जीवन में सन्तुलन के लिए ज्ञान और वैराग्य आवश्यक-स्वामी अभेदानंदजी।
संजय द्विवेदी प्रयागराज।चिन्मय मिशन प्रयागराज के तत्वावधान में मंगलवार को“मैत्रेयी ब्राह्मण के रहस्य”विषय पर पूज्य स्वामी अभेदानंदजी(आचार्य चिन्मय मिशन दक्षिण अफ्रीका)द्वारा प्रेरक ज्ञान यज्ञ का आयोजन किया गया।कार्यक्रम चिन्मय मिशन प्रयाग सत्संग सभागार में हुआ जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालु विद्यार्थी और साधक उपस्थित रहे।स्वामी अभेदानन्दजी ने अपने प्रवचन में कहा कि जीवन में सच्चे आनंद और संतुलन के लिए ज्ञान और वैराग्य दोनों का समन्वय आवश्यक है।उन्होने कहा कि वैराग्य का अर्थ संसार से पलायन नही बल्कि उसमें रहते हुए आत्मबोध की दिशा में अग्रसर होना है।जब मनुष्य मोह-माया से ऊपर उठकर अपनी आंतरिक चेतना को पहचानता है तभी वास्तविक शांति और मुक्ति की अनुभूति होती है।उन्होंने बृहदारण्यक उपनिषद् के मैत्रेयी ब्राह्मण प्रसंग का उल्लेख करते हुए बताया कि याज्ञवल्क्य और मैत्रेयी का संवाद जीवन के सच्चे उद्देश्य की ओर संकेत करता है।इस संवाद से यह शिक्षा मिलती है कि भौतिक संपत्ति क्षणिक सुख दे सकती है किंतु आत्मज्ञान ही शाश्वत आनंद और अमरत्व का स्रोत है।स्वामीजी ने कहा कि आधुनिक जीवन की आपाधापी में मनुष्य ने आत्मिक शांति को भुला दिया है जिसे केवल ज्ञान और वैराग्य के संतुलन से प्राप्त किया जा सकता है।उन्होंने श्रोताओं से आग्रह किया कि वे सत्संग ध्यान और सेवा के माध्यम से अपने जीवन को सार्थक बनाएं।प्रवचन के पश्चात प्रश्नोत्तर सत्र में श्रद्धालुओ ने उत्साहपूर्वक अपने जिज्ञासापूर्ण प्रश्न रखे जिनका स्वामीजी ने सरल और गहन शैली में समाधान किया।चिन्मय मिशन के पदाधिकारियो ने बताया कि 4 से 9 नवंबर तक ज्ञान यज्ञ श्रृंखला जारी रहेगी।सायंकाल 6:30 से 8:00 बजे तक“भरत चरित्र–रामचरितमानस पर आधारित”तथा प्रातः 8:00 से 9:00 बजे तक“ज्ञान और वैराग्य का महत्त्व मैत्रेयी ब्राह्मण” विषय पर प्रवचन होंगे।कार्यक्रम चिन्मय नवीन सेवाश्रम न्यास अखिलेश्वर महादेव मंदिर रसूलाबाद घाट रोड महर्षि पतंजलि विद्यालय के सामने आयोजित किया जा रहा है।

















11 hours ago
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