे मामले की गहन जांच की जा रही है और जांच की तह तक जाने पर समाजवादी पार्टी से जुड़े लोगों की संलिप्तता सामने आएगी।

विपक्ष गुमराह कर रहा : मुख्यमंत्री

सोमवार को शीतकालीन सत्र के दौरान प्रश्नकाल में विपक्ष द्वारा उठाए गए सवालों का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री, जो सदन के नेता भी हैं, ने कहा कि सदस्य प्रश्न कुछ और पूछ रहे हैं और सदन में बात कुछ और कही जा रही है। मुद्दा नकली दवाओं से मौत का बताया जा रहा है, जबकि वास्तविकता यह है कि कोडीन कफ सिरप से यूपी में किसी की मौत नहीं हुई। उन्होंने कहा कि विधानसभा के नियमों को पढ़कर आना चाहिए।

2016 में सपा सरकार ने जारी किया था लाइसेंस

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि एसटीएफ ने जिस होलसेलर को पकड़ा है, उसे वर्ष 2016 में समाजवादी पार्टी की सरकार के दौरान लाइसेंस जारी किया गया था। यह मामला अवैध डायवर्जन से जुड़ा है, जिसमें कोडीन कफ सिरप को उन देशों तक पहुंचाया गया, जहां इस पर प्रतिबंध है।

अवैध डायवर्जन और गलत इस्तेमाल का मामला

सीएम योगी ने स्पष्ट किया कि कोडीन कफ सिरप दवा है, जिस पर साफ लिखा होता है कि इसका सेवन डॉक्टर की सलाह से किया जाए। लेकिन कुछ लोगों ने इसका गलत इस्तेमाल किया और इसे अवैध रूप से सप्लाई किया। सरकार इस पूरे नेटवर्क के खिलाफ सख्त कार्रवाई कर रही है।

उन्होंने बताया कि अब तक इस मामले में

78 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है

प्रदेशभर में 134 फर्मों पर छापेमारी की गई है

225 अभियुक्तों को नामजद किया गया है

सपा नेताओं से जुड़े ट्रांजैक्शन की जांच

मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि जांच में सामने आया है कि लेन-देन समाजवादी पार्टी की लोहिया वाहिनी के एक पदाधिकारी के खाते से हुआ है, जिसकी जांच की जा रही है। उन्होंने कहा कि अगर इस मामले की परतें खोली जाएंगी तो सपा का ही कोई न कोई व्यक्ति सामने आएगा।

एनडीपीएस एक्ट के तहत होगी कार्रवाई

सीएम योगी ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार कोर्ट में मजबूती से खड़ी है और इस मामले में एनडीपीएस एक्ट के तहत मुकदमे चलेंगे। आरोपियों के साथ सपा नेताओं की तस्वीरें भी सामने आ रही हैं। जो भी व्यक्ति इस मामले में शामिल पाया जाएगा, उसके खिलाफ कठोरतम कार्रवाई की जाएगी और किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा।

“बुलडोजर कार्रवाई के लिए तैयार”

मुख्यमंत्री ने दो टूक कहा कि बुलडोजर कहीं गया नहीं है, वह कार्रवाई के लिए तैयार खड़ा है। बुलडोजर चलने पर कोई परेशान न हो, लेकिन अपराधियों को जरूर डरना चाहिए।

सदन में हंगामा, सपा का विरोध प्रदर्शन

इससे पहले सोमवार सुबह 11 बजे जैसे ही सदन की कार्यवाही शुरू हुई, नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय ने कोडीन कफ सिरप का मामला उठाया। सपा सदस्य अतुल प्रधान ने भी इस मुद्दे पर सरकार को घेरा। इसके बाद सपा सदस्यों ने वेल में पहुंचकर जोरदार विरोध किया।

चौधरी चरण सिंह की प्रतिमा के सामने प्रदर्शन किया

सदन की कार्यवाही के बाद समाजवादी पार्टी के विधायकों ने विधान भवन परिसर में चौधरी चरण सिंह की प्रतिमा के सामने प्रदर्शन किया और कोडीन कफ सिरप समेत अन्य मुद्दों को लेकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की।सरकार और विपक्ष के बीच इस मुद्दे पर तीखी राजनीतिक जंग के संकेत साफ नजर आए, वहीं मुख्यमंत्री ने दोहराया कि कानून अपना काम करेगा और दोषियों को किसी भी सूरत में छोड़ा नहीं जाएगा।
पूर्वांचल एक्सप्रेसवे पर सड़क हादसा, पिता-पुत्र समेत तीन की मौत
लखनऊ । उत्तर प्रदेश में सुलतानपुर जिले के पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे पर सोमवार सुबह खड़े ट्रक में पीछे से आ रही तेज रफ्तार कार टकरा गई। हादसे में पिता-पुत्र समेत तीन लोगों की मौत हो गई, जबकि छह लोग घायल हो गए। पुलिस ने शवों को पोस्टमार्टम भेजकर घायलों को इलाज के लिए अस्पताल भेजा।

कार घने कोहरे के बीच पीछे से ट्रक में जा टकराई

जयसिंहपुर क्षेत्राधिकारी आर.के. चतुर्वेदी ने बताया कि पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे पर सोमवार सुबह जयसिंहपुर कोतवाली क्षेत्र के सेमरी चौकी दरपीपुर के पास माइलस्टोन 142.9 किलोमीटर पर बिहार जा रही भूसा से लदे एक ट्रक का एक्सल टूट गया था। इसकी वजह से ट्रक सड़क पर खड़ा था। इसी दौरान लखनऊ से आजमगढ़ जा रही एक आर्टिका कार घने कोहरे के बीच पीछे से ट्रक में जा टकराई। टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि कार का अगला हिस्सा पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया।

कार में सवार अन्य छह लोगों का चल रहा इलाज

इस घटना में आजमगढ़ के सराय मीर थाना क्षेत्र के देवखर निवासी सिकंदर पुत्र हरिवंश और अजय पुत्र रामबली की मौके पर ही मौत हो गई। दोस्तपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचने पर हरिवंश को भी मृत घोषित कर दिया गया। सिकंदर और हरिवंश दोनों पिता-पुत्र थे। कार में सवार अन्य छह लोगों का इलाज दोस्तपुर अस्पताल में चल रहा हैं, जबकि दो गंभीर रूप से घायल यात्रियों को अंबेडकर नगर अस्पताल रेफर किया गया। पुलिस ने परिजनों को घटना की सूचना दे दी। आगे की कार्रवाई की जा रही है।-
बिजनौर में डंपर से टकराई कार, मौलाना समेत चार की मौत
लखनऊ । उत्तर प्रदेश के जनपद बिजनौर के थाना नांगल क्षेत्र में नांगल हरिद्वार रोड पर देर रात में कार और डम्पर की टक्कर में माैलाना सहित चार लाेगाें की मौत हो गई। कार सवार लाेग एक दीनी जलसे में शामिल होने के बाद लौट रहे थे। पुलिस ने शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेजकर दुर्घटना के कारणाें की जांच शुरू कर दी है। जानकारी के अनुसार राहतपुर खुर्द गांव में एक जलसा था जिसमें माैलाना कारी इकबाल प्रवचन करने आए थे। जलसे के बाद देर रात कुछ लाेग कारी इकबाल को छोड़ने राहतपुर से गांव सरायपुर छाेड़ने जा रहे थे। गांव जालपुर के निकट उनकी तेज रफ्तार कार आगे जा रहे डम्पर से टकरा गई।

दुर्घटना के बाद चालक डंपर छाेड़कर माैके से फरार

कार के एयरबैग्स नहीं खुलने से कार सवार माैलाना सहित चाराें लाेगाें की मौत हाे गई।हादसे की जानकारी होने पर ग्रामीण घटनास्थल पर एकत्र हो गए और पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने माैके पर पहुंचकर कार से शवाें को निकाल कर पोस्टमार्टम के लिए भिजवाया है। मृतकों की पहचान सरायपुर निवासी माैलाना कारी इकबाल पुत्र कबीर अहमद और अशफाक पुत्र मुशब्बीर, अहशताम पुत्र अहसान और सलाहुद्दीन पुत्र मुमताज के रूप में हुई है। यह तीनाें गांव राहतपुर निवासी थे। दुर्घटना के बाद चालक डंपर छाेड़कर माैके से फरार हाे गया। पुलिस ने डम्पर को कब्जे में लेकर फरार चालक की तलाश शुरू कर दी है।
स्तन कैंसर पर चौंकाने वाला खुलासा: युवा महिलाएं ज्यादा जोखिम में, बुजुर्गों में दिखी समय पर समझदारी
लखनऊ। स्तन कैंसर को लेकर उम्र के साथ लापरवाही नहीं बल्कि समझदारी बढ़ती दिख रही है। राजधानी लखनऊ स्थित संजय गांधी पीजीआई के इंडोक्राइन एंड ब्रेस्ट सर्जरी विभाग द्वारा किए गए एक अहम अध्ययन में सामने आया है कि 70 वर्ष से अधिक उम्र की महिलाएं, कम उम्र की महिलाओं की तुलना में बीमारी के शुरुआती चरण में ही इलाज के लिए अस्पताल पहुंच जाती हैं। इसके उलट 40 वर्ष से कम उम्र की बड़ी संख्या में महिलाएं देर से चिकित्सकीय मदद लेती हैं, जिससे उनकी जान को ज्यादा खतरा रहता है।

स्तन कैंसर पीड़ित 737 महिलाओं पर आधारित

यह अध्ययन वर्ष 2017 से 2021 के बीच पीजीआई में इलाज के लिए पहुंची स्तन कैंसर पीड़ित 737 महिलाओं पर आधारित है। इन महिलाओं की औसत आयु करीब 50 वर्ष थी। शोधकर्ताओं ने मरीजों को उम्र के आधार पर तीन वर्गों में बांटा—40 वर्ष से कम, 41 से 69 वर्ष और 70 वर्ष से अधिक। इसके बाद यह विश्लेषण किया गया कि महिलाएं बीमारी के किस चरण में अस्पताल पहुंचीं, इलाज के बाद उनका सर्वाइवल कितना रहा और कैंसर से मृत्यु दर क्या रही।

मृत्यु दर के आंकड़ों ने भी चौंकाया

अध्ययन के अनुसार, 70 वर्ष से अधिक आयु की 70.7 प्रतिशत महिलाएं स्तन कैंसर के शुरुआती चरण में ही इलाज के लिए अस्पताल पहुंच गईं। वहीं 41 से 69 वर्ष के आयु वर्ग में यह आंकड़ा 54.5 प्रतिशत रहा। सबसे चिंताजनक स्थिति 40 वर्ष से कम उम्र की महिलाओं की रही, जहां केवल 51.4 प्रतिशत मरीज ही शुरुआती अवस्था में अस्पताल पहुंच सकीं।मृत्यु दर के आंकड़ों ने भी चौंकाया। सबसे अधिक मौतें 40 वर्ष से कम उम्र की महिलाओं में दर्ज की गईं, जहां मृत्यु दर 12.9 प्रतिशत रही। 41 से 69 वर्ष के समूह में यह आंकड़ा 9.9 प्रतिशत और 70 वर्ष से अधिक उम्र की महिलाओं में 9.7 प्रतिशत दर्ज किया गया। हालांकि 70 वर्ष से अधिक आयु वर्ग में औसतन जीवित रहने की अवधि कुछ कम रही, लेकिन समय पर इलाज के चलते मृत्यु दर अपेक्षाकृत कम पाई गई।

शुरुआती लक्षणों को नजरअंदाज करना सबसे बड़ी भूल साबित होती

अध्ययन से जुड़े डॉक्टरों—डॉ. रिनेले मैसकरहेनेस, डॉ. एम. मायीलवेगनन, डॉ. ज्ञान चंद, डॉ. अंजलि मिश्रा और डॉ. गौरव अग्रवाल—का कहना है कि स्तन कैंसर की समय रहते पहचान और इलाज से मरीज के पूरी तरह स्वस्थ होने की संभावना कई गुना बढ़ जाती है। डॉ. ज्ञान चंद के अनुसार, शुरुआती लक्षणों को नजरअंदाज करना सबसे बड़ी भूल साबित होती है, खासकर युवा महिलाओं में।डॉक्टरों ने बताया कि स्तन में गांठ महसूस होना, त्वचा का सख्त या मोटा होना, निप्पल का अंदर की ओर धंसना, स्तन के रंग या आकार में बदलाव, त्वचा पर पपड़ी या छिलन जैसे लक्षणों को हल्के में नहीं लेना चाहिए। समय रहते जांच कराना जान बचा सकता है।

कम उम्र में मासिक धर्म शुरू होना

विशेषज्ञों के मुताबिक, स्तन कैंसर के पीछे कई कारण जिम्मेदार होते हैं, जिनमें आनुवंशिक जोखिम, हार्मोनल बदलाव, कम उम्र में मासिक धर्म शुरू होना, देर से रजोनिवृत्ति, अधिक उम्र में पहला बच्चा होना, मोटापा, असंतुलित जीवनशैली और बढ़ता प्रदूषण प्रमुख हैं। डॉक्टरों ने महिलाओं से अपील की है कि वे जागरूक रहें, नियमित जांच कराएं और किसी भी लक्षण पर तुरंत विशेषज्ञ से संपर्क करें।
फर्जी डिग्री–मार्कशीट बनाने वाले अंतरराज्यीय गिरोह का भंडाफोड़,तीन गिरफ्तार
लखनऊ। राजधानी में पुलिस उपायुक्त पूर्वी की क्राइम, सर्विलांस और गोमतीनगर पुलिस की संयुक्त टीम ने एक बड़े और सनसनीखेज फर्जी शैक्षिक दस्तावेज रैकेट का पर्दाफाश किया है। पुलिस ने फर्जी मार्कशीट और डिग्री बनाकर भोले-भाले छात्रों से लाखों रुपये ठगने वाले अंतरराज्यीय गिरोह के तीन शातिर जालसाजों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों के कब्जे से 923 फर्जी मार्कशीट व प्रमाणपत्र, 15 फर्जी मुहरें, 65 मार्कशीट प्रिंटिंग पेपर, एक कार, 6 लैपटॉप, 5 मोबाइल फोन, चेकबुक और करीब 2 लाख रुपये नकद बरामद किए गए हैं।

लंबे समय से चला रहे थे फर्जी डिग्री-मार्कशीट बनाने का रैकेट

डीसीपी पूर्वी शशांक सिंह ने प्रेस को जानकारी देते हुए बताया कि पूर्वी जोन की क्राइम व सर्विलांस टीम तथा गोमतीनगर थाना प्रभारी इंस्पेक्टर ब्रजेश तिवारी की संयुक्त टीम ने रविवार को कार्रवाई करते हुए अयोध्या जिले के थाना पूरा कलंदर क्षेत्र के पलिया निवासी सत्येन्द्र द्विवेदी, उन्नाव के घाटमपुर निवासी अखिलेश कुमार और लखीमपुर-खीरी के ईशानगर निवासी सौरभ शर्मा को गिरफ्तार किया है। तीनों आरोपी बेहद शातिर हैं और लंबे समय से अंतरराज्यीय स्तर पर फर्जी डिग्री–मार्कशीट का रैकेट चला रहे थे।

पुलिस पूछताछ में आरोपियों ने चौंकाने वाले खुलासे किए

पुलिस पूछताछ में आरोपियों ने चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। आरोपियों ने स्वीकार किया कि वे उत्तर प्रदेश सहित कई अन्य राज्यों के नामी-गिरामी स्कूलों, कॉलेजों और विश्वविद्यालयों के नाम पर फर्जी डिग्री और मार्कशीट तैयार करते थे। गिरोह भोले-भाले छात्रों को बिना पढ़ाई और मेहनत के डिग्री दिलाने का लालच देता था और इंजीनियरिंग, बीटेक, बीसीए, एमसीए, एमएससी, बीए समेत अन्य कोर्स की फर्जी डिग्री उपलब्ध कराता था। इसके लिए वे स्वामी विवेकानंद विश्वविद्यालय सहित कई प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थानों के नाम का दुरुपयोग करते थे।

इस गिरोह के जरिए सैकड़ों छात्र ठगी का शिकार हो चुके

डीसीपी पूर्वी के मुताबिक, आरोपी एक फर्जी मार्कशीट या डिग्री के बदले छात्रों से 25 हजार रुपये से लेकर 4 लाख रुपये तक की रकम वसूलते थे। कई छात्र तब ठगी का शिकार होने का एहसास करते थे, जब वे निजी कंपनियों या सरकारी विभागों में नौकरी के लिए आवेदन करते थे और दस्तावेज सत्यापन के दौरान उनकी डिग्री फर्जी पाई जाती थी। पुलिस को आशंका है कि इस गिरोह के जरिए सैकड़ों छात्र ठगी का शिकार हो चुके हैं।

दस्तावेजों की फॉरेंसिक जांच कराई जा रही

फिलहाल पुलिस यह पता लगाने में जुटी है कि इस रैकेट में और कितने लोग शामिल हैं और फर्जी डिग्री तैयार करने का नेटवर्क किन-किन राज्यों तक फैला हुआ है। बरामद इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों और दस्तावेजों की फॉरेंसिक जांच कराई जा रही है, जिससे कई और नाम सामने आने की उम्मीद है।इस बड़ी सफलता पर डीसीपी पूर्वी शशांक सिंह ने पुलिस टीम को शाबाशी दी।

इस कार्रवाई से फर्जी डिग्री कारोबारियों में हड़कंप

इस कार्रवाई में इंस्पेक्टर गोमतीनगर ब्रजेश तिवारी, उपनिरीक्षक प्रेम कुमार, मोहम्मद जसीम रज़ा, कमलेश कुमार यादव, अरविंद कुमार, हेड कांस्टेबल बब्बन यादव, कांस्टेबल अंकुर चौधरी, आकाश यादव सहित पूर्वी जोन की क्राइम सर्विलांस टीम के उपनिरीक्षक अमरनाथ चौरसिया, हेड कांस्टेबल संदीप पाण्डेय, अमित सिंह, कांस्टेबल तरनजीत सिंह, शिवानंद खरवार, अजय यादव और प्रदीप कुमार शामिल रहे। पुलिस की इस कार्रवाई से फर्जी डिग्री कारोबारियों में हड़कंप मच गया है।
पुलिस चौकी से 50 मीटर दूर ज्वेलरी शॉप साफ, शटर तोड़ डेढ़ करोड़ के आभूषण ले उड़े चोर

शहजाद अहमद खान, मलिहाबाद ।मलिहाबाद इलाके में चोरों ने बेखौफ होकर पुलिस चौकी के बेहद पास स्थित एक ज्वेलरी शॉप को निशाना बनाते हुए करोड़ों की चोरी को अंजाम दिया। हैरानी की बात यह रही कि जिस दुकान में चोरी हुई, वह चौकी से महज 50 मीटर की दूरी पर है,इसके बावजूद चोर बिना किसी डर के शटर तोड़कर भीतर घुसे और सोने-चांदी के कीमती आभूषण समेट कर फरार हो गए।घटना के बाद क्षेत्र में हड़कंप मच गया है और सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं।यह वारदात मलिहाबाद कस्बे में स्थित फजल ज्वेलर्स की बताई जा रही है।जानकारी के अनुसार,देर रात चोरों ने दुकान के शटर का ताला तोड़ा और भीतर घुसकर अलमारियों व लॉकरों को खंगाल डाला।सुबह जब दुकान मालिक यूसुफ अली के भतीजे ने दुकान का शटर खुला देखा तो उसने तत्काल परिजनों को सूचना दी। इसके बाद जब दुकान मालिक मौके पर पहुंचे तो शटर एक तरफ से टूटा हुआ मिला।दुकान के अंदर जाने पर पता चला कि सभी कीमती आभूषण गायब हैं। तब तक चोर वारदात को अंजाम देकर फरार हो चुके थे।दुकान मालिक के अनुसार, शॉप में करीब 250 ग्राम सोना और 30 से 35 किलो चांदी रखी हुई थी। चोरी गए आभूषणों की कुल कीमत लगभग डेढ़ करोड़ रुपये आंकी जा रही है।इसमें सत्तर लाख रुपये से अधिक कीमत की चांदी और करीब 26 लाख रुपये से ज्यादा मूल्य का सोना शामिल है। इतनी बड़ी चोरी से इलाके के सर्राफा कारोबारियों में दहशत फैल गई है। व्यापारियों का कहना है कि यदि चौकी के पास दुकान सुरक्षित नहीं है तो अन्य बाजारों की स्थिति का अंदाजा लगाया जा सकता है।घटना की सूचना मिलते ही थाना मलिहाबाद पुलिस मौके पर पहुंची और जांच शुरू की गई। एडीसीपी गोपीनाथ सोनी ने बताया कि प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि चोरों ने शटर का ताला तोड़कर सुनियोजित ढंग से चोरी की वारदात को अंजाम दिया है। सूचना पर थाना प्रभारी के साथ पुलिस टीम,फील्ड यूनिट और डॉग स्क्वाड को मौके पर बुलाया गया, जिन्होंने साक्ष्य जुटाए।इसके अलावा क्राइम ब्रांच की टीम भी जांच में जुटी है। पुलिस आसपास के इलाकों में लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाल रही है, ताकि चोरों की पहचान की जा सके और उनके भागने के रास्तों का पता लगाया जा सके। पुलिस का दावा है कि जल्द ही घटना का खुलासा कर आरोपियों को गिरफ्तार किया जाएगा।पुलिस चौकी के पास हुई इस बड़ी चोरी ने रात्रि गश्त और सुरक्षा इंतजामों की पोल खोल दी है। स्थानीय व्यापारियों ने पुलिस प्रशासन से गश्त बढ़ाने और बाजारों में सुरक्षा व्यवस्था मजबूत करने की मांग की है। फिलहाल पुलिस हर पहलू से मामले की जांच में जुटी है और शीघ्र खुलासे का भरोसा जता रही है।
प्रदेश पुलिस में 537 पदों पर सीधी भर्ती का मौका, 19 जनवरी तक कर सकते हैं आवेदन

लखनऊ । उत्तर प्रदेश पुलिस विभाग में गोपनीय, लिपिक और लेखा संवर्ग से जुड़े उपनिरीक्षक स्तर के कुल 537 खाली पदों पर सीधी भर्ती की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड ने इससे संबंधित विस्तृत विज्ञापन शनिवार को अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर जारी कर दिया है। इच्छुक अभ्यर्थी 19 जनवरी तक ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। आवेदन से पूर्व उम्मीदवारों के लिए बोर्ड की वन टाइम रजिस्ट्रेशन (OTR) प्रणाली में पंजीकरण कराना अनिवार्य रखा गया है।

लेखपाल भर्ती में आरक्षण विवाद, प्रस्ताव में होगा संशोधन

राजस्व लेखपाल के 7,994 पदों पर प्रस्तावित भर्ती में पिछड़ा वर्ग के आरक्षण को लेकर उठे सवालों के बाद राजस्व परिषद ने उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग को पत्र भेजकर स्थिति स्पष्ट की है। परिषद ने आयोग को आश्वस्त किया है कि एक सप्ताह के भीतर संशोधित भर्ती प्रस्ताव भेज दिया जाएगा।

आयुक्त एवं सचिव कंचन वर्मा की तरफ जारी किया गया पत्र

आयुक्त एवं सचिव कंचन वर्मा की ओर से जारी पत्र में बताया गया है कि लेखपाल पद मंडल स्तरीय संवर्ग के अंतर्गत आता है और इसकी नियुक्ति का अधिकार उप जिलाधिकारी के पास होता है। मंडलायुक्तों द्वारा जिलों से प्राप्त श्रेणीवार कार्यरत एवं रिक्त पदों के विवरण के आधार पर आरक्षण (लंबवत एवं क्षैतिज) सहित रिक्तियों का आकलन कर परिषद को प्रस्ताव भेजा गया था। इसी प्रस्ताव के आधार पर आयोग को भर्ती विवरण उपलब्ध कराया गया।

जारी विज्ञापन में श्रेणीवार रिक्तियों में बदलाव की संभावना

पत्र में यह भी स्पष्ट किया गया है कि वर्ष 2022 में लागू उप्र लेखपाल सेवा (चतुर्थ संशोधन) नियमावली से पहले लेखपालों की भर्ती जिला स्तर पर की जाती थी। हाल ही में परिषद को जिलास्तर पर श्रेणीवार पदों से जुड़ी कुछ नई जानकारियां प्राप्त हुई हैं। इन्हीं तथ्यों के चलते आयोग द्वारा जारी विज्ञापन में श्रेणीवार रिक्तियों में बदलाव की संभावना जताई गई है।राजस्व परिषद ने कहा है कि संशोधित आंकड़ों के साथ नया प्रस्ताव आयोग को शीघ्र भेजा जाएगा, ताकि भर्ती प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी रहे और किसी भी तरह की तकनीकी या कानूनी त्रुटि से बचा जा सके।