घोड़ी पे चढ़के आना के हीरो प्रबुद्ध और हीरोइन शिवानी को देखने उमड़ी भीड़
लखनऊ। बुद्धा क्रिएशन ऑफ़ इंडियन सिनेमा के बैनर तले बन रही फ़िल्म घोड़ी पे चढ़के आना की शूटिंग पिछले एक हफ़्ते से लखनऊ के खूबसूरत लोकेशनों पर चल रही है और इस फ़िल्म के हीरो प्रबुद्ध और हीरोइन शिवानी कुमारी को देखने के लिए भारी तादाद में भीड़ जमा हो रही है उसके बावजूद भी शूटिंग बहुत ही शांति से हो रही है। इसकी शूटिंग बख्शी तालाब, मढ़वाना गांव, महिपतपुर, व्हाइट हाउस, रूमी गेट, घंटा घर, कुड़िया घाट, हज़रत गंज मार्केट, गोमती नगर, सहारा प्लाजा, पत्रकारपुरम जैसे स्थानों पर हो चुकी है तथा लखनऊ के विभिन्न स्थानों पर चल रही है ।गौरतलब है कि इस फ़िल्म की शूटिंग जिला गौतम बुद्ध नगर के जेवर, डूढेहरा गाँव में भी 15 दिन हो चुकी है। इस फ़िल्म के निर्देशक कैलाश मासूम ने बताया की वो ज़ेवर के मूल रूप से रहने वाले हैं और 25 साल से मुंबई के बॉलीवुड में काम कर रहे हैं, वो फ़िल्म सेंसर बोर्ड के सदस्य भी रह चुके हैं! घोड़ी पे चढ़के आना एक कॉमेडी फ़िल्म तो है ही पारिवारिक फ़िल्म भी है, इसमें फ़ैमिली ड्रामा और सामाजिक संदेश भी नज़र आयेगा ! इस फ़िल्म के निर्माता दासबाबू जयसवाल, कैमरामैन रेबुइल एज़ाज़, कार्यकारी निर्मात्री पल्लवी सिंह हाड़ा, लाइन प्रोडूसर संतोष वर्मा और डांस डायरेक्टर मुदस्सर ख़ान हैं! प्रबुद्ध और शिवानी के अलावा इस फ़िल्म में अभिनेता राजपाल यादव, पंकज झा, अरुण बख्शी, राकेश बेदी, राजेश शर्मा, बृजेन्द्र काला, गोविंद पांडेय, मुश्ताक़ ख़ान, सिद्धार्थ भारद्वाज, रवि साहा, सतेंद्र सोनी, कर्मवीर चौधरी, योगेश त्रिपाठी आदि भी महत्वपूर्ण भूमिका में नज़र आएँगे! निर्देशक कैलाश मासूम ने कहा कि हम उत्तर प्रदेश के यशस्वी मुख्यमंत्री माननीय योगी आदित्यनाथ जी का सपना पूरा करने का प्रयास कर रहे हैं। उत्तर प्रदेश को बॉलीवुडमय बनाने का महाराजजी का सपना जरूर पूरा करेंगे! ज़ेवर में पहली बार शूटिंग भी हमने शुरू की ताकि बॉलीवुड का ध्यान नई फ़िल्म सिटी की ओर अभी से आकर्षित हो सके! यह फ़िल्म अगली साल अप्रैल, मई तक रिलीज़ होगी।
गोरखपुर व लखनऊ में नशा तस्करी पर करारा प्रहार, करोड़ों की हेरोइन व गांजा बरामद,दो अलग-अलग अभियानों में तीन सक्रिय तस्कर गिरफ्तार

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में अवैध मादक पदार्थों की तस्करी के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान के तहत एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स (एएनटीएफ) ने बड़ी सफलता हासिल की है। एएनटीएफ थाना/यूनिट गोरखपुर और एएनटीएफ ऑपरेशनल यूनिट लखनऊ ने अलग-अलग स्थानों पर कार्रवाई करते हुए तीन सक्रिय तस्करों को गिरफ्तार कर भारी मात्रा में हेरोइन और गांजा बरामद किया है। बरामद मादक पदार्थों की कुल अनुमानित कीमत करीब 1 करोड़ 35 लाख रुपये से अधिक बताई जा रही है।पुलिस महानिदेशक उत्तर प्रदेश, अपर पुलिस महानिदेशक कानून एवं व्यवस्था, अपर पुलिस महानिदेशक अपराध तथा पुलिस महानिरीक्षक एएनटीएफ लखनऊ के निर्देशन में एएनटीएफ थाना/यूनिट गोरखपुर ने अवैध मादक पदार्थों की तस्करी करने वाले दो सक्रिय तस्करों को गिरफ्तार किया। छेदी यादव पुत्र पलकधारी, निवासी चकरा अव्वल, थाना राजघाट, जनपद गोरखपुर (उम्र करीब 28 वर्ष),अरुण सिंह पुत्र लालजी सिंह, निवासी चरनलाल चौक, दुर्गा बाड़ी रोड, थाना कोतवाली, जनपद गोरखपुर (उम्र करीब 29 वर्ष) है। पुलिस ने इनके कब्जे से 530 ग्राम अवैध हेरोइन, जिसकी अनुमानित कीमत लगभग 1 करोड़ 10 लाख रुपये, टीवीएस जूपिटर स्कूटी, दो एंड्रॉयड मोबाइल फोन और 700 रुपये नकद बरामद किए हैं।यह कार्रवाई एकला मंदिर, गोरखपुर-वाराणसी रोड, थाना गीडा क्षेत्र में की गई। इस संबंध में थाना गीडा, जनपद गोरखपुर परएनडीपीएस एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कर विधिक कार्रवाई की जा रही है।पूछताछ के दौरान गिरफ्तार अभियुक्तों ने बताया कि वे यह हेरोइन जनपद बाराबंकी के टीकरा उसमा जैतपुर क्षेत्र से लाकर अन्य लोगों को बेचने जा रहे थे। पुलिस इस नेटवर्क से जुड़े अन्य तस्करों की तलाश में जुट गई है।वहीं दूसरी कार्रवाई में एएनटीएफ ऑपरेशनल यूनिट लखनऊ ने अवैध मादक पदार्थों की तस्करी करने वाले एक सक्रिय तस्कर को गिरफ्तार किया।अनिकेत मौर्या पुत्र अतुल मौर्या, निवासी जिगना पूरे देव, थाना जगतपुर, जनपद रायबरेली के रूप में हुई है। पुलिस ने उसके कब्जे से 49.050 किलोग्राम अवैध गांजा, जिसकी अनुमानित कीमत करीब 25 लाख रुपये, एक चार पहिया वाहन, दो एंड्रॉयड मोबाइल फोन और 450 रुपये नकद बरामद किए हैं।यह गिरफ्तारी 15 दिसंबर 2025 को ग्राम निगोहा नगराम रोड से मीरखनगर जाने वाली सड़क, थाना निगोहा, लखनऊ दक्षिणी (कमिश्नरेट लखनऊ) क्षेत्र में की गई। इस संबंध में थाना निगोहा परएनडीपीएस एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है।पूछताछ में अभियुक्त ने स्वीकार किया कि वह लंबे समय से गांजे की खरीद-फरोख्त में लिप्त था और अधिक मुनाफे के लालच में तस्करी करने लगा। वह गांजे की डिलीवरी देने जा रहा था, तभी एएनटीएफ टीम ने उसे पकड़ लिया।गोरखपुर और लखनऊ में हुई इन दोनों कार्रवाइयों में एएनटीएफ की टीमों के साथ स्थानीय थाना पुलिस का भी महत्वपूर्ण सहयोग रहा। पुलिस अधिकारियों के अनुसार, इन गिरफ्तारियों से नशा तस्करी के एक बड़े नेटवर्क को झटका लगा है और आगे भी इस तरह की सख्त कार्रवाई जारी रहेगी।
बस्ती: सड़क हादसे में चार की मौत, 10 घायल,राष्ट्रीय राज्यमार्ग पर एक ट्रक और बस में हुई भिड़ंत ,बस में करीब 60 लोग सवार थे


लखनऊ । उत्तर प्रदेश के जनपद बस्ती में कोतवाली क्षेत्र राष्ट्रीय राज्यमार्ग पर सोमवार देर रात को एक ट्रक और बस की टक्कर हो गई। हादसे में चार लोगों की मौत हो गई और 10 लोग घायल हैं।घटना की सूचना पाकर पुलिस उपमहानिरीक्षक (डीआईजी) संजीव त्यागी, जिलाधिकारी कृतिका ज्योत्सना, पुलिस अधीक्षक अभिनंदन और एडीएम प्रतिपाल सिंह चौहान मौके पर पहुंचे। पुलिस ने शवों को पोस्टमार्टम भेजकर घायलों को इलाज के लिए अस्पताल भेजा। डीआईजी ने बताया कि प्रारंभिक जांच में पता चला है कि कोतवाली थाना क्षेत्र में हरदिया के पास सोमवार रात 11 बजे हुआ हैं। दरअसल, सोमवार को संतकबीर नगर से एक प्राइवेट बस यात्रियों को लेकर अजमेर शरीफ के उर्स में शामिल होने जा रही थी। बस में करीब 60 लोग सवार थे।बस जैसे ही हरदिया के पास पहुंची, सामने से आ रहे ट्रक से उसकी टक्कर हो गई। हादसे के बाद दोनों वाहनों का अगला हिस्सा पूरी तरह से क्षतिग्रस्त होकर चिपक गया। सूचना मिलने पर पहुंची पुलिस फोर्स ने तुरन्त रेस्क्यू शुरू किया। घायलों को बाहर निकाल कर अस्पताल भेजा। हादसे में चार लोगों की मौत हुई हैं। इनकी पहचान बस्ती निवासी अब्दुल्ला (60), मुख्तार अली (75), बस चालक संदीप पांडेय (32) और ट्रक चालक शिवराज सिंह के रूप में हुई है। 10 लोग घायल हुए हैं।जिलाधिकारी ने बताया कि घायलों को बेहतर इलाज मुहैया कराने के लिए अस्पताल प्रशासन को आदेश दिए। शवों का पोस्टमार्टम कराया जा रहा है। घटना के संबंध में पुलिस जांच कर रही हैं। प्रशासन ने परिजनों को हरसंभव मदद का भरोसा दिलाया है।
उन्नाव में भीषण सड़क हादसा: एक्सप्रेसवे पर कोहरे में पलटी कार, चार लोगों की मौत

लखनऊ । उन्नाव में लखनऊ-आगरा एक्सप्रेसवे पर लखनऊ की तरफ जा रही कार वाहन से टकराने के बाद डिवाइडर में टकराकर पलट गई। हादसे में कार सवार चार लोगों की मौत हो गई। सभी गाजियाबाद के मोदीनगर के रहने वाले थे, एक की पहचान अभी नहीं हो सकी है। आगरा से लखनऊ की तरफ जा रही कार मंगलवार की सुबह करीब 6 बजे बांगरमऊ क्षेत्र में एक्सप्रेसवे की हवाई पट्टी पर पहुंची थी कि घना कोहरा होने से किसी वाहन की टक्कर से करीब 500 मीटर दूर तक डिवाइडर से टकराई और कई बार पलटी खाकर चकनाचूर हो गई। हादसे में कार सवार सभी चार लोगों की मौत हो गई।पुलिस और यूपीडा की रेस्क्यू टीम मौके पर पहुंची। मृतकों की पहचान अशोक अग्रवाल (57) पुत्र संतोष अग्रवाल, आकाश अग्रवाल (35) वर्ष पुत्र विनोद अग्रवाल, अभिनव अग्रवाल (20 ) वर्ष पुत्र सतीश अग्रवाल निवासीगण कस्बा व थाना मोदीनगर जनपद गाजियाबाद के रूप में हुई है। कोतवाली प्रभारी अखिलेश पांडेय ने बताया कि चौथे मृतक की पहचान अभी नहीं हो पाई है। परिजनों से संपर्क का प्रयास किया जा रहा है।
मथुरा में यमुना एक्सप्रेस-वे पर हादसा, सात बसों और तीन कारों में लगी आग, छह यात्रियों की मौत और 25 झुलसे

मथुरा/लखनऊ । दिल्ली–आगरा यमुना एक्सप्रेस-वे पर मंगलवार तड़के ऐसा मंज़र देखने को मिला, जिसने हर किसी को दहला दिया। घने कोहरे की चादर में अचानक चीख-पुकार गूंजी, तेज धमाकों के साथ आग की लपटें उठीं और कुछ ही पलों में एक्सप्रेस-वे चलती बसों का श्मशान बन गया। सात बसें और तीन कारें आपस में टकराईं और देखते ही देखते सभी वाहन आग की भट्टी में तब्दील हो गए। 40 से अधिक यात्री झुलसकर अस्पतालों में भर्ती हादसा इतना भीषण था कि कई यात्री बसों से निकल भी नहीं पाए। आग की लपटों में घिरे यात्रियों की चीखें दूर तक सुनाई देती रहीं। अब तक 6 लोगों की दर्दनाक मौत की पुष्टि हो चुकी है, जबकि 40 से अधिक यात्री झुलसकर अस्पतालों में भर्ती हैं। कई की हालत गंभीर बताई जा रही है।प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, पहले एक वाहन टकराया, फिर पलभर में एक के बाद एक कई बसें चपेट में आती चली गईं। कोहरे के कारण दृश्यता शून्य थी। टक्कर के बाद तेज धमाका हुआ और बसों में आग भड़क उठी। अधिकतर बसें यात्रियों से खचाखच भरी थीं। कई दमकल गाड़ियां मौके पर पहुंचीं एक यात्री ने बताया, “मैं गहरी नींद में था, अचानक जोरदार धमाका हुआ। आंख खुलते ही चारों तरफ आग थी, लोग जलते हुए बाहर भाग रहे थे, चीखें गूंज रही थीं।सूचना मिलते ही पुलिस, दमकल और जिला प्रशासन में हड़कंप मच गया। कई दमकल गाड़ियां मौके पर पहुंचीं और कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया गया। डीएम और एसएसपी श्लोक कुमार खुद मौके पर पहुंचे और राहत-बचाव कार्य की कमान संभाली। झुलसे यात्रियों को आनन-फानन में जिला अस्पताल भेजा गया। मुख्यमंत्री योगी ने हादसे को लिया संज्ञान एसएसपी श्लोक कुमार ने बताया कि घने कोहरे के कारण यह भीषण हादसा हुआ। राहत एवं बचाव कार्य लगभग पूरा कर लिया गया है। मृतकों के शव पोस्टमार्टम के लिए भेज दिए गए हैं। एहतियातन एक्सप्रेस-वे के प्रभावित हिस्से में यातायात अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया है।मुख्यमंत्री ने हादसे का संज्ञान लेते हुए मृतकों के परिजनों को दो-दो लाख रुपये मुआवजा देने की घोषणा की है और घायलों को बेहतर इलाज मुहैया कराने के सख्त निर्देश दिए हैं।फिलहाल यमुना एक्सप्रेस-वे पर सन्नाटा पसरा है, लेकिन जली हुई बसें और बिखरा मलबा उस खौफनाक रात की गवाही दे रहा है, जब चंद सेकेंड में सफर मौत के सफर में बदल गया।
सीएम योगी ने ‘जनता दर्शन’ में सुनी फरियादियों की समस्याएं, अधिकारियों को त्वरित कार्रवाई के निर्देश
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को अपने नियमित ‘जनता दर्शन’ कार्यक्रम के तहत प्रदेश के विभिन्न जनपदों से आए फरियादियों से मुलाकात कर उनकी समस्याएं सुनीं। मुख्यमंत्री ने सभी लोगों से उनके प्रार्थना पत्र स्वयं प्राप्त किए और संबंधित अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि हर शिकायत का समयबद्ध, निष्पक्ष और गुणवत्तापूर्ण निस्तारण सुनिश्चित किया जाए।

सिपाही ने मुख्यमंत्री के समक्ष अपनी समस्या रखी

जनता दर्शन के दौरान एक पीएसी के सिपाही ने मुख्यमंत्री के समक्ष अपनी समस्या रखी। मुख्यमंत्री ने उसका प्रार्थना पत्र संबंधित अधिकारी को सौंपते हुए मामले के उचित व शीघ्र निस्तारण का निर्देश दिया। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि सुरक्षा बलों से जुड़े कर्मियों की समस्याओं का समाधान प्राथमिकता के आधार पर किया जाना चाहिए।

धान खरीद में लापरवाही पर सख्त रुख

शाहजहांपुर से आए एक किसान ने धान खरीद केंद्रों पर हो रही लापरवाही की शिकायत मुख्यमंत्री से की। इस पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सरकार अन्नदाता किसानों की समृद्धि के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है और किसानों को किसी भी स्तर पर परेशानी नहीं होनी चाहिए। मुख्यमंत्री ने शाहजहांपुर के जिलाधिकारी को निर्देशित किया कि वे क्रय केंद्रों का औचक निरीक्षण करें और यह सुनिश्चित करें कि धान लेकर आने वाले किसानों को किसी प्रकार की असुविधा न हो।

प्रयागराज के मामलों पर भी संज्ञान

जनता दर्शन में प्रयागराज से भी कई फरियादी अपनी शिकायतें लेकर पहुंचे। मुख्यमंत्री ने संबंधित मामलों में प्रयागराज के जिला प्रशासन और पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिए कि सभी शिकायतों का गहन परीक्षण कर शीघ्र समाधान कराया जाए, ताकि आमजन का सरकार पर विश्वास और मजबूत हो।

“हर जरूरतमंद की सेवा सरकार का लक्ष्य”

इस अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि हर जरूरतमंद की सेवा ही सरकार का लक्ष्य है। उन्होंने कहा कि सरकार पहले दिन से ही जनता की सेवा, सुरक्षा और सम्मान के लिए समर्पित होकर कार्य कर रही है। बीते साढ़े आठ वर्षों से जनता की समस्याओं को सुनने और उनके समाधान के लिए सरकार निरंतर प्रयासरत है।मुख्यमंत्री ने जनता दर्शन में आए लोगों को आश्वस्त करते हुए कहा कि उनकी हर समस्या का उचित और प्रभावी निस्तारण कराया जाएगा और किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

बच्चों से मिले मुख्यमंत्री, दिया आशीर्वाद

जनता दर्शन के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अभिभावकों के साथ आए बच्चों से भी आत्मीय मुलाकात की। उन्होंने बच्चों से उनके नाम पूछे, उन्हें चॉकलेट दी और मन लगाकर पढ़ाई करने की सीख दी। मुख्यमंत्री ने बच्चों को उज्ज्वल भविष्य के लिए आशीर्वाद भी दिया।
देश के प्रति सरदार पटेल की सेवाएं व योगदान बना चिरस्मरणीय अध्याय : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ

लखनऊ । मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को आधुनिक भारत के शिल्पकार और भारत रत्न लौहपुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल की पुण्यतिथि पर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। मुख्यमंत्री ने सरदार पटेल की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित कर उनके व्यक्तित्व, कृतित्व और राष्ट्र निर्माण में दिए गए अतुलनीय योगदान को स्मरण किया।
सीएम योगी ने सरदार पटेल की पुण्यतिथि पर दी श्रद्धांजलि
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि सरदार पटेल का यशस्वी नेतृत्व देश को और लंबे समय तक मिल सकता था, लेकिन 15 दिसंबर 1950 को उनका नश्वर शरीर जवाब दे गया। यह देश का दुर्भाग्य रहा, लेकिन उनकी स्मृतियां, सेवाएं और योगदान आज भी राष्ट्र के लिए प्रेरणास्रोत हैं। भारत उन्हें आधुनिक भारत के शिल्पी के रूप में सदैव स्मरण करता रहेगा।
किसान परिवार से राष्ट्रनिर्माता बनने तक का सफर
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरदार वल्लभ भाई पटेल का जन्म 31 अक्टूबर 1875 को गुजरात के करमसद गांव में एक सामान्य किसान परिवार में हुआ था। कठिन परिश्रम के बल पर उन्होंने उच्च शिक्षा प्राप्त की। उनका उद्देश्य केवल आजीविका अर्जित करना या विदेशी हुकूमत की नौकरी करना नहीं था, बल्कि अपनी प्रतिभा और ऊर्जा को भारत माता की सेवा में समर्पित करना था।
कई बार जेल की यातनाएं सहीं
उन्होंने स्वतंत्रता आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभाई और कई बार जेल की यातनाएं सहीं, लेकिन कभी भी आंदोलन से विचलित नहीं हुए। आजादी के समय उन्होंने भारत के विभाजन का पुरजोर विरोध किया और राष्ट्रीय एकता के लिए दृढ़ संकल्प के साथ खड़े रहे।
567 रियासतों का एकीकरण सरदार पटेल की ऐतिहासिक उपलब्धि
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि आजादी के बाद भारत के सामने सबसे बड़ी चुनौती 567 रियासतों को एक सूत्र में पिरोना थी। अंग्रेजों द्वारा लागू की गई ‘टू नेशन थ्योरी’ के तहत देसी रियासतों को यह विकल्प दिया गया था कि वे भारत, पाकिस्तान या स्वतंत्र अस्तित्व चुन सकती हैं। अधिकांश रियासतें भारत में शामिल हो गईं, लेकिन जूनागढ़ का नवाब और हैदराबाद का निजाम भारत गणराज्य में शामिल होने को तैयार नहीं थे।

हैदराबाद को भारत का अभिन्न हिस्सा बनाया

सरदार पटेल की अद्भुत सूझबूझ और निर्णायक नेतृत्व के कारण रक्तहीन क्रांति के माध्यम से जूनागढ़ और हैदराबाद को भारत का अभिन्न हिस्सा बनाया गया। परिणामस्वरूप नवाब और निजाम को देश छोड़कर भागना पड़ा। यह भारत की एकता और अखंडता की दिशा में ऐतिहासिक कदम था।
कश्मीर मुद्दे पर भी रखा दृष्टिकोण
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि जम्मू-कश्मीर को लेकर आजादी के समय असमंजस की स्थिति बनी रही। उन्होंने कहा कि उस समय पंडित जवाहरलाल नेहरू के हाथों में कश्मीर का विषय था, जिसके कारण यह क्षेत्र लंबे समय तक विवादों में उलझा रहा और देश को उग्रवाद व अलगाववाद का सामना करना पड़ा।
उन्होंने कहा कि देश प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभारी है, जिन्होंने लौहपुरुष सरदार पटेल और डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी के सपनों को साकार करते हुए धारा 370 समाप्त कर ‘एक देश, एक विधान, एक निशान’ के संकल्प को मजबूत किया और कश्मीर को भारत का अभिन्न हिस्सा बनाने की दिशा में ऐतिहासिक कदम उठाया।
प्रशासनिक ढांचे और सोमनाथ मंदिर के पुनरुद्धार में योगदान
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि गृहमंत्री के रूप में सरदार पटेल ने सोमनाथ मंदिर के पुनरुद्धार, देश के प्रशासनिक ढांचे को मजबूत करने और भारतीय प्रशासनिक सेवा को वर्तमान स्वरूप देने में अहम भूमिका निभाई। राष्ट्रहित में लिए गए उनके निर्णय आज भी शासन-प्रशासन के लिए मार्गदर्शक हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि लौहपुरुष सरदार पटेल का जीवन हर भारतवासी के लिए प्रेरणा है और देश सदैव उनके प्रति कृतज्ञ रहेगा।
कई वरिष्ठ नेता रहे उपस्थित
इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक, कैबिनेट मंत्री स्वतंत्र देव सिंह, महापौर सुषमा खर्कवाल, विधान परिषद सदस्य महेंद्र सिंह, अवनीश सिंह, पवन सिंह चौहान, लालजी प्रसाद निर्मल, विधायक ओपी श्रीवास्तव, आशीष सिंह ‘आशु’, भाजपा महानगर अध्यक्ष आनंद द्विवेदी, सरदार पटेल स्मृति समारोह समिति की अध्यक्ष राजेश्वरी देवी पटेल, महासचिव शशांक वर्मा सहित अनेक जनप्रतिनिधि और गणमान्य लोग उपस्थित रहे।
डॉ. रामविलास दास वेदांती का जाना एक युग का अवसान : योगी आदित्यनाथ
लखनऊ । श्री राम जन्मभूमि आंदोलन के प्रमुख स्तंभ, पूर्व सांसद एवं श्री अयोध्या धाम स्थित वशिष्ठ पीठाधीश्वर डॉ. रामविलास दास वेदांती के निधन पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ व उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने शोक व्यक्त किया है। मुख्यमंत्री ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर लिखा कि डॉ. राम विलास दास वेदांती का जाना एक युग का अवसान है। धर्म, समाज व राष्ट्र की सेवा को समर्पित उनका त्यागमय जीवन हम सभी के लिए प्रेरणा है। गोलोकगमन आध्यात्मिक जगत और सनातन संस्कृति के लिए अपूरणीय क्षति है। उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि। प्रभु श्री राम से प्रार्थना है कि दिवंगत पुण्यात्मा को अपने श्री चरणों में स्थान और शोक संतप्त शिष्यों एवं अनुयायियों को यह अथाह दुःख सहन करने की शक्ति प्रदान करें।

उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर लिखा कि श्री राम जन्मभूमि आंदोलन में प्रमुख भूमिका निभाने वाले विश्व हिन्दू परिषद के अग्रणी नेता, पूर्व सांसद एवं पूज्य संत डॉ. रामविलास वेदांती महाराज के निधन का समाचार अत्यंत दुःखद है।

उनका निधन आध्यात्मिक जगत के लिए अपूरणीय क्षति है। धर्म, समाज और राष्ट्र की निस्वार्थ सेवा को समर्पित उनका त्यागपूर्ण जीवन हम सभी के लिए सदैव प्रेरणास्रोत रहेगा। प्रभु श्रीराम जी से प्रार्थना है कि दिवंगत पुण्यात्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान दें तथा उनके शिष्यों एवं अनुयायियों को इस कठिन समय में संबल प्रदान करें।-
अब सवर्ण समाज संगठित हो गया है जिसका जीता जागता उदाहरण भोपाल आंदोलन है :कविता तिवारी

लखनऊ । राष्ट्रीय सवर्ण आर्मी भारत की राष्ट्रीय प्रचारक कविता तिवारी ने समाचार पत्र से बातचीत में I AS संतोष वर्मा के विषय में बात करते हुए कहा कि वह दिन लद गए कोई भी ब्राह्मण समाज के खिलाफ़ अभद्र टिप्पणी करके निकल जाता था आज ब्राह्मण समाज जाग चुका है सवर्ण समाज के साथ मिलकर अपनी लड़ाई लड़ने में सक्षम है अब ब्राह्मण संगठित हो चुका है जिसका जीता जागता हुआ उदाहरण भोपाल आंदोलन है
मध्यप्रदेश सरकार संतोष के लिए जिस प्रकार लीपापोती कर रही है उसका जवाब सरकार को देना ही होगा।
ब्राह्मण समाज इस लीपापोती वाले कार्रवाई से सन्तुष्ट होने वाला नहीं है भोपाल आंदोलन के दौरान ब्राह्मण समाज हो या सवर्ण समाज दोनों मध्यप्रदेश सरकार से असंतुष्ट हो गए हैं क्योंकि लोग शांति पूर्वक आंदोलन कर रहे थे मगर मध्यप्रदेश सरकार ने धूर्तता दिखाते हुए लाठीचार्ज, वाटरकैनन का इस्तेमाल एवं सामाजिक संगठन के लोगों गिरफ्तार भी किया है जो कि सरासर अनुचित है 
मध्यप्रदेश सरकार की जवाब देना ही होगा। सरकार को संतोष वर्मा को जब जेल नहीं भेजा जाएगा तब चुप बैठने वाला नहीं है। अभी तो अपनी बातें शांतिपूर्वक कहीं गई है किंतु अगर सरकार ने सकारात्मक कदम नहीं उठाए तो ब्राह्मण समाज, सवर्ण समाज उग्र प्रदर्शन को मजबूर हो जाएगा।
ब्राह्मण समाज को अब पहले जैसा शांत समझने की भूल कतई न करें।
सरकार को भलीभांति विदित होना चाहिए कि ब्राह्मण समाज वह समाज है जिसने हमेशा समाज का नेतृत्व करते हुए सरकार को भी दिशा प्रदान किया है सरकार किसी कि भी सदैव ब्राह्मण समाज ने दिशा प्रदान की है इसलिए ब्राह्मण की को समझे सरकार और जिस तरह अन्य समाज के हित में कार्य कर रही है वैसे ही ब्राह्मण समाज के भी कार्य करे इसी में भलाई है अन्यथा परिणाम भुगतने के तैयार।
बिजली निजीकरण और विद्युत संशोधन बिल के खिलाफ राष्ट्रव्यापी आंदोलन का ऐलान, 18 मार्च को दिल्ली में विशाल रैली

लखनऊ । बिजली क्षेत्र में निजीकरण, प्रीपेड स्मार्ट मीटर और ड्राफ्ट विद्युत (संशोधन) बिल–2025 के खिलाफ देशव्यापी संयुक्त आंदोलन का ऐलान कर दिया गया है। ऑल इंडिया पॉवर इंजीनियर्स फेडरेशन (AIPF) के नेतृत्व में बिजली कर्मचारी और इंजीनियर अब संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) और केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के साथ मिलकर केंद्र सरकार की नीतियों के विरोध में सड़कों पर उतरेंगे।

दिल्ली में एक विशाल रैली आयोजित की जाएगी

इस आंदोलन के तहत 18 मार्च 2026 को दिल्ली में एक विशाल रैली आयोजित की जाएगी।इस संबंध में 14 दिसंबर  को बी.टी. रणदीवे भवन, नई दिल्ली में एक ऐतिहासिक बैठक आयोजित हुई, जिसमें नेशनल कोऑर्डिनेशन कमिटी ऑफ इलेक्ट्रिसिटी इम्प्लाइज एंड इंजीनियर्स (NCCOEEE), केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के संयुक्त मंच और संयुक्त किसान मोर्चा के राष्ट्रीय नेतृत्व ने हिस्सा लिया।

निजीकरण और स्मार्ट मीटरिंग पर गहरी चिंता

ऑल इंडिया पॉवर इंजीनियर्स फेडरेशन के चेयरमैन शैलेंद्र दुबे ने बताया कि बैठक का मुख्य फोकस बिजली के निजीकरण, प्रीपेड स्मार्ट मीटरिंग और ड्राफ्ट विद्युत (संशोधन) बिल–2025 पर रहा। नेताओं ने उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड (PVVNL) और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड (DVVNL) के निजीकरण के लिए बीते एक साल से किए जा रहे प्रयासों पर गंभीर चिंता जताई।बैठक में यह भी आशंका जताई गई कि केंद्र सरकार संसद के मौजूदा सत्र में परमाणु ऊर्जा अधिनियम और नागरिक परमाणु क्षति दायित्व अधिनियम में संशोधन से जुड़े बिल पेश कर सकती है, जिसे लेकर संगठनों ने कड़ा विरोध दर्ज कराया।

सरकार के सामने रखी गई प्रमुख मांगें

बैठक में केंद्र सरकार के समक्ष सर्वसम्मति से कई अहम मांगें रखी गईं, जिनमें—
ड्राफ्ट विद्युत (संशोधन) बिल–2025 को तत्काल वापस लिया जाए।
परमाणु ऊर्जा अधिनियम और नागरिक परमाणु क्षति दायित्व अधिनियम में प्रस्तावित संशोधनों को तुरंत वापस किया जाए।
देशभर में प्रीपेड स्मार्ट मीटरों की स्थापना पर तत्काल रोक लगाई जाए।
बिजली उत्पादन, पारेषण और वितरण में लागू सभी निजीकरण व फ्रैंचाइजी मॉडल (चंडीगढ़, दिल्ली और ओडिशा सहित) समाप्त किए जाएं।
उत्तर प्रदेश में PVVNL और DVVNL के निजीकरण के प्रयासों को तुरंत रोका जाए।
क्रॉस-सब्सिडी और सार्वभौमिक सेवा दायित्व को बनाए रखा जाए तथा किसानों व सभी उपभोक्ता वर्गों के बिजली के अधिकार की रक्षा की जाए।
देशभर में बिजली टैरिफ कम करने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं।

संशोधन बिल आए तो देशव्यापी विरोध

एनसीसीओईईई, केंद्रीय ट्रेड यूनियनों और संयुक्त किसान मोर्चा ने स्पष्ट किया कि यदि परमाणु ऊर्जा से जुड़े संशोधन बिल संसद में पेश किए जाते हैं, तो देशभर में विरोध प्रदर्शन किए जाएंगे। इसके साथ ही बिजली निजीकरण और विद्युत संशोधन बिल के खिलाफ जनवरी और फरवरी 2026 में पूरे देश में विशाल सम्मेलन और रैलियां आयोजित की जाएंगी।

हड़ताल की चेतावनी

शैलेंद्र दुबे ने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि इन सभी आंदोलनों के बावजूद केंद्र और राज्य सरकारें उत्तर प्रदेश में निजीकरण के प्रयासों को वापस नहीं लेतीं और ड्राफ्ट विद्युत (संशोधन) बिल–2025 को निरस्त नहीं किया जाता, तो बिजली कर्मचारी और इंजीनियर राष्ट्रव्यापी सेक्टरल हड़ताल करने को मजबूर होंगे।

बैठक में दिग्गज नेताओं की मौजूदगी

बैठक की अध्यक्षता डॉ. दर्शनपाल सिंह, मोहन शर्मा और विद्या सागर गिरी ने की। इसमें एआईपीईएफ के अध्यक्ष शैलेंद्र दुबे, एआईएफओपीडीई के महासचिव अभिमन्यु धनकड़, एआईएफईई के महासचिव मोहन शर्मा, ईईएफआई के महासचिव सुदीप दत्ता सहित कई वरिष्ठ नेता मौजूद रहे। वहीं, केंद्रीय ट्रेड यूनियनों—एआईटीयूसी, आईएनटीयूसी, सीआईटीयू, एचएमएस, एआईटीयूटीयूसी—और किसान संगठनों के प्रमुख नेताओं ने भी बैठक में भाग लिया।

बैठक का उद्देश्य बिजली क्षेत्र के कर्मचारियों और उपभोक्ताओं के बीच व्यापक एकता स्थापित कर देश में बिजली के अधिकार और ऊर्जा सुरक्षा की रक्षा करना बताया गया।