सीएम योगी ने ‘जनता दर्शन’ में सुनी फरियादियों की समस्याएं, अधिकारियों को त्वरित कार्रवाई के निर्देश
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को अपने नियमित ‘जनता दर्शन’ कार्यक्रम के तहत प्रदेश के विभिन्न जनपदों से आए फरियादियों से मुलाकात कर उनकी समस्याएं सुनीं। मुख्यमंत्री ने सभी लोगों से उनके प्रार्थना पत्र स्वयं प्राप्त किए और संबंधित अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि हर शिकायत का समयबद्ध, निष्पक्ष और गुणवत्तापूर्ण निस्तारण सुनिश्चित किया जाए।

सिपाही ने मुख्यमंत्री के समक्ष अपनी समस्या रखी

जनता दर्शन के दौरान एक पीएसी के सिपाही ने मुख्यमंत्री के समक्ष अपनी समस्या रखी। मुख्यमंत्री ने उसका प्रार्थना पत्र संबंधित अधिकारी को सौंपते हुए मामले के उचित व शीघ्र निस्तारण का निर्देश दिया। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि सुरक्षा बलों से जुड़े कर्मियों की समस्याओं का समाधान प्राथमिकता के आधार पर किया जाना चाहिए।

धान खरीद में लापरवाही पर सख्त रुख

शाहजहांपुर से आए एक किसान ने धान खरीद केंद्रों पर हो रही लापरवाही की शिकायत मुख्यमंत्री से की। इस पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सरकार अन्नदाता किसानों की समृद्धि के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है और किसानों को किसी भी स्तर पर परेशानी नहीं होनी चाहिए। मुख्यमंत्री ने शाहजहांपुर के जिलाधिकारी को निर्देशित किया कि वे क्रय केंद्रों का औचक निरीक्षण करें और यह सुनिश्चित करें कि धान लेकर आने वाले किसानों को किसी प्रकार की असुविधा न हो।

प्रयागराज के मामलों पर भी संज्ञान

जनता दर्शन में प्रयागराज से भी कई फरियादी अपनी शिकायतें लेकर पहुंचे। मुख्यमंत्री ने संबंधित मामलों में प्रयागराज के जिला प्रशासन और पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिए कि सभी शिकायतों का गहन परीक्षण कर शीघ्र समाधान कराया जाए, ताकि आमजन का सरकार पर विश्वास और मजबूत हो।

“हर जरूरतमंद की सेवा सरकार का लक्ष्य”

इस अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि हर जरूरतमंद की सेवा ही सरकार का लक्ष्य है। उन्होंने कहा कि सरकार पहले दिन से ही जनता की सेवा, सुरक्षा और सम्मान के लिए समर्पित होकर कार्य कर रही है। बीते साढ़े आठ वर्षों से जनता की समस्याओं को सुनने और उनके समाधान के लिए सरकार निरंतर प्रयासरत है।मुख्यमंत्री ने जनता दर्शन में आए लोगों को आश्वस्त करते हुए कहा कि उनकी हर समस्या का उचित और प्रभावी निस्तारण कराया जाएगा और किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

बच्चों से मिले मुख्यमंत्री, दिया आशीर्वाद

जनता दर्शन के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अभिभावकों के साथ आए बच्चों से भी आत्मीय मुलाकात की। उन्होंने बच्चों से उनके नाम पूछे, उन्हें चॉकलेट दी और मन लगाकर पढ़ाई करने की सीख दी। मुख्यमंत्री ने बच्चों को उज्ज्वल भविष्य के लिए आशीर्वाद भी दिया।
देश के प्रति सरदार पटेल की सेवाएं व योगदान बना चिरस्मरणीय अध्याय : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ

लखनऊ । मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को आधुनिक भारत के शिल्पकार और भारत रत्न लौहपुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल की पुण्यतिथि पर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। मुख्यमंत्री ने सरदार पटेल की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित कर उनके व्यक्तित्व, कृतित्व और राष्ट्र निर्माण में दिए गए अतुलनीय योगदान को स्मरण किया।
सीएम योगी ने सरदार पटेल की पुण्यतिथि पर दी श्रद्धांजलि
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि सरदार पटेल का यशस्वी नेतृत्व देश को और लंबे समय तक मिल सकता था, लेकिन 15 दिसंबर 1950 को उनका नश्वर शरीर जवाब दे गया। यह देश का दुर्भाग्य रहा, लेकिन उनकी स्मृतियां, सेवाएं और योगदान आज भी राष्ट्र के लिए प्रेरणास्रोत हैं। भारत उन्हें आधुनिक भारत के शिल्पी के रूप में सदैव स्मरण करता रहेगा।
किसान परिवार से राष्ट्रनिर्माता बनने तक का सफर
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरदार वल्लभ भाई पटेल का जन्म 31 अक्टूबर 1875 को गुजरात के करमसद गांव में एक सामान्य किसान परिवार में हुआ था। कठिन परिश्रम के बल पर उन्होंने उच्च शिक्षा प्राप्त की। उनका उद्देश्य केवल आजीविका अर्जित करना या विदेशी हुकूमत की नौकरी करना नहीं था, बल्कि अपनी प्रतिभा और ऊर्जा को भारत माता की सेवा में समर्पित करना था।
कई बार जेल की यातनाएं सहीं
उन्होंने स्वतंत्रता आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभाई और कई बार जेल की यातनाएं सहीं, लेकिन कभी भी आंदोलन से विचलित नहीं हुए। आजादी के समय उन्होंने भारत के विभाजन का पुरजोर विरोध किया और राष्ट्रीय एकता के लिए दृढ़ संकल्प के साथ खड़े रहे।
567 रियासतों का एकीकरण सरदार पटेल की ऐतिहासिक उपलब्धि
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि आजादी के बाद भारत के सामने सबसे बड़ी चुनौती 567 रियासतों को एक सूत्र में पिरोना थी। अंग्रेजों द्वारा लागू की गई ‘टू नेशन थ्योरी’ के तहत देसी रियासतों को यह विकल्प दिया गया था कि वे भारत, पाकिस्तान या स्वतंत्र अस्तित्व चुन सकती हैं। अधिकांश रियासतें भारत में शामिल हो गईं, लेकिन जूनागढ़ का नवाब और हैदराबाद का निजाम भारत गणराज्य में शामिल होने को तैयार नहीं थे।

हैदराबाद को भारत का अभिन्न हिस्सा बनाया

सरदार पटेल की अद्भुत सूझबूझ और निर्णायक नेतृत्व के कारण रक्तहीन क्रांति के माध्यम से जूनागढ़ और हैदराबाद को भारत का अभिन्न हिस्सा बनाया गया। परिणामस्वरूप नवाब और निजाम को देश छोड़कर भागना पड़ा। यह भारत की एकता और अखंडता की दिशा में ऐतिहासिक कदम था।
कश्मीर मुद्दे पर भी रखा दृष्टिकोण
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि जम्मू-कश्मीर को लेकर आजादी के समय असमंजस की स्थिति बनी रही। उन्होंने कहा कि उस समय पंडित जवाहरलाल नेहरू के हाथों में कश्मीर का विषय था, जिसके कारण यह क्षेत्र लंबे समय तक विवादों में उलझा रहा और देश को उग्रवाद व अलगाववाद का सामना करना पड़ा।
उन्होंने कहा कि देश प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभारी है, जिन्होंने लौहपुरुष सरदार पटेल और डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी के सपनों को साकार करते हुए धारा 370 समाप्त कर ‘एक देश, एक विधान, एक निशान’ के संकल्प को मजबूत किया और कश्मीर को भारत का अभिन्न हिस्सा बनाने की दिशा में ऐतिहासिक कदम उठाया।
प्रशासनिक ढांचे और सोमनाथ मंदिर के पुनरुद्धार में योगदान
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि गृहमंत्री के रूप में सरदार पटेल ने सोमनाथ मंदिर के पुनरुद्धार, देश के प्रशासनिक ढांचे को मजबूत करने और भारतीय प्रशासनिक सेवा को वर्तमान स्वरूप देने में अहम भूमिका निभाई। राष्ट्रहित में लिए गए उनके निर्णय आज भी शासन-प्रशासन के लिए मार्गदर्शक हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि लौहपुरुष सरदार पटेल का जीवन हर भारतवासी के लिए प्रेरणा है और देश सदैव उनके प्रति कृतज्ञ रहेगा।
कई वरिष्ठ नेता रहे उपस्थित
इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक, कैबिनेट मंत्री स्वतंत्र देव सिंह, महापौर सुषमा खर्कवाल, विधान परिषद सदस्य महेंद्र सिंह, अवनीश सिंह, पवन सिंह चौहान, लालजी प्रसाद निर्मल, विधायक ओपी श्रीवास्तव, आशीष सिंह ‘आशु’, भाजपा महानगर अध्यक्ष आनंद द्विवेदी, सरदार पटेल स्मृति समारोह समिति की अध्यक्ष राजेश्वरी देवी पटेल, महासचिव शशांक वर्मा सहित अनेक जनप्रतिनिधि और गणमान्य लोग उपस्थित रहे।
डॉ. रामविलास दास वेदांती का जाना एक युग का अवसान : योगी आदित्यनाथ
लखनऊ । श्री राम जन्मभूमि आंदोलन के प्रमुख स्तंभ, पूर्व सांसद एवं श्री अयोध्या धाम स्थित वशिष्ठ पीठाधीश्वर डॉ. रामविलास दास वेदांती के निधन पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ व उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने शोक व्यक्त किया है। मुख्यमंत्री ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर लिखा कि डॉ. राम विलास दास वेदांती का जाना एक युग का अवसान है। धर्म, समाज व राष्ट्र की सेवा को समर्पित उनका त्यागमय जीवन हम सभी के लिए प्रेरणा है। गोलोकगमन आध्यात्मिक जगत और सनातन संस्कृति के लिए अपूरणीय क्षति है। उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि। प्रभु श्री राम से प्रार्थना है कि दिवंगत पुण्यात्मा को अपने श्री चरणों में स्थान और शोक संतप्त शिष्यों एवं अनुयायियों को यह अथाह दुःख सहन करने की शक्ति प्रदान करें।

उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर लिखा कि श्री राम जन्मभूमि आंदोलन में प्रमुख भूमिका निभाने वाले विश्व हिन्दू परिषद के अग्रणी नेता, पूर्व सांसद एवं पूज्य संत डॉ. रामविलास वेदांती महाराज के निधन का समाचार अत्यंत दुःखद है।

उनका निधन आध्यात्मिक जगत के लिए अपूरणीय क्षति है। धर्म, समाज और राष्ट्र की निस्वार्थ सेवा को समर्पित उनका त्यागपूर्ण जीवन हम सभी के लिए सदैव प्रेरणास्रोत रहेगा। प्रभु श्रीराम जी से प्रार्थना है कि दिवंगत पुण्यात्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान दें तथा उनके शिष्यों एवं अनुयायियों को इस कठिन समय में संबल प्रदान करें।-
अब सवर्ण समाज संगठित हो गया है जिसका जीता जागता उदाहरण भोपाल आंदोलन है :कविता तिवारी

लखनऊ । राष्ट्रीय सवर्ण आर्मी भारत की राष्ट्रीय प्रचारक कविता तिवारी ने समाचार पत्र से बातचीत में I AS संतोष वर्मा के विषय में बात करते हुए कहा कि वह दिन लद गए कोई भी ब्राह्मण समाज के खिलाफ़ अभद्र टिप्पणी करके निकल जाता था आज ब्राह्मण समाज जाग चुका है सवर्ण समाज के साथ मिलकर अपनी लड़ाई लड़ने में सक्षम है अब ब्राह्मण संगठित हो चुका है जिसका जीता जागता हुआ उदाहरण भोपाल आंदोलन है
मध्यप्रदेश सरकार संतोष के लिए जिस प्रकार लीपापोती कर रही है उसका जवाब सरकार को देना ही होगा।
ब्राह्मण समाज इस लीपापोती वाले कार्रवाई से सन्तुष्ट होने वाला नहीं है भोपाल आंदोलन के दौरान ब्राह्मण समाज हो या सवर्ण समाज दोनों मध्यप्रदेश सरकार से असंतुष्ट हो गए हैं क्योंकि लोग शांति पूर्वक आंदोलन कर रहे थे मगर मध्यप्रदेश सरकार ने धूर्तता दिखाते हुए लाठीचार्ज, वाटरकैनन का इस्तेमाल एवं सामाजिक संगठन के लोगों गिरफ्तार भी किया है जो कि सरासर अनुचित है 
मध्यप्रदेश सरकार की जवाब देना ही होगा। सरकार को संतोष वर्मा को जब जेल नहीं भेजा जाएगा तब चुप बैठने वाला नहीं है। अभी तो अपनी बातें शांतिपूर्वक कहीं गई है किंतु अगर सरकार ने सकारात्मक कदम नहीं उठाए तो ब्राह्मण समाज, सवर्ण समाज उग्र प्रदर्शन को मजबूर हो जाएगा।
ब्राह्मण समाज को अब पहले जैसा शांत समझने की भूल कतई न करें।
सरकार को भलीभांति विदित होना चाहिए कि ब्राह्मण समाज वह समाज है जिसने हमेशा समाज का नेतृत्व करते हुए सरकार को भी दिशा प्रदान किया है सरकार किसी कि भी सदैव ब्राह्मण समाज ने दिशा प्रदान की है इसलिए ब्राह्मण की को समझे सरकार और जिस तरह अन्य समाज के हित में कार्य कर रही है वैसे ही ब्राह्मण समाज के भी कार्य करे इसी में भलाई है अन्यथा परिणाम भुगतने के तैयार।
बिजली निजीकरण और विद्युत संशोधन बिल के खिलाफ राष्ट्रव्यापी आंदोलन का ऐलान, 18 मार्च को दिल्ली में विशाल रैली

लखनऊ । बिजली क्षेत्र में निजीकरण, प्रीपेड स्मार्ट मीटर और ड्राफ्ट विद्युत (संशोधन) बिल–2025 के खिलाफ देशव्यापी संयुक्त आंदोलन का ऐलान कर दिया गया है। ऑल इंडिया पॉवर इंजीनियर्स फेडरेशन (AIPF) के नेतृत्व में बिजली कर्मचारी और इंजीनियर अब संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) और केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के साथ मिलकर केंद्र सरकार की नीतियों के विरोध में सड़कों पर उतरेंगे।

दिल्ली में एक विशाल रैली आयोजित की जाएगी

इस आंदोलन के तहत 18 मार्च 2026 को दिल्ली में एक विशाल रैली आयोजित की जाएगी।इस संबंध में 14 दिसंबर  को बी.टी. रणदीवे भवन, नई दिल्ली में एक ऐतिहासिक बैठक आयोजित हुई, जिसमें नेशनल कोऑर्डिनेशन कमिटी ऑफ इलेक्ट्रिसिटी इम्प्लाइज एंड इंजीनियर्स (NCCOEEE), केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के संयुक्त मंच और संयुक्त किसान मोर्चा के राष्ट्रीय नेतृत्व ने हिस्सा लिया।

निजीकरण और स्मार्ट मीटरिंग पर गहरी चिंता

ऑल इंडिया पॉवर इंजीनियर्स फेडरेशन के चेयरमैन शैलेंद्र दुबे ने बताया कि बैठक का मुख्य फोकस बिजली के निजीकरण, प्रीपेड स्मार्ट मीटरिंग और ड्राफ्ट विद्युत (संशोधन) बिल–2025 पर रहा। नेताओं ने उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड (PVVNL) और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड (DVVNL) के निजीकरण के लिए बीते एक साल से किए जा रहे प्रयासों पर गंभीर चिंता जताई।बैठक में यह भी आशंका जताई गई कि केंद्र सरकार संसद के मौजूदा सत्र में परमाणु ऊर्जा अधिनियम और नागरिक परमाणु क्षति दायित्व अधिनियम में संशोधन से जुड़े बिल पेश कर सकती है, जिसे लेकर संगठनों ने कड़ा विरोध दर्ज कराया।

सरकार के सामने रखी गई प्रमुख मांगें

बैठक में केंद्र सरकार के समक्ष सर्वसम्मति से कई अहम मांगें रखी गईं, जिनमें—
ड्राफ्ट विद्युत (संशोधन) बिल–2025 को तत्काल वापस लिया जाए।
परमाणु ऊर्जा अधिनियम और नागरिक परमाणु क्षति दायित्व अधिनियम में प्रस्तावित संशोधनों को तुरंत वापस किया जाए।
देशभर में प्रीपेड स्मार्ट मीटरों की स्थापना पर तत्काल रोक लगाई जाए।
बिजली उत्पादन, पारेषण और वितरण में लागू सभी निजीकरण व फ्रैंचाइजी मॉडल (चंडीगढ़, दिल्ली और ओडिशा सहित) समाप्त किए जाएं।
उत्तर प्रदेश में PVVNL और DVVNL के निजीकरण के प्रयासों को तुरंत रोका जाए।
क्रॉस-सब्सिडी और सार्वभौमिक सेवा दायित्व को बनाए रखा जाए तथा किसानों व सभी उपभोक्ता वर्गों के बिजली के अधिकार की रक्षा की जाए।
देशभर में बिजली टैरिफ कम करने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं।

संशोधन बिल आए तो देशव्यापी विरोध

एनसीसीओईईई, केंद्रीय ट्रेड यूनियनों और संयुक्त किसान मोर्चा ने स्पष्ट किया कि यदि परमाणु ऊर्जा से जुड़े संशोधन बिल संसद में पेश किए जाते हैं, तो देशभर में विरोध प्रदर्शन किए जाएंगे। इसके साथ ही बिजली निजीकरण और विद्युत संशोधन बिल के खिलाफ जनवरी और फरवरी 2026 में पूरे देश में विशाल सम्मेलन और रैलियां आयोजित की जाएंगी।

हड़ताल की चेतावनी

शैलेंद्र दुबे ने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि इन सभी आंदोलनों के बावजूद केंद्र और राज्य सरकारें उत्तर प्रदेश में निजीकरण के प्रयासों को वापस नहीं लेतीं और ड्राफ्ट विद्युत (संशोधन) बिल–2025 को निरस्त नहीं किया जाता, तो बिजली कर्मचारी और इंजीनियर राष्ट्रव्यापी सेक्टरल हड़ताल करने को मजबूर होंगे।

बैठक में दिग्गज नेताओं की मौजूदगी

बैठक की अध्यक्षता डॉ. दर्शनपाल सिंह, मोहन शर्मा और विद्या सागर गिरी ने की। इसमें एआईपीईएफ के अध्यक्ष शैलेंद्र दुबे, एआईएफओपीडीई के महासचिव अभिमन्यु धनकड़, एआईएफईई के महासचिव मोहन शर्मा, ईईएफआई के महासचिव सुदीप दत्ता सहित कई वरिष्ठ नेता मौजूद रहे। वहीं, केंद्रीय ट्रेड यूनियनों—एआईटीयूसी, आईएनटीयूसी, सीआईटीयू, एचएमएस, एआईटीयूटीयूसी—और किसान संगठनों के प्रमुख नेताओं ने भी बैठक में भाग लिया।

बैठक का उद्देश्य बिजली क्षेत्र के कर्मचारियों और उपभोक्ताओं के बीच व्यापक एकता स्थापित कर देश में बिजली के अधिकार और ऊर्जा सुरक्षा की रक्षा करना बताया गया।
फैमिली मैन’ की आड़ में एमडीएमए तस्करी! फिल्मी सपनों से नशे के नेटवर्क तक, मुंबई से दबोचा गया तस्कर

लखनऊ। नारकोटिक्स टास्क फोर्स (एएनटीएफ) यूनिट आगरा ने मादक पदार्थों की तस्करी के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए एमडीएमए तस्करी में लंबे समय से फरार चल रहे आरोपी को मुंबई से गिरफ्तार किया है। हैरानी की बात यह है कि आरोपी फिल्मों और वेब सीरीज में सहायक सलाहकार के रूप में काम करने की आड़ में नशे का कारोबार चला रहा था।

करीब एक वर्ष से फरार चल रहा था

एएनटीएफ अधिकारियों के अनुसार गिरफ्तार आरोपी की पहचान मानसिंह पुत्र बाबूलाल, निवासी राजौरी गार्डन, दिल्ली के रूप में हुई है। मानसिंह एमडीएमए (एक्स्टेसी) जैसे खतरनाक सिंथेटिक ड्रग की तस्करी के मामले में वांछित था और करीब एक वर्ष से फरार चल रहा था।

मुंबई में छिपकर बना रहा था फिल्मी पहचान

एएनटीएफ यूनिट आगरा को सूचना मिली थी कि फरार तस्कर मानसिंह मुंबई के मालवानी क्षेत्र स्थित मरीना इनक्लेव बिल्डिंग में रह रहा है। वह वहां लोकप्रिय वेब सीरीज ‘फैमिली मैन’ सहित अन्य फिल्मों और वेब सीरीज में सहायक सलाहकार के रूप में काम कर रहा था, ताकि अपनी असली पहचान छिपा सके।सूचना के आधार पर एएनटीएफ यूनिट आगरा के उपनिरीक्षक विनोद कुमार के नेतृत्व में एक टीम मुंबई रवाना हुई और स्थानीय स्तर पर गोपनीय निगरानी के बाद आरोपी को दबोच लिया गया।

फिल्मी सपनों से अपराध की दुनिया तक का सफर

पूछताछ में आरोपी मानसिंह ने बताया कि वह वर्ष 2008 में दिल्ली से मुंबई आया था और फिल्मी दुनिया में करियर बनाने का सपना देख रहा था। शुरुआती दौर में उसने कुछ प्रोजेक्ट्स में काम भी किया, लेकिन इसी दौरान उसकी मुलाकात ऐसे लोगों से हुई जिन्होंने उसे नशे की दुनिया में धकेल दिया। धीरे-धीरे वह फिल्मी दुनिया को छोड़कर एमडीएमए की तस्करी में शामिल हो गया और एक बड़े नेटवर्क का हिस्सा बन गया।

गिरोह के अन्य सदस्यों की तलाश जारी

एएनटीएफ अधिकारियों के मुताबिक मानसिंह से पूछताछ के आधार पर उसके संपर्कों और ड्रग नेटवर्क से जुड़े अन्य लोगों की जानकारी जुटाई जा रही है। यह भी जांच की जा रही है कि वह एमडीएमए की सप्लाई किन राज्यों में करता था और इस गिरोह में और कितने लोग शामिल हैं।एएनटीएफ यूनिट आगरा ने बताया कि आरोपी के खिलाफ विधिक कार्रवाई करते हुए उसे न्यायिक प्रक्रिया के तहत आगे की कार्रवाई के लिए प्रस्तुत किया जा रहा है।
Beyond the Badge’ पॉडकास्ट के 17वें एपिसोड में DSP दीप्ति शर्मा ने साझा किया प्रेरणादायक सफर
लखनऊ । उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा अपनी उपलब्धियों, विशिष्टताओं और सराहनीय कार्यों को जनमानस तक पहुंचाने के उद्देश्य से जनवरी 2025 में शुरू किए गए पॉडकास्ट “Beyond the Badge” के 17वें एपिसोड में अंतर्राष्ट्रीय महिला क्रिकेटर एवं उत्तर प्रदेश पुलिस में पुलिस उपाधीक्षक (DSP)दीप्ति शर्मा ने अपने संघर्ष, खेल उपलब्धियों और पुलिस सेवा से जुड़े अनुभवों को विस्तार से साझा किया।

आईपीएस प्राची  सिंह ने खुलकर की बात

इस एपिसोड की मेज़बानी प्राची सिंह, आईपीएस, कमांडेंट 32वीं वाहिनी पीएसी द्वारा की गई। चर्चा के दौरान विश्व कप विजेता भारतीय महिला क्रिकेट टीम की अहम खिलाड़ी और प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट रह चुकीं सुश्री दीप्ति शर्मा ने अपने क्रिकेट करियर के विभिन्न पड़ावों पर खुलकर बातचीत की।

र्ल्ड कप जीत को अपने जीवन के सबसे यादगार बताया

दीप्ति शर्मा ने वर्ष 2014 में भारतीय महिला क्रिकेट टीम के लिए अपने अंतर्राष्ट्रीय डेब्यू, आयरलैंड के खिलाफ खेली गई 188 रनों की ऐतिहासिक पारी और हालिया आईसीसी विमेंस वर्ल्ड कप जीत को अपने जीवन के सबसे यादगार और प्रेरणादायक क्षण बताया। उन्होंने कहा कि वर्ल्ड कप की यह जीत देश की युवा खिलाड़ियों, विशेषकर बालिकाओं के लिए बेहद प्रेरक है। उन्होंने अपने क्रिकेट सफर की शुरुआत में परिवार के सहयोग को महत्वपूर्ण बताते हुए अपने भाई को अपनी प्रारंभिक प्रेरणा का स्रोत बताया।

प्रदेश सरकार की दीप्ति शर्मा ने की सराहना

पॉडकास्ट में दीप्ति शर्मा ने उत्तर प्रदेश सरकार की ‘कुशल खिलाड़ी योजना’ की सराहना करते हुए कहा कि  मुख्यमंत्री द्वारा खिलाड़ियों को दिए जा रहे प्रोत्साहन, रोजगार और सुविधाएं उन्हें बेहतर प्रदर्शन के लिए प्रेरित करती हैं। उन्होंने कहा कि ऐसी योजनाएं खिलाड़ियों को खेल के साथ-साथ भविष्य की सुरक्षा का भरोसा भी देती हैं।

एक खिलाड़ी के रूप में अनुशासन, समर्पण जरूरी

पुलिस सेवा और खेल के बीच संतुलन पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि ब्लू जर्सी और खाकी वर्दी, दोनों का अपना अलग सम्मान और गरिमा है। एक खिलाड़ी के रूप में अनुशासन, समर्पण और नियमों का पालन जितना जरूरी है, उतना ही आवश्यक एक पुलिस अधिकारी के रूप में भी कर्तव्यनिष्ठा और नियमों का पालन है। उन्होंने विश्वास जताया कि खेल से प्राप्त अनुशासन और फिटनेस पुलिस प्रशिक्षण और सेवा में भी सहायक सिद्ध होंगे।

परिवार के साथ समय बिताना देता है मानसिक सुकून

प्रधानमंत्री द्वारा दिए गए वक्तव्य—“मैदान में आपकी दादागिरी चलती है”—के संदर्भ में दीप्ति शर्मा ने स्पष्ट किया कि यह दादागिरी नहीं, बल्कि खेल के प्रति उनका फोकस और समर्पण है, जिससे उनकी छवि सख्त प्रतीत होती है। उन्होंने बताया कि मैदान के बाहर वह सहज, मिलनसार और सरल स्वभाव की हैं तथा व्यस्त खेल और प्रशिक्षण कार्यक्रमों के बावजूद परिवार के साथ समय बिताना उन्हें मानसिक सुकून देता है।

मेहनत, अनुशासन और समर्पण ही सफलता की कुंजी

युवाओं और विशेषकर खेल में करियर बनाने की इच्छुक बालिकाओं को संदेश देते हुए दीप्ति शर्मा ने कहा कि निरंतर मेहनत, अनुशासन और समर्पण ही सफलता की कुंजी हैं। उन्होंने युवाओं से आह्वान किया कि वे अपने लक्ष्य पर केंद्रित रहें, कठिन परिश्रम करते रहें और कभी हिम्मत न हारें, क्योंकि सफलता अवश्य मिलेगी।

विष्य की योजनाओं पर भी विस्तार से चर्चा की

इसके अतिरिक्त पॉडकास्ट में उन्होंने आगरा में पालन-पोषण, क्रिकेट जगत तक पहुंचने का सफर, प्रशिक्षण के अनुभव, व्यक्तिगत दिनचर्या और भविष्य की योजनाओं पर भी विस्तार से चर्चा की, जिसे उत्तर प्रदेश पुलिस के पॉडकास्ट “Beyond the Badge” के माध्यम से देखा और सुना जा सकता है।उल्लेखनीय है कि माननीय मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश की ‘कुशल खिलाड़ी योजना’ के तहत अब तक कुल 534 खिलाड़ियों की नियुक्ति उत्तर प्रदेश पुलिस में की जा चुकी है।

इससे पूर्व 16 एपिसोड अपलोड किए जा चुके

उत्तर प्रदेश पुलिस के पॉडकास्ट “Beyond the Badge” के माध्यम से इससे पूर्व 16 एपिसोड अपलोड किए जा चुके हैं, जिनमें उत्तर प्रदेश एवं अन्य राज्यों के पूर्व पुलिस महानिदेशक एवं सेवानिवृत्त वरिष्ठ अधिकारी, बॉलीवुड के चर्चित अभिनेता-अभिनेत्रियां, सामाजिक क्षेत्र की जानी-मानी हस्तियां, आईपीएस अधिकारी, UPSC टॉपर और पुलिस परिवारों से जुड़े प्रेरणादायक व्यक्तित्व अपने अनुभव और उपलब्धियां साझा कर चुके हैं।
जेपीए की छमाही बैठक में पत्रकारों की समस्याओं के निदान पर चर्चा, बैठक में संगठन के सदस्यों ने ली एकजुटता की शपथ


लखनऊ। अयोध्या राष्ट्रीय राजमार्ग कामता स्थित एक निजी प्रतिष्ठान में जर्नलिस्ट प्रोटेक्शन एसोसियेशन (रजि0) उत्तर प्रदेश (जे पी ए) की रविवार को सह मीडिया प्रभारी सौरभ निगम की अध्यक्षता में छमाही बैठक हुई। बैठक में संगठन के विस्तार, पत्रकारों के साथ घटने वाली घटनाएं, पत्रकारों की समस्याओं तथा सामाजिक स्थिति पर चर्चा की गई।

कार्यक्रम में एसोसियेशन के पदाधिकारी और सदस्यों ने वरिष्ठ पत्रकार फरहान इराकी की माता जी के आकस्मिक निधन को लेकर दो मिनट का मौन रखकर उनकी आत्मा की शांति की कामना की। जर्नलिस्ट प्रोटेक्शन एसोसियेशन की छमाही बैठक में अध्यक्ष विवेक प्रताप सिंह ने कहा कि पत्रकारों को संगठित होकर पत्रकारों के विषय में सोचना होगा।

हमें समाज की लड़ाई लड़ने के साथ-साथ अपने लिए भी समय निकालना होगा और एक दूसरे के सुख-दुख में सहभागिता करनी होगी। इसके लिए हम सभी को संगठित रहना चाहिए। कार्यक्रम में सभी ने अपने-अपने विचार रखे। साथ ही जनवरी में होने वाली अगली बैठक की रूपरेखा भी तय की। बैठक का संचालन उपाध्यक्ष रवि जायसवाल ने किया। बैठक की अध्यक्षता कर रहे सह मीडिया प्रभारी सौरभ निगम ने संगठन को आर्थिक रूप से मजबूत करने की बात कही और जिस पर सभी पदाधिकारी और सदस्यों ने अपनी सहमति दी।

इस अवसर पर कोषाध्यक्ष नरसिंह नारायण पांडेय संरक्षक सदस्य विवेक विश्व पांडे, सचिव अभिषेक सिंह मीडिया प्रभारी सत्येंद्र शर्मा, उपसचिव विजय शंकर दुबे, रंजीत सिंह, प्रवीण सिंह लखनऊ जनपद के  कोषाध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष सनी शाह, सदस्य आनंद सिंह, बबलू, रोशनी सोनकर, पूर्णिमा सोनकर, प्रियंका निगम, निशांत सिंह, शेखर सिंह, अंकित गुप्ता, विशाल कुमार, नीरज कुमार, शरद चंद्र, मनोज कुमार शर्मा, प्रमुख रूप से मौजूद थे।
बच्चों में संस्कार डालना अभिभावक का काम : स्वाती सिंह
एसआरएम स्कूल के एनुअल कार्यक्रम बच्चों की प्रस्तुतियों ने मोहा मन

लखनऊ, 14 दिसम्बर। बच्चे मिट्टी के घड़े के समान होते हैं, उसे ढालने का प्रमुख काम अभिभावक का है। उसके बाद स्कूल में गुरु उन्हें तराशते हैं। जब कोई यह कहता है कि हमारा बच्चा संस्कारवान नहीं है तो दरअसल यह उस अभिभावक की कमी है। वह खुद की बेइज्जती करता है। हर बच्चा संस्कारवान है। हमें अपने संस्कार को तराशना होगा और बच्चे की मानसिकता को समझ कर उसको उस हिसाब से आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करना होगा। ये बातें पूर्व मंत्री और भाजपा की वरिष्ठ नेत्री स्वाती सिंह ने कहीं। वह रविवार को एसआरएम कान्वेंट स्कूल के एनुवल कार्यक्रम में बोल रही थीं।

बच्चों की गतिविधियों पर ध्यान देने की अपील
उन्होंने विद्यालय के प्रबंधक हाइकोर्ट के अधिवक्ता राज कुमार राय को धन्यवाद देते हुए कहा कि यहां के बच्चे उच्च कोटि के शिक्षा के साथ संस्कारवान बन रहे हैं। यह बहुत बड़ी उपलब्धि है। इसके लिए निश्चय ही यहां के अध्यापक भी सराहनीय काम कर रहे हैं। स्वाती सिंह ने कहा कि हर शिक्षक और अभिभावक को अपने बच्चों की गतिविधियों पर ध्यान देना चाहिए और वह जिस क्षेत्र में बढ़ना चाहता है, उसके हिसाब से उसे आगे बढ़ने का मौका दिया जाना चाहिए। इससे वह अपने हिसाब से आगे बढ़ सकेगा और काफी प्रगति करेगा।

गुरु के बिना जीवन व्यर्थ
इस अवसर पर क्षेत्रीय विधायक अमरेश कुमार ने कहा कि अध्यापक बच्चों को तराशकर वे संस्कार के साथ ही समाज को समर्पित करते हैं। यही कारण है कि गुरु को सबसे श्रेष्ठ माना गया है। यदि गुरु न हो तो फिर जीवन ही व्यर्थ हो जाता है। उन्होंने एसआरएम के प्रबंधक की सराहना करते हुए कहा कि यहां शिक्षा के साथ ही संस्कार पर भी विशेष ध्यान दिया जाता है। कार्यक्रम में बच्चों ने काफी उत्साह दिखाया। पूरे दिन नृत्य, संगीत का कार्यक्रम चलता रहा। विद्यालय की प्रधानाचार्या रेनू सिंह और पूरा स्कूल स्टाफ ने अतिथियों का सवागत किया। काफी संख्या में अभिभावक भी मौजूद रहे।
यूपी भाजपा को नया अध्यक्ष, पंकज चौधरी के सामने संगठन से लेकर सियासी संतुलन तक की बड़ी अग्निपरीक्षा

लखनऊ । राजधानी लखनऊ में हुए भव्य मेगा इवेंट के साथ उत्तर प्रदेश भाजपा को नया संगठन प्रमुख मिल गया है। महाराजगंज से सात बार सांसद रह चुके और केंद्रीय मंत्री पंकज चौधरी को प्रदेश भाजपा अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी गई है। मंच से नाम की औपचारिक घोषणा होते ही समर्थकों में उत्साह की लहर दौड़ गई, लेकिन इस राजनीतिक ताजपोशी के साथ ही चौधरी के सामने चुनौतियों का लंबा और कठिन रास्ता भी खुल गया है।

देश के सबसे बड़े राज्य में पार्टी संगठन की कमान संभालना सिर्फ सम्मान नहीं, बल्कि एक बड़ी जिम्मेदारी है। खासकर ऐसे समय में, जब 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा को अपेक्षित परिणाम नहीं मिले और पार्टी 2019 की तुलना में भारी नुकसान झेल चुकी है।

2019 से 2024 तक का सफर और फिसलता सियासी आधार

2019 में जहां भाजपा ने उत्तर प्रदेश से 62 लोकसभा सीटों पर जीत दर्ज की थी, वहीं 2024 में यह आंकड़ा घटकर 36 पर आ गया। पार्टी के आंतरिक आकलन में इस गिरावट की सबसे बड़ी वजह कोर वोट बैंक— कुर्मी समाज—का खिसकना माना गया। कई सीटों पर हार की कहानी इसी सामाजिक समीकरण से जुड़कर सामने आई।

पंकज चौधरी के सामने सबसे बड़ी चुनौती

अब नए प्रदेश अध्यक्ष के तौर पर पंकज चौधरी के सामने सबसे बड़ी चुनौती इसी भरोसे को दोबारा कायम करने की है। पार्टी नेतृत्व को उम्मीद है कि एक अनुभवी, मूल काडर से जुड़े और कुर्मी समाज में प्रभाव रखने वाले नेता के रूप में चौधरी इस नुकसान की भरपाई कर सकते हैं।

पंचायत से विधानसभा तक—चुनावों की कतार

पंकज चौधरी की जिम्मेदारी सिर्फ संगठन चलाने तक सीमित नहीं है। उनके सामने अगले साल प्रस्तावित पंचायत चुनाव और फिर 2027 का विधानसभा चुनाव है, जहां पिछड़ा वर्ग, खासकर कुर्मी वोट बैंक को साधना निर्णायक साबित होगा। इसके साथ ही संगठन के भीतर लंबे समय से उपेक्षित महसूस कर रहे कार्यकर्ताओं की नाराजगी को दूर करना भी एक बड़ी चुनौती के रूप में देखा जा रहा है।

पार्टी के भीतर यह आवाज लगातार उठती रही है कि कई कार्यकर्ता वर्षों से विभिन्न बोर्डों, निगमों और संस्थाओं में मनोनयन का इंतजार कर रहे हैं। इस असंतोष को संभालना और संगठन को फिर से सक्रिय करना नए अध्यक्ष के लिए आसान नहीं होगा।

सरकार और संगठन के बीच संतुलन भी परीक्षा

संगठन प्रमुख के तौर पर पंकज चौधरी को सरकार और कार्यकर्ताओं के बीच सेतु की भूमिका निभानी होगी। थानों, पुलिस और प्रशासनिक स्तर पर सुनवाई न होने की शिकायतें, स्थानीय नेताओं की अपेक्षाएं और सरकार के साथ तालमेल—इन सभी मुद्दों को साधना उनकी राजनीतिक सूझबूझ और संगठनात्मक क्षमता की कसौटी बनेगा।यह भी माना जा रहा है कि केंद्र की राजनीति में लंबा अनुभव रखने वाले पंकज चौधरी के लिए राज्य स्तर की रोजमर्रा की सियासत और संगठनात्मक दबाव एक नई चुनौती पेश करेगा।

कुर्मी समाज और नेतृत्व की उम्मीद

यादवों के बाद पिछड़े वर्ग में सबसे प्रभावशाली माने जाने वाले कुर्मी समाज का भाजपा से दूर होना पार्टी के लिए चेतावनी की घंटी साबित हुआ था। भले ही पार्टी में कई कुर्मी नेता मंत्री और विधायक हों, लेकिन प्रभाव और स्वीकार्यता के स्तर पर पंकज चौधरी और जलशक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह को ही मूल काडर के बड़े चेहरे के तौर पर देखा जाता है।

भाजपा ने पंकज चौधरी को संगठन का चेहरा बनाया

इसी राजनीतिक हकीकत को ध्यान में रखते हुए भाजपा ने पंकज चौधरी को संगठन का चेहरा बनाया है। अब देखना यह होगा कि वह संगठन को कितनी तेजी से संभालते हैं और 2027 की सियासी लड़ाई के लिए भाजपा को किस तरह तैयार करते हैं।