बृजभूषण ने अखिलेश यादव के बयान का किया समर्थन,धनंजय व अभय को संयम बरतने की सलाह



गोंडा।कैसरगंज से पूर्व भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह ने जौनपुर के पूर्व सांसद धनंजय सिंह व विधायक अभय सिंह के बीच चल रहे सोशल मीडिया विवाद पर प्रतिक्रिया देते हुए संयम बरतने की सलाह दिया है और कहा है कि यह 1980-90  के दशक जैसा नहीं है।बृजभूषण शरण सिंह ने कहा कि सोशल मीडिया पर अनावश्यक विवाद से बचना चाहिए।उन्होंने जोर देते हुए कहा कि दोनों व्यक्ति  हैं और वर्तमान में किसी प्रकार का संघर्ष नहीं है।उन्होंने आगे कहा कि अब कोई गैंगवार नहीं है और सभी लोग अपना अपना काम कर रहे हैं।पूर्व सांसद ने सलाह दिया कि शब्दों का चयन बहुत सोच समझ कर किया जाना चाहिए।बृजभूषण ने कहा कि हम बड़े कि तुम बड़े जैसी बातों से कोई फायदा नहीं है।उन्होंने नेताओं को जनता के बीच रहकर अपने कर्तव्यों का पालन करने का आग्रह किया।

इसी दौरान बृजभूषण शरण सिंह ने समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव द्वारा खुद को क्षत्रिय बताए जाने वाले बयान का समर्थन किया।पूर्व सांसद ने कहा कि उन्होंने पहले ही कहा था कि अखिलेश यादव क्षत्रिय हैं।बृजभूषण ने स्पष्ट किया कि अखिलेश यादव यदुवंशी हैं और भगवान श्रीकृष्ण के वंशज माने जाते हैं।उन्होंने यह भी जोड़ा कि क्षत्रिय जन्म से नहीं,बल्कि कर्म से होता है।बृजभूषण ने उल्लेख किया कि अखिलेश यादव भगवान श्रीकृष्ण का मंदिर भी बनवा रहे हैं,जो उनके क्षत्रिय होने का प्रमाण है।वहीं बहराइच में कथावाचक को सलामी दिए जाने पर चल रहे विवाद को लेकर बृजभूषण शरण सिंह ने कहा कि देखिये ये संत मार्गदर्शक हैं और इन संतों की बड़ी भूमिका रही है।

यज्ञ ऋषि मुनि आप इन्हें वैज्ञानिक भी कह सकते हैं।आज भी समाज में इनकी मान्यता है और किसी के कहने अथवा न कहने से इनकी मान्यता समाप्त होने नहीं जा रही है।उन्होंने कहा कि अब जैसे मैं ही राष्ट्र कथा करवा रहा हूँ जितना हो सकता है सम्मान दिया जाएगा।तो यह विवाद का विषय नहीं है।इस पर विवाद नहीं करना चाहिए बल्कि बचना चाहिए।
अनामिका शुक्ला मामले में एसटीएफ की प्रारम्भिक रिपोर्ट दाखिल,हाईकोर्ट के आदेश पर हुई जांच
अनामिका के नाम पर गंभीर अनियमितता हुई रिपोर्ट में खुलासा

गोंडा।जिले के बहुचर्चित अनामिका शुक्ला प्रकरण में यूपी एसटीएफ ने लखनऊ उच्च न्यायालय में अपनी प्रारम्भिक रिपोर्ट दाखिल कर दिया है।रिपोर्ट में फर्जीवाड़े की पुष्टि करते हुए कहा गया है कि अनामिका शुक्ला के मामले में कई गंभीर अनियमितताएं हुई हैं।एसटीएफ ने कोर्ट को बताया कि मामले की जांच के दौरान विधालय के प्रबंधक और संबंधित अधिकारी सहयोग नहीं कर रहे हैं।एसटीएफ ने हाईकोर्ट में स्पष्ट किया है कि नगर कोतवाली में दर्ज मुकदमे को निरस्त करने के लिए आरोपियों की ओर से दाखिल याचिका पूरी तरह से बलहीन है और इसे न्यायहित में खारिज किया जाना चाहिए।जांच एजेंसी के मुताबिक पूरे प्रकरण की विवेचना और साक्ष्य संकलन की कार्रवाई अभी जारी है।अनामिका शुक्ला की याचिका को छोड़कर बाकी आरोपियों की याचिकाओं को निरस्त करने की कोर्ट से मांग की गई है।यूपी एसटीएफ के जांच अधिकारी सौरभ मिश्रा ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि वर्ष 2017 से जनवरी 2025 तक अनामिका शुक्ला को नियमित रूप से वेतन का भुगतान किया गया।वेतन संशोधन से जुड़े मांग पत्र पर विद्यालय से वित्त एवं लेखा विभाग को भेजे जाते थे।जिस पर विद्यालय प्रबंधक, प्रधानाचार्य और अन्य संबंधित अधिकारियों के हस्ताक्षर पाये गये हैं।जांच के दौरान जुलाई 2022 से दिसंबर 2022,फरवरी 2023 से जुलाई 2023,जनवरी 2024 से जुलाई 2024,अगस्त 2024 से नवंबर 2024 और जनवरी 2025 तक के वेतन संशोधन प्रपत्र एसटीएफ को मिले हैं।इन सभी दस्तावेजों पर संबंधित लोगों के हस्ताक्षर मौजूद हैं।विद्यालय के प्रबंधक दिग्विजय नाथ पांडेय को 20 अगस्त 2025 से 8 दिसंबर 2025 के मध्य छह बार नोटिस जारी कर व्यक्तिगत रूप से जांच में शामिल होने के लिए कहा गया परन्तु उन्होंने न तो जांच में सहयोग किया और न ही अनामिका शुक्ला की नियुक्ति से जुड़े अभिलेख उपलब्ध कराए।हालांकि 14 अगस्त को दिग्विजय नाथ पांडेय यूपी एसटीएफ की अयोध्या इकाई के कार्यालय में उपस्थित होकर बयान दर्ज करवा चुके हैं लेकिन अभी तक नियुक्ति से संबंधित कोई पत्रावली नहीं सौंपी गई है।जांच अधिकारी ने कोर्ट को बताया कि प्रबंधक से अनामिका शुक्ला के नियुक्ति से संबंधित विज्ञापन, प्रबंध समिति का प्रस्ताव,बेसिक शिक्षा अधिकारी को भेजा गया अनुमोदन पत्र,प्रथम वेतन भुगतान से जुड़ा लेख पत्र,उपस्थिति पंजिका और अन्य आवश्यक दस्तावेज मांगे गये थे परन्तु इनमें से कोई भी अभिलेख उपलब्ध नहीं कराया गया।एसटीएफ ने हाईकोर्ट से अनुरोध किया है कि विवेचना और साक्ष्य संकलन के लिए न्यायोचित समय प्रदान किया जाये तथा साथ ही आरोपियों द्वारा मुकदमा निरस्त कराने के लिए दाखिल याचिका को बलहीन बताते हुए न्यायहित में खारिज किये जाने की मांग की है।यहाँ यह स्पष्ट करना आवश्यक है कि निलंबित जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी अतुल कुमार तिवारी,तत्कालीन वित्त एवं लेखाधिकारी सिद्धार्थ दीक्षित,बेसिक शिक्षा विभाग के पटल लिपिक सुधीर कुमार सिंह,वित्त एवं लेखा विभाग के पटल लिपिक अनुपम कुमार पाण्डेय,अनामिका शुक्ला,विद्यालय प्रबंधक दिग्विजय नाथ पांडेय और प्रधानाचार्य उमेश चंद्र तिवारी ने लखनऊ हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर नगर कोतवाली में दर्ज मुकदमे को गलत बताते हुए निरस्त करने की मांग की थी।इस पूरे मामले की जांच हाईकोर्ट के आदेश पर यूपी एसटीएफ कर रही है।
जेपी नड्डा के तथाकथित रिश्तेदार ने किया 40 लाख की ठगी
लखनऊ में सस्ते दामों में प्लाट दिलाने के नाम पर मनीष ने की ठगी, मुकदमा दर्ज

गोंडा।जिले में भाजपा के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष व केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा का करीबी रिश्तेदार बताकर 40 लाख रूपए की ठगी का मामला सामने आया है।छपिया थाना क्षेत्र के बेल्डिहा गांव निवासी संतोष यादव की तहरीर पर लखनऊ के मनीष मल्होत्रा व गोंडा के राम दयाल यादव के विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया गया है।आरोप है कि दोनों आरोपियों ने संतोष कुमार को लखनऊ में सस्ते प्लाट दिलाने का झांसा दिया था।मनीष मल्होत्रा ने खुद को भाजपा के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष व केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा का रिश्तेदार बताया था।संतोष कुमार के अनुसार,आरोपियों ने उनसे विभिन्न किश्तों में कुल 40 लाख रुपए लिए थे।यह राशि बैंक ट्रांसफर और आरटीजीएस के माध्यम से दिया गया था।तीन साल बीत जाने के बाद भी न तो जमीन मिली और न ही पैसा वापस किया गया।पीड़ित संतोष कुमार ने बताया कि रामदयाल यादव से उनके पुराने संबंध थे।इसी विश्वास का फायदा उठाकर रामदयाल ने उन्हें मनीष मल्होत्रा से मिलवाया था।संतोष ने सस्ते प्लाट की उम्मीद में अपनी गाड़ी व घर के जेवरात बेंच कर यह रकम दी थी।लेकिन तीन साल से लगातार इन लोगों द्वारा जमीन नहीं दी जा रही है और न ही पैसे वापस किए जा रहे हैं।जबकि तीन साल के अंदर यह लोग हमें तीन बार लखनऊ होटल में बुला चुके हैं।वहाँ पर रहना खाना सहित सारी व्यवस्था इन लोगों के तरफ से रहती थी।इन लोगों ने एक बार मुझसे दो लाख रुपए लेकर एक ड्रा में भी शामिल किया कि ड्रा में जो पर्ची निकलकर आएगी वह जमीन आपको मिल जाएगी परन्तु फिर भी वह जमीन हम लोगों को नहीं मिली जबकि हमारी पर्ची निकलकर आई थी और अब यह लोग खुद को भाजपा के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष व केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा का रिश्तेदार बताकर हमारे पैसे हड़पने की साजिश रच रहे हैं ऐसे में इन लोगों के विरुद्ध कठोर कार्यवाही की जाए।संतोष ने कहा कि रामदयाल यादव ने मेरे और अपने दोस्ती के रिश्ते को भी कलंकित किया है और ऐसे में परेशान होकर मैं आत्महत्या करना चाहता हूँ।‌संतोष ने पूरे मामले की शिकायत पुलिस अधीक्षक विनीत जायसवाल से किया था।पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर पुलिस द्वारा पूरे मामले की जांच की गई,जिसके बाद छपिया थाने में मनीष मल्होत्रा और रामदयाल यादव के विरुद्ध धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज किया गया है।वहीं छपिया थानाध्यक्ष प्रबोध कुमार यादव ने बताया कि मनीष मल्होत्रा और रामदयाल यादव दोनों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर पूरे मामले की जांच प्रारम्भ कर दी गई है।जांच में जो भी निकल कर आएगा उसके आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
जेसीबी से खुदाई के दौरान मिले चांदी के सिक्कों से भरे घड़े,मचा हड़कंप ठकुरापुरा गांव से जुड़ा है मामला,मौके पर लोगों की जुटी भीड़
गोण्डा(करनैलगंज)। तहसील क्षेत्र के बालपुर के नजदीक स्थित गांव ठकुरापुरा में गुरुवार को उस समय सनसनी फैल गई जब एक मंदिर के पास जेसीबी मशीन से खुदाई के दौरान चांदी के सिक्कों से भरे घड़े बरामद हुए। घड़े निकलते ही मौके पर लोगों की भीड़ जुट गई और इलाके में तरह-तरह की चर्चाएं शुरू हो गईं। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, मंदिर के समीप किसी कार्य को लेकर जेसीबी मशीन से जमीन की खुदाई की जा रही थी। इसी दौरान मशीन की बाल्टी जमीन के भीतर दबे मिट्टी के घड़ों से टकराई, जिन्हें बाहर निकालने पर उनमें चांदी के पुराने सिक्के भरे हुए पाए गए। सिक्के देखने में काफी पुराने बताए जा रहे हैं, जिससे इनके ऐतिहासिक होने की संभावना जताई जा रही है। घटना की सूचना मिलते ही स्थानीय लोगों में कौतूहल बढ़ गया। लोग इसे किसी पुराने समय की धरोहर या खजाने से जोड़कर देख रहे हैं। वहीं कुछ लोगों का कहना है कि यह सिक्के किसी प्राचीन काल में मंदिर या आसपास के क्षेत्र में सुरक्षित रखने के उद्देश्य से जमीन में दबाए गए होंगे। खबर फैलते ही प्रशासन और संबंधित विभाग को सूचना दिए जाने की बात कही जा रही है। प्रशासन द्वारा सिक्कों की जांच, सुरक्षा और ऐतिहासिक मूल्यांकन किए जाने की संभावना है। फिलहाल यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि घड़े में कुल कितने सिक्के हैं और उनकी वास्तविक कीमत या कालखंड क्या है। यह मामला अब पूरे क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है और लोग प्रशासन की आधिकारिक कार्रवाई और पुष्टि का इंतजार कर रहे हैं।
सिविल बार एसोसिएशन चुनाव के लिए 34 प्रत्याशियों ने किया नामांकन 8 जनवरी को होगा मतदान, मतगणना भी उसी दिन

गोंडा।सिविल बार एसोसिएशन के वार्षिक चुनाव के लिए हो रहे नामांकन के दूसरे और अंतिम दिन 3 प्रत्याशियों ने नामांकन किया।जिससे अब तक कुल 34 प्रत्याशियो ने नामांकन किया है।नामांकन पत्रों की जांच शुक्रवार 19 दिसम्बर तथा नामांकन पत्रों की वापसी शनिवार 20 दिसम्बर को होगी।यह जानकारी सिविल बार एसोसिएशन चुनाव के लिए गठित एल्डर कमेटी के अध्यक्ष रवींद्र नाथ श्रीवास्तव ने दिया। एल्डर कमेटी के अध्यक्ष श्रीवास्तव ने बताया कि अध्यक्ष पद के लिए राम लक्ष्मण तिवारी, महेश सिंह, विजय कुमार त्रिपाठी व गणेश प्रसाद मिश्रा ने नामांकन किया है तो वहीं महामंत्री पद के लिए राम प्रताप गोस्वामी, अंजनी नंदन श्रीवास्तव,दया शंकर शुक्ला, मुजीबुद्दीन खां,जितेन्द्र बहादुर सिंह (राजू),गौरी शंकर चतुर्वेदी व चारु चंद्र मिश्रा ने उम्मीदवारी का पर्चा भरा है।इसी तरह वरिष्टतम उपाध्यक्ष, उपाध्यक्ष, सचिव व कार्यकारिणी सदस्य के लिए उम्मीदवारों ने नामांकन किया है।
बच्चों की आंखों की जांच के बाद बांटे गए मुफ्त चश्मे
* जिला अंधता निवारण समिति की पहल पर 8 से 14 वर्ष के बच्चों को मिली नई रोशनी कर्नलगंज, गोंडा। जिला अंधता निवारण समिति गोंडा के तत्वावधान में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कर्नलगंज के माध्यम से बच्चों के स्वास्थ्य और दृष्टि सुरक्षा की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। प्राथमिक विद्यालय कुम्हरौरा में 8 से 14 वर्ष के स्कूली बच्चों के लिए पूर्व में आयोजित स्क्रीनिंग कैंप के बाद, आज चिह्नित किए गए बच्चों को निशुल्क चश्मा वितरण किया गया। * इन बच्चों के खिले चेहरे नेत्र परीक्षण के दौरान दृष्टि दोष से ग्रसित पाए गए छात्र-छात्राओं को चश्मा मिलते ही उनके चेहरों पर खुशी की लहर दौड़ गई। चश्मा प्राप्त करने वाले मुख्य लाभार्थियों में रोहित, फिजा खान, वंदना, संध्या, कविता, शोभित, सुधांशु, नेहा और सिमरन समेत अन्य बच्चे शामिल रहे। * जांच के बाद मुफ्त वितरण का प्रावधान नेत्र परीक्षण अधिकारी ए.के. गोस्वामी ने कार्यक्रम की विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि विभाग द्वारा 8 से 14 वर्ष की आयु के स्कूली बच्चों की नियमित स्क्रीनिंग की जाती है। उन्होंने कहा, "जांच के दौरान जिन बच्चों में दृष्टि दोष (रिफ्रैक्टिव एरर) पाया जाता है, उन्हें सरकार की योजना के तहत निशुल्क चश्मा उपलब्ध कराया जाता है, ताकि उनकी पढ़ाई और सामान्य जीवन में आंखों की कमजोरी बाधा न बने।" इस अवसर पर विद्यालय का स्टाफ और स्वास्थ्य विभाग की टीम मौजूद रही, जिन्होंने बच्चों को चश्मे के रख-रखाव और आंखों की देखभाल के प्रति जागरूक भी किया।
निलंबित बीएसए सहित 3 पर भ्रष्टाचार मामले की जांच अधर में
*बार बार नोटिस के बाद भी बेसिक शिक्षा विभाग नहीं उपलब्ध करा रहा पत्रावली*

गोंडा।जिले के निलंबित बीएसए अतुल कुमार तिवारी सहित तीन लोगों पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच बेसिक शिक्षा विभाग के असहयोग के कारण अटकी हुई है।नगर कोतवाली में फर्नीचर आपूर्ति में भ्रष्टाचार के आरोप में कोर्ट के आदेश पर मनोज कुमार पाण्डेय ने बीते 4 नवंबर को इन तीनों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाया था।जिसकी जांच क्षेत्राधिकारी नगर आनन्द राय द्वारा की जा रही है।मामले की जांच शुरू हुए 38 दिन बीत जाने के बाद भी पुलिस को बेसिक शिक्षा विभाग का अपेक्षित सहयोग नहीं मिल रहा है।क्षेत्राधिकारी आनन्द राय द्वारा विभाग को 10 से अधिक नोटिस भेजकर फर्नीचर खरीद से संबंधित पत्रावली उपलब्ध कराने को कहा है,ताकि आरोपों की जांच पूरी कर न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल किया जा सके।जिले के नवागत बीएसए अमित कुमार सिंह को भी सीओ सिटी आनन्द राय ने अब तक तीन बार पत्र भेजा है और हाल ही में एक और अनुस्मारक भेजा है, जिसमें सभी संबंधित पत्रावलियां उपलब्ध कराने कज कहा गया है परन्तु विभाग की तरफ से कोई कार्रवाई नहीं हुई है।मामले में वादी मनोज कुमार पाण्डेय ने अपना बयान दर्ज करा दिया है और पुलिस से लगातार कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।उनका कहना है कि यह भ्रष्टाचार का गंभीर मामला है उसके बाद भी आरोपियों को गिरफ्तार नहीं किया जा रहा है।जबकि सरकार ने भी इस संबंध में कार्रवाई की है।क्षेत्राधिकारी व मामले के विवेचक आनन्द राय ने बताया कि पत्रावलियां उपलब्ध कराने के लिए विभाग को बार बार नोटिस भेजा जा गया है और अब अंतिम अनुस्मारक भी भेजा गया है।उन्होंने कहा कि जांच में जो भी तथ्य सामने आएंगे उसके आधार पर आरोपियों के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।जबकि इसी भ्रष्टाचार के मामले को लेकर बीते 11 नवंबर को शासन द्वारा तत्कालीन बीएसए अतुल कुमार तिवारी को निलंबित किया जा चुका है और इन्हें लखनऊ हाईकोर्ट अथवा किसी अन्य जगह से कोई राहत नहीं मिली है।न ही इन लोगों को अभी तक अग्रिम जमानत मिली है उसके बाद भी पुलिस द्वारा इन लोगों को गिरफ्तार नहीं किया जा रहा है।
जेल में बंद बेटे से मिलकर निकले पिता की मौत,मुलाकात के बाद बिगड़ी तबियत अस्पताल पहुंचने से पहले तोड़ा दम

गोंडा।लखनऊ जेल में बंद बेटे से मुलाकात कर बाहर निकले पिता की सदमे से मौत हो गयी।घटना बुधवार दोपहर की है।बेटे से मिलने के कुछ ही देर बाद उनकी तबियत बिगड़ गयी जिसकी जानकारी मिलने पर जेल प्रशासन ने उन्हें एम्बुलेंस से गोसाईगंज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया जहाँ चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया।पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद मौत की स्पष्ट वजह सामने आ सकेगी।सूचना मिलने पर मृतक की पत्नी,बेटियां व अन्य परिजन गोंडा से लखनऊ पहुंच गए हैं।बताते चलें कि जिले के करनैलगंज कोतवाली क्षेत्र के खतरीपुर चचरी निवासी राजेश निगम (50) बुधवार सुबह अपने दामाद महेश के साथ जिला कारागार लखनऊ में बंद बेटे विकास निगम से मिलने गये थे।दोपहर लगभग 12.30 बजे जैसे ही वह मुलाकात खत्म कर बाहर निकले राजेश को घबराहट व बेचैनी होने लगी।वे पास ही बने प्रतीक्षालय में पत्थर की बेंच पर बैठ गए तत्पश्चात चक्कर आने पर वे बेंच पर लेट गये।राजेश की हालत बिगड़ते देख जेल कर्मचारियों ने इसकी सूचना जेल प्रशासन को दिया।परिजनों के अनुसार बेटे के जेल जाने से राजेश अत्यधिक तनाव में थे जिसके कारण वे कई दिनों से काम पर नहीं जा रहे थे।राजेश बेटे विकास के साथ लखनऊ के तकरोही इलाके में किराये के कमरे में रहकर मजदूरी करते थे।पिता की मौत की खबर मिलते ही जेल में बंद विकास रो पड़ा तो बैरक में मौजूद अन्य बंदियों ने उसे ढांढस बंधाया।मृतक के परिवार में पत्नी ऊषा निगम,बेटा विकास और तीन बेटियां हैं।लखनऊ जिला कारागार के वरिष्ठ अधीक्षक आर के जायसवाल ने बताया कि सूचना मिलते ही उन्हें एम्बुलेंस से अस्पताल भिजवाया गया जहां डाक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
दुष्ट और संत में बहुत अंतर- प्रणव पुरी जी महाराज
गोंडा।जिले के शहीद ए आजम सरदार भगत सिंह इंटर कॉलेज के मैदान में श्रीमहाकाल भक्त परिवार द्वारा 9 दिवसीय रामकथा का आयोजन किया जा रहा है।कार्यक्रम के तीसरे दिन करनैलगंज से भाजपा विधायक अजय कुमार सिंह ने कथा स्थल पर पहुंच कर व्यास पीठ की पूजा कर कथा का शुभारंभ किया।कथावाचक प्रणव पुरी जी महाराज ने श्रोताओं को संबोधित करते हुए कहा कि दुष्ट व्यक्ति अपनी दुष्टता करता रहता है जबकि संत प्रतिकार करते हैं।उन्होंने कहा कि संत और दुष्ट में मुख्य अंतर यह है कि संत सज्जन सब कुछ भगवान पर छोड़ देते हैं जबकि दुष्ट लोग ऐसा नहीं करते हैं और अपनी हरकतें जारी रखते हैं। महाराज ने उदाहरण देते हुए कहा कि विश्वामित्र महाराज ने ब्रह्म श्रषि को उपाधि क्रोध को ही त्याग करके दिया था इसलिए वह दुबारा क्रोध नहीं कर सकते थे। चाहते तो विश्वामित्र जी स्वयं सबको नष्ट कर सकते थे लेकिन उन्होंने सब छोड़ दिया था।जब देवताओं पर क्रोध आता था तो वे उसे भगवान पर छोड़ देते थे।इसके विपरीत जब राक्षसों को क्रोध आता था तो वे उसे कहीं न कहीं निकालते हुए दिखाई देते थे।प्रणव पुरी जी महाराज ने समाज जागरूक करते हुए आगे कहा कि जब तक भगवान से आपके नाते संबंध नहीं जुड़ेंगे तब तक भगवान आपके पास नहीं आएंगे।उन्होंने स्पष्ट किया कि भगवान से संबंध जोड़ने के लिए किसी प्रयास की आवश्यकता नहीं है,बस सच्चे मन से भगवान को मानिए:जब भी आप उन्हें बुलाएंगे,वे आपके साथ खड़े रहेंगे। हमारा सनातन धर्म हमें यही सिखाता है कि हमें अपने धर्म से लगाव रखना चाहिए।उन्होंने कहा कि आज सनातन धर्म से जुड़े लोग इसे आगे बढ़ाने में लगे हैं, लेकिन कुछ लोग इसी धर्म के होकर भी इसमें साथ नहीं दे रहे हैं।प्रणव पुरी जी महाराज ने लोगों से अपील किया कि जहाँ कहीं भी कथा होती है,उन्हें पोस्टर देखकर वहां कथा सुनने पहुंच जाना चाहिए।उन्होंने तुलना करते हुए कहा कि यदि कहीं नाच गाने का कार्यक्रम होता है तो लोग बिना बुलाये ही पहुंच जाते हैं।इस दौरान हजारों लोग उपस्थित रहे।
ठंड से बचाव के उपाय शून्य,यात्री कड़ाके की ठंड में ठिठुरने को मजबूर *ट्रेनें लेट,फर्श पर सोते दिखे लोग
गोंडा।जिले में कड़ाके की ठंड और शीतलहर का प्रकोप जारी है इसके बावजूद गोंडा रेलवे स्टेशन पर यात्रियों को ठंड से बचाने के लिए कोई व्यवस्था नहीं की गयी है।ट्रेनों के इंतजार में घंटों तक बैठे यात्री कड़ाके की सर्दी में ठिठुरने को मजबूर हैं।देर रात एक बजे से सुबह तक लोग टिकट काउंटर से लेकर प्लेटफार्म तक यात्री फर्श पर ठिठुरते नजर आ रहे हैं।कुछ लोग सीटों पर बैठे थे तो कई फर्श पर बच्चों के साथ लेटे और बैठे थे।रेलवे स्टेशन पर कहीं भी अलाव की व्यवस्था नहीं की गई है,जिससे यात्रियों को हाथ सेंकने का मौका भी नहीं मिल रहा है।

सरकार के सख्त निर्देश हैं कि ठंड से बचाव के लिए रैन बसेरे व अलाव की व्यवस्था की जाए परंतु गोंडा रेलवे स्टेशन पर इन निर्देशों का पालन होता नहीं दिख रहा है।यात्री प्लेटफार्म के अंदर और बाहर दोनों जगह ठंड से बचने का प्रयास करते दिखे।कई यात्री ट्रेन के लेट होने के कारण अपने परिवार और बच्चों के साथ प्लेटफार्म पर ही फर्श पर बैठकर खाना खाते भी देखे गये।इस संबंध में गोंडा रेलवे स्टेशन के स्टेशन अधीक्षक ने कहा कि मामले की जांच कराई जाएगी।उन्होंने यह भी बताया कि ट्रेनें लेट होने के कारण यात्री स्टेशन पर इंतजार कर रहे हैं।

वहीं जिले के आपदा विशेषज्ञ राजेश श्रीवास्तव ने बताया कि ठंड से बचाव को लेकर सभी जगह पर रैन बसेरे बनाए जाने के निर्देश दिए गए हैं।रेलवे के अधिकारियों से आज इस पूरे मामले को लेकर मेरे द्वारा वार्ता की जाएगी।रेलवे स्टेशन के बाहर जहाँ हमारा क्षेत्र है वहां हम लोगों द्वारा अलाव की व्यवस्था की गई है।इसके साथ ही साथ जिला प्रशासन द्वारा जिले के चारों तहसीलों में 9 से अधिक स्थानों पर रैन बसेरा बनाया गया है परन्तु रेलवे स्टेशन पर क्यों नहीं बना है इसकी हमें जानकारी नहीं है।