महागठबंधन के सीएम फेस भी हार रहे चुनाव': पहले चरण के मतदान के बाद उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी का दावा, बोले- NDA 2010 का रिकॉर्ड तोड़ेगी*
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पटना, 6 नवंबर: बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण का मतदान शांतिपूर्ण संपन्न होने के बाद, उपमुख्यमंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता सम्राट चौधरी ने चुनाव आयोग, प्रशासन और बिहारवासियों को धन्यवाद दिया। भाजपा मीडिया सेंटर में आयोजित एक प्रेस वार्ता में सम्राट चौधरी ने दावा किया कि मतदाताओं के उत्साह को देखते हुए पिछले चुनाव से चार-पांच प्रतिशत अधिक मतदान होने की संभावना है। NDA की 'ऐतिहासिक' जीत का दावा सम्राट चौधरी ने पहले चरण के मतदान के रुझानों का हवाला देते हुए एनडीए की शानदार जीत का दावा किया। उन्होंने कहा: "पहले चरण के मतदान के बाद प्रतिनिधियों, प्रत्याशियों से जो रिपोर्ट आई, उसके मुताबिक 121 सीटों में से करीब 100 सीट एनडीए जीत रही है। इस साल का परिणाम 2010 के चुनाव परिणाम का रिकॉर्ड तोड़ेगा।" लालू परिवार पर निशाना उपमुख्यमंत्री ने राजद और लालू यादव परिवार पर सीधा हमला बोलते हुए कहा कि: "आज के चुनाव में महागठबन्धन के मुख्यमंत्री उम्मीदवार भी चुनाव हार रहे हैं।" "जिस तरह 2010 के चुनाव में लालू यादव परिवार का कोई सदस्य चुनाव जीतकर नहीं आया था, उसी तरह इस बार भी उनके परिवार का कोई चुनाव जीतकर नहीं आएगा। सभी को चुनाव में हार देखना पड़ेगा।" विकास और समृद्धि पर भरोसा सम्राट चौधरी ने महिलाओं और नौजवानों को विशेष बधाई दी, जिन्होंने घरों से निकलकर एनडीए को वोट दिया। उन्होंने कहा कि जनता ने पीएम नरेंद्र मोदी और सीएम नीतीश कुमार पर भरोसा जताया है। उन्होंने विश्वास जताया कि 11 नवंबर को जब शेष सीटों के लिए मतदान होगा, तब भी बिहार की जनता "एनडीए को बहुमत देकर स्थायी सरकार और बिहार को समृद्ध, आर्थिक रूप से बढ़ाने के लिए अपना सहयोग देगी।" प्रेस वार्ता में भाजपा के राष्ट्रीय मीडिया सह प्रभारी संजय मयूख, विधानपार्षद अनिल शर्मा, भाजपा प्रदेश मीडिया प्रभारी दानिश इकबाल, और प्रदेश मीडिया सह प्रभारी अमित प्रकाश बबलू उपस्थित रहे।


ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स कनफेडरेशन बिहार राज्य इकाई द्वारा एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया गया कि सुधार के नाम पर सरकार ने बड़े पैमाने पर बैंक विलय और एकीकरण शीर्ष अधिकारियों के प्रदर्शन आधारित प्रोत्साहन और सार्वजनिक बैंकों में के बोर्ड में निजी क्षेत्र के निदेशकों की नियुक्ति जैसी नीतियां लागू की है यह दिखने में प्रशासनिक सुधार लगते हैं पर वास्तव में यह रोजगार के अवसर समाप्त करने बेरोजगारी बढ़ने और सामाजिक न्याय आधारित आरक्षण नीति को कमजोर करने की दिशा में कदम है आल इंडिया बैंक ऑफिसर्स कनफेडरेशन के सचिव अमरेंद्र विक्रमादित्य ने केंद्र सरकार से मांग किया कि सार्वजनिक क्षेत्रीय बैंक जनता के निजी हितों के नहीं ये संस्थाएं संकट में देश के साथ खड़ी रही है और आगे भी समान विकास के आधारशिला बनी रहनी चाहिए हम केंद्र सरकार से मांग करते हैं कि बैंकिंग सुधार के नाम पर हो रहे ऐसी सभी योजनाओं पर तत्काल रोक लगे एवं सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को जनता की भलाई हेतु स्वतंत्र रूप से कार्य करने दिया जाए कुल मिलाकर देखें तो ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स फेडरेशन ने बैंकों के विलय करने की नीति का विरोध किया है और केंद्र सरकार से मांग किया है कि बैंकों का विलय नहीं होना चाहिए कनफेडरेशन ने इस सरकार के इस नीति को जन विरोधी नीति बताया है और बैंकों के विलय करने की नीति का विरोध भी किया है
Nov 08 2025, 14:13
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