*वैदिक कालीन शिक्षा की मूल्यपरक परंपरा हमें पुनः आत्मचिंतन का अवसर देती है- डॉ. शिल्पी सिंह*
शिक्षाशास्त्र विभाग द्वारा वैदिक कालीन शिक्षा की वर्तमान में प्रासंगिकता विषयक संगोष्ठी का आयोजन हुआ
सुलतानपुर,राणा प्रताप पी.जी. कॉलेज के शिक्षाशास्त्र विभाग द्वारा “वैदिक कालीन शिक्षा की वर्तमान में प्रासंगिकता” विषय पर एक सारगर्भित विद्यार्थी संगोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ विभागाध्यक्ष डॉ. शिल्पी सिंह ने माँ सरस्वती की प्रतिमा पर दीप प्रज्वलन व पुष्प अर्पित कर किया। विषय पर अपने विचार व्यक्त करते हुए डॉ. शिल्पी सिंह ने कहा कि वैदिक शिक्षा का उद्देश्य केवल ज्ञानार्जन न होकर व्यक्तित्व निर्माण, चरित्र निर्माण और समाजोत्थान था।
आज के समय में जब शिक्षा मात्र रोजगार का माध्यम बनती जा रही है, ऐसे में वैदिक कालीन शिक्षा की मूल्यपरक परंपरा हमें पुनः आत्मचिंतन का अवसर देती है। उन्होंने कहा कि वैदिक शिक्षा में गुरु-शिष्य संबंध, नैतिक मूल्यों, अनुशासन, आत्मसंयम और लोकमंगल की भावना निहित थी, जो वर्तमान शिक्षा प्रणाली में भी अत्यंत आवश्यक है।
संगोष्ठी में विभिन्न सेमेस्टरों के विद्यार्थियों ने अपने विचार प्रस्तुत किए।अनामिका (बी.ए. प्रथम सेमेस्टर) ने कहा कि वैदिक शिक्षा का मूल आधार आत्मज्ञान था। विद्यार्थी को समाज के प्रति उत्तरदायित्व का बोध कराया जाता था। आज के युग में इस आदर्श को पुनः अपनाने की आवश्यकता है।सुहानी (बी.ए. प्रथम सेमेस्टर) ने कहा कि वैदिक शिक्षा विद्यार्थियों को जीवन के चार पुरुषार्थों—धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष—का संतुलन सिखाती थी। आधुनिक शिक्षा में यह संतुलन खो गया है जिसे पुनः स्थापित करना होगा।
कामिनी साहू (बी.ए. प्रथम सेमेस्टर) ने कहा कि वैदिक शिक्षा ने महिलाओं को भी शिक्षा का अधिकार दिया। गार्गी, मैत्रेयी जैसी विदुषी महिलाओं की परंपरा आज भी प्रेरणादायक है। नेहा (बी.ए. प्रथम सेमेस्टर) ने कहा कि वैदिक शिक्षा में पर्यावरण, प्रकृति और मानव के संबंध को विशेष महत्व दिया गया था। आज की शिक्षा में भी पर्यावरण चेतना को उसी रूप में जोड़ा जाना चाहिए। प्रिया (बी.ए. प्रथम सेमेस्टर) ने कहा कि वैदिक शिक्षा मन, वाणी और कर्म की एकता पर बल देती थी। यही समग्र विकास का वास्तविक आधार है। सुहानी सिंह (बी.ए. प्रथम सेमेस्टर) ने कहा कि वर्तमान शिक्षा में नैतिकता और संस्कारों का अभाव दिखाई देता है। वैदिक शिक्षा के आदर्शों को अपनाकर ही हम नैतिक समाज की स्थापना कर सकते हैं।सृष्टि (बी.ए. पंचम सेमेस्टर) ने कहा कि आज जब शिक्षा प्रतिस्पर्धा और भौतिकता में उलझ रही है, तब वैदिक शिक्षा का आध्यात्मिक दृष्टिकोण हमें संतुलित और सार्थक जीवन की दिशा दिखाता है। जिगर अहमद (बी.ए. पंचम सेमेस्टर) ने कहा कि वैदिक शिक्षा में संवाद, तर्क और ज्ञान की स्वतंत्रता थी। यह लोकतांत्रिक शिक्षा की आधारशिला थी, जिसे हमें पुनः जीवित करने की आवश्यकता है। देवेन्द्र तिवारी (बी.ए. पंचम सेमेस्टर) ने कहा कि आज की शिक्षा में अनुशासन और गुरु के प्रति सम्मान का जो ह्रास हुआ है, वह चिंता का विषय है। वैदिक शिक्षा इस दिशा में आदर्श प्रस्तुत करती है।
खुशी मोदनवाल (बी.ए. तृतीय सेमेस्टर) ने कहा कि वैदिक शिक्षा आत्मनिर्भरता का पाठ पढ़ाती थी। आज ‘स्किल डेवलपमेंट’ के रूप में हम उसी परंपरा को आधुनिक रूप में पुनर्जीवित करने का प्रयास कर रहे हैं।कार्यक्रम के अंत में विद्यार्थियों ने वैदिक ऋचाओं के उच्चारण के साथ वैदिक संस्कृति के पुनरुत्थान का संकल्प लिया। कार्यक्रम का संचालन विभाग की वरिष्ठ छात्रा सृष्टि ने किया तथा आभार व्यक्त देवेन्द्र तिवारी ने किया। अंत में डॉ. शिल्पी सिंह ने सभी विद्यार्थियों को उनके चिंतनशील वक्तव्यों के लिए सराहा और कहा कि इस प्रकार की संगोष्ठियाँ न केवल ज्ञानवर्धक होती हैं बल्कि विद्यार्थियों के व्यक्तित्व विकास में भी सहायक सिद्ध होती हैं।

शिक्षाशास्त्र विभाग द्वारा वैदिक कालीन शिक्षा की वर्तमान में प्रासंगिकता विषयक संगोष्ठी का आयोजन हुआ
सुलतानपुर,राणा प्रताप पी.जी. कॉलेज के शिक्षाशास्त्र विभाग द्वारा “वैदिक कालीन शिक्षा की वर्तमान में प्रासंगिकता” विषय पर एक सारगर्भित विद्यार्थी संगोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ विभागाध्यक्ष डॉ. शिल्पी सिंह ने माँ सरस्वती की प्रतिमा पर दीप प्रज्वलन व पुष्प अर्पित कर किया। विषय पर अपने विचार व्यक्त करते हुए डॉ. शिल्पी सिंह ने कहा कि वैदिक शिक्षा का उद्देश्य केवल ज्ञानार्जन न होकर व्यक्तित्व निर्माण, चरित्र निर्माण और समाजोत्थान था।
आज के समय में जब शिक्षा मात्र रोजगार का माध्यम बनती जा रही है, ऐसे में वैदिक कालीन शिक्षा की मूल्यपरक परंपरा हमें पुनः आत्मचिंतन का अवसर देती है। उन्होंने कहा कि वैदिक शिक्षा में गुरु-शिष्य संबंध, नैतिक मूल्यों, अनुशासन, आत्मसंयम और लोकमंगल की भावना निहित थी, जो वर्तमान शिक्षा प्रणाली में भी अत्यंत आवश्यक है।
संगोष्ठी में विभिन्न सेमेस्टरों के विद्यार्थियों ने अपने विचार प्रस्तुत किए।अनामिका (बी.ए. प्रथम सेमेस्टर) ने कहा कि वैदिक शिक्षा का मूल आधार आत्मज्ञान था। विद्यार्थी को समाज के प्रति उत्तरदायित्व का बोध कराया जाता था। आज के युग में इस आदर्श को पुनः अपनाने की आवश्यकता है।सुहानी (बी.ए. प्रथम सेमेस्टर) ने कहा कि वैदिक शिक्षा विद्यार्थियों को जीवन के चार पुरुषार्थों—धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष—का संतुलन सिखाती थी। आधुनिक शिक्षा में यह संतुलन खो गया है जिसे पुनः स्थापित करना होगा।
खुशी मोदनवाल (बी.ए. तृतीय सेमेस्टर) ने कहा कि वैदिक शिक्षा आत्मनिर्भरता का पाठ पढ़ाती थी। आज ‘स्किल डेवलपमेंट’ के रूप में हम उसी परंपरा को आधुनिक रूप में पुनर्जीवित करने का प्रयास कर रहे हैं।कार्यक्रम के अंत में विद्यार्थियों ने वैदिक ऋचाओं के उच्चारण के साथ वैदिक संस्कृति के पुनरुत्थान का संकल्प लिया। कार्यक्रम का संचालन विभाग की वरिष्ठ छात्रा सृष्टि ने किया तथा आभार व्यक्त देवेन्द्र तिवारी ने किया। अंत में डॉ. शिल्पी सिंह ने सभी विद्यार्थियों को उनके चिंतनशील वक्तव्यों के लिए सराहा और कहा कि इस प्रकार की संगोष्ठियाँ न केवल ज्ञानवर्धक होती हैं बल्कि विद्यार्थियों के व्यक्तित्व विकास में भी सहायक सिद्ध होती हैं।

सुल्तानपुर,कादीपुर क्षेत्र के अघोरपीठ बाबा सत्यनाथ मठ अल्देमऊ नूरपुर परिसर में पीठाधीश्वर अवधूत उग्र चण्डेश्वर कपाली बाबा ने प्रेस क्लब सुलतानपुर में आयोजित प्रेस वार्ता में कहा कि आगामी 4,5,6 नवम्बर को तीन दिवसीय बाबा सत्यनाथ महोत्सव अघोर पीठ बाबा सत्यनाथ मठ अल्देमऊ नूरपुर में आयोजित किया जा रहा है।
अवधूत कपाली बाबा ने बताया कि कार्तिक पूर्णिमा देव दीपावली के पावन पर्व पर अघोरपीठ बाबा सत्यनाथ मठ पर विगत वर्षों की भांति इस वर्ष भी तीन दिवसीय बाबा सत्यनाथ महोत्सव आयोजित किया जा रहा है। दिनांक 4 नवम्बर को बाबा सत्यनाथ की विशाल शोभायात्रा शाहगंज रोड रानीपुर कायस्थ गांव स्थित महाकाल शनिदेव अवसान माता मंदिर से प्रारंभ होकर कादीपुर नगर भ्रमण करते हुए बाबा सत्यनाथ मठ परिसर में पहुंच कर बाबा सत्यनाथ, भगवान दत्तात्रेय, माता हिंगलाज, श्मसान काली सहित अन्य देवी देवताओं की पूजा अर्चना कर महोत्सव का शुभारंभ किया जायेगा, उसके उपरांत लोककलाकार विदिशा मध्यप्रदेश से नीलम सिंह एवं निर्गुण सम्राट मदन राय द्वारा सांयकाल 7 बजे से लोककला की प्रस्तुति।
इस तीन दिवसीय महोत्सव में दिनांक 5 नवम्बर को बाबा सत्यनाथ श्रृंगार पूजन एवं उत्तर प्रदेश की संत परम्परा का राष्ट्रीय योगदान विषयक राष्ट्रीय संगोष्ठी दस बजे से 12.30 तक, अपराह्न 1 बजे से 3 बजे तक लोककलाकारों की प्रस्तुति 3 बजे से 5 बजे तक दलित चेतना के धार्मिक प्रतिनिधि काकभुशुण्डि विषय पर संतों द्वारा उद्बोधन,सांयकाल 5 बजे से मठ परिसर एवं आदि गंगा गोमती तट पर एक लाख दीपों का दीपोत्सव,रात्रि 7 बजे से प्रख्यात लोक गायक राजन तिवारी,श्रद्धा पाण्डेय की सांस्कृतिक प्रस्तुति और 6 नवम्बर को बाबा सत्यनाथ श्रृंगार पूजन अर्चन उपरांत 10 बजे से 12.30 तक नाथपंथ/अघोर परम्परा में राष्ट्रीय एकता के सूत्र विषयक राष्ट्रीय संगोष्ठी,1 बजे से 3 बजे तक शिव विवाह का अन्तर्निहित सामाजिक सन्देश विषय पर संतों द्वारा उद्बोधन , सांयकाल 6 बजे बाबा सत्यनाथ की महाआरती, सम्मान समारोह, समापन सत्र, सायंकाल 7 बजे से प्रख्यात भजन गायक पुनीत कृष्ण जेटली पागल बाबा एवं अन्य कलाकारों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया जायेगा।
समाज एवं लोक जीवन में विलुप्त हो रही सांझी संस्कृति लोक कला,लोकगायन, लोकनृत्य का महोत्सव के माध्यम पुनर्जागरण एवं इस अवसर पर संतों गुरुओं के द्वारा शैव संप्रदाय,शैव दर्शन पर मार्गदर्शन मिले सभी को प्राप्त हो महोत्सव का यही पवित्र लक्ष्य है। कार्यक्रम में विशेष उत्सव दिनांक 5 नवम्बर को मेला एवं सांयकाल देव दीपावली पर मठ एवं आदि गंगा गोमती तट पर एक लाख दीपों के साथ दीपोत्सव है।
कार्यक्रम में विशाल भण्डारे के साथ साथ स्वरांजली के माध्यम से भजन संध्या में प्रख्यात गायक कलाकारों एवं स्थानीय कलाकारों द्वारा भजन की प्रस्तुति कार्यक्रम का आकार्षण रहेगी। अवधूत कपाली बाबा ने कहा कि तीन दिवसीय महोत्सव को सफल बनाने के लिए आप सबको अपने अपने स्तर से व्यवस्था को सुदृढ़ और भव्य बनाना है।
उत्तर प्रदेश के एनआरआई और निवेश प्रोत्साहन मंत्री नंद गोपाल नंदी रविवार की रात करीब 8:00 बजे बताइए के जुदा पट्टी गांव के एक वैवाहिक कार्यक्रम में बाराती बनकर पहुंचे
सुल्तानपुर,2 नवंबर दिन रविवार गोमती मित्रों के साप्ताहिक श्रमदान का दिन था जो छठ महापर्व के बाद हो रहा था तो स्वाभाविक है इतना बड़ा पर्व निपटने के बाद कुछ ना कुछ अव्यवस्था जरूर छोड़ जाता है इसलिए गोमती मित्रों को और साप्ताहिक श्रमदानों की तुलना में ज्यादा मेहनत करनी पड़ी।जबकि छठ के तत्काल बाद व नित्य श्रमदान होता रहा।
प्रदेश अध्यक्ष मदन सिंह ने अनौपचारिक वार्तालाप में बताया की छठ पर्व के बाद यूं तो प्रशासनिक मशीनरी ने भी अपने कर्तव्य का निर्वहन बखूबी किया लेकिन धाम पर स्वच्छता को लेकर हमेशा से संजीदा रहे गोमती मित्रों ने लगातार व साप्ताहिक श्रमदान के दिन मेहनत कर पूरे धाम को एक बार फिर साफ सुथरा कर दिया है,वरिष्ठ गोमती मित्र मुन्ना सोनी ने बताया कि स्वर्णकार समाज छठ महापर्व पर गोमती मित्रों द्वारा प्रदान किए गए सहयोग के लिए हृदय से आभारी रहा।
श्रमदान प्रातः 6:00 बजे शुरू हुआ और 3 घंटे की अथक मेहनत के बाद 9:00 बजे समाप्त किया गया जिसमें प्रदेश अध्यक्ष मदन सिंह,सेनजीत कसौधन दाऊ,डॉ कुंवर दिनकर प्रताप सिंह,मुन्ना सोनी,राकेश सिंह दद्दू,मुन्ना पाठक,अजय प्रताप सिंह,संत कुमार प्रधान,युवा मण्डल अध्यक्ष अजय वर्मा,आलोक तिवारी,अभय,दीपू, अर्जुन,रामू सोनी,आयुष,हैप्पी, अरुण,सूरज,प्रीतेश वर्मा,श्रेयांस वर्मा,यश सिंह,आदित्य पाल आदि गोमती मित्र उपस्थित रहे।
सुल्तानपुर के गोसाईंगंज अंतर्गत सुरौली में इमामबाड़ा अबुतालिब में रविवार को सालाना मजलिस का आयोजन किया गया। जिसमें मौलाना सै.अली हैदर आब्दी व मौलाना सै. कमर हसनैन ने मजलिस को सम्बोधित किया।
मौलाना कमर हसनैन ने कहा ख़ुदा गुनाह (पाप) करने वाले को पसंद नहीं करता। उन्होंने कहा गुनाह इबादत का लुत्फ (मजा) छीन लेती है। मौलाना ने कहा गुनाह का पहला सबब जेहालत। हजरत अली ने कहा है जेहालत हर फ़साद की जड़ है। मेज़ाजे कुफ्र ये है कि बोलते हुए को पसंद नहीं करता। उन्होंने कहा जहां जेहालत हो तो वहां गलत डिमांड होती है।
मौलाना ने कहा मासूम गुनाह का आलिम है इसलिए गुनाह नहीं करता। वही मौलाना ने गुनाह का दूसरा सबब गुस्सा है। हजरत अली ने कहा है गुस्सा हर शर की चाभी है और गुस्से पर कंट्रोल मोमिन की अलामत है। मौलाना ने कहा गुनाह का तीसरा दुनिया की मोहब्बत है।
हजरत अली ने कहा है दुनिया की मोहब्बत हर बुराई की जड़ और दुनिया पुल है और पुल पर मकान नहीं बनता। इसलिए हजरत अली ने कहा है कि यहां मकान न बनाओ। किसी ने इमाम सादिक से पूछा दीन क्या है और दुनिया क्या? इमाम ने कहा हर वो चीज़ जो ख़ुदा से दूर करे दुनिया है और जो ख़ुदा से करीब करे वो दीन है। अगर कोई मस्जिद भी ख़ुदा से दूर करे तो दुनिया है। इसलिए पैग़म्बर मोहम्मद ने मदीने में मस्जिद ज़रार को ढहवाया था।
मौलाना ने कहा गुनाह का चौथा सबब ख्वाहिश-ए नफ़्स का असीर होना है। अली ने फरमाया है जो ख्वाहिश का असीर होता वो हक की पैरवी नहीं करता। मौलाना ने कहा अल्लाह ने मूसा नबी से कहा मैंने सुकून आखिरत में रखा लोग दुनिया में तलाश रहे। इल्म को सख्ती में रखा लोग आराम तलबी में तलाश रहे।
अली ने कहा इल्म चाहिए रात को जागे। बेनयाजी (अल्लाह से मांगे) को कनाअत में रखा लोग उसे कसरतें माल में तलाश। इज्जत को अपने सामने झुकाने में रखा लोग उसे हाकिमो के सामने सर झुकाने में तलाश रहे। मौलाना ने कहा कपड़े बदलने से नहीं किरदार बदलने से मिलती है इज्जत। अपनी रेज़ा को ख्वाहिशाते नफ़्स की मुख़ालिफ्त में रखा लोग ख्वाहिश की पैरवी करके रेजा तलाश रहे। यहां नजर सुल्तानपुरी ने संचालन किया और अमन सुल्तानपुरी ने पेशखानी किया।
(डॉ संतोष अंश ने चुनाव अधिकारी के रूप में नामों की घोषणा किया)
नगर अध्यक्ष डॉ.शनि कुमार शुक्ल,नगर उपाध्यक्ष डॉ विकास कुमार सिंह, ज्ञानेंद्र कुमार सिंह, पवन यादव ,नगर मंत्री कुश सिंह,नगर सह मंत्री अविरल तिवारी,आनन्द अग्रहरि, सौम्या शंखधर, आयुष्मान सिंह, सुंदरम सोनी,एसएफडी संयोजक विजय कुमार,सह संयोजक सूरज कुमार,एसएफएस संयोजक सिद्धांत यादव,सह संयोजक तनु सिंह, सिद्धार्थ सिंह,राष्ट्रीय कला मंच संयोजक सत्यम राव,खेलो भारत प्रमुख नीरज तिवारी,खेलो भारत संयोजक सौरभ,सह संयोजक अर्चित दूबे,नगर सोशल मीडिया संयोजक सुमित पाण्डेय, सह संयोजक अमित प्रजापति, नगर कार्यकारणी सदस्य नीरज यादव,युवराज सिंह,चंदन यादव, हिमांशु सिंह,सौरभ यादव तहसील प्रमुख डॉ संतोष विश्वकर्मा तहसील संयोजक विक्रम सिंह तहसील सहसंयोजक आदर्श शर्मा, तहसील सहसंयोजक शुभाँकर श्रीवास्तव।
जिला संयोजक तेजस्व पाण्डेय ने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के इतिहास और कार्यों पर विस्तार से प्रकाश डाला।अवसर पर शरद कुमार, देव राय के साथ कार्यकर्तागण उपस्थित रहे।
नीलामी की अध्यक्षता उपनिदेशक (प्रशासन) नरेंद्र सिंह ने की। समिति में पीसीएस उप जिलाधिकारी/सभापति विपिन कुमार द्विवेदी,उपनिदेशक (निर्माण) राम सिंह,संभागीय लेखाधिकारी अयोध्या, मंडी सचिव सुल्तानपुर और पूर्व मंडी पर्यवेक्षक हीरालाल यादव उपस्थित रहे।नीलामी प्रक्रिया के दौरान श्रेणी–‘एस’ की पांच दुकानों की बोली सबसे ऊंची लगाने वाले प्रतिभागियों को दुकानों का आवंटन किया गया।
नीलामी में सफल बोलीदाताओं के नाम इस प्रकार हैं,विवेक कुमार पुत्र बृज कुमार, निवासी शिहौली, जनपद सुल्तानपुर (अनुसूचित जाति) ने दुकान संख्या 1 (एस श्रेणी) को ₹20 लाख 5 हजार में प्राप्त किया।सरताज एंड ब्रदर्स (मोहम्मद सरताज पुत्र मोहम्मद शरीफ) निवासी दरियापुर राईन नगर, सुल्तानपुर (अन्य पिछड़ा वर्ग) को दुकान संख्या 3 ₹24 लाख 71 हजार में मिली। जुगनू फूड कंपनी (अब्दुल हकीम पुत्र मोहम्मद जाकिर) निवासी सैदपुर (अनारक्षित वर्ग) ने दुकान संख्या 6 ₹28 लाख 90 हजार में जीती।
मोहम्मद आफताब एंड कंपनी (मोहम्मद आफताब पुत्र अब्दुल मन्नान) निवासी दरियापुर,सुल्तानपुर (अन्य पिछड़ा वर्ग) ने दुकान संख्या 7 ₹22 लाख 51 हजार में प्राप्त की। मोहम्मद रईस एंड कंपनी ने दुकान संख्या 9 (अन्य पिछड़ा वर्ग) को ₹25 लाख की बोली पर हासिल किया।
मंडी सचिव ने बताया कि पूरी नीलामी प्रक्रिया पारदर्शिता के साथ मंडी परिषद के दिशा-निर्देशों के अनुसार पूरी की गई। आवंटन के बाद सफल प्रतिभागियों को जल्द ही दुकानों के आवंटन पत्र जारी किए जाएंगे ताकि वे व्यापारिक गतिविधियां प्रारंभ कर सकें।
सुल्तानपुर जिले में रोटरी क्लब द्वारा आगामी 9 नवम्बर 2025 दिन रविवार को निःशुल्क मोतियाबिंद ऑपरेशन एवं लेंस प्रत्यारोपण शिविर आयोजित किया जा रहा है। जिसमें यह शिविर देश के सुप्रसिद्ध आरजे शंकरा नेत्र चिकित्सालय,वाराणसी के सहयोग से आयोजित किया जायेगा। शिविर के अंतर्गत मरीजों का पंजीकरण नगर के बारात घर में किया जाएगा।
सुल्तानपुर,धनपतगंज ब्लॉक के जज़ौर गांव के मेले का भव्य समापन — पूर्व विधायक चन्द्रभद्र सिंह “सोनू” ने खिलाड़ियों को किया सम्मानित,
प्रदेश प्रभारी सर्वेश कुमार सिंह ने कहा — “सोनू जी सनातन के सच्चे रक्षक”*
सुलतानपुर,धनपतगंज ब्लॉक के अंतर्गत जज़ौर गांव में आयोजित वार्षिक मेला इस वर्ष भी भव्यता और उत्साह के साथ संपन्न हुआ। मेले की अध्यक्षता पूर्व प्रधान अमरनाथ यादव ने की जबकि संचालन का दायित्व वरिष्ठ सेवानिवृत्त अध्यापक रामसुंदर यादव ने निभाया। कार्यक्रम के मुख्य आकर्षण में विभिन्न खेल प्रतियोगिताएँ रही। जिनमें विजेता खिलाड़ियों को पूर्व विधायक चन्द्रभद्र सिंह “सोनू” ने अपने हाथों से पुरस्कार प्रदान कर सम्मानित किया।
सोनू के आगमन से मेले में जोश और उत्साह का वातावरण छा गया। मेले में जगह-जगह खाने-पीने,खिलौनों और पारंपरिक वस्तुओं के आकर्षक स्टॉल लगे रहे। ग्रामीणों ने बड़ी संख्या में भाग लेकर न सिर्फ खरीदारी की बल्कि सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी आनंद लिया।
7 hours ago
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