जनसहभागिता द्वारा पर्यावरण संरक्षण विषय पर गोष्ठी एवं प्रशिक्षण कार्यक्रम सम्पन्न
बलरामपुर,26 अक्टूबर शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास (पर्यावरण शिक्षा) अवध प्रांत,लाल बहादुर शास्त्री पी.जी.कॉलेज,गोंडा एवं थारू विकास केंद्र, दीनदयाल शोध संस्थान,बलरामपुर के संयुक्त तत्वावधान में “जनसहभागिता द्वारा पर्यावरण संरक्षण” विषय पर एक दिवसीय गोष्ठी एवं प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन जनजातीय क्षेत्र बलरामपुर स्थित थारू संग्रहालय परिसर में संपन्न हुआ।
इस कार्यक्रम का उद्देश्य पर्यावरण संरक्षण में स्थानीय समुदायों,विशेषकर थारू जनजाति की पारंपरिक जीवनशैली,पर्यावरणीय ज्ञान एवं सामाजिक सहभागिता को मुख्यधारा से जोड़ना था।
कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ.कीर्ति विक्रम सिंह,निदेशक,इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय (इग्नू) एवं संयोजक,पर्यावरण शिक्षा द्वारा की गई। उन्होंने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में कहा
> “जनसहभागिता ही पर्यावरण संरक्षण का सबसे सशक्त माध्यम है। जब समाज स्वयं प्रकृति के साथ अपने संबंध को समझता है, तभी वास्तविक परिवर्तन संभव होता है।”
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि
प्रोफेसर आर.के.पांडे,प्राचार्य, लाल बहादुर शास्त्री पी.जी.कॉलेज,गोंडा,ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण केवल नीतियों का विषय नहीं है,बल्कि यह प्रत्येक नागरिक का नैतिक दायित्व है। उन्होंने युवाओं और छात्रों की भूमिका को अत्यंत महत्वपूर्ण बताया और कहा कि शैक्षणिक संस्थानों को इस दिशा में नेतृत्व करना चाहिए।
विशिष्ट वक्ता डॉ. अमर पाल सिंह,सह-आचार्य एवं संयोजक,शोध आयाम तथा डॉ. अंशुल सिंह,सहायक आचार्य एवं सह-संयोजक, शोध आयाम ने अपने विचार साझा किए। उन्होंने कहा कि जनसहभागिता के माध्यम से ग्रामीण स्तर पर पर्यावरणीय जागरूकता, जल एवं वृक्ष संरक्षण जैसे अभियानों को अधिक प्रभावी बनाया जा सकता है।
थारू विकास केंद्र के प्रधानाचार्य आशुतोष शुक्ला ने थारू समाज की पारंपरिक पर्यावरणीय जीवनशैली पर प्रकाश डालते हुए कहा कि आधुनिक विकास की दिशा में आगे बढ़ते हुए भी हमें प्रकृति के साथ अपने संबंध को बनाए रखना होगा।
कार्यक्रम का संयोजन एवं संचालन सचिन कुमार सिंह,संयोजक,जनपद बलरामपुर द्वारा किया गया।
धन्यवाद ज्ञापन के.बी.पंत,सह-संयोजक,पर्यावरण शिक्षा,अवध प्रांत द्वारा किया गया।
इस कार्यक्रम का आयोजन अतुल कोठारी,राष्ट्रीय सचिव,शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास की प्रेरणा एवं संजय स्वामी,राष्ट्रीय संयोजक,पर्यावरण शिक्षा एवं प्रांत संयोजक अवध प्रांत के मार्गदर्शन में सम्पन्न हुआ।
कार्यक्रम में केंद्र के शिक्षकों,थारू समाज के विद्यार्थियों एवं शोधार्थियों की सक्रिय भागीदारी रही,जिन्होंने जनसहभागिता द्वारा पर्यावरण संरक्षण को एक जन आंदोलन के रूप में आगे बढ़ाने का संकल्प लिया।
Oct 30 2025, 17:27
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