दयाराम यादव अध्यक्ष व सर्वेश कुमार महामंत्री हुए निर्विरोध निर्वाचित


लखनऊ। चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी संघ वन एवं वन्य जीव विभाग उत्तर प्रदेश का द्विवार्षिक अधिवेशन एवं चुनाव वन विभाग मुख्यालय पंचवटी सभागार में हुआ आयोजित कार्यक्रम के मुख्य अतिथि सुनील चौधरी प्रधान मुख्य संरक्षक एवं विभागाध्यक्ष उत्तर प्रदेश विशिष्ट अतिथि दीपक कुमार प्रधान मुख्य संरक्षक प्रशासन व प्रीति शर्मा मुख्य वन संरक्षक मानव संसाधन विकास रहे।

कार्यक्रम के प्रथम सत्र में अधिवेशन हुआ अधिवेशन सत्र में अध्यक्ष दयाराम यादव व महामंत्री सर्वेश कुमार ने विवाह की समस्याओं एवं मांगों पर चर्चा करते हुए अपने कार्यकाल में कराए गए कार्यों के बारे में बताया एवं मुख्य अतिथि के समक्ष अपना मांग पत्र सौंपा अधिवेशन में कई वक्ताओं ने अपने-अपने विचार भी व्यक्त किया कार्यक्रम के द्वितीय सत्र में चुनाव प्रक्रिया संपन्न कराई गई।

मुख्य चुनाव अधिकारी योगेंद्र पाल सिंह भारती सहायक चुनाव अधिकारी जितेंद्र कुमार मनोज कुमार शर्मा  रामदेव यादव पीयूष सिंह व जगत सिंह नेगी की देखरेख में चुनाव प्रक्रिया संपन्न हुई सभी पदाधिकारी व कार्यकारिणी सदस्य सर्वसम्मति से निर्विरोध निर्वाचित हुई मुख्य चुनाव अधिकारी ने सभी नवनिर्वाचित पदाधिकारियों व कार्यकारिणी सदस्यों की घोषणा की नवनिर्वाचित पदाधिकारियों में संरक्षक छोटेलाल अध्यक्ष दयाराम यादव वरिष्ठ उपाध्यक्ष पप्पू यादव उपाध्यक्ष रामबाबू कुशवाहा महामंत्री सर्वेश कुमार मंत्री राजकुमार कश्यप व वीरू यादव कोषाध्यक्ष अरविंद कुमार तिवारी संयुक्त मंत्री ओम प्रकाश राय संगठन मंत्री केशव सिंह व राजेंद्र सिंह यादव कार्यालय सचिव अनिल कुमार गौतम सांस्कृतिक मंत्री रणजीत सिंह व श्याम नारायण गुप्ता प्रचार मंत्री राजेश कुमार पाल व दीपक आर्या आडिटर भूपाल सिंह व महिला प्रकोष्ठ उपाध्यक्ष विभा देवी निर्वाचित हुई।

मुख्य चुनाव अधिकारी ने सभी नवनिर्वाचित पदाधिकारियों व कार्यकारिणी सदस्यों को शपथ दिलवाई इस अवसर पर विभागीय संगठनों एवं कई विभागीय संगठनों के पदाधिकारी एवं कर्मचारी बड़ी संख्या में उपस्थित रहे सभी ने नवनिर्वाचित पदाधिकारियों एवं कार्यकारिणी सदस्यों को बधाई एवं शुभकामनाएं दी संघ के प्रदेश अध्यक्ष एवं महामंत्री ने कार्यक्रम में उपस्थित मुख्य अतिथि एवं विशिष्ट अतिथियों का स्वागत एवं सम्मान किया और कार्यक्रम में उपस्थित सभी लोगों का धन्यवाद एवं आभार किया।
विकसित उत्तर प्रदेश @2047 विजन हेतु योजना भवन में राज्य स्तरीय विचार–मंथन सम्मेलन आयोजित

* भविष्यगत तकनीकों में युवाओं को प्रशिक्षित करने पर मंत्री कपिल देव अग्रवाल का विशेष जोर

* विजन के निर्माण को लेकर विशेषज्ञों, कुलपतियों और उद्योग प्रतिनिधियों ने साझा किए सुझाव

लखनऊ ब्यूरो

लखनऊ। योजना भवन, लखनऊ में शुक्रवार को  व्यावसायिक शिक्षा, कौशल विकास एवं उद्यमशीलता विभाग तथा प्राविधिक शिक्षा विभाग के संयुक्त तत्वावधान में विकसित उत्तर प्रदेश विजन डॉक्यूमेंट तैयार करने के उद्देश्य से राज्य स्तरीय विचार-मंथन सम्मेलन का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) व्यावसायिक शिक्षा, कौशल विकास एवं उद्यमशीलता विभाग कपिल देव अग्रवाल ने दीप प्रज्वलित कर किया।
मंत्री अग्रवाल ने कहा कि उत्तर प्रदेश को विकसित राज्य बनाने के लिए युवाओं को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, क्वांटम टेक्नोलॉजी, सेमीकंडक्टर, रिन्यूएबल एनर्जी, ग्रीन हाइड्रोजन और ड्रोन जैसे भविष्यगत क्षेत्रों में प्रशिक्षित करने की दिशा में बड़े पैमाने पर कदम उठाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि युवाओं को केवल रोजगार पाने वाला नहीं बल्कि रोजगार देने वाला बनाना सरकार की प्राथमिकता है, इसी उद्देश्य से आईटीआई और पॉलिटेक्निक संस्थानों को बाज़ार की मांग के अनुरूप नए कोर्सों से सशक्त किया जा रहा है। मंत्री ने विश्वास व्यक्त किया कि इन प्रयासों से भारत की 6 ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था बनाने का लक्ष्य मजबूत होगा और उत्तर प्रदेश देश के विकसित भारत के सपने को पूरा करने में सबसे महत्वपूर्ण स्तम्भ बनेगा।
मुख्यमंत्री के सलाहकार अवनीश अवस्थी ने कहा कि विकसित भारत के विजन में विकसित उत्तर प्रदेश की केंद्रीय भूमिका है, इसलिए इस दिशा में कोई भी बजट कमी आड़े नहीं आने दी जाएगी। उन्होंने कहा कि मजबूत मानव पूंजी, उच्च स्तरीय तकनीकी प्रशिक्षण और विश्वस्तरीय कौशल विकास से ही प्रदेश को वैश्विक प्रतिस्पर्धा में अग्रणी बनाया जा सकता है।
मुख्यमंत्री के सलाहकार जे.एन. सिंह ने कहा कि आईटीआई और पॉलिटेक्निक संस्थान विकसित उत्तर प्रदेश 2047 की नींव हैं। इन संस्थानों की मान्यता और एफिलिएशन प्रक्रियाओं को सरल बनाया जाएगा, ताकि युवा वैश्विक तकनीकी माहौल के अनुरूप दक्ष बन सकें। उन्होंने कहा कि तकनीकी दक्षता, कौशल विकास और औद्योगिक तालमेल ही उत्तर प्रदेश को वैश्विक मंच पर अग्रणी बनाएगा।
अपर मुख्य सचिव, प्राविधिक शिक्षा विभाग, नरेन्द्र भूषण ने अपने संबोधन में बताया कि प्रदेश के पॉलिटेक्निक संस्थानों में प्रशिक्षण की गुणवत्ता सुधारने के लिए एकेडमिक कैलेंडर को राष्ट्रीय स्तर पर एकरूप किया गया है। साथ ही 121 पॉलिटेक्निक संस्थानों को टीटीएल के सहयोग से इंडस्ट्री 4.0 मॉडल के अनुरूप विकसित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि naukri.com के साथ एमओयू के माध्यम से बड़ी संख्या में युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराया जा रहा है तथा सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना कर बच्चों को स्किल आधारित शिक्षा से जोड़ा जा रहा है।
प्रमुख सचिव, व्यावसायिक शिक्षा, कौशल विकास एवं उद्यमशीलता विभाग डॉ. हरिओम ने कहा कि विकसित उत्तर प्रदेश 2047 बनाने की दिशा में विभाग बड़े पैमाने पर आईटीआई प्रशिक्षण को आधुनिक स्वरूप दे रहा है। उन्होंने बताया कि 212 आईटीआई को टाटा टेक्नोलॉजी के सहयोग से अपग्रेड किया गया है, जहां पिछले दो वर्षों में लगभग 24 हजार युवाओं को आधुनिक तकनीकी प्रशिक्षण दिया गया है। प्रदेश में प्रतिवर्ष 7 लाख प्रशिक्षार्थी आईटीआई के माध्यम से प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं तथा कौशल विकास मिशन के माध्यम से लगभग 70 हजार युवाओं को प्रशिक्षित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि ड्रोन, एआई, ब्लॉकचेन तथा आईओटी जैसे उभरते क्षेत्रों में प्रशिक्षण देकर उत्तर प्रदेश देश और दुनिया में तकनीकी नेतृत्व की ओर बढ़ रहा है।
सम्मेलन के विभिन्न सत्रों में फ्रंटियर टेक्नोलॉजी, नवाचार, शिक्षा में गुणवत्ता, उद्यमिता संवर्द्धन और रोजगार सृजन पर विस्तृत चर्चा हुई। पैनल चर्चाओं में मिशन निदेशक पुलकित खरे ने भविष्य की कौशल आवश्यकताओं के अनुरूप नए पाठ्यक्रम आरंभ करने, प्रयोगशालाओं और डिजिटल अधोसंरचना के उन्नयन पर अपने विचार रखे। निदेशक प्रशिक्षण अभिषेक सिंह ने एनएसक्यूएफ, राष्ट्रीय शिक्षा नीति और क्रेडिट फ्रेमवर्क के अनुरूप पाठ्यक्रमों को संरेखित करने के महत्व पर प्रकाश डाला।
कार्यक्रम में विभिन्न विश्वविद्यालयों के कुलपतियों, उद्योग विशेषज्ञों और तकनीकी संस्थानों के प्रतिनिधियों ने बताया कि उद्यमिता, इंटर्नशिप, अप्रेंटिसशिप और इंडस्ट्री-अकादमिक सहयोग को मजबूत करके ही युवाओं को वास्तविक कार्य-परिस्थितियों का अनुभव कराया जा सकता है। प्रशिक्षकों के प्रशिक्षण, बालिकाओं एवं ग्रामीण क्षेत्रों के युवाओं तक कौशल प्रशिक्षण पहुंचाने, उभरते उद्योगों की मांग के अनुकूल पाठ्यक्रमों को अद्यतन करने, स्टार्टअप एवं इनक्यूबेशन को बढ़ावा देने तथा स्थानीय आर्थिक सहभागिता बढ़ाने पर विशेष जोर दिया गया। प्रतिभागियों ने कहा कि विकसित उत्तर प्रदेश का लक्ष्य तभी साकार होगा जब कौशल विकास को गांव-गांव तक पहुंचाकर सभी वर्गों को समान अवसर प्रदान किए जाएं।
बैठक में विशेष सचिव श्रम  कुणाल सिल्कु,  प्राविधिक शिक्षा महानिदेशक  सेल्वा कुमारी जे., कुलपति एकेटीयू प्रो जेपी पाण्डेय,  निदेशक (प्राविधिक) डीके सिंह, अतिरिक्त निदेशक  राजेन्द्र प्रसाद,  मानपाल सिंह,  संयुक्त निदेशक  योगेन्द्र सिंह,  राम प्रकाश   एवं समस्त उपनिदेशक निदेशालय तथा समस्त सहायक निदेशक निदेशालय, उत्तर प्रदेश के समस्त संयुक्त निदेशक (प्रशि/ शिशिक्षु) एवं प्रधानाचार्य अलीगंज आईटीआई  राज कुमार यादव सहित जनपद लखनऊ के समस्त प्रधानाचार्य एवं अन्य स्टेक होल्डर तथा  अरविन्द कुमार गुप्ता, एसोसियेट डायरेक्ट डेलाइट एवं उनकी पूरी टीम उपस्थित रही।
राज्य के ईको पर्यटन विकास के लिए पर्यटन और वन विभाग की विशेष बैठक
*वन विभाग द्वारा प्रदेश में चिह्नत 52 वेटलैंड्स पर पर्यटन सुविधाओं के विकास पर बनी सहमति-जयवीर सिंह*

लखनऊ ब्यूरो

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में इको टूरिज्म के अंतर्गत कराए जा रहे विभिन्न कार्य और गतिविधियों के मद्देनजर पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह व राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), वन, पर्यावरण, जंतु उद्यान एवं जलवायु परिवर्तन विभाग, उत्तर प्रदेश सरकार अरुण कुमार सक्सेना की संयुक्त बैठक आज गोमती नगर स्थित पर्यटन निदेशालय में संपन्न हुई। बैठक में प्रदेश के चारों टाइगर रिजर्व, 10 रामसर साइट्स सहित कई वेटलैंड के एकीकृत विकास के निर्देश दिए गए। इसके साथ ही आगामी वर्षों में प्रदेश को वाइल्ड लाइफ टूरिज्म हब के रूप में स्थापित करने की संभावनाओं पर विस्तार से चर्चा हुई।

पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह ने कहा कि उत्तर प्रदेश में पर्यटन का भविष्य तेज़ी से नए आयाम गढ़ रहा है इसी बदलते परिदृश्य में समग्र पर्यटन विकास, रिस्पांसिबल टूरिज्म और वन एवं पर्यावरण विभाग के सहयोग की भूमिका निर्णायक होगी। उन्होंने यह स्पष्ट किया कि हमें समस्या नहीं, समाधान की ओर बढ़ना है, इसी सोच के साथ प्रदेश में पर्यटन विकास को अब एकीकृत और भविष्य केंद्रित रूप में आगे बढ़ाया जा रहा है।

बैठक में उत्तर प्रदेश के दुधवा, पीलीभीत, अमानगढ़, रानीपुर टाइगर रिजर्व और 10 रामसर साइट्स नवाबगंज पक्षी अभ्यारण्य (उन्नाव), पार्वती आर्गा पक्षी अभ्यारण्य (गोंडा), समान पक्षी अभ्यारण्य (मैनपुरी), समसपुर पक्षी अभ्यारण्य (रायबरेली), सांडी पक्षी अभ्यारण्य (हरदोई), सरसई नावर झील (इटावा), सूर सरोवर पक्षी विहार (आगरा), ऊपरी गंगा नदी (ब्रजघाट से नरौरा विस्तार), बखिरा वन्यजीव अभ्यारण्य (संत कबीर नगर) और हैदरपुर वेटलैंड (मुजफ्फरनगर) को विश्वस्तरीय इको टूरिज्म मॉडल के रूप में विकसित करने पर केंद्रित चर्चा हुई। इन स्थलों पर आधारभूत संरचना प्रवेश द्वार, नेचर ट्रेल, वॉच टावर, साइनेज, कॉटेज, कैंटीन, गज़ीबो, स्वागत कक्ष और आरओ सहित अन्य सुविधाओं के निर्माण एवं सुदृढ़ीकरण के लिए समुचित वित्तपोषण की आवश्यकता को विस्तृत रूप से रखा गया। बैठक में इको टूरिज्म गाइड, ड्राइवर और हॉस्पिटैलिटी स्टाफ के प्रशिक्षण, पर्यटन स्थलों पर बेहतर साइनेज लगाने और वन विभाग की सहमति से कंसल्टेंट नियुक्त करने जैसे महत्वपूर्ण बिंदुओं पर भी विमर्श हुआ।

उत्तर प्रदेश सरकार वित्तीय वर्ष 2026-27 में इको-टूरिज्म को नई दिशा देने जा रही है। प्रदेश के महत्वपूर्ण प्राकृतिक स्थलों को विकसित करने की योजनाओं पर तेजी से काम हो रहा है, जिनमें बरेली के नगर वन और कन्नौज के लाख बहोसी पक्षी विहार को विशेष रूप से उन्नत रूप में संवारने की तैयारी है। बैठक में बर्ड सर्किट सूर सरोवर (आगरा), शेखा झील (अलीगढ़), रपड़ी वेटलैंड (फिरोजाबाद), सरसई नावर (इटावा) तथा लाख बहोसी वेटलैंड (कन्नौज) के समग्र विकास पर भी विस्तृत चर्चा की गई, ताकि इन स्थलों को ‘वन डेस्टिनेशन फॉर टूरिस्ट्स’ के रूप में विकसित किया जा सकता है।

प्रदेश में वेटलैंड आधारित पर्यटन को नई दिशा देने के लिए पर्यटन विभाग और वन विभाग ‘वन डिस्ट्रिक्ट, वन वेटलैंड’ मॉडल पर व्यापक योजना तैयार कर रहे हैं। इसी के अंतर्गत 52 वेटलैंड को चिह्नित किया गया है। इनके समग्र प्रोजेक्शन और उन्हें एकीकृत पर्यटन सर्किट के रूप में संवर्धित करने पर सहमति बनी। जनपद चंदौली स्थित राजदरी-देवदरी वाटरफॉल में ईको टूरिज्म अवस्थापना सुविधाओं के ऑपरेशन एवं मेंटेनेंस के संबंध में चर्चा, वन विभाग के सहयोग से किसी एक रामसर साइट्स पर महोत्सव (बर्ड फेस्टिवल) के आयोजन आदि विषयों पर भी विमर्श हुआ। गोरखपुर प्राणी उद्यान में एम्पीथियेटर, कैंटीन, पार्किंग सहित अन्य अवसंरचना के विकास पर गहनता से चर्चा हुई।
राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), वन, पर्यावरण, जंतु उद्यान एवं जलवायु परिवर्तन विभाग, उत्तर प्रदेश सरकार
अरुण कुमार सक्सेना ने कहा उत्तर प्रदेश के समृद्ध वन्य जीवन और प्राकृतिक धरोहर को संरक्षित करते हुए उसे वैश्विक स्तर पर पर्यटन आकर्षण के रूप में प्रस्तुत करना हमारा मूल उद्देश्य है। इको टूरिज़्म न केवल स्थानीय समुदायों को रोजगार से जोड़ता है, बल्कि प्रकृति संरक्षण के प्रति सामूहिक जिम्मेदारी भी मजबूत करता है। टाइगर रिजर्व, रामसर साइट्स और राज्य के प्रमुख वेटलैंड्स में चल रहे विकास कार्यों से प्रदेश को ‘वाइल्ड लाइफ टूरिज्म हब’ बनाने की दिशा में नई ऊर्जा मिली है। वन विभाग समन्वय के साथ पर्यटन विभाग के प्रयासों को गति देने के लिए प्रतिबद्ध है, ताकि उत्तर प्रदेश प्रकृति-आधारित पर्यटन का राष्ट्रीय मॉडल बन सके।

वन विभाग की ओर से दिल्ली-एनसीआर से सटे ओखला बर्ड सैंक्चुअरी में साइनेज लगाने  के सुझाव और ग्रेटर नोएडा के सूरजपुर पक्षी विहार में पर्यटक सुविधाओं के विकास का प्रस्ताव रखा गया। पर्यटन मंत्री ने इस पर सहमति जताई। मंत्री द्वय ने कहा कि इन दोनों स्थलों पर बड़ी संख्या में देशी-विदेशी पर्यटक आते हैं, इसलिए उक्त दोनों स्थलों का विकास हमारी प्राथमिकता है।

बैठक में प्रमुख सचिव पर्यटन एवं संस्कृति अमृत अभिजात, उत्तर प्रदेश वन विभाग के प्रधान मुख्य वन संरक्षक सुनील चौधरी, महानिदेशक पर्यटन एवं यूपीईटीडीबी के डायरेक्टर (एडमिन) राजेश कुमार, प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यजीव) बी प्रभाकर, सेक्रेटरी फारेस्ट बी चंद्रकला, यूपी एफसी के एपीपीसीएफ एमडी संजय कुमार, पर्यटन सलाहकार जेपी सिंह सहित वनविभाग, वन निगम तथा पर्यटन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।
अनुदान पर सोलर पंप प्राप्त करने के लिए 15 दिसंबर तक करें आवेदन

* पीएम कुसुम योजना के अंतर्गत अन्नदाताओं को अनुदान पर 40521 सोलर पंप उपलब्ध कराए जाएंगे

* किसानों की समृद्धि में सहायक केंद्रांश व राज्यांश का बड़ा अनुदान


लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा 'प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा व उत्थान महाभियान' (पीएम कुसुम) के अंतर्गत वर्ष 2025-26 में प्रदेश के अन्नदाता किसानों को अनुदान पर 40521 सोलर पंप उपलब्ध कराए जाएंगे। इस योजना का लाभ उठाने के लिए किसान 15 दिसंबर 2025 तक कृषि विभाग की आधिकारिक वेबसाइट www.agriculture.up.gov.in पर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। केवल उन्हीं किसानों को अनुदान पर सोलर पंप प्राप्त होगा जो इस वेबसाइट पर पहले से पंजीकृत हैं। किसानों का चयन ई-लॉटरी के माध्यम से किया जाएगा। राज्य सरकार ने इस कार्य के लिए 20227.50 लाख (दो अरब दो करोड़ सत्ताइस लाख पचास हजार) रुपये की धनराशि भी स्वीकृत कर दी है, जो किसानों की समृद्धि में सहायक होगी।
किसानों को 9 प्रकार के सोलर पंपों पर केंद्र सरकार और राज्य सरकार दोनों की ओर से अनुदान के रूप में बड़ी छूट दी जा रही है। 2 एचपी डीसी/एसी सरफेस पंप पर कुल ₹98,593-₹98,593 का अनुदान दिया जाएगा। 2 एचपी डीसी सबमर्सिबल पंप पर ₹1,00,215, और 2 एचपी एसी सबमर्सिबल पंप पर ₹99,947 का अनुदान उपलब्ध कराया जाएगा। 3 एचपी डीसी सबमर्सिबल पंप पर ₹1,33,621 और 3 एचपी एसी सबमर्सिबल पंप पर ₹1,32,314 का अनुदान मिलेगा, जिसमें राज्य सरकार का अंश ₹77,618 और केंद्र सरकार का अंश ₹54,696 होगा। 5 एचपी एसी सबमर्सिबल पंप पर ₹1,88,038 का अनुदान किसानों को प्राप्त होगा। 7.5 एचपी एसी और 10 एचपी एसी सबमर्सिबल पंपों पर सर्वाधिक ₹2,54,983 का अनुदान मिलेगा, जिसमें राज्य सरकार द्वारा ₹1,40,780 और केंद्र सरकार द्वारा ₹1,14,203 का अनुदान शामिल है।
किसानों को अनुदान पर सोलर पंप की ऑनलाइन बुकिंग www.agriculture.up.gov.in पर जाकर 'अनुदान हेतु सोलर पंप की बुकिंग करें' लिंक के माध्यम से करनी होगी। ऑनलाइन बुकिंग कन्फर्म होने पर पंजीकृत मोबाइल नंबर पर सूचना मिलेगी, जिसके बाद किसानों को अनुदान के बाद बची हुई अवशेष धनराशि ऑनलाइन जमा करनी होगी। टोकन मनी के रूप में किसानों को केवल ₹5,000 की राशि जमा करनी होगी। कृषि विभाग के अनुसार, 2 एचपी के लिए 4 इंच, 3 व 5 एचपी के लिए 6 इंच, और 7.5 एचपी व 10 एचपी के लिए 8 इंच की बोरिंग अनिवार्य है, जो स्वयं किसान की होनी चाहिए। सत्यापन के समय बोरिंग न पाए जाने पर टोकन मनी जब्त कर ली जाएगी और आवेदन निरस्त माना जा सकता है।
बाराबंकी में मादक पदार्थ तस्कर गिरफ्तार, 1 करोड़ 5 लाख रुपये की स्मैक/हेरोइन बरामद

लखनऊ ।  एएनटीएफ थाना बाराबंकी की पुलिस टीम ने मादक पदार्थ की तस्करी में लिप्त कमलेश रावत (55 वर्ष, पुत्र स्व. बंशीलाल, ग्राम लखियापुर, थाना कोठी) को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तारी के समय उसके कब्जे से 522 ग्राम अवैध स्मैक/हेरोइन, 1 मोबाइल फोन और 1,270 रुपये नकद बरामद हुए। बरामद स्मैक/हेरोइन की अनुमानित कीमत लगभग 1 करोड़ 5 लाख रुपये बताई जा रही है।थाना कोठी में आरोपी के खिलाफ एन.डी.पी.एस. एक्ट, 1985 की धारा 8/21/29 के तहत मामला दर्ज कर अग्रिम कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी गई है।

पूछताछ में यह हुआ बड़ा खुलासा

अभियुक्त ने बताया कि यह अवैध मादक पदार्थ वह एक व्यक्ति से खरीदकर तस्करी के जरिए कमीशन के लिए बेचता था। चार-पांच साल पहले हुए एक्सीडेंट में पैर टूटने के कारण वह अन्य काम नहीं कर सकता और इसी वजह से तस्करी करता था। पूछताछ के दौरान आरोपी से काफी जानकारी मिली है, जिनके आधार पर अन्य सहयोगियों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है।

गिरफ्तारी का विवरण
स्थान: लखियापुर तिराहा, बह्दग्राम छोटा लालपुर, थाना कोठी, जनपद बाराबंकी
बरामदगी
522 ग्राम स्मैक/हेरोइन (अनुमानित कीमत 1 करोड़ 5 लाख रुपये)
1 मोबाइल फोन
1,270 रुपये नकद

गिरफ्तारी करने वाली टीम
ए0एन0टी0एफ0 थाना बाराबंकी के कुल 13 अधिकारी और कर्मचारियों ने यह कार्रवाई की, जिसमें थाना प्रभारी और अन्य वरिष्ठ अधिकारी शामिल थे।
कफ सिरप सिंडिकेट पर ईडी की बड़ी कार्रवाई: यूपी सहित छह शहरों में छापे, तीन गिरफ्तार, एक फरार

लखनऊ । उत्तर प्रदेश में कोडीन युक्त कफ सिरप की अवैध सप्लाई नेटवर्क पर प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने शुक्रवार सुबह बड़ी कार्रवाई करते हुए सिंडिकेट के 25 ठिकानों पर एक साथ छापेमारी शुरू की। ईडी की टीमें लखनऊ, वाराणसी, अहमदाबाद, जौनपुर, सहारनपुर और रांची में दबिश दे रही हैं। लखनऊ में आरोपी आलोक सिंह के ठिकानों की भी तलाशी ली गई।

कृष्णानगर से भारी मात्रा में नशीला कप सिरप बरामद हुआ था

इस कार्रवाई का सीधा संबंध उस मामले से है जिसमें 11 अक्टूबर को कृष्णानगर क्षेत्र में भारी मात्रा में नशीला कफ सिरप, टेबलेट और इंजेक्शन बरामद हुए थे। उस समय पुलिस ने स्नेहनगर निवासी दीपक मानवानी को गिरफ्तार किया था, जिसने पूछताछ में अपने दो सप्लायर—सूरज मिश्र और प्रीतम सिंह के नाम बताए थे। दोनों आरोपी पुलिस को तलाश में थे।

एक अन्य युवक आरुष सक्सेना अब भी फरार

गुरुवार देर शाम कृष्णानगर पुलिस ने दोनों फरार आरोपियों को बैकुंठ धाम वीआईपी रोड इलाके से दबोच लिया।सूरज मिश्र, निवासी फैजुल्लागंज (मूलतः सीतापुर), एक आयुर्वेदिक दवा एजेंसी चलाता है।प्रीतम सिंह, निवासी बादशाहनगर (मूलतः बहराइच), एक फैमिली रेस्टोरेंट में काम करता है।दोनों पर आरोप है कि वे दीपक को कोडीन मिली प्रतिबंधित दवाएं सप्लाई करते थे, जिन्हें आगे नशे के आदी लोगों को बेचा जाता था। इस नेटवर्क से जुड़े एक अन्य युवक आरुष सक्सेना अब भी फरार है और पुलिस उसकी तलाश में जुटी है।

अवैध लेन-देन और मनी ट्रेल की जांच के तहत की जा रही

एसीपी कृष्णानगर रजनीश वर्मा के मुताबिक, दीपक मानवानी के घर से बरामद की गई बड़ी मात्रा की दवाएं इस बात का संकेत हैं कि यह नेटवर्क लंबे समय से सक्रिय था और इसके तार कई शहरों में फैले हो सकते हैं। ईडी की छापेमारी इसी नेटवर्क से जुड़े अवैध लेन-देन और मनी ट्रेल की जांच के तहत की जा रही है।
वर्ष 2025-26 में ग्राम पंचायतों में वितरण के वाद्य यंत्रों को उच्चस्तरीय कमेटी की देखरेख में सेट खरीदे जांएगे


उत्तर प्रदेश गौरव सम्मान के लिए आवेदन पत्रों के परीक्षण के उपरांत निर्णय लिया जाएगा

पर्यटन मंत्री ने पर्यटन एवं संस्कृति विभाग की समीक्षा की

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने आज दूसरे दिन पर्यटन एवं संस्कृति विभाग की समीक्षा करते हुए विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए कि पर्यटन विभाग की परियोजनाओं को तय समय सीमा में पूरा किया जाए। व्यवधान की स्थिति में उसका निस्तारण सुनिश्चित करते हुए कार्य को आगे बढ़ाया जाए। वित्तीय वर्ष 2025-26 की स्वीकृत कार्ययोजना में शामिल 19 परियोजनाओं के आगणन प्रस्ताव की स्वीकृति शीघ्र जारी कर दी जाएगी।

उन्होंने अब तक न शुरू की गई परियोजनाओं की भी गहन समीक्षा करते हुए कार्य की गति तेज करने के निर्देश दिए। पर्यटन मंत्री आज गोमती नगर स्थित पर्यटन भवन के सभागार में संस्कृति तथा पर्यटन विभाग की निर्माण कार्य से जुड़ी परियोजनाओं तथा विभागीय गतिविधियों की बिंदुवार समीक्षा की। उन्होंने निर्देश दिए कि बदले परिवेश में परियोजनाओं को गुणवत्ता के साथ पूरा करके पर्यटन क्षेत्र को बढ़ावा दिया जाए, ताकि वन ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने में पर्यटन एवं संस्कृति विभाग का अधिकतम सहयोग सुनिश्चित हो सके और स्थानीय लोगों को अपने घर के आस-पास रोजगार मिल सके।

उन्होंने पिछली बैठकों में दिए गए निर्देशों के अनुपालन की स्थिति की भी समीक्षा की। उन्होंने कहा कि अधिकारी किसी कार्य में अड़गा न लगाए, बल्कि उसके समाधान के लिए हरसंभव प्रयास करे।

जयवीर सिंह ने कहा कि संस्कृति विभाग द्वारा लोककला से आमजनता को जोड़ने तथा उन्हें संरक्षित रखते हुए अगली पीढ़ी तक पहुंचाने के लिए संस्कृति विभाग ने वाद्य यंत्रों का सेट क्रय करके वितरित किया था। उसमें से अवशेष 26 सेट वाद्य यंत्र भातखंडे संगीत संस्थान को और आजमगढ़ के हरिहर पुर स्थित संगीत विद्यालय को उपलब्ध करा दिए गए है। यह वाद्य यत्र वित्तीय वर्ष 2023-24 में क्रय किए गए थे। उन्होंने शेष जनपदों में वाद्य यंत्र का सेट वितरित करने के लिए एक उच्चस्तरीय कमेटी की देख-रेख में नए वाद्य यंत्र क्रय करने के निर्देश दिए। उन्होंने यह भी कहा कि नए वाद्य यंत्र की गुणवत्ता एवं टिकाऊपन की जांच के लिए विशेषज्ञों की भी राय ली जाए और क्रय करते समय वित्तीय अनुशासन एवं गुणवत्ता का विशेष ध्यान रखा जाए। बैठक में बताया गया कि वित्तीय वर्ष 2025-26 में वाद्य यंत्र क्रय करने के लिए कार्यवाई शुरू कर दी गयी है।

पर्यटन मंत्री ने रेडियों जयघोष की फ्रीक्वेंसी बढ़ाने के लिए कार्यवाई शुरू की जाए। उन्होंने बताया कि रेडियो जयघोष की क्षमता बढ़ने से दूरस्थ स्थानों तक रेडियों जयघोष के कार्यक्रमों का श्रोताओं को लाभ मिलेगा। बैठक में यह भी बतायागया कि संगीत नाटक अकादमी द्वारा रिसोर्ट होटल से समन्वय किया जा रहा है तथा उप्र लोक जनजाति संस्कृति संस्थान के माध्यम से स्थानीय रिसोर्ट/होटल से समन्वय स्थापित कर कार्यक्रम कराए जाने का प्रयास किया जा रहा है। इसके अलावा भारतेन्दु नाट्य अकादमी, राज्य ललित कला अकादमी, वृंदावन स्रोत संस्थान, अंतर्राष्ट्रीय रामायण एवं वैदिक स्रोत संस्थान द्वारा भी विभिन्न कार्यक्रमों हेतु समन्वय का प्रयास किया जा रहा है।

प्रदेश में लोक सांस्कृतिक विरासत को बढ़ावा देने के लिए संस्कृति उत्सव के आयोजन के निर्देश दिए। उन्होंने प्रदेश के 75 जनपदों के लिए निदेशालय स्तर से नोडल अधिकारी नामित करने के भी निर्देश दिए।

जयवीर सिंह ने उप्र की संस्कृति नीति तैयार करने के लिए भारत सरकार द्वारा संस्कृति नीति जारी होने के पश्चात उसके प्रस्तावों के हिसाब से प्रदेश की संस्कृति नीति तैयार करने के निर्देश दिए। उन्होंने यह भी हिदायत दी कि समीक्षा बैठक में लिए गए निर्णयों के अनुरूप निर्धारित समय सीमा में अनुपालन सुनिश्चित किया जाए। दोनों बैठकों मे प्रमुख सचिव पर्यटन एवं संस्कृति अमृत अभिजात, महानिदेशक पर्यटन, अशोक कुमार द्वितीय, विशेष सचिव संस्कृति ईशाप्रिया, अपर निदेशक संस्कृति डॉ सृष्टि धवन, प्रबंध निदेशक आशीष कुमार, पर्यटन सलाहाकार जेपी सिंह, संयुक्त निदेशक  वीरेन्द्र कुमार व प्रीति श्रीवास्तव तथा अंजु चौधरी, निदेशक अमित अग्निहोत्री, निदेशक पुरातत्व रेनु द्विवेदी के अलावा उपनिदेशक एवं सहायक निदेशक मौजूद थे।
माघ मेले के आयोजन के इतिहास में पहली बार जारी हुआ मेले का प्रतीक चिन्ह


*महाकुंभ-2025 के भव्य आयोजन के बाद माघ मेला-2026 को भव्य और दिव्य स्वरूप देने के लिए योगी सरकार की एक और पहल* *प्रतीक चिन्ह में परिलक्षित है संगम माघ मास में तप, अनुष्ठान और कल्पवास का दर्शन, अक्षयवट को मिली जगह* लखनऊ/प्रयागराज। प्रयागराज महाकुंभ-2025 के दिव्य और भव्य आयोजन के बाद अब उत्तर प्रदेश की योगी सरकार अब माघ मेला-2026 को भी अभूतपूर्व स्वरूप देने की तैयारी में है । इसी क्रम में माघ मेले के दर्शन तत्व को उद्घाटित करता माघ मेले का प्रतीक चिन्ह जारी हुआ है। मुख्यमंत्री के स्तर से माघ मेले का यह लोगो जारी किया गया है। जारी किए गए लोगो में माघ मास में संगम किनारे जप, तप साधना और कल्पवास की महत्ता के साथ इस अवधि नक्षत्रों की अवस्थिति के आधार पर सप्त ऊर्जा चक्रों को स्थान दिया गया है। लोगो में अक्षय पुण्य का संचय साक्षी अक्षयवट, सूर्य देव और चंद्र देव की 27 नक्षत्रों के साथ की ब्रह्मांडीय यात्रा, श्री लेटे हुए हनुमान जी का दर्शन बोध कराता बड़े हनुमान जी का मंदिर, सनातन के विस्तार की प्रतीक सनातन पताका और संगम पर साइबेरियन पक्षियों की कलरव को ध्वनित करने वाला पर्यावरण बोध सभी का इसमें समावेश है। लोगो पर श्लोक "माघे निमज्जनं यत्र पापं परिहरेत् तत:" माघ के महीने में स्नान करने से सभी पाप मुक्ति का शंखनाद कर रहा है। यह लोगो मेला प्राधिकरण द्वारा आबद्ध किए गए डिजाइन कंसल्टेंट अजय सक्सेना एवं प्रागल्भ अजय द्वारा डिजाइन किया गया जिसे मुख्यमंत्री के स्तर पर जारी किया गया है। जारी लोगो का दर्शन माघ महीने के सूर्य और चंद्र की स्थिति को भी उद्घाटित करता है। ज्योतिषाचार्य आचार्य हरि कृष्ण शुक्ला बताते हैं कि सूर्य एवं चंद्रमा की 14 कलाओं की उपस्थिति ज्योतिषीय गणना के अनुसार सूर्य, चंद्रमा एवं नक्षत्रों की स्थितियों को प्रतिबिंबित करता है जो प्रयागराज में माघ मेले का कारक बनता है। भारतीय ज्योतिषीय गणना के अनुसार चंद्रमा 27 नक्षत्रों की परिक्रमा लगभग 27.3 दिनों में पूर्ण करता है। माघ मेला इन्हीं नक्षत्रीय गतियों के अत्यंत सूक्ष्म गणित पर आधारित है। जब सूर्य मकर राशि में होता है और पूर्णिमा के दिन चंद्रमा माघी या अश्लेषा-पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्रों के समीप होता है, तब माघ मास बनता है और उसी काल में माघ मेला आयोजित होता है। इसी तरह चंद्रमा की 14 कलाओं का संबंध मानव जीवन, मनोवैज्ञानिक ऊर्जा और आध्यात्मिक साधना से माना गया है। माघ मेला चंद्र-ऊर्जा की इन कलाओं के सक्रिय होने का विशेष काल भी है। अमावस्या से पूर्णिमा की ओर चंद्रमा की वृद्धि (शुक्ल पक्ष) साधना की उन्नति के लिए सर्वश्रेष्ठ मानी गई है। माघ स्नान की तिथियाँ चंद्र कलाओं के अत्यंत सूक्ष्म संतुलन पर चुनी जाती हैं। माघ महीने की ऊर्जा (शक्ति) अनुशासन, भक्ति और गहन आध्यात्मिक कार्यों से जुड़ी होती है क्योंकि यह महीना पवित्र नदियों में स्नान, दान, तपस्या और कल्पवास जैसे कार्यों के लिए विशेष माना जाता है। इस माह में किए गए कार्य व्यक्ति को निरोगी बनाते हैं और उसे दिव्य ऊर्जा से भर देते हैं।
राजधानी लखनऊ में सर्वाधिक रूफटॉप सोलर किया गया स्थापित
*लखनऊ में 62 हजार से ज्यादा इंस्टॉलेशन, वाराणसी और कानपुर नगर शीर्ष 3 में शामिल*

लखनऊ।  मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ ने सौर ऊर्जा के क्षेत्र में नया कीर्तिमान स्थापित किया है। प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना (PMSGY) के तहत लखनऊ में अब तक 62,271 रूफटॉप सोलर (RTS) इंस्टॉलेशन पूरे हो चुके हैं। यह राज्य के किसी भी जिले से सबसे अधिक है। लखनऊ की इस अगुवाई ने पूरे उत्तर प्रदेश को 3 लाख से अधिक इंस्टॉलेशन का मुकाम छू लिया है, जो योगी सरकार की कुशल मॉनिटरिंग और जनकेंद्रित नीतियों का जीता-जागता प्रमाण है।

योगी सरकार के निर्देश पर लखनऊ जिला प्रशासन, यूपीनेडा और डिस्कॉम की टीम ने दिन-रात मेहनत कर 62,271 इंस्टॉलेशन पूरे किए। लखनऊ की यह सफलता अन्य जिलों के लिए प्रेरणा बन रही है और सौर ऊर्जा को घर-घर पहुंचाने में मील का पत्थर साबित हो रही है।
लखनऊ के बाद वाराणसी ने 26,208, कानपुर नगर ने 18,562, बरेली ने 12,952 और आगरा ने 11,033 इंस्टॉलेशन कर शानदार प्रदर्शन किया। प्रयागराज (9,719), रायबरेली (8,616), झांसी (7,674), बाराबंकी (6,477) और गोरखपुर (6,262) जैसे जिलों ने भी योगी सरकार की योजना को मजबूती प्रदान की। सभी 75 जिलों में PO नियुक्त कर और 23 जिलों की मासिक दर दोगुनी करने से समावेशी विकास सुनिश्चित हुआ।

योगी सरकार के मार्गदर्शन में इंस्टॉलेशन की गति छह गुना बढ़ी है। प्रदेश भर में पहले ढ़ाई लाख इंस्टॉलेशन में 270 दिन लगे जबकि आखिरी 50,000 मात्र 43 दिन में पूरे हुए। यह तेजी लाखों परिवारों को मुफ्त बिजली, कम बिल और अतिरिक्त आय का लाभ दे रही है। उत्तर प्रदेश अब सौर ऊर्जा में टॉप-3 राज्यों में शामिल है। यह सीएम योगी के हरित विकास मॉडल के संकल्प को साकार कर रहा है
कोडिनयुक्त कफ सिरप पर यूपी में अब तक का सबसे बड़ा एक्शन: 31 जिलों में 133 फर्मों पर FIR, कई गिरफ्तार

* सीएम योगी के जीरो–टॉलरेंस आदेश पर चला एफएसडीए का मेगा क्रैकडाउन, पहली बार एनडीपीएस व बीएनएस धाराओं में मुकदमेलखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा अवैध नशे के खिलाफ छेड़ी गई जंग अब निर्णायक दौर में पहुंच गई है। वर्ष 2022 में गठित एएनटीएफ और एफएसडीए ने कोडिनयुक्त कफ सिरप एवं एनडीपीएस श्रेणी की दवाओं के अवैध व्यापार और डायवर्जन पर अब तक का सबसे बड़ा अभियान चलाया है। दो महीने से जारी इस कार्रवाई से प्रदेश भर में नशे के सौदागरों की कमर टूट गई है।एफएसडीए ने गहन अंदरुनी जांच और झारखंड, हरियाणा, हिमाचल समेत कई राज्यों में विवेचना के बाद दो माह पहले बड़े स्तर पर क्रैकडाउन शुरू किया। अब तक 31 जिलों में 133 फर्मों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई जा चुकी है, जिनमें आधा दर्जन से अधिक संचालक जेल भेजे जा चुके हैं।एफएसडीए सचिव एवं आयुक्त डॉ. रोशन जैकब ने बताया कि सीएम योगी का स्पष्ट निर्देश था कि कार्रवाई केवल लाइसेंस रद्द करने तक सीमित न रहे, बल्कि ऐसा एक्शन हो जो देश में नजीर बने। इसी के तहत पहली बार कोडिनयुक्त कफ सिरप के अवैध डायवर्जन में एनडीपीएस और बीएनएस एक्ट के तहत मुकदमे दर्ज किए गए। जिलाधिकारियों को गैंगस्टर एक्ट लगाने के लिए भी पत्र भेजा गया है।प्रदेश के 52 जिलों में 332 औषधि विक्रय प्रतिष्ठानों की जांच में चौंकाने वाले तथ्य सामने आए। कई प्रतिष्ठान कागजों में ही मौजूद थे और केवल बिलिंग प्वॉइंट के रूप में चल रहे थे। कई दुकानों में भंडारण व्यवस्था और रिकॉर्ड भी नहीं मिले। जांच के दौरान 133 प्रतिष्ठान संगठित रूप से कफ सिरप का गैर-चिकित्सीय उपयोग हेतु अवैध डायवर्जन करते पाए गए। इनका नेटवर्क लखनऊ, कानपुर, लखीमपुर, बहराइच के जरिए नेपाल तथा वाराणसी, गाजियाबाद से बांग्लादेश तक फैला हुआ था।* इन जिलों में तस्करी के केस सामने आए:वाराणसी, जौनपुर, कानपुर नगर, गाजीपुर, लखीमपुर खीरी, लखनऊ, बहराइच, बिजनौर, प्रयागराज, प्रतापगढ़, सीतापुर, सोनभद्र, बलरामपुर, रायबरेली, संतकबीर नगर, हरदोई, भदोही, अमेठी, श्रावस्ती, सिद्धार्थनगर, उन्नाव, बस्ती, अंबेडकरनगर, आजमगढ़, सहारनपुर, बरेली, सुल्तानपुर, चंदौली, मीरजापुर, बांदा, कौशांबी।