झारखंड में एक आईएफएस के जिम्मे वन विभाग का आधा बजट,दूसरी ओर आठ आईएफएस वेटिंग फॉर पोस्टिंग में.....बाबूलाल मरांडी

एक पद के नाते खुद खर्च करते और दूसरे पद से सुपरविजन भी

झारखंड सरकार में रोज नए नए कारनामों का रिकॉर्ड बन रहा। सारे नियम कानून तख्त पर रख दिए गए हैं। आज प्रदेश भाजपा अध्यक्ष एवम नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने हेमंत सरकार पर बड़ा निशाना साधा।

श्री मरांडी ने कहा ये क्या हो रहा है..मुख्यमंत्री जी,एक तरफ आठ प्रशिक्षु IFS अधिकारी वेटिंग फॉर पोस्टिंग में हैं, और एक अधिकारी पांच महत्वपूर्ण पदों पर विराजमान हैं।

कहा कि धनबाद के डीसी आदित्य रंजन के दो पद संभालने के तर्ज पर वन विभाग में भी एक IFS अधिकारी सबा आलम अंसारी जमशेदपुर, सरायकेला और दलमा में डीएफओ एवं जमशेदपुर और चाईबासा के सीएफ जैसे पांच महत्वपूर्ण पदों पर आसीन हैं। अंसारी तीन डीएफओ और दो सीएफ का पद अकेले संभाल रहे हैं।

कहा कि महत्वपूर्ण यह है कि डीएफओ के तौर पर राशि खुद खर्च कर रहे और खर्च की गई राशि का सुपरविजन सीएफ के तौर पर खुद ही कर रहे हैं... जैसे चारा घोटाले में अधिकारियों ने किया था।

कहा कि 2011 बैच के अधिकारी सबा आलम अंसारी द्वारा जानबूझकर प्रमोशन नहीं लिया जा रहा है, जिसके कारण सरकार द्वारा आठ प्रशिक्षु IFS अधिकारियों की पोस्टिंग लंबित रखा गया है।

कहा कि यह संयोग है या “ जितना बड़ा दुराचारी-उतना बड़ा अधिकारी” का एक और नमूना? क्योंकि सरकार इन्हें सिर्फ पांच पदों पर ही विराजमान नहीं रखे हुए है... बल्कि राज्य भर के वन विभाग का लगभग आधा फंड इनके अधिकार क्षेत्र में दिया जा रहा है।

रांची नशे की जकड़ में": राष्ट्रीय युवा शक्ति ने 12-25 वर्ष के 30% युवाओं के चपेट में आने का जताया अंदेशा; 16 अगस्त को विशाल जागरूकता बैठक की घोष

रांची: आज, 9 नवंबर 2025, दिन रविवार को राष्ट्रीय युवा शक्ति के केंद्रीय अध्यक्ष श्री उत्तम यादव की अध्यक्षता में रांची में नशे के खिलाफ मुहिम चलाने को लेकर एक महत्वपूर्ण बैठक संपन्न हुई। संगठन ने राजधानी में फैलते चरस, अफीम, ब्राउन शुगर और इंजेक्शन ड्रग्स के कारोबार पर गहरी चिंता व्यक्त की।

गंभीर सामाजिक संकट

उत्तम यादव ने कहा कि आज पूरी राजधानी नशे की चपेट में है और यह आसानी से गली-मोहल्लों में बिक रहा है। उन्होंने चेतावनी दी:

"12 साल से 25 साल के युवा एवं युवतियां इसकी पूरी चपेट में आ चुकी है। हमारा आने वाला पीढ़ी को अगर बचाना है तो हर घर के महिला, पुरुष एवं छात्र-छात्राओं को सड़कों पर निकलना होगा।"

राष्ट्रीय युवा शक्ति की रिपोर्ट के अनुसार, राज्य अब "सप्लायर से कंज़्यूमर स्टेट" में बदलता जा रहा है, और 12 से 25 वर्ष आयु वर्ग के लगभग 20-30% युवा किसी न किसी रूप में नशे की लत में हैं।

स्वास्थ्य खतरा: इंजेक्शन ड्रग्स के कारण एचआईवी संक्रमण के केसों में 40% की वृद्धि दर्ज की गई है।

सामाजिक प्रभाव: चोरी, हिंसा, अपराध और परिवारों में टूटन के मामले बढ़ रहे हैं।

मुख्य नशीले पदार्थ और चेतावनी

रिपोर्ट में बताया गया कि रांची में मुख्य रूप से ब्राउन शुगर (जो सासाराम, बिहार से आता है), चरस/गांजा (स्थानीय खेती से), और अन्य ड्रग्स जैसे सिरप व इंजेक्शन ड्रग्स का दुरुपयोग बढ़ रहा है।

विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि अगर यह ट्रेंड जारी रहा तो झारखंड "अगला पंजाब" बन सकता है।

16 अगस्त को विशाल बैठक

नशे के खिलाफ बड़े रूप में जागरूकता अभियान चलाने के उद्देश्य से, राष्ट्रीय युवा शक्ति ने आगामी 16 अगस्त को रांची में एक बड़ी बैठक बुलाई है। इस बैठक में शहर के प्रमुख नागरिकों, महिलाओं, छात्र-छात्राओं एवं विभिन्न सामाजिक/धार्मिक संगठनों को शामिल कर रणनीति तैयार की जाएगी।

आज की बैठक में शैलेश नंद तिवारी, वीरेंद्र गोप, सोनू गुप्ता (मीडिया प्रभारी), बबलू सिंह, हिमांशु लाल, नितिन घोष, जेपी यादव, रोहित यादव, शुभम विश्वकर्मा और देवानंद राय सहित कई सदस्य उपस्थित थे।

सारंडा में IED ब्लास्ट, CRPF का डॉग शहीद, एक जवान घायल… झारखंड में नक्सलियों के खिलाफ सर्च ऑपरेशन में हादसा

झारखंड को नक्सलमुक्त बनाने के लिए सुरक्षा बलों द्वारा लगातार नक्सल प्रभावित क्षेत्र में सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा है. पश्चिमी सिंहभूम के चाईबासा में नक्सल विरोधी अभियान के दौरान IED ब्लास्ट में एक प्रशिक्षित CRPF डॉग शहीद हो गया, जबकि उसका हैंडलर जवान घायल हुआ. सुरक्षा बल पूरे क्षेत्र में तलाशी अभियान चला रहे हैं ताकि अन्य IED बमों का पता लगाया जा सके. यह घटना झारखंड में नक्सलवाद के खतरे और सुरक्षा बलों के बलिदान को उजागर करती है, जो लगातार इन चुनौतियों का सामना कर रहे हैं.

पश्चिमी सिंहभूम जिले में चाईबासा के छोटानागरा थाना क्षेत्र में हुई विस्फोट की घटना के बाद सुरक्षा बलों ने पूरे क्षेत्र में सर्च ऑपरेशन चला जा रहा था. सर्च ऑपरेशन के दौरान IED ब्लास्ट हो गया, जिसकी चपेट में आकर सीआरपीएफ का प्रशिक्षित स्वान (डॉग) शहीद हो गया. वहीं डॉग हैंडलर जवान गंभीर रूप से घायल हो गया.

ब्लास्ट के बाद सुरक्षाबलों का ऑपरेशन तेज

आईईडी ब्लास्ट के बाद सुरक्षाबलों ने पूरे क्षेत्र में सर्च अभियान तेज कर दिया है. सुरक्षाबल आसपास के इलाके में तलाशी अभियान के दौरान सर्च कर रहे हैं कि कोई अन्य IED बम नक्सलियों द्वारा प्लांट तो नहीं किया गया है. IED बम को ढूंढकर डिटेक्ट किया जा सके, जिससे कोई भी जवान इनकी चपेट ना आए.

पहले भी हो चुका है IED ब्लास्ट

इस घटना से पहले भी IED ब्लास्ट की चपेट में आने से सेना का एक जवान शहीद हो गया था. जानकारी के मुताबिक, यह ब्लास्ट 10 अक्टूबर को चाईबासा जिले के सारंडा जंगल में नक्सलियों द्वारा लगाए गए IED की चपेट में आने से हुआ था. इस ब्लास्ट में सीआरपीएफ 60 बटालियन के हेड कॉन्स्टेबल महेंद्र लश्कर शहीद हो गए थे, जबकि ब्लास्ट की चपेट में आने से सीआरपीएफ 60 बटालियन के दो अन्य जवान भी घायल हुए थे.

घायल जवानों में एक जवान रामकृष्ण गागराई थे, जो एएसआई के पद पर कार्यरत हैं. वहीं दूसरे घायल जवान की पहचान सीआरपीएफ 60 बटालियन के इंस्पेक्टर कौशल कुमार मिश्रा के रूप में हुई थी, जिनका इलाज के दौरान 30 अक्टूबर को दिल्ली के एम्स अस्पताल में निधन हो गया था.

प्रशासनिक अधिकारियों की पोस्टिंग में ढोंग और पद संरक्षण की मिसाल पेश कर रही हेमंत सरकार.....बाबूलाल मरांडी

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष एवम नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने राज्य में प्रशासनिक अधिकारियों की ट्रांसफर पोस्टिंग में नियम विरुद्ध और मनमानी करने का आरोप लगाया है।

श्री मरांडी ने कहा कि हेमंत सोरेन के कार्यकाल में जिले का एसपी बदलने से बचाने के लिए पूरे आईपीएस बैच का प्रमोशन रोकना राज्य की जनता देख चुकी है। भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरे एक अवैध-लुटेरे डीजीपी को बचाने के लिए डीएसपी का आईपीएस में प्रमोशन तक रोकने की मिसाल भी हेमंत सरकार में ही देखने को मिली। लेकिन अब तो सीमाएं और आगे बढ़ चुकी हैं।

कहा कि डीएमएफ टी घोटाले में चर्चित आईएएस अधिकारी आदित्य रंजन फिलहाल धनबाद के डीसी हैं। हैरानी की बात यह है कि तबादला हो जाने के बावजूद पिछले पाँच महीनों से वे आईटी निदेशक के पद पर भी जमे हुए हैं।

कहा कि सवाल यह है कि यह व्यवस्था आखिर किस आधार पर चल रही है? एक ही समय पर धनबाद और रॉंची के दो पदों पर टिके रहने का औचित्य क्या है? क्या यह इतनी असाधारण प्रतिभा रखते हैं कि रांची में बैठे तमाम अधिकारी आईटी निदेशक बनने योग्य ही नहीं हैं? या फिर आपकी नीति “जितना बड़ा दुराचारी, उतना बड़ा पदाधिकारी” का ये एक और उदाहरण हमारे सामने है?

कहा कि अगर वास्तव में यही स्थिति है कि राजधानी में इस पद के लिये दूसरे कोई योग्य अधिकारी ही नहीं हैं, तो उन अधिकारियों को कुर्सी तोड़ने के लिए बैठाए रखने की बजाय उन्हें नौकरी से निकाल बाहर करिये।

कहा कि राज्य को प्रशासनिक ढोंग और पद संरक्षण की राजनीति नहीं, पारदर्शिता और जवाबदेही की ज़रूरत है।

अवैध डीजीपी रहे अनुराग गुप्ता के पूरे कार्यकाल की जांच कराने की हिम्मत दिखाएं मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन.......बाबूलाल मरांडी

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष एवम नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर बड़ा निशाना साधा।

श्री मरांडी ने कहा कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन जी,अनुराग गुप्ता जैसा भ्रष्ट डीजीपी झारखंड बनने के बाद राज्य में कभी बना ही नहीं था।” सोशल मीडिया पर घूम रहा ये वीडियो न्यूज़ किसी विरोधी दल के नेता का नहीं, बल्कि आपके साथ सरकार में शामिल प्रमुख राजनैतिक दल कांग्रेस के एक पूर्व मंत्री का है, जो अवैध डीजीपी अनुराग गुप्ता को पद से हटाने के कई दिनों पहले का है।

कहा कि यह तो एक सैम्पल है। जब सत्ताधारी दल का व्यक्ति भी किसी अधिकारी पर भ्रष्टाचार के इतने गंभीर आरोप लगा रहा है, तो ये सहज समझा जा सकता है कि उसने कैसे और कितने एक से बढ़कर एक भ्रष्टाचार और अपराध किये होंगे?

कहा कि सुना तो यह भी जा रहा है कि जिस अवैध डीजीपी को आपने भस्मासुर बनने का आशीर्वाद दिया था, उसने आपको ही जलाने के इंतजाम करने का काम फिर से शुरू कर दिया है।

कहा कि भले ही आप थोड़े देर के लिए बच गए हैं, लेकिन जनता अभी भी आपके कार्रवाई से संतुष्ट नहीं है। ऐसा लगता है आपने सांप भी मर जाए और लाठी भी न टूटे का फॉर्मूला अख्तियार किया है।

कहा कि मुख्यमंत्री जी,जनता बहुत समझदार होती है। लगातार मेरे द्वारा अवैध डीजीपी के खिलाफ आवाज उठाने पर भी आपके ऊपर कोई फर्क नहीं पड़ रहा था। सदन से सड़क तक आवाज उठाई गई लेकिन आप अपनी जिद्द पर अड़े रहे। मामला न्यायालय तक गया लेकिन आप अपने हठ पर डटे रहे। और जब आपका पाला पोसा हुआ ये अपराधी प्रवृत्ति का आदमी अंदर-अंदर आपका ही कब्र खोदने लगा तो आपकी नींद खुली है।

कहा कि मुख्यमंत्री जी, ऐसे तो नदी में बहुत पानी बह चुका है लेकिन थोड़ी बहुत अगर पद की गरिमा और साख की चिंता आपको है तो अवैध डीजीपी रहे अनुराग गुप्ता के कार्यकाल की उच्चस्तरीय जांच कराने की हिम्मत दिखाइए। जनता आपसे यह चाहती है। जिस अवैध डीजीपी को इस्तीफा देने की नौबत आ गई उसे आप इतनी आसानी से भय मुक्त आख़िर कैसे कर देंगे?

कहा कि झारखंड की ब्यूरोक्रेसी में अच्छे अफसर भी भरे पड़े हैं। इनसबों के बीच इस बात की चर्चा है कि झारखंड में राज्य सेवा से लेकर कई आईएएस अफसर भ्रष्टाचार के लिये जेल की हवा खा चुके हैं, लेकिन एक भी भ्रष्टाचारी आईपीएस या पुलिस अफसर पर न तो कार्रवाई हुई न ही कोई जेल गया। जबकि अगर ठीक से जॉंच हो जाय तो उजागर हो जायेगा कि कुछ पुलिस अफ़सरों ने राज्य में भ्रष्टाचार का कैसा-कैसा कीर्तिमान बना रखा है?

कहा कि जांच बैठाइए मुख्यमंत्री जी, नहीं तो मेरी बात लिखकर रख लीजिये कि ऐसे और कई लोग आपके इर्द-गिर्द अभी भी घूम रहे हैं, जो आपको बराबर डर दिखाते रहेंगे और आगे ब्लैकमेल करेंगे आपको। हेमंत जी एकबार हिम्मत दिखाइए।

जनजाति गौरव दिवस: 15 नवंबर को रामदयाल मुंडा स्टेडियम में भव्य आयोजन की तैयारी; राज्यपाल संतोष गंगवार होंगे मुख्य अतिथि

रांची: आज दिनांक 8 नवंबर 2025, शनिवार को आरोग्य भवन बरियातू के सभागार में जनजाति गौरव दिवस आयोजन समिति द्वारा आगामी 15 नवंबर 2025 को भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जन्म जयंती के अवसर पर होने वाले कार्यक्रम की तैयारी के लिए एक विशेष बैठक आयोजित की गई।

यह जनजाति गौरव दिवस समारोह रामदयाल मुंडा फुटबॉल स्टेडियम में मनाया जाएगा।

भव्य आयोजन की तैयारी

आयोजन को बृहद रूप देने के लिए तैयारियां जोरों पर हैं, जिसमें:

सांस्कृतिक प्रस्तुति: विभिन्न जनजातियों की पारंपरिक वेशभूषा, ढोल-नगाड़े, मांदर के साथ झांकियां और विभिन्न नृत्य मंडलियां उपस्थित होंगी।

सजावट: फुटबॉल मैदान के चारों ओर स्वतंत्रता सेनानियों के छोटे-बड़े कट ऑफ लगाए जाएंगे।

मुख्य अतिथि: जनजाति गौरव दिवस के मुख्य अतिथि झारखंड प्रदेश के महामहिम राज्यपाल श्री संतोष गंगवार जी होंगे।

भगवान बिरसा मुंडा की प्रतिमा पर चिंता

इस बैठक में केंद्रीय सरना समिति के अध्यक्ष बबलू मुंडा एवं झारखंड प्रदेश मुखिया संघ के अध्यक्ष सोमा उराँव ने झारखंड सरकार का ध्यान एक गंभीर मुद्दे की ओर आकर्षित किया।

उन्होंने बताया कि रांची के कोकर के पास भगवान बिरसा मुंडा का समाधि स्थल के पास लगी प्रतिमा की स्थिति काफी खराब है और वह कभी भी गिर सकती है।

नेताओं ने झारखंड सरकार से मांग की है कि भगवान बिरसा मुंडा की अष्टधातु की प्रतिमा अति शीघ्र लगाई जाए। उन्होंने चेतावनी दी कि "अबुआ सरकार में भगवान बिरसा मुंडा का अपमान बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।"

जनजाति गौरव दिवस आयोजन समिति के संयोजक जगलाल पहान सहित बबलू मुंडा, अशोक मुंडा, मुकेश मुंडा, आशीष मुंडा, नकुल तिर्की, प्रदीप लकड़ा, सोमा उराँव और जनजाति सुरक्षा मंच के क्षेत्रीय संयोजक संदीप उरांव समेत कई कार्यकर्ता इस बैठक में मौजूद रहे।

रांची डीसी मंजूनाथ भजन्त्री ने प्रखण्ड सह अंचल कार्यालय तमाड़ का किया औचक निरीक्षण

मंजूनाथ भजन्त्री ने दिया निर्देश, कार्यालय में बिचौलिये नहीं दिखने चाहिए, लोगों से शालीनता से मिले, समस्या लेकर आनेवाले लोगों को सही जानकारी दें।

निरीक्षण के दौरान उपायुक्त ने कार्यालयों में उपस्थित पदाधिकारियों एवं कर्मियों की उपस्थिति, अभिलेखों, सेवा पुस्तिका, आगत-निर्गत पंजी, जनशिकायत निवारण व्यवस्था, पेंशन एवं अन्य योजनाओं की समीक्षा की।

उपायुक्त ने कहा की उनके द्वारा पुरे जिला में लगातार औचक निरीक्षण किया जाएगा। उन्होंने स्पष्ट कहा कि कार्यालय में समयपालन एवं अनुशासन सर्वाेपरि है।

उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि तमाड़ प्रखण्ड सह अंचल कार्यालय में बिचौलियों की कोई भूमिका नहीं होनी चाहिए। किसी भी प्रकार की बिचौलिया गतिविधि पाये जाने पर कड़ी प्रशासनिक कार्रवाई की जाएगी।

राष्ट्रीय राजमार्ग द्वारा हाईवे निर्माण के लिए अधिग्रहीत भूमि का निरीक्षण

निरीक्षण के दौरान उपायुक्त-सह-जिला दण्डाधिकारी मंजूनाथ भजन्त्री ने माननीय झारखण्ड उच्च न्यायालय के आदेश के अनुपालन के आलोक में राष्ट्रीय राजमार्ग द्वारा हाईवे निर्माण के लिए अधिग्रहीत भूमि का निरीक्षण करते हुए सम्बंधित अधिकारी को कई आवश्यक दिशा-निर्देश दिया।

मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन के प्रयासों से ट्यूनीशिया में फंसे 48 झारखंडी कामगारों की सुरक्षित वापसी; मुख्यमंत्री साबित हुए 'प्रवासी कामगारों के

रांची: मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन की संवेदनशीलता और त्वरित कार्रवाई के कारण अफ्रीकी देश ट्यूनीशिया में फंसे झारखंड के 48 प्रवासी कामगारों की सुरक्षित घर वापसी संभव हो पाई है। ये कामगार बीते तीन महीनों से वेतन न मिलने और गंभीर आर्थिक संकट से जूझ रहे थे।

त्वरित सरकारी कार्रवाई

कामगारों की परेशानी की जानकारी मिलते ही मुख्यमंत्री ने इसे गंभीरता से लिया और तत्काल कार्रवाई के लिए श्रम, रोजगार, प्रशिक्षण एवं कौशल विकास विभाग के अधीन राज्य प्रवासी नियंत्रण कक्ष को सक्रिय किया।

विभाग की भूमिका: मुख्यमंत्री के निर्देश पर, विभाग ने तत्परता दिखाते हुए भारतीय दूतावास और संबंधित एजेंसियों के सहयोग से कामगारों की वापसी की पूरी प्रक्रिया को अंजाम दिया।

कामगारों का विवरण: ये सभी 48 कामगार हजारीबाग, गिरिडीह और बोकारो जिलों के निवासी थे और पीसीएल प्रेम पावर कंस्ट्रक्शन लिमिटेड (PCL Prem Power Construction Ltd.) में कार्यरत थे।

मुख्यमंत्री की प्रतिबद्धता का प्रमाण

प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने सदैव यह सिद्ध किया है कि झारखंड का हर श्रमिक, चाहे वह देश में हो या विदेश में, सरकार की जिम्मेदारी है। ट्यूनीशिया में फंसे कामगारों की सुरक्षित वापसी इसी सोच और प्रतिबद्धता का उज्जवल उदाहरण है।

सरकार अब इन लौटे हुए कामगारों और उनके परिवारों को विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं से आच्छादित करने की दिशा में कदम उठा रही है। यह सफलता प्रवासी कामगारों के प्रति राज्य सरकार की गहरी चिंता और मानवीय दृष्टिकोण को उजागर करती है।

रांची के डॉक्टर को ट्रेडिंग का झांसा देकर ₹3.75 करोड़ का चूना; 17 मामलों में वांछित 'दीप मजूमदार' गिरफ्तार, फर्जी ऐप के जरिए किया फ्रॉड


रांची (झारखंड): झारखंड की राजधानी रांची में साइबर ठगों ने एक डॉक्टर को 3.75 करोड़ रुपये का चूना लगाया है। इस मामले में झारखंड सीआईडी की साइबर क्राइम पुलिस ने कार्रवाई करते हुए मुख्य अपराधी दीप मजूमदार को पश्चिम बंगाल के दक्षिण दिनाजपुर जिले के कुशमांडी थाना क्षेत्र से गिरफ्तार किया है।

ऐसे दिया गया ठगी को अंजाम

पश्चिम बंगाल का रहने वाला ठग दीप मजूमदार, जो पहले भी 17 अन्य साइबर अपराधों में शामिल रहा है, ने डॉक्टर को ट्रेडिंग के जरिए मुनाफा कमाने का लालच दिया।

विश्वास जीतना: साइबर अपराधियों ने पहले "FYERS SECURITIES PRIVATE LIMITED" नाम से एक फर्जी WhatsApp ग्रुप बनाया और उसमें आकर्षक ट्रेडिंग ऑफर भेजे।

फर्जी ऐप: पीड़ित को एक नकली इन्वेस्टमेंट और ट्रेडिंग ऐप "FYERS" डाउनलोड करने को कहा गया।

करोड़ों का लालच: इस फर्जी ऐप में डॉक्टर को ट्रेडिंग के दौरान करोड़ों रुपये का नकली मुनाफा दिखाया गया, जिससे पीड़ित का विश्वास जीता जा सका।

पैसे ट्रांसफर: जालसाजों ने नकली मुनाफा दिखाकर डॉक्टर को अपने झांसे में लिया और उनसे अलग-अलग बैंक खातों में लगभग 3.75 करोड़ रुपये ट्रांसफर करा लिए।

गिरफ्तार अपराधी का आपराधिक इतिहास

डॉक्टर को जब ठगी का अहसास हुआ तो उन्होंने झारखंड सीआईडी के साइबर क्राइम थाने में शिकायत दर्ज कराई। जांच के बाद सीआईडी टीम ने दीप मजूमदार को गिरफ्तार किया।

17 शिकायतें: इस अपराधी के खिलाफ गृह मंत्रालय के National Cyber Crime Reporting Portal पर देश के आठ अलग-अलग राज्यों (तेलंगाना, मध्य प्रदेश, तमिलनाडु, कर्नाटक, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, झारखंड, दिल्ली) में कुल 17 शिकायतें दर्ज हैं।

C.I.D. की अन्य कार्रवाई

सीआईडी साइबर अपराधियों के खिलाफ लगातार कार्रवाई कर रही है। इस घटना से पहले अगस्त में, सीआईडी ने इन्वेस्टमेंट के नाम पर हुए 30 करोड़ रुपये के साइबर फ्रॉड का खुलासा किया था।

गिरफ्तारी: सीआईडी ने रांची, जामताड़ा समेत छह जिलों में छापेमारी कर कुल 7 अपराधियों को गिरफ्तार किया।

बरामदगी: अपराधियों के पास से 8 मोबाइल फोन, 12 सिम कार्ड, 9 एटीएम कार्ड, 4 पासबुक, 9 चेक बुक और केस से जुड़ी व्हाट्सएप चैट बरामद हुई थी।

म्यूल खाते: जांच में यह भी सामने आया कि झारखंड के साइबर अपराधियों ने साइबर फ्रॉड से अर्जित रकम छिपाने के लिए 15,000 म्यूल बैंक खातों का इस्तेमाल किया था।

बिहार चुनाव 2025: प्रथम चरण के मतदान में कोई पुनर्मतदान नहीं; निर्वाचन आयोग की गहन जांच में किसी भी केंद्र पर कदाचार नहीं पाया गया


: भारत निर्वाचन आयोग ने बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के पहले चरण के मतदान के संबंध में एक महत्वपूर्ण प्रेस नोट जारी किया है, जिसमें स्पष्ट किया गया है कि किसी भी मतदान केंद्र पर कोई पुनर्मतदान (Re-polls) अनुशंसित नहीं किया गया है।

आयोग ने मतदान प्रक्रिया में पारदर्शिता सुनिश्चित करने और कदाचार का पता लगाने के लिए फॉर्म 17ए और अन्य मतदान-दिवस के दस्तावेजों की मतदान के बाद की गहन जांच कराई।

जांच प्रक्रिया का विवरण

  • जांच का क्षेत्र: प्रथम चरण में मतदान वाले सभी 121 विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों में दस्तावेजों की जांच की गई।
  • उपस्थिति: यह जांच आयोग द्वारा नियुक्त 121 रिटर्निंग अधिकारियों (RO) और 121 सामान्य पर्यवेक्षकों (GO) की उपस्थिति में सुचारू रूप से संपन्न हुई।
  • भागीदारी: लगभग 455 उम्मीदवारों या उनके एजेंटों ने भी इस जांच प्रक्रिया में भाग लिया, जिन्हें जाँच की तारीख, समय और स्थान की सूचना अग्रिम रूप से दी गई थी।

निष्कर्ष

जांच के बाद, किसी भी मतदान केंद्र पर कोई विसंगति या कदाचार नहीं पाया गया, जिसके कारण आयोग ने प्रथम चरण में किसी भी मतदान केंद्र पर पुनर्मतदान की सिफारिश नहीं की है।

संपूर्ण प्रक्रिया की वीडियोग्राफी की गई थी, और जांच के बाद फॉर्म 17ए और संबंधित सामग्री को आरओ की मुहर से दोबारा सील कर दिया गया।