महापौर गणेश केसरवानी बने हंस जन्मभूमि मुक्ति अभियान के हिस्सा।
संजय द्विवेदी प्रयागराज।भगवान ब्रह्मदेव की तप:स्थली वेदों की उत्पत्ति के स्थल संकष्टहर माधव के पवित्र स्थल अक्षयवट की भाँति पवित्र एवं पूजनीय संध्यावट वृक्ष एवं भगवान विष्णु के हंसवतार की जन्मभूमि पौराणिक हंस तीर्थ क्षेत्र झूंसी गंगा तट प्रयागराज की मुक्ति संरक्षण व पौराणिक माहात्म्य के अनुरूप दर्शन आदि के समुचित प्रबन्धन हेतु विगत कई वर्षों से चल रहे अभियान के क्रम में इस वर्ष भगवान हंस जन्मभूमि की मुक्ति के लिए हंस नवमी आंवला नवमी के उपलक्ष्य में आयोजित हंस जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र मुक्ति रैली में प्रयागराज के प्रथम नागरिक महापौर गणेश केसरवानी ने हिस्सा लिया तथा सम्पूर्ण हंस तीर्थ क्षेत्र को शीघ्र मुक्त करवाने का आश्वासन दिया।यह यात्रा पुरी के शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती महाराज के शिवगंगा ग्राउंड से प्रारंभ होकर भगवान परशुराम अखाड़ा कैलास धाम परमानंद आश्रम देवहरा बाबा आश्रम आदि अनेको स्थानो से होते हुए हंस तीर्थ स्थल पर पहुंची जहां भगवान हंस की जन्मभूमि को पिछली सरकारों के संरक्षण में ऊची-ऊची दीवार बनाकर क़ैद कर लिया था तथा कुछ माह पूर्व हंस कूप को भी टीन शेड से घेरकर अन्दर ही अन्दर गुप्त तरीक़े से पक्की दीवारों से घेरा जा रहा है को देखकर भक्तों के मन में असहनीय पीड़ा हुई वहां बड़े से गेट लगे होने के कारण तथा वहा खड़े अराजक तत्वों के द्वारा दर्शन का विरोध करने के कारण भगवान हंस के अनुयायियों व्यास मुनि ब्रह्मचारी जगदीश कपिल गिरी महंत गोपालदास राधा माधव दास रवीन्द्र पुरी आदि सैकड़ो श्रद्धालुओ ने सड़क पर ही पूजा -अर्चना किया।यात्रा के संयोजक व्यास मुनि ने कहा कि इस सम्पूर्ण घटना क्रम को प्रदेश के मुखिया मुख्यमंत्री आदित्य नाथ के समक्ष रखा जाएगा।शासन/प्रशासन की यात्रा तथा हंस मन्दिर के दर्शन की अनुमति के कारण भारी संख्या में पुलिस बल तथा राजस्व के अधिकारी और कर्मचारी उपस्थित रहे।












Nov 03 2025, 15:58
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