रांची के तीनों बस टर्मिनल बनेंगे आधुनिक: ₹48.72 करोड़ की लागत से होगा कायाकल्प

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के निर्देश पर काम शुरू करने के आदेश; ITI बस स्टैंड, सरकारी डिपो और बिरसा मुंडा टर्मिनल राष्ट्रीय मानकों पर होंगे तैयार

झारखंड के मुख्यमंत्री श्री हेमंत सोरेन ने राजधानी रांची में शहरीकरण के कार्यों में तेजी लाने के लिए तीनों प्रमुख बस टर्मिनलों के आधुनिकीकरण और जीर्णोद्धार का निर्देश दिया है। इसी क्रम में नगर विकास एवं आवास मंत्री सुदिव्य कुमार ने इन कार्यों को आरंभ करने का आदेश दे दिया है, जिसके लिए निविदा भी निकाली गई है।

परियोजना की लागत और आवंटन

नगर विकास एवं आवास मंत्री श्री सुदिव्य कुमार ने कुल ₹48.72 करोड़ की प्रशासनिक स्वीकृति पहले ही दे दी थी।

बस टर्मिनल का नाम स्वीकृत राशि (करोड़ रु.)

आईटीआई बस स्टैंड ₹24.77 करोड़

सरकारी बस डिपो ₹20.19 करोड़

बिरसा मुंडा बस टर्मिनल (खादगढ़ा) ₹3.76 करोड़

विभागीय प्रधान सचिव श्री सुनील कुमार ने जुडको (JUIDCO) के माध्यम से निविदा के शीघ्र निष्पादन का निर्देश दिया है, ताकि परियोजनाओं के पूर्ण होने के बाद रांची के बस टर्मिनल राष्ट्रीय स्तर के मॉडल स्टैंडर्ड पर नज़र आएँ, जहाँ यात्रियों को सुरक्षा, स्वच्छता और आधुनिक सुविधाओं का बेहतर अनुभव मिलेगा।

1. आईटीआई बस स्टैंड (₹24.77 करोड़): अत्याधुनिक और आकर्षक

तीन एकड़ क्षेत्रफल में विकसित होने वाला आईटीआई बस स्टैंड अत्याधुनिक और आकर्षक सुविधाओं से लैस होगा।

सुविधाएं: वातानुकूलित प्रतीक्षालय, कार, फ़ूड कियोस्क, परिवहन कार्यालय, कैफेटेरिया, महिला एवं पुरुष शौचालय, ऑटो और ई-रिक्शा पार्किंग।

भवन: 2330 वर्गमीटर ग्राउंड फ्लोर और 880 वर्गमीटर प्रथम तल पर टर्मिनल भवन। प्रथम तल पर रेस्टोरेंट, प्रशासनिक भवन, टिकट काउंटर, 4 डॉरमेट्री और लॉकर युक्त गेस्ट रूम।

परिचालन: 13 बस वे और 35 बसों के लिए स्टैंड बाई पार्किंग की सुविधा होगी। प्रतिदिन 416 बसों का परिचालन सुनिश्चित किया गया है।

2. सरकारी बस डिपो (₹20.19 करोड़): पुनर्निर्माण एवं जीर्णोद्धार

साल 1962 से 1970 के बीच बने जर्जर सरकारी बस डिपो का अब इंडियन रोड कांग्रेस के मानकों के अनुसार पुनर्निर्माण किया जाएगा।

पुनर्निर्माण: पुराने भवन को तोड़कर नया टर्मिनल भवन बनाया जाएगा।

सुविधाएं: ट्रांजिट यात्रियों के लिए डॉरमेट्री, गेस्ट रूम, प्रतीक्षालय, 12 फ़ूड कियोस्क, कैफेटेरिया, रेस्टोरेंट, शेडयुक्त बस वे, टिकट काउंटर, परिवहन प्रबंधन कार्यालय, हेल्प डेस्क और मेंटेनेंस क्षेत्र।

परिचालन: आठ बस वे के जरिये रोजाना लगभग 512 बसों का परिचालन होगा।

3. बिरसा मुंडा बस टर्मिनल, खादगढ़ा (₹3.76 करोड़): जीर्णोद्धार

वर्तमान ढांचे को बरकरार रखते हुए 11.6 एकड़ में फैले बिरसा मुंडा बस टर्मिनल का जीर्णोद्धार किया जाएगा ताकि यह और अधिक सुविधाजनक बन सके।

सुविधाएं: 31 बस वे, 89 बसों और 70 कारों के लिए पार्किंग, स्मार्ट शेड, 50 बेड की डॉरमेट्री, गेस्टहाउस, हाइमास्ट लाइट, सीसीटीवी और महिला सुरक्षा की विशेष व्यवस्था।

मरम्मत कार्य: पुराने टर्मिनल भवन का नया प्लास्टर एवं पेंटिंग, क्षतिग्रस्त टाइल्स का बदलाव और टेरेस एरिया की वाटर प्रूफिंग की जाएगी।

रांची में बड़े पैमाने पर वाहन जाँच अभियान: ₹72 हजार का जुर्माना, 5 वाहन ज़ब्त


डीसी के निर्देश पर DTO के नेतृत्व में ओवरलोडिंग और दस्तावेज की कमी पर कार्रवाई; मोरहाबादी, सिल्ली और बीआईटी मेसरा में चला अभियान

उपायुक्त सह जिला दण्डाधिकारी, रांची श्री मंजूनाथ भजन्त्री के निर्देश पर आज (08.12.2025) जिले में विभिन्न प्रकार के व्यावसायिक वाहनों (ट्रक, हाइवा, डंपर आदि) के विरुद्ध एक सघन जाँच अभियान चलाया गया। यह अभियान जिला परिवहन पदाधिकारी (DTO) श्री अखिलेश कुमार के नेतृत्व एवं पर्यवेक्षण में संपन्न हुआ।

अभियान का उद्देश्य और क्षेत्र

जाँच अभियान का मुख्य उद्देश्य सड़क सुरक्षा सुनिश्चित करना, ओवरलोडिंग पर अंकुश लगाना और मोटरयान अधिनियम तथा नियमों का कड़ाई से अनुपालन कराना था।

जाँच स्थल: मोरहाबादी, बोड़या, रिंग रोड, बीआईटी मेसरा और सिल्ली थाना क्षेत्र।

कार्रवाई का विवरण

जाँच के दौरान कई महत्वपूर्ण अनियमितताएँ पाई गईं, जिनमें टैक्स अपडेट न होना, फिटनेस प्रमाण-पत्र समाप्त होना, वैध बीमा (इंश्योरेंस) और प्रदूषण नियंत्रण प्रमाण-पत्र (PUC) का अभाव, परमिट के बिना संचालन और निर्धारित भार से अधिक ओवरलोडिंग शामिल हैं।

जुर्माना: मोटरयान अधिनियम की विभिन्न धाराओं के अंतर्गत 05 व्यावसायिक वाहनों पर कुल ₹72,650/- (बहत्तर हजार छह सौ पचास रुपये) का दण्ड अधिरोपित किया गया।

वाहन ज़ब्त: गंभीर अनियमितताओं के कारण कुल 05 वाहनों को ज़ब्त कर सुरक्षित स्थानों पर रखा गया:

01 हाइवा: मोराहबादी टीओपी पर ज़ब्त।

01 वाहन: सिल्ली थाना में ज़ब्त।

03 वाहन: बीआईटी मेसरा टीओपी पर ज़ब्त।

जिला प्रशासन की चेतावनी

जिला प्रशासन ने वाहन चालकों और मालिकों से अपील की है कि वे अपने वाहनों के सभी आवश्यक दस्तावेज (टैक्स, फिटनेस, इंश्योरेंस, PUC, परमिट, ड्राइविंग लाइसेंस) को सदैव अद्यतन रखें और निर्धारित भार से अधिक माल नहीं लादें।

जिला प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि नियमों का उल्लंघन करने वाले वाहनों के विरुद्ध लगातार इस प्रकार के सघन अभियान चलाए जाते रहेंगे तथा कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

झारखंड विधानसभा: हंगामे के बीच ₹7,721 करोड़ का द्वितीय अनुपूरक बजट पेश

विपक्ष ने छात्रवृत्ति, धान खरीद पर की नारेबाजी; सामाजिक सुरक्षा विभाग को मिली सबसे ज्यादा ₹2,082 करोड़ की तवज्जो

झारखंड विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन (सोमवार) की कार्यवाही विपक्ष के हंगामे की भेंट चढ़ गई। प्रश्नकाल पूरी तरह बाधित रहा, और बाद में शून्यकाल और ध्यानाकर्षण की कार्यवाही भी विपक्षी विधायकों की नारेबाजी के बीच चलती रही।

द्वितीय अनुपूरक बजट हुआ पेश

शोर-शराबे और हंगामे के बीच ही वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए ₹7,721.25 करोड़ का द्वितीय अनुपूरक बजट सदन पटल पर रखा।

पिछला बजट: बता दें कि पिछले मानसून सत्र के दौरान सरकार ने ₹4,296.62 करोड़ का प्रथम अनुपूरक बजट पास कराया था।

बजट पेश किए जाने के दौरान भी विपक्षी विधायक वेल में थे और लगातार सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर रहे थे, खासकर छात्रवृत्ति नहीं मिलने और किसानों से धान खरीद न होने के मुद्दे पर सवाल उठाए जा रहे थे।

बजट में किस विभाग को कितनी तवज्जो

द्वितीय अनुपूरक बजट में ₹7,721.25 करोड़ की राशि विभिन्न विभागों के लिए आवंटित की गई है। इस बजट में मुख्य रूप से सामाजिक सुरक्षा और ग्रामीण विकास पर ध्यान केंद्रित किया गया है:

क्रम विभाग का नाम प्रावधानित राशि (करोड़ रु.)

1. महिला बाल विकास एवं सामाजिक सुरक्षा विभाग 2,082.25 करोड़

2. ग्रामीण कार्य विभाग 1,324.82 करोड़

3. स्वास्थ्य विभाग 729.00 करोड़

4. आपदा प्रबंधन प्रभाग 526.00 करोड़

5. वन पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग 500.00 करोड़

6. गृह विभाग 443.00 करोड़

सर्वाधिक फोकस: महिला बाल विकास एवं सामाजिक सुरक्षा विभाग के लिए प्रावधान की गई ₹2,082.25 करोड़ की राशि में से सबसे ज्यादा ₹2,077 करोड़ की मांग सामाजिक सुरक्षा और कल्याण मद में की गई है।

बाबूलाल मरांडी की विशेष चर्चा की मांग

बजट पेश होने से ठीक पहले नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने आसन से जोरदार आग्रह किया।

ज़रूरी मुद्दे: उन्होंने कहा कि शून्यकाल की कार्यवाही से ज्यादा ज़रूरी नौजवानों की छात्रवृत्ति और किसानों की धान खरीद का मसला है।

किसानों की दुर्दशा: मरांडी ने सवाल उठाया कि सरकार के वादे के बावजूद किसानों से ₹3,200 प्रति क्विंटल की दर से धान क्यों नहीं खरीदी जा रही है, जबकि लाचार होकर किसान ₹1500-1600 प्रति क्विंटल की दर से बिचौलियों को धान बेचने को मजबूर हो रहे हैं।

मांग: उन्होंने माँग की कि बाकी कार्य बंद कर इस गंभीर विषय पर विशेष चर्चा होनी चाहिए।

इसके बाद, शून्यकाल की सूचनाओं पर विभाग की ओर से जवाब नहीं मिलने का आरोप लगाते हुए विपक्षी विधायक वेल में आ गए और नारेबाजी करने लगे, जिसके बावजूद शून्यकाल और ध्यानाकर्षण की सूचनाएं ली गईं।

अगली कार्यवाही

संसदीय कार्यमंत्री ने कार्यमंत्रणा समिति की बैठक के फैसले पर सभा की सहमति मांगी, जो ध्वनिमत से पारित हो गई। स्पीकर ने जानकारी दी कि मंगलवार (9 दिसंबर) को अनुपूरक बजट पर तीन घंटा वाद-विवाद के लिए आवंटित रहेगा।

CM सोरेन की अध्यक्षता में कैबिनेट के 28 अहम फैसले: ₹2,450 प्रति क्विंटल धान खरीद को मंजूरी

ग्रामीण अवसंरचना को बढ़ावा; रांची में ₹470 करोड़ का फ्लाईओवर; दो नए डिग्री कॉलेज को प्रशासनिक स्वीकृति

मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन की अध्यक्षता में आज (08 दिसंबर 2025) झारखंड मंत्रालय में आयोजित मंत्रिपरिषद की बैठक में राज्य के विकास, शिक्षा, स्वास्थ्य, और किसान कल्याण से संबंधित 28 महत्वपूर्ण निर्णयों को स्वीकृति दी गई।

किसान कल्याण एवं धान खरीद पर बड़ा फैसला

किसानों से किए गए वादे को पूरा करने की दिशा में सरकार ने सबसे बड़ा फैसला लिया है:

धान अधिप्राप्ति योजना: खरीफ विपणन मौसम 2025-26 एवं आगामी वर्षों के लिए 'झारखण्ड राज्य धान अधिप्राप्ति योजना' को स्वीकृति दी गई।

बोनस और MSP: धान के लिए निर्धारित न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) के अतिरिक्त राज्य सरकार द्वारा किसानों को बोनस की राशि को स्वीकृति दी गई। इसके लिए ₹48.60 करोड़ स्वीकृत किए गए।

अंतिम दर: न्यूनतम समर्थन मूल्य और बोनस दोनों मिलाकर ₹2,450 प्रति क्विंटल धान अधिप्राप्ति की दर निर्धारित किए जाने की स्वीकृति दी गई।

प्रमुख सड़क एवं फ्लाईओवर परियोजनाओं को स्वीकृति

बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए बड़ी राशि की प्रशासनिक स्वीकृति दी गई:

रांची फ्लाईओवर: सिरमटोली चौक-राजेंद्र चौक-मेकॉन गोलचक्कर (2.34 किमी) पर चार लेन फ्लाईओवर/एलिवेटेड रोड सह आरओबी निर्माण कार्य के लिए ₹470.12 करोड़ की पुनरीक्षित प्रशासनिक स्वीकृति।

गुमला पथ: बांकुटोली-कुरकुरा बानो पथ (33.568 किमी) के चौड़ीकरण और मजबूतीकरण हेतु ₹140.51 करोड़ की प्रशासनिक स्वीकृति।

गोड्डा पथ: घाटबंका से देवडांड़ वाया संदमारा (17.808 किमी) के चौड़ीकरण हेतु ₹127.54 करोड़ की प्रशासनिक स्वीकृति।

साहेबगंज पथ: दिग्धी मोड़ से मालिन रिसौड़ मोड़ (8.176 किमी) के चौड़ीकरण हेतु ₹61.57 करोड़ की प्रशासनिक स्वीकृति।

डालटनगंज सेतु: डालटनगंज से चैनपुर पथ में नॉर्थ कोयल नदी पर उच्चस्तरीय सेतु निर्माण हेतु ₹64.06 करोड़ की प्रशासनिक स्वीकृति।

शिक्षा एवं नियुक्ति

शिक्षा के क्षेत्र में और कोर्ट के आदेश के अनुपालन में महत्वपूर्ण निर्णय:

नए डिग्री कॉलेज:

नीलाम्बर पीताम्बर विश्वविद्यालय के अंतर्गत बालूमाथ, लातेहार में डिग्री महाविद्यालय के निर्माण हेतु ₹38.82 करोड़ की स्वीकृति।

विनोबाभावे विश्वविद्यालय के अंतर्गत सिमरिया, चतरा में डिग्री महाविद्यालय के निर्माण हेतु ₹34.62 करोड़ की स्वीकृति।

संस्कृत महाविद्यालय: सम्बद्धता प्राप्त उपशास्त्री (इंटर) और शास्त्री स्तर (स्नातक) के संस्कृत महाविद्यालयों के शिक्षकों एवं शिक्षकेत्तर कर्मियों को पंचम, छठा एवं सप्तम पुनरीक्षित वेतनमान की स्वीकृति।

RIMS प्रोन्नति: रिम्स, रांची के अधीन कार्यरत सरकारी सह-प्राध्यापकों को प्राध्यापक के पद पर दिनांक 01.07.2019 के प्रभाव से प्रोन्नति।

होमियोपैथिक इंटर्नी: राजकीय होमियोपैथिक चिकित्सा महाविद्यालय, गोड्डा के इंटर्नी छात्र-छात्राओं के मासिक वृत्तिका (स्टाइपेंड) राशि में वृद्धि।

प्रोत्साहन योजना: "मुख्यमंत्री अनुसूचित जनजाति/अनुसूचित जाति सिविल सेवा प्रोत्साहन योजना" में संशोधन को स्वीकृति।

प्रशासनिक एवं अन्य निर्णय

अवकाश: वर्ष 2026 में झारखंड सरकार के सरकारी कार्यालयों, उपक्रमों तथा बैंकों में सार्वजनिक एवं अन्य अवकाश घोषित करने की स्वीकृति।

बांध सुरक्षा: केंद्र सरकार के बांध सुरक्षा अधिनियम, 2021 के तहत राज्य में State Committee on Dam Safety (SCDS) के पुनर्गठन की स्वीकृति।

गिद्ध संरक्षण: गिद्ध संरक्षण एवं प्रजनन केंद्र, मुटा के संचालन हेतु प्रधान मुख्य वन संरक्षक और Bombay Natural History Society (BNHS) के बीच MoU का अनुमोदन।

NTPC को लीज: बादम कोयला खनन परियोजना हेतु NTPC Ltd. के साथ हजारीबाग के बड़कागांव अंचल की कुल 94.535 एकड़ गैरमजरूआ खास एवं आम भूमि की 30 वर्षों के लिए सःशुल्क लीज बंदोबस्ती को स्वीकृति।

सेवा नियमितीकरण: माननीय न्यायालयों के आदेश के अनुपालन में बुकेश्वर हाँसदा एवं अन्य, वंदना भारती, सुषमा बड़ाईक, नीरा कुमारी, स्व. राम बहादुर मोची तथा डॉ. पुष्पलता से संबंधित सेवा नियमितीकरण, नियुक्ति तिथि संशोधन एवं वित्तीय लाभ प्रदान करने को स्वीकृति दी गई।

ARO रांची से 750 अग्निवीरों का रेजिमेंटल सेंटरों के लिए चरणबद्ध डिस्पैच जारी

झारखंड के युवाओं का सेना में प्रवेश शुरू; अग्निवीर GD, क्लर्क और ट्रेड्समैन सहित सभी श्रेणियों के अभ्यर्थी शामिल

झारखंड के युवाओं के लिए भारतीय सेना में शामिल होने का मार्ग प्रशस्त हो गया है। आर्मी रिक्रूटमेंट ऑफिस (ARO) रांची द्वारा अगस्त–सितंबर 2025 में आयोजित भर्ती रैली में सफल हुए अग्निवीर अभ्यर्थियों का उनके संबंधित रेजिमेंटल सेंटरों के लिए चरणबद्ध डिस्पैच जारी है।

750 उम्मीदवारों का चयन

चयनित संख्या: अब तक अग्निवीर जीडी, क्लर्क/एसकेटी, ट्रेड्समैन, टेक्निकल और नर्सिंग असिस्टेंट सहित सभी श्रेणियों में लगभग 750 उम्मीदवारों का चयन हो चुका है।

व्यवस्थित प्रक्रिया: ARO रांची के अधिकारियों ने बताया कि सभी चयनित उम्मीदवारों को एक बार में नहीं भेजा जा रहा है, बल्कि प्रतिदिन छोटे-छोटे बैचों में डिस्पैच किया जा रहा है ताकि पूरी प्रक्रिया व्यवस्थित और त्रुटिरहित बनी रहे।

प्रक्रिया में सावधानी: ARO रांची की टीम डॉक्यूमेंटेशन, मेडिकल वेरिफिकेशन, क्लियरेंस और रेजिमेंट-वार अलॉटमेंट की प्रक्रिया को अत्यंत सावधानी और निरंतर प्रयासों के साथ पूरा कर रही है।

दूसरी मेरिट लिस्ट जल्द होगी जारी

ARO रांची ने यह भी सूचना दी है कि दूसरी मेरिट लिस्ट शीघ्र जारी की जाएगी, जिसके अंतर्गत और भी योग्य उम्मीदवारों का चयन किया जाएगा।

अभ्यर्थियों को सलाह: उम्मीदवारों को सलाह दी गई है कि वे अपने सभी आवश्यक दस्तावेज़ पहले से तैयार रखें, क्योंकि मेरिट लिस्ट जारी होने के बाद डिस्पैच के लिए कम समय मिलेगा और प्रक्रिया तेज़ी से पूरी की जाएगी।

राष्ट्रसेवा की ओर युवा

अग्निवीर योजना ने झारखंड के युवाओं को न केवल रोजगार का अवसर दिया है, बल्कि अनुशासन, साहस और राष्ट्रसेवा की राह भी प्रदान की है। चरणबद्ध डिस्पैच के माध्यम से ये युवा विभिन्न रेजिमेंटल सेंटरों में प्रशिक्षण प्राप्त करेंगे और भारतीय सेना की शक्ति में नया जोश भरेंगे।

ARO रांची ने सभी चयनित उम्मीदवारों के उज्ज्वल भविष्य की कामना की है और पूरी प्रक्रिया समयबद्ध तरीके से पूरी करने का आश्वासन दिया है।

झारखंड विधानसभा: शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन सत्तापक्ष-विपक्ष में तीखी नोकझोंक

मरांडी ने कहा- 'सरकार ने छात्र-किसानों को ठगा', मंत्री सुदिव्य कुमार का पलटवार- 'दिल्ली जाकर बकाया केंद्रीय हिस्सेदारी का समाधान कराएँ'

झारखंड विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन विपक्ष ने छात्रवृत्ति और किसानों की समस्याओं को लेकर जमकर हंगामा किया। इस दौरान सदन के बाहर भी सियासत की गर्माहट महसूस की गई, जहाँ सत्ता पक्ष और विपक्ष के नेताओं ने एक दूसरे पर तीखे हमले किए।

विपक्ष का हमला: 'सरकार ने सबको ठगा है'

नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने सरकार पर हमला बोलते हुए आरोप लगाया कि मौजूदा सरकार ने छात्र हो या किसान, सबों को ठगा है।

छात्रवृत्ति का मुद्दा: उन्होंने कहा कि पिछले दो-दो वर्ष से छात्रों को छात्रवृत्ति नहीं मिल रही है, जिसके कारण एससी/एसटी, ओबीसी और गरीब तबके के कुछ बच्चों को पढ़ाई छोड़कर होटल में थाली धोने पर मजबूर होना पड़ा है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार भले ही नौजवानों के लिए होने का दावा करे, लेकिन हकीकत में सबसे ज्यादा उन्हीं को ठगा और लूटा जा रहा है।

किसानों का छल: मरांडी ने किसानों को छलने का आरोप लगाते हुए कहा कि पिछली बार देर से धान खरीद शुरू हुई और ₹2300 प्रति क्विंटल की दर से ही भुगतान हुआ, जबकि घोषणा पत्र में ₹3200 प्रति क्विंटल धान का मूल्य देने की बात की गई थी।

इस वर्ष की स्थिति: उन्होंने कहा कि इस साल स्थिति और भी खराब है। किसान खेत से धान काटकर बाजार में औने-पौने दाम में बेचने को मजबूर हैं, क्योंकि राज्य सरकार सोई हुई है और धान खरीद की दर व तिथि का कोई अता पता नहीं है।

सत्तापक्ष का पलटवार: 'दिल्ली जाकर समस्या सुलझाएँ'

बाबूलाल मरांडी के आरोपों पर मंत्री सुदिव्य कुमार ने पलटवार करते हुए भाजपा पर निशाना साधा।

जनता ने ठुकराया रंग: मंत्री सुदिव्य कुमार ने कहा कि "भाजपा के हमारे मित्र जिस रंग की चश्मे से झारखंड को देखना चाहते हैं, उस रंग को यहाँ की जनता ने ठुकरा चुकी है।"

केंद्रीय बकाया: उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा नेता जिन छात्रवृत्ति और किसानों के मुद्दों पर रो रहे हैं, उन्हें वे दिल्ली जाकर समाधान कराने का काम करें। मंत्री ने दावा किया कि राज्य को केंद्रीय करों की जो हिस्सेदारी मिलनी चाहिए थी, उसमें 10 महीने में मात्र 55 फीसदी हिस्सेदारी मिली है।

सहयोग की अपील: उन्होंने विपक्ष से मांग की कि जो बकाया राशि है, उसका भुगतान कराने में राज्य सरकार का सहयोग करना चाहिए।

विधानसभा के बाहर हुई इस बयानबाजी से साफ है कि शीतकालीन सत्र के बचे हुए दिनों में भी सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच जोरदार राजनीतिक टकराव जारी रहेगा।

झारखंड विधानसभा: शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन विपक्ष का जोरदार प्रदर्शन

झारखंड विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन (सोमवार) सदन की कार्यवाही शुरू होने से पहले ही विधानसभा परिसर में विपक्ष ने हेमंत सरकार के विरुद्ध जमकर नारेबाजी की। नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी के नेतृत्व में भाजपा, आजसू (AJSU) और लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के विधायकों ने तख्तियाँ लेकर प्रदर्शन किया।

विरोध के मुख्य मुद्दे

विपक्ष ने मुख्यतः दो बड़े मुद्दों को लेकर सरकार को घेरा:

छात्रवृत्ति बकाया: राज्य के छात्रों को कई महीनों से छात्रवृत्ति (Scholarship) की राशि नहीं मिलने पर सरकार से अतिशीघ्र भुगतान की मांग।

किसानों का वादा: किसानों से किए गए वादे के अनुसार धान खरीद का समर्थन मूल्य (MSP) ₹3200 प्रति क्विंटल करने का दबाव।

सरकार पर वादा खिलाफी का आरोप

नारेबाजी कर रहे विधायकों ने सरकार पर वादा खिलाफी करने का सीधा आरोप लगाया और कहा कि किसान और छात्र दोनों ही इस सरकार से बेहद परेशान हैं।

नीरा यादव का हमला (BJP): भाजपा विधायक नीरा यादव ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि किसानों से ₹3200 प्रति क्विंटल धान खरीद का वादा किया गया था, जिसे सरकार भूल गई। उन्होंने कहा कि इसी कारण किसान बिचौलियों को औने-पौने दाम में धान बेचने को मजबूर हो रहे हैं।

उन्होंने आगे कहा कि एससी/एसटी वर्ग के छात्रवृत्ति की राशि कई महीनों से नहीं मिलने के कारण बेहद परेशान हैं, मगर सरकार इनकी सुनने वाली नहीं है।

जनार्दन पासवान का बयान (LJP): लोजपा विधायक जनार्दन पासवान ने सरकार को पूरी तरह से फेल बताया और कहा कि छात्रों के साथ-साथ किसान भी यहाँ परेशान हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि विपक्ष इस मुद्दे को सदन के अंदर और बाहर लगातार उठाता रहेगा।

सदन में अनुपूरक बजट पेश

विपक्ष के तीखे तेवर के बीच आज विधानसभा में चालू वित्तीय वर्ष का द्वितीय अनुपूरक बजट भी सदन के पटल पर रखा गया। विपक्ष के तेवर से साफ जाहिर होता है कि सदन में इन जनहित के मुद्दों पर तीखी बहस और दबाव बनाने की कोशिश की जाएगी।

झारखंड विधानसभा: आज सदन पटल पर रखा जाएगा ₹8,000 करोड़ का द्वितीय अनुपूरक बजट

प्रश्नकाल से शुरू होगी कार्यवाही; सरकार विकास और कल्याण योजनाओं को देगी गति; विपक्ष बेरोजगारी, खनन पर घेरेगा

झारखंड विधानसभा के शीतकालीन सत्र का आज (सोमवार, 8 दिसंबर) का दिन राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण है, क्योंकि राज्य सरकार चालू वित्तीय वर्ष 2025-26 का द्वितीय अनुपूरक बजट सदन पटल पर रखने जा रही है। यह सत्र 5 से 11 दिसंबर तक चल रहा है। आज बजट पर चर्चा नहीं होने के कारण पहली पाली में ही कार्यवाही समाप्त होने की संभावना है।

द्वितीय अनुपूरक बजट: मुख्य बातें

द्वितीय अनुपूरक बजट का आकार करीब 8 हजार करोड़ रुपये के आसपास रहने की संभावना जताई जा रही है। वित्त मंत्री पहले ही संकेत दे चुके हैं कि बजट के माध्यम से राज्य की वित्तीय स्थिरता बनाए रखते हुए चल रही योजनाओं को गति देने की कोशिश होगी।

इस बजट में निम्नलिखित क्षेत्रों के लिए अतिरिक्त प्रावधान किए जाने की उम्मीद है:

कल्याणकारी योजनाएं: सामाजिक सुरक्षा, महिला-केंद्रित योजनाएं, खासकर 'मईयां सम्मान योजना'।

विकास: ग्रामीण अवसंरचना (Infrastructure)।

अन्य क्षेत्र: स्वास्थ्य, शिक्षा और पेयजल।

सदन का एजेंडा और रणनीति

आज सदन की कार्यवाही प्रश्नकाल से शुरू होगी, जिसके तुरंत बाद द्वितीय अनुपूरक व्यय विवरण सभा पटल पर रखा जाएगा। अनुपूरक बजट पर सामान्य चर्चा और मतदान का मुख्य कार्यक्रम 9 दिसंबर (मंगलवार) के लिए निर्धारित है।

विपक्ष की रणनीति

विपक्ष (एनडीए) अपनी ‘चार्जशीट’ और मुद्दों की सूची के आधार पर सरकार को घेरने की तैयारी में है।

मुख्य मुद्दे: अवैध कोयला खनन, भ्रष्टाचार, कानून-व्यवस्था और बेरोजगारी।

प्रमुख मसले: एनडीए विधायक दल की बैठक में छात्रवृत्ति नहीं देने, परीक्षा शुल्क में इजाफा और धान खरीद नहीं होने के मसले को प्रमुखता से उठाने पर सहमति बनी है।

सत्ता पक्ष की तैयारी

सत्ता पक्ष बजट को पूरी तरह से जनकल्याण और विकासोन्मुखी बताते हुए विपक्ष के हमलों का जवाब देने की तैयारी कर चुका है। सरकार अपनी योजनाओं की उपलब्धियों और डेटा के आधार पर विपक्ष के आरोपों का खंडन करेगी।

विधानसभा अध्यक्ष सभी दलों से सत्र को सुचारू ढंग से चलाने और जनहित के मुद्दों पर सार्थक बहस करने की लगातार अपील कर रहे हैं।

महिला बंदियों की स्वास्थ्य कठिनाइयों पर सरकार की चुप्पी दर्दनाक: राफिया नाज़

प्रदेश प्रवक्ता राफिया नाज़ ने झारखंड सरकार पर तीखा प्रहार करते हुए कहा कि राज्य की जेलों में स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरह ध्वस्त हो चुकी है। उन्होंने कहा कि यह सिर्फ बंदियों का नहीं, बल्कि महिला बंदियों का भी गहरा संकट है, जिन्हें बुनियादी चिकित्सा सुविधा तक नसीब नहीं हो रही।

उन्होंने बताया कि झारखंड की जेलों में 16,549 से अधिक बंदी रह रहे हैं, लेकिन एक भी नियमित नर्स की तैनाती न होना सरकार की घोर लापरवाही का प्रमाण है। राफिया नाज़ ने कहा कि जब जेलों में बीमार महिला बंदियों को इतनी बुनियादी सुविधा भी न मिले, तो यह सिर्फ गलती नहीं बल्कि प्रशासनिक अपराध है।

राफिया नाज़ ने कहा कि झारखंड हाईकोर्ट ने स्पष्ट आदेश दिया था कि बंदियों के इलाज के लिए सभी स्वास्थ्य पदों को तुरंत भरा जाए, लेकिन सरकार महीनों से इस आदेश को ठंडे बस्ते में डालकर बैठी है। उन्होंने कहा कि हर बार किसी बंदी की मौत के बाद NHRC नोटिस भेजता है, पर सरकार की नींद नहीं टूटती।

राफिया नाज़ ने विशेष तौर पर कहा कि नर्सों की अनुपस्थिति का सबसे अधिक और सबसे संवेदनशील असर महिला कैदियों पर पड़ता है। उन्होंने बताया कि महिलाओं को मासिक धर्म के दौरान विशेष देखभाल, दवाइयों और स्वच्छता सामग्री की आवश्यकता होती है, लेकिन समय पर सुविधा न मिलने से उनकी पीड़ा कई गुना बढ़ जाती है। वहीं गर्भवती बंदियों के लिए तो नियमित जांच, ब्लड प्रेशर मॉनिटरिंग और इमरजेंसी हेल्थ सपोर्ट बेहद ज़रूरी होता है, पर नर्स न होने की वजह से उनकी जान पर लगातार खतरा बना रहता है। इसके अलावा, जिन महिला कैदियों के साथ नवजात शिशु रहते हैं, उन्हें तुरंत और निरंतर चिकित्सकीय सहायता की जरूरत होती है, लेकिन जेलों में 24×7 मेडिकल सुविधा उपलब्ध न होने से स्थिति और भी भयावह और मानवीय दृष्टि से चिंताजनक हो जाती है।

उन्होंने कहा कि ऐसे दर्दनाक हालात में सरकार की चुप्पी महिला कैदियों के प्रति संवेदनहीनता को उजागर करती है।

उन्होंने बताया कि जेल आईजी ने खुद गृह विभाग के प्रधान सचिव को पत्र लिखकर नर्सों की प्रतिनियुक्ति की मांग की है, और यह भी स्वीकार किया है कि नर्स की कमी के कारण 24 घंटे इलाज की सुविधा उपलब्ध नहीं हो पा रही। लेकिन सरकार की कार्रवाई सिर्फ कागजों तक सीमित है।

राफिया नाज़ ने सरकार को कटघरे में खड़ा करते हुए कहा कि जो सरकार बंदियों खासतौर पर महिला बंदियों की स्वास्थ्य सुरक्षा तक नहीं सुनिश्चित कर सकती, वह संवेदनशील शासन का दावा कैसे कर सकती है? उन्होंने कहा कि सरकार बड़ी-बड़ी घोषणाएँ करती है, पर जब असल जिम्मेदारी निभाने की बात आती है, तब यह डराने वाली चुप्पी साध लेती है।

उन्होंने सरकार से मांग की कि सभी जेलों में तुरंत नर्सों व पैरामेडिकल स्टाफ की नियुक्ति की जाए, महिला कैदियों के लिए विशेष मेडिकल सुविधा स्थापित हो और लापरवाही के लिए जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई की जाए।

गोवा अग्निकांड में 25 की मौत: झारखंड के 3 युवा भी शामिल, परिवारों में मातम

रांची और खूंटी के थे मृतक; मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने जताया दुख, गोवा के सीएम ने दिए जाँच के आदेश

नॉर्थ गोवा के अरपोरा में स्थित एक रेस्टोरेंट-कम-क्लब में बीती रात लगी भीषण आग में कम से कम 25 लोगों की दर्दनाक मौत हो गई। इस भीषण अग्निकांड में मारे गए लोगों में झारखंड के तीन युवा भी शामिल हैं, जो गोवा में कुक का काम करते थे।

झारखंड के मृतकों की पहचान

मृतकों में झारखंड के तीन युवक शामिल हैं, जिनके नाम और पते निम्नलिखित हैं:

मृतक का नाम (उम्र) पता पिता का नाम

प्रदीप महतो (24 वर्ष) फतेहपुर, लापुंग प्रखंड, रांची धनेश्वर महतो

विनोद महतो (22 वर्ष) फतेहपुर, लापुंग प्रखंड, रांची धनेश्वर महतो

मोहित मंडा (22 वर्ष) गोविंदपुर, कर्रा प्रखंड, खूंटी एतवा मंडा

तीनों युवक कुक का काम करने के लिए कुछ महीने पहले ही गोवा गए थे।

परिजनों का दर्द

मृतक प्रदीप और विनोद महतो के रिश्तेदार नारायण माथुर ने ANI को बताया कि उनके दो भतीजों की इस हादसे में मौत हो गई है। उन्होंने कहा, "वे मेरे भतीजे थे, मेरे बड़े भाई के बेटे... दोनों की मौत हो गई। वे रेस्टोरेंट के किचन में काम करते थे। हादसे में एक पड़ोसी (मोहित मंडा) की भी मौत हो गई। हम सब झारखंड के हैं।"

गोवा के मुख्यमंत्री की प्रतिक्रिया और कार्रवाई

गोवा के मुख्यमंत्री ने इस हादसे को "गोवा के टूरिज्म के इतिहास में पहली बार हुई ऐसी बड़ी आग की घटना" बताते हुए गहरा दुख व्यक्त किया।

जाँच के आदेश: मुख्यमंत्री ने हादसे की तत्काल जाँच के आदेश दिए हैं।

कार्रवाई: उन्होंने बताया कि क्लब मालिकों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किए गए हैं, और मैनेजर तथा अन्य लोगों को पहले ही गिरफ्तार कर लिया गया है। उन्होंने आश्वासन दिया कि जो भी दोषी पाया जाएगा, उसे जेल भेजा जाएगा।

बचाव कार्य: मुख्यमंत्री ने कहा कि वह रात 1:30-2 बजे मौके पर पहुँचे थे और आधे घंटे के अंदर आग बुझा दी गई थी, लेकिन दुर्भाग्यवश 25 लोगों को बचाया नहीं जा सका।

फायर सेफ्टी पर सवाल

आग लगने का सही कारण अभी पता नहीं चला है, लेकिन स्थानीय लोगों का आरोप है कि इस भीषण दुर्घटना का कारण फायर सेफ्टी नियमों का उल्लंघन है। मुख्यमंत्री ने भी यह सुनिश्चित करने की बात कही है कि भविष्य में ऐसी घटना दोबारा न हो।

राष्ट्रीय और राज्य स्तर पर शोक

राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री समेत देश के कई नेताओं ने इस घटना पर दुख जताया है।

झारखंड के मुख्यमंत्री का दुख: झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने भी इस घटना पर गहरा दुख व्यक्त किया। उन्होंने हादसे को बहुत दुखद बताया और मरने वालों की आत्मा की शांति के लिए मरांग बुरु से प्रार्थना की।