अमेरिका बनाने जा रहा नया ग्रुप, जानें कौन-कौन देश शामिल होगें?

#whatiscore5uspresidentallegedlyplanningto_make

अमेरिका की सियासी गलियारों में इन दिनों एक नए वैश्विक गठबंधन की चर्चाएं तेज हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप कथित तौर पर विश्व शक्तियों का एक नया मोर्चा बनाने की तैयारी में हैं। इस ग्रूप का नाम 'C5' या 'कोर फाइव' हो सकता है, जिसमें दुनिया की 5 बड़ी ताकते एक साथ आ सकती है।

अमेरिका अब G7 से बाहर निकलकर दुनिया की पांच सबसे बड़ी और असरदार ताकतों के साथ एक नया मंच बनाना चाहता है। डोनाल्ड ट्रंप की नई ग्रुपिंग अमेरिका, रूस, चीन, भारत और जापान को एक साथ लाएगी। 'C5' में धन या लोकतंत्र के मानदंडों के बजाय बड़ी आबादी और सैन्य-आर्थिक ताकत वाले देशों पर फोकस होगा।

एनएसएस के ड्राफ्ट में 'C5' का आइडिया

ये अमेरिका की अप्रकाशित नेशनल सिक्योरिटी स्ट्रैटर्जी के ड्राफ्ट में लिखा एक आइडिया है। इसे डिफेंस वन और पोलिटिको ने उजागर किया है। अमेरिकी पब्लिकेशन पॉलिटिको के 12 दिसंबर के आर्टिकल के मुताबिक, G7 और G20 जैसे मौजूदा फोरम को नाकाफी बताते हुए, यह मल्टीपोलर वर्ल्ड के लिए नया मंच बनेगा।

किस आधार पर देशों का ग्रुप बनेगा?

इस प्रस्तावित फोरम में वे देश शामिल हैं जिनकी आबादी 10 करोड़ से ज्यादा है और जो भू-राजनीति, सैन्य ताकत और वैश्विक अर्थव्यवस्था में निर्णायक भूमिका रखते हैं। ड्राफ्ट के मुताबिक C5 की पहली बैठक में मिडिल ईस्ट की सुरक्षा पर बात होगी, खासकर इजरायल और सऊदी अरब के रिश्तों को सामान्य करने पर

बढ़ सकती है यूरोप की चिंताएं

अभी तक C-5 पर कोई ऑफिशियल कन्फर्मेशन नहीं है। लेकिन यह ट्रंप की विदेश नीति में बड़ा शिफ्ट दिखाता है, जहां चीन और रूस जैसे प्रतिद्वंद्वियों को टेबल पर लाया जा सकता है। भारत के लिए यह मिडिल ईस्ट और इंडो-पैसिफिक मुद्दों पर नया मौका हो सकता है। ट्रंप के इस कदम से यूरोप की चिंताएं बढ़ सकती है। अमेरिका के सहयोगी इस कदम को रूस को यूरोप से ज्यादा प्राथमिकता देने और पश्चिमी एकता और नाटो के तालमेल को कमजोर करने के तौर पर देखते हैं।

जस्टिस जीआर स्वामीनाथन के समर्थन में आए 56 रिटायर्ड जज, महाभियोग प्रस्ताव की कड़ी निंदा की

#justiceswaminathan56exjudgesinsupport

मद्रास हाई कोर्ट के जस्टिस जीआर स्वामीनाथन पर महाभियोग प्रस्ताव पेश होने के बाद सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश उनके समर्थन में उतर आए हैं। सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के 56 रिटायर्ड जजों ने एक संयुक्त बयान जारी कर मद्रास हाई कोर्ट के जस्टिस जीआर स्वामीनाथन के खिलाफ लाए जा रहे महाभियोग प्रस्ताव की कड़ी निंदा की है।

“न्यायपालिका को डराने की कोशिश”

जस्टिस स्वामीनाथन ने तमिलनाडु के मदुरै में तिरुपरनकुंद्रम सुब्रमणिया स्वामी मंदिर के पास पहाड़ी पर पवित्र दीपक जलाने का आदेश दिया था, जिसके बाद विपक्ष उनपर महाभियोग लगाकर उन्हें जज पद से हटाने की मुहिम में जुटा है। जिसके बाद पूर्व जजों ने इस मामले में महाभियोग के प्रस्ताव पर गंभीर आपत्ति जाहिर की है। 56 पूर्व जजों ने अपने बयान में कहा गया है कि कुछ सांसदों और वरिष्ठ वकीलों द्वारा उठाया गया यह कदम राजनीतिक प्रेरित है और इसका उद्देश्य न्यायपालिका को डराना है, जबकि महाभियोग जैसी संवैधानिक प्रक्रिया का इस्तेमाल केवल दुर्लभ और अत्यंत गंभीर मामलों में ही होना चाहिए।

“आपातकाल की याद दिलाता है”

पूर्व जजों ने चेतावनी दी है कि अगर इसे जारी रहने दिया गया, तो यह लोकतंत्र और न्यायपालिका की स्वतंत्रता की जड़ों को ही नष्ट कर देगा। बयान में कहा गया कि जज स्वामीनाथन पर महाभियोग प्रस्ताव पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गाँधी की सरकार में 1975 में घोषित आपातकाल की याद दिलाता है। जब जजों को प्रताड़ित करने के लिए तमाम तंत्र अपनाए गए थे, जिनमें पदोन्नति को रद्द करना भी शामिल था।

“फैसले अनुकूल नहीं रहे, तो बदनाम करने की कोशिशें”

पूर्व जजों ने पत्र में साफतौर पर कहा कि किसी निर्णय से असहमति हो तो उसका समाधान कानूनी अपील और तर्कपूर्ण आलोचना है न कि न्यायाधीशों को डराने की कोशिश। पूर्व न्यायाधीशों ने यह भी कहा कि हाल के वर्षों में जब-जब अदालतों के फैसले कुछ राजनीतिक हितों के अनुकूल नहीं रहे, तब शीर्ष न्यायाधीशों और प्रमुख न्यायाधीशों को बदनाम करने की कोशिशें हुई हैं।

पूर्व न्यायाधीशों की खास अपील

पूर्व न्यायाधीशों ने सांसदों, बार, नागरिक समाज और आम नागरिकों से अपील की है कि वे ऐसे कदमों को अस्वीकार करें और न्यायपालिका की स्वतंत्रता को मजबूती से संरक्षित करें। उनका कहना है कि न्यायिक जवाबदेही संवैधानिक मूल्यों और न्यायिक प्रक्रिया के भीतर तय होती है न कि राजनीतिक दबाव या महाभियोग की धमकी से।

विनेश फोगाट ने किया संन्यास से वापसी का ऐलान, ओलंपिक के अखाड़े में फिर आएंगी नजर

#vineshphogattakesuturnfromretirement

भारत की स्टार महिला पहलवान विनेश फोगाट ने अखाड़े में वापसी का एलान कर दिया है। विनेश ने 2028 में होने वाले लॉस लॉस एंजिल्स ओलंपिक में खेलने की घोषणा की है। फोगाट ने संन्यास से वापसी का एलान करते हुए कहा कि वह अब अपना अधूरा ओलंपिक में मेडल का सपना पूरा करने के लिए 2028 लॉस एंजेलिस ओलंपिक की तैयारी करेंगी। बता दें कि 2024 में विनेश फाइनल में पहुंचने के बाद भी पदक नहीं जीत सकी थीं। फाइनल में विनेश डिस्क्वालिफाई हो गई थीं।

विनेश बोलीं- मुझे अब भी यह खेल पसंद

विनेश ने अपने सोशल मीडिया पर इसका जानकारी दी। उन्होंने लिखा, 'लोग पूछते रहे कि क्या पेरिस अंत था। बहुत समय तक, मेरे पास इसका जवाब नहीं था। मुझे मैट से, प्रेशर से, उम्मीदों से, यहां तक कि अपने सपनों से भी दूर जाने की जरूरत थी। सालों में पहली बार, मैंने खुद को सांस लेने दिया। मैंने अपने सफर के बोझ को समझने के लिए समय लिया- उतार-चढ़ाव, दिल टूटना, त्याग, मेरे वो रूप जिन्हें दुनिया ने कभी नहीं देखा। और कहीं उस सोच में, मुझे सच मिला, मुझे अब भी यह खेल पसंद है। मैं अब भी मुकाबला करना चाहता हूं।'

कुश्ती को लेकर मेरा जोश कभी खत्म नहीं हुआ-विनेश

विनेश फोगाट ने लिखा है कि अनुशासन, दिनचर्या, संघर्ष यह सब मेरे अंदर बसा है। चाहे मैं कितनी भी दूर चली जाऊं, मेरा एक हिस्सा मैट पर ही रह गया। कुश्ती को लेकर मेरा जोश कभी खत्म नहीं हुआ। मैं अब यहां निडर दिल और कभी न झुकने वाली भावना के साथ LA28 की ओर वापस कदम बढ़ा रही हूं। इस बार मैं अकेली नहीं चल रही हूं। मेरा बेटा मेरी टीम में शामिल हो रहा है। लॉस एंजिल्स ओलंपिक के इस सफर में मेरा छोटा सा चीयरलीडर।

अयोग्य घोषित होने पर किया था संन्यास का ऐलान

तीन बार की ओलंपियन रह चुकीं विनेश फोगाट ने एशियाई और राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण पदक जीते हैं। 2024 पेरिस ओलंपिक में फाइनल से ठीक एक रात पहले विनेश फोगाट को ओवरवेट पाए जाने पर डिस्क्वालीफाई कर दिया गया था, जिसके बाद गोल्ड मेडल बाउट में उतर तक नहीं पाई थी। 50 किलोग्राम वर्ग के स्वर्ण पदक मुकाबले से पहले 100 ग्राम ज्यादा वजन होने के कारण वह अयोग्य घोषित हो गई थी। विनेश ने इसे अपने खिलाफ बड़ी साजिश बताया था। गुस्से में आकर उन्होंने कुश्ती से संन्यास का ऐलान कर दिया था।

पूर्व केंद्रीय गृह मंत्री शिवराज पाटिल का निधन, 91 साल की उम्र में ली अंतिम सांस

#shivrajpatilpasses_away

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय गृह मंत्री शिवराज पाटिल का लातूर में निधन हो गया। वे 91 वर्ष के थे। शिवराज पाटिल ने सुबह लगभग 6:30 बजे लातूर स्थित अपने आवास पर अंतिम सांस ली। वह लंबे समय से बीमार चल रहे थे। उनका अंतिम संस्कार आज शाम लातूर में ही होगा, जिसमें पार्टी के शीर्ष नेता शामिल होंगे।

देश की राजनीति में अहम भूमिका

शिवराज पाटिल चाकुरकर लोकसभा के स्पीकर थे और उन्होंने कई केंद्रीय मंत्री पदों पर काम किया। उन्होंने अपने राजनीतिक करियर में देश के लिए कई प्रतिष्ठित पदों पर काम किया और देश की संवैधानिक प्रक्रिया में सक्रिय भूमिका निभाई।वह पंजाब के राज्यपाल और चंडीगढ़ के एडमिनिस्ट्रेटर भी रहे। यूपीए सरकार में शिवराज पाटिल को गृह मंत्री बनाया गया था। वह देश के रक्षा मंत्री भी थे।

इंदिरा गांधी सरकार में रहे रक्षा मंत्री

शिवराज पाटिल का जन्म 12 अक्टूबर 1935 को हुआ था। वह पहली बार 1980 में लातूर से लोकसभा के लिए चुने गए और 1999 तक लगातार सात चुनाव जीतकर लोकसभा में बड़े नेता के रूप में उभरे। उन्होंने 1991 से 1996 तक लोकसभा अध्यक्ष के तौर पर काम किया। वह भारत के 10वें लोकसभा अध्यक्ष थे। शिवराज पाटिल ने 1980 के दशक में इंदिरा गांधी और राजीव गांधी के मंत्रिमंडलों में रक्षा मंत्री के रूप में काम किया।

मुंबई हमलों की ली थी नैतिक जिम्मेदारी

वह 2004 से 2008 तक भारत के गृह मंत्री रहे। 2008 में मुंबई हमले के दौरान उनकी खूब आलोचना हुई। 26/11 मुंबई हमलों की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए 30 नवंबर 2008 को इस्तीफा दे दिया। दरअसल, पाटिल को ‘निरो ऑफ इंडिया’ का उपनाम भी मिला।

चुनाव आयोग ने यूपी समेत 6 राज्यों में एसआईआर की समयसीमा बढ़ाई, बंगाल को कोई रहात नहीं

चुनाव आयोग ने छह राज्यों आर केंद्र शासित प्रदेशों में विशेष गहन पुनरीक्षण यानी एसआईआर की समय सीमा को आगे बढ़ा दिया है। यह कदम मतदाता सूची को शुद्ध करने के लिए उठाया गया है। हालांकि इन राज्यों में पश्चिम बंगाल शामिल नहीं है।

यूपी में 26 दिसंबर तक फॉर्म भरे जाएंगे

चुनाव आयोग के अनुसार, तमिलनाडु और गुजरात में 14 दिसंबर तक फॉर्म भरे जाएंगे और 19 दिसंबर को ड्राफ्ट मतदाता सूची जारी होगी. मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में 18 दिसंबर तक एसआईआर की प्रक्रिया होगी और 23 दिसंबर को ड्राफ्ट वोटर लिस्ट जारी होगी, जबकि यूपी में 26 दिसंबर तक फॉर्म भरे जाएंगे और 31 दिसंबर को मतदाता सूची का ड्राफ्ट रोल जारी होगा।

मुख्य निर्वाचन पदाधिकारियों को खास निर्देश

चुनाव आयोग ने विशेष सघन पुनरीक्षण (एसआईआर) के जरिए मतदाता सूची को शुद्धतम बनाने के लिए 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारियों को निर्देश दिया है। आयोग ने कहा है कि मसौदा सूची जारी होने से पहले प्रत्येक बूथों पर पाए गए मृत, स्थानांतरित, अनुपस्थित व डुप्लीकेट मतदाताओं की सूची राजनीतिक दलों से जुड़े बूथ लेवल एजेंटों के साथ साझा करें।

पश्चिम बंगाल समेत इन राज्यों में आज अंतिम दिन

पहले के बदले हुए शेड्यूल में, इन 6 राज्यों/केन्द्र शासित प्रदेशों के लिए गिनती का समय 11 दिसंबर 2025 तक था और ड्राफ्ट इलेक्टोरल रोल के पब्लिकेशन की पहले की तारीख 16 दिसंबर 2025 थी। गोवा, गुजरात, लक्षद्वीप, राजस्थान और पश्चिम बंगाल के लिए गिनती का समय आज, यानी 11 दिसंबर 2025 को खत्म हो जाएगा। इन राज्यों/ केन्द्र शासित प्रदेशों के लिए ड्राफ़्ट इलेक्टोरल रोल 16 दिसंबर को पब्लिश किए जाएंगे।

संसद में किसने पी ई-सिगरेट? अनुराग ठाकुर के आरोप पर स्पीकर बोले- जांच कराएंगे

#anuragthakuraccusedtmcmpofsmokingecigarettes

संसद के शीतकालीन सत्र में गुरुवार को नौवें दिन की कार्यवाही जारी है। भारतीय जनता पार्टी के सांसद अनुराग ठाकुर ने गुरुवार को तृणमूल कांग्रेस के सांसद पर गंभीर आरोप लगाया। भाजपा सांसद अनुराग ठाकुर ने स्पीकर ओम बिरला को शिकायत करते हुए कहा, टीएमसी सांसद सदन में ई-सिगरेट पी रहे हैं। इस पर स्पीकर ने उन्हें आश्वस्त किया कि किसी भी तरह के नियमों के उल्लंघन को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। सदन के नियमों के मुताबिक समुचित जांच कराई जाएगी।

अनुराग ठाकुर ने प्रश्नकाल के दौरान यह आरोप लगाते हुए अध्यक्ष ओम बिरला से पूछा कि क्या सदन में ई-सिगरेट की अनुमति है। बिरला के मना करने पर ठाकुर ने कहा कि तृणमूल के एक सांसद (जिनका उन्होंने नाम नहीं लिया) पिछले कई दिनों से सदन में ई-सिगरेट पी रहे हैं।

स्पीकर ने दिया जांच का भरोसा

हिमाचल प्रदेश से निर्वाचित लोकसभा सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर की इस बात को गंभीरता से लेते हुए स्पीकर ओम बिरला ने कहा, संसदीय नियमावली के तहत इस घटना की जांच कराई जाएगी। उन्होंने आश्वस्त किया कि संसद की मर्यादा से किसी भी तरह का खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

भारत में ई-सिगरेट पर बैन

भारत में ई-सिगरेट पर 18 सितंबर, 2019 को पूरी तरह प्रतिबंध लगा दिया गया था, जब सरकार ने एक अध्यादेश जारी किया और बाद में 'इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट निषेध अधिनियम, 2019' (PECA) पारित किया, जिसने ई-सिगरेट के उत्पादन, निर्माण, आयात, निर्यात, बिक्री, वितरण और विज्ञापन को गैरकानूनी घोषित कर दिया। यह कानून स्वास्थ्य मंत्रालय और वित्त मंत्रालय की सिफारिशों के बाद लाया गया था ताकि युवाओं को निकोटीन की लत से बचाया जा सके।

अमेरिकी संसद में छाई मोदी-पुतिन की सेल्फी वाली फोटो, डेमोक्रेट सांसद बोलीं- ये तस्वीर हजार शब्दों के बराबर

#uscongresswomansydneykamlagerdovecriticizedonaldtrumpforeign_policy

हाल ही में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन दिल्ली के दौरे पर पहुंचे थे। इस दौरान रूसी राष्ट्रपति पुतिन और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कार में एक सेल्फी ली थी। दोनों नेताओं की सेल्फी वाली फोटो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गई। इस तस्वीर ने अमेरिकी संसद के हॉल के अंदर भी नई बहस छेड़ दी है। अब इस फोटो को दिखाकर अमेरिकी कांग्रेस के अंदर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को घेरा जा रहा हैष

मोदी-पुतिन की सेल्फी फोटो से ट्रंप को घेरा

अमेरिकी संसद में एक कांग्रेसी सांसद ने ही मोदी-पुतिन की सेल्फी फोटो लहराई है। अमेरिकी संसद में कांग्रेस वुमन सिडनी कामलेवगर डोव ने मोदी-पुतिन की सेल्फी वाला पोस्टर दिखाकर डोनाल्ड ट्रंप को कोसा। उन्होंने इस फोटो के जरिए अमेरिका की विदेश नीति की खूब आलोचना की है। सिडनी कामलेगर डोव ने इस तस्वीर को दिखाकर अमेरिका को चेताया है। उन्होंने कहा कि वॉशिंगटन भारत को मॉस्को के करीब धकेल रहा है। उन्होंने साफ आरोप लगाया कि नई दिल्ली नहीं, अमेरिका ही भारत-यूएस पार्टनरशिप को कमजोर कर रहा है।

ट्रंप पर अमेरिका-भारत के रिश्ते को नुकसान पहुंचाने का आरोप

सांसद सिडनी कामलेगर-डोव ने कहा कि जिस तरह से पुतिन का स्वागत हुआ और पीएम मोदी के साथ उनकी गर्मजोशी दिखी, वो दिखाता है कि ट्रंप ने किस तरह का नुकसान अमेरिका-भारत के रिश्ते को पहुंचा दिया है।

ट्रंप-पुतिन की सेल्फी ट्रंप की नाकाम विदेश नीति का सबूत-डोव

डोव ने अपने बयान में कहा, नरेंद्र मोदी और व्लादिमीर पुतिन की साथ में आई तस्वीरें हमें बहुत कुछ दिखा रही हैं। डोनाल्ड ट्रंप को समझना चाहिए कि तस्वीरें झूठ नहीं बोलती हैं। ट्रंप-पुतिन की सेल्फी और गले मिलते हुए तस्वीरें ट्रंप की नाकाम विदेश नीति का सीधा सबूत हैं।

भारत पर टैरिफ गलत

विपक्षी पार्टी की नेता डोव ने डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन के रूस से तेल खरीदने के लिए भारत पर टैरिफ लगाने के फैसले की भी आलोचना की है। उन्होंने कहा कि अमेरिका का भारत पर टैरिफ लगाना बेवजह लगता है क्योंकि डोनाल्ड ट्रंप के विशेष दूत स्टीव विटकॉफ बिजनेस डील के लिए पुतिन के सलाहकारों के साथ मिलकर यूक्रेन को बेच रहे हैं।

सांसद प्रमिला जयापल ने भी जताई चिंता

इस दौरान सांसद प्रमिला जयापल ने व्यापार और आव्रजन (इमिग्रेशन) नीतियों के कारण भारत-अमेरिका आर्थिक और लोगों के बीच संबंधों पर पड़ रहे असर को लेकर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि दोनों देशों में लगे टैरिफ कारोबार और उपभोक्ताओं को नुकसान पहुंचा रहे हैं। सांसद जयापल की यह टिप्पणी ट्रंप के हालिया बयान के बाद आई है, जिसमें उन्होंने भारत से चावल के आयात पर नए टैरिफ लगाने की चेतावनी दी थी। उन्होंने आरोप लगाया कि भारत अमेरिकी किसानों को नुकसान पहुंचाते हुए सस्ते चावल निर्यात कर रहा है। इस दौरान ट्रंप ने अमेरिकी कृषि उत्पादकों के लिए 12 अरब डॉलर की मदद पैकेज की घोषणा भी की।

UN में तालिबान के समर्थन में खुलकर आया भारत, पाकिस्तान को जमकर धोया

#indiadenouncespakistanattackonafghanistanatunsecurity_council

भारत ने अफगानिस्तान में किए गए हवाई हमलों की पाकिस्तान द्वारा कड़ी निंदा की है और इन हमलों को संयुक्त राष्ट्र चार्टर और अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन बताया है। भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में अफगानिस्तान की स्थिति पर चर्चा के दौरान बिना नाम लिए पाकिस्तान पर सीधा हमला बोला। साथ ही इस बार खुलकर तालिबान सरकार के समर्थन में बोला।

संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि पर्वतनेनी हरीश ने सुरक्षा परिषद में पाकिस्तानी हमलों में अफगान नागरिकों की मौत का मुद्दा उठाया और इसे अफगान संप्रभुता और अंतरराष्ट्रीय मानदंडों का उल्लंघन कहा है। उन्होंने यह भी दोहराया कि भारत अफगानिस्तान के लोगों और क्षेत्र में शांति, स्थिरता और विकास के लिए गहराई से प्रतिबद्ध है। उन्होंने बताया कि भारत ने लगातार लाखों जरूरतमंत अफगानों को मानवीय सहायता प्रदान की है और अभी भी कर रहा है।

भारत-अफगानिस्तान साझेदारी का जिक्र

संयुक्त राष्ट्र में भारतीय दूत ने कहा कि अफगानिस्तान के साथ भारत की विकास साझेदारी 3 अरब डॉलर से अधिक है, जो अफगान लोगों के लिए नई दिल्ली के अटूट समर्थन को दिखाती है। उन्होंने आगे 17 अक्टूबर 2025 को पक्तिका प्रांत में पाकिस्तान के हवाई हमले का जिक्र किया और कहा कि 'दुखद रूप से निर्दोष महिलाओं, बच्चों और तीन होनहार युवा क्रिकेटरों- कबीर आगा, सिबगतुल्लाह और हारून- की जान चली गई, जो अफगान संप्रभुता और अंतरराष्ट्रीय मानदंडों का गंभीर उल्लंघन है।

व्यापार और पारगमन आतंकवाद पर चिंता

भारत ने पाकिस्तान द्वारा 'व्यापार और पारगमन आतंकवाद' की प्रथा पर भी गंभीर चिंता व्यक्त की, जिसमें अफगानिस्तान के लिए महत्वपूर्ण पहुंच मार्गों को बंद करना शामिल है। एक भू-आबद्ध देश होने के नाते, अफगानिस्तान आवश्यक आपूर्ति के लिए सीमा पार आवागमन पर बहुत अधिक निर्भर है। भारत ने कहा कि इस तरह के प्रतिबंध विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) के मानदंडों का उल्लंघन करते हैं और पुनर्निर्माण के लिए संघर्ष कर रहे एक कमजोर राष्ट्र के खिलाफ "खुली धमकियां और युद्ध के कृत्य" के समान हैं।

आतंकी संगठनों के खिलाफ एकजुटता की अपील

भारत ने कहा कि हम अफगानिस्तान की क्षेत्रीय अखंडता, संप्रभुता और स्वतंत्रता का भी मजबूती से समर्थन करते हैं। भारत ने यह भी कहा कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय को मिलकर काम करना चाहिए ताकि ISIL, अल-कायदा, लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद और उनके प्रॉक्सी जैसे आतंकी संगठनों को सीमा पार आतंक फैलाने से रोका जा सके।

चुनाव आयोग की बड़ी बैठक आज, कुछ राज्यों में बढ़ सकती है एसआईआर की समयसीमा

#sirdeadlinemaybeextendedinsome_states

देशभर के 9 राज्यों और 3 केंद्र शासित प्रदेशों में चल रहे विशेष गहन पुनरीक्षण यानी एसआईआर का आज आखिरी दिन है। ड्राफ्ट मतदाता सूची 16 दिसंबर को प्रकाशित होगी। अंतिम वोटर लिस्ट 14 फरवरी को जारी किया जाएगा। वहीं, इस बीच आज चुनाव आयोग ने एक अहम बैठक बुलाई है। इस बैठक में उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों में एसआईआर की तारीख बढ़ाने को लेकर फैसला किया जा सकता है।

केरल को छोड़कर देश के 11 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में चल रहे वोटर लिस्ट के एसआईआर के फॉर्म जमा करने की आज आखिरी तारीख है। चुनाव आयोग के अधिकारी गुरुवार को फॉर्म डिजिटाइजेशन और जमा करने की प्रोग्रेस का रिव्यू करेंगे। इस मीटिंग के दौरान उत्तर प्रदेश सहित अन्य राज्यों के लिए एसआईआर की डेडलाइन बढ़ाने पर विचार किया जा सकता है। सूत्रों के मुताबिक पश्चिम बंगाल भी उन राज्यों में शामिल है जहां डेडलाइन बढ़ाई जा सकती है।

यूपी में एसआईआर के लिए विस्तार की मांग

दरअसल, उत्तर प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवदीप रिणवा ने बुधवार को कहा कि राज्य ने भारतीय निर्वाचन आयोग से एसआईआर को पूरा करने के लिए दो और सप्ताह का समय देने का अनुरोध किया है। एक प्रेस बयान में, नवदीप रिणवा ने कहा कि यह विस्तार इसलिए मांगा गया था ताकि जिला चुनाव अधिकारी मृत मतदाताओं, अन्य स्थानों पर स्थानांतरित हो चुके मतदाताओं और लापता मतदाताओं की प्रविष्टियों का पुनः सत्यापन कर सकें। उनके अनुसार, अब तक 99.24 प्रतिशत जनगणना प्रपत्रों का डिजिटलीकरण हो चुका है। राज्य भर में 4 नवंबर से एसआईआर अभ्यास चल रहा है।

बंगाल में संशोधित वोटर लिस्ट प्रकाशन की अंतिम तिथि बढ़ी

इधर, चुनाव आयोग ने पश्चिम बंगाल में चल रहे एसआईआर की समयसीमा में संशोधन किया है और अंतिम प्रकाशन की तिथि को पहले की निर्धारित तिथि से बदलकर 14 फरवरी, 2026 कर दिया है। बुधवार को जारी एक आधिकारिक आदेश में, चुनाव आयोग ने कहा कि बड़े पैमाने पर जनगणना कार्य और राज्य भर में मतदान केंद्रों के उचित सत्यापन और युक्तिकरण की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए विस्तार प्रदान किया गया है।

क्या है एसआईआर?

यह चुनाव आयोग की एक प्रक्रिया है। इसमें वोटर लिस्ट अपडेट की जाती है। इसमें 18 साल से ज्यादा के नए वोटर्स को जोड़ा जाता है। ऐसे लोग जिनकी मौत हो चुकी है। जो शिफ्ट हो चुके हैं उनके नाम हटाए जाते हैं। वोटर लिस्ट में नाम, पते में हुई गलतियों को भी ठीक किया जाता है। बीएलओ घर-घर जाकर खुद फॉर्म भरवाते हैं। पहले फेज का एसआईआर बिहार में हुआ।

#rahul_visit_german_ministers_and_meet_nri_why_bjp_frowning_over_it *राहुल गांधी के जर्मनी दौरे पर सियासत, बीजेपी ने उठाया सवाल, तो प्रियंका बोल

#rahulvisitgermanministersandmeetnriwhybjpfrowningover_it

कांग्रेस नेता राहुल गांधी 15 से 20 दिसंबर के बीच जर्मनी का दौरा करेंगे, जहाँ वे जर्मनी सरकार के मंत्रियों से मुलाकात करेंगे और भारतीय प्रवासी समुदाय के साथ संवाद करेंगे। यह यात्रा इंडियन ओवरसीज़ कांग्रेस की एक बड़े स्तर की वैश्विक आउटरीच पहल का हिस्सा है। राहुल गांधी के प्रस्तावित जर्मनी दौरे को लेकर भारतीय जनता पार्टी ने सवाल खड़े के हैं।

प्रियंका गांधी का पलटवार

कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा ने बुधवार को राहुल गांधी की जर्मनी यात्रा को लेकर भाजपा की आलोचना का जवाब दिया। उन्होंने पलटवार करते हुए कहा कि विपक्ष के नेता पर सवाल क्यों उठाए जा रहे हैं, जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपना लगभग आधा समय देश के बाहर बिताते हैं।

राहुल की यात्रा पर सवाल क्यों?

लोकसभा का शीतकालीन सत्र 19 दिसंबर तक है, और भाजपा ने राहुल गांधी की इस दौरान विदेश यात्रा की आलोचना की है। केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने राहुल गांधी की जर्मनी यात्रा को लेकर उन पर हमला बोला और कहा, राहुल गांधी दावा करते हैं कि उन्हें बोलने का मौका नहीं मिलता, लेकिन वह अक्सर भारत से बाहर रहते हैं। बिहार चुनाव के दौरान भी वह विदेश यात्रा पर थे। वह एक अंशकालिक, गैर-गंभीर नेता हैं।

बीजेपी बोली- ‘एलओपी’ यानी ‘लीडर ऑफ पर्यटन’

वहीं, बीजेपी प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने एक पोस्ट किया कि एक बार फिर विदेश नायक वही कर रहे हैं जो वह सबसे अच्छा करते हैं। विदेश दौरे पर जा रहे हैं। संसद 19 दिसंबर तक चलेगी, लेकिन खबरों के मुताबिक राहुल गांधी 15-20 दिसंबर तक जर्मनी का दौरा करेंगे। उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा कि राहुल गांधी ने ‘एलओपी’ यानी ‘लीडर ऑफ पर्यटन’ हैं।

राहुल गांधी की जर्मनी यात्रा का उद्देश्य

बता दें कि राहुल गांधी की प्रस्तावित यात्रा इंडियन ओवरसीज़ कांग्रेस एक बड़े स्तर की वैश्विक आउटरीच पहल का हिस्सा है। इंडियन ओवरसीज़ कांग्रेस जर्मनी के अध्यक्ष बलविंदर सिंह ने कहा, लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष और सांसद राहुल गांधी 15 से 20 दिसंबर तक जर्मनी का दौरा करेंगे। उनके साथ इंडियन ओवरसीज़ कांग्रेस के चेयरपर्सन सैम पित्रोदा भी होंगे। आईओसी ने कहा कि इस यात्रा का उद्देश्य कांग्रेस पार्टी की वैश्विक पहुंच को मजबूत करना है।