नगरा अस्पताल के बगल में चल रहे अवैध क्लिनिक में जच्चा-बच्चा की मौत, संचालिका फरार — परिजनों ने लगाई न्याय की गुहार
अमर बहादुर सिंह बलिया शहर बलिया। नगरा कस्बे में स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही और निजी क्लिनिकों की मनमानी का एक और भयावह उदाहरण सामने आया है। नगरा अस्पताल के बगल में चल रहे एक प्राइवेट क्लिनिक में प्रसव के दौरान हुई गंभीर लापरवाही के चलते जच्चा-बच्चा दोनों की दर्दनाक मौत हो गई। मृतका की पहचान संगीता देवी पत्नी झगरू राम निवासी गांव कसेसर के रूप में हुई है। परिजनों के अनुसार, 19 अक्टूबर 2025 की सुबह करीब 9 बजे संगीता देवी को प्रसव पीड़ा होने पर नगरा अस्पताल के पास स्थित मंजू नाम की महिला द्वारा संचालित क्लिनिक में भर्ती कराया गया। बताया जा रहा है कि महिला ने अपने नाम “मंजू क्लिनिक” से यह अस्पताल चलाया था। परिवार का आरोप है कि मरीज की सामान्य डिलीवरी संभव थी, लेकिन अवैध रूप से पैसा कमाने के लालच में ₹15,000 लेकर ऑपरेशन कर दिया गया। ऑपरेशन के कुछ ही देर बाद महिला की हालत बिगड़ने लगी। जब स्थिति गंभीर हुई तो क्लिनिक स्टाफ ने मरीज को रेफर कर दिया, लेकिन उसी समय क्लिनिक संचालिका, डॉक्टर और पूरा स्टाफ गायब हो गया। इसके बाद परिजनों में कोहराम मच गया। मृतका का मायका देवढिया गांव में है। परिवार ने आरोप लगाया कि मंजू नामक महिला बिना किसी योग्य डॉक्टर के नाम से नगरा अस्पताल के बगल में अवैध रूप से क्लिनिक चला रही थी, जहां रोजाना कई गरीब महिलाएं प्रसव कराने आती थीं। ग्रामीणों का कहना है कि यह स्वास्थ्य विभाग की घोर लापरवाही है कि सरकारी अस्पताल के बगल में एक फर्जी क्लिनिक इतने दिनों से चल रहा था और किसी अधिकारी को इसकी भनक तक नहीं लगी। पीड़ित परिवार ने प्रशासन से न्याय और दोषियों की गिरफ्तारी की मांग की है। उन्होंने कहा कि यदि प्रशासन जल्द कार्रवाई नहीं करता तो वे आंदोलन का रास्ता अपनाएंगे।
धन्वंतरि जयंती पर प्रा. वि. त्रिलोकमंदा में रंगोली प्रतियोगिता एवं बच्चों को किया गया प्रोत्साहित
   संजीव सिंह बलिया। शिक्षा क्षेत्र नगरा के प्राथमिक विद्यालय त्रिलोकमंदा में धन्वंतरि जयंती के अवसर पर बच्चों द्वारा रंगोली प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इस अवसर पर विद्यालय परिसर रंग-बिरंगी रंगोलियों से सुसज्जित दिखाई दिया।कार्यक्रम में एसबीआई नगरा के शाखा प्रबंधक श्री दीपक सिंह ने बच्चों को स्कूल बैग, टी-शर्ट एवं लोअर वितरित कर सम्मानित किया तथा उन्हें प्रतिदिन विद्यालय आने और पढ़ाई में मन लगाने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि नियमित उपस्थिति और अनुशासन से ही बच्चों का सर्वांगीण विकास संभव है।विद्यालय के प्रधानाध्यापक श्री नारायण पांडेय ने शाखा प्रबंधक श्री दीपक सिंह का आभार प्रकट किया और कहा कि उनका यह सहयोग शिक्षा के प्रति संवेदनशीलता और समाज में जागरूकता का संदेश देता है।कार्यक्रम में विद्यालय के सभी अध्यापकगण मौजूद रहे और बच्चों का उत्साहवर्धन किया। विद्यालय परिवार ने इस सामुदायिक सहयोग को प्रेरणादायक उदाहरण बताया।
लखनऊ में डॉ. विद्यासागर उपाध्याय को शारदा-रामनाथ कर्मयोगी सम्मान से सम्मानित, बौद्धिक जगत में खुशी की लहर
संजीव सिंह बलिया! तुलसी सभागार, ऐशबाग, लखनऊ में प्रसिद्ध समाजसेवी संस्था वसुन्धरा एन इनिशिएटिव के द्वारा आयोजित बौद्धिक विमर्श और सम्मान समारोह का भव्य आयोजन किया गया। इस अवसर पर बलिया के ख्यातिलब्ध शिक्षाविद, दार्शनिक व अंतर्राष्ट्रीय वक्ता डॉ. विद्यासागर उपाध्याय को उनकी गहन सारस्वत साधना और असाधारण शैक्षिक व दार्शनिक उपलब्धियों के लिए शारदा-रामनाथ कर्मयोगी सम्मान से सम्मानित किया गया।इस महत्वपूर्ण समारोह में वरिष्ठ आईएएस एवं महानिदेशक पीसीएफ डॉ. चंद्रभूषण त्रिपाठी, कर्नल मृदुल कुमार, उच्च न्यायालय लखनऊ के प्रधान न्यायपीठ सचिव महेंद्र अवस्थी, वरिष्ठ साहित्यकार सीमा मधुरिमा ने डॉ. विद्यासागर उपाध्याय को सम्मान पत्र, स्मृति चिन्ह, पुष्पहार, और अंगवस्त्र से अलंकृत किया। कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में डॉ. विद्यासागर उपाध्याय ने अपनी गूढ़ विद्वता से परिपूर्ण प्रेरणादायक व्याख्यान प्रस्तुत किया, जिसने सभी बुद्धिजीवियों का मनोबल बढ़ाया।डॉ. विद्यासागर उपाध्याय के इस सम्मान से विद्वतजन और समाज में हर्ष की लहर दौड़ गई है। इस उपलब्धि पर डॉ. सुनील ओझा, डॉ. गणेश पाठक, डॉ. जनार्दन राय, डॉ. जितेंद्र यादव, पवन कुमार तिवारी, अंकुश कुमार सिंह, दयाशंकर राम, निधि सिंह, रामदरस यादव क्रान्ति, पूनम गिरी, राहुल पाण्डेय, अरुण यादव, आकाश तिवारी, अजय कुमार उपाध्याय, वसंत पाण्डेय और नन्द जी नन्दा सहित अनेक विद्वान और समाजसेवी नेताओं ने हार्दिक शुभकामनाएं और बधाई प्रेषित की है।यह सम्मान न केवल डॉ. विद्यासागर उपाध्याय की कृतियों व शिक्षण साधना का परिचायक है, बल्कि पूरे बलिया जिले और शिक्षा क्षेत्र के लिए गौरव का विषय भी है।
संत श्री भरत बाबा मार्ग का लोकार्पण: प्रख्यात शिक्षाविद जवाहर सिंह की स्मृति को समर्पित, शिक्षा और विकास को मिली नई प्रेरणा
संजीव सिंह बलिया! संत श्री भरत बाबा मार्ग का लोकार्पण: जवाहर सिंह की स्मृति में शिक्षा और विकास को नई राह आज 17 अक्टूबर 2025 को संत श्री भरत बाबा मार्ग का लोकार्पण पूर्व प्रवक्ता स्वर्गीय जवाहर सिंह की स्मृति में भव्य समारोह के साथ सम्पन्न हुआ। राज्य सभा सांसद नीरज शेखर द्वारा विधिवत उद्घाटन के इस मौके पर उनके भाषण ने स्वर्गीय जवाहर सिंह के सामाजिक एवं शैक्षिक योगदान को याद करते हुए उनके आदर्शों को आगे बढ़ाने का संकल्प लिया।सांसद नीरज शेखर ने कहा, “जवाहर सिंह जी ने शिक्षा और समाजसेवा के क्षेत्र में जो काम किया, वह इस मार्ग के जरिए सदैव लोगों के समक्ष उदाहरण बनकर रहेगा। यह सड़क क्षेत्र के विकास और युवाओं की बेहतर शिक्षा के लिए नया मार्ग प्रशस्त करेगी।”कार्यक्रम में प्रमुख अतिथियों में बीजेपी के पूर्व विधायक सुरेंद्र नाथ सिंह ने कहा, “स्वर्गीय जवाहर सिंह जैसे व्यक्तित्व ने स्थानीय समाज में शिक्षा का जो मार्ग प्रशस्त किया, उससे हम सबको प्रेरणा मिलती है। संत श्री भरत बाबा मार्ग का निर्माण उनकी स्मृति में एक उपहार है जिससे क्षेत्र के लोग लंबे समय तक लाभान्वित होंगे।”प्रधान प्रतिनिधि हरि सिंह ने अपने वक्तव्य में कहा, “यह सड़क न केवल क्षेत्र की भौतिक सम्पदा को बढ़ाएगी बल्कि हमारे बीच आपसी एकता और विकास की भावना को भी मजबूत करेगी। हम सभी को मिलकर स्वर्गीय जवाहर सिंह के सपनों को साकार करना है।”पूर्व विधायक सुरेंद्र सिंह, खंड विकास अधिकारी शकील अख्तर अंसारी, शिक्षक शैलेन्द्र सिंह, तथा वरिष्ठ समाजसेवी राजेश सिंह भी उपस्थित थे। जवाहर सिंह के पुत्र राजेश सिंह ने अपने पिता के योगदान को याद करते हुए सड़क निर्माण में मदद करने वाले अपने मित्र धर्मेंद्र सिंह घुटुरी का आभार व्यक्त किया।ग्रामवासियों सहित जिले के माननीय लोग त्रिभुवन सिंह, सुरेश सिंह, चन्दन सिंह, सत्यम सिंह लाला आदि भी उपस्थित थे। सभी ने इस पहल की सराहना करते हुए इसे क्षेत्र की शिक्षा एवं विकास में एक महत्वपूर्ण कदम बताया।स्थानीय लोग उम्मीद जता रहे हैं कि संत श्री भरत बाबा मार्ग से निकट भविष्य में क्षेत्र की आर्थिक, सामाजिक एवं शैक्षिक विकास को नई दिशा मिलेगी। इससे क्षेत्र के युवाओं की पहुंच और अवसरों में वृद्धि होगी तथा स्थानीय गर्व और उत्साह का वातावरण बनेगा।
राष्ट्रीय आविष्कार अभियान प्रतियोगिता का भव्य आयोजन, विकासखंड नगरा के बच्चों ने विज्ञान में दिखाया असाधारण प्रतिभा
ओमप्रकाश वर्मा नगरा बलिया! िकासखंड नगरा के ब्लॉक संसाधन केंद्र पर आज दिनांक 18 अक्टूबर 2025 को राष्ट्रीय आविष्कार अभियान प्रतियोगिता के तहत कक्षा 6 से 8 तक के परिषदीय उच्च प्राथमिक और कस्तूरबा विद्यालयों की विज्ञान एवं मॉडल प्रदर्शनी प्रतियोगिता सफलतापूर्वक संपन्न हुई। इस प्रतियोगिता का उद्देश्य बच्चों में विज्ञान और नवाचार के प्रति रुचि बढ़ाना तथा उनकी प्रतिभा को निखारना है।कार्यक्रम का विधिवत उद्घाटन नगर पंचायत नगरा के अध्यक्ष प्रतिनिधि उमाशंकर, खंड शिक्षा अधिकारी राम प्रताप सिंह, एस.आर.जी. आशुतोष तोमर एवं जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान पकवाइनार बलिया के प्रवक्ता किरण सिंह ने मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण, पुष्पांजलि अर्पित करने और दीप प्रज्ज्वलित कर किया। इस अवसर पर जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी बलिया, मनीष कुमार सिंह जी भी उपस्थित थे, जिन्होंने बच्चों द्वारा प्रस्तुत किए गए मॉडल और विज्ञान प्रदर्शनी का बारीकी से अवलोकन किया।प्रतियोगिता में बाहर से आए विज्ञान विशेषज्ञ समूह द्वारा बच्चों के मॉडल का मूल्यांकन किया गया, जिसमें अंवराइ कला न्याय पंचायत के बच्चों के मॉडल ने प्रथम स्थान हासिल किया। विकासखंड नगरा के कुल 45 विद्यालयों से प्रत्येक विद्यालय के तीन बच्चों सहित कुल 135 बच्चों ने हिस्सा लिया। प्रतियोगिता में 100 अंकों की लिखित परीक्षा आयोजित की गई, जिसमें से 100 बच्चों की मेरिट सूची तैयार की गई।मेरिट सूची में शामिल 100 बच्चों में से 25 बच्चों को राष्ट्रीय विज्ञान गणित प्रश्नोत्तरी परीक्षा में भाग लेने का अवसर मिला। इस परीक्षा को पांच समूहों में विभाजित किया गया जिसमें एपीजे अब्दुल कलाम, डॉ. विक्रम साराभाई, जगदीश चंद्र बसु, सर सी वी रमन एवं श्रीनिवास रामानुजन समूह थे। बच्चों ने विज्ञान से संबंधित प्रश्नों के उत्तर इस राष्ट्र के महान वैज्ञानिकों के नाम पर बने समूहों में दिए। इस चुनौतीपूर्ण परीक्षा में एपीजे अब्दुल कलाम समूह विजेता रहा।विजेता बच्चों मयंक पांडेय, अंजलि, शिवानी, राधेश्याम एवं मेराज को जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी महोदय द्वारा प्रमाण पत्र एवं मोमेंटम देकर सम्मानित किया गया। खंड शिक्षा अधिकारी नगर राम प्रताप सिंह ने मुख्य अतिथि मनीष कुमार सिंह का माल्यार्पण स्मृति चिन्ह एवं पुष्पगुच्छ देकर सम्मान किया।अपने संबोधन में जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ने कहा कि बच्चों में गणित और विज्ञान की प्रतियोगिताएं उन्हें वैज्ञानिक एवं शोधकर्ता बनने की दिशा में प्रेरित करती हैं। ऐसे आयोजनों से बच्चों में वैज्ञानिक सोच का विकास होता है, जो आने वाले समय में राष्ट्र के निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान देगा। उन्होंने सभी शिक्षकों और अभिभावकों से भी बच्चों के विज्ञान और नवाचार के प्रति उत्साह बनाए रखने का आग्रह किया।कार्यक्रम में शिक्षक संकुल दयाशंकर, विसुनदेव राम, बालचंद, सुदीप तिवारी, बच्चा लाल, अशोक शर्मा, मनोज गुप्ता, बृजेश, बीरेंद्र प्रसाद यादव आदि शिक्षकों ने विशेष सहयोग प्रदान किया। राम प्रवेश वर्मा ने कार्यक्रम संपादन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई जबकि कार्यक्रम का संचालन रामकृष्ण मौर्य ने कुशलता से किया।यह प्रतियोगिता बच्चों के लिए न केवल विज्ञान में रुचि बढ़ाने का माध्यम बनी बल्कि उनके अंदर नवाचार और खोज की भावना को भी प्रोत्साहित किया। विकासखंड नगरा में इस तरह के आयोजन भविष्य में भी नियमित रूप से किए जाने की उम्मीद जताई गई है ताकि प्रत्येक बच्चा विज्ञान के क्षेत्र में उत्कृष्टता प्राप्त कर सके।
राष्ट्रीय आविष्कार अभियान प्रतियोगिता में विकासखंड नगरा के बच्चों ने जलवा बिखेरा
संजीव सिंह बलिया!विकासखंड नगरा के ब्लॉक संसाधन केंद्र पर 18 अक्टूबर 2025 को राष्ट्रीय आविष्कार अभियान के तहत कक्षा 6 से 8 की परिषदीय उच्च प्राथमिक और कस्तूरबा विद्यालयों की विज्ञान और मॉडल प्रदर्शनी प्रतियोगिता का भव्य आयोजन हुआ। कार्यक्रम का शुभारंभ नगर पंचायत नगरा अध्यक्ष प्रतिनिधि उमाशंकर, खंड शिक्षा अधिकारी राम प्रताप सिंह, एस.आर.जी. आशुतोष तोमर एवं जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान के किरण सिंह ने मां सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण, पुष्पांजलि एवं दीप प्रज्ज्वलन कर किया।डिस्ट्रिक बेसिक शिक्षा अधिकारी मनीष कुमार सिंह ने प्रतियोगिता स्थल का निरीक्षण किया। प्रतियोगिता में बाहर से आए विज्ञान विशेषज्ञों ने बच्चों के मॉडल का मूल्यांकन किया जिसमें अंवराइ कला न्याय पंचायत के बच्चों को प्रथम स्थान मिला। विकासखंड नगरा के 45 विद्यालयों के कुल 135 बच्चों ने प्रतिभाग किया। सभी ने 100 अंकों की लिखित परीक्षा दी, जिनमें से 100 बच्चों की मेरिट सूची बनी।मेरिट सूची के 25 बच्चों ने राष्ट्रीय विज्ञान गणित प्रश्नोत्तरी परीक्षा में हिस्सा लिया। ये बच्चे पांच समूहों—एपीजे अब्दुल कलाम, डॉ. विक्रम साराभाई, जगदीश चंद्र बसु, सर सी वी रमन और श्रीनिवास रामानुजन—में बंटे। एपीजे अब्दुल कलाम समूह विजेता घोषित हुआ। मयंक पांडेय, अंजलि, शिवानी, राधेश्याम एवं मेराज को जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ने प्रमाण पत्र एवं मोमेंटम देकर सम्मानित किया।खंड शिक्षा अधिकारी राम प्रताप सिंह ने मुख्य अतिथि मनीष कुमार सिंह का स्मृति चिन्ह एवं पुष्पगुच्छ देकर सम्मान किया। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ने अपने संबोधन में बच्चों में गणित एवं विज्ञान की प्रतियोगिताओं के माध्यम से वैज्ञानिक एवं शोधकर्ता बनने के अवसर मिलने पर जोर देते हुए कहा कि यह राष्ट्र के भविष्य के लिए अत्यंत आवश्यक है।कार्यक्रम में शिक्षक संकुल दयाशंकर, विसुनदेव राम, बालचंद, सुदीप तिवारी, बच्चा लाल, अशोक शर्मा, मनोज गुप्ता, बृजेश, बीरेंद्र प्रसाद यादव आदि ने विशेष सहयोग किया। राम प्रवेश वर्मा ने कार्यक्रम संपादन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जबकि संचालन रामकृष्ण मौर्य ने किया।
उत्तर प्रदेश में बिजली मीटर के दामों में भारी बढ़ोतरी से उपभोक्ताओं में नाराजगी
अमर बहादुर सिंह बलिया शहर लखनऊ। उत्तर प्रदेश में बिजली विभाग द्वारा नए कनेक्शन के लिए मीटर की कीमतों में की गई भारी बढ़ोतरी से आम जनता में आक्रोश फैल गया है। अब तक जो बिजली का मीटर 1032 रुपये में मिल रहा था, उसकी कीमत बढ़ाकर सीधे 6400 रुपये कर दी गई है। यानी उपभोक्ताओं को अब पहले से लगभग 6 गुना अधिक कीमत चुकानी होगी। बिजली विभाग के इस निर्णय ने आम आदमी की जेब पर गहरी चोट की है। पहले जहां ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों के उपभोक्ता आसानी से कम दाम में नया मीटर लगवा लेते थे, वहीं अब बढ़ी हुई दरें गरीब और मध्यमवर्गीय परिवारों के लिए परेशानी का सबब बन गई हैं। लोगों का कहना है कि पहले ही बिजली बिल, फिक्स चार्ज और टैक्स के नाम पर बोझ बढ़ चुका है, अब मीटर की कीमत में यह बढ़ोतरी “जनविरोधी फैसला” साबित होगी। स्थानीय नागरिकों ने सरकार और बिजली निगम से इस निर्णय को वापस लेने की मांग की है। उनका कहना है कि जब महंगाई लगातार बढ़ रही है, तब सरकार को राहत देनी चाहिए थी, न कि नए बोझ डालने चाहिए थे। कई सामाजिक संगठनों और विपक्षी दलों ने भी इस फैसले की आलोचना करते हुए कहा है कि “भाजपा सरकार ने आम आदमी की जिंदगी मुश्किल बना दी है।” वहीं, बिजली विभाग के अधिकारियों का कहना है कि यह बढ़ोतरी नई तकनीक वाले स्मार्ट मीटर, इंस्टॉलेशन खर्च और सुरक्षा मानकों को ध्यान में रखकर की गई है। लेकिन उपभोक्ताओं का तर्क है कि यदि सरकार “स्मार्ट इंडिया” की बात करती है, तो तकनीकी सुधार का खर्च जनता पर नहीं, सरकार पर होना चाहिए। फिलहाल यह मामला जनता और सरकार के बीच एक बड़ा विवाद बनता जा रहा है। यदि जल्द कोई राहत नहीं दी गई, तो आने वाले दिनों में इस मुद्दे पर विरोध प्रदर्शन देखने को मिल सकते हैं।
डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम के सपनों का भारत” विषय पर संगोष्ठी
संजीव सिंह बलिया! डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम के सपनों का भारत विषय पर संगोष्ठी  युवाओं को प्रेरित किया गया उनके आदर्शों पर चलने के लिए रसड़ा (बलिया)। ग्राम सभा बरेबोझ में भारत के पूर्व राष्ट्रपति और मिसाइल मैन के नाम से विश्व प्रसिद्ध डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम की जयंती पर एक प्रेरणादायक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का आयोजन पूर्व ग्राम प्रधान जमशेद अंसारी द्वारा किया गया, जिसका मुख्य विषय था डॉ. कलाम के सपनों का भारत”। कार्यक्रम के मुख्य वक्ता अंतरराष्ट्रीय ख्यातिलब्ध साहित्यकार डॉ. विद्यासागर उपाध्याय ने डॉ. कलाम के जीवन, उनके वैज्ञानिक योगदान और भारत को आत्मनिर्भर बनाने के उनके दृष्टिकोण पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि डॉ. कलाम का सपना केवल एक विकसित भारत का नहीं था, बल्कि ऐसा भारत बनाने का था जहाँ हर युवा शिक्षा, विज्ञान और नैतिकता के बल पर राष्ट्र को नई ऊँचाइयों तक ले जाए। इस अवसर पर कार्यक्रम के मुख्य अतिथि राज्य मंत्री दानिश आज़ाद अंसारी रहे, जिन्होंने अपने संबोधन में कहा कि डॉ. कलाम का जीवन हर भारतीय के लिए प्रेरणा का स्रोत है। उन्होंने युवाओं से आह्वान किया कि वे तकनीक, नवाचार और सकारात्मक सोच को अपनाकर “नया भारत” बनाने में अपनी भूमिका निभाएँ। संगोष्ठी में बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएँ, शिक्षक, ग्रामीण जन और सामाजिक कार्यकर्ता उपस्थित रहे। वक्ताओं ने डॉ. कलाम के विचारों और उनके सरल जीवन से सीख लेने की आवश्यकता पर जोर दिया। कार्यक्रम के अंत में डॉ. कलाम के चित्र पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की गई। उपस्थित लोगों ने संकल्प लिया कि वे उनके बताए मार्ग पर चलकर भारत को प्रगति की राह पर आगे बढ़ाएँगे।विशेष आकर्षण: छात्रों ने “कलाम के सपनों का भारत” विषय पर अपने विचार प्रस्तुत किए। साहित्यकारों और शिक्षाविदों ने कलाम के प्रेरक उद्धरणों को साझा किया। अंत में “विज्ञान और मानवता” पर आधारित समूह चर्चा भी हुई।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के शताब्दी वर्ष पर भव्य पथ संचलन का आयोजन
ओमप्रकाश वर्मा नगरा बलिया।नगरा: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्थापना के 100 वर्ष पूर्ण होने पर शताब्दी वर्ष के रूप में मनाए जाने वाले विविध कार्यक्रमों की श्रृंखला का प्रथम चरण बुधवार को भव्य पथ संचलन के आयोजन के साथ संपन्न हुआ। जनता इंटर कालेज के प्रांगण में आयोजित कार्यक्रम में प्रांत सह कार्यवाह रामबिलास जी ने भारत माता के चित्र के सम्मुख दीप प्रज्वलित कर इसका शुभारम्भ किया। इस अवसर पर उन्होंने बौद्धिक सम्बोधन में कहा कि आरएसएस सनातन संस्कृति को लेकर 27 सितंबर 1925 को स्थापित हुआ और आज यह विश्व का सबसे बड़ा संगठन बन चुका है। राम, कृष्ण, शंकर की तरह संघ का लक्ष्य भी स्पष्ट और समर्पित है, जो भारत को उसकी परम वैभव प्राप्ति की ओर ले जाएगा।कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण पथ संचलन था, जो जनता इंटर कालेज से प्रारंभ होकर भगवान ध्वज के साथ स्वयंसेवकों की कतारबद्ध रैली के रूप में नगर के प्रमुख मार्गों से होते हुए फिर इंटर कालेज में समाप्त हुआ। रैली ने रसड़ा रोड हनुमान मंदिर, घोसी रोड के सरस्वती शिशु मंदिर मोड़, बेल्थरा रोड मार्ग के स्टैण्ड और सिकंदरपुर मार्ग के काली मंदिर जैसे महत्वपूर्ण स्थानों से होकर गुजरते हुए नगरवासियों का उत्साह बढ़ाया।इस आयोजन में बजरंगी सिंह, ब्रिजेश पाल, छट्ठू राम, राधेश्याम सिंह, सौरभ किशोर, राजीव सिंह चन्देल, डीएन प्रजापति, देवा भाई, सूर्य प्रकाश सिंह पप्पू, अजय सैनी, दिनेश राजभर, उमा सैनी, अमरेन्द्र सोनी, संतोष पाण्डेय, धर्मराज सिंह विक्की, चन्द्र भूषण टिन्कू सिंह सहित अनेक वरिष्ठ स्वयंसेवक और कार्यकर्ता उपस्थित थे।यह भव्य पथ संचलन शताब्दी वर्ष के प्रति संगठन की प्रतिबद्धता और स्थानीय एकता का प्रतीक बना। इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम ने नगर में राष्ट्रीय एकता और सांस्कृतिक गौरव की भावना को और मजबूत किया।शताब्दी वर्ष की इस शुरुआत के साथ ही संगठन के अगले चरण के कार्यक्रमों की उम्मीद बनी हुई है, जिनमें सामाजिक सेवा, सांस्कृतिक एवं सामूहिक कार्यक्रम शामिल होंगे
विद्यालयों में छात्र उपस्थिति की कड़ी निगरानी, बीएसए ने 90% से अधिक उपस्थिति का सत्यापन और 70% से कम उपस्थिति वाले विद्यालयों में पेरेंट्स जुड़े
  संजीव सिंह बलिया!बीएसए मनीष कुमार सिंह ने विद्यालयों में छात्र-छात्राओं की उपस्थिति पर कड़ा ध्यान रखने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि जिन विद्यालयों में छात्र उपस्थिति 90 प्रतिशत या उससे अधिक है, उनका अनवरत सत्यापन कराया जाएगा ताकि वास्तविकता सुनिश्चित हो सके। वहीं, उपस्थिति 70 प्रतिशत से कम वाले विद्यालयों में अभिभावकों से सम्पर्क स्थापित कर शत-प्रतिशत उपस्थिति सुनिश्चित करायी जाएगी।बीएसए ने खंड शिक्षा अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि वे अपने क्षेत्रों में उक्त आदेश का पूरी तरह अनुपालन कराएं। साथ ही उन्होंने किसी भी स्थिति में छात्र-छात्राओं की फर्जी उपस्थिति दर्ज न होने देने पर जोर दिया है।यह आदेश मुख्यमंत्री डैशबोर्ड पर विकास कार्यों की प्रदर्शित प्रगति के आधार पर आयुक्त आजमगढ़ मण्डल की समीक्षा बैठक के दिशा-निर्देशों के क्रम में जारी किया गया है। बीएसए ने शिक्षा अधिकारियों को यह भी सुनिश्चित करने को कहा है कि विद्यालयों में निर्धारित मेनू और गुणवत्ता के अनुसार मध्यान्ह भोजन बच्चों को उपलब्ध कराया जाए।इस पहल से विद्यालयों में उपस्थिति बढ़ाने और बच्चों के पोषण पर विशेष ध्यान देने की उम्मीद जताई जा रही है।