पर्यावरण और स्वास्थ्य के प्रति समाज को जागरूक बनाये- राज्यपाल।
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विश्वविद्यालय के शिक्षक सुनील और सफ़ीना हुई सम्मानित।
राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय ने मनाया 27वां स्थापना दिवस।
संजय द्विवेदी प्रयागराज।उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय प्रयागराज के 27 वें स्थापना दिवस समारोह में रविवार को वर्चुअल माध्यम से जुड़ी उत्तर प्रदेश की राज्यपाल एवं कुलाधिपति आनन्दीबेन पटेल ने कहा कि हमे पर्यावरण और स्वास्थ्य के प्रति समाज को जागरूक बनाना है।हमे स्वदेशी अपनाकर आत्मनिर्भर बनना है।गौरवशाली भारतीय ज्ञान परंपरा को उजागर कर पुनर्स्थापित करना है।उन्होने कहा कि अपने विकास क्रम में उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय प्रसार कार्यों के निर्वहन सामाजिक सरोकारों एवं जन जागरूकता के प्रति निरंतर सजग एवं संवेदनशील है। राज्यपाल ने कहा कि प्रदेश में ग्रामीण जनता विशेषकर ग्रामीण महिलाओ आंगनबाड़ी आदि तक उच्च शिक्षा की पहुंच को व्यापक बनाने की आवश्यकता है जिसके लिए राजभवन से लगातार प्रेरित किया जा रहा है।उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय एवं सांस्कृतिक महत्व के दिवसो पर रचनात्मक कार्यक्रमों के आयोजन के द्वारा शिक्षार्थियों में उत्कृष्ट संस्कार निर्मित करने का विश्वविद्यालय निरंतर प्रयास कर रहा है।परंपरागत शिक्षा के साथ-साथ यहां के व्यावसायिक एवं रोजगार परक पाठ्यक्रमों द्वारा शिक्षार्थी निरंतर लाभान्वित हो रहे हैं तथा उनमें नवीन कौशल का विकास हो रहा है।पटेल ने कहा कि विश्वविद्यालय को विश्व देश और समाज की वर्तमान चुनौतियो को ध्यान में रखते हुए बिना रुके बिना थके पूरे जोश के साथ आगे बढ़ना होगा।समारोह के मुख्य अतिथि प्रोफेसर प्रदीप साहनी पूर्व आचार्य लोक प्रशासन इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय नई दिल्ली ने भारतीय ज्ञान परंपरा पर अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि वेद धर्म को शासन की नीव के रूप में महत्व देते है।ब्रह्मांडीय व्यवस्था सत्य और नैतिक कर्तव्य को बढ़ावा देती है।रामायण राम को एक न्यायप्रिय शासक के रूप में धर्म के पालन को दर्शाती है जबकि भागवत गीता निस्वार्थ कर्म और व्यापक हित के लिए कर्तव्य पर जोर देती है।प्रोफेसर साहनी ने कहा कि इसी प्रकार गुरु ग्रंथ साहिब समानता और सेवा पर ध्यान देती है।जाति लिंग या अमीरी गरीबी के आधार पर सामाजिक पदानुक्रम और भेदभाव का विरोध करती है तथा लंगर और सेवा के माध्यम से सामुदायिक कल्याण पर जोर देती है।उन्होंने कहा कि गीता द्वारा प्रदान किए गए अनुशासित और सक्षम नेतृत्व के माध्यम से कुशल कार्य को सुगम बनाया जा सकता है ।
विशिष्ट अतिथि डॉ.नरेन्द्र कुमार सिंह गौर पूर्व कैबिनेट मंत्री उच्च शिक्षा उत्तर प्रदेश सरकार ने विश्वविद्यालय की स्थापना के ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य पर प्रकाश डालते हुए कहा कि शिक्षा पर गुणवत्ता के साथ कोई समझौता नहीं होना चाहिए।परीक्षा में शुचिता बनाए रखी जानी चाहिए।उन्होंने स्थापना दिवस समारोह के अवसर पर विश्वविद्यालय की गरिमा को आगे बढ़ाने का संकल्प लेने का आह्वान किया।
सारस्वत अतिथि सुदेश शर्मा निदेशक उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र ने स्थापना दिवस समारोह पर बधाई देते हुए कहा कि दूरस्थ शिक्षा के क्षेत्र में यह मुक्त विश्वविद्यालय एक सशक्त विकल्प बन कर उभरा है।यह आत्मनिर्भर भारत एवम् सशक्त भारत में शिक्षा के माध्यम से महत्वपूर्ण योगदान देने वाला विश्वविद्यालय है।इसी क्रम में इलाहाबाद संग्रहालय के निदेशक राजेश प्रसाद ने शुभकामना व्यक्त करते हुए कहा कि विश्वविद्यालय के साथ मिलकर संग्रहालय विज्ञान में डिप्लोमा कार्यक्रम प्रारम्भ किया है जो काफी लोकप्रिय होगा।समारोह की अध्यक्षता करते हुए मुक्त विश्वविद्यालय के कुलपति आचार्य सत्यकाम ने कहा कि मुक्त विश्वविद्यालय को मुख्य धारा में लाने में शिक्षकों की भूमिका महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि हमारे शिक्षक निष्ठा एवं कर्तव्य परायणता से कार्य करते है जिससे विश्वविद्यालय को एन आई आरएफ रैंकिंग में तीसरा स्थान प्राप्त हुआ हैं। कुलपति ने कहा कि दूरस्थ शिक्षा प्रणाली में नवाचार का प्रयोग अत्यंत आवश्यक है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत हम वोकेशनल कोर्सेज को अपने विश्वविद्यालय में शुरू कर रहे है।भारतीय ज्ञान परंपरा को उपलब्ध पाठ्यक्रमो के साथ जोड़ने का आह्वान किया। आचार्य सत्यकाम ने कहा कि दूरस्थ शिक्षा प्रणाली विद्यार्थी केंद्रित है शिक्षार्थी ही सब कुछ है।इस अवसर पर विश्वविद्यालय के शिक्षक डॉ सुनील कुमार एवं डॉ सफ़ीना समावी को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया।प्रो.ज्ञान प्रकाश यादव के निर्देशन में सांस्कृतिक कार्यक्रमों की श्रृंखला में सुप्रिया सिंह रावत की टीम द्वारा ढेड़िया नृत्य एवं सपना द्विवेदी की टीम द्वारा जिजिया नृत्य प्रस्तुत किया गया।कृष्णराज सिंह द्वारा कबीर वाणी प्रस्तुत की गई। सौरभ ने भजन एवं उन्नति ने छठ गीत प्रस्तुत किया ।कार्यक्रम का शुभारम्भ राजर्षि टंडन एवं अटल की प्रतिमाओं पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्ज्वलन के साथ सरस्वती वंदना एवं कुलगीत के द्वारा हुआ। वाचिक स्वागत कार्यक्रम समन्वयक प्रो.पी.के. पांडेय द्वारा किया गया। संचालन डॉ.त्रिविक्रम तिवारी एवं आभार ज्ञापन विश्वविद्यालय के कुलसचिव कर्नल विनय कुमार ने किया। इस अवसर पर फाफामऊ क्षेत्र के विधायक गुरु प्रसाद मौर्य किन्नर अखाड़े की महामंडलेश्वर कौशल्या नंद गिरी टीना मां कल्पना सहाय विनय खरे डॉ एस एस बनर्जी डॉ एस पी सिंह प्रोफेसर पंकज खरे संजय पुरुषार्थी पूनम मिश्रा आदि गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।



















Nov 02 2025, 18:49
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