प्रचंड ठंड में भी सफल रहा एच.जेड.बी आरोग्यम का निःशुल्क मेगा ब्रेन, स्पाइन व नस रोग जांच शिविर, 200 से अधिक मरीजों ने लिया लाभ
हजारीबाग जिले के प्रतिष्ठित एच.जेड.बी आरोग्यम अस्पताल में आयोजित निःशुल्क मेगा ब्रेन (मस्तिष्क), स्पाइन एवं नस रोग जांच शिविर रविवार को प्रचंड ठंड के बावजूद पूरी सफलता के साथ संपन्न हुआ। शिविर का संचालन सुबह 10 बजे से संध्या 4 बजे तक निरंतर किया गया। कड़ाके की ठंड के बावजूद लोगों के उत्साह में कोई कमी नहीं दिखी और शहरी क्षेत्र के साथ-साथ ग्रामीण इलाकों से भी बड़ी संख्या में लोग शिविर में पहुंचे। इस शिविर में करीब 200 से अधिक मरीजों ने अपनी सहभागिता दर्ज कराई और विशेषज्ञ चिकित्सकों से परामर्श प्राप्त किया। शिविर में रांची से आए प्रख्यात न्यूरोसर्जन डॉ. विकास कुमार एवं डॉ. आर. के. सिंह ने मरीजों की गहन जांच की। इस दौरान सिरदर्द, चक्कर, मिर्गी, ब्रेन ट्यूमर, दिमाग में खून का थक्का, लकवा, सिर में चोट के बाद की जटिलताएं, गर्दन व कमर दर्द, स्लिप डिस्क, स्पाइनल इंजरी, नस दबने की समस्या, हाथ-पैर में झनझनाहट, जोड़ों का दर्द सहित बच्चों में जन्मजात लकवा और मानसिक विकास से जुड़ी समस्याओं को लेकर बड़ी संख्या में मरीज पहुंचे। शिविर में पहुंचे मरीजों ने अस्पताल द्वारा किए गए इस निःशुल्क आयोजन की सराहना करते हुए कहा कि इस तरह के शिविर आर्थिक रूप से कमजोर एवं ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों के लिए बेहद लाभकारी साबित होते हैं, क्योंकि उन्हें विशेषज्ञ चिकित्सकों की सेवाएं एक ही स्थान पर निःशुल्क मिल जाती हैं। शिविर के दौरान दोनों चिकित्सकों ने मीडिया से संयुक्त रूप से बातचीत करते हुए कहा कि वर्तमान समय में ब्रेन, स्पाइन और नसों से जुड़ी बीमारियों के प्रति लोगों में जागरूकता बेहद आवश्यक है। समय पर जांच और सही परामर्श से गंभीर बीमारियों से बचा जा सकता है। उन्होंने कहा कि सिरदर्द, हाथ-पैर में सुन्नता, कमजोरी या बार-बार चक्कर आने जैसी समस्याओं को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए और शुरुआती लक्षणों पर ही चिकित्सक से संपर्क करना चाहिए। अस्पताल के निदेशक हर्ष अजमेरा ने कहा कि एच.जेड.बी आरोग्यम अस्पताल का उद्देश्य केवल उपचार ही नहीं, बल्कि समाज के प्रत्येक वर्ग तक बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचाना है। इसी उद्देश्य के तहत निःशुल्क चिकित्सा शिविरों का आयोजन किया जाता है, ताकि जरूरतमंद लोगों को समय पर विशेषज्ञ चिकित्सा परामर्श मिल सके। उन्होंने बताया कि भविष्य में भी ऐसे स्वास्थ्य शिविरों का आयोजन निरंतर किया जाएगा। वहीं अस्पताल की प्रशासक जया सिंह ने शिविर के सफल आयोजन पर संतोष व्यक्त करते हुए कहा कि अस्पताल की पूरी टीम ने समन्वय के साथ कार्य किया,जिससे मरीजों को किसी प्रकार की असुविधा नहीं हुई। उन्होंने कहा कि मरीजों की बढ़ती संख्या यह दर्शाती है कि लोगों का अस्पताल पर विश्वास लगातार मजबूत हो रहा है।
शिविर के समापन पर अस्पताल प्रबंधन ने सभी चिकित्सकों, स्वास्थ्यकर्मियों एवं सहयोगियों का आभार व्यक्त किया, वहीं मरीजों और उनके परिजनों ने भी इस जनहितकारी पहल के लिए एच.जेड.बी आरोग्यम अस्पताल के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया।

हजारीबाग जिले के प्रतिष्ठित एच.जेड.बी आरोग्यम अस्पताल में आयोजित निःशुल्क मेगा ब्रेन (मस्तिष्क), स्पाइन एवं नस रोग जांच शिविर रविवार को प्रचंड ठंड के बावजूद पूरी सफलता के साथ संपन्न हुआ। शिविर का संचालन सुबह 10 बजे से संध्या 4 बजे तक निरंतर किया गया। कड़ाके की ठंड के बावजूद लोगों के उत्साह में कोई कमी नहीं दिखी और शहरी क्षेत्र के साथ-साथ ग्रामीण इलाकों से भी बड़ी संख्या में लोग शिविर में पहुंचे। इस शिविर में करीब 200 से अधिक मरीजों ने अपनी सहभागिता दर्ज कराई और विशेषज्ञ चिकित्सकों से परामर्श प्राप्त किया। शिविर में रांची से आए प्रख्यात न्यूरोसर्जन डॉ. विकास कुमार एवं डॉ. आर. के. सिंह ने मरीजों की गहन जांच की। इस दौरान सिरदर्द, चक्कर, मिर्गी, ब्रेन ट्यूमर, दिमाग में खून का थक्का, लकवा, सिर में चोट के बाद की जटिलताएं, गर्दन व कमर दर्द, स्लिप डिस्क, स्पाइनल इंजरी, नस दबने की समस्या, हाथ-पैर में झनझनाहट, जोड़ों का दर्द सहित बच्चों में जन्मजात लकवा और मानसिक विकास से जुड़ी समस्याओं को लेकर बड़ी संख्या में मरीज पहुंचे। शिविर में पहुंचे मरीजों ने अस्पताल द्वारा किए गए इस निःशुल्क आयोजन की सराहना करते हुए कहा कि इस तरह के शिविर आर्थिक रूप से कमजोर एवं ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों के लिए बेहद लाभकारी साबित होते हैं, क्योंकि उन्हें विशेषज्ञ चिकित्सकों की सेवाएं एक ही स्थान पर निःशुल्क मिल जाती हैं। शिविर के दौरान दोनों चिकित्सकों ने मीडिया से संयुक्त रूप से बातचीत करते हुए कहा कि वर्तमान समय में ब्रेन, स्पाइन और नसों से जुड़ी बीमारियों के प्रति लोगों में जागरूकता बेहद आवश्यक है। समय पर जांच और सही परामर्श से गंभीर बीमारियों से बचा जा सकता है। उन्होंने कहा कि सिरदर्द, हाथ-पैर में सुन्नता, कमजोरी या बार-बार चक्कर आने जैसी समस्याओं को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए और शुरुआती लक्षणों पर ही चिकित्सक से संपर्क करना चाहिए। अस्पताल के निदेशक हर्ष अजमेरा ने कहा कि एच.जेड.बी आरोग्यम अस्पताल का उद्देश्य केवल उपचार ही नहीं, बल्कि समाज के प्रत्येक वर्ग तक बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचाना है। इसी उद्देश्य के तहत निःशुल्क चिकित्सा शिविरों का आयोजन किया जाता है, ताकि जरूरतमंद लोगों को समय पर विशेषज्ञ चिकित्सा परामर्श मिल सके। उन्होंने बताया कि भविष्य में भी ऐसे स्वास्थ्य शिविरों का आयोजन निरंतर किया जाएगा। वहीं अस्पताल की प्रशासक जया सिंह ने शिविर के सफल आयोजन पर संतोष व्यक्त करते हुए कहा कि अस्पताल की पूरी टीम ने समन्वय के साथ कार्य किया,जिससे मरीजों को किसी प्रकार की असुविधा नहीं हुई। उन्होंने कहा कि मरीजों की बढ़ती संख्या यह दर्शाती है कि लोगों का अस्पताल पर विश्वास लगातार मजबूत हो रहा है।
हजारीबाग लोकसभा क्षेत्र के सांसद मनीष जायसवाल ने राज्य की स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर एक गंभीर आरोप लगाते हुए इसे "ऑल टाइम लो" स्तर पर बताया है। एक वायरल वीडियो का हवाला देते हुए सांसद मनीष जायसवाल ने राज्य के स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी से उसपर तत्काल कार्रवाई करने की मांग की है।
हज़ारीबाग़ सदर विधायक प्रदीप प्रसाद ने रविवार को छड़वा डैम परिसर स्थित मुख्य पेयजल स्टोर का औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान पेयजल स्टोर की अत्यंत जर्जर और चिंताजनक स्थिति सामने आने पर विधायक ने गहरी नाराज़गी व्यक्त की।
हजारीबाग (झारखंड) में अर्धनारीश्वर चिकित्सा वेलनेस न्यूरोथैरेपी के दो दिवसीय उपचार एवं प्रशिक्षण शिविर का सफल एवं भव्य आयोजन दिनांक 20 एवं 21 दिसंबर को किया गया। इस शिविर का आयोजन आरोग्य पीठ फ्रेंचाइजी केंद्र, हजारीबाग द्वारा किया गया, जिसमें जिले सहित आसपास के क्षेत्रों से बड़ी संख्या में रोगी, विद्यार्थी एवं स्वास्थ्य के प्रति जागरूक नागरिकों ने भाग लिया।
हजारीबाग उपायुक्त श्री शशि प्रकाश सिंह (IAS) के निर्देश पर जिले में अवैध शराब की बिक्री, निर्माण, संचय एवं परिवहन पर अंकुश लगाने के उद्देश्य से लगातार कार्रवाई की जा रही है। इसी क्रम में सहायक आयुक्त उत्पाद, हजारीबाग के निर्देशन में बरही एवं बरकठा थाना क्षेत्र अंतर्गत करसो, गायपहाड़ी एवं बरसौत गांवों में अवैध महुआ चुलाई शराब के खिलाफ छापेमारी अभियान चलाया गया।
हजारीबाग विधानसभा क्षेत्र के सिंघानी, नूतन नगर में आरोग्य पीठ के अंतर्गत अर्धनारीश्वर चिकित्सा वैलनेस न्यूरोथैरेपी के दो दिवसीय उपचार सह प्रशिक्षण शिविर का उद्घाटन हजारीबाग विधायक श्री प्रदीप प्रसाद द्वारा किया गया। शिविर के उद्घाटन अवसर पर बिना दवा के उपचार पद्धतियों के माध्यम से विभिन्न प्रकार के दर्द एवं शारीरिक समस्याओं से राहत पाने के प्रभावी तरीकों की विस्तृत जानकारी दी गई।
हजारीबाग: जिले में लगातार जारी प्रचंड ठंड, शीतलहर और घने कोहरे के बीच युवा समाजसेवी हर्ष अजमेरा ने स्कूलों में अवकाश घोषित करने की पुरजोर मांग की है। उन्होंने कहा कि मौजूदा मौसम बच्चों के स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा बन चुका है और ऐसी स्थिति में स्कूलों का संचालन जोखिमपूर्ण है।
हजारीबाग- कटकमदाग प्रखंड के बेस पंचायत के पूर्व मुखिया प्रत्याशी एवं जनआंदोलन से जुड़े नेता विक्की कुमार धान ने शनिवार को झारखण्ड विधानसभा की पर्यावरण एवं प्रदूषण नियंत्रण समिति के सभापति उदय शंकर सिंह से हजारीबाग परिसदन भवन में शिष्टाचार मुलाकात कर हजारीबाग जिले के कटकमदाग प्रखंड अंतर्गत बेस पंचायत में फैले गंभीर औद्योगिक प्रदूषण, श्रमिक शोषण और प्रशासनिक उदासीनता का मुद्दा पूरे दमखम के साथ उठाया। विक्की कुमार धान ने कहा कि नरसिम्हा आयरन स्पंज प्लांट, जगतारिणी स्पंज प्लांट, हिंदुस्तान पोल फैक्ट्री और झारखण्ड सेल्स फैक्ट्री ने मिलकर पूरे क्षेत्र को औद्योगिक ज़ोन नहीं बल्कि जहरीला ज़ोन बना दिया है। वायु में घुले धूल-कण और जहरीली गैसें, खुले में फेंका जा रहा औद्योगिक कचरा और दूषित जल स्रोतों ने आम ग्रामीणों के जीवन को नर्क बना दिया है।उन्होंने कहा कि आज स्थिति यह है कि पंचायत के लोग दमा, टीबी, त्वचा रोग, आँखों की बीमारियों और अन्य गंभीर रोगों से जूझ रहे हैं। खेतों की उर्वरता नष्ट हो चुकी है, पशुधन मर रहा है और पीने का पानी स्वास्थ्य के लिए खतरनाक बन चुका है। यह केवल प्रदूषण नहीं, बल्कि एक सुनियोजित पर्यावरणीय अपराध है। जबकि रोज़गार के मुद्दों पर ध्यान आकृष्ट करते हुए धान ने कहा कि उद्योग प्रबंधन ने स्थानीय मेहनतकशों के साथ खुला विश्वासघात किया है। वर्षों से काम कर रहे स्थानीय श्रमिकों को हटाकर बाहरी राज्यों से मजदूर लाए जा रहे हैं, जो स्थानीय नियोजन नीति और श्रम कानूनों का सीधा उल्लंघन है। उन्होंने विशेष रूप से नरसिम्हा आयरन स्पंज प्लांट का उल्लेख करते हुए बताया कि 2019 से लगातार कार्यरत स्थानीय मजदूरों को 2024 में मशीनों का बहाना बनाकर बाहर कर दिया गया। धान ने सभापति से स्पष्ट शब्दों में माँग की कि बेस पंचायत क्षेत्र में संचालित सभी उद्योगों की संयुक्त उच्चस्तरीय जाँच कराई जाए, प्रदूषण फैलाने वाले उद्योगों पर भारी आर्थिक दंड और उत्पादन पर रोक लगाई जाए, अवैध रूप से हटाए गए सभी स्थानीय श्रमिकों का तत्काल पुनर्नियोजन हो और प्रभावित क्षेत्र को स्वास्थ्य आपदा क्षेत्र घोषित किया जाए। वहीं सभापति उदय शंकर सिंह ने मामले को गंभीर बताते हुए समिति स्तर पर आवश्यक कार्रवाई का आश्वासन दिया। वहीं धान ने कहा कि यदि प्रशासन ने शीघ्र ठोस कदम नहीं उठाए तो जनता को मजबूरन राष्ट्रीय हरित अधिकरण और न्यायालय का दरवाज़ा खटखटाना पड़ेगा, जिसकी पूरी जिम्मेदारी उद्योग प्रबंधन और प्रशासन की होगी।
उपायुक्त शशि प्रकाश सिंह के निर्देशानुसार जिले में बढ़ती ठंड एवं धुंध को देखते हुए आमजन की सुविधा एवं सुरक्षा के लिए व्यापक स्तर पर आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं। इसी क्रम में जिले के विभिन्न प्रखंड क्षेत्रों में अंचलाधिकारी एवं प्रखंड विकास पदाधिकारी के द्वारा सार्वजनिक स्थलों पर अलाव की समुचित व्यवस्था की जा रही है।
1 hour and 42 min ago
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