चुनाव आयोग ने यूपी समेत 6 राज्यों में एसआईआर की समयसीमा बढ़ाई, बंगाल को कोई रहात नहीं

चुनाव आयोग ने छह राज्यों आर केंद्र शासित प्रदेशों में विशेष गहन पुनरीक्षण यानी एसआईआर की समय सीमा को आगे बढ़ा दिया है। यह कदम मतदाता सूची को शुद्ध करने के लिए उठाया गया है। हालांकि इन राज्यों में पश्चिम बंगाल शामिल नहीं है।

यूपी में 26 दिसंबर तक फॉर्म भरे जाएंगे

चुनाव आयोग के अनुसार, तमिलनाडु और गुजरात में 14 दिसंबर तक फॉर्म भरे जाएंगे और 19 दिसंबर को ड्राफ्ट मतदाता सूची जारी होगी. मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में 18 दिसंबर तक एसआईआर की प्रक्रिया होगी और 23 दिसंबर को ड्राफ्ट वोटर लिस्ट जारी होगी, जबकि यूपी में 26 दिसंबर तक फॉर्म भरे जाएंगे और 31 दिसंबर को मतदाता सूची का ड्राफ्ट रोल जारी होगा।

मुख्य निर्वाचन पदाधिकारियों को खास निर्देश

चुनाव आयोग ने विशेष सघन पुनरीक्षण (एसआईआर) के जरिए मतदाता सूची को शुद्धतम बनाने के लिए 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारियों को निर्देश दिया है। आयोग ने कहा है कि मसौदा सूची जारी होने से पहले प्रत्येक बूथों पर पाए गए मृत, स्थानांतरित, अनुपस्थित व डुप्लीकेट मतदाताओं की सूची राजनीतिक दलों से जुड़े बूथ लेवल एजेंटों के साथ साझा करें।

पश्चिम बंगाल समेत इन राज्यों में आज अंतिम दिन

पहले के बदले हुए शेड्यूल में, इन 6 राज्यों/केन्द्र शासित प्रदेशों के लिए गिनती का समय 11 दिसंबर 2025 तक था और ड्राफ्ट इलेक्टोरल रोल के पब्लिकेशन की पहले की तारीख 16 दिसंबर 2025 थी। गोवा, गुजरात, लक्षद्वीप, राजस्थान और पश्चिम बंगाल के लिए गिनती का समय आज, यानी 11 दिसंबर 2025 को खत्म हो जाएगा। इन राज्यों/ केन्द्र शासित प्रदेशों के लिए ड्राफ़्ट इलेक्टोरल रोल 16 दिसंबर को पब्लिश किए जाएंगे।

संसद में किसने पी ई-सिगरेट? अनुराग ठाकुर के आरोप पर स्पीकर बोले- जांच कराएंगे

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संसद के शीतकालीन सत्र में गुरुवार को नौवें दिन की कार्यवाही जारी है। भारतीय जनता पार्टी के सांसद अनुराग ठाकुर ने गुरुवार को तृणमूल कांग्रेस के सांसद पर गंभीर आरोप लगाया। भाजपा सांसद अनुराग ठाकुर ने स्पीकर ओम बिरला को शिकायत करते हुए कहा, टीएमसी सांसद सदन में ई-सिगरेट पी रहे हैं। इस पर स्पीकर ने उन्हें आश्वस्त किया कि किसी भी तरह के नियमों के उल्लंघन को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। सदन के नियमों के मुताबिक समुचित जांच कराई जाएगी।

अनुराग ठाकुर ने प्रश्नकाल के दौरान यह आरोप लगाते हुए अध्यक्ष ओम बिरला से पूछा कि क्या सदन में ई-सिगरेट की अनुमति है। बिरला के मना करने पर ठाकुर ने कहा कि तृणमूल के एक सांसद (जिनका उन्होंने नाम नहीं लिया) पिछले कई दिनों से सदन में ई-सिगरेट पी रहे हैं।

स्पीकर ने दिया जांच का भरोसा

हिमाचल प्रदेश से निर्वाचित लोकसभा सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर की इस बात को गंभीरता से लेते हुए स्पीकर ओम बिरला ने कहा, संसदीय नियमावली के तहत इस घटना की जांच कराई जाएगी। उन्होंने आश्वस्त किया कि संसद की मर्यादा से किसी भी तरह का खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

भारत में ई-सिगरेट पर बैन

भारत में ई-सिगरेट पर 18 सितंबर, 2019 को पूरी तरह प्रतिबंध लगा दिया गया था, जब सरकार ने एक अध्यादेश जारी किया और बाद में 'इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट निषेध अधिनियम, 2019' (PECA) पारित किया, जिसने ई-सिगरेट के उत्पादन, निर्माण, आयात, निर्यात, बिक्री, वितरण और विज्ञापन को गैरकानूनी घोषित कर दिया। यह कानून स्वास्थ्य मंत्रालय और वित्त मंत्रालय की सिफारिशों के बाद लाया गया था ताकि युवाओं को निकोटीन की लत से बचाया जा सके।

अमेरिकी संसद में छाई मोदी-पुतिन की सेल्फी वाली फोटो, डेमोक्रेट सांसद बोलीं- ये तस्वीर हजार शब्दों के बराबर

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हाल ही में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन दिल्ली के दौरे पर पहुंचे थे। इस दौरान रूसी राष्ट्रपति पुतिन और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कार में एक सेल्फी ली थी। दोनों नेताओं की सेल्फी वाली फोटो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गई। इस तस्वीर ने अमेरिकी संसद के हॉल के अंदर भी नई बहस छेड़ दी है। अब इस फोटो को दिखाकर अमेरिकी कांग्रेस के अंदर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को घेरा जा रहा हैष

मोदी-पुतिन की सेल्फी फोटो से ट्रंप को घेरा

अमेरिकी संसद में एक कांग्रेसी सांसद ने ही मोदी-पुतिन की सेल्फी फोटो लहराई है। अमेरिकी संसद में कांग्रेस वुमन सिडनी कामलेवगर डोव ने मोदी-पुतिन की सेल्फी वाला पोस्टर दिखाकर डोनाल्ड ट्रंप को कोसा। उन्होंने इस फोटो के जरिए अमेरिका की विदेश नीति की खूब आलोचना की है। सिडनी कामलेगर डोव ने इस तस्वीर को दिखाकर अमेरिका को चेताया है। उन्होंने कहा कि वॉशिंगटन भारत को मॉस्को के करीब धकेल रहा है। उन्होंने साफ आरोप लगाया कि नई दिल्ली नहीं, अमेरिका ही भारत-यूएस पार्टनरशिप को कमजोर कर रहा है।

ट्रंप पर अमेरिका-भारत के रिश्ते को नुकसान पहुंचाने का आरोप

सांसद सिडनी कामलेगर-डोव ने कहा कि जिस तरह से पुतिन का स्वागत हुआ और पीएम मोदी के साथ उनकी गर्मजोशी दिखी, वो दिखाता है कि ट्रंप ने किस तरह का नुकसान अमेरिका-भारत के रिश्ते को पहुंचा दिया है।

ट्रंप-पुतिन की सेल्फी ट्रंप की नाकाम विदेश नीति का सबूत-डोव

डोव ने अपने बयान में कहा, नरेंद्र मोदी और व्लादिमीर पुतिन की साथ में आई तस्वीरें हमें बहुत कुछ दिखा रही हैं। डोनाल्ड ट्रंप को समझना चाहिए कि तस्वीरें झूठ नहीं बोलती हैं। ट्रंप-पुतिन की सेल्फी और गले मिलते हुए तस्वीरें ट्रंप की नाकाम विदेश नीति का सीधा सबूत हैं।

भारत पर टैरिफ गलत

विपक्षी पार्टी की नेता डोव ने डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन के रूस से तेल खरीदने के लिए भारत पर टैरिफ लगाने के फैसले की भी आलोचना की है। उन्होंने कहा कि अमेरिका का भारत पर टैरिफ लगाना बेवजह लगता है क्योंकि डोनाल्ड ट्रंप के विशेष दूत स्टीव विटकॉफ बिजनेस डील के लिए पुतिन के सलाहकारों के साथ मिलकर यूक्रेन को बेच रहे हैं।

सांसद प्रमिला जयापल ने भी जताई चिंता

इस दौरान सांसद प्रमिला जयापल ने व्यापार और आव्रजन (इमिग्रेशन) नीतियों के कारण भारत-अमेरिका आर्थिक और लोगों के बीच संबंधों पर पड़ रहे असर को लेकर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि दोनों देशों में लगे टैरिफ कारोबार और उपभोक्ताओं को नुकसान पहुंचा रहे हैं। सांसद जयापल की यह टिप्पणी ट्रंप के हालिया बयान के बाद आई है, जिसमें उन्होंने भारत से चावल के आयात पर नए टैरिफ लगाने की चेतावनी दी थी। उन्होंने आरोप लगाया कि भारत अमेरिकी किसानों को नुकसान पहुंचाते हुए सस्ते चावल निर्यात कर रहा है। इस दौरान ट्रंप ने अमेरिकी कृषि उत्पादकों के लिए 12 अरब डॉलर की मदद पैकेज की घोषणा भी की।

UN में तालिबान के समर्थन में खुलकर आया भारत, पाकिस्तान को जमकर धोया

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भारत ने अफगानिस्तान में किए गए हवाई हमलों की पाकिस्तान द्वारा कड़ी निंदा की है और इन हमलों को संयुक्त राष्ट्र चार्टर और अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन बताया है। भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में अफगानिस्तान की स्थिति पर चर्चा के दौरान बिना नाम लिए पाकिस्तान पर सीधा हमला बोला। साथ ही इस बार खुलकर तालिबान सरकार के समर्थन में बोला।

संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि पर्वतनेनी हरीश ने सुरक्षा परिषद में पाकिस्तानी हमलों में अफगान नागरिकों की मौत का मुद्दा उठाया और इसे अफगान संप्रभुता और अंतरराष्ट्रीय मानदंडों का उल्लंघन कहा है। उन्होंने यह भी दोहराया कि भारत अफगानिस्तान के लोगों और क्षेत्र में शांति, स्थिरता और विकास के लिए गहराई से प्रतिबद्ध है। उन्होंने बताया कि भारत ने लगातार लाखों जरूरतमंत अफगानों को मानवीय सहायता प्रदान की है और अभी भी कर रहा है।

भारत-अफगानिस्तान साझेदारी का जिक्र

संयुक्त राष्ट्र में भारतीय दूत ने कहा कि अफगानिस्तान के साथ भारत की विकास साझेदारी 3 अरब डॉलर से अधिक है, जो अफगान लोगों के लिए नई दिल्ली के अटूट समर्थन को दिखाती है। उन्होंने आगे 17 अक्टूबर 2025 को पक्तिका प्रांत में पाकिस्तान के हवाई हमले का जिक्र किया और कहा कि 'दुखद रूप से निर्दोष महिलाओं, बच्चों और तीन होनहार युवा क्रिकेटरों- कबीर आगा, सिबगतुल्लाह और हारून- की जान चली गई, जो अफगान संप्रभुता और अंतरराष्ट्रीय मानदंडों का गंभीर उल्लंघन है।

व्यापार और पारगमन आतंकवाद पर चिंता

भारत ने पाकिस्तान द्वारा 'व्यापार और पारगमन आतंकवाद' की प्रथा पर भी गंभीर चिंता व्यक्त की, जिसमें अफगानिस्तान के लिए महत्वपूर्ण पहुंच मार्गों को बंद करना शामिल है। एक भू-आबद्ध देश होने के नाते, अफगानिस्तान आवश्यक आपूर्ति के लिए सीमा पार आवागमन पर बहुत अधिक निर्भर है। भारत ने कहा कि इस तरह के प्रतिबंध विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) के मानदंडों का उल्लंघन करते हैं और पुनर्निर्माण के लिए संघर्ष कर रहे एक कमजोर राष्ट्र के खिलाफ "खुली धमकियां और युद्ध के कृत्य" के समान हैं।

आतंकी संगठनों के खिलाफ एकजुटता की अपील

भारत ने कहा कि हम अफगानिस्तान की क्षेत्रीय अखंडता, संप्रभुता और स्वतंत्रता का भी मजबूती से समर्थन करते हैं। भारत ने यह भी कहा कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय को मिलकर काम करना चाहिए ताकि ISIL, अल-कायदा, लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद और उनके प्रॉक्सी जैसे आतंकी संगठनों को सीमा पार आतंक फैलाने से रोका जा सके।

चुनाव आयोग की बड़ी बैठक आज, कुछ राज्यों में बढ़ सकती है एसआईआर की समयसीमा

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देशभर के 9 राज्यों और 3 केंद्र शासित प्रदेशों में चल रहे विशेष गहन पुनरीक्षण यानी एसआईआर का आज आखिरी दिन है। ड्राफ्ट मतदाता सूची 16 दिसंबर को प्रकाशित होगी। अंतिम वोटर लिस्ट 14 फरवरी को जारी किया जाएगा। वहीं, इस बीच आज चुनाव आयोग ने एक अहम बैठक बुलाई है। इस बैठक में उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों में एसआईआर की तारीख बढ़ाने को लेकर फैसला किया जा सकता है।

केरल को छोड़कर देश के 11 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में चल रहे वोटर लिस्ट के एसआईआर के फॉर्म जमा करने की आज आखिरी तारीख है। चुनाव आयोग के अधिकारी गुरुवार को फॉर्म डिजिटाइजेशन और जमा करने की प्रोग्रेस का रिव्यू करेंगे। इस मीटिंग के दौरान उत्तर प्रदेश सहित अन्य राज्यों के लिए एसआईआर की डेडलाइन बढ़ाने पर विचार किया जा सकता है। सूत्रों के मुताबिक पश्चिम बंगाल भी उन राज्यों में शामिल है जहां डेडलाइन बढ़ाई जा सकती है।

यूपी में एसआईआर के लिए विस्तार की मांग

दरअसल, उत्तर प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवदीप रिणवा ने बुधवार को कहा कि राज्य ने भारतीय निर्वाचन आयोग से एसआईआर को पूरा करने के लिए दो और सप्ताह का समय देने का अनुरोध किया है। एक प्रेस बयान में, नवदीप रिणवा ने कहा कि यह विस्तार इसलिए मांगा गया था ताकि जिला चुनाव अधिकारी मृत मतदाताओं, अन्य स्थानों पर स्थानांतरित हो चुके मतदाताओं और लापता मतदाताओं की प्रविष्टियों का पुनः सत्यापन कर सकें। उनके अनुसार, अब तक 99.24 प्रतिशत जनगणना प्रपत्रों का डिजिटलीकरण हो चुका है। राज्य भर में 4 नवंबर से एसआईआर अभ्यास चल रहा है।

बंगाल में संशोधित वोटर लिस्ट प्रकाशन की अंतिम तिथि बढ़ी

इधर, चुनाव आयोग ने पश्चिम बंगाल में चल रहे एसआईआर की समयसीमा में संशोधन किया है और अंतिम प्रकाशन की तिथि को पहले की निर्धारित तिथि से बदलकर 14 फरवरी, 2026 कर दिया है। बुधवार को जारी एक आधिकारिक आदेश में, चुनाव आयोग ने कहा कि बड़े पैमाने पर जनगणना कार्य और राज्य भर में मतदान केंद्रों के उचित सत्यापन और युक्तिकरण की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए विस्तार प्रदान किया गया है।

क्या है एसआईआर?

यह चुनाव आयोग की एक प्रक्रिया है। इसमें वोटर लिस्ट अपडेट की जाती है। इसमें 18 साल से ज्यादा के नए वोटर्स को जोड़ा जाता है। ऐसे लोग जिनकी मौत हो चुकी है। जो शिफ्ट हो चुके हैं उनके नाम हटाए जाते हैं। वोटर लिस्ट में नाम, पते में हुई गलतियों को भी ठीक किया जाता है। बीएलओ घर-घर जाकर खुद फॉर्म भरवाते हैं। पहले फेज का एसआईआर बिहार में हुआ।

#rahul_visit_german_ministers_and_meet_nri_why_bjp_frowning_over_it *राहुल गांधी के जर्मनी दौरे पर सियासत, बीजेपी ने उठाया सवाल, तो प्रियंका बोल

#rahulvisitgermanministersandmeetnriwhybjpfrowningover_it

कांग्रेस नेता राहुल गांधी 15 से 20 दिसंबर के बीच जर्मनी का दौरा करेंगे, जहाँ वे जर्मनी सरकार के मंत्रियों से मुलाकात करेंगे और भारतीय प्रवासी समुदाय के साथ संवाद करेंगे। यह यात्रा इंडियन ओवरसीज़ कांग्रेस की एक बड़े स्तर की वैश्विक आउटरीच पहल का हिस्सा है। राहुल गांधी के प्रस्तावित जर्मनी दौरे को लेकर भारतीय जनता पार्टी ने सवाल खड़े के हैं।

प्रियंका गांधी का पलटवार

कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा ने बुधवार को राहुल गांधी की जर्मनी यात्रा को लेकर भाजपा की आलोचना का जवाब दिया। उन्होंने पलटवार करते हुए कहा कि विपक्ष के नेता पर सवाल क्यों उठाए जा रहे हैं, जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपना लगभग आधा समय देश के बाहर बिताते हैं।

राहुल की यात्रा पर सवाल क्यों?

लोकसभा का शीतकालीन सत्र 19 दिसंबर तक है, और भाजपा ने राहुल गांधी की इस दौरान विदेश यात्रा की आलोचना की है। केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने राहुल गांधी की जर्मनी यात्रा को लेकर उन पर हमला बोला और कहा, राहुल गांधी दावा करते हैं कि उन्हें बोलने का मौका नहीं मिलता, लेकिन वह अक्सर भारत से बाहर रहते हैं। बिहार चुनाव के दौरान भी वह विदेश यात्रा पर थे। वह एक अंशकालिक, गैर-गंभीर नेता हैं।

बीजेपी बोली- ‘एलओपी’ यानी ‘लीडर ऑफ पर्यटन’

वहीं, बीजेपी प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने एक पोस्ट किया कि एक बार फिर विदेश नायक वही कर रहे हैं जो वह सबसे अच्छा करते हैं। विदेश दौरे पर जा रहे हैं। संसद 19 दिसंबर तक चलेगी, लेकिन खबरों के मुताबिक राहुल गांधी 15-20 दिसंबर तक जर्मनी का दौरा करेंगे। उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा कि राहुल गांधी ने ‘एलओपी’ यानी ‘लीडर ऑफ पर्यटन’ हैं।

राहुल गांधी की जर्मनी यात्रा का उद्देश्य

बता दें कि राहुल गांधी की प्रस्तावित यात्रा इंडियन ओवरसीज़ कांग्रेस एक बड़े स्तर की वैश्विक आउटरीच पहल का हिस्सा है। इंडियन ओवरसीज़ कांग्रेस जर्मनी के अध्यक्ष बलविंदर सिंह ने कहा, लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष और सांसद राहुल गांधी 15 से 20 दिसंबर तक जर्मनी का दौरा करेंगे। उनके साथ इंडियन ओवरसीज़ कांग्रेस के चेयरपर्सन सैम पित्रोदा भी होंगे। आईओसी ने कहा कि इस यात्रा का उद्देश्य कांग्रेस पार्टी की वैश्विक पहुंच को मजबूत करना है।

दीपावली यूनेस्को की सूची में शामिल, पीएम मोदी बोले- दिवाली हमारी सभ्यता की आत्मा

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रोशनी का पर्व दीपावली अब आधिकारिक रूप से यूनेस्को की अमूर्त सांस्कृतिक धरोहर की प्रतिनिधि सूची में शामिल हो गया है। यह घोषणा 2025 की सूची के साथ की गई, जिसमें दुनिया भर की 20 सांस्कृतिक धरोहरों को स्थान मिला है। यूनेस्को ने बुधवार को संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक तथा सांस्कृतिक संगठन की इंटैन्जिबल कल्चरल हेरिटेज यानी अमूर्त विश्व धरोहर की सूची जारी की। इसमें घाना, जॉर्जिया, कांगो, इथियोपिया और मिस्र सहित कई देशों के सांस्कृतिक प्रतीक भी शामिल हैं।

पीएम मोदी ने यूनेस्को के फैसले पर दी प्रतिक्रिया

यूनेस्को के निर्णय पर पीएम मोदी ने कहा, भारत और दुनियाभर के लोग उत्साहित हैं। हमारे लिए दीपावली हमारी संस्कृति और लोकाचार से बहुत गहराई से जुड़ी हुई है। यह हमारी सभ्यता की आत्मा है। यह प्रकाश और धार्मिकता का प्रतीक है। यूनेस्को की अमूर्त विरासत सूची में दीपावली के शामिल होने से इस त्यौहार की वैश्विक लोकप्रियता और भी बढ़ जाएगी। प्रभु श्री राम के आदर्श हमें अनंत काल तक मार्गदर्शन करते रहें।

भारत कर रहा यूनेस्को की बैठक की मेजबानी

ये फैसला उस समय आया है, जब दिल्ली में यूनेस्को की इंटर-गवर्नमेंटल कमेटी फॉर इंटैन्जिबल हेरिटेज की 20वीं बैठक की मेजबानी कर रही है। यह 8 से 13 दिसंबर तक चलेगी। यह पहली बार है जब भारत इसकी अंतरसरकारी समिति के सत्र की मेजबानी कर रहा है। यह समिति अमूर्त सांस्कृतिक धरोहर की सुरक्षा के लिए कार्य करती है।

घोषणा के बाद लगे 'वंदे मातरम' और 'भारत माता की जय' के नारे

जब यूनेस्को ने घोषणा की कि दीपावली को यूनेस्को के त्योहारों की सूची में शामिल कर दिया गया है, तब वहां मौजूद लोग 'वंदे मातरम' और 'भारत माता की जय' के नारे लगाने लगे।

भारत के ये तत्वों भी सूची में हैं दर्ज

वर्तमान में भारत के 15 तत्व यूनेस्को की मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक धरोहर की प्रतिनिधि सूची में दर्ज हैं। इनमें कुम्भ मेला, कोलकाता की दुर्गा पूजा, गुजरात का गरबा नृत्य, योग, वैदिक मंत्रपाठ की परंपरा और रामलीला (महाकाव्य 'रामायण' का पारंपरिक प्रदर्शन) शामिल हैं।

सांस्कृतिक धरोहरों को सुरक्षित रखना है लक्ष्य

यूनेस्को की यह लिस्ट दुनिया की ऐसी सांस्कृतिक और पारंपरिक चीजों को शामिल करती है, जिन्हें छू नहीं सकते लेकिन अनुभव किया जा सकता है। इसे अमूर्त विश्व धरोहर भी कहते हैं। इसका मकसद है कि ये सांस्कृतिक धरोहरें सुरक्षित रहें और आने वाली पीढ़ियों तक पहुंचें।

मानवाधिकार दिवस कार्यक्रम : राष्ट्रपति ने की मानवाधिकारों को अंतिम पंक्ति तक पहुंचाने की अपील

दिल्ली ब्यूरो

नई दिल्ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में कहा कि प्रत्येक नागरिक की गरिमा और अधिकारों पर कोई समझौता नहीं किया जा सकता। भारत की सांस्कृतिक परंपरा वसुधैव कुटुम्बकम के सिद्धांत पर आधारित है जो सार्वभौमिक मानवाधिकारों की भावना को मजबूत करती है। उन्होंने मानवाधिकारों को देश के अंतिम पंक्ति में खड़े लोगों तक पहुंचाने की अपील के।

राजधानी दिल्ली में हुए इस कार्यक्रम में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति वी रामासुब्रमणियन, आयोग के सदस्य न्यायमूर्ति बिद्युत रंजन सारंगी, विजया भारती सयानी, प्रधानमंत्री के प्रमुख सचिव पीके मिश्रा तथा संयुक्त राष्ट्र महासचिव की समन्वयक अरेती सिएनी सहित तमाम लोग मौजूद रहे। इस मौके पर राष्ट्रपति ने आयोग के हिंदी जर्नल नई दिशाएं और अंग्रेजी जर्नल जर्नल आफ द एनएचआरसी का वर्ष 2024- 25 का संस्करण जारी किया।

राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि भारत ने सार्वभौमिक मानवाधिकार घोषणा पत्र के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी और उसकी मूल भावना मानव गरिमा, समानता और स्वतंत्रता भारत की संस्कृति का अभिन्न हिस्सा है। उन्होंने कहा कि संविधान निर्माता डॉक्टर भीमराव आंबेडकर ने मानवाधिकार, लोकतंत्र और सामाजिक न्याय को एक दूसरे से अविभाज्य बताया था।

राष्ट्रपति ने कहा कि एनएचआरसी ने हाल के वर्षों में अनुसूचित जातियों, जनजातियों, महिलाओं, बच्चों, वरिष्ठ नागरिकों और दिव्यांगजनों से जुड़े मामलों पर विशेष ध्यान दिया है। आयोग 3000 से अधिक मामलों में स्वप्रेरणा से कार्यवाही कर चुका है। उन्होंने कहा कि विकसित भारत 2047 का लक्ष्य तभी पूरा होगा जब विकास का लाभ अंतिम व्यक्ति तक पहुंचे।

उन्होंने कहा कि मानवाधिकार और विकास परस्पर जुड़े हैं और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, स्वास्थ्य, आवास, स्वच्छ पानी, स्वच्छता और सामाजिक सुरक्षा जैसी बुनियादी सुविधाएं सभी नागरिकों तक पहुंचाना मानवाधिकारों की पूर्ति का आधार है। एकलव्य मॉडल रेजिडेंशियल स्कूल और पीएम श्री स्कूल जैसे संस्थानों ने वंचित वर्गों के छात्रों के लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराई है। आवास और खाद्य सुरक्षा योजनाओं से करोड़ों लोगों को लाभ मिला है जिससे उन्हें सम्मानपूर्ण जीवन जीने का आधार मिला है।

उन्होंने कहा कि हाल के श्रम सुधारों और सामाजिक सुरक्षा प्रावधानों से श्रमिकों के अधिकार और सुदृढ़ हुए हैं। सुदूर और सीमावर्ती क्षेत्रों में रहने वाले सभी नागरिकों तक आवश्यक सुविधाएं पहुंचाना सरकार और समाज की साझा जिम्मेदारी है। समावेशी विकास का अर्थ है कि विकास की यात्रा में कोई भी व्यक्ति पीछे न रह जाए।

जस्टिस स्वामीनाथन के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव लाएगा इंडिया गठबंधन, जानें क्या है मामला?

#justiceswaminathanindiallianceseekinghisimpeachment

मद्रास हाई कोर्ट के जस्टिस जीआर स्वामीनाथन के खिलाफ विपक्षी इंडी गठबंधन ने मोर्चा खोल दिया है। संसद के मौजूदा शीतकालीन सत्र में मद्रास हाई कोर्ट के जज जस्टिस जीआर स्वामीनाथन के खिलाफ महाभियोग लाने की पूरी तैयारी हो गई है। द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) समेत इंडिया ब्लॉक के सांसदों ने स्वामीनाथन के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव का नोटिस लोकसभा स्पीकर ओम बिरला को दिया है।

जस्टिस स्वामीनाथन पर ये आरोप

लोकसभा स्पीकर ओम बिरला को विपक्ष ने जस्टिस जीआर स्वामीनाथन के खिलाफ महाभियोग की प्रक्रिया शुरू करने का जो नोटिस दिया है,उसमें उनपर 'मिसकंडक्ट' का आरोप लगाया गया है। लाइवलॉ की रिपोर्ट के अनुसार विपक्षी सांसदों के नोटिस में जज की निष्पक्षता, पारदर्शिता और धर्मनिरपेक्ष व्यवहार को लेकर सवाल उठाए गए हैं। विपक्ष की यह भी शिकायत है कि जज का बर्ताव एक विशेष समुदाय के सीनियर एडवोकेट और एडवोकेट के प्रति 'पक्षपातपूर्ण' रहा है।

कैसे शुरू हुआ विवाद?

जस्टिस स्वामीनाथन से तमिलनाडु की सत्ताधारी डीएमके इस बात से नाराज है कि उन्होंने न सिर्फ एक मंदिर से जुड़े कथित विवादित स्थल पर परंपरागत दीपक प्रज्वलन का आदेश दिया, बल्कि आदेश तामील नहीं होने पर श्रद्धालुओं को खुद ही दीपक जलाने की अनुमति दे दी और उनकी सुरक्षा भी सुनिश्चित कर दी।

क्या है मामला?

यह कदम थिरुपरनकुंद्रम में पहाड़ी के ऊपर पारंपरिक कार्तिगाई दीपम दीपक जलाने को लेकर चल रहे विवाद के बीच उठाया गया है. थिरुपरनकुंद्रम एक मंदिर और पास में ही एक दरगाह वाला स्थल है। इस विवाद के पीछे की वजह एक आदेश है जिसमें जस्टिस स्वामीनाथन ने मदुरै जिले के थिरुपरनकुंद्रम पहाड़ियों पर एक मंदिर में पारंपरिक कार्यक्रम कार्तिगई दीपम जलाने का निर्देश दिया था। कोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि इस पारंपरिक अनुष्ठान से दरगाह या मुस्लिम समुदाय के अधिकारों का किसी तरह से कोई उल्लंघन नहीं होगा लेकिन तमिलनाडु सरकार ने कानून और व्यवस्था बिगड़ने का हवाला देते हुए हाई कोर्ट के इस आदेश को लागू करने से इनकार कर दिया था। डीएमके का कहना है कि जज के ऐसे आदेश से सांप्रदायिक तनाव पैदा हो सकता है।

डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन ने इस साल 85 हजार वीजा किए कैंसिल, छात्रों पर सबसे ज्यादा असर

#trumpadministrationusrevokes85000visassince_january

अमेरिका ने इमिग्रेशन नियम कड़े करने के बाद जनवरी से अब तक 85 हजार वीजा रद्द किए हैं। जिनमें 8 हजार से ज्यादा छात्र शामिल हैं, जो पिछले साल की तुलना में दोगुने से भी ज्यादा है। यूएस स्टेट डिपार्टमेंट ने बताया है कि यह कार्रवाई इमिग्रेशन और बॉर्डर सिक्योरिटी पर ट्रम्प प्रशासन के बढ़ते फोकस का हिस्सा है।

डोनाल्ड ट्रंप ने इस साल जनवरी में राष्ट्रपति बनने के बाद से इमिग्रेशन मुद्दे पर लगातार सख्त रुख अपनाया हुआ है। इसी क्रम में अमेरिकी विदेश विभाग ने मंगलवार क एक्स पर लिखा, 'जनवरी से अब तक 85,000 वीजा कैंसिल किए गए हैं। प्रेसिडेंट ट्रंप और सेक्रेटरी रुबियो एक आसान से आदेश का पालन करते हैं और वे जल्द ही रुकने वाले नहीं हैं।' पोस्ट में ट्रंप की तस्वीर के साथ 'मेक अमेरिका सेफ अगेन' का स्लोगन दिया गया है। यानी अमेरिका को सुरक्षित बनाने के लिए यह कदम उठाया गया है।

रद्द किए गए वीजा में 8 हजार से ज्यादा स्टूडेंट्स के

विदेश विभाग के एक अधिकारी ने कहा, हमने सभी कैटेगरी के 85,000 वीजा रद्द कर दिए हैं। जिनमें 8,000 से ज्यादा छात्र शामिल हैं, जो पिछले साल की तुलना में दोगुने से भी ज्यादा है। रद्द किए गए वीजा में से 8 हजार से ज्यादा स्टूडेंट्स के थे। इसकी प्रमुख वजह नशे में गाड़ी चलाना, चोरी और हमला जैसे अपराध थे, जो पिछले साल के लगभग आधे कैंसिलेशन का हिस्सा थे।

वीजा रद्द की क्या हैं वजहें?

वीजा रद्द करने के कारणों में पहले अवधि से अधिक समय रुकना, आपराधिक चिंताएं और आतंकवाद का समर्थन शामिल रहा है। सीएनएन की रिपोर्ट के अनुसार, प्रशासन ने गाजा को लेकर हो रहे छात्र विरोध प्रदर्शनों में शामिल अंतरराष्ट्रीय छात्रों को निशाना बनाया गया है। इन छात्रों को यहूदी-विरोधी करते हुए वीजा पर सख्ती की गई है।

सोशल मीडिया अकाउंट की जांच के बाद मिलेगा H-1B वीजा

इधर, अमेरिका लगातार वीजा नियमों को भी सख्त कर रहा है। 5 दिसंबर को राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने H-1B वीजा नियमों में सख्ती के आदेश दिए थे। इसके तहत H-1B आवेदकों को अपना सोशल मीडिया अकाउंट सार्वजनिक करना होगा, ताकि अमेरिकी अधिकारी आवेदक की प्रोफाइल, सोशल मीडिया पोस्ट और लाइक्स को देख सकें। यदि आवेदक की कोई भी सोशल मीडिया एक्टिविटी अमेरिकी हितों के खिलाफ दिखी तो H-1B वीजा जारी नहीं किया जाएगा। H-1B के आश्रितों (पत्नी, बच्चों और पेरेंट्स) के लिए H-4 वीजा के लिए भी सोशल मीडिया प्रोफाइल को पब्लिक करना जरूरी होगा। ऐसा पहली बार है, जब H-1B वीजा के लिए सोशल मीडिया प्रोफाइल की जांच जरूरी की गई है। नए नियम 15 दिसंबर से लागू होंगे। ट्रम्प प्रशासन ने सभी दूतावासों को निर्देश जारी किए हैं।