हेमंत सरकार ‘गजनी मोड’ में काम करती है"- प्रतुल शाह देव

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भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाह देव ने सरकार आपके द्वार कार्यक्रम पर बड़ा हमला बोलते हुए कहा कि हेमंत सरकार की कार्य संस्कृति गजनी फिल्म से प्रभावित दिखती है। सरकार कोई योजना शुरू करती है।फिर भूल जाती है।फिर अचानक झटका लगता है तो याद आता है कि ‘सरकार आपके द्वार’ जैसा कोई कार्यक्रम भी है। प्रतुल ने कहा कि हेमंत सरकार 2 वर्षों से अपनी इस योजना को भूल कर बैठी थी।जिस सरकार को अपनी ही घोषणाएं याद न रहें, वह जनता की समस्याएं क्या याद रखेगी?"

प्रतुल ने कहा की सबसे पहले हेमंत सरकार को श्वेत पत्र जारी करके बताना चाहिए कि सरकार आपके द्वार के पहले तीन चरणों में आए हुए डेढ़ करोड़ से ज्यादा आवेदनों का क्या हुआ? 2021 में 35.95 लाख आवेदन, 2022 में 55.44 लाख आवेदन, 2023 में 58.26 लाख आवेदन आए थे। सरकार ने अभी तक यह स्पष्ट नहीं किया है कि कितने आवेदकों को न्याय मिला। ऐसा लगता है कि सरकार आपके द्वार कार्यक्रम सिर्फ एक रिसीविंग देने का जरिया बन गया है।पहले तीन चरणों में सबसे ज्यादा शिकायतें जमीन से संबंधित आए थे। लेकिन इस सरकार में तो अंचल कार्यालय लूट का अड्डा बन गया है। जिस सरकार में अंचल कार्यालय की बोली लगती हो वहां जनता को न्याय कहां मिलेगा। प्रतुल ने कहा ऐसा प्रतीत होता है कि ‘सरकार आपके द्वारा’ नहीं बल्कि सरकार की एक फोटो-अपॉर्चुनिटी’ बनकर रह गई है!"

"जनता को राहत देने के नाम पर कार्यक्रम सिर्फ शो बाजी है

प्रतुल ने कहा कि की सरकार आपके द्वारा के दौरान जमा किए गए डेढ़ करोड़ आवेदनों पर धूल जम रहा है।काम शून्य दिख रहा। सरकार कैमरे के सामने मुस्कुराने में व्यस्त है। आवेदक अपनी पुरानी समस्याओं से ही घिरे हुए हैं।दो साल बाद जागी सरकार को अब जनता जवाब देगी कि झारखंड में ‘गजनी गवर्नेंस’ नहीं चलेगा।"

झारखंड के भ्रष्ट ,तानाशाह एवं लापरवाह पदाधिकारी राज्य को कानून से नहीं मनमर्जी चला रहे....बाबूलाल मरांडी

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष एवम नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने राज्य के प्रोन्नत पदाधिकारियों की पोस्टिंग नहीं किए जाने पर राज्य सरकार पर निशाना साधा है।

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श्री मरांडी ने कहा कि यह बहुत अफ़सोस की बात है कि झारखंड के कुछ लापरवाह एवं तानाशाह अफ़सर राज्य को क़ानून के मुताबिक नहीं, बल्कि अपनी मनमर्जी से चला रहे हैं। ऐसा लगता है मानों सारे नियम क़ानून और सुविधाएं उनके फायदे और निजी लाभ के लिये बनाये गये हों।

कहा कि हमें बताया गया है कि पुलिस विभाग में जिन अधिकारियों का डीएसपी में प्रोमोशन हुआ है, उनकी पोस्टिंग चार-पॉंच महीने से भी ज़्यादा समय तक लंबित रखी जाती है। कई मामलों में तो पोस्टिंग उनके रिटायरमेंट के सिर्फ दो-चार दिन पहले की जाती है। इस वजह से ऐसे प्रोमोशन पाये लोगों को जो वास्तविक लाभ मिलना चाहिए, वो नहीं मिल पाता।

कहा कि छोटे कर्मचारियों की स्थिति तो इससे भी बदतर है। उनके प्रोमोशन की फाइलें वर्षों तक विभागों की जटिल प्रक्रियाओं में फँसी रहती हैं। कई बार कर्मचारी न्यायालय से आदेश लेकर आते हैं, फिर भी उन्हें लाभ नहीं दिया जाता। इसके विपरीत, आईएएस/आईपीएस अधिकारी अपने प्रोमोशन और उसके लाभ को समय पर प्राप्त करने के लिए महीनों पहले ही सारी व्यवस्थाएँ सुनिश्चित कर लेते हैं।

कहा कि राज्य के कई कर्मचारी मिलते हैं, तो इस मुद्दे को लेकर अपनी पीड़ा से अवगत कराते हैं । इस वजह से उनमें भारी असंतोष है।

उन्होंने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मांग किया कि समय पर प्रोमोशन और लाभ की व्यवस्था में आईएएस/आईपीएस और राज्य कर्मियों के लिये छोटे-बड़े के दोहरे मापदंड एवं भेदभाव की प्रवृत्ति पर रोक लगे।

कहा कि यह व्यवस्था सबके लिए समान और निष्पक्ष होनी चाहिए।

IITF 2025 में 'रांची स्मार्ट सिटी' मॉडल ने खींचा ध्यान: झारखंड सरकार रांची को पूर्वोत्तर राज्यों का 'नॉलेज हब' बनाने की तैयारी में

नई दिल्ली: भारत मंडपम में आयोजित भारतीय अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेला (IITF) 2025 में इस वर्ष झारखंड पवेलियन का रांची स्मार्ट सिटी मॉडल दर्शकों और मीडिया का विशेष आकर्षण बना। नवीनतम तकनीक, भविष्योन्मुखी शहरी नियोजन और नागरिक-केंद्रित विकास की दृष्टि के साथ यह मॉडल झारखंड सरकार की प्रगतिशील शहरी नीतियों का एक सशक्त उदाहरण बनकर उभरा है।

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नॉलेज हब बनाने की मजबूत पहल

रांची स्मार्ट सिटी कॉर्पोरेशन के जन संपर्क पदाधिकारी अमित कुमार ने बताया कि रांची को शिक्षा और कौशल विकास के क्षेत्र में एक उभरते हुए ज्ञान-केन्द्र (नॉलेज हब) के रूप में विकसित किया जा रहा है।

उन्होंने कहा:

"रांची को ज्ञान-आधारित उद्योगों और आधुनिक शिक्षण संरचना के माध्यम से इस प्रकार विकसित किया जा रहा है कि अगले 5–10 वर्षों में झारखंड पूर्वोत्तर राज्यों के लिए भी प्रमुख शैक्षणिक एवं कौशल विकास केंद्र बन सके।"

अत्याधुनिक और सतत शहरी प्रबंधन

रांची स्मार्ट सिटी परियोजना के तहत अत्याधुनिक आधारभूत संरचना का निर्माण तेज़ी से किया जा रहा है। यह ग्रीनफील्ड टाउनशिप (656 एकड़ में) प्रस्तावित राजधानी परिसर, एयरपोर्ट और हटिया रेलवे स्टेशन के निकट रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण स्थान पर विकसित की जा रही है।

पर्यावरण अनुकूलन: रांची को फ्यूचर-रेडी स्मार्ट सिटी बनाने के उद्देश्य से 37% भूमि को ओपन और ग्रीन स्पेस के रूप में सुरक्षित किया गया है।

जल संरक्षण: जल आपूर्ति नेटवर्क के साथ ही, 16 एमएलडी क्षमता वाले एसटीपी (सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट) के माध्यम से उपचारित जल के 40% हिस्से को गैर-पीने योग्य उपयोगों के लिए प्रस्तावित किया गया है, जिससे जल संरक्षण को बढ़ावा मिलेगा।

अन्य सुविधाएँ: अंडरग्राउंड वायरिंग मॉडल, रोडसाइड यूटिलिटी डक्ट सिस्टम और 24×7 गैस-इंसुलेटेड पावर स्टेशन जैसी अत्याधुनिक शहरी सेवाएँ शहर को स्वच्छ, सुरक्षित और पर्यावरण-संतुलित बनाने में अहम भूमिका निभा रही हैं।

उन्नत सुविधाओं और वैश्विक स्तर के टाउन प्लानिंग मॉडल के साथ, रांची स्मार्ट सिटी IITF 2025 में झारखंड की नई शहरी पहचान को प्रभावी रूप से प्रस्तुत कर रही है।

झारखंड में बढ़ेगी ठंड: अगले दो दिन कोई बड़ा बदलाव नहीं, 28 नवंबर तक मौसम शुष्क; मौसम विभाग ने बुजुर्गों-बच्चों के लिए दी खास सलाह


रांची: झारखंड में इन दिनों मौसम लगातार उतार-चढ़ाव से गुजर रहा है। मौसम विज्ञान केंद्र, रांची के अनुसार, राज्य में अगले दो दिनों तक किसी बड़े बदलाव की संभावना नहीं है। अगले दो दिनों तक कई जिलों में सुबह-शाम हल्की धुंध और आंशिक बादल छाए रहेंगे। दिन का मौसम सामान्य रहने की उम्मीद है, जबकि रात के तापमान में गिरावट जारी है।

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28 नवंबर तक शुष्क रहेगा मौसम

मौसम विभाग ने बताया है कि 28 नवंबर तक राज्य में मौसम शुष्क बना रहेगा और इस दौरान किसी भी जिले में वर्षा की संभावना नहीं है। हवा की दिशा उत्तर-पश्चिमी बनी हुई है, जिसके कारण रात और सुबह में हल्की ठंड महसूस की जा रही है।

तापमान में गिरावट: मौसम विभाग की मानें तो आगामी 26, 27 और 28 नवंबर को रात का पारा और गिर सकता है।

धुंध का प्रभाव: सुबह के समय कई स्थानों पर हल्की धुंध छाने की संभावना है, जिस वजह से ग्रामीण इलाकों में शहरी क्षेत्रों के मुकाबले अधिक ठंड महसूस हो सकती है।

आगामी दो दिन: 25 नवंबर को मौसम में कोई बड़े बदलाव नहीं हैं, शुष्क मौसम के साथ हल्की धुंध का प्रभाव रहेगा।

बच्चों और बुजुर्गों के लिए विशेष सलाह

गिरते तापमान के मद्देनजर मौसम विशेषज्ञों ने नागरिकों के लिए खास सलाह दी है:

सुबह और शाम बाहर निकलते समय हल्के गर्म कपड़े पहनें।

बच्चों और बुजुर्गों को ठंड से बचाव के लिए अत्याधिक सावधानी बरतने की आवश्यकता है।

जमशेदपुर में ग्राहक बनकर पहुंची वन विभाग की टीम, प्रतिबंधित सफेद मूंगा के साथ चार तस्करों को दबोचा

झारखंड में इन दिनों प्रतिबंधित चीजों की कालाबाजारी जोरों पर है. ऐसा ही एक मामला जमशेदपुर शहर से भी सामने आया है, जहां वन विभाग की टीम ने प्रतिबंधित सफेद समुद्री कोरल (मूंगा) के साथ चार तस्करों को पकड़ा है. इस मूंगा की कीमत 10 से 15 लाख रुपए के बीच बताई जा रही है. वहीं इनका वजन करीब 3 किलो है. गुप्त सूचना के आधार पर यह कार्रवाई की गई है. गिरफ्तार तस्करों में से तीन लोग रांची के रहने वाले हैं, जबकि एक पश्चिम सिंहभूम का है.

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दीपक कुमार महतो, प्रमोद कैवता और अभय कुमार रांची के अलग-अलग थाना क्षेत्र के रहने वाले हैं. वहीं, चौथा तस्कर हरिचरण गोप पश्चिम सिंहभूम के गम्हरिया थाना क्षेत्र का रहने वाला है. जानकारी के अनुसार, जमशेदपुर के एक होटल में प्रतिबंधित सफेद समुद्री कोरल (मूंगा) की डील होनी थी. गुप्त सूचना के आधार पर वन विभाग की टीम और वन्य जीव अपराध नियंत्रण ब्यूरो के सदस्यों की एक टीम होटल में खरीददार बनकर पहुंची.

सफेद मूंगा के साथ चार तस्कर अरेस्ट

टीम को देखते ही तस्करों ने एक बैग से निकला मूंगा उनके सामने रख दिया. इसके बाद वन विभाग ने मूंगा को जब्त करते चारों तस्करों को दबोच लिया. जानकारों की मानें तो व्यापार और कारोबार में उन्नति के साथ-साथ घर में सुख-समृद्धि और गुड लक के लिए समुद्री कोरल को लोग अपने घरों में रखते हैं. इसके अलावा, सफेद समुद्री कोरल का उपयोग महंगे आभूषण बनाने में भी किया जाता है. समुद्री कोरल से खूबसूरत गहने जैसे हार, अंगूठी, कंगन आदि बनाए जाते हैं.

वन विभाग ने तस्करों के खिलाफ शुरू की कार्रवाई

इसी के चलते सफेद समुद्री कोरल की मार्किट में बहुत ज्यादा डिमांड रहती है. सरकार ने इसकी खरीद-बिक्री पर रोक लगा रखी है. बावजूद इसके मोटा पैसा कमाने के लिए तस्कर इसका व्यापार करते हैं. जमशेदपुर के होटल से पकड़े गए तस्करों के खिलाफ वन विभाग ने सख्त कार्रवाई शुरू कर दी है.

IITF 2025 में झारखंड पवेलियन बना आकर्षण का केंद्र; माइनिंग टूरिज्म मॉडल और पतरातू वैली का VR अनुभव देखने उमड़ी भारी भीड़

नई दिल्ली: भारतीय अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेला (IITF) 2025 में फोकस स्टेट के रूप में शामिल झारखंड पवेलियन शनिवार को अपने अनूठे माइनिंग टूरिज्म मॉडल के साथ सुर्खियों में रहा। पवेलियन में पूरे देश से आए आगंतुकों की भारी भीड़ देखी गई, जिन्होंने झारखंड पर्यटन को एक नए नजरिए से देखा और इसकी जमकर सराहना की।

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राज्य सरकार द्वारा बुनियादी ढांचा विकास, सांस्कृतिक संरक्षण और पर्यटन प्रमोशन पर जोर दिए जाने के कारण झारखंड देश के प्रमुख पर्यटन गंतव्यों में तेजी से उभर रहा है।

माइनिंग टूरिज्म: झारखंड की अनोखी पहल

पवेलियन में प्रदर्शित माइनिंग टूरिज्म की पहल राष्ट्रीय आकर्षण का केंद्र बनी। इस अनोखी पहल के तहत पर्यटक अब प्रशिक्षित गाइडों के साथ सक्रिय कोयला खदानों का भ्रमण कर सकते हैं।

यह पहल पर्यटकों को खनन प्रक्रियाओं, अत्याधुनिक मशीनों के संचालन और सुरक्षित खनन तकनीकों को समझने का मौका देगी, जिससे वे देश की अर्थव्यवस्था में झारखंड की अहम भूमिका का प्रत्यक्ष अनुभव प्राप्त कर सकेंगे।

VR अनुभव ने बढ़ाई दर्शकों की रुचि

झारखंड पवेलियन में स्थापित वर्चुअल रियलिटी (VR) अनुभव विशेष रूप से आकर्षण का केंद्र रहे। पर्यटन विभाग द्वारा विकसित इस प्रस्तुतीकरण के माध्यम से आगंतुक:

पतरातू वैली की भव्यता।

नेतरहाट, सारंडा फॉरेस्ट और बेतला नेशनल पार्क।

चांडिल डैम और पारसनाथ जैसे प्रमुख स्थलों को वर्चुअल रूप से अनुभव कर पाए।

धार्मिक और प्राकृतिक पर्यटन की झलक

पवेलियन में झारखंड की आध्यात्मिक धरोहर को भी विशेष रूप से प्रदर्शित किया गया। इसमें बैद्यनाथ धाम (देवघर), शक्तिपीठ हृदयपीठ और श्री बंशीधर मंदिर (जहाँ भगवान श्रीकृष्ण की 32 मन या 1280 किलोग्राम शुद्ध सोने से निर्मित प्रतिमा स्थापित है) की जानकारी दी गई।

विशेष रूप से, पतरातू वैली की भव्यता, जिसमें हरी वादियां, विशाल झील, बांध और बोटिंग सुविधाएं शामिल हैं, दर्शकों को उभरते हुए प्राकृतिक पर्यटन गंतव्य के रूप में आकर्षित कर रही हैं।

झारखंड विधानसभा की रजत जयंती: सीएम सोरेन बोले- 'बाबा शिबू सोरेन थे राज्य की आत्मा और स्वाभिमान के प्रतीक'; शहीद पुलिसकर्मियों को मिला सम्मान


रांची : झारखंड विधानसभा परिसर में आज (22 नवंबर 2025) झारखंड विधानसभा की 25वीं वर्षगांठ (रजत जयंती) के अवसर पर एक भव्य एवं ऐतिहासिक समारोह का आयोजन किया गया। इस समारोह में माननीय राज्यपाल श्री संतोष कुमार गंगवार और माननीय मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन मुख्य अतिथि के रूप में सम्मिलित हुए।

मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन ने विधानसभा की रजत जयंती पर सभी विधायकगणों, मंत्रिगणों, और कर्मचारियों को शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि 25 वर्षों का यह सफर प्रदेश के लिए अनेक अनुभवों से भरा रहा है, जो राज्य के विकास पथ पर निरंतरता का प्रतीक है।

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मुख्यमंत्री ने शिबू सोरेन को किया याद

मुख्यमंत्री ने झारखंड आंदोलन के पुरोधा और अपने पिता स्वर्गीय बाबा दिशोम गुरु शिबू सोरेन को याद किया। उन्होंने भावुक होते हुए कहा:

"यह अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है कि आज हमारे बीच आदरणीय बाबा दिशोम गुरु शिबू सोरेन जी नहीं हैं। वे न केवल हमारे लिए प्रेरणा स्रोत हैं, बल्कि वे झारखंड की आत्मा, संघर्ष और स्वाभिमान के प्रतीक हैं। उनके आदर्श और योगदान सदैव आने वाली पीढ़ियों के लिए मार्गदर्शक बने रहेंगे।"

सेवा का अधिकार और पारदर्शी प्रशासन

मुख्यमंत्री ने राज्य के विकास पर बात करते हुए कहा कि राज्य गठन के बाद गरीबी और कुपोषण के क्षेत्रों में अपेक्षित प्रगति नहीं हुई थी। हालांकि, वर्तमान सरकार ने आर्थिक, शैक्षणिक एवं सामाजिक सशक्तिकरण की दिशा में सुदृढ़ संकल्प लिया है।

उन्होंने कहा कि 'सेवा का अधिकार' जैसे अभिनव कार्यक्रमों के माध्यम से शासन की नीतियाँ सीधे जनता के द्वार तक पहुँचाई जा रही हैं। सरकार का मुख्य लक्ष्य प्रत्येक क्षेत्र में न्याय, पारदर्शिता एवं संवेदनशील प्रशासन सुनिश्चित करना है।

सम्मान और लोकार्पण

समारोह में कई महत्वपूर्ण कार्य किए गए:

उत्कृष्ट विधायक सम्मान: उत्कृष्ट माननीय विधायक के रूप में चयनित स.वि.स. श्री राज सिन्हा को मुख्यमंत्री ने बधाई दी।

शहीदों का सम्मान: देश की सीमा पर तथा नक्सल अभियान में शहीद हुए झारखंड राज्य के वीर पुलिस कर्मियों एवं सैनिकों को स्मृति-चिन्ह, प्रशस्ति-पत्र एवं सम्मान राशि प्रदान कर सम्मानित किया गया।

लोकार्पण: झारखंड विधानसभा की मासिक पत्रिका “उड़ान” के 99वें एवं 100वें अंक का लोकार्पण किया गया। इसके अतिरिक्त, माननीय सदस्यों का जीवन परिचय ग्रंथ "सदन संवाद" पुस्तक का भी लोकार्पण हुआ।

अन्य सम्मान: मुख्यमंत्री और विधानसभा अध्यक्ष ने राज्य के खिलाड़ियों, छात्रों, साहित्यकारों और पूर्व विधायकों को भी सम्मानित किया।

इस ऐतिहासिक समारोह में विधानसभा अध्यक्ष श्री रवींद्रनाथ महतो, नेता प्रतिपक्ष श्री बाबूलाल मरांडी, संसदीय कार्य मंत्री श्री राधाकृष्ण किशोर सहित तमाम मंत्रीगण, सांसदगण और विधायकगण उपस्थित रहे।

झारखंड रजत जयंती पर 'आपके द्वार' शिविरों में उमड़ा जनसैलाब; रांची में 60 से अधिक स्थानों पर ऑन द स्पॉट मिला योजनाओं का लाभ

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रांची: झारखंड राज्य स्थापना के गौरवशाली 25 वर्ष पूरे होने के रजत जयंती वर्ष में आज (22 नवंबर 2025) पूरे रांची जिले में "आपकी योजना, आपकी सरकार, आपके द्वार" कार्यक्रम के तहत बड़े पैमाने पर जनसेवा शिविरों का आयोजन हुआ।

ग्रामीण क्षेत्रों की पंचायतों से लेकर रांची नगर निगम के विभिन्न वार्डों तक कुल 60 से अधिक स्थानों पर सुबह से ही लोगों की भारी भीड़ देखी गई। एक ही छत के नीचे कई विभागों की योजनाओं की जानकारी, आवेदन, स्वीकृति तथा मौके पर ही परिसंपत्ति वितरण की सुविधा उपलब्ध होने से लोगों में भारी उत्साह का माहौल रहा।

उपायुक्त बोले: सही दिशा में बढ़ रहे हैं

उपायुक्त रांची, श्री मंजूनाथ भजन्त्री ने इस पहल पर संतोष व्यक्त करते हुए कहा:

"झारखंड की रजत जयंती का यह वर्ष हम सभी के लिए गर्व और संकल्प का वर्ष है। आज का जनसैलाब और लोगों के चेहरों पर मुस्कान बता रही है कि हम सही दिशा में आगे बढ़ रहे हैं।"

उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन पूरी तरह कटिबद्ध है कि कोई भी पात्र व्यक्ति योजनाओं के लाभ से वंचित न रहे।

शिविरों में प्रदान की गई मुख्य सुविधाएँ

शिविरों में जिला स्तरीय वरीय अधिकारी, बीडीओ, सीओ और विभागीय कर्मचारी सुबह से शाम तक डटे रहे और लाभुकों की समस्याओं का त्वरित निदान किया। मुख्य रूप से निम्नलिखित परिसंपत्तियों का वितरण और सुविधाएं प्रदान की गईं:

पेंशन और वस्त्र: सामाजिक सुरक्षा पेंशन (वृद्धावस्था, विधवा, दिव्यांग) के सैकड़ों स्वीकृति पत्रों का वितरण और सोना-सोबरन धोती-साड़ी-लुंगी योजना के तहत हजारों लाभुकों को वस्त्र वितरण।

दस्तावेज और प्रमाण पत्र: दाखिल-खारिज शुद्धि पत्र, लगान रसीद, जाति, आय, आवासीय प्रमाण-पत्रों का त्वरित निष्पादन, साथ ही आधार कार्ड नामांकन/सुधार और पैन कार्ड बनाने की सुविधा।

स्वास्थ्य और आवास: स्वास्थ्य विभाग द्वारा निःशुल्क जाँच, दवा वितरण, गोल्डेन कार्ड बनवाने की सुविधा, तथा प्रधानमंत्री आवास योजना और उज्ज्वला योजना की जानकारी और आवेदन की सुविधा।

दिव्यांग सहायता: दिव्यांगजनों को ट्राइसाइकिल, व्हीलचेयर, श्रवण यंत्र आदि का मौके पर वितरण।

यह कार्यक्रम सेवा का अधिकार सप्ताह के तहत 28 नवम्बर 2025 तक चलेगा, जिसमें जिले के शेष सभी पंचायतों एवं वार्डों को कवर किया जाएगा।

झारखंड-बंगाल में ED का सबसे बड़ा एक्शन: कोयला तस्करों के 42 ठिकानों पर छापेमारी, ₹2.20 करोड़ नकद जब्त; पुलिस-सरकारी अफसरों से लिंक का खुलासा

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रांची/धनबाद: शुक्रवार को प्रवर्तन निदेशालय (ED) की रांची और कोलकाता जोनल ऑफिस की संयुक्त कार्रवाई ने झारखंड और पश्चिम बंगाल में चल रहे कोयला तस्करी के सिंडिकेट में हड़कंप मचा दिया। जांच एजेंसी ने दोनों राज्यों में बड़े कोयला कारोबारियों और आउटसोर्सिंग संचालकों के कुल 42 ठिकानों पर छापेमारी की।

करोड़ों नकदी और डिजिटल साक्ष्य बरामद

ईडी ने झारखंड में 18 और पश्चिम बंगाल में 24 ठिकानों पर कार्रवाई की। यह कार्रवाई चार अलग-अलग ECIR (प्रवर्तन मामला सूचना रिपोर्ट) दर्ज कर शुरू की गई थी।

नकदी बरामदगी: रांची की जांच टीम ने अकेले ₹2.20 करोड़ नकदी बरामद की है। इसमें एक व्यक्ति के घर से ₹80 लाख और दूसरे के यहां से ₹80 लाख से अधिक नकदी मिली है।

अन्य बरामदगी: करोड़ों रुपये के गहने और जमीन के 14 डीड के साथ-साथ कई डिजिटल एविडेन्स भी जब्त किए गए हैं। चिरकुंडा थाना क्षेत्र के एक कोयला कारोबारी के घर से ₹21.5 लाख जब्त हुए हैं।

पुलिस और सरकारी अफसरों से लिंक

छापेमारी के दौरान जांच एजेंसी को सबसे महत्वपूर्ण साक्ष्य के रूप में झारखंड राज्य के पुलिस अफसरों और सरकारी पदाधिकारियों के साथ कोयला तस्करी के लिंक मिले हैं।

डिजिटल साक्ष्य: जांच टीम को कई डिजिटल साक्ष्य मिले हैं, जो बड़े पैमाने पर हो रही रोजाना कोयला तस्करी के प्रमाण हैं। इन चैट से आने वाले दिनों में बड़ा खुलासा होने की आशंका है।

बालू सिंडिकेट: यह बात भी सामने आई है कि अमर मंडल जामताड़ा और दुमका में बालू सिंडिकेट के नाम पर वसूली करता था। सिर्फ नाला इलाके से प्रतिदिन 200 ट्रकों से वसूली की जानकारी मिली है।

धनबाद के प्रमुख ठिकानों पर कार्रवाई

ईडी की टीम ने धनबाद में कई बड़े कोयला कारोबारियों और बीसीसीएल आउटसोर्सिंग संचालकों के यहां तलाशी ली:

एलबी सिंह: सरायढेला स्थित एलबी सिंह (देव प्रभा कंपनी के निदेशक) के घर में घुसने के लिए जांच टीम को सुरक्षा गार्ड द्वारा रोके जाने पर पुलिस बुलानी पड़ी। उनके घर, दफ्तर और अन्य ठिकानों पर पड़ताल हुई।

अन्य कारोबारी: संजय उद्योग के मालिक संजय खेमका, अनिल गोयल, हार्डकोक भट्ठा संचालक दीपक पोद्दार, गणेश अग्रवाल और हेमंत अग्रवाल सहित कई कारोबारियों के घरों, दफ्तरों और भट्ठों को खंगाला गया।

बंगाल में कार्रवाई: दुर्गापुर, हावड़ा, कोलकाता और पुरुलिया में भी अलग-अलग कारोबारियों के घरों और दफ्तरों में जांच की गई।

सेवा का अधिकार सप्ताह का सफल आगाज़: रांची में 20 स्थानों पर लगे 'आपकी योजना आपके द्वार' शिविर, हजारों लाभुकों को मिला ऑन द स्पॉट लाभ

रांची: झारखंड राज्य स्थापना के रजत जयंती वर्ष (रजत पर्व) के शुभ अवसर पर सेवा का अधिकार सप्ताह (21 से 28 नवम्बर 2025) के प्रथम दिवस आज रांची जिला में "आपकी योजना, आपकी सरकार, आपके द्वार" कार्यक्रम के तहत विशाल जनसेवा शिविरों का आयोजन किया गया।

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पहले ही दिन जिले के विभिन्न प्रखंडों की पंचायतों एवं नगर निकाय के वार्डों सहित 20 स्थानों पर शिविर लगाए गए। इन शिविरों में बड़ी संख्या में ग्रामीणजन एवं शहरवासी उमड़े और उन्हें एक ही छत के नीचे विभिन्न सरकारी योजनाओं का लाभ मिला। जिला स्तरीय वरीय पदाधिकारियों, बीडीओ-सीओ और विभागीय कर्मियों ने लाभुकों से सीधा संवाद स्थापित कर उनकी समस्याओं का त्वरित समाधान किया।

ऑन द स्पॉट परिसंपत्ति और प्रमाण पत्र वितरण

शिविरों में न केवल योजनाओं की जानकारी दी गई, बल्कि मौके पर ही परिसंपत्ति वितरण, स्वीकृति पत्र वितरण एवं आवश्यक दस्तावेज प्रदान किए गए। प्रमुख सुविधाएँ और वितरित परिसंपत्तियाँ इस प्रकार रहीं:

पेंशन स्वीकृति पत्र: सामाजिक सुरक्षा पेंशन (वृद्धावस्था, दिव्यांग, विधवा) के नवीन एवं लंबित स्वीकृति पत्रों का वितरण।

वस्त्र वितरण: सोना-सोबरन धोती-साड़ी-लुंगी योजना के तहत वस्त्रों का वितरण।

राजस्व एवं दस्तावेज: दाखिल-खारिज शुद्धि पत्र, आधार कार्ड, जाति, आवासीय और आय प्रमाण-पत्रों का त्वरित निष्पादन।

अन्य कल्याणकारी लाभ: विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के लाभुकों को परिसंपत्ति (जैसे ट्राईसाइकिल, व्हीलचेयर) का वितरण।

अंतिम छोर तक लाभ पहुँचाने का संकल्प

उपायुक्त रांची, श्री मंजूनाथ भजन्त्री ने कहा कि:

“रजत पर्व के इस पवित्र वर्ष में राज्य सरकार का संकल्प है कि अंतिम छोर के व्यक्ति तक सरकारी योजनाओं का लाभ पहुँचे। आपकी योजना, आपकी सरकार, आपके द्वार कार्यक्रम इसी संकल्प का जीवंत रूप है।”

उन्होंने जोर देकर कहा कि आगामी 28 नवम्बर तक चलने वाले इस सप्ताह में जिले के सभी प्रखंडों एवं वार्डों में शिविर आयोजित किए जाएँगे, ताकि कोई भी पात्र व्यक्ति सरकारी योजनाओं के लाभ से वंचित न रहे।