राष्ट्रीय शिल्प मेले का हुआ भव्य समापन अच्छी यादे लेकर विदा हुए शिल्पकार।
संजय द्विवेदी।प्रयागराज।उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार द्वारा आयोजित दस दिवसीय राष्ट्रीय शिल्प मेला बुधवार को केन्द्र परिसर में भव्य रूप से सम्पन्न हुआ।विभिन्न राज्यो से आए कलाकारो और शिल्पकारो ने अपनी अनूठी प्रतिभा और सांस्कृतिक विरासत का प्रदर्शन किया।
मेले में अनेक राज्यो के शिल्पकारो ने अपने-अपने स्टॉल लगाए,जिनमे पारम्परिक कलाओं और विविध उत्पादो की झलक दिखाई दी।मेले से विदा होते समय शिल्पियों के चेहरे सन्तोष और प्रसन्नता से खिले नजर आए।विभिन्न प्रदेशो से अपनी कला लेकर आए शिल्पकारो ने बताया कि इस वर्ष भी प्रयागराज के लोगो ने उनका उत्साह बढ़ाया।उनकी कृतियो की जमकर खरीद हुई और खूब सराहना भी मिली।प्रयागवासियो के साथ ही आसपास के क्षेत्रो से आए दर्शको ने मेले का भरपूर आनन्द लिया।कला प्रेमियो और शिल्पकारो के लिए यह मेला बेहद खास रहा।
सुन्दर और परम्परागत शैली में सजाए गए स्टॉलों पर चन्देरी सिल्क सूती वस्त्र,राजस्थान के आभूषण कश्मीर के ड्राय फ्रूट्स सहित कई आकर्षक उत्पाद उपलब्ध रहे।सांस्कृतिक संध्या ने‘लघु भारत’की झलक प्रस्तुत कर मेले की शोभा और बढ़ा दी।सांस्कृतिक संध्या का शुभारम्भ मुख्य अतिथि आचार्य महामंडलेश्वर कौशल्या नन्द गिरि(सनातनी किन्नर अखाड़ा) तथा केन्द्र निदेशक सुदेश शर्मा कार्यक्रम सलाहकार कल्पना सहाय व विशिष्ट अतिथि विनोद शुक्ला शील द्विवेदी कमलेश श्रीवास्तव बसन्त लाल और प्रदीप जौहरी द्वारा दीप प्रज्वलन कर किया गया।
केन्द्र निदेशक सुदेश शर्मा द्वारा मुख्य व विशिष्ट अतिथियो को अंगवस्त्र एवं स्मृतिचिन्ह व पौधा भेंट कर सम्मानित किया।सांस्कृतिक संध्या की शुरुआत वरुण मिश्रा की प्रस्तुति से हुई- ठुमरी ‘तोरी मोरी…चलो मन गंगा यमुना तीर’बाजे रे मुरलिया’नजरिया लग जाएगी’और‘आया करे जरा कह दो सांवरिया से’जैसी प्रस्तुतियों से दर्शको की खूब तालियाँ बटोरी।सूफी गायिका अंशिका रजोतिया ने‘पिया रे पिया रे’हल्का-हल्का सुरूर’ये तूने क्या किया’तुम्हे दिल्लगी भूल जानी पड़ेगी’और ‘छाप तिलक’जैसे लोकप्रिय गीतों से वातावरण में सूफियाना रंग घोल दिया।दिल्ली से आईं कविता द्विवेदी एवं उनके दल द्वारा‘गंगा स्तुति’पर आधारित ओडिशी नृत्य की प्रस्तुति दी।इसके बाद प्रयागराज की पूर्णिमा कुमार एवं दल ने पारंपरिक गीत“कावना के ढेड़िया कवन के दुलारिया पूजन चली ढेड़िया ओ सावरा गोरिया।पर ढेड़िया नृत्य एवं पूर्वी व झूमर नृत्य की प्रस्तुति दी इसी के साथ“पीपर के पाथ झरजाला,आंगनवा कैसे बहारू जी,और“हरि-भरी धरती मा लहरें लधनवा मोरा जियरवा लहरें ना;नाचे खेतवा मा किसानवा”गीत पर झूमर नृत्य प्रस्तुति भी दी इसके बाद शुभम कुमार एवं दल प्रयागराज ने महिषासुर मर्दिनी पर आधारित नृत्य-नाटिका की प्रस्तुति दी।
इस अवसर पर काफी संख्या में लोग मौजूद रहे और सभी ने मेले व सांस्कृतिक प्रस्तुतियो का भरपूर आनन्द लिया।
1 hour and 42 min ago
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