साहित्य तीर्थ का भूमि पूजन— प्रयागराज की साहित्यिक और सांस्कृतिक पहचान को मिलेगी नई ऊँचाई।
संजय द्विवेदी प्रयागराज।प्रयागराज की साहित्यिक एवं सांस्कृतिक गौरवगाथा को विश्व पटल पर स्थापित करने के उद्देश्य से नगर निगम प्रयागराज के अधीन साहित्य तीर्थ (साहित्य पार्क)परियोजना का भूमि पूजन रविवार को सिविल लाइंस स्थित स्थल पर सम्पन्न हुआ।भूमि पूजन कार्यक्रम में महापौर उमेश चन्द्र गणेश केसरवानी ने साहित्यकारो पार्षदगणो समाजसेवियो और गणमान्य नागरिकों की उपस्थिति में विधिवत भूमि पूजन कर निर्माण कार्य की शुरुआत की घोषणा की।
महापौर केसरवानी ने अपने उद्बोधन में कहा कि—
विश्व के मानस पटल पर प्रयागराज का नाम साहित्य तीर्थ के रूप में अंकित हो इसके लिए हर संभव प्रयास किया जाएगा।यह स्थल प्रयागराज की साहित्यिक विरासत को समर्पित एक तीर्थ बनेगा जहाँ महान साहित्यकारो की प्रतिमाएँ, उनका परिचय एवं कृतियो का प्रदर्शन होगा। साथ ही यहाँ नियमित रूप से साहित्यिक अनुष्ठान एवं सांस्कृतिक आयोजन भी किए जाएंगे।उन्होंने यह भी बताया कि साहित्य तीर्थ परियोजना का निर्माण कार्य सीएंडडीएस (Construction and Design Services)द्वारा कराया जाएगा।यह स्थल प्रयागराज की साहित्यिक और सांस्कृतिक धरोहर को प्रदर्शित करने वाला केंद्र बनेगा।कार्यक्रम का संचालन डॉ.आभा मधुर श्रीवास्तव ने किया।इस अवसर पर साहित्यकार शैलेन्द्र मधुर ने कहा कि यह प्रयागराज ही नही सम्पूर्ण हिंदी साहित्य जगत के लिए एक ऐतिहासिक क्षण है।महापौर ने जो पहल की है वह साहित्यकारों के लिए गर्व का विषय है।कार्यक्रम में साहित्यकारो अशोक बेशरम राम कैलास पाल प्रयागी आभा मधुर श्रीवास्तव जितेन्द्र मिश्रा जलज संतोष शुक्ला समर्थ अमित जौनपुरी योगेश झमाझम पवन श्रीवास्तव सहित अनेक विद्वानो ने विचार व्यक्त किए।महापौर ने सभी साहित्यकारों एवं रचनाकारो का सम्मान किया।इस अवसर पर क्षेत्रीय पार्षद रण विजय डब्बू भाई ने धन्यवाद ज्ञापित किया तथा रोहित सिंह राणा ने साहित्य तीर्थ की अवधारणा पर विस्तृत जानकारी दी।भूमि पूजन कार्यक्रम में रमेश पासी गिरजेश मिश्रा नरसिंह अशोक जैन रौनक गुप्ता किरण जायसवाल आयुष अग्रहरि संस्कार सिन्हा मयंक यादव नीरज टंडन मिथलेश सिंह सुनीता चोपड़ा सोनिका अग्रवाल सुशील खरबन्दा राम लोचन साहू कृष्णा रवि मिश्रा सहित बड़ी संख्या में साहित्यकार एवं नागरिक उपस्थित रहे।महापौर उमेश चन्द्र गणेश केसरवानी ने कहा—यह साहित्य तीर्थ प्रयागराज की आत्मा और परम्परा का प्रतीक बनेगा।मैं सभी साहित्यकारों एवं साहित्य अनुरागियों से आह्वान करता हूं कि इस पुनीत कार्य में सहभागी बने और साहित्य तीर्थ को देश के सपनो का केन्द्र बनाने में अपना योगदान दे।







1 hour and 37 min ago
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