रायबरेली में आरटीओ वसूली रैकेट का भंडाफोड़, एसटीएफ ने दलाल और उसके साथी को पकड़ा
लखनऊ । उत्तर प्रदेश एसटीएफ ने रायबरेली में परिवहन विभाग से जुड़ी बड़ी कार्रवाई करते हुए अवैध वसूली रैकेट का पर्दाफाश किया है। फतेहपुर मार्ग से रायबरेली में प्रवेश करने वाले वाहनों से वसूली के मामले में एसटीएफ ने परिवहन विभाग की दलाली करने वाले मोहित और उसके अयोध्या निवासी साथी को गिरफ्तार कर लिया है। एसटीएफ की कार्रवाई के बाद परिवहन विभाग के अधिकारियों में हड़कंप मचा हुआ है। इस पूरे मामले में एआरटीओ प्रवर्तन अंबुज और पीटीओ रेहाना बानो समेत 11 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की प्रक्रिया चल रही है।

ट्रक से वसूले जा रहे थे 5,000 से 6,000

सूत्रों के अनुसार, फतेहपुर से रायबरेली की सीमा में प्रवेश करने वाले भारी वाहनों से अवैध वसूली की जा रही थी। इस वसूली में परिवहन विभाग के कुछ अधिकारी और उनके संरक्षण में काम करने वाले स्थानीय दलाल सक्रिय थे। प्रत्येक ट्रक से 5,000 से  6,000 तक की रकम वाहन चेकिंग अभियान के नाम पर ली जाती थी। आरोप है कि इस रकम का हिस्सा सीधे विभागीय अधिकारियों तक पहुंचाया जाता था।

एसटीएफ की छापेमारी और गिरफ्तारी

एसटीएफ लखनऊ की टीम को लंबे समय से सूचना मिल रही थी कि रायबरेली में परिवहन विभाग से जुड़े कुछ दलाल वाहनों से अवैध वसूली कर रहे हैं। मुख्यालय से निर्देश मिलने पर एसटीएफ ने छापेमारी की और दलाल मोहित तथा अयोध्या निवासी उसके साथी को गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में दोनों ने स्वीकार किया कि वे एआरटीओ प्रवर्तन अंबुज और पीटीओ रेहाना बानो के इशारे पर काम करते थे और एकत्र की गई रकम का बड़ा हिस्सा अधिकारियों को सौंपा जाता था।

इनके खिलाफ दर्ज कराया गया है मुकदमा

एसटीएफ के उपनिरीक्षक अमित कुमार तिवारी की तरफ से रायबरेली के लालगंज कोतवाली क्षेत्र के अंबारा पश्चिम मोहित सिंह, अयोध्या जिले के बेजू पुरवा टिहुरा निवासी ट्रक चालक सुनील यादव, एआरटीओ प्रवर्तन फतेहपुर पुष्पांजली, उनके चालक सिकंदर, यात्रीकर अधिकारी (पीटीओ) फतेहपुर अखिलेश चतुर्वेदी, उनके चालक अशोक तिवारी, एआरटीओ प्रवर्तन रायबरेली अंबुज, उनका दीवान नौशाद, पीटीओ रायबरेली रेहाना, उनका चालक सुशील और मिथुन के खिलाफ केस दर्ज कराया गया है।

यह नेटवर्क प्रदेश के कई जिलों में सक्रिय था

एसटीएफ सूत्रों के अनुसार, अयोध्या से एक अन्य आरोपी को भी गिरफ्तार किया गया है, जबकि अन्य की तलाश जारी है। जांच से यह भी पता चला है कि यह नेटवर्क प्रदेश के कई जिलों में सक्रिय था अधिकारी और दलाल मिलकर ट्रक चालकों से “चेकिंग” और “फाइल क्लियरेंस” के नाम पर मोटी रकम वसूलते थे। एसटीएफ अब इस मामले में धन के लेनदेन और बैंक खातों की जांच कर रही है।
जैश-ए-मोहम्मद नेटवर्क से जुड़ाव की जांच में डॉक्टर परवेज और शाहीन पर घिरा शिकंजा
लखनऊ । दिल्ली में हुए आतंकी हमले के बाद सामने आए फरीदाबाद आतंकी मॉड्यूल की जांच अब उत्तर प्रदेश तक पहुंच चुकी है। राजधानी लखनऊ के आईआईएम रोड स्थित मुत्तकीपुर इलाके में रहने वाले डॉक्टर भाई-बहन  डॉ. परवेज अंसारी और डॉ. शाहीन  अब जांच एजेंसियों के रडार पर हैं। दोनों से अलग-अलग पूछताछ के बाद अब आमना-सामना कराकर पूछताछ की तैयारी की जा रही है। जांच एजेंसियों का मानना है कि इस पूछताछ से आतंकी नेटवर्क के भीतर छिपे कई रहस्य उजागर हो सकते हैं।

भाई-बहन आमने-सामने, एजेंसियों की नजरें हर हावभाव पर

जम्मू-कश्मीर पुलिस और यूपी एटीएस की संयुक्त जांच में अब तक यह साफ हो चुका है कि डॉ. शाहीन और डॉ. मुजम्मिल की गतिविधियां संदिग्ध हैं। वहीं, डॉ. शाहीन का भाई डॉ. परवेज कई बार इन दोनों के संपर्क में पाया गया है। प्रारंभिक पूछताछ के बाद एजेंसियों ने अब निर्णय लिया है कि तीनों संदिग्धों को आमने-सामने बिठाकर पूछताछ की जाएगी, ताकि जवाबों में विरोधाभास या समानता की सटीक जांच की जा सके।

डॉ. परवेज केवल कीपैड फोन का करता था उपयोग

सूत्रों के अनुसार, डॉ. परवेज केवल कीपैड फोन का उपयोग करता था और बहुत सीमित लोगों से ही संपर्क रखता था। उसके घर के बाहर बुधवार को दिनभर सन्नाटा पसरा रहा। तकवा कॉलोनी के निवासी घरों में दुबके रहे। स्थानीय लोगों में चर्चा थी कि डॉ. परवेज का नाम आतंक कनेक्शन में सामने आना चौंकाने वाला है, क्योंकि वह वर्षों से किसी सामाजिक गतिविधि में शामिल नहीं होता था।

मुहल्ले में किसी से बात चीत नहीं करता था परवेज

पड़ोसियों ने बताया कि परवेज पहले कैसरबाग के खंदारी बाजार क्षेत्र में रहता था, जहां वह अक्सर क्रिकेट खेलता था। धीरे-धीरे उसने लोगों से संपर्क तोड़ लिया और सोशल मीडिया पर भी लगभग निष्क्रिय हो गया। उसके व्हाट्सएप डीपी पर केवल सीनरी की फोटो लगी थी, और बातचीत में वह केवल चिकित्सकीय सलाह देने तक सीमित रहता था।तकवा कॉलोनी के एक बुजुर्ग ने कहा, वह किसी से बहुत बात नहीं करता था। नमाज पढ़ने आता तो बस सलाम-दुआ कर चला जाता। कुछ समय पहले मस्जिद में मोबाइल पर कुरान पढ़ने को लेकर उसका विवाद भी हुआ था, जिसके बाद वह कुछ दिनों तक मस्जिद आना बंद कर दिया।

घर से बरामद कार की फोरेंसिक जांच शुरू

बुधवार को एटीएस और जम्मू-कश्मीर पुलिस ने मुत्तकीपुर स्थित परवेज के घर की तलाशी ली। घर के बाहर खड़ी एक कार को जब्त कर मड़ियांव थाने भेजा गया। सूत्रों के अनुसार, कार की फोरेंसिक जांच कराई जाएगी, ताकि यह पता लगाया जा सके कि क्या उसका इस्तेमाल किसी संदिग्ध गतिविधि या रासायनिक पदार्थों के परिवहन में हुआ था। जांच एजेंसियां इस बात की भी पुष्टि करना चाहती हैं कि वाहन किसी दूसरे स्थान पर संदिग्धों के संपर्क में तो नहीं गया।

कट्टरपंथ की राह या चिकित्सक का भ्रम?

जम्मू-कश्मीर पुलिस ने परवेज को फरीदाबाद ले जाकर पूछताछ शुरू कर दी है। शुरुआती जांच में संकेत मिले हैं कि परवेज कट्टर विचारधारा से प्रभावित था। हालांकि अब तक किसी आतंकी गतिविधि में सीधे तौर पर उसकी संलिप्तता के सबूत नहीं मिले हैं। एजेंसियां अब उसके मोबाइल, लैपटॉप, टैबलेट और हार्ड डिस्क को खंगाल रही हैं, जिनसे उसकी ऑनलाइन गतिविधियों और संपर्कों का नेटवर्क सामने आ सके।

शादी के बहाने बनी आतंकी साजिश की डोर

जांच में यह भी सामने आया है कि परवेज हाल ही में सहारनपुर में तैनात डॉ. आदिल अहमद की शादी में शामिल हुआ था। इस शादी में मौजूद डॉ. बिलाल और डॉ. असलम जैदी के नाम भी संदिग्ध सूची में आए हैं। शादी में शामिल अन्य मेहमानों की भी क्रॉस-वेरिफिकेशन प्रक्रिया चल रही है।सूत्रों का कहना है कि यह वही शादी थी, जिसने फरीदाबाद के डॉक्टर मॉड्यूल से जुड़ी कई कड़ियों को जोड़ने का रास्ता दिखाया।

कई संभावित ठिकानों पर छापेमारी जारी

एटीएस और आईबी की टीमें अब फरीदाबाद, लखनऊ, और सहारनपुर के बीच हर कनेक्शन को खंगाल रही हैं। जम्मू-कश्मीर पुलिस से मिले इनपुट के आधार पर कई संभावित ठिकानों पर छापेमारी जारी है। सूत्रों का कहना है कि जांच आगे बढ़ने पर जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी नेटवर्क से कुछ लिंक सामने आने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता। तकवा कॉलोनी के लोग अब भी सदमे में हैं। एक बुजुर्ग निवासी ने कहा, यहां बाहरी लोग आकर घर बनाते हैं, फिर उनके ऐसे कामों से गांव की बदनामी होती है। हम तो सिर्फ यही चाहते हैं कि सच्चाई जल्द सामने आए।


डॉ शाहीन से मेरे परिवार का कोई वास्ता नहीं, जांच में करेंगे सहयोग: भाई शोएब

दिल्ली विस्फोट मामले में फरीदाबाद से पकड़ी गई महिला डॉ. शाहीन और उसके भाई डॉ.परवेज का नाम आने पर उनके परिजन सदमे में हैं। डॉ शाहीन के भाई शोएब ने दावा किया है कि उसका और उसके परिवार का शाहीन से कोई वास्ता नहीं है। वे एजेंसियों की जांच में पूरा सहयोग करेंगे। परवेज के घर में तलाशी के दौरान जांच अधिकारियों के हाथ कुछ चीजें लगी हैं, जिससे उसके विदेशों से संपर्क होने का बड़ा खुलासा एटीएस और जांच एजेंसियां कर सकती है। दरअसल एटीएस की गिरफ्त में आई डॉ. शाहीन के पिता सईद अंसारी से पूछताछ के बाद अब जांच एजेंसियों ने उसके भाई शोएब से भी कई घंटों पूछताछ की थी। घर में तलाशी और परिवार का मोबाइल चेक किया गया।

शोएब ने पत्रकारों को बताया कि जांच एजेंसी मेर घर आई थी।

आतंकी गतिविधियों में संलिप्त डॉ. शाहीन का परिवार लखनऊ में रहता है। उसके घर पर यूपी एटीएस, जम्मू कश्मीर पुलिस और सुरक्ष जांच एजेंसी लगातार डेरा डाले हुए है। पिता से पूछताछ के दौरान जांच एजेंसी कोई कई अहम जानकारी मिली थी। वहीं, उसके भाई शोएब के घर पर भी यूपी एटीएस ने छापा मारा था। शोएब ने पत्रकारों को बताया कि जांच एजेंसी मेर घर आई थी। सामान्य तरीके से परिवार और मुझसे पूछताछ की, जो भी जानकारी उनके पास थी, वो सब बता दिया है। वे और उनका परिवार जांच एजेंसियों का सहयोग कर रहे हैं और करेंगे। दिल्ली विस्फोट में जो भी शामिल हैं, वे अपराधी हैं, लेकिन उनकी बहन और भाई का नाम आने पर उन्हें अब भी विश्वास नहीं हो रहा कि वो लोग ऐसा कर सकते हैं।

विदेश में रहने का दबाव बनाती थी शाहीन : पूर्व पति जफर हयात

आतंकी गतिविधियों में संलिप्ता के आरोप में गिरफ्तार शाहीन के पहले पति डॉ. जफर हयात कानपुर के एक सरकारी अस्पताल में तैनात हैं। जफर हयात ने बताया कि वह शादी के कुछ साल बाद से विदेश में बसने की जिद्द करती थी, लेकिन उन्होंने यह कहकर मना कर दिया था कि हमारा परिवार और सारे रिश्तेदार यहीं हैं। उन्होंने बताया कि आपसी मनमुटाव के चलते हमारा तलाक हो चुका है। दोनों बच्चे उनके पास ही रहते हैं। उन्हें कोई जानकारी नहीं थी कि शाहीन आतंकी संगठनों के सम्पर्क में है। कभी वो अपने बच्चों से भी बात नहीं करती थी। डॉ. शाहीन के भाई परवेज की तलाश में मंगलवार को एटीएस ने आईआईएम रोड के मुतक्कीपुर गांव की तकवा कालोनी में उसके घर पर छापा मारा था।

डॉ. परवेज को लेकर हो सकता है बड़ा खुलासा

छह साल पहले ही उसने यह मकान बनवाया था। घर पर कोई नहीं मिला, लेकिन छानबीन के दौरान जांच टीम को इलेक्ट्रानिक उपकरण और कई अहम दस्तावेज मिले हैं। परवेज आतंकी गतिविधियों में शामिल व विदेशों में बैठे लोगों के संपर्क में था या नहीं यह जल्द ही खुलासा हो सकेगा। पुलिस के एक अधिकारी ने नाम न छपने की शर्त पर बताया कि डॉ. शाहीन और परवेज के परिवार से पूछताछ के दौरान कुछ जानकारियां हासिल हुई हैं। परवेज के घर पर छापेमारी के दौरान मिले कुछ चीजों के बारे में उससे जांच एजेंसी पूछताछ कर रही है। जांच में जो भी तथ्य सामने आएंगे वो मीडिया से साझा किया जाएगा।
यातायात नियमों की अनदेखी पर 3902 चालान, 21 वाहन किए गए सीज


लखनऊ । यातायात माह 2025 के अंतर्गत राजधानी लखनऊ में पुलिस द्वारा सड़क सुरक्षा और नियम पालन को लेकर लगातार जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। इसके बावजूद बड़ी संख्या में वाहन चालक यातायात नियमों की अनदेखी करते पाए जा रहे हैं। यातायात व्यवस्था को सुव्यवस्थित बनाए रखने हेतु जनपद के प्रमुख चौराहों और तिराहों पर तैनात यातायात निरीक्षकों व उपनिरीक्षकों ने नियम तोड़ने वालों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की है।

तीन सवारी बैठाने के 180 वाहनों का किया चालान

पुलिस द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार अब तक कुल 3902 चालान किए गए हैं। इनमें सबसे अधिक मामले दोपहिया वाहनों पर हेल्मेट न पहनने के सामने आए हैं, जिनकी संख्या 2702 है। इसके अलावा नो-पार्किंग नियमों के उल्लंघन के 665, दोषपूर्ण नंबर प्लेट के 115, बिना बीमा के 70, रॉन्ग साइड ड्राइविंग के 70 और तीन सवारी बैठाने के 180 चालान किए गए। वहीं, गंभीर उल्लंघनों के चलते कुल 21 वाहन सीज भी किए गए हैं।

यातायात का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई रहेगी जारी

डीसीपी ट्रैफिक कमलेश दीक्षित ने बताया कि शहर के विभिन्न स्थानोंहजरतगंज, चारबाग, अलीगंज, इंदिरा नगर, गोमतीनगर आदि क्षेत्रों में यह अभियान प्रतिदिन चलाया जा रहा है। लोगों को नियमों के प्रति जागरूक करने के बावजूद यदि वे उल्लंघन करते हैं, तो उनके खिलाफ कार्रवाई जारी रहेगी।यातायात पुलिस ने आमजन से अपील की है कि वे सड़क सुरक्षा को लेकर जिम्मेदारी दिखाएं, यातायात नियमों का पालन करें और पुलिस के सहयोग से राजधानी की यातायात व्यवस्था को सुचारु बनाए रखें।
जनजातीय उत्सव के चलते लखनऊ में ट्रैफिक डायवर्जन लागू, 1090 और इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान के आसपास रहेगा असर
लखनऊ । राष्ट्रीय जनजातीय भागीदारी उत्सव के तहत आज से 18 नवम्बरतक राजधानी लखनऊ में विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। इस दौरान भारी भीड़ और सुरक्षा व्यवस्था को देखते हुए यातायात पुलिस ने कई प्रमुख मार्गों पर डायवर्जन व्यवस्था लागू की है।

1090 चौराहा पर कार्यक्रम के दौरान इस प्रकार रहेगी यातायात व्यवस्था

-डिगडिगा व ताज अण्डरपास की तरफ से आने वाला यातायात समतामूलक चौराहा से 1090 की तरफ नही जा सकेगा, बल्कि यह यातायात समतामूलक चौराहा से बैराज रोड होते हुये पीएनटी बालू अड्डा से डालीबाग तिराहा, सिकन्दरबाग चौराहा होकर अथवा आरआर बन्धा चौराहा से पेपरमिल तिराहा से सिकन्दरबाग चौराहा होते हुये अपने गन्तव्य को जा सकेगा।
-पीएनटी बालू अड्डा से आने वाला यातायात 1090 चौराहा की तरफ प्रतिबन्धित रहेगा, बल्कि यह यातायात बैराज रोड से समतामूलक चौराहा होते हुये अपने गन्तव्य को जा सकेगा।
-डालीबाग तिराहा की तरफ से जियामऊ मोड, 1090 चौराहा की तरफ सामान्य यातायात प्रतिबन्धित रहेगा, बल्कि यह यातायात सिकन्दरबाग चौराहा होकर अपने गन्तव्य को जा सकेगा।
-बन्दरियाबाग चौराहा की तरफ से आने वाला यातायात गोलफ क्लब चौराहा, 1090 चौराहा की तरफ प्रतिबन्धित रहेगा, बल्कि यह यातायात बन्दरियाबाग चौराहा, डीएसओ चौराहा, हजरतगंज चौराहा होकर अपने गन्तव्य को जा सकेगा।
-हजरतगंज चौराहा से पार्क रोड होकर जाने वाला सामान्य यातायात गोल्फ क्बल चौराहा, 1090 चौराहा की तरफ प्रतिबन्धित रहेगा, बल्कि यह यातायात हजरतगंज से सिकन्दरबाग चौराहा से पेपरमिल होकर अपने गन्तव्य को जा सकेगा।
-गोमतीनगर व अम्बेडकर उद्यान चौराहा से सामाजिक परिवर्तन स्थल ढ़ाल से 1090 चौराहा की तरफ आने वाला यातायात प्रतिबन्धित रहेगा, बल्कि यह यातायात ताज अण्डरपास से समतामूलक चौराहा से बैराजरोड अथवा आरआर बंधा होकर अपने गन्तव्य को जा सकेगा।

इन्दिरा गांधी प्रतिष्ठान पर कार्यक्रम के दौरान

-विजयीपुर अण्डरपास की तरफ से सामान्य यातायात इन्दिरा गांधी प्रतिष्ठान चौराहा की तरफ नही जा सकेगे, बल्कि यह यातायात कमता तिराहा, पॉलीटेक्निक चौराहा अथवा शहीद पथ होकर अपने गन्तव्य को जा सकेगे।
-न्यू हाई कोर्ट मोड़/तिराहा से सामान्य यातायात इन्दिरा गांधी प्रतिष्ठान चौराहा की तरफ नही जा सकेगे, बल्कि यह यातायात कमता तिराहा, शहीद पथ अथवा पॉलीटेक्निक चौराहा होकर अपने गन्तव्य को जा सकेगे। -पिकप पुल की तरफ से सामान्य यातायात इन्दिरा गांधी प्रतिष्ठान चौराहा की तरफ नही जा सकेगे, बल्कि यह यातायात पॉलीटेक्निक चौराहा होकर अपने गन्तव्य को जा सकेगे।
-मेघा मोटर्स तिराहा की तरफ से सामान्य यातायात इन्दिरा गांधी प्रतिष्ठान चौराहा की तरफ नही जा सकेगे, बल्कि यह यातायात समिट बिल्डिंग तिराहा, विजयीपुर अथवा गोमतीनगर रेलवे स्टेशन मार्ग होकर अपने गन्तव्य को जा सकेगे।

केवल इन वाहनों को आने-जाने की रहेगी छूट

यातायात पुलिस ने नागरिकों से अनुरोध किया है कि वे कार्यक्रम अवधि में निर्धारित डायवर्जन मार्गों का पालन करें और अनावश्यक जाम से बचने के लिए यात्रा की पूर्व योजना बनाएं। साथ ही चिकित्सकीय आपातकाल की स्थिति में एम्बुलेंस आदि वाहनों को प्रतिबंधित मार्गों से गुजरने की अनुमति दी जाएगी। इस दौरान सहायता हेतु ट्रैफिक कंट्रोल नंबर 9454405155 पर संपर्क किया जा सकता है।
वेतन कटने से नाराज बिजली आउटसोर्स कर्मचारियों नें किया प्रदर्शन


* 14 नवम्बर को एमडी, मध्यांचल कार्यालय पर किया जाएगा प्रदर्शन
* बायोमेट्रिक सिस्टम के आदेश के बावजूद मोबाइल से अटेंडेंस का दबाव

* बिना एंड्रॉयड मोबाइल वाले कर्मियों का वेतन रोकने पर बढ़ा आक्रोश

लखनऊ। उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन प्रबन्धन द्वारा क्षेत्रीय कार्यालयों में बायोमेट्रिक सिस्टम स्थापित करने का आदेश जारी किया गया था, लेकिन डिस्काम अधिकारियों ने सिस्टम लगाने के बजाय आउटसोर्स कर्मचारियों पर अपने मोबाइल फोन से फेस अटेंडेंस लगाने का दबाव बनाया। प्रबंधन ने शुरुआत में एक मोबाइल से तीन कर्मचारियों का फेस अटेंडेंस लगाने की व्यवस्था की थी, किन्तु 1 सितम्बर 2025 से इसे बदलकर एक मोबाइल से केवल एक कर्मचारी की उपस्थिति दर्ज करने की व्यवस्था कर दी गई।

इस बदलाव के चलते जिन कर्मचारियों के पास एंड्रॉयड मोबाइल नहीं था, उनका फेस अटेंडेंस लगना बंद हो गया और उनका वेतन रोक दिया गया। उदाहरण स्वरूप, विद्युत नगरीय वितरण खण्ड राजाजीपुरम (लेसा) लखनऊ के 33/11 केवी पाल तिराहा उपकेन्द्र पर कार्यरत हेमराज को सितम्बर 2025 से मध्यांचल डिस्काम द्वारा वेतन का भुगतान नहीं किया जा रहा है। ऐसे सैकड़ों कर्मचारी इस समस्या से जूझ रहे हैं, जबकि खंडीय कार्यालयों द्वारा उनकी उपस्थिति प्रतिमाह सत्यापित कर डिस्काम कार्यालयों को भेजी जा रही है।

आउटसोर्स कर्मचारियों का आरोप है कि अक्टूबर 2025 में 8 घंटे और 26 दिन से अधिक कार्य करने के बावजूद न तो अतिरिक्त वेतन दिया गया और न ही नियमित भुगतान किया गया। उल्टा कई कर्मचारियों के 4 से 6 दिन के वेतन की कटौती की गई है। इससे आक्रोशित कर्मचारियों ने अधीक्षण अभियंता विद्युत नगरीय वितरण मंडल तृतीय तालकटोरा और मुख्य अभियंता मध्य जोन चौक कार्यालय का घेराव किया तथा घोषणा की कि 14 नवम्बर 2025 को एमडी, मध्यांचल कार्यालय पर प्रदर्शन किया जाएगा।

कर्मचारियों का कहना है कि यदि कटे हुए वेतन का भुगतान शीघ्र नहीं किया गया तो बड़े पैमाने पर आंदोलन किया जाएगा, जिसकी जिम्मेदारी मध्यांचल प्रबंधन की होगी।

इस संबंध में उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन निविदा संविदा कर्मचारी संघ, लखनऊ ने भी विद्युत नगरीय वितरण मंडल नवम, इंदिरा नगर लखनऊ में अधीक्षण अभियंता के माध्यम से अध्यक्ष, पावर कारपोरेशन को ज्ञापन सौंपते हुए वर्टिकल व्यवस्था लागू न करने का अनुरोध किया है।
इंडोनेशिया में भारत का गौरव बढ़ाने वाली छात्रा संजना कुमारी की उपलब्धि पर सरकार को गर्व: नरेंद्र कश्यप

* मंत्री ने डॉ. शकुंतला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय की छात्रा संजना को अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में कांस्य पदक जीतने पर दी बधाई


लखनऊ। उत्तर प्रदेश के पिछड़ा वर्ग कल्याण एवं दिव्यांगजन सशक्तिकरण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) नरेंद्र कश्यप ने डॉ. शकुंतला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय, लखनऊ की छात्रा संजना कुमारी को “Indonesia Para Badminton International Tournament 2025” में कांस्य पदक जीतने पर हार्दिक बधाई और शुभकामनाएँ दी हैं। उन्होंने विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. संजय सिंह, निदेशक (खेल एवं योग प्रकोष्ठ) प्रो. पांडेय राजीवनयन तथा बैडमिंटन कोच  इरशाद अहमद को भी बधाई दी।

मंत्री कश्यप ने कहा कि  संजना जैसी प्रतिभाशाली छात्राएँ दिव्यांगजन सशक्तिकरण का सजीव उदाहरण हैं। उन्होंने न केवल अपनी मेहनत से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत का झंडा ऊँचा किया है, बल्कि प्रदेश के हजारों युवाओं और विशेष रूप से दिव्यांगजन विद्यार्थियों को प्रेरणा दी है।

संजना कुमारी ने 29 अक्टूबर से 2 नवम्बर 2025 तक इंडोनेशिया में आयोजित इस प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट में भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए महिला युगल वर्ग (SL-3 - SU-5) में शानदार प्रदर्शन कर विश्वविद्यालय, उत्तर प्रदेश और देश का नाम गौरवान्वित किया है। उनकी इस उपलब्धि ने यह सिद्ध कर दिया है कि परिश्रम, आत्मविश्वास और लगन से कोई भी बाधा सफलता के मार्ग में रुकावट नहीं बन सकती।
नगराम में पटाखा गोदाम में भीषण धमाका, पराली की आग से हुआ विस्फोट, मचा हड़कंप

लखनऊ । राजधानी  के नगराम थाना क्षेत्र में बुधवार सुबह करीब 11:40 बजे बड़ा हादसा टल गया। क्षेत्र के गढ़ा गांव में स्थित एक लाइसेंसी पटाखा गोदाम में अचानक भीषण विस्फोट हो गया। बताया जा रहा है कि पराली जलाने से उठी आग गोदाम तक पहुंच गई, जिसके बाद वहां रखे पटाखों में विस्फोट हो गया।

इलाके में धुआं ही धुआं फैला, कोई हटाहत नहीं

धमाके की आवाज दूर तक सुनाई दी और आसपास के इलाके में धुआं ही धुआं फैल गया। गनीमत रही कि इस हादसे में कोई हताहत नहीं हुआ, लेकिन घटना से आसपास के लोगों में दहशत फैल गई।सूचना मिलते ही डीसीपी साउथ और नगराम थाना प्रभारी विवेक कुमार चौधरी पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे। इसके अलावा दमकल की तीन गाड़ियां तत्काल घटनास्थल पर पहुंचीं और आग बुझाने का प्रयास शुरू किया गया।

खेतों के बीच बना हुआ है मकान

गोदाम का स्वामित्व इशरत जहां नामक महिला का बताया जा रहा है। यह मकान खेतों के बीच बना हुआ है, जहां पटाखों के निर्माण व भंडारण का कार्य किया जा रहा था। प्रारंभिक जांच में यह स्पष्ट हुआ कि खेत में पराली जलाने के दौरान उठी लपटें मकान तक पहुंचीं, जिसके कारण वहां रखे पटाखों में आग लग गई और विस्फोट हुआ।फिलहाल, नगराम पुलिस टीम घटना की जांच में जुटी है और यह पता लगाने का प्रयास कर रही है कि गोदाम में पटाखों का भंडारण नियमों के अनुरूप था या नहीं।

खेतों में पराली जलाने से पटाखा फैक्ट्री तक पहुंची आग

डीसीपी साउथ ने बताया कि वैध लाइसेंस धारक इशरत अली की पटाखा फैक्ट्री जिसके भंडारण एवं निर्माण के लाइसेंस की वैद्यता 2027 तक है, में आग लगने की सूचना प्राप्त हुई । सूचना पर तत्काल ही थाना नगराम पुलिस टीम द्वारा मौके पर पहुंचकर जांच की गई तो ज्ञात हुआ की फैक्ट्री के आसपास खेतों में पराली जलाने से उठी चिंगारी भंडारण स्थल तक पहुंच जाने के कारण पटाखा फैक्ट्री में आग पहुंच गई जिसके कारण वहां रखे पटाखों में आग लग गई है, मौके पर फायर ब्रिगेड द्वारा आग पर काबू पा लिया गया है।  प्रथम दृष्टया घटना में किसी के भी हताहत अथवा घायल होने की कोई सूचना नहीं है।
मिशन शक्ति 5.0: नाबालिग यौन अपराध के दोषी को लखनऊ में 10 साल की सजा
लखनऊ।  पुलिस के मिशन शक्ति 5.0 और ऑपरेशन कन्विक्शन के तहत एक महत्वपूर्ण सफलता सामने आई है। थाना मोहनलालगंज क्षेत्र में नाबालिग पीड़िता के साथ यौन शोषण करने वाले मातादीन पुत्र बेचालाल को अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश व विशेष न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट की अदालत ने दोषी ठहराते हुए 10 वर्ष का कठोर कारावास और 50,000 रुपये का अर्थदण्ड सुनाया है। यह फैसला पुलिस और अभियोजन पक्ष की सशक्त तैयारी और प्रभावी पैरवी का परिणाम है। लखनऊ पुलिस के अनुसार, ऑपरेशन कन्विक्शन का उद्देश्य अपराधियों पर नियंत्रण पाकर उन्हें कठोरतम सजा दिलाना है, जिससे समाज में महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।

आरोपी के अनैतिक कृत्य से नाबालिग हो गई गर्भवती

14 अप्रैल 2016 को थाना मोहनलालगंज में शिकायत दर्ज कराई गई कि आरोपी मातादीन ने नाबालिग पीड़िता के साथ अनैतिक कृत्य किया, जिससे वह गर्भवती हो गई। पुलिस ने तत्काल मुकदमा पॉक्सो एक्ट के तहत दर्ज कर विवेचना शुरू की। अभियुक्त को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया गया और दो माह 16 दिवस में आरोप पत्र दाखिल किया गया।

पुलिस और अभियोजन की भूमिका

मामले की त्वरित सुनवाई सुनिश्चित करने के लिए पुलिस आयुक्त लखनऊ और संयुक्त पुलिस आयुक्त (अपराध) के निर्देशन में दक्ष टीम गठित की गई। पुलिस उपायुक्त (दक्षिणी) के पर्यवेक्षण में प्रभारी निरीक्षक थाना मोहनलालगंज की टीम ने मजबूत सबूत जुटाए। थाना प्रभारी  दिलेश कुमार सिंह और पैरोकार सुनील कुमार के अथक प्रयास तथा अभियोजन पक्ष के अधिवक्ता अभिषेक उपाध्याय की प्रभावी पैरवी से अभियुक्त को दोषी ठहराने में सफलता मिली।

अर्थदण्ड न देने पर तीन माह का और भुगतना होगा कारावास

मंगलवार को अदालत ने अभियुक्त मातादीन को 10 वर्ष का कठोर कारावास और 50,000 रुपये का अर्थदण्ड सुनाया। दोषी को 10-10 वर्ष की सजा और समान रूप से 25,000-25,000 रुपये के अर्थदण्ड दिए गए। अर्थदण्ड न अदा करने पर अतिरिक्त तीन माह का साधारण कारावास भी भुगतना होगा।पुलिस उपायुक्त महिला अपराध ममता रानी चौधरी ने कहा, यह फैसला समाज को सशक्त संदेश देता है कि महिला एवं बाल सुरक्षा के प्रति लखनऊ पुलिस पूरी तरह प्रतिबद्ध है। ऐसे जघन्य अपराधियों को कठोरतम दंड दिलाने के लिए हम हर स्तर पर निरंतर कार्यरत हैं।
अब प्रदेश में संपत्ति मूल्यांकन होगा और आसान, एकीकृत दर सूची प्रारूप लागू
प्रदेश में दर सूचियों का मानकीकरण पारदर्शिता की दिशा में बड़ा कदम : रवींद्र जायसवाल

स्टांप एवं पंजीयन विभाग ने दर सूची का सरलीकरण किया, नागरिक बिना सहायता स्वयं कर सकेंगे मूल्यांकन


लखनऊ। प्रदेश के स्टांप तथा पंजीयन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रवींद्र जायसवाल ने बताया कि प्रदेश के विभिन्न जनपदों में प्रचलित दर सूचियों में सुधार, सरलीकरण और मानकीकरण के क्रम में एकीकृत दर सूची प्रारूप तैयार किया गया है। इस नई व्यवस्था से अब सम्पूर्ण प्रदेश में एकरूप, सरल और बोधगम्य दर सूची प्रारूप लागू होगा, जिससे आम नागरिक बिना किसी तकनीकी सहायता के अपनी संपत्ति के मूल्यांकन एवं स्टाम्प शुल्क के आगणन में सक्षम हो सकेंगे।
मंत्री जायसवाल ने विधानसभा कक्ष संख्या-80 में मीडिया प्रतिनिधियों से वार्ता करते हुए कहा कि अब प्रदेश के सभी उपनिबन्धक कार्यालयों में भिन्न-भिन्न प्रारूपों की जगह एक समान दर सूची लागू की जाएगी। इस नई दर सूची में नगरीय, अर्द्धनगरीय और ग्रामीण तीन शीर्षकों के अंतर्गत सम्पूर्ण क्षेत्राधिकार को 15 श्रेणियों में विभाजित किया गया है, जिससे वर्ष 2013 से प्रभावी जटिल दर सूची की विसंगतियों का समाधान किया जा सकेगा।
उन्होंने बताया कि दर सूची के सरलीकरण में कृषक, अकृषक और वाणिज्यिक भूखण्डों के लिए पृथक-पृथक श्रेणियां बनाई गई हैं, ताकि मूल्यांकन अधिक यथार्थ और पारदर्शी हो सके। सड़क से संलग्न एवं सड़क से दूर स्थित भूखण्डों के मूल्यांकन हेतु स्पष्ट व्यवस्था की गई है, जिससे अनावश्यक अदालती मुकदमों और आपसी विवादों की संभावनाएं समाप्त होंगी।
मंत्री जायसवाल ने कहा कि मूल्यांकन प्रणाली में कृषि फार्म, अर्द्ध-वाणिज्यिक, आवासीय वाणिज्यिक, मिश्रित सम्पत्ति, एकल वाणिज्यिक अधिष्ठान, होटल, अस्पताल, पेट्रोल पंप, सिनेमाहॉल, कोचिंग सेन्टर आदि के लिए पृथक दरें निर्धारित की गई हैं। साथ ही, निर्माण की आयु के आधार पर 20 से 50 प्रतिशत तक मूल्यह्रास की सरल व्यवस्था की गई है।
उन्होंने बताया कि वृक्षों के मूल्यांकन के लिए भी पूरे प्रदेश में एक समान मानक लागू किया गया है, जिससे वृक्षों की आयु के अनुसार मूल्यांकन होगा। साथ ही, एक ही आराजी नम्बर में कृषक व अकृषक भूमि होने की स्थिति में मूल्य निर्धारण हेतु वैज्ञानिक व तर्कसंगत प्रणाली लागू की गई है, जिससे वास्तविक मूल्य निर्धारण सुनिश्चित होगा और अनावश्यक स्टाम्प विवादों में कमी आएगी।
मंत्री रवींद्र जायसवाल ने कहा कि यह एकीकृत दर सूची न केवल प्रदेश में पारदर्शिता और समानता सुनिश्चित करेगी, बल्कि आम नागरिकों के लिए संपत्ति पंजीकरण प्रक्रिया को अधिक सहज एवं जनोन्मुख बनाएगी। इस अवसर पर महानिरीक्षक निबंधन नेहा शर्मा भी उपस्थित रही।
प्रदेश में उर्वरकों की पर्याप्त उपलब्धता : कृषि मंत्री

* प्रदेश के कृषकों को किसी भी प्रकार की कमी नहीं होने दी जाएगी : सूर्य प्रताप शाही

लखनऊ । प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही की अध्यक्षता में मंगलवार को विधानसभा स्थित नवीन भवन में उर्वरक समीक्षा बैठक आहूत की गई। बैठक में मंत्री द्वारा बताया गया कि प्रदेश में वर्तमान समय में 12.68 लाख मीट्रिक टन यूरिया, 3.87 लाख मीट्रिक टन डीएपी, 4.11 लाख मीट्रिक टन एनपीके, 2.74 लाख मीट्रिक टन एसएसपी एवं 0.85 लाख मीट्रिक टन एमओपी उर्वरक कृषकों के क्रय हेतु उपलब्ध है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार निरंतर भारत सरकार के संपर्क में रहकर उर्वरकों की आपूर्ति को सुचारू बनाए हुए है और किसानों को किसी प्रकार की कमी नहीं होने दी जाएगी।
बैठक में यह भी बताया गया कि 01 नवम्बर से 10 नवम्बर 2025 के बीच प्रदेश में 1.82 लाख मीट्रिक टन यूरिया, 1.93 लाख मीट्रिक टन डीएपी एवं 1.19 लाख मीट्रिक टन एनपीके की बिक्री दर्ज की गई है। केवल सहकारी समितियों के माध्यम से 49,513 मीट्रिक टन यूरिया, 94,423 मीट्रिक टन डीएपी एवं 38,317 मीट्रिक टन एनपीके उर्वरक किसानों द्वारा क्रय किया गया है।
रबी 2025-26 अभियान के अंतर्गत अब तक 99.88 लाख किसान पीओएस मशीन पर अंगूठा लगाकर 4.17 लाख मीट्रिक टन यूरिया, 5.63 लाख मीट्रिक टन डीएपी, 3.26 लाख मीट्रिक टन एनपीके, 1.26 लाख मीट्रिक टन एसएसपी एवं 0.65 लाख मीट्रिक टन एमओपी उर्वरक का क्रय कर चुके हैं। वर्तमान में प्रतिदिन औसतन 18,370 मीट्रिक टन यूरिया, 20,406 मीट्रिक टन डीएपी एवं 15,240 मीट्रिक टन एनपीके की खपत किसानों द्वारा की जा रही है।
कृषि मंत्री ने कहा कि प्रदेश के कृषकों की मांग के अनुसार प्रतिदिन 8 से 10 रैक फास्फेटिक उर्वरकों की आपूर्ति की जा रही है। उन्होंने किसानों से अपील की कि वे आगामी फसलों के लिए अत्यधिक भंडारण न करें, ताकि सभी कृषकों को आवश्यकतानुसार उर्वरक समय पर उपलब्ध हो सके। मंत्री ने कहा किया कि प्रदेश सरकार किसानों को पर्याप्त मात्रा में उर्वरक उपलब्ध कराने के लिए कृतसंकल्प है और किसी भी जिले में कमी की स्थिति नहीं आने दी जाएगी।
बैठक में कृषि निदेशक डॉ. पंकज त्रिपाठी, संयुक्त कृषि निदेशक (उर्वरक) डॉ. आशुतोष कुमार मिश्र सहित विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।