हेदलाग गांव में कब्रिस्तान की चारदीवारी को लेकर गहराया विवाद, हेदलाग गांव के सैकड़ों ग्रामीण न्याय की मांग को ले कर पहुँचे थाना
कटकमसांडी l प्रखंड के हेदलाग गांव में कब्रिस्तान की चारदीवारी को लेकर पिछले कई दिनों से चल रहा विवाद मंगलवार को उस समय उफान पर पहुँच गया, जब गांव के सैकड़ों ग्रामीण न्याय की मांग को लेकर पेलावल ओ०पी० थाना पहुँचे। ग्रामीणों ने लिखित आवेदन देकर पूरे मामले की जांच और चारदीवारी कार्य पर रोक लगाने की मांग की है।
मामला खाता संख्या 66, फ्लैट नंबर 148, रकबा 8 एकड़ 40 डिसमिल सरकारी आम गैरमजरुआ भूमि से जुड़ा है, जिस पर अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के तहत कब्रिस्तान की चारदीवारी का निर्माण कार्य शुरू किया गया था। ग्रामीणों का आरोप है कि संवेदक गोविंदपुर निवासी फिरोज खान और खुर्शीद खान द्वारा मनमाने ढंग से चारदीवारी खड़ी की जा रही है। ग्रामीणों का कहना है कि यह भूमि हेदलाग गांव की आम गैरमजरुआ जमीन है और इस पर वर्षों से गांव के हिंदू समाज के लोग भी उपयोग करते आए हैं। ऐसे में किसी अन्य गांव के लोगों को अचानक चारदीवारी कर कब्जा करने देना न्यायसंगत नहीं है।
सर्वे रिकॉर्ड में ईसाई धर्म का चिन्ह, गांव में ईसाई नहीं, हेदलाग ग्रामीणों द्वारा दिए गए आवेदन पत्र में उल्लेख किया गया है कि सर्वे नक्शा में उक्त भूमि पर ईसाई धर्म का चिन्ह अंकित है। लेकिन हेदलाग गांव सहित आसपास के क्षेत्र में ईसाई समुदाय के लोग नहीं रहते। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि इसी सर्वे त्रुटि का लाभ उठाकर गोविंदपुर के कुछ मुस्लिम समुदाय के लोग बहाना बनाकर यहां दफन गतिविधि शुरू कर चुके हैं।
ग्रामीणों का कहना है कि कब्रिस्तान का उपयोग यदि मुस्लिम समुदाय के लिए करना ही है, तो हेदलाग गांव में पहले से मौजूद खाता संख्या 65, फ्लैट 689 पर स्थित कब्रिस्तान में दफन किया जाना चाहिए। यह कब्रिस्तान वर्षों से मुस्लिम समुदाय उपयोग करता आया है। बावजूद इसके, नयी जगह को लेकर विवाद खड़ा किया गया है।
चारदीवारी निर्माण शुरू होते ही बढ़ा तनाव, ग्रामीणों ने बताया कि जैसे ही चारदीवारी का काम शुरू हुआ, गांव में तनाव की स्थिति पैदा हो गई। कई बार गांव के हिंदू और मुस्लिम समुदाय के लोग बैठकर आपसी सहमति बनाने की कोशिश भी की गई, लेकिन संवेदक द्वारा मनमानी ढंग से काम कराने के कारण बात नहीं बन सकी। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि संवेदक चारदीवारी के नाम पर भूमि पर कब्जा स्थापित करने की कोशिश कर रहे हैं।
अधिकारियों को सौंपा आवेदन, निष्पक्ष जांच की मांग, ग्रामीणों ने अनुमंडल पदाधिकारी हजारीबाग, पुलिस अधीक्षक हजारीबाग, पेलावल ओपी प्रभारी, कल्याण विभाग हजारीबाग तथा अंचल अधिकारी कटकमसांडी को लिखित आवेदन देकर पूरे प्रकरण की निष्पक्ष जांच की मांग की है। ग्रामीणों ने आशंका जताई कि यदि समय रहते प्रशासन हस्तक्षेप नहीं करता, तो गांव की सामाजिक शांति भंग हो सकती है।
हेदलाग गांव के ग्रामीणों ने स्पष्ट कहा है कि आम गैरमजरुआ जमीन हेदलाग गांव की है और उसका उपयोग गांव के लोग ही करेंगे। किसी भी बाहरी गांव के लोग उस पर कब्जा नहीं कर सकते। उन्होंने दावा किया कि जमीन का स्वरूप बदलने और विवाद को बढ़ाने की कोशिश हो रही है, जिसे वे किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं करेंगे।
समर्थन में उमड़ा जनसैलाब - आवेदन सौंपने पहुंचे ग्रामीणों में बड़ी संख्या में लोग शामिल थे। इनमें राजेंद्र कुशवाहा, पंकज आगेरिया, टेकलाल साव, परबील ठाकुर, दिनेश राणा, धन्नू राणा, नरेश महतो, मदन मोहन राम, कामेश्वर साव, राजेश कुमार कुशवाह, भुनेश्वर प्रसाद, सुधीर यादव, भुनेश्वर यादव, महेश ठाकुर, अनील साव, चरखू साव, महाबीर महतो, रवि कुमार, दीपक यादव, हेमराज साव, प्रकाश कुमार कुशवाहा, अनिल महतो, विजय महतो, शिवदयाल राणा, सेवा आगेरिया, दिलीप रविदास, नेमचंद्र तुरी, अशोक राम, बालेश्वर महतो, पिंटू पासवान, दिनू साव, सुरेश साव समेत सैकड़ों लोग शामिल थे। हेदलाग के ग्रामीणों का कहना है कि यह लड़ाई किसी धर्म के खिलाफ नहीं बल्कि गांव की आम जमीन की रक्षा के लिए है।
।।प्रशासन मामले की जांच में जुटा।। स्थानीय सूत्रों के अनुसार, आवेदन मिलने के बाद प्रशासनिक स्तर पर मामले की जांच शुरू कर दी गई है। अंचल अधिकारी को भूमि रिकॉर्ड और सर्वे नक्शा की जांच करने का निर्देश दिया गया है। पेलावल ओपी प्रभारी ने भी ग्रामीणों को निष्पक्ष कार्रवाई का आश्वासन दिया है।
ग्रामीणों ने साफ कहा कि उनकी मांग सिर्फ यह है कि सच्चाई सामने आए और गांव की सामूहिक जमीन पर किसी भी प्रकार की जबरन चारदीवारी रोक दी जाए।
5 hours ago
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