स्व.गीता यादव की याद में वर्सोवा में स्मृति खेल महोत्सव का भव्य आयोजन


मुंबई। नगरसेविका के रूप में स्वर्गीय गीता यादव द्वारा वर्सोवा स्थित अपने वार्ड में किए गए विकास कार्यों को हमेशा याद किया जाएगा। यूथ कांग्रेस,वर्सोवा विधानसभा के पूर्व तालुकाध्यक्ष संतोष वी यादव द्वारा उनकी मां स्वर्गीय गीता यादव की याद में वर्सोवा वेलफेयर शाला मैदान में आयोजित स्मृति खेल महोत्सव, फ्री डॉक्यूमेंट शिविर, मुफ्त चिकित्सा शिविर  कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में बोलते हुए मुंबई कांग्रेस की अध्यक्ष सांसद वर्षा गायकवाड़ ने उपरोक्त बातें कही। उन्होंने संतोष वी यादव की सराहना करते हुए कहा कि अपनी मां की याद में फ्री डॉक्यूमेंट शिविर, चिकित्सा शिविर तथा खेल महोत्सव का भव्य आयोजन करना सराहनीय और प्रेरणादायक कार्य है।

कार्यक्रम में उपस्थित महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री विधायक असलम शेख ने कहा कि इस तरह के कार्यक्रमों से आम लोगों को अनेक लाभ होते हैं तथा युवा खिलाड़ियों को प्रोत्साहन मिलता है। पूर्व विधायक अशोक भाऊ जाधव तथा उत्तर पश्चिम जिला कांग्रेस की अध्यक्ष भावना शर्मा जैन ने भी कार्यक्रम की सराहना करते हुए स्वर्गीय गीता यादव के कार्यों को याद किया। यूथ कांग्रेस के पूर्व मुंबई अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि स्वर्गीय गीता यादव द्वारा किए गए जनहित कार्यों को जनता हमेशा याद करती रहेगी।

संतोष वी यादव द्वारा आयोजित कार्यक्रम में मुफ्त चिकित्सा सहायता के साथ फ्री आयुष्मान कार्ड का पंजीकरण, फ्री वरिष्ठ नागरिक कार्ड का पंजीकरण, फ्री नई वोटर आईडी का करेक्शन तथा पंजीकरण, फ्री पैन कार्ड तथा क्रिकेट, वॉलीबॉल फुटबॉल, टेनिस, बॉल, कैरम, बॉक्स क्रिकेट, स्केटिंग जैसे अनेक खेलों का आयोजन किया गया। सभी विजेता और विजेता खिलाड़ियों को पुरस्कृत किया गया। अंत में संतोष वी यादव ने समस्त लोगों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि वे जनता के प्रति समर्पित अपनी मां की याद में इस तरह के लोकहित कार्यक्रमों का आयोजन करते रहेंगे, ताकि अधिक से अधिक लोगों को और युवाओं को उसका लाभ मिल सके।
राष्ट्रीय सेवा योजना के विशेष आवासीय शिविर का उद्घाटन
दहाणू। मल्लिनाथ जैन तीर्थ आश्रम, कोशबाड,दहाणू में 14 दिसंबर से 20 दिसंबर 2025 तक आयोजित होने वाले एनएसएस (राष्ट्रीय सेवा योजना) विशेष आवासीय शिविर का कल विधिवत उद्घाटन किया गया। यह शिविर श्रीमती टी. एस. बाफना जूनियर कॉलेज, मलाड, मुंबई द्वारा आयोजित किया जा रहा है। यह शिविर प्राचार्या डॉ. दीपा शर्मा के मार्गदर्शन एवं आदेशानुसार, उपप्राचार्य श्री एस. राणा, पर्यवेक्षिका श्रीमती ज़रीन तथा प्रवीण सिरगांवकर के निर्देशन में संचालित किया जा रहा है। शिविर में एनएसएस वेस्ट ज़ोन की कोऑर्डिनेटर श्रीमती दीप्ति लाकुम  की गरिमामयी उपस्थिति रही। शिविर का संचालन एनएसएस अधिकारी श्रीमती उपाध्याय नीलम अम्बरीष दुबे के नेतृत्व में किया जा रहा है। शिविर के दौरान एनएसएस स्वयंसेवक छात्राएँ स्वच्छता अभियान, पर्यावरण संरक्षण, वृक्षारोपण, श्रमदान, स्वास्थ्य जागरूकता तथा सामाजिक चेतना से संबंधित विभिन्न गतिविधियों में सक्रिय सहभागिता करेंगी। इन गतिविधियों का मुख्य उद्देश्य छात्राओं में सेवा-भाव, सामाजिक उत्तरदायित्व एवं अनुशासन की भावना का विकास करना है।
यह विशेष आवासीय शिविर छात्राओं के सर्वांगीण विकास के साथ-साथ समाज के प्रति उनकी जिम्मेदारियों को समझने का एक सशक्त माध्यम सिद्ध होगा। शिविर के सफल संचालन हेतु सभी मार्गदर्शकों, आयोजकों एवं स्वयंसेविकाओं का सक्रिय सहयोग सराहनीय है।
शिविर के संचालन में प्रो. श्रीमती त्रुप्ती रूपारेलिया,  सरस्वती कुम्भार, श्शरद राजपूत, रोहिदास भामरे सहित अन्य शिक्षकों का उल्लेखनीय योगदान प्राप्त हो रहा है। साथ ही श्री गजानन सहायक के रूप में शिविर में उपस्थित रहकर सहयोग प्रदान कर रहे हैं।
डॉ.दिनेश कुमार की पुस्तक  संविधान के शिल्पकार का लोकार्पण
मुंबई। डॉ. दिनेश कुमार रचित खंडकाव्य संविधान के शिल्पकार का लोकार्पण 'हिंद सेवा परिषद'द्वारा संचालित" पब्लिक हाई स्कूल एवं जूनियर कॉलेज"सांताक्रूज़( प.) मुंबई एवं साहित्य संगम संस्था मुंबई के संयुक्त तत्वावधान में पब्लिक हाई स्कूल, कॉलेज सांताक्रुज मुंबई के सभागार में मुंबई विश्वविद्यालय हिंदी विभाग के वरिष्ठ प्रोफेसर एवं अध्यक्ष, रक्षा विशेषज्ञ डॉ.करुणाशंकर उपाध्याय की अध्यक्षता में 100 से अधिक गणमान्यों की गरिमामयी  उपस्थिति में धूमधाम एवं हर्षोल्लास के साथ संपन्न हुआ। मुख्य अतिथि के रूप में 'हिंद सेवा परिषद एवं पब्लिक स्कूल' के संस्थापक यज्ञ नारायण दुबे मंच पर उपस्थित  रहे। आर.के. कॉलेज मलाड के संचालक आर. के.सर और 'नीलम पब्लिकेशन' के प्रकाशक,साहित्यनामा के प्रधान संपादक दिनेश आर .वर्मा बतौर सम्मानित अतिथि मंच पर विराजमान रहे।मुंबई विश्वविद्यालय हिंदी विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. सचिन गपाट एवं 'संझा लोकस्वामी' के कार्यकारी संपादक  राकेश मणि तिवारी ने "संविधान के शिल्पकार”खंडकाव्य पर अपना सारगर्भित वक्तव्य दिया। पब्लिक हाई स्कूल,जूनियर कॉलेज के प्रधानाचार्य, डॉ.राकेश दुबे ने   प्रस्ताविकी से सभी का ध्यान आकर्षित   किया।सिद्धार्थ महाविद्यालय के प्राध्यापक धर्मराज लांजेवर ने कवि परिचय प्रस्तुत किया एवं कवि डॉ. दिनेश कुमार ने मनोगत द्वारा उपस्थित अतिथियों का सत्कार किया।सभी मंचस्थ अतिथियों का स्वागत शाल एवं पुष्पगुच्छ से हुआ।वरिष्ठ कवि रामप्यारे (रघुवंशी), दिनेश बैसवारी, रामस्वरूप साहू, अमरनाथ द्विवेदी, रवि यादव,कल्पेश यादव, जे.पी.सिंह, प्रेम जौनपुरी, विवेक सिंह, दयाराम, जाकिर हुसैन रहबरआदि लगभग 20 कवियों ने काव्य पाठ किया। कार्यक्रम का सफल संचालन साहित्य संगम संस्था के संस्थापक वरिष्ठ कवि साहित्यकार राम सिंह ने किया । पब्लिक विधि महाविद्यालय के निदेशक-राजेश दुबे जी ने, सभी के प्रति आभार व्यक्त किया ।
फिल्म धुरंधर : नारे लगाने से नहीं जागरूक रहने से जिंदा है देश भक्ति
–डॉ मंजू मंगलप्रभात लोढ़ा

मुंबई। फिल्म शुरू होने से पहले ही मन स्वतः नमन कर उठता है, उन अनदेखे धुरंधरों को,जो अपना नाम, पहचान, रिश्ते सब कुछ मिटाकर किसी और देश की ज़मीन पर हमारे चैन की नींद की कीमत चुकाते हैं।हम सुरक्षित रहें, इसके लिए वे हर पल मृत्यु से आँखें मिलाते हैं। साढ़े तीन घंटे की यह फिल्म दर्शक को बाँधकर रखती है। कई दृश्य ऐसे हैं जहाँ दिल दहल उठता है, यह सोचकर कि किस तरह पड़ोसी देश भारत के भीतर अपनी खुफिया जड़ें फैलाता हैं और उससे भी ज़्यादा डरावना सच यह कि उन्हें अपने ही देश के छिपे हुए गद्दारों का सहारा मिलता है।

फिल्म मन में एक सवाल छोड़ती है कि क्या लोग अमर हैं?क्यों चंद सिक्कों, थोड़े से लालच के लिए
अपनी मिट्टी, अपनी माँ, अपने देश से ग़द्दारी कर बैठते हैं?अगर हर भारतीय यह ठान ले कि यह मेरा देश है और इसकी रक्षा मेरी भी ज़िम्मेदारी है,तो शायद 26/11 जैसी त्रासदियाँ इतिहास में ही सिमट जाएँ। अभिनय और निर्देशन फिल्म का अभिनय इसकी सबसे बड़ी ताक़त है। अक्षय खन्ना और रणवीर सिंह सचमुच बाज़ी मार ले जाते हैं।

अक्षय खन्ना रहमान डकैत के रूप में एक खामोश, ठंडी और डर पैदा करने वाली उपस्थिति छोड़ते हैं। रणवीर सिंह बिना ज़्यादा संवादों के सिर्फ़ अपनी आँखों से पूरा दर्द, ग़ुस्सा और प्रतिबद्धता कह देते हैं। अर्जुन रामपाल, आर. माधवन, राकेश बेदी अपने-अपने किरदारों में पूरी ईमानदारी से ढले नज़र आते हैं।
संजय दत्त की ख़ूँख़ार छवि कहानी में एक अलग ही भय और वज़न जोड़ती है।

निर्देशक आदित्य धर की निडरता काबिल-ए-तारीफ़ है। उन्होंने सड़े हुए, असहज और खतरनाक सच को
बिना किसी समझौते के परदे पर रखा है।तकनीक, संगीत और माहौल कराची की गलियों में की गई शूटिंग,सब कुछ इतना वास्तविक लगता है कि दर्शक खुद को वहीं मौजूद महसूस करता है।बीच-बीच में पुराने गानों का इस्तेमाल फिल्म की रफ्तार को थामता है,बांधे रखता हैं,दर्शक को सांस लेने का मौका देता है। हर चैप्टर नया तनाव, नई परत और नया लक्ष्य खोलता है।कई जगह डर लगता है, ग़ुस्सा आता है,तो कई दृश्य आँखें बंद करने पर मजबूर कर देते हैं।

हाँ, हिंसा अधिक है
लेकिन शायद यही सच्चाई है। युद्ध और जासूसी की दुनिया कभी मुलायम नहीं होती। यह फिल्म सिर्फ़ मनोरंजन नहीं, चेतावनी और आत्ममंथन है। यह हमें याद दिलाती है कि देशभक्ति नारे लगाने से नहीं,जागरूक रहने से ज़िंदा रहती है। फिल्म का संदेश यही है कि यह दुश्मन को ही नहीं,हमारी अपनी कमजोरियों को भी उजागर करती है।धुरंधर उन फिल्मों में से है जो खत्म होने के बाद भी मन में चलती रहती हैं। इसके अगले भाग का इंतज़ार
सिर्फ़ कहानी के लिए नहीं,उस सच के लिए रहेगा,जिसे दिखाने का साहस बहुत कम लोग करते हैं।अगर जीवन की सच्ची और भयावह सच्चाई देखना चाहते हैं तो पिक्चर जरूर देखिए ।
इंटरनेशनल ह्यूमन राईट्स अंबेसडर आर्गनाइजेशन के वर्किंग प्रेसीडेंट नियुक्त

मुंबई। श्री जैन धार्मिक शिक्षण संघ के उपाध्यक्ष के रूप में जैन समुदाय के 75,000 से भी अधिक बच्चों में शिक्षा, संस्कार व राष्ट्रप्रेम की भावना विकसित करने के लिए सतत प्रयासरत सुप्रसिद्ध हीरा कारोबारी व समाजसेवी संजय जीवनलाल शाह को विश्व स्तरीय सम्मान प्राप्त हुआ है। यूके, यूएई समेत विश्व के प्रमुख 18 देशों में मानवाधिकारों की रक्षा, सामाजिक न्याय की स्थापना और वैश्विक शांति के संकल्प को सशक्त करते हुए इंटरनेशनल ह्यूमन राइट्स एम्बेसडर्स ऑर्गनाइजेशन (IHRAO) ने

संजय जीवनलाल शाह के जनसेवी कार्यों को मद्देनजर रखते हुए उन्हें इंटरनेशनल वर्किंग प्रेसीडेंट का दायित्व सौंपा है। इसके साथ ही शिक्षक होने के साथ ही जरूरतमंदों की हरसंभव मदद अपने निजी खर्च पर करने वाले राजेश उपाध्याय को आर्गनाइजेशन ने इंडिया का नेशनल वर्किंग प्रेसीडेंट एवं महिलाओं के उत्थान, उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के लिए स्व-खर्च से कार्यरत श्री जैन धार्मिक शिक्षण संघ की महिला विभाग की उपाध्यक्ष व जुझारू समाजसेविका अल्पाबेन संजय शाह को आर्गनाइजेशन ने लेडीज विंग के नेशनल कोआर्डिनेटर की जिम्मेदारी सौंपी है। इस संबंध में जारी आधिकारिक नियुक्ति पत्र पर संगठन के अंतर्राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. अविनाश डी. साकुंडे एवं राष्ट्रीय अध्यक्ष (भारत) डॉ. अफसर चांद कुरैशी ने संजय जीवनलाल शाह को एक भव्य समारोह के दौरान प्रदान किया। गौरतलब हो कि यह संगठन भारत सरकार के कॉरपोरेट कार्य मंत्रालय में पंजीकृत है और राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मानवाधिकार संरक्षण, सामाजिक समानता, महिला एवं बाल अधिकारों, तथा वंचित वर्गों के सशक्तिकरण के लिए कार्य कर रहा है। बता दें कि संजय जीवनलाल शाह और उनकी धर्मपत्नी अल्पाबेन शाह लंबे समय से सामाजिक सेवा, मानवाधिकार जागरूकता, जनकल्याणकारी गतिविधियों तथा समाज के कमजोर वर्गों के हितों की रक्षा के क्षेत्र में सक्रिय भूमिका निभाते आ रहे हैं। उनके अनुभव, नेतृत्व क्षमता और संगठनात्मक कौशल को ध्यान में रखते हुए उन्हें यह महत्वपूर्ण अंतर्राष्ट्रीय जिम्मेदारी सौंपी गई है। नवनियुक्त इंटरनेशनल वर्किंग प्रेसीडेंट संजय जीवनलाल शाह ने कहा कि वे विश्व स्तर पर संगठन की गतिविधियों को सुदृढ़ करने, विभिन्न देशों के मानवाधिकार संगठनों के साथ समन्वय बढ़ाने तथा मानवाधिकार मूल्यों को जमीनी स्तर तक पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। उनकी नियुक्ति से संगठन के अंतर्राष्ट्रीय विस्तार और प्रभावशीलता को नई दिशा और मजबूती मिलने की उम्मीद है। संगठन के पदाधिकारियों एवं सदस्यों ने संजय जीवनलाल शाह की नियुक्ति पर हर्ष व्यक्त करते हुए विश्वास जताया है कि उनके नेतृत्व में मानवाधिकार मिशन को नई ऊर्जा, व्यापक पहचान और ठोस परिणाम प्राप्त होंगे। यह न केवल गर्व की बात है बल्कि समाज के उज्ज्वल भविष्य की सशक्त अधारशिला भी है। इंटरनेशनल ह्यूमन राईट्स अंबेसडर आर्गनाइजेशन के संस्थापक अध्यक्ष डाॅ अविनाश साकुंडे ने नवनियुक्त इंटरनेशनल वर्किंग प्रेसीडेंट संजय जीवनलाल शाह, नेशनल वर्किंग प्रेसीडेंट राजेश उपाध्याय, वूमेन विंग की नेशनल कोआर्डिनेटर अल्पाबेन शाह को बधाई देते हुए कहा कि आस्था, प्रचार और समर्पण के पर्याय संजय जीवनलाल शाह का नेतृत्व संगठन के उज्ज्वल भविष्य की नई दिशा तय करेगा, इसका हमें पूरा विश्वास है। साकुंडे ने कहा कि संजय शाह के साथ ही हमने भारत में भी दो प्रमुख पदों पर एक शिक्षक राजेश उपाध्याय व शिक्षा व संस्कार भावी पीढ़ी में कूट-कूट कर भरने में प्रमुख भूमिका निभा रहीं अल्पाबेन संजय शाह जैसे पुरोधाओं की नियुक्ति की है।हमें पूरा विश्वास है कि यह संगठन अब नित नई बुलंदियां तय करते हुए समूचे भारत में पूरी ऊर्जा के साथ मानवता की मिसाल पेश करेंगे। नवनियुक्त इंटरनेशनल वर्किंग प्रेसीडेंट संजय जीवनलाल शाह ने अपनी नियुक्ति के लिए विश्व तथा राष्ट्रीय स्तर के सभी वरिष्ठ पदाधिकारियों का सम्मानपूर्वक आभार व्यक्त करते हुए कहा कि मानवाधिकारों का सम्मान, सामाजिक समानता और न्याय किसी भी प्रगतिशील राष्ट्र की वास्तविक बुनियाद होते हैं। जैसे अच्छे संस्कार एक बच्चे के उज्ज्वल भविष्य की मजबूत नींव रखते हैं, उसी प्रकार समानता और न्याय एक प्रगतिशील समाज का सशक्त आधार बनते हैं। यही हमारा ध्येय है, और वरिष्ठों के निर्देशानुसार हम पूरी निष्ठा व समर्पण से अमल करेंगे। कार्यक्रम में उपस्थित सभी स्नेहीजनों का आभार अल्पाबेन शाह ने व्यक्त किया।

संजय शाह इंटरनेशनल ह्यूमन राईट्स अंबेसडर आर्गनाइजेशन के वर्किंग प्रेसीडेंट नियुक्त

मुंबई। श्री जैन धार्मिक शिक्षण संघ के उपाध्यक्ष के रूप में जैन समुदाय के 75,000 से भी अधिक बच्चों में शिक्षा, संस्कार व राष्ट्रप्रेम की भावना विकसित करने के लिए सतत प्रयासरत सुप्रसिद्ध हीरा कारोबारी व समाजसेवी संजय जीवनलाल शाह को विश्व स्तरीय सम्मान प्राप्त हुआ है। यूके, यूएई समेत विश्व के प्रमुख 18 देशों में मानवाधिकारों की रक्षा, सामाजिक न्याय की स्थापना और वैश्विक शांति के संकल्प को सशक्त करते हुए इंटरनेशनल ह्यूमन राइट्स एम्बेसडर्स ऑर्गनाइजेशन (IHRAO) ने

संजय जीवनलाल शाह के जनसेवी कार्यों को मद्देनजर रखते हुए उन्हें इंटरनेशनल वर्किंग प्रेसीडेंट का दायित्व सौंपा है। इसके साथ ही शिक्षक होने के साथ ही जरूरतमंदों की हरसंभव मदद अपने निजी खर्च पर करने वाले राजेश उपाध्याय को आर्गनाइजेशन ने इंडिया का नेशनल वर्किंग प्रेसीडेंट एवं महिलाओं के उत्थान, उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के लिए स्व-खर्च से कार्यरत श्री जैन धार्मिक शिक्षण संघ की महिला विभाग की उपाध्यक्ष व जुझारू समाजसेविका अल्पाबेन संजय शाह को आर्गनाइजेशन ने लेडीज विंग के नेशनल कोआर्डिनेटर की जिम्मेदारी सौंपी है। इस संबंध में जारी आधिकारिक नियुक्ति पत्र पर संगठन के अंतर्राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. अविनाश डी. साकुंडे एवं राष्ट्रीय अध्यक्ष (भारत) डॉ. अफसर चांद कुरैशी ने संजय जीवनलाल शाह को एक भव्य समारोह के दौरान प्रदान किया। गौरतलब हो कि यह संगठन भारत सरकार के कॉरपोरेट कार्य मंत्रालय में पंजीकृत है और राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मानवाधिकार संरक्षण, सामाजिक समानता, महिला एवं बाल अधिकारों, तथा वंचित वर्गों के सशक्तिकरण के लिए कार्य कर रहा है। बता दें कि संजय जीवनलाल शाह और उनकी धर्मपत्नी अल्पाबेन शाह लंबे समय से सामाजिक सेवा, मानवाधिकार जागरूकता, जनकल्याणकारी गतिविधियों तथा समाज के कमजोर वर्गों के हितों की रक्षा के क्षेत्र में सक्रिय भूमिका निभाते आ रहे हैं। उनके अनुभव, नेतृत्व क्षमता और संगठनात्मक कौशल को ध्यान में रखते हुए उन्हें यह महत्वपूर्ण अंतर्राष्ट्रीय जिम्मेदारी सौंपी गई है। नवनियुक्त इंटरनेशनल वर्किंग प्रेसीडेंट संजय जीवनलाल शाह ने कहा कि वे विश्व स्तर पर संगठन की गतिविधियों को सुदृढ़ करने, विभिन्न देशों के मानवाधिकार संगठनों के साथ समन्वय बढ़ाने तथा मानवाधिकार मूल्यों को जमीनी स्तर तक पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। उनकी नियुक्ति से संगठन के अंतर्राष्ट्रीय विस्तार और प्रभावशीलता को नई दिशा और मजबूती मिलने की उम्मीद है। संगठन के पदाधिकारियों एवं सदस्यों ने संजय जीवनलाल शाह की नियुक्ति पर हर्ष व्यक्त करते हुए विश्वास जताया है कि उनके नेतृत्व में मानवाधिकार मिशन को नई ऊर्जा, व्यापक पहचान और ठोस परिणाम प्राप्त होंगे। यह न केवल गर्व की बात है बल्कि समाज के उज्ज्वल भविष्य की सशक्त अधारशिला भी है। इंटरनेशनल ह्यूमन राईट्स अंबेसडर आर्गनाइजेशन के संस्थापक अध्यक्ष डाॅ अविनाश साकुंडे ने नवनियुक्त इंटरनेशनल वर्किंग प्रेसीडेंट संजय जीवनलाल शाह, नेशनल वर्किंग प्रेसीडेंट राजेश उपाध्याय, वूमेन विंग की नेशनल कोआर्डिनेटर अल्पाबेन शाह को बधाई देते हुए कहा कि आस्था, प्रचार और समर्पण के पर्याय संजय जीवनलाल शाह का नेतृत्व संगठन के उज्ज्वल भविष्य की नई दिशा तय करेगा, इसका हमें पूरा विश्वास है। साकुंडे ने कहा कि संजय शाह के साथ ही हमने भारत में भी दो प्रमुख पदों पर एक शिक्षक राजेश उपाध्याय व शिक्षा व संस्कार भावी पीढ़ी में कूट-कूट कर भरने में प्रमुख भूमिका निभा रहीं अल्पाबेन संजय शाह जैसे पुरोधाओं की नियुक्ति की है।हमें पूरा विश्वास है कि यह संगठन अब नित नई बुलंदियां तय करते हुए समूचे भारत में पूरी ऊर्जा के साथ मानवता की मिसाल पेश करेंगे। नवनियुक्त इंटरनेशनल वर्किंग प्रेसीडेंट संजय जीवनलाल शाह ने अपनी नियुक्ति के लिए विश्व तथा राष्ट्रीय स्तर के सभी वरिष्ठ पदाधिकारियों का सम्मानपूर्वक आभार व्यक्त करते हुए कहा कि मानवाधिकारों का सम्मान, सामाजिक समानता और न्याय किसी भी प्रगतिशील राष्ट्र की वास्तविक बुनियाद होते हैं। जैसे अच्छे संस्कार एक बच्चे के उज्ज्वल भविष्य की मजबूत नींव रखते हैं, उसी प्रकार समानता और न्याय एक प्रगतिशील समाज का सशक्त आधार बनते हैं। यही हमारा ध्येय है, और वरिष्ठों के निर्देशानुसार हम पूरी निष्ठा व समर्पण से अमल करेंगे। कार्यक्रम में उपस्थित सभी स्नेहीजनों का आभार अल्पाबेन शाह ने व्यक्त किया।

रितु तावड़े ने किया प्रचार गाड़ी का उद्घाटन
मुंबई। सायन कोलीवाडा अंतर्गत वार्ड क्र.172 से स्वप्ना मणी बालन ने पूर्व प्रधानमंत्री भारतरत्न स्व. अटलबिहारी बाजपेई की जयंती के अवसर पर आधार कार्ड अपडेट, आयुष्मान कार्ड, ई-श्रम कार्ड, लाडकी बहीण योजना, ज्येष्ठ नागरिक ओलख पत्र, आयुष्मान वंदना कार्ड मुफ्त सेवा कार्य किया। मुंबई महानगरपालिका चुनाव की बिगुल "प्रचार गाडी" का उद्घाटन बीजेपी महिला संयोजिका श्रीमती रितु तावडे ने किया। कार्यक्रम मे भाजप के वरिष्ठ पदाधिकारी व कार्यकर्ता उपस्थित रहे।
सेरेब्रल पाल्सी एसोसिएशन ऑफ इंडिया ने मनाया अंतरराष्ट्रीय दिव्यांग

मुंबई | सेरेब्रल पाल्सी एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सीपीएआई) ने आर.डी. नेशनल कॉलेज में अंतरराष्ट्रीय दिव्यांग व्यक्तियों का दिवस एवं अपना वार्षिक उत्सव अत्यंत उत्साह और गौरव के साथ मनाया। बहुविध विकलांगता वाले छात्रों ने संगीत, नृत्य और विविध सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के माध्यम से अपनी अद्भुत प्रतिभा, रचनात्मकता और आत्मविश्वास का प्रभावशाली प्रदर्शन किया। उनकी हृदयस्पर्शी प्रस्तुतियों ने पूरा सभागार मंत्रमुग्ध कर दिया।

कार्यक्रम में ओसवाल मित्र मंडल आर्टिफिशियल लिंब ट्रस्ट के अजित कुचेरिया और सरिता दुगर, सीपीएआई सलाहकार एवं आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली, रेखा देशपांडे, प्रोटीन टेक के सीएसआर प्रमुख प्रशांत घोडके, स्नेहा पवार, मुंबई राष्ट्रवादी कांग्रेस की अध्यक्ष देवयानी बेंद्रे, विनोद साडविलकर तथा सीपीएआई के ट्रस्टी संदीप अग्रवाल और यशवंत मोरे सहित कई मान्यवर उपस्थित थे।
संस्था की सीईओ मंजुषा सिंह के नेतृत्व और अथक प्रयासों से यह कार्यक्रम जीवंत हुआ। उन्हें राजू गोल्लर, हेमांगी पिसट, डॉ. श्रेया नाइक, डॉ. रजनी पिल्लई, समर्पित स्टाफ टीम और निरंतर सहयोग देने वाले अभिभावकों का महत्वपूर्ण समर्थन मिला।

पूरा वातावरण प्रेम, उत्साह और भावनात्मक पलों से भर गया। कई छात्रों ने पहली बार मंच से तालियों और उत्साहवर्धन का आनंद महसूस किया। उनके चेहरे पर दिख रही मुस्कान, आत्मविश्वास और खुशी इस उत्सव की सबसे बड़ी पहचान बन गई। दर्शकों ने खड़े होकर तालियों, जयकारों और प्रोत्साहनपूर्ण शब्दों से प्रत्येक कलाकार का मनोबल बढ़ाया।
इंटरएक्टिव कार्यक्रमों ने यह सुनिश्चित किया कि हर व्यक्ति—क्षमता चाहे कोई भी हो—सक्रिय रूप से भाग ले सके और उत्सव का आनंद उठा सके। अभिभावकों के चेहरे पर गर्व, शिक्षकों की प्रसन्नता और मान्यवरों का सराहना-भरा संदेश इस आयोजन की विशेषता बनकर उभरा।

यह पूरा आयोजन सीपीएआई की समावेश, सशक्तिकरण और बहुविकलांग व्यक्तियों को अपनी प्रतिभा प्रदर्शित करने का अवसर देने की अटूट प्रतिबद्धता का सुंदर उदाहरण साबित हुआ। यह दिन सभी उपस्थित लोगों के लिए खुशी, एकता और अविस्मरणीय यादों से भरा रहा।
भारत के पूर्व गृहमंत्री तथा पूर्व लोकसभा अध्यक्ष शिवराज पाटिल का निधन
मुंबई। भारत के पूर्व गृह मंत्री, लोकसभा अध्यक्ष, पंजाब के राज्यपाल तथा लगातार सात बार सांसद रहे शिवराज पाटिल का आज 90 वर्ष की उम्र में लंबी बीमारी के चलते निधन हो गया। उस्मानिया विश्वविद्यालय से विज्ञान में स्नातक और मुंबई विश्वविद्यालय से विधि की पढ़ाई की थी। वह पहली बार 1980 में लातूर से लोकसभा के लिए चुने गए और 1999 तक लगातार सात चुनाव जीतकर लोकसभा में बड़े नेता के रूप में उभरे। उन्होंने इंदिरा गांधी और राजीव गांधी की सरकार में महत्वपूर्ण विभागों की जिम्मेदारी संभाली। वह साल 1991 से 1996 तक लोकसभा के स्पीकर रहे। उन्होंने देश और विदेश में कई पार्लियामेंट्री कॉन्फ्रेंस में भारत का प्रतिनिधित्व किया। शिवराज पाटिल ने वर्ष 1980 में राजनीति में कदम रखा। वह पहली बार सातवीं लोकसभा के लिए चुने गए। वहीं, वर्ष 2004 तक वह सात बार लोकसभा सदस्य चुने गए। 1980-1990 के दशक में उन्होंने संसद में संसदीय सदस्य की सैलरी और अलाउंस पर बनी जॉइंट कमिटी में काम किया। बाद में इसी के चेयरमैन भी बने। पाटिल पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के कार्यकाल में रक्षा राज्य मंत्री भी रह चुके हैं। 2004-2008 की यूपीए सरकार के दौरान शिवराज पाटिल देश के गृहमंत्री भी रहे। 26/11 के मुंबई आतंकी हमले के बाद उन्होंने 30 नवंबर, 2008 को देश की सुरक्षा में हुई चूकों की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफा दे दिया था।
महाराष्ट्र के पूर्व गृह राज्यमंत्री कृपाशंकर सिंह, सांसद सीमा द्विवेदी, वरिष्ठ भाजपा नेता ज्ञान प्रकाश सिंह, उत्तर भारतीय मोर्चा के प्रदेश उपाध्यक्ष चित्रसेन सिंह, भाजपा के मुंबई प्रवक्ता उदय प्रताप सिंह,भाजपा नेता सुरेश सिंह समेत अनेक लोगों ने उनके निधन पर गहरा दुख प्रकट करते हुए उनकी आत्मा की शांति हेतु ईश्वर से प्रार्थना की है।
अमिताभ बच्चन ने की डॉ अनील मुरारका के समाज कल्याण के सेवा कार्य की सराहना
मुंबई। बॉलीवुड महानायक अमिताभ बच्चन ने देश के सुप्रसिद्ध समाजसेवी डॉ अनील काशी मुरारका के समाज कल्याण की मुक्त कंठ से सराहना करते हुए उन्हें समाज का हीरो बताया तथा लोगों को उनके कार्यों से प्रेरणा लेने की अपील की , आदित्य बिड़ला ग्रुप ने , A Force for Good Heros मंच बनाया है, जिसमें वे देश के सुप्रसिद्ध समाजसेवियों को आमंत्रित करते हैं। डॉ मुरारका के प्रेरणादायक समाज कल्याण कार्यों को देखते हुए उन्होंने कि बी सी के मंच पर आमंत्रित किया। अमिताभ बच्चन ने न सिर्फ उनके समाज कल्याण कार्यों की सराहना की, अपितु इसे समाज के लिए प्रेरणादायक पहल बताया। अमिताभ बच्चन द्वारा पूछे गए सवाल के जवाब में डॉक्टर मुरारका ने कहा कि उन्हें यह प्रेरणा अपनी मां मीना देवी से मिली। मां द्वारा दिए गए टिफिन को लेकर करीब तेहर साल पहले जब वह अपने कार्यालय जा रहे थे, तो रास्ते में सिग्नल के पास उन्होंने उदास खड़ी एक महिला और उसके बच्चे को देखा। उन्हें लगा कि टिफिन की आवश्यकता उनसे कहीं ज्यादा उन लोगों को है। उन्होंने अपना टिफिन उनके हवाले कर दिया। शाम को घर लौटने पर जब उन्होंने अपनी मां को घटना की जानकारी दी तो उनकी मां ने दूसरे दिन से उनके टिफिन के अलावा 10/ 12 टिफिन और देने लगी। यहीं से शुरू हुई उनकी जरूरतमंदों के प्रति समर्पण की कहानी। आज वे करीब 4000 जरूरतमंद लोगों तक निशुल्क टिफिन पहुंचाने का प्रतिदिन काम कर रहे हैं। डॉ मुरारका के अनुसार मां का प्यार केवल स्नेह नहीं, बल्कि दूसरों के लिए सेवा का मार्गदर्शन भी है। उनकी बातें सुनकर महानायक भी कुछ क्षण के लिए भावुक दिखाई दिए। उसके बाद उन्होंने तालियां बजानी शुरू की, जो दर्शक दीर्घा में देर तक बजती रही।