उत्तराखंड: मानव सेवा से ही ईश्वर की प्राप्ति संभव- करौली शंकर महादेव
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करौली सरकार द्वारा ‘आईसीयू ऑन व्हील’ सेवा का शुभारम्भ, तीर्थनगरीवासियों को मिलेगा लाभ
हरिद्वार , उत्तराखंड। करौली शंकर महादेव धाम, मिश्री मठ के परमाध्यक्ष करौली शंकर महादेव ने कहा कि मानव सेवा से बढ़कर कोई साधना नहीं है। पीड़ित, असहायजन और दरिद्र की सेवा ही हमें नारायण के साक्षात सान्निध्य के निकट ले जाती है। उन्होंने कहा कि मंत्र, जाप, ध्यान और योग से जहाँ हमारा लोक जीवन सुधरता है, वहीं मानव सेवा से लोक और परलोक दोनों का कल्याण होता है।
करौली शंकर महादेव पंचदिवसीय पूर्णिमा महोत्सव एवं गुरु नानक जयंती के पावन अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में ‘आईसीयू ऑन व्हील’ सेवा का लोकार्पण कर रहे थे। उन्होंने कहा कि सेवा प्रकल्पों की श्रृंखला में यह एम्बुलेंस वाहन जनसेवा हेतु समर्पित किया गया है, जो 24 घंटे रोगियों, असहायजनों व पीड़ितों की सहायता के लिए उपलब्ध रहेगा। यह सेवा आकस्मिक परिस्थितियों में तत्काल चिकित्सा सहायता प्रदान करेगी।
उन्होंने कहा कि गुरु नानक देव जी महाराज ने समाज में समरसता और सद्भाव का जो संदेश दिया, वह आज भी उतना ही प्रासंगिक है। उनकी जयंती के अवसर पर ‘आईसीयू ऑन व्हील’ सेवा का शुभारम्भ समाज सेवा और आध्यात्मिकता के समन्वय का प्रतीक है। करौली शंकर महादेव ने कहा कि यह पहल तीर्थनगरी हरिद्वार के साथ-साथ तीर्थयात्रियों के लिए भी अत्यंत लाभदायक सिद्ध होगी।
परमाध्यक्ष ने बताया कि करौली सरकार राष्ट्र को रोगमुक्त और शोकमुक्त बनाने के संकल्प के साथ कार्य कर रही है। संस्था ध्यान साधना, योग, मंत्र दीक्षा और विविध आध्यात्मिक आयोजनों के माध्यम से लोगों में सकारात्मकता और आरोग्यता का संदेश प्रसारित कर रही है। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड में संस्था अपने सेवा प्रकल्पों का निरंतर विस्तार कर रही है। आगामी समय में शिक्षा और चिकित्सा को भारतीय संस्कृति और संस्कारों से जोड़कर आमजन तक पहुँचाने की दिशा में कार्य किया जाएगा।
इस अवसर पर देश-विदेश से आए श्रद्धालुओं ने गुरुजी से मंत्र दीक्षा प्राप्त की और दिव्यता एवं साधना के इस महोत्सव में सहभागिता निभाई। पंचदिवसीय पूर्णिमा महोत्सव के अंतर्गत ध्यान साधना, भजन संध्या, तंत्र क्रिया और योग दीक्षा जैसे विविध आध्यात्मिक कार्यक्रमों का आयोजन जारी है, जिनमें हजारों श्रद्धालु श्रद्धा और भक्ति से भाग ले रहे हैं।





11 hours ago
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