विधानसभा शीतकालीन सत्र-2025: 19 से 24 दिसंबर तक अभेद्य सुरक्षा घेरा, ATS–PAC कमांडो तैनात


लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधान मंडल का तृतीय (शीतकालीन) सत्र 19 दिसंबर 2025 से प्रारंभ होकर 24 दिसंबर 2025 तक चलेगा। सत्र के दौरान माननीय मुख्यमंत्री, मंत्रियों और विधायकों की सुरक्षा के साथ-साथ सदन की कार्यवाही को शांतिपूर्ण व निर्बाध रूप से संपन्न कराने के लिए पुलिस प्रशासन ने व्यापक और अभेद्य सुरक्षा व्यवस्था लागू की है।

संपूर्ण विधान भवन और आसपास के क्षेत्रों को सुरक्षा की दृष्टि से 04 जोन और 10 सेक्टर में विभाजित किया गया है। प्रत्येक जोन की कमान अपर पुलिस उपायुक्त स्तर के अधिकारियों के पास होगी, जबकि सेक्टरों की जिम्मेदारी सहायक पुलिस आयुक्त स्तर के अधिकारी संभालेंगे। सुरक्षा को चार स्तरीय घेरों— आइसोलेशन कोर्डन, इनर कोर्डन, आउटर कोर्डन और आउटर मोस्ट कोर्डन—में विभाजित किया गया है।

सत्र के दौरान कानून-व्यवस्था और यातायात व्यवस्था बनाए रखने के लिए भारी पुलिस बल की तैनाती की गई है। इसमें 04 अपर पुलिस उपायुक्त और 11 सहायक पुलिस आयुक्त शामिल हैं। विशेष सुरक्षा के तहत पीएसी/आरआरएफ की 06 कंपनियाँ और एटीएस की 03 विशेष कमांडो टीमें तैनात रहेंगी।

खुफिया और तकनीकी सुरक्षा को मजबूत करने के लिए एलआईयू की सादे कपड़ों में तैनाती, 18 डोर फ्रेम मेटल डिटेक्टर (DFMD), 02 बम निरोधक दस्ते (BDDS), एंटी-माइन टीम और चेक टीमें लगातार सक्रिय रहेंगी।

यातायात व्यवस्था को नियंत्रित करने के लिए 14 निरीक्षक, 68 उप-निरीक्षक, कुल 218 मुख्य आरक्षी व आरक्षी तथा 67 होमगार्ड लगाए गए हैं। कुल मिलाकर सुरक्षा व्यवस्था में 32 निरीक्षक, 286 उप-निरीक्षक, 27 महिला उप-निरीक्षक, 713 मुख्य आरक्षी व आरक्षी, 140 महिला आरक्षी और 67 होमगार्ड तैनात रहेंगे।

पुलिस प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि सत्र अवधि के दौरान किसी भी तरह की अव्यवस्था या सुरक्षा चूक को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और पूरे क्षेत्र में सतर्क निगरानी बनाए रखी जाएगी।
यूपी में कड़ाके की ठंड का कहर, 21 जिलों में रेड अलर्ट
* प्रदेश में घने कोहरे से जनजीवन अस्त-व्यस्त

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में ठंड ने अपना प्रचंड रूप दिखाना शुरू कर दिया है। प्रदेश के कई जिलों में भीषण ठंड और घने कोहरे को लेकर मौसम विभाग ने रेड अलर्ट जारी किया है। आने वाले दिनों में ठंड और बढ़ने की चेतावनी दी गई है, जिससे जनजीवन पर गंभीर असर पड़ने की आशंका है।

मौसम विभाग के अनुसार, 21 जिलों में जबरदस्त ठंड और घने कोहरे का अलर्ट जारी किया गया है। कई इलाकों में कोहरे के कारण विजिबिलिटी शून्य तक पहुंच गई है, जिससे सड़क और रेल यातायात बुरी तरह प्रभावित हो रहा है।

रेड अलर्ट वाले जिलों में बरेली, पीलीभीत, लखीमपुर खीरी, आगरा, फिरोजाबाद, मैनपुरी, इटावा, औरैया, आजमगढ़, बहराइच, श्रावस्ती, कानपुर देहात, फतेहपुर, कौशांबी, प्रयागराज, गोरखपुर, देवरिया, मऊ और बलिया शामिल हैं।

प्रशासन ने लोगों से अनावश्यक यात्रा से बचने, ठंड से बचाव के उपाय अपनाने और विशेष रूप से बुजुर्गों व बच्चों का ध्यान रखने की अपील की है। ठंड और कोहरे का यह दौर अगले कुछ दिनों तक जारी रहने की संभावना जताई जा रही है।


*कोहरे में यमुना एक्सप्रेसवे पर सख्ती, ट्रैफिक पुलिस ने जारी की एडवाइजरी*


घने कोहरे और कम विजिबिलिटी को देखते हुए यमुना एक्सप्रेसवे पर ट्रैफिक पुलिस ने सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी है। यात्रियों की सुरक्षित आवाजाही सुनिश्चित करने के लिए विशेष इंतजाम किए जा रहे हैं।

डीसीपी ट्रैफिक प्रवीन रंजन ने बताया कि कोहरे के दौरान जब विजिबिलिटी 50 मीटर से कम हो जाती है, तो वाहनों को एक्सप्रेसवे की एज लाइन पर खड़ा कराया जाता है। इसके बाद 15 से 20 गाड़ियों को एक साथ काफिले के रूप में आगे भेजा जाता है, ताकि सभी वाहन धीमी गति से सुरक्षित रूप से अपने गंतव्य तक पहुंच सकें।

उन्होंने कहा कि तय गति सीमा से अधिक रफ्तार से चलने वाले वाहनों पर सख्त कार्रवाई की जा रही है। ट्रैफिक पुलिस लगातार निगरानी कर रही है और ड्राइवरों से अपील की जा रही है कि वे कोहरे में वाहन चलाते समय हेडलाइट, फॉग लाइट और निर्धारित स्पीड लिमिट का पालन करें।

प्रशासन ने लोगों से अनावश्यक यात्रा से बचने और ट्रैफिक नियमों का सख्ती से पालन करने की अपील की है, ताकि किसी भी तरह की दुर्घटना से बचा जा सके।
विधानसभा शीतकालीन सत्र आज से, हजरतगंज–विधानसभा मार्ग रहेंगे प्रतिबंधित
लखनऊ । उत्तर प्रदेश विधानसभा के तृतीय सत्र-2025 के दौरान 19 दिसंबर 2025 को प्रस्तावित कार्यक्रमों के मद्देनज़र राजधानी लखनऊ में यातायात व्यवस्था में व्यापक बदलाव किए गए हैं। सुगम यातायात संचालन और सुरक्षा व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए विधानसभा, हजरतगंज, जीपीओ, रॉयल होटल, डीएसओ चौराहा समेत कई प्रमुख मार्गों पर सामान्य वाहनों और रोडवेज/सिटी बसों की आवाजाही प्रतिबंधित रहेगी।

इस तरह रहेगा का डायवर्जन प्लान

ट्रैफिक पुलिस द्वारा जारी डायवर्जन प्लान के अनुसार, बंदरियाबाग, डीएसओ, सिकन्दरबाग, परिवर्तन चौक, कैसरबाग, 1090 (गांधी सेतु), कैण्ट, चिरैयाझील और बर्लिंग्टन चौराहा होते हुए वैकल्पिक मार्गों से यातायात संचालित किया जाएगा। गोमतीनगर, चारबाग और महानगर की ओर से आने वाली रोडवेज व सिटी बसों के लिए भी अलग-अलग वैकल्पिक रूट निर्धारित किए गए हैं।

केवल इन वाहनों को रहेगी छूट

हालांकि, चिकित्सकीय अपरिहार्यता की स्थिति में एम्बुलेंस, फायर सर्विस, स्कूली वाहन और शव वाहन को आवश्यकता पड़ने पर प्रतिबंधित मार्गों से भी अनुमति दी जा सकेगी। इसके लिए ट्रैफिक कंट्रोल नंबर 9454405155 पर संपर्क किया जा सकता है। ट्रैफिक पुलिस ने नागरिकों से अपील की है कि वे घर से निकलने से पहले डायवर्जन प्लान देखकर ही यात्रा करें और पुलिस के निर्देशों का पालन करें।
2026 में अमेठी को मिलेगा 550 बेड वाला आधुनिक मेडिकल कॉलेज
*योगी सरकार की सौगात : 300 करोड़ की लागत से तैयार हो रहा अमेठी का स्वशासी चिकित्सा महाविद्यालय

*31 जनवरी 2026 तक 300 बेड का अस्पताल व क्रिटिकल केयर ब्लॉक होंगे हैंडओवर

*एमबीबीएस से लेकर डीएनबी तक, अमेठी मेडिकल कॉलेज बनेगा चिकित्सा शिक्षा का नया केंद्र*

*नए साल में नर्सिंग कॉलेज समेत चिकित्सा सुविधाओं का होगा व्यापक विस्तार*

लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत बनाने के लिए लगातार बड़े कदम उठा रही है। अमेठी की तिलोई तहसील में स्थित स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालय इसी दिशा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। करीब 300 करोड़ रुपये की लागत से हो रहा इस महाविद्यालय का निर्माण कार्य लगभग पूरा हो चुका है। वर्तमान में महाविद्यालय से संबद्ध 200 बेड वाले अस्पताल में सेवाएं संचालित हैं, जबकि 31 जनवरी 2026 तक 300 बेड का नया अस्पताल और 50 बेड का क्रिटिकल केयर ब्लॉक हैंडओवर किया जाएगा। इससे कुल बेड की संख्या 550 हो जाएगी, जिससे क्षेत्र में स्वास्थ्य सुविधाओं को बड़ा बढ़ावा मिलेगा। साथ ही नर्सिंग कॉलेज का निर्माण भी इसी तिथि तक पूरा होने की उम्मीद है। योगी सरकार की यह पहल अमेठी सहित आसपास के जिलों के लोगों के लिए वरदान साबित हो रही है। क्षेत्रवासियों का लंबे समय से चला आ रहा मेडिकल कॉलेज का सपना अब साकार हो रहा है और 2026 तक यह संस्थान पूर्ण रूप से 500 प्लस बेड वाले आधुनिक चिकित्सा केंद्र के रूप में स्थापित हो जाएगा। *शैक्षणिक सुविधाओं का तेजी से विस्तार राज्य स्वशासी चिकित्सा महाविद्यालय में शैक्षणिक गतिविधियां भी तेजी से बढ़ रही हैं। एमबीबीएस कोर्स में 100 सीटें स्वीकृत हैं। पैरामेडिकल क्षेत्र में 11 डिप्लोमा कोर्स चलाए जा रहे हैं, जिनमें कुल 230 सीटें हैं। इनमें एनेस्थीसिया एवं क्रिटिकल केयर टेक्नीशियन, ब्लड ट्रांसफ्यूजन, इमरजेंसी एवं ट्रॉमा केयर, लैब टेक्नीशियन, ऑपरेशन थियेटर टेक्नीशियन, एक्स-रे टेक्नीशियन जैसे महत्वपूर्ण कोर्स शामिल हैं। *कई विभागों को मिल सकती है डीएनबी की सीटें आगामी सत्र 2026-27 से बीएससी नर्सिंग कोर्स में 60 सीटें शुरू होने की तैयारी है। पोस्टग्रेजुएट स्तर पर डीएनबी कोर्स में प्रसूति एवं स्त्री रोग, बाल रोग, एनेस्थीसिया में डिप्लोमा और मेडिसिन में डिग्री कोर्स स्वीकृत हैं। कुछ अन्य कोर्सों का निरीक्षण पूरा हो चुका है और परिणाम का इंतजार है। *जानिए, अस्पताल में क्या क्या मिल रहीं चिकित्सा सुविधाएं महाविद्यालय से जुड़े अस्पताल में ओपीडी और इनडोर सेवाएं नियमित चल रही हैं। मेडिसिन, सर्जरी, गायनेकोलॉजी, पीडियाट्रिक्स, ऑर्थोपेडिक्स, ईएनटी, डर्मेटोलॉजी समेत कई विभागों में रोजाना 1000 से ज्यादा मरीजों का इलाज हो रहा हैं।आपातकालीन सेवाएं वर्तमान में 10 बेड पर चल रही हैं, जो नए अस्पताल के शुरू होने पर 30 बेड तक बढ़ जाएंगी। अस्पताल में 7 मेजर और 5 माइनर ऑपरेशन थियेटर, 20 बेड का आईसीयू और एनआईसीयू की सुविधा उपलब्ध है। 24×7 डायग्नोस्टिक सेवाएं जैसे सीटी स्कैन, एक्स-रे, अल्ट्रासाउंड, पैथोलॉजी लैब, ब्लड स्टोरेज, फार्मेसी, ईकोकार्डियोग्राफी और ईसीजी भी मरीजों को मिल रही हैं। *नए वर्ष पर चिकित्सा सुविधाओं में होगा विस्तार मेडिकल कॉलेज की प्राचार्य डॉ रीना शर्मा ने बताया कि सरकार की मंशा के अनुसार न सिर्फ योजनाओं को लागू किया जा रहा है बल्कि स्वास्थ्य सेवाओं में भी वृद्धि की जा रही है। कार्यदाई संस्था लोक निर्माण विभाग कार्य करा रहा है। उम्मीद है कि हम नए वर्ष में नई किरणों के साथ चिकित्सकीय सुविधाओं में विस्तार करेंगे। *निर्माण पूरा अब फिनिशिंग का कार्य चल रहा लोक निर्माण विभाग सीडी टू के अधिशासी अभियंता उमेश चंद्र ने बताया कि मेडिकल कालेज का भवन अब जी प्लस सिक्स हो गया है। अब सिर्फ फिनिशिंग का कार्य चल रहा है। इसके अलावा महाविद्यालय में डायरेक्टर रूम, नर्सिंग, हॉस्टल आदि का भी कार्य चल रहा है, जिसे सिडको करा रहा है। कुल मिलाकर लगभग 300 करोड़ रुपए का प्रोजेक्ट है।
योगी सरकार का युवाओं को मेगा गिफ्ट: 2026 में डेढ़ लाख सरकारी नौकरियों की बहार
* 10 साल में 10 लाख सरकारी नौकरियां देने वाली प्रदेश की पहली सरकार बनेगी योगी सरकार

लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश के युवाओं के लिए रोजगार के द्वार खोलते हुए वर्ष 2026 में डेढ़ लाख नई सरकारी भर्तियों को हरी झंडी दे दी है। इस महा-अभियान के पूरा होते ही योगी सरकार के नाम 10 साल के कार्यकाल में रिकॉर्ड 10 लाख सरकारी नौकरियां देने का गौरवशाली कीर्तिमान दर्ज हो जाएगा। सीएम ने उच्चाधिकारियों के साथ बैठक कर सभी विभागों से रिक्तियों का ब्यौरा तलब किया है। * पुलिस और शिक्षा विभाग में सबसे बड़ी भर्ती आगामी भर्तियों में सबसे ज्यादा जोर पुलिस और शिक्षा क्षेत्र पर है। पुलिस विभाग में 50 हजार पदों पर भर्ती होगी, जिसमें 30 हजार आरक्षी (कॉन्स्टेबल) और 5 हजार सब-इंस्पेक्टर के पद शामिल हैं। वहीं शिक्षा विभाग में भी सहायक अध्यापक और लेक्चरर समेत 50 हजार पदों पर नियुक्तियां की जाएंगी। रिकॉर्ड: पिछले साढ़े आठ वर्षों में अब तक 8.5 लाख युवाओं को मिल चुकी है सरकारी नौकरी। लक्ष्य 2026: पुलिस, शिक्षा, राजस्व और स्वास्थ्य समेत विभिन्न विभागों में 1.5 लाख नई भर्तियां। पारदर्शिता: निष्पक्ष और पारदर्शी चयन प्रक्रिया से युवाओं में बढ़ा सरकार के प्रति भरोसा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 2026 के लिए डेढ़ लाख नई भर्तियों का खाका तैयार कर यह स्पष्ट कर दिया है कि उनकी प्राथमिकता युवाओं को आत्मनिर्भर बनाना है। आवास विकास, बाल विकास पुष्टाहार और कारागार जैसे विभागों में भी रिक्त पदों को भरने की प्रक्रिया अंतिम चरण में है।
ट्रांसमिशन सिस्टम के आधुनिकीकरण पर कार्यशाला का आयोजन

* उपलब्धियां के साथ चुनौतियों और सुरक्षा पर विशेष जोर

लखनऊ। उत्तर प्रदेश पावर ट्रांसमिशन कॉरपोरेशन लिमिटेड द्वारा इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान, लखनऊ में ट्रांसमिशन सिस्टम के आधुनिकीकरण से संबंधित एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला में नगर विकास एवं ऊर्जा मंत्री ए. के. शर्मा ने बतौर मुख्य अतिथि प्रतिभाग किया। कार्यशाला का उद्देश्य प्रदेश के विशाल एवं जटिल ट्रांसमिशन नेटवर्क को और अधिक बेहतर, कुशल तथा परिणामोन्मुख बनाना रहा।अपने संबोधन में ऊर्जा मंत्री ए. के. शर्मा ने कहा कि उत्तर प्रदेश पावर ट्रांसमिशन कॉरपोरेशन लिमिटेड आज देश की सबसे प्रमुख और भरोसेमंद ट्रांसमिशन यूटिलिटीज में से एक है। उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश लगातार कई वर्षों से देश का सर्वाधिक पीक लोड वाला राज्य रहा है और हाल ही में 31,486 मेगावाट की अधिकतम विद्युत मांग को सफलतापूर्वक संभालना प्रदेश के मजबूत ट्रांसमिशन नेटवर्क, बेहतर योजना और तकनीकी दक्षता का प्रमाण है। मंत्री श्री शर्मा ने कहा कि कभी बीमारू राज्य कहलाने वाला उत्तर प्रदेश आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन एवं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में प्रत्येक क्षेत्र में निरंतर प्रगति कर रहा है। विद्युत क्षेत्र में उत्पादन, ट्रांसमिशन और वितरण—तीनों स्तरों पर ऐतिहासिक बदलाव हुए हैं। पिछले कुछ वर्षों में लगभग डेढ़ लाख ऐसे गांवों और बसावटों तक विद्युत पहुंचाई गई है, जहां पहले बिजली की सुविधा उपलब्ध नहीं थी।उन्होंने आगे कहा कि ग्रीन एनर्जी और सोलर पावर के क्षेत्र में देश तेजी से आगे बढ़ रहा है। सोलर एनर्जी की क्षमता लगभग 130 गीगावाट तक पहुंच चुकी है, जिसमें उत्तर प्रदेश की महत्वपूर्ण भागीदारी है। ग्रीन एनर्जी कॉरिडोर के विकास में उत्तर प्रदेश देश में दूसरे स्थान पर है। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा भारत को वर्ष 2070 तक नेट ज़ीरो के लक्ष्य तक पहुंचाने के लिए जो रोडमैप तैयार किया गया है, उसमें ट्रांसमिशन सिस्टम की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। ऊर्जा मंत्री ने उपलब्धियों के साथ-साथ चुनौतियों पर भी विस्तार से चर्चा की। उन्होंने कहा कि उल्लेखनीय प्रगति के बावजूद अभी भी सुधार की पर्याप्त गुंजाइश है। विद्युत दुर्घटनाओं को पूरी तरह रोकने के लिए तकनीकी समाधान, आधुनिक उपकरणों का उपयोग तथा सुरक्षित कार्यप्रणाली पर इस कार्यशाला में गंभीर मंथन किया जाना चाहिए। साथ ही साइबर डेटा से जुड़ी चुनौतियों, साइबर सुरक्षा और ट्रांसमिशन सिस्टम को भविष्य के लिए और अधिक सुरक्षित व मजबूत बनाने पर भी विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। कार्यक्रम में ऊर्जा राज्य मंत्री सोमेंद्र तोमर, अपर मुख्य सचिव ऊर्जा नरेंद्र भूषण तथा चेयरमैन आशीष गोयल ने भी अपने संबोधन में विद्युत ट्रांसमिशन व्यवस्था को और अधिक सुदृढ़, आधुनिक तथा विश्वसनीय बनाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि इस प्रकार की कार्यशालाएं अधिकारियों और तकनीकी विशेषज्ञों को भविष्य की चुनौतियों के लिए तैयार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। इस अवसर पर एमडी मयूर माहेश्वरी और पंकज कुमार, विद्युत विभाग के सभी वरिष्ठ अधिकारियों के साथ प्रदेश भर से आए अधीक्षण अभियंता,अधिशाषी अभियंता आदि शामिल रहे। इस कार्यक्रम का सजीव प्रसारण प्रदेश के सभी विद्युत सब स्टेशन पर देखा गया।
नवनिर्मित राष्ट्रीय प्रेरणा स्थल का मंत्री एके शर्मा ने किया निरीक्षण


*अवशेष कार्य शीघ्र पूर्ण कराने के दिए निर्देश* लखनऊ। नगर विकास एवं ऊर्जा मंत्री ए के शर्मा ने नगर निगम लखनऊ सीमा क्षेत्र में नवनिर्मित राष्ट्रीय प्रेरणा स्थल का स्थलीय निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान उन्होंने परियोजना की प्रगति की विस्तृत समीक्षा की तथा शेष बचे अवशेष कार्यों को गुणवत्ता के साथ शीघ्र पूर्ण कराने के निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिए। मंत्री ने कहा कि यह स्थल लखनऊ नगर के लिए एक प्रेरणादायी और उदाहरण प्रस्तुत करने वाला केंद्र बनेगा। मंत्री श्री शर्मा ने बताया कि नगर निगम लखनऊ क्षेत्र में वर्ष 2016 तक आईआईएम रोड, घैला स्थित स्थल एकमात्र डंपिंग स्थल था, जहां प्रतिदिन पूरे नगर से उत्सर्जित ठोस अपशिष्ट का परिवहन कर डंप किया जाता था। उस समय वैज्ञानिक निस्तारण की समुचित व्यवस्था उपलब्ध न होने के कारण घैला डंपिंग स्थल पर लगभग 6,33,911 मीट्रिक टन लिगेसी वेस्ट एकत्र हो गया था, जिससे पर्यावरण, भू-जल और आसपास के निवासियों के स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा था। नगर विकास एवं ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने बताया कि लिगेसी वेस्ट के वैज्ञानिक निस्तारण की प्रक्रिया अपनाते हुए इस पूरे क्षेत्र को कूड़ा मुक्त किया गया है और अब इसे राष्ट्रीय प्रेरणा स्थल के रूप में विकसित कर भव्य स्वरूप प्रदान किया गया है। उन्होंने कहा कि वर्षों पुरानी समस्या का समाधान करते हुए यह कार्य स्वच्छ भारत मिशन की भावना को साकार करता है। मंत्री ने कहा कि यह परियोजना केवल स्वच्छता तक सीमित नहीं है, बल्कि पर्यावरण संरक्षण, हरित विकास और नगर के सतत विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण और सराहनीय पहल है। उन्होंने अधिकारियों से अपेक्षा की कि सभी शेष कार्य समयबद्ध ढंग से पूर्ण कर इस स्थल को आमजन के लिए अधिक आकर्षक, उपयोगी और प्रेरणास्पद बनाया जाए।निरीक्षण के दौरान स्वच्छता व्यवस्था, हरित क्षेत्र विकास, सौंदर्यीकरण और भविष्य की रखरखाव योजनाओं पर भी चर्चा की गई। मंत्री ने स्पष्ट किया कि इस प्रकार की परियोजनाएं अन्य नगरों के लिए भी मॉडल के रूप में प्रस्तुत की जानी चाहिए। इस अवसर पर महापौर श्रीमती सुषमा खर्कवाल, नगर आयुक्त गौरव कुमार सहित नगर निगम के विकास प्राधिकरण से संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे।
नहीं रहे मूर्तियों को गढ़ने वाले जादूगर पद्मश्री राम सुतार
लखनऊ /नोएडा। विश्व प्रसिद्ध मूर्ति कार पद्मश्री राम सुतार वनजी का बुधवार देर रात को निधन हो गया। उनके निधन से कला और संस्कृति जगत में शोक की लहर व्याप्त हो गई है। उन्होंने सेक्टर 19 स्थित अपने निवास पर अंतिम सांस ली। अभी हाल ही में महाराष्ट्र सरकार द्वारा उन्हें महाराष्ट्र भूषण सम्मान से सम्मानित किया गया था। उन्हें सम्मानित करने के लिए मुख्यमंत्री समेत पूरी महाराष्ट्र गवर्नमेंट नोएडा स्थित उनके घर पहुंची थी। उन्हें देश-विदेश में कई अवार्ड मिले हैं। उन्होंने विश्व प्रसिद्ध 182 मीटर ऊँची स्टैचू ऑफ यूनिटी बनाकर एक इतिहास रच दिया था। उनके निधन की सूचना पर देश-विदेश के नेता, मूर्तिकार, कलाकार, सामाजिक लोग शोक व्यक्त कर रहे हैं। उनका अंतिम संस्कार आज नोएडा के सेक्टर 94 स्थित अंतिम निवास पर किया जाएगा। आज सुबह से ही उनके घर पर लोगों का ताता लगना शुरू हो गया है। जिला प्रशासन और पुलिस ने भी उनके अंतिम संस्कार में होने वाली भीड़ को देखते हुए सुरक्षा व्यवस्था का इंतजाम किया है। सोशल मीडिया पर भी लोग शोक व्यक्त कर रहे हैं। राम सुतार के बेटे अनिल सुतार ने बताया कि वह कई दिनों से अस्वस्थ चल रहे थे। पद्म भूषण से सम्मानित 100 वर्षीय उनके पिता ने नोएडा में अपने घर पर ही आखिरी सांस ली। उनके निधन से कला जगत में शोक की लहर दौड़ गई है। रामसुतार का जन्म 19 फ़रवरी 1925 को महाराष्ट्र में धूलिया जिले के गोन्दुर गाँव में एक गरीब परिवार में हुआ था। उनके पिता वनजी हंसराज जाति व कर्म से सुतार थे। 1952 में उनका विवाह श्रीमती प्रमिला के साथ हुआ जिनसे उनको 1957 में एकमात्र पुत्र अनिल रामसुतार पैदा हुए। अनिल वैसे तो पेशे से वास्तुकार है परन्तु अब वह भी नोएडा स्थित अपने पिता के स्टूडियो व कार्यशाला की देखरेख का कार्य करता है। उन्होने अपने गुरु रामकृष्ण जोशी से प्रेरणा लेकर मुम्बई स्थित जे०जे०स्कूल ऑफ आर्ट में दाखिला लिया और 1953 में इसी स्कूल से मॉडेलिंग में सर्वोच्च अंक अर्जित करते हुए मेयो गोल्ड मेडल हासिल किया। मॉडेलर के रूप में औरंगाबाद के आर्कियोलोजी विभाग में रहते हुए 1954 से 1958 तक उन्होने अजन्ता व एलोरा की प्राचीन गुफाओं में मूर्तियों के पुनर्स्थापन (रेस्टोरेशन) का कार्य किया। 1958-59 में वह सूचना व प्रसारण मन्त्रालय भारत सरकार के दृश्य श्रव्य विभाग में तकनीकी सहायक भी रहे। 1959 में उन्होने स्वेच्छा से सरकारी नौकरी छोड़ दी और पेशेवर मूर्तिकार बन गये। उसके बाद अपने परिवार के साथ वह नोएडा में निवास करने लगे। राम सुतार ने महज एक मूर्तिकार के रूप में नहीं, बल्कि राष्ट्र के गौरव को जीवंत करने वाले कलाकार के रूप में अपनी पहचान बनाई। सरदार पटेल की 182 मीटर ऊंची स्टैच्यू ऑफ यूनिटी हो या महात्मा गांधी की ध्यानमग्न मुद्रा वाली प्रतिमाएं , उनके हाथों से निकली हर रचना देश की स्मृतियों में अमर हो गई। 1925 में महाराष्ट्र के एक साधारण परिवार में जन्मे सुतार ने छेनी-हथौड़ी से सपनों को तराशा और भारत को विश्व स्तर पर गौरवान्वित किया। वैसे तो आपने बहुत सी मूर्तियाँ बनायीं किन्तु उनमें से कुछ उल्लेखनीय योगदान इस प्रकार हैं। 45 फुट ऊँची चम्बल देवी की मूर्ति गंगासागर बाँध मध्य प्रदेश, 21 फुट ऊँची महाराजा रणजीत सिंह की मूर्ति अमृतसर,18 फुट ऊँची सरदार वल्लभ भाई पटेल की मूर्ति संसद भवन नई दिल्ली,17 फुट ऊँची मोहनदास कर्मचन्द गान्धी की मूर्ति गान्धीनगर गुजरात,9 फुट ऊँची भीमराव अम्बेडकर की मूर्ति जम्मू, भारत के राष्ट्रपति शंकर दयाल शर्मा की आवक्ष प्रतिमा, अयोध्या में बने राम मंदिर में स्थापित मूर्ति का निर्माण। भारत के प्रथम गृहमंत्री स्वर्गीय लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल की विश्व की सर्वाधिक ऊंची मूर्ति:182 मीटर अर्थात 597 फीट (स्टैच्यू ऑफ यूनिटी) कुरुक्षेत्र के ब्रह्मसरोवर मैं स्थित कृष्ण -अर्जुन रथ आदि शामिल है।
प्रेम विवाह करने पर युवक काे पेड़ से बांधकर पीटा, जूतों-चप्पलों की माला पहनाकर किया अपमान, वीडियो वायरल, दाे आराेपित गिरफ्तार
लखनऊ । उत्तर प्रदेश के जनपद औरैया में फफूंद थाना क्षेत्र में प्रेम विवाह करने पर एक युवक के साथ अमानवीय व्यवहार का मामला सामने आया है। युवक को पेड़ से बांधकर बेरहमी से पीटने और जूतों-चप्पलों की माला पहनाकर उसका सार्वजनिक रूप से अपमान किया गया है। इस घटना का वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस प्रशासन हरकत में आया और मामले में एफआईआर दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है। इटावा जिले के भरथना क्षेत्र निवासी उपेंद्र बीएससी की पढ़ाई कर रहा है। उसने 29 नवंबर को पड़ाेसी जनपद औरैया के फफूंद थाना क्षेत्र में रहनेवाली कल्पना नाम की युवती से प्रेम विवाह किया था। आरोप है कि 7 दिसंबर को उपेंद्र अपनी पत्नी को लेकर उसके मायके क्षेत्र पहुंचा था। इसी दौरान रामपुर कुंवर गांव के कुछ युवकों ने उसे पकड़ लिया। पीड़ित उपेंद्र के अनुसार, दीपू और भूरे नाम के युवकों ने उसे पकड़कर पेड़ से बांध दिया। इसके बाद आलोक और राजाराम ने बांस से उसकी जमकर पिटाई की। मारपीट यहीं नहीं रुकी, आरोपिताें ने उसे जूतों-चप्पलों की माला पहनाकर अपमानित किया और पूरी घटना का वीडियो भी बना लिया। पीड़ित का आरोप है कि बाद में आरोपिताें ने उसे पुलिस के हवाले कर दिया, लेकिन थाने में उसकी कोई सुनवाई नहीं हुई। घटना के बाद डर और दबाव के चलते वह सामने आने की हिम्मत नहीं जुटा सका। हाल ही में पिटाई का वीडियो वायरल हुआ, जो किसी तरह पीड़ित के पिता हरिश्चंद्र तक पहुंच गया। वीडियो देखकर परिजनों के होश उड़ गए। वायरल वीडियाे और बेटे के साथ अमानवीय घटना की जानकारी पर पीड़ित के पिता ने पुलिस अधीक्षक औरैया से इस मामले की शिकायत की।पुलिस अधीक्षक अभिषेक भारती ने गुरुवार काे बताया कि उक्त मामले में तहरीर और वायरल वीडियो के आधार पर फफूंद थाने में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। अब तक दो आरोपिताें को गिरफ्तार किया जा चुका है, जबकि अन्य की तलाश जारी है। वीडियो की जांच कर सभी आराेपिताें के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
यूपी विधानसभा शीतकालीन सत्र के दौरान वंदे मातरम पर 5 घंटे चर्चा

लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधानसभा शीतकालीन सत्र के दौरान वंदे मातरम पर 5 घंटे की चर्चा की जाएगी। 19 दिसंबर को शुरू हो रहे विधानसभा सत्र से एक दिन पूर्व आज गुरुवार को कार्य मंत्रणा समिति की बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना के साथ ही सत्ताधारी समेत अन्य पार्टियों के सदस्य शामिल हुए। 19 से 24 दिसंबर तक विधानसभा चलेगी बैठक से बाहर निकले समाजवादी पार्टी (सपा) के नेता विधायक रविदास मेहरोत्रा बताया कि 19 से 24 दिसंबर तक विधानसभा चलेगी। पहले दिन सदन में निधन पर शोक के बाद कार्यवाही स्थगित हो जाएगी। शनिवार और रविवार को अवकाश रहेगा। सोमवार यानी 22 दिसंबर को सदन की कार्यवाही फिर से चलेगी। इसी दिन वंदे मातरम पर चर्चा होगी। विपक्ष ने सत्र के दिन बढ़ाने की मांग की विपक्षी विधायक सपा नेता रविदास मेहरोत्रा ने पत्रकारों से बताया कि सरकार ने वंदे मातरम पर चर्चा के लिए चार घंटे का प्रस्ताव रखा था। विपक्ष ने 8 घंटे चर्चा की मांग की। इस पर पांच घंटे चर्चा पर सहमति बनी है। उन्होंने बताया कि कार्यमंत्रणा समिति की बैठक में विपक्ष ने सत्र के दिन बढ़ाने की मांग की। साथ ही यह भी मांग की गई कि शनिवार और रविवार को भी अवकाश स्थगित कर सदन की कार्यवाही संचालित की जाए। इस पर सरकार की तरफ से विचार करने की बात कही गई है। विधान सभा की कार्यवाही का 24 दिसंबर तक चलने का प्रस्तावित कार्यक्रम है।