प्रयागराज मण्डल में मनाया गया डॉ.भीमराव अम्बेडकर का 70वां महापरिनिर्वाण दिवस।
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संजय द्विवेदी प्रयागराज।मण्डल कार्यालय के संकल्प सभागार में मण्डल रेल प्रबन्धक रजनीश अग्रवाल की अध्यक्षता में डॉ.भीमराव अम्बेडकर का 70वां महापरिनिर्वाण दिवस मनाया गया।इस कार्यक्रम में अपर मण्डल रेल प्रबन्धक/सामान्य दीपक कुमार वरिष्ठ मण्डल कार्मिक अधिकारी वैभव कुमार गुप्ता अन्य वरिष्ठ अधिकारी कर्मचारी सहित अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति रेलवे कर्मचारी एसोशिएशन और अन्य पिछड़ा वर्ग रेलवे कर्मचारी एसोशिएशन के पदाधिकारी उपस्थित थे।मण्डल रेल प्रबन्धक रजनीश अग्रवाल ने दीप प्रज्वलित कर डॉ. भीमराव अम्बेडकर की प्रतिमा को पुष्प अर्पित कर कार्यक्रम की शुरुआत की।
मण्डल रेल प्रबंधक रजनीश अग्रवाल ने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुये कहा कि 6 दिसम्बर 1956 को डॉ.अम्बेडकर ने इस संसार से विदा ली परन्तु उनके विचार उनका संघर्ष और उनकी अमर शिक्षाएँ आज भी हम सभी को सही दिशा दिखाती है।उन्होने भारतीय लोकतंत्र की नीव समानता स्वतंत्रता और बन्धुत्व पर रखी थी।समाज के अंतिम व्यक्ति तक न्याय पहुँचाना उनकी सोच का केंद्र था।डॉ. अंबेडकर ने कहा था“मनुष्य महान अपने जन्म से नही बल्कि अपने कर्मों से बनता है।अतःहम सब समता और सदभाव की भावना को अपने कार्यस्थल पर सर्वोच्च प्राथमिकता दे किसी भी प्रकार के भेदभाव अनुचित व्यवहार या असमानता को न केवल अस्वीकार करे बल्कि उसके विरुद्ध दृढ़ता से खड़े हो।डॉ. अंबेडकर की शिक्षा शिक्षित बनो संगठित रहो और संघर्ष करो अपना मार्गदर्शन सिद्धांत बनाए रखे।
इस अवसर पर वरिष्ठ विधि अधिकारी/प्रयागराज मण्डल लक्ष्मी प्रसाद ने इस अवसर पर अपने विचार रखते हुये कहा कि महापरिनिर्वाण का अर्थ है मृत्यु के बाद उपरांत मुक्ति अर्थात जन्म और मृत्यु के चक्र से सदा के लिए मुक्ति मिलना जो बौद्ध धर्म में एक परम अवस्था है।डॉ.भीमराव अम्बेडकर प्रसिद्ध राजनीतिक नेता दार्शनिक लेखक अर्थशास्त्री न्यायविद् बहु-भाषाविद् धर्म दर्शन के विद्वान और एक समाज सुधारक थे जिन्होंने भारत में अस्पृश्यता और सामाजिक असमानता के उन्मूलन के लिये अपना जीवन समर्पित कर दिया।इस कार्यक्रम में कार्यालय अधीक्षक आनन्द जयसवार एवं मण्डल रेल प्रबन्धक कार्यालय के मुख्य कार्यालय अधीक्षक/कर्मिक अविनाश चन्द्र ने भी अपने विचार रखे।महापरिनिर्वाण दिवस के इस कार्यक्रम का संचालन वेल्फेयर इंस्पेक्टर अंजलि गुप्ता ने किया।
















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