निशिकांत दुबे ने यूएन में पाकिस्तान को जमकर सुनाया, बोले-उपदेश न दे, पहले आईने में चेहरा देखे

#indiaslamspakistanforterrorismchildabuseatunited_nations 

भारत ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में पाकिस्तान को जमकर लताड़ लगाई है। बाल अधिकारों के गंभीर उल्लंघन और सीमा पार आतंकवाद पर भारत ने पाकिस्तान को खरी-खोटी सुनाई है। भाजपा नेता और लोकसभा सांसद निशिकांत दुबे ने सोमवार को संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान की आलोचना की। उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर में उसकी हार का हवाला दिया। पाकिस्तान पर बच्चों और आतंकवाद पर संयुक्त राष्ट्र के एजेंडे (सीएएसी) के गंभीर उल्लंघन का आरोप लगाया।

निशिकांत दुबे ने संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) के एक सत्र में ‘‘बाल अधिकारों का संवर्धन और संरक्षण’’ विषय पर भारत की ओर से वक्तव्य दे रहे थे। उन्होंने ‘चाइल्ड हेल्पलाइन’ जैसी पहल और बाल तस्करी से निपटने के लिए उठाए गए कदमों के माध्यम से बाल अधिकारों को बनाए रखने के लिए भारत के प्रयासों को स्वीकार करने पर सदस्य देशों को धन्यवाद दिया। वहीं, बीजेपी सांसद ने पाकिस्तान को सीएसी का उल्लंघन करने वालों में से एक बताया। 

पाक में बच्चों के खिलाफ गंभीर अत्याचार

निशिकांत दुबे ने पाकिस्तान पर तीखा हमला करते हुए कहा कि पाकिस्तान ने अफगानिस्तान और भारत में स्कूलों और बच्चों को निशाना बनाकर संयुक्त राष्ट्र के बच्चे और सशस्त्र संघर्ष एजेंडा का उल्लंघन किया है। दुबे ने कहा कि हम कड़ी निंदा करते हैं कि पाकिस्तान अपने देश में बच्चों के खिलाफ गंभीर अत्याचारों से दुनिया का ध्यान हटाने की कोशिश कर रहा है, जैसा कि सचिव-जनरल की 2025 की रिपोर्ट में दिखाया गया है। इसके अलावा, इस रिपोर्ट में पाकिस्तान द्वारा स्कूलों में स्वास्थ्यकर्मियों और विशेष रूप से लड़कियों के स्कूलों पर किए गए हमलों और अफगानिस्तान सीमा के पास सीमा पार गोलाबारी और हवाई हमलों में बच्चों की मौत और चोट की घटनाओं का भी जिक्र है।

पाक के बयानों को पूरी तरह पाखंड करार दिया

बीजेपी सांसद ने कहा कि, पाकिस्तान की सेना द्वारा अफगानिस्तान की सीमा के पास किए गए हमलों और हवाई हमलों में कई अफगान बच्चों की मौत हुई है या वे घायल हुए हैं। इसके लिए सीधे तौर पर पाकिस्तान जिम्मेदारी है। उन्होंने मई 2025 में पाकिस्तानी सेना द्वारा भारतीय सीमावर्ती गांवों पर की गई फायरिंग की भी कड़ी आलोचना भी की। दुबे ने पाकिस्तान के अंतरराष्ट्रीय बयानों को पूरी तरह पाखंडी करार दिया। उन्होंने कहा कि ऐसे काम करने के बाद पाकिस्तान का वैश्विक मंचों पर बोलना बिल्कुल अनुचित है।

पाकिस्तान को खुद को आईने में देखना चाहिए- निशिकांत दुबे

निशिकांत ने कहा, पाकिस्तान को खुद को आईने में देखना चाहिए, इस मंच पर उपदेश देना बंद करना चाहिए, अपनी सीमाओं के भीतर बच्चों की सुरक्षा के लिए कदम उठाना चाहिए और अपनी सीमाओं के पार महिलाओं और बच्चों को निशाना बनाना बंद करना चाहिए।

जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा में घुसपैठ की कोशिश नाकाम, सेना ने 2 आतंकवादियों को किया ढेर

#jammu_and_kashmir_kupwara_infiltration_bid_foiled_two_terrorists_killed

जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा में मंगलवार सुबह सुरक्षाबलों ने 2 आतंकियों को मार गिराया। सोमवार शाम से भारत-पाकिस्तान बॉर्डर (एलओसी) के पास कुंबकडी के जंगल में यह ऑपरेशन जारी है। यह ऑपरेशन तब शुरू हुआ जब सुरक्षा बलों को घुसपैठ की कोशिश की जानकारी मिली। सुरक्षाबलों ने आतंकियों ने की नापाक कोशिश को नाकाम कर दिया। इस ऑपरेशन में अब तक दो आतंकियों को ढेर किया जा चुका है।

सीमा पार से आतंकियों की गतिविधियों में हाल के दिनों में फिर से बढ़ोतरी देखी गई है। इसी क्रम में सोमवार को सेना ने एलओसी के पास संदिग्ध हलचल देखी, जिसके बाद क्षेत्र में तलाशी अभियान शुरू किया गया। इस दौरान उन्होंने दो आतंकवादियों को मार गिराया। अधिकारियों ने बताया कि घुसपैठियों की मौजूदगी की आशंका को दूर करने के लिए तलाशी अभियान अभी भी जारी है।

इससे पहले 8 सितंबर को सेना ने कश्मीर के कुलगाम में मुठभेड़ के दौरान 2 आतंकियों को मार गिराया था। गुड्डर के जंगलों में आतंकवादियों और सुरक्षा बलों के बीच मुठभेड़ हुई थी। सेना ने इसे 'ऑपरेशन गुड्‌डर' नाम दिया था। इस दौरान घायल हुए दो जवान भी शहीद हुए थे। ऑपरेशन गुड्‌डर में मारे गए एक आतंकी की पहचान शोपियां के रहने वाले आमिर अहमद डार के तौर पर हुई थी। वह लश्कर-ए-तैयबा से जुड़ा था और सितंबर 2023 से एक्टिव था। पहलगाम हमले के बाद सुरक्षा एजेंसियों की तरफ से जारी 14 आतंकवादियों की लिस्ट में यह भी शामिल था।

भारत महान देश और मेरे बहुत अच्छे दोस्त वहां...', शाहबाज शरीफ के सामने ही ट्रंप ने की पीएम मोदी की तारीफ

#indiaisagreatcountrydonaldtrumppraisespm_modi 

सोमवार को मिस्र में हुए गाजा पीस समिट में अमेरिकी राष्ट्रपति ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बिना नाम लिए तारीफ की। ऐसा ट्रंप ने तब किया जब पास में ही पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ भी खड़े थे। दरअसल, पाक पीएम प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने सोमवार को मिस्र के शर्मअल शेख में गाजा पीस समिट के दौरान ट्रंप की खुलकर तारीफ की। उन्होंने ट्रंप को ‘मैन ऑफ पीस’ कहकर पुकारा। हालांकि, ट्रंप ने उसी वक्‍त भारत को महान देश बता द‍िया। इतना ही नहीं, शहबाज शरीफ से हामी भी भरवा ली।

गाजा समझौते के बीच ट्रंप ने की पीएम मोदी की तारीफ

ट्रंप ने गाजा में इजराइल-हमास के बीच करीब दो साल से जारी युद्ध को समाप्त करने के लिए युद्ध विराम पर बनी सहमति के बाद मिस्र के शर्म अल शेख शहर में विश्व नेताओं के एक सम्मेलन को संबोधित किया। ट्रंप ने मिस्र के शर्म अल-शेख शिखर सम्मेलन में इजराइल-हमास युद्ध को खत्म करने वाले ऐतिहासिक शांति समझौते पर हस्ताक्षर के बाद कहा, भारत एक महान देश है और वहां मेरा एक बहुत अच्छा दोस्त है, जिसने शानदार काम किया है। 

ट्रंप ने शहबाज शरीफ से पूछा-सब ठीक है?

ट्रंप ने भारत-पाकिस्तान के संबंधों में सुधार आने की उम्मीद भी जताई है। उन्होंने कहा, मुझे उम्मीद है कि पाकिस्तान और भारत बहुत अच्छे से साथ रहेंगे। यह बोलने के बाद उन्होंने अपने ठीक पीछे खड़े शहबाज शरीफ से पूछा, ठीक है? इसपर शरीफ मुस्कुराए और सिर हिलाकर सहमति जताई।

हम तीसरा विश्व युद्ध नहीं लड़ेंगे-ट्रंप

इस दौरान ट्रंप ने गाजा शांति शिखर सम्मेलन में कहा कि यह मध्य पूर्व से परे दुनिया के इतिहास में एक महत्वपूर्ण क्षण है। हम सभी इस बात पर सहमत हैं कि गाजा का समर्थन लोगों के उत्थान के लिए ही किया जाना चाहिए। लेकिन हम अतीत में हुए रक्तपात, घृणा या आतंक से जुड़ी किसी भी चीज को वित्तपोषित नहीं करना चाहते। हम इस बात पर भी सहमत हैं कि गाजा के पुनर्निर्माण के लिए यह आवश्यक है कि इसे विसैन्यीकृत किया जाए और गाजा में लोगों के लिए सुरक्षित वातावरण बनाने के लिए एक नए ईमानदार नागरिक पुलिस बल की स्थापना की जाए। मैं एक बेहतर भविष्य सुनिश्चित करने में भागीदार बनने का इरादा रखता हूं। उम्मीद है कि तीसरा विश्व युद्ध नहीं होगा, लेकिन यह मध्य पूर्व में शुरू नहीं होने वाला है। हम तीसरा विश्व युद्ध नहीं लड़ेंगे।

अर्थशास्त्र के नोबेल पुरस्कार की घोषणा, जोएल मोकिर, फिलिप अघियन व पीटर हॉविट को सम्मान

#nobeleconomicsprizewinner2025_announcement

अर्थशास्त्र के नोबेल पुरस्कार का ऐलान हो गया है। रॉयल स्वीडिश एकेडमी ऑफ साइंसेज ने अल्फ्रेड नोबेल की स्मृति में आर्थिक विज्ञान में 2025 का स्वेरिग्स रिक्सबैंक पुरस्कार यानी अर्थशास्त्र के नोबेल पुरस्कार का एलान कर दिया है।इस साल यह पुरस्कार जोएल मोकिर, फिलिप अघियन और पीटर हॉविट को संयुक्त रूप से दिया गया है। “इनोवेशन पर आधारित आर्थिक विकास की व्याख्या” के लिए ये पुरस्कार प्रदान किया गया है।

पुरस्कार का आधा हिस्सा मोकिर को "तकनीकी प्रगति के माध्यम से सतत विकास के लिए आवश्यक शर्तों की पहचान करने के लिए" और शेष आधा हिस्सा अघियन और हॉविट को "रचनात्मक विनाश के माध्यम से सतत विकास के सिद्धांत के लिए" संयुक्त रूप से दिया जाएगा।

नोबेल समिति ने क्या कहा?

नोबेल समिति ने बताया कि मोकिर ने यह प्रदर्शित किया कि यदि नवाचारों को एक स्व-उत्पादक प्रक्रिया में एक-दूसरे का उत्तराधिकारी बनाना है, तो हमें न केवल यह जानना होगा कि कोई चीज कैसे काम करती है, बल्कि हमें यह भी जानना होगा कि ऐसा क्यों होता है। अघियन और हॉविट ने सतत विकास के पीछे के तंत्र का भी अध्ययन किया। इसमें 1992 का एक लेख भी शामिल है, जिसमें उन्होंने रचनात्मक विनाश नामक गणितीय मॉडल का निर्माण किया। इसमें बताया गया कि जब एक नया और बेहतर उत्पाद बाजार में प्रवेश करता है, तो पुराने उत्पाद बेचने वाली कंपनियां नुकसान में आ जाती हैं।

अर्थशास्त्र के नोबेल विजेता कहां से?

जोएल मोकिर अमेरिका के नॉर्थवेस्टर्न यूनिवर्सिटी से जुड़े हैं। वहीं, फिलिप अघियन फ्रांस के कॉलेज डी फ्रांस और INSEAD और ब्रिटेन के द लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स एंड पॉलिटिकल साइंस से ताल्लुक रखते हैं। पीटर हॉविट अमेरिका के ब्राउन यूनिवर्सिटी से संबंध रखते हैं।

पिछले साल किसे मिला अर्थशास्त्र का नोबल पुरस्कार

पिछले साल का पुरस्कार तीन अर्थशास्त्रियों डेरॉन ऐसमोग्लू, साइमन जॉनसन और जेम्स ए. रॉबिन्सन - को दिया गया था। इन अर्थशास्त्रियों ने इस बात का अध्ययन किया था कि कुछ देश अमीर क्यों हैं और दूसरे गरीब क्यों। उन्होंने यह प्रमाणित किया था कि अधिक स्वतंत्र और खुले समाज के समृद्ध होने की संभावना अधिक होती है। पिछले सप्ताह मेडिसिन, फिजिक्स, केमिस्ट्री, साहित्य और शांति के नोबेल पुरस्कारों की घोषणा की गई थी।

करूर भगदड़ मामले की जांच सीबीआई के हवाले, सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद एक्टर विजय की बढ़ेंगी मुश्किलें

#karurstampedesupremecourtorderscbiprobe

तमिलनाडु के करूर में अभिनेता-राजनेता विजय के रैली के दौरान मची भगदड़ मामले की जांच सीबीआई करेगी। विजय के रैली के दौरान मची भगदड़ मामले में अभिनेता विजय की पार्टी तमिलागा वेत्री कझागम (टीवीके) ने सुप्रीम कोर्ट में स्वतंत्र जांच की याचिका दाखिल की थी। सुप्रीम कोर्ट ने इस याचिका पर अपना फैसला सुनाया और मामले की सीबीआई जांच के आदेश दिए हैं। बता दे कि विजय की रैली के दौरान 41 लोगों की मौत हो गई थी, जिनमें महिलाएं और बच्चे शामिल थे।

जांच के लिए तीन सदस्यीय पैनल गठित

कोर्ट ने कहा कि निष्पक्ष और पारदर्शी जांच नागरिकों का अधिकार है। पूर्व सुप्रीम कोर्ट जज जस्टिस अजय रस्तोगी की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय पैनल गठित किया गया, जो सीबीआई जांच की निगरानी करेगी। इस कमेटी में तमिलनाडु कैडर के दो आईपीएस अधिकारी, जो तमिलनाडु के निवासी न हों, शामिल किए जा सकते हैं। सीबीआई अधिकारी हर महीने जांच की प्रगति रिपोर्ट इस समिति को सौंपेंगे।

पहले मद्रास हाई कोर्ट ने किया था एसआईटी का गठन

बता दें कि टीवीके ने सुप्रीम कोर्ट से मांग की थी कि भगदड़ की जांच एक पूर्व सुप्रीम कोर्ट न्यायाधीश की निगरानी में हो, क्योंकि पार्टी का कहना है कि सिर्फ तमिलनाडु पुलिस की तरफ से बनाई गई विशेष जांच दल (एसआईटी) से जनता का भरोसा नहीं बनेगा। पार्टी ने यह भी आरोप लगाया कि भगदड़ पूर्व नियोजित साजिश का हिस्सा हो सकता है। टीवीके के सचिव आधव अर्जुना ने इस याचिका को सुप्रीम कोर्ट में दाखिल किया था। इससे पहले मद्रास हाई कोर्ट ने एसआईटी का गठन किया था, जिसे टीवीके ने चुनौती दी थी।

सुप्रीम कोर्ट ने की मद्रास हाई कोर्ट की आलोचना

सुप्रीम कोर्ट ने मद्रास हाई कोर्ट (चेन्नई बेंच) की भी आलोचना की कि उसने एक ऐसी याचिका पर विशेष जांच दल (एसआईटी) गठित करने का आदेश दे दिया, जो वास्तव में केवल राजनीतिक रैलियों के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) बनाने की मांग कर रही थी। सुप्रीम कोर्ट ने मद्रास हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल से यह रिपोर्ट भी मांगी कि कैसे एसओपी से संबंधित याचिका को क्रिमिनल रिट याचिका के रूप में दर्ज किया गया।

बिहार चुनाव से पहले लालू परिवार को बड़ा झटका, आईआरसीटीसी भ्रष्टाचार केस में चलेगा केस

#irctchotelscamcaseverdictonlalurabritejashwi

बिहार में विधानसभा चुनाव के बीच लैंड फॉर जॉब मामले में आरजेडी की मुश्किलें बढ़ गई हैं। राऊज एवेन्यू कोर्ट ने सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव और बिहार में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव समेत सभी आरोपियों के खिलाफ आरोप तय कर दिए हैं। यानी, अब इन लोगों के खिलाफ इस मामले में मुकदमा चलेगा।

कोर्ट ने माना- लालू की जानकारी में घोटाले की साजिश

दिल्ली के राऊज एवेन्यू कोर्ट ने राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव और अन्य के खिलाफ आईआरसीटीसी केस में आरोप तय करने की अनुमति दे दी है। कोर्ट ने माना कि लालू यादव की जानकारी में इस घोटाले की साजिश रची गई। कोर्ट ने कहा इस मामले में आरोपी व्यापक साजिश में शामिल थे। लालू फैमिली को इस मामले में फायदा पहुंचा। कॉन्ट्रेक्ट देने के बदले राबड़ी और तेजस्वी को बेहद कम कीमत पर जमीन मिली।

अलग-अलग धाराओं में आरोप तय

दिल्ली की कोर्ट ने आरोपियों के खिलाफ उनकी कथित भूमिका के आधार पर अलग-अलग धाराओं में आरोप तय किए थे। जिन धाराओं के तहत आरोप तय किए है, उनमें IPC 420, IPC 120B, प्रीवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट की धारा 13(2) और 13 (1)(d) शामिल हैं। बता दें कि प्रीवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट की धारा 13(2) और 13 (1)(d) सिर्फ लालू यादव पर लगी है। कोर्ट ने लालू यादव से पूछा क्या आप अपना अपराध मानते हैं तो लालू यादव समेत राबड़ी और तेजस्वी ने अपना अपराध मनाने से इनकार कर दिया है। उन्होंने कहा कि वह मुकदमे का सामना करेंगे। वहीं राबड़ी यादव ने कहा कि ये गलत केस है।

क्या है जॉब फॉर लैंड केस?

लालू यादव जब साल 2004 से 2009 के बीच केंद्र की यूपीए सरकार में रेल मंत्री थे, सीबीआई का आरोप है कि उस समय रेलवे की ग्रुप डी नौकरियों के बदले कैंडिडेट्स से उनकी जमीन या संपत्ति को कम कीमतों पर लालू फैमिली के नाम पर करवा दिया गया था। इस मामले में सीबीआई ने मई 2022 में आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव, पूर्व सीएम राबड़ी देवी, बिहार में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव, लालू की बेटी मीसा भारती समेत 16 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दायर की थी। जांच एजेंसी ने दावा किया कि पटना में कई जमीनें लालू फैमिली के सदस्यों और उनके करीबियों के नाम पर ट्रांसफर की गई थी।

पश्चिम बंगाल में फिर मेडिकल स्टूडेंट से गैंगरेप, तीन आरोपियों को 10 दिनों की पुलिस हिरासत में भेजा गया

#west_bengal_mbbs_student_rape_case

पश्चिम बंगाल में एक बार फिर से शर्मसार कर देने वाली घटना सामने आई है। राज्य के दुर्गापुर स्थित मेडिकल कॉलेज में ओडिशा की छात्र के साथ रेप की घटना हुई। इस मामले में तीन लोगों की गिरफ़्तारी हुई है, जिनमें छात्रा के साथ पढ़ने वाला एक छात्र भी शामिल है। अभियुक्तों को एक स्थानीय अदालत ने 10 दिनों की पुलिस हिरासत में भेजा है। यह घटना मेडिकल कॉलेज कैंपस के बाहर हुई। मेडिकल छात्रा का पास के एक अस्पताल में इलाज चल रहा है।

बर्धमान जिले के दुर्गापुर में मेडिकल स्टूडेंट के साथ गैंगरेप की ये वारदात शुक्रवार की है। पीड़ित अपने एक पुरुष दोस्त के साथ डिनर पर गई थी। वापस लौटते समय 3 लोगों ने उनका रास्ता रोका। छात्रा का दोस्त उसे छोड़कर भाग गया, जिसके बाद आरोपियों ने उससे दरिंदगी की।

पुलिस के मुताबिक, छात्रा ने बताया कि जब तीन लोगों ने उसका रास्ता रोका, तो उसका दोस्त उसे अकेला छोड़कर चला गया। फिर आरोपियों ने उसका फोन छीन लिया और उसे जंगल में ले गए, जहां तीनों ने उसके साथ रेप किया। आरोपियों ने घटना के बारे में किसी को बताने पर छात्रा को अंजाम भुगतने की धमकी भी दी। फिर उसका मोबाइल फोन वापस करने के लिए पैसे भी मांगे। पुलिस ने बताया कि उन्होंने पीड़ित छात्रा का बयान दर्ज कर लिया है।

पीड़ित के पिता को जानकारी उसकी सहेली ने दी। पिता के अनुसार यह घटना रात 8 से 9 बजे के बीच हुई। पिता ने शनिवार को मीडिया से बातचीत में कहा कि रात 10 बजे उसकी सहेली ने हमें फ़ोन किया और कहा आपकी बेटी के साथ बलात्कार हुआ है। पिता ने कहा कि सुरक्षा व्यवस्था ढीली है। इतनी गंभीर घटना हुई, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। यहां कोई व्यवस्था नहीं है, कोई प्रतिक्रिया नहीं है। पश्चिम बंगाल में यह घटना ऐसे वक्त पर सामने आई है जब तृणमूल कांग्रेस सरकार कोलकाता के आरजीकर रेप-मर्डर केस में भारी किरकरी करवा चुकी है।

मुत्ताकी की प्रेस कॉन्फेंस से महिला पत्रकारों को बाहर रखने पर भड़के राहुल, बोले-आपकी चुप्पी नारी शक्ति के नारे की सच्चाई

#womanjournalistbantalibanforeignministerpressconferencerahulgandhiattackonpm_modi

अफगानिस्तान के विदेश मंत्री आमिर खान मुत्ताकी की दिल्ली में हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस में महिला पत्रकारों को बैन करने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। इस मामले में कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर निशाना साधा है। इससे पहले कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी ने भी पीएम मोदी से तीखा सवाल किया।

महिलाओं के प्रति कमजोरी और असंवेदनशीलता-राहुल गांधी

दिल्ली में शुक्रवार अफगानिस्तान के विदेश मंत्री आमिर खान मुतक्की द्वारा आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में महिला पत्रकारों को शामिल नहीं किए जाने पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर तीखा हमला बोलाते हुए कहा कि जब प्रधानमंत्री ऐसे भेदभाव पर चुप रहते हैं तो यह पूरे देश की महिलाओं के प्रति कमजोरी और असंवेदनशीलता का संदेश देता है।

आप उनके लिए खड़े होने में कमजोर हैं-राहुल गांधी

राहुल गांधी ने एक्स पर लिखा, मोदी जी, जब आप महिला पत्रकारों को किसी सार्वजनिक कार्यक्रम से बाहर किए जाने की अनुमति देते हैं तो आप देश की हर महिला को यह बता रहे हैं कि आप उनके लिए खड़े होने में कमजोर हैं। हमारे देश में महिलाओं को हर क्षेत्र में समान भागीदारी का अधिकार है। ऐसे भेदभाव पर आपकी चुप्पी ‘नारी शक्ति’ के आपके नारों की खोखलापन उजागर करती है

प्रियंका ने पूछा- महिला पत्रकारों का यह अपमान कैसे होने दिया गया?

इससे पहले प्रियंका गांधी ने अपने आधिकारिक 'एक्स' हैंडल के जरिए पीएम मोदी को टैग करते हुए पोस्ट में लिखा, 'प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कृपया यह स्पष्ट करें कि तालिबान के प्रतिनिधि की भारत यात्रा के दौरान उनकी प्रेस कॉन्फ्रेंस से महिला पत्रकारों को हटाने को लेकर आपकी क्या स्थिति है?' उन्होंने आगे लिखा, 'अगर महिलाओं के अधिकारों को लेकर आपकी मान्यता सिर्फ एक चुनाव से दूसरे चुनाव तक सीमित दिखावा नहीं है, तो फिर हमारे देश में, जहां महिलाएं हमारी रीढ़ हैं, हमारी शान हैं, इतनी योग्य महिला पत्रकारों का यह अपमान कैसे होने दिया गया?

बता दें कि एक दिन पहले ही अफगान विदेश मंत्री अमीर खान मुत्ताकी ने नई दिल्ली स्थित अफगान दूतावास में प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी। इस दौरान केवल कुछ चुनिंदा पत्रकारों को आमंत्रित किया गया था और महिला पत्रकारों को बुलाया नहीं गया था। मुत्ताकी ने इससे पहले विदेश मंत्री एस. जयशंकर के साथ विस्तृत बातचीत की थी।

भारत दौरे पर आए अमेरिकी राजदूत सर्जियो गोर, विदेश मंत्री जयशंकर ने की मुलाकात

#eam

अमेरिका और भारत के रिश्तें में इन दिनों तनाव है। इस बीच अमेरिका के नए राजदूत-नामित सर्जियो गोर दिल्ली पहुंचे। विदेश मंत्री एस। जयशंकर ने उनसे मुलाकात की। इस दौरान दोनों नेताओं के बीच गर्मजोशी नजर आई। अमेरिकी दूतावास के अनुसार, राजदूत गोर का औपचारिक परिचय पत्र प्रस्तुत किया जाएगा और भारत आने की तारीख बाद में तय की जाएगी। बता दें कि कुछ दिन पहले ही अमेरिकी संसद ने भारत में राजदूत के रूप में उनकी नियुक्ति की पुष्टि की थी।

विदेश मंत्री जयशंकर ने दी बधाई

नई दिल्ली में भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अमेरिकी राजदूत सर्जियो गोर से मुलाकात के बाद एक्स पर ट्वीट किया। एस जयशंकर ने लिखा, आज नई दिल्ली में अमेरिका के राजदूत-डेसिग्नेट सर्जियो गोर से मिलकर प्रसन्नता हुई। भारत-अमेरिका संबंधों और इसके वैश्विक महत्व पर चर्चा हुई। उन्हें उनकी नई जिम्मेदारी के लिए शुभकामनाएं।

क्यों अहम है गोर की ये यात्रा

भारत में अगले अमेरिकी राजदूत के रूप में नियुक्ति के बाद सर्जियो गोर की यह पहली भारत यात्रा है। वो भारत में सबसे कम उम्र के अमेरिकी राजदूत हैं। अमेरिकी दूतावास ने एक बयान में कहा कि अमेरिका अपनी रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करने और एक सुरक्षित, मजबूत और समृद्ध हिंद-प्रशांत क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए भारत के साथ काम करना जारी रखेगा। ये मुलाकात इसलिए अहम मानी जा रही क्योंकि यूएस राष्ट्रपति ट्रंप ने कुछ समय पहले ही भारत पर 50 फीसदी का टैरिफ लगाया था। जिसके बाद दोनों देशों के संबंधों में तनाव आ गया।

यूएनजीए में हुई थी जयशंकर से मुलाकात

गोर का आगमन 24 सितंबर को न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा सत्र के दौरान विदेश मंत्री एस जयशंकर से मुलाकात के तुरंत बाद हुआ है, जहां दोनों नेताओं ने भारत-अमेरिका रणनीतिक साझेदारी को गहरा करने पर चर्चा की थी। बैठक के बाद, अमेरिकी विदेश विभाग ने एक्स पर साझा किया, दक्षिण और मध्य एशिया के लिए अमेरिका के विशेष दूत और भारत में राजदूत नामित सर्जियो गोर ने संयुक्त राष्ट्र महासभा के इतर भारत के विदेश मंत्री जयशंकर से मुलाकात की। वे अमेरिका-भारत संबंधों की सफलता को और बढ़ावा देने के लिए तत्पर हैं।

तालिबानी विदेश मंत्री की नई दिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेंस से महिला पत्रकारों हटाया गया, प्रियंका ने पीएम मोदी पर बोला हमला

#womenjournalistsnotallowafghanforeignministeramirkhanmuttaqipress_conference

अफगानिस्तान की तालिबान सरकार के विदेश मंत्री अमीर खान मुत्तकी 7 दिनों के भारत पर आए हैं। अफगानी मंत्री ने शुक्रवार को विदेश मंत्री एस. जयशंकर से मुलाकात की। दोनों नेताओं की मुलाकात के बाद मुत्तकी की प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित हुई, जिसमें महिला पत्रकारों को एंट्री नहीं दी गई। महिला पत्रकारों की ग़ैरमौजूदगी को लेकर भारत की विपक्षी पार्टियों ने सरकार पर हमला बोला है। विपक्षी नेता सरकार से इसपर सवाल पूछ रहे हैं।

मुत्ताकी ने शुक्रवार को नई दिल्ली में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की। 2021 में अफगानिस्तान की सत्ता पर तालिबान के कब्जे के बाद यह पहली उच्चस्तरीय बैठक भारत में हुई है। शुक्रवार की शाम मुत्तकी की प्रेस कॉन्फ़्रेंस नई दिल्ली स्थित अफगानिस्तान के दूतावास में थी। जिसमें महिला पत्रकारों को आमंत्रित नहीं किया गया था। यह घटना विदेश मंत्री एस जयशंकर के साथ उनकी बातचीत के कुछ घंटों बाद हुई। कई महिला पत्रकारों ने सोशल मीडिया पर लिखा है कि उन्हें इस प्रेस कॉन्फ़्रेंस से बाहर रखा गया। अफगानिस्तान के विदेश मंत्रालय के पब्लिक कम्युनिकेशन के निदेशक हाफ़िज ज़िया अहमद ने प्रेस कॉन्फ़्रेंस की जो तस्वीर एक्स पर पोस्ट की है, उसमें साफ दिख रहा है कि कोई महिला पत्रकार नहीं है।

प्रियंका ने पूछा- महिलाओं का अपमान हमारे देश में कैसे होने दिया गया?

ऐसे में अफगानी मंत्री मुत्तकी की प्रेस वार्ता में महिला पत्रकारों की एंट्री बैन पर कांग्रेस ने भाजपा सरकार को घेरना शुरू कर दिया। प्रियंका गांधी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी, कृपया यह साफ करें कि भारत आए तालिबान प्रतिनिधि की प्रेस कॉन्फ्रेंस से महिला पत्रकारों को क्यों हटाया गया। अगर महिलाओं के अधिकारों को लेकर आपकी बातें सिर्फ चुनाव के समय की दिखावा नहीं हैं, तो देश की कुछ काबिल महिलाओं का यह अपमान हमारे देश में कैसे होने दिया गया? यह वही देश है जहां की महिलाएं रीढ़ और शान हैं।

एस जयशंकर पर महुआ मोइत्रा का तीखा हमला

मुत्ताकी की प्रेस कॉन्फ्रेंस को लेकर भारत सरकार और विदेश मंत्री एस. जयशंकर पर तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा ने भी तीखा हमला बोला है। महुआ मोइत्रा ने एक्स पर एक पोस्ट में सरकार पर सवाल उठाए। उन्होंने पूछा कि कैसे सरकार ने तालिबान प्रतिनिधि को भारतीय धरती पर पूरी प्रोटोकॉल के साथ महिलाओं पत्रकारों को बाहर रखकर प्रेस कॉन्फ्रेंस करने की इजाजत दी।

क्या कह रहा विदेश मंत्रालय?

अफगानिस्तान के विदेश मंत्री आमिर खान मुत्तकी की दिल्ली यात्रा के दौरान हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस को लेकर उठे विवाद पर भारत सरकार ने अपनी स्थिति साफ कर दी है। विदेश मंत्रालय ने साफ किया है कि दिल्ली में आयोजित प्रेस वार्ता में उसकी कोई भूमिका नहीं थी और यह कार्यक्रम पूरी तरह अफगानिस्तान के दूतावास की तरफ से आयोजित किया गया था। इस बयान के साथ सरकार ने यह भी स्पष्ट किया कि भारत सरकार या उसके किसी विभाग का इस प्रेस इंटरैक्शन से कोई संबंध नहीं था।