ग्राम पंचायत चुनाव से पहले पंचायतों में घोटालों की गूंज
फॉलोअप :
डीएम से शिकायतों के बाद शुरू हुई है जांच की आंच
कार्रवाई से बचने के लिए नेताओं से लेकर अधिकारियों की शुरु हुई दौड़
*घोटाले की जद में मनरेगा घोटाले वाले हलिया ब्लॉक के कई गांव
मीरजापुर। जनपद में पंचायत चुनाव की आहट के साथ ही ग्राम पंचायतों में वित्तीय अनियमितताओं और विकास कार्यों में घोटालों की शिकायतों की बाढ़ आ गई है। जिला प्रशासन ने इन शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए कई ग्राम पंचायतों में जांच शुरू कर दी है। जिलाधिकारी के निर्देश पर जिला स्तरीय अधिकारियों की टीम भी गठित की गई है, जो तय समय में रिपोर्ट सौंपेगी।
सूत्रों के अनुसार, मीरजापुर जिले के 12 विकास खंड में हर साल करोड़ों रुपये से अधिक का बजट विभित्र योजनाओं के तहत जारी किया जाता है। इनमें मनरेगा, स्वच्छता मिशन, राज्य में वित्त और 15 वें वित्त आयोग जैसी चोजनाएं शामिल हैं। इन योजनाओं का उद्देश्य ग्रामीण विकास और बुनियादी सुविधाओं का विस्तार करना है, लेकिन शिकायतों में आरोप लगाया गया है कि इन पैसों का दुरुपयोग कर करोड़ों रुपये के घोटाले किए गए हैं। आश्चर्य की बात है कि कुछ गांवों में तो विकास के नाम पर ग्रामीणों की आंखों में धूल झोंकने का काम किया गया है जहां धरातल पर काम हुआ ही नहीं है और लाखों का बजट काम होना दिखाकर हजम कर लिया गया है। ऐसा ही मामला हलिया विकासखंड क्षेत्र के मनिगढ़ा गांव का सामने आया है जहां शिकायत होने पर जिलाधिकारी ने जांच के टीम गठित कर पूरी कार्रवाई से अवगत कराने के लिए भी आदेशित किया है।
जिले के ग्राम पंचायतों में जांच की कार्रवाई को लेकर प्रशासनिक हलचल तेज हो गई है। जानकारी के मुताबिक जिन पंचायतों में शिकायतें आई हैं, वहां सड़कों, नालियों, कुआं तालाब सहित सामुदायिक भवनों और जल निकासी जैसी परियोजनाओं पर भारी अनियमितताएं पाई गई हैं। कई जगहों पर तो बजट खर्च दिखा दिया गया है, जबकि जमीनी स्तर पर कोई काम हुआ ही नहीं है। शिकायतकर्ताओं का कहना है कि प्रधानों और सचिव की मिलीभगत से बजट का गबन किया गया है। पंचायत चुनाव नजदीक आने के साथ विपक्षी दलों ने भी इन मुद्दों को लेकर प्रशासन पर दबाव बनाना शुरू कर दिया है। बताया जा रहा है कि हाल के महीने में डीएम कार्यालय में शिकायतों की बाढ़ सी आ गई हैं।
शिकायतों पर त्वरित कार्रवाई करते हुए जिलाधिकारी द्वारा गंभीर मामलों में टीम गठित कर कार्रवाई के आदेश दे दिए जाने से घोटाले की जद में आए गांवों में हड़कंप मचा हुआ है। दूसरी ओर जिला पंचायत राज अधिकारी ने बताया कि जिलाधिकारी के निर्देश पर कई विकास खंडों में जांच टीमें गठित की गई है। अधिकारियों को बैठक बुलाकर जांच की रूपरेखा तय को गई है। चुनाव के मद्देनजर शिकायतों को संख्या बढ़ी है, इसलिए सभी रिपोर्ट जल्द से जल्द तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं। दोषी पाए जाने पर संबंधित अधिकारियों और प्रधानों से रिकवरी की कार्रवाई की जाएगी। वहीं प्रशासन का कहना है कि जांच पूरी तथा पारदर्शी तरीके से की जाएगी और किसी भी दोषी को बक्शा नहीं जाएगा। वहीं, ग्रामीणों को उम्मीद है कि इस कार्रवाई से विकास कार्यों में पारदर्शिता आएगी और भ्रष्टाचार पर लगाम लगेगी।
इनसेट में ------
--घोटाले की जांच की आंच से घिरे ब्लाकों के अधिकारी-कर्मचारियों की बढ़ी धड़कने--
गांवों के विकास कार्यों में किए गए घोटाले की शिकायतों के बाद जिलाधिकारी द्वारा जांच कराए जाने से जांच की आंच से घिरे ब्लाकों के अधिकारी-कर्मचारियों की धड़कने बढ़ गई हैं। बताया जा रहा है कि जांच की कार्रवाई से बचने के लिए कुछ गांवों के विकास कार्यों से संबंधित फाइल जिलाधिकारी द्वारा गठित की गई जांच टीम को सौंपने और जांच में सहयोग के बजाए हीलाहवाली बरतते हुए मामले को लटकाए जाने का खेल खेला जा रहा है। ऐसा ही मामला हलिया विकासखंड क्षेत्र के मनिगढ़ा गांव का बताया जा रहा है जहां विकास कार्यों में हुए भारी खेला की शिकायत होने पर जिलाधिकारी पवन कुमार गंगवार ने जांच टीम गठित कर दी है। बताया जा रहा है कि तकरीबन एक पखवारा बीतने के बाद भी जहां जांच टीम गांव में पहुंची नहीं है तो वहीं दूसरी ओर बताया यह भी जा रहा है कि हलिया से ब्लॉक स्तरीय अधिकारियों का टीम को सहयोग और पत्रावाली न मिलने से टीम जांच करने गांव में नहीं पहुंच पाई है। ग्रामीणों ने आशंका जताई है कि कहीं यह मामले को दबाने की कोई सोची समझी साजिश तो नहीं है।




5 hours ago
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