प्रयागराज में पहली बार बिना ओपन हार्ट सर्जरी के बंद हुआ दिल का छेद, स्वरूप रानी अस्पताल में रचा गया नया इतिहास
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संजय द्विवेदी प्रयागराज।स्वरूप रानी नेहरू चिकित्सालय के कार्डियक कैथ लैब में डॉक्टरों की टीम ने एक बड़ा चिकित्सीय कारनामा कर दिखाया। 21 वर्षीय युवक के दिल में मौजूद 6 मिमी के छेद (VSD)को बिना ओपन हार्ट सर्जरी के सफलतापूर्वक बंद किया गया।यह प्रयागराज मंडल में इस प्रकार का पहला मामला है जिसने चिकित्सा जगत में नई उम्मीदें जगा दी हैं।मरीज को पहले ओपन हार्ट सर्जरी की सलाह दी गई थी जिससे वह और उसका परिवार काफी परेशान थे।लेकिन स्वरूप रानी चिकित्सालय के युवा कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. विमल निषाद और डॉ.वैभव श्रीवास्तव ने हिम्मत और कौशल का परिचय देते हुए आधुनिक तकनीक से कैथ लैब में ही यह जटिल प्रक्रिया पूरी कर दी।इस प्रक्रिया में मरीज का सीना नहीं खोला गया बल्कि एक पतली नली (कैथेटर)के माध्यम से हृदय तक पहुंचकर विशेष उपकरण से छेद को बंद किया गया।टीम में टेक्नीशियन ओमवीर और योगेश ने भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।विभागाध्यक्ष डॉ.पीयूष सक्सेना ने बताया कि यह प्रयागराज के लिए एक बड़ी उपलब्धि है।अब ऐसे मरीजों को बड़े ऑपरेशन और लम्बे रिकवरी पीरियड से नहीं गुजरना पड़ेगा।यह तकनीक सुरक्षित, सरल और कम खर्चीली है।उन्होंने कहा कि स्वरूप रानी अस्पताल अब उन चुनिंदा केन्द्रो में शामिल हो गया है जहाँ बिना ओपन सर्जरी के हृदय के जन्मजात छेद का इलाज संभव है।कार्डियोलॉजिस्ट डॉ.विमल निषाद ने बताया कि यह प्रक्रिया काफी चुनौतीपूर्ण थी क्योंकि हृदय का छेद बहुत नाज़ुक स्थान पर था।उन्होंने कहा कि हमें कई घंटे तक कैथ लैब में बैठकर हर स्टेप की सावधानीपूर्वक योजना बनानी पड़ी।डिवाइस का साइज और पोजिशन तय करने में ज़रा सी गलती भी गम्भीर जटिलता पैदा कर सकती थी।पूरी टीम ने शांत मन से काम किया और जब स्क्रीन पर छेद पूरी तरह बंद होता दिखाई दिया वह पल हमारे लिए बेहद भावुक था।मरीज के परिजनो ने भावुक होकर कहा कि डॉक्टरों ने हमारे बेटे को नई जिन्दगी दी है। हमें लगा था कि बड़ा ऑपरेशन कराना पड़ेगा पर बिना सीना खोले ही सब हो गया। यह किसी चमत्कार से कम नही।
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