अनामिका शुक्ला मामले में एसटीएफ की प्रारम्भिक रिपोर्ट दाखिल,हाईकोर्ट के आदेश पर हुई जांच
अनामिका के नाम पर गंभीर अनियमितता हुई रिपोर्ट में खुलासा
गोंडा।जिले के बहुचर्चित अनामिका शुक्ला प्रकरण में यूपी एसटीएफ ने लखनऊ उच्च न्यायालय में अपनी प्रारम्भिक रिपोर्ट दाखिल कर दिया है।रिपोर्ट में फर्जीवाड़े की पुष्टि करते हुए कहा गया है कि अनामिका शुक्ला के मामले में कई गंभीर अनियमितताएं हुई हैं।एसटीएफ ने कोर्ट को बताया कि मामले की जांच के दौरान विधालय के प्रबंधक और संबंधित अधिकारी सहयोग नहीं कर रहे हैं।एसटीएफ ने हाईकोर्ट में स्पष्ट किया है कि नगर कोतवाली में दर्ज मुकदमे को निरस्त करने के लिए आरोपियों की ओर से दाखिल याचिका पूरी तरह से बलहीन है और इसे न्यायहित में खारिज किया जाना चाहिए।जांच एजेंसी के मुताबिक पूरे प्रकरण की विवेचना और साक्ष्य संकलन की कार्रवाई अभी जारी है।अनामिका शुक्ला की याचिका को छोड़कर बाकी आरोपियों की याचिकाओं को निरस्त करने की कोर्ट से मांग की गई है।यूपी एसटीएफ के जांच अधिकारी सौरभ मिश्रा ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि वर्ष 2017 से जनवरी 2025 तक अनामिका शुक्ला को नियमित रूप से वेतन का भुगतान किया गया।वेतन संशोधन से जुड़े मांग पत्र पर विद्यालय से वित्त एवं लेखा विभाग को भेजे जाते थे।जिस पर विद्यालय प्रबंधक, प्रधानाचार्य और अन्य संबंधित अधिकारियों के हस्ताक्षर पाये गये हैं।जांच के दौरान जुलाई 2022 से दिसंबर 2022,फरवरी 2023 से जुलाई 2023,जनवरी 2024 से जुलाई 2024,अगस्त 2024 से नवंबर 2024 और जनवरी 2025 तक के वेतन संशोधन प्रपत्र एसटीएफ को मिले हैं।इन सभी दस्तावेजों पर संबंधित लोगों के हस्ताक्षर मौजूद हैं।विद्यालय के प्रबंधक दिग्विजय नाथ पांडेय को 20 अगस्त 2025 से 8 दिसंबर 2025 के मध्य छह बार नोटिस जारी कर व्यक्तिगत रूप से जांच में शामिल होने के लिए कहा गया परन्तु उन्होंने न तो जांच में सहयोग किया और न ही अनामिका शुक्ला की नियुक्ति से जुड़े अभिलेख उपलब्ध कराए।हालांकि 14 अगस्त को दिग्विजय नाथ पांडेय यूपी एसटीएफ की अयोध्या इकाई के कार्यालय में उपस्थित होकर बयान दर्ज करवा चुके हैं लेकिन अभी तक नियुक्ति से संबंधित कोई पत्रावली नहीं सौंपी गई है।जांच अधिकारी ने कोर्ट को बताया कि प्रबंधक से अनामिका शुक्ला के नियुक्ति से संबंधित विज्ञापन, प्रबंध समिति का प्रस्ताव,बेसिक शिक्षा अधिकारी को भेजा गया अनुमोदन पत्र,प्रथम वेतन भुगतान से जुड़ा लेख पत्र,उपस्थिति पंजिका और अन्य आवश्यक दस्तावेज मांगे गये थे परन्तु इनमें से कोई भी अभिलेख उपलब्ध नहीं कराया गया।एसटीएफ ने हाईकोर्ट से अनुरोध किया है कि विवेचना और साक्ष्य संकलन के लिए न्यायोचित समय प्रदान किया जाये तथा साथ ही आरोपियों द्वारा मुकदमा निरस्त कराने के लिए दाखिल याचिका को बलहीन बताते हुए न्यायहित में खारिज किये जाने की मांग की है।यहाँ यह स्पष्ट करना आवश्यक है कि निलंबित जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी अतुल कुमार तिवारी,तत्कालीन वित्त एवं लेखाधिकारी सिद्धार्थ दीक्षित,बेसिक शिक्षा विभाग के पटल लिपिक सुधीर कुमार सिंह,वित्त एवं लेखा विभाग के पटल लिपिक अनुपम कुमार पाण्डेय,अनामिका शुक्ला,विद्यालय प्रबंधक दिग्विजय नाथ पांडेय और प्रधानाचार्य उमेश चंद्र तिवारी ने लखनऊ हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर नगर कोतवाली में दर्ज मुकदमे को गलत बताते हुए निरस्त करने की मांग की थी।इस पूरे मामले की जांच हाईकोर्ट के आदेश पर यूपी एसटीएफ कर रही है।
3 hours ago
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